आधी रात में दीदी चूत में तेल लगा कर आई

आधी रात में दीदी चूत में तेल लगा कर आई

मेरे प्यारे पाठको, नमस्कार… मेरा नाम रोहित है. मैं सूरत गुजरात से हूँ. मेरी उम्र पच्चीस साल है. मैं बॉडी से ठीक ठाक हूँ. मेरा लंड 6 इंच का है. मैं अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानी का एक नियमित पाठक हूँ.

एक महीने पहले ही मैंने सरकारी नौकरी जॉइन की है, तो मुझे गांव से शहर आना पड़ा. सूरत में और कोई पहचान वाला नहीं था तो मुझे अपने चाचा की लड़की यानि मेरी बहन के घर जाना पड़ा.

मेरी चचेरी बहन का नाम पायल है और वो बहुत खूबसूरत है. पायल की शादी हो चुकी है. उसकी उम्र अठ्ठाइस साल है. मैं उसके घर गया और उधर रहने का इंतजाम करने के लिए बात की.. तो मेरा उनके घर में ही रुकने का तय हो गया.

पायल का फिगर 34-28-34 है. वो बहुत ही ज्यादा सेक्सी है. शादी के बाद तो उसकी गांड पहले से भी ज्यादा बड़ी हो गई है. उसके पति यानि मेरे जीजाजी, काम के सिलसिले में ज्यादातर घर से बाहर ही रहते हैं.

अब मैं पायल के ही घर में था. उधर मुझे थोड़ी थकान महसूस हुई तो मैं सोफे पर ही सो गया. जब जगा तो शाम के सात बज चुके थे. पायल शायद किचन में थी. उधर से सब्जी काटने की आवाज आ रही थी.

मैंने किचन में देखा तो वह अपना काम कर रही थी. मेरे सामने उसकी बड़ी गांड हिल रही थी. वैसे तो मेरे मन में उसके बारे में कभी गलत विचार नहीं आया था लेकिन आज उसकी गांड देखकर मेरे लंड में हरकत होने लगी.

मैंने उसके पीछे जाकर उसको गुड इवनिंग कहा और उसके पीछे सटकर खड़ा हो गया. मेरा लंड पहले से थोड़ा खड़ा होने लगा था, जो अब गांड का स्पर्श पाते ही पूरा अकड़ गया. लंड दोनों चूतड़ों के बीच में आ गया.

उसको खड़े लंड का अहसास होते ही उसने मुझे पीछे को धकेल दिया. मैं भी सब दिमाग से निकाल कर सोफे पर पड़ी मैगज़ीन पढ़ने लगा. उसके पास में उसका फोन पड़ा था. मैंने उसका फेसबुक खोलकर देखा तो पायल ने अलग नाम से अकाउंट बनाया था. उसके मैसेंजर में उसने कई लड़कों से बहुत सी चुदाई की बातें की हुई थीं. मेरा तो दिमाग ही घूम गया. तभी दीदी की आहट सुनाई दी और मैंने फोन रख दिया.

खाना खाने के बाद हमें एक साथ ही सोना था क्योंकि एक ही बेड था. हम एक साथ लेटे, मगर दोनों के बीच थोड़ा सा अंतर रखकर सोये. पायल थोड़ी देर फोन पर चैट करके बाथरूम गई और सो गई.

रात को अचानक मेरी नींद खुल गई. रूम में अंधेरा था. मैं करवट बदलने के लिए बस थोड़ा सा खिसका कि कोई चीज हाथ से टकरा गई. मैंने धीरे से हाथ से स्पर्श किया तो वह पायल की गांड थी. नींद में उसकी नाइटी ऊपर की ओर खिसक गई थी और नीचे उसने पैंटी पहनी हुई थी.

मैं करवट लेकर पायल से ऐसे सटकर सोया कि मेरा लंड उसकी गांड पर सैट हो जाए. मेरा लंड थोड़ी देर में ही पूरी तरह तन गया. मैंने थोड़ी देर ऐसे ही किया, पर कुछ मज़ा नहीं आया. मैं थोड़ा पीछे खिसका और अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसकी जाँघों के बीच चुत वाले हिस्से पे हाथ से थोड़ा स्पर्श करने पर भी वो नहीं जगी. इसका मतलब ये था कि दीदी इस वक्त बहुत गहरी नींद में सो रही थी.

मैंने धीरे से दीदी की पैंटी सरकाने की कोशिश की, तो आसानी से सरक गई और उनकी पेंटी घुटनों तक आ गई. तभी उसने हल्की सी कुनमुनाते हुए हरकत की और फिर सो गई. मैंने थोड़ी देर इंतज़ार किया और फिर उसकी गांड पे हाथ रखा तो पैंटी निकली हुई थी. मतलब वो अभी नींद में ही थी.. पर इस बार वो पैर मोड़कर सो गई थी.

अंधेरे में अपने मैंने लंड को थोड़ा आगे किया तो दीदी की गांड का स्पर्श हुआ. मैं अपने लंड को थोड़ा नीचे ले गया, जहाँ दीदी की चुत थी तो वह पूरी तरह खुली हुई और गर्म थी.

मैं अपने लंड को धीरे धीरे से चुत पे घिसने लगा. मेरा लंड चूंकि एकदम गरम कुत्ते जैसे अकड़ा हुआ था, सो वो बार बार दीदी की चुत के छेद वाली जगह पर अटक जाता था. मुझे भी अब कुछ भी करके अपना पानी निकालना था.

मैंने अपने लंड पे थूक लगाया और पायल दीदी की चूत के छेद पर सैट कर दिया. मैंने थोड़ा दबाव डाला तो लंड नीचे की ओर फिसल गया. दीदी की चुत खुली हुई जरूर थी लेकिन बहुत ही चिकनी और टाइट थी.

मेरा लंड बुरी तरह अकड़ गया था. मैंने पायल की कमर को पकड़ लिया और दबाव बनाया तो चुत का छेद धीरे धीरे फैलने लगा, पर अब भी उतना नहीं फ़ैल सका था कि लंड का टोपा घुस सके.

मैंने फिर धीरे से धक्का दिया तो थोड़ा लंड का टोपा अन्दर घुस गया. पर थोड़ा टोपा अन्दर जाते ही पायल जग गई और उसके मुँह से हल्की सी चीख निकल गई. मुझे भी थोड़ी जलन हुई. पायल उठके चली गई, पर मैं बुरी तरह डर गया.

थोड़ी देर बाद वो फिर आई और सो गई. अब मुझमें कुछ भी करने की हिम्मत नहीं थी. लेकिन अब वो आई तो उसके पास से आयल की खुशबू आ रही थी.

मेरा लंड अभी खड़ा ही था. तभी उसका हाथ मेरे लंड पे पड़ा. मैं समझ गया कि वह पायल का ही हाथ था. उसके हाथ में कुछ चिकनाहट थी. शायद वो मेरी मुठ मारने वाली थी.. पर कुछ देर लंड सहलाने के बाद उसने हाथ हटा लिया.

मैंने अपने लंड को छुआ तो पूरा तेल से सना हुआ था. यानी पायल दीदी ने अपनी चूत चुदाई के लिए मेरे लंड पर तेल लगाया था. मैं थोड़ा सा पायल दीदी की ओर खिसका तो वो फिर से घुटने मोड़ कर लेटी हुई थी. उसकी चुत पे हाथ लगाने पर बहुत चिकनाहट महसूस हुई, शायद वो अपनी चुत में तेल लगाकर आई थी. मतलब साफ था कि वो चुदने का मन बना चुकी थी.

अब मैंने बेहिचक पायल की कमर को कसकर पकड़ लिया और अपने लंड को चुत के छेद पर सैट कर दिया. एक हल्का धक्का देने पर ही टोपा चुत में चला गया. उसके बाद तो बस मैं दबाव देता गया और आधे से ज्यादा लंड आसानी से चुत में उतर गया.

मुझे लगा थोड़ा लंड अभी बाहर है. मैंने धक्का दिया, पर अन्दर नहीं गया. पायल के मुँह से हल्की सी आवाज निकली उम्म… अह… और उसने अपनी गांड भी आगे की ओर खिसका ली. शायद उसको चुत में दर्द हुआ था. उसके आगे की ओर गांड खिसकाने से लंड भी बाहर आ गया, बस टोपा भर अन्दर घुसा रहा था. मैंने उसकी कमर को फिर से कसकर पकड़ा और पूरी ताकत लगा कर धक्का मार दिया, जिससे पूरा का पूरा लंड दीदी की चुत की गहराई में उतर गया.

उसी वक्त उसके मुँह से जोर से चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ शायद दीदी को दर्द हुआ और वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी. पर मैं उसको कसके पकड़े हुए था. मैंने समझ लिया था की जीजाजी के ज्यादा न चोद पाने के कारण इसकी चुदास शांत नहीं हो पाती है और इसीलिए ये फेसबुक पर चैट करके अपनी ठरक शांत करने की कोशिश करती है.

पायल की चुत में मेरा मोटा लंड एकदम फंसा हुआ था, जिससे उसको दर्द हो रहा था, दीदी लगातार धीमे धीमे कराह रही थी और साथ ही सिस्कारियां भी भर रही थी, मैंने उसके मस्त मम्मों को मींजना शुरू कर दिया और उसके होंठों पर अपने होंठ धर कर दीदी को चूमना शुरू कर दिया. वो भी मुझे चूमने लगी. इससे उसको अपनी चुत में कुछ पानी सा महसूस हुआ और उसका दर्द काफी कम हो गया.

तभी उसकी गांड ने मेरे लंड को एक झटका सा मारा, मैं समझ गया कि इसको लंड की चोट चाहिए.

अब मैं पूरी ताकत लगाकर हचक के धक्के मारने लगा. हालांकि मुझे इतनी जल्दी नहीं करना चाहिए था. क्योंकि उसकी चुत अब भी कसी हुई थी जिस कारण उसको दर्द हो रहा था और अब वो रोने लगी थी. पर मैंने चुत चोदना जारी रखा.

थोड़ी देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी और उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया. उसके पानी की वजह से इतनी जबरदस्त चिकनाहट हो गई थी कि लंड पूरा बाहर निकल जाता था..लेकिन तभी मैं धक्का मार कर उसकी चुत की गहराई में अपने लंड को उतार देता था.

वो एकदम शिथिल पड़ी, मेरी चोटों को सह रही थी, थोड़ी देर बाद मैंने भी अपने पानी से अपनी दीदी की चुत को भर दिया. लंड का पानी निकाल कर मैंने समय देखा तो सुबह के पांच बज गए थे. हम दोनों थके होने की वजह से चिपक कर सो गए.

सुबह हुई तो पायल मुझसे शर्मा रही थी, वो मुझे चाय देने आई, तो मैंने उसको अपनी ओर खींच लिया. उसने मुझे मुस्करा कर सीने से लगा लिया.
बस हम दोनों एक दूसरे से खुल गए. इसके बाद मैं पायल दीदी को काफी बार चोद चुका हूं.

आपको मेरी दीदी की चुत चुदाई की हिंदी सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताइएगा.
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