अमीरजादी की चूत की प्यास

अमीरजादी की चूत की प्यास

दोस्तो.. मेरा नाम संदेश है, मैं पुणे में रहता हूँ। मेरी लम्बाई 5.3 है.. मैं पुणे में कॉलेज का स्टूडेंट हूँ।
आज मैं आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहा हूँ.. जो कि पूरी तरह से सच्ची है।

हम 4 स्टूडेंट थे और हमारे कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही थीं.. तो हमने डिसाईड किया कि हम घर नहीं जायेंगे.. हम यहीं पुणे में रहेंगे और एन्जॉय करेंगे।
हम सभी पुणे में ही रुक गए। हमें कुल 15 दिन की छुट्टी मिली थी.. हमें ये दिन पूरी तरह से एन्जॉय करना था।

हम सब एक दिन घूमने गए और हम थोड़ा बहुत घूमने के बाद एक होटल में बैठ गए और हमने वहाँ खाना खाया। उस होटल में खाने के साथ बहुत मजे भी किए।

खाना खाने के बाद बाहर आए.. तो हम मेन रोड के साईड में थे.. तो मेरे एक दोस्त को लॉटरी की शॉप दिख गई.. जो कि ऑन-लाईन गोल्डन लॉटरी थी और हम पैसे कमाने का सोच कर लॉटरी शॉप में चले गए। वहाँ टाईम कैसे निकल जाता था.. पता ही नहीं चलता था। उसके पास में सिनेमा घर था.. तो बीच में हम वहाँ भी चले जाते थे।

जब मैं लॉटरी की शॉप के बाहर खड़ा था.. तो वहाँ एक पुलिस वाला कार को लॉक लगा रहा था.. क्योंकि वो गाड़ी नो-पार्किंग एरिया में खड़ी हुई थी और मैं उस गाड़ी के पास ही खड़ा था।

थोड़ी देर बाद वहाँ एक औरत आई.. उसके साथ एक 6 साल का लड़का भी था.. क्या औरत थी यार.. कमाल की माल किस्म की लुगाई थी। उसने जींस पैन्ट और कुरती जैसा टॉप पहना हुआ था.. उसके कपड़े स्किन टाईट थे.. जिससे उसकी गांड बाहर निकली हुई दिख रही थी.. उसके मम्मे इतने बड़े थे कि मन कर रहा था कि बस अभी नजदीक जाकर साली के मम्मों को पूरी तरह से मसल दूँ।

वो बहुत गोरी थी और ऐसा लग रहा था कि वो किसी हाई प्रोफाईल अमीर फैमिली से हो। फिर जैसे ही वो गाड़ी के पास आई.. तो उसने देखा कि उसकी गाड़ी को लॉक लगा हुआ है।

‘हैल्लो.. ये लॉक किसने लगाया?’

उस औरत ने मुझसे पूछा.. मैं खुद को लकी महसूस कर रहा था कि उसने मुझसे पूछा।
मैंने उनसे कहा- मैडम वो पुलिस वाले आए थे.. आपकी गाड़ी नो पार्किंग एरिया में थी तो वे इसे लॉक लगा गए..

वो घबरा गई और उसके चेहरे पर घबराहट साफ नज़र आ रही थी।
तो मैंने उनसे कहा- घबराओ मत.. वहाँ एक पुलिस वाला है.. उससे पूछो..
वो अपने लड़के के साथ उस पुलिस वाले से पूछने चली गई।

जब पुलिस की गाड़ी पर मेरी नज़र गई.. तो मैंने मैडम को आवाज़ लगाई और उनके पीछे चला गया और मैडम से बोला- वो पुलिस की गाड़ी वहाँ है..
वो गाड़ी निकलने ही वाली थी कि मैं तुरंत उसके पीछे भागा और उस गाड़ी को रुकवाया और पुलिस से बोला- उस गाड़ी को लॉक लगा हुआ है प्लीज.. उसे खोलो..

जब तक वो मैडम अपने बच्चे को लेकर उस गाड़ी के पास आ गई थी। फिर पुलिस वाले ने उस मैडम को गाड़ी में बैठने को कहा.. मैडम बैठ गई और फिर उसने मुझे भी बैठने को कहा.. क्योंकि मैं भागकर बहुत थक गया था।

हम गाड़ी में बैठ गए। मैं मैडम के बगल में बैठ गया.. उसकी बॉडी मुझसे टच हो रही थी। मुझे उसकी बॉडी का नर्म एहसास हो रहा था। गाडी में जगह कम होने की वजह से उसकी जींस पैन्ट में से उसकी गांड बाहर को निकली पड़ रही थी। उसकी पैन्ट के एक साईड से उसकी ‘जी-स्ट्रिंग’ पैन्टी पहनी हुई साफ दिख रही थी.. वाह.. क्या मस्त नजारा था।

हम फिर उस मैडम की गाड़ी के पास आ गए.. पुलिस वाले ने वो लॉक खोल दिया और पुलिस ने उससे 1000 रुपये जुर्माना माँगा.. तो मैडम ने मुझसे बोला- बहुत ज्यादा है.. प्लीज कुछ कम करवाओ।

मैंने पुलिस से बोला- सर.. मैडम दवाई लेने गई थीं.. उनके पति बीमार हैं। मैंने झूठ बोल दिया था।
‘हाँ जी.. प्लीज़..।’ मैडम ने भी मेरी हाँ में हाँ मिलाई।
तो पुलिस भी मान गई और उसने छोड़ दिया। अब मैडम रिलेक्स तो हो गई थी।

‘थैंक्स.. आप नहीं होते तो शायद मुझे यहाँ बहुत इंतजार करना पड़ता..’
‘अरे.. इट्स ओके.. थैंक्स किस बात की.. ये तो मेरा फ़र्ज़ था और आपकी जगह कोई भी होता.. तो भी मैं यही करता।’

मैंने उनसे ऐसा कहा तो वो खुश हो गई.. फिर उसने पार्किंग एरिया में गाड़ी लगाई और वो चूंकि मॉल में शॉपिंग के लिए जा रही थी। जैसे ही मैं जाने लगा तो उसने मुझे आवाज़ दी- ‍‌हैल्लो..
मैं पलटा और देखा कि वो मैडम मुझे आवाज़ लगा रही है।

मैं उनके पास गया और पूछा- हाँ मैडम अब क्या काम है?

तो उसने बोला- क्या हर बार काम ही रहेगा क्या?

मैं कुछ समझा नहीं था कि वो क्या बोलने जा रही है।
फिर उसने बोला- क्या तुम मेरे साथ शॉपिंग करने चलोगे?

मेरे मन में लड्डू फूटने लग गए और मैंने ‘हाँ’ कर दिया। उसके साथ उसका लड़का था.. तो वो मुझसे खुलकर बातें नहीं कर सकती थी। उसने मुझसे मेरा नाम पूछा। फिर मैंने मेरा नाम बताया और मेरे पूछने पर उसने अपना नाम सरिता बताया।

हम एक शोरुम में गए.. उसको वहाँ से जींस लेनी थी। फिर हम जींस देखने लग गए.. वहाँ शॉप का एक वर्कर आया और उसने हमसे कहा- क्या मैं कोई हेल्प करूँ..?
मैडम ने उससे कहा- नहीं.. हम जींस पैन्ट लेने आए है.. हम ही पसंद कर लेंगे।

वो चला गया और हम जींस पैन्ट देखने लगे। मैडम ने कुछ पैन्ट देखी।
उसने मुझसे कहा- संदेश, यह जींस कैसी है?
तो मैंने कहा- अच्छी है.. आपको आ जाएगी।
‘हम्म..’
फिर मैंने उनसे कहा- आपकी साईज़ क्या है?
उसने मुझसे कहा- 38 है..

तो मेरे मुँह से एकदम से निकल गया- वाह क्या साईज है.. हाँ ये बिल्कुल ठीक रहेगी और फिट आ जाएगी।
वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दी।
फिर हम जींस पैन्ट लेकर बाहर आ गए.. हमने कुछ आईसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक पी… जिसका बिल उसने ही दिया था।
फिर हम पार्किंग में चले गए.. उसने मुझे फिर से ‘थैंक्स’ कहा।
मैंने उससे पूछा- मैडम.. क्या हम दोस्त बन सकते हैं?

उसने मुझसे कहा- अरे यार ये भी कोई पूछने की बात है.. हम पहले से ही दोस्त हैं।
हमने हमारे मोबाइल नम्बर एक्सचेंज किए।
उसने बोला- मैं आपको कॉल करूँगी।

फिर उस रात को उसका मुझे कॉल आया, उसने मुझसे बोला- हैल्लो..
‘हाँ सरिता मैडम बोलो..’
उसने बोला- कॉल में सिर्फ सरिता.. नॉट मैडम!
फिर मैंने कहा- ओके सरिता..

उसने कहा- मुझे कल फिर शॉपिंग करनी है.. मेरे साथ चलोगे?
मैंने कहा- हाँ जरूर.. मैं तो हमेशा तैयार हूँ आपकी सेवा के लिए..

मेरी बात कहने के अंदाज से वो हँसने लगी और ‘नॉटी..’ कहकर मुझसे बोली- ठीक है.. मैं 3 बजे दोपहर में आपको लेने आऊँगी।
फिर मैंने भी उससे बोला- सरिता तुम मुझे भी तो नाम से पुकार सकती हो..
तो उसने कहा- ओके बाबा.. संदेश मैं तुमको लेने आऊँगी।

दूसरे दिन वो अपनी होंडा सिटी कार में मुझे लेने आई.. वो उस समय अकेले ही थी।
मैंने उससे कहा- आज आपका बेटा नहीं आया?
तो उसने कहा- तुम्हें मेरे साथ आना है या मेरे बेटे के साथ?

हम दोनों ही हँसने लग गए और मैंने बोला- आज का क्या प्रोग्राम है.. क्या शॉपिंग करनी है?
उसने आँखें मटकाते हुए बोला- मुझे बिकनी लेनी है.. अच्छी और महंगी।
मैं मन ही मन में खुश होने लगा।

हम एक अच्छी शॉप में गए.. सरिता उस शॉप की रेग्युलर ग्राहक थी और वो उसके दोस्त की ही थी.. जिसका नाम राधा है।
और राधा को उसने गले से लगाया और फिर सरिता ने बोला- मुझे बिकनी चाहिये..

तो उसने एक कमरे की ओर इशारा किया और सरिता वहाँ जाने लगी.. मैं बाहर ही रुका हुआ था.. तो सरिता ने कहा- चलो ना संदेश.. क्या हुआ?

मैं भी उसके पीछे चला गया। मैंने अन्दर जाकर देखा कि उस कमरे में अलग अलग डिज़ाइन वाली बिकनियाँ लगी हुई थीं और चारों तरफ कांच लगे हुए थे।

हम जैसे ही अन्दर गए.. तो सरिता ने दरवाजा बंद कर दिया और बोला- अब मैं आराम से बिकनी पहन कर चैक कर सकती हूँ.. कोई मुझे देख नहीं सकता।
फिर मैंने कहा- मैं तो हूँ यहाँ..
तो उसने कातिलाना अंदाज में कहा- तुम तो मेरे अच्छे दोस्त हो ना..

उसने एक नॉर्मल सी बिकनी ली और उसे ट्राई करने लगी.. उसने पहले अपनी जींस पैन्ट उतारी.. जो हमने कल खरीदी थी.. फिर उसने अपना टॉप निकाला.. मैं तो देखते ही परेशान हो गया था.. क्या मम्मे थे.. और क्या गांड थी उसकी.. क्या बताऊँ दोस्तो, मज़ा आ गया।

फिर उसने एक तौलिया लिया और तौलिया लपेटकर वो चेंज करने लगी।

उसने पूछा- कैसी है ये बिकनी?
मैंने उससे कहा- मैं पसंद करके दूँ?
तो उसने ‘हाँ’ बोला।

मैंने उससे कहा- पहले मुझे तुम्हारी बॉडी का परफेक्ट नाप लेना होगा..
उसने कहा- ओके।

मैंने एक मेजरमेंट टेप लिया और उससे बोला- मुझे परफेक्ट साइज लेने के लिए ये बिकनी निकालनी होगी।
उसने थोड़ा सोचने के बाद बिकनी उतार दी.. वो एकदम नंगी थी।
मैंने उसको कहा- वाह.. आपका फिगर तो लाजवाब है..
उसने कहा- मेन्टेन करना पड़ता है।

उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.. मैंने उसकी फिगर साईज़ का माप लेने लगा.. मैं टेप लगाते वक़्त उसके मम्मों को थोड़ा ज्यादा ही प्रेस कर रहा था।

फिर मैंने उसे एक टिनी बिकनी दी और बोला- ये ट्राई करो..।
उसने वो ट्राई की।

दोस्तो, आपको तो पता ही है कि टाईनी बिकनी कैसी होती है।
इस बिकनी में उसके सिर्फ़ चूचुक और चूत ही ढके हुए थे बाकी सब खुला दिख रहा था।

उसको भी वो बिकनी अच्छी लगी और उसने कहा- वाह तुम्हारी क्या पसंद है औरतों के कपड़ों की.. कहाँ से सीखा ये सब?
मैंने बोला- ये मेरा फर्स्ट टाईम था..
‘ओह..’ उसने कहा- फिर तो तुम सेक्स करना भी अच्छे से जानते होगे।

अब वो फुल मूड में आ चुकी थी.. तो मैंने कहा- कभी ट्राई नहीं किया।
उसने कहा- चलो मेरे फार्महाउस पर चलते हैं।
मैंने कहा- आपके घर के लोग इंतज़ार करेंगे..
तो वो बोली- मैं उनको फोन कर दूँगी।

हम शॉप से निकलने के बाद फार्महाउस चले गए.. वहाँ कोई नहीं रहता था। उसने दरवाजा खोला और हम अन्दर आ गए।
उसने पूछा- क्या लोगे?
मैंने कहा- पानी.. वो भी चूत का..
वो मुस्कुराई और बोली- चल हट.. स्टुपिड।

वो पानी लेने रसोई में चली गई, पानी पीने के बाद उसने कहा- मेरी चूत का पानी पीना चाहता है।
मैंने कहा- हाँ..
तो उसने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और चूत पसार कर बोली- लो.. ये लो.. पी लो..

मैंने उसे मेरी तरफ खींचा और बोला- आज मैं तुझे बताऊँगा कि सेक्स क्या होता है।
उसने चुदास भरे स्वर में बोला- करो.. जो करना है और बना दो मुझे रांड..

मैं उसे क़िस करने लगा, कुछ देर चूमाचाटी करने के बाद उसने मेरे कपड़े निकाल दिए और उसने मेरा लंड देखा और बोली- अरे वाह.. तेरा तो लंड स्टील की रॉड जैसा टाईट हो गया है।

‘मेरी जान.. जब ये तेरी चूत में जाएगा.. तो पता चलेगा।’
मैं उसकी चूत में मेरा लंड डालने लगा.. 2-4 झटकों के बाद मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया।
वो चिल्लाने लगी- आह्ह.. मर गई.. जल्दी निकालो इसे.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
मैं बोला- ले साली.. तुझे तो रांड बनने का शौक है ना.. अब ले..

मैं उसकी चूत में ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लग गया.. वो चिल्लाने लगी।
कुछ देर के बाद मैं झड़ गया.. वो 2 बार झड़ गई थी। मैंने मेरा माल उसकी चूत में डाल दिया।

कुछ देर बाद फिर से अभिसार शुरू हुआ। उसको मैंने कई तरह की स्टाईल में चोदा।

चुदाई के बाद हम लोग स्विमिंग पूल में नहाने गए.. स्विमिंग पूल में मैंने उसकी गांड मारी.. वो पहले मना करने लग गई.. लेकिन फिर मैंने उसे मना लिया।
मैंने लंड जैसे ही उसकी गांड में डाला.. तो वो चिल्लाने लगी- आआह ह्ह्ह्ह..

कुछ देर की पीड़ा झेलने के बाद वो मेरा साथ देने लगी और अब वो बोल रही थी- आह्ह.. और ज़ोर से.. और ज़ोर से..
मैंने मेरी स्पीड तेज कर दी। अब मेरा पानी निकलने वाला था और मैंने पूरा लंड उसकी गांड से निकाल कर चूत में डाल दिया।
उसने बोला- ओह्ह.. मजा आ गया.. ऐसा सेक्स मैंने कभी नहीं किया.. थैंक्स संदेश.. तुम बहुत अच्छे चोदू हो।

फिर हम स्विमिंग पूल से बाहर आ गए, अन्दर हॉल में चले गए.. हम नंगे ही थे और हमने कपड़े नहीं पहने थे।
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उसने बोला- ऐसे ही बैठो.. तो फिर वो सोफे पर मेरे बगल में बैठ गई और मेरे लंड से बोल रही थी- अले..ले..ले.. मेले.. छोटे संदेश.. मुझे छोड़कर कभी नहीं जाना.. मेले पास ही लहना।
मैं हँसते हुए उसके मम्मों को दबा रहा था और फिर हमें कब नींद लग गई.. पता ही नहीं चला।

सुबह मेरी नींद खुली.. तो सरिता ने बोला- चलो यार.. अब हमें जाना चाहिये.. घर वाले मेरा इंतजार कर रहे होंगे।
उसने मुझे मेरे घर के पास छोड़ा और उसने मुझे पैसे भी दिए और बोली- अगले रविवार को तैयार रहना और वो चली गई।

तो कहानी कैसी लगी जरूर बताना।
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