एक रात बॉस के साथ

एक रात बॉस के साथ

शिवानी शर्मा
मेरा नाम शिवानी है, मैं 24 साल की कुंवारी लड़की हूँ, मेरी लम्बाई 5’7″ है, मेरी फिगर 36-26-36 और वजन 62 किलो है।

मेरे लम्बे और घने काले बाल हैं जो मेरे चूतड़ों तक आते हैं, मेरे होंठ भरे हुए हैं, मेरी टाँगे बहुत लम्बी और सेक्सी हैं।

यह दो साल पहले की बात है। मैं एक बड़ी विज्ञापन एजेंसी में एक बहुत ही वरिष्ठ व्यक्ति के लिए एक कार्यकारी सहायक के रूप में काम करती थी।

मेरे बॉस का नाम वरुण था। वरुण की उम्र वैसे तो 35 थी मगर देखने में वो 27-28 से ज्यादा का नही लगता था। वह 6′ लंबा था।

हम एक ही मंजिल पर बैठते हैं, और मेरी मेज उसके केबिन के सामने है। मैं वरुण को बहुत पसंद करती थी और हमेशा उससे फ़्लर्ट करती रहती थी।

एक दिन किसी प्रोजेक्ट की वजह से मुझे वरुण के यहाँ जाना था। मैंने सोचा कि वरुण को अपनी जवानी के जाल में फ़ंसाने का यही मौका है।

मैंने एक सेक्सी सी ब्रा पहनी जिससे मेरे चूचे और निखर आये और काफी बड़े लगने लगे। मैंने अपनी झांटें भी साफ़ की और एक सेक्सी सी पैंटी पहनी जो करीब-करीब पारदर्शी थी। फिर मैंने उसके ऊपर एक सेक्सी नीले रंग की साड़ी पहनी जिससे मेरी सेक्सी नाभि दिखाई दे रही थी।

सच कहूँ तो मैं एकदम हीरोइन लग रही थी।

मैं दोपहर में वरुण के घर पहुँची। वरुण ने शर्ट और जीन्स पहनी हुई थी और वो काफी सेक्सी लग रहा था।

मेरा तो उसे देखते ही चूमने का मन कर रहा था।

वरुण ने मुझे कॉफ़ी ऑफर की और फिर हम दोनों सोफे पर बैठकर प्रोजेक्ट पर काम करने लगे।

वरुण मेरे से चिपक कर बैठा हुआ था और फिर उसने एक हाथ मेरी जांघ पर रखा, मैं तो बस पागल हो रही थी और मेरी चूत पानी छोड़ रही थी।

थोड़ी हिम्मत करके मैंने भी अपना हाथ वरुण की जांघ पर रख दिया और धीरे-धीरे हाथ उसके लण्ड की तरफ बढ़ाने लगी।

वरुण को भी सेक्स चढ़ने लगा और वो मेरी जांघें जोर-जोर से मसलने लगा।

हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे, मैं उसके होंठ चूसने में इतनी मग्न हो गई थी कब उसने मेरी साड़ी का पल्लू सरका कर मेरी बलाऊज और ब्रा खोल दी मुझे पता ही नहीं चला।

वरुण बोला- बड़े दिनों से तेरे इन रसीले संतरों को दबाने का मन कर रहा था, आज मौका मिला है।

मैं बोली- जितना मन करे उतना रस पीले मेरी जान, ये संतरे तेरे लिए ही तो हैं।

वरुण पूरे जोश से मेरी चूचियों को चूसने और दबाने लगा। मैं धीरे से कराह रही थी और मेरी सांसें भारी होती जा रही था।

मेरा एक निप्पल उसके मुँह में था, और दूसरे पर वो अपनी उंगलियों से जादू कर रहा था।

मुझसे अब बर्दाश्त नही हो रहा था, मैंने वरुण से बोला- वरुण, अब बस चोद दो मुझे, डाल दो अपना फौलादी लण्ड मेरी चूत में। बना दो मेरी चूत का भोसड़ा।

वरुण ने मुझे खड़ा किया और मेरी साड़ी-पेटिकोट उतारकर मुझे नंगा कर दिया, फिर वरुण खुद भी नंगा हो गया और मुझे गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया, मुझे पलंग पर लेटाकर वरुण मेरी चिकनी चूत चाटने लगा।

मैं उसके बाल पकड़ कर खींचने लगी, अह अह अह की आवाज़ करने लगी, बोली- और चाटो ! और चाटो !

5 मिनट तक चूत चटवाने के बाद मैं झड़ गई और वरुण मेरा सारा रस पी गया।

वरुण ने अपना 7 इंच का लौड़ा मेरे मुँह में पेल दिया और मैं पागलों की तरह उसका लण्ड चूसने लगी।

दस मिनट तक वरुण का लण्ड चूसने के बाद वरुण ने उठकर मेरी चूत पर अपना लंड फिराया और चूत के अंदर घुसेड़ दिया।

अब मैं लगातार कराह रही थी।

थोड़ी देर में मैं झड़ गई, मेरी चूत गीली होने से वरुण को और मजा आ गया और वो और जोश से करने लगा।

मैं वरुण को उकसाने लगी, उससे कहने लगी- और चोदो मेरी चूत को, फाड़ दो मेरी चूत अपने लण्ड से।

वरुण और जोश में आ गया और मेरे चूतड़ों को जोर से दबाकर वो मुझे चोदने लगा।

15 मिनट तक मुझे वरुण चोदता रहा और फिर बोला- शिवानी, मैं अब झड़ने वाला हूँ ! वीर्य कहाँ निकालूँ?

मैंने कहा- जान, मेरी इन गोल चूचियों को अपने वीर्य के रस में नहला दो।

वरुण ने ऐसा ही किया और अपने लौड़े का सारा सफ़ेद रस मेरे दूधों के ऊपर सजा दिया।

फिर मैंने बाथरूम में जाकर अपने को साफ़ किया और जब बाहर आई तो वरुण ने मुझे बाहों में भर लिया और मेरी गर्दन को चूमने लगा।

उसका एक हाथ अब मेरी चूत को सहला रहा था, उसने एक उंगली मेरी चूत के छेद में डाल दी और मैं सिसकारियाँ भरने लगी।

वरुण ने एक और उंगली मेरी चूत में डाल दी और अब वो दोनों उँगलियों को अन्दर बाहर करने लगा। उसका अंगूठा मेरे चूत के दाने को सहला रहा था।

मुझे बहुत मजा आ रहा था, थोड़ी देर बाद में झड़ गई।

वरुण पलंग पर जाकर लेट गया और बोला- आओ शिवानी मेरे लण्ड के ऊपर बैठ जाओ और बना दो मुझे अपनी हसीन चूत का दीवाना !

मैं वरुण के लौड़े के ऊपर चूत रख कर बैठ गई और उसका लण्ड मेरी चूत की गहराई में समां गया। मैं उसके लण्ड पर ऊपर नीचे होने लगी।

दस मिनट तक मुझे ऐसे चोदने के बाद वरुण ने मुझे घोड़ी बनने के लिए कहा और मैं फटाफट घोड़ी बन गई। वरुण ने अपना हथियार मेरी चूत में घुसेड़ दिया और तेजी से मुझे पेलने लगा और आगे से मेरे मम्मे मसलने लगा।

15 मिनट तक ऐसे ही चुदने के बाद मैंने वरुण का लौड़ा मुह में लिया और उसे बड़े शौक से चूसने लगी।

वरुण ने अपना सार वीर्य मेरे मुह में छोड़ दिया और मैं सारा वीर्य पी गई।

वरुण बोला- वाह रे ! शिवानी तू तो बड़ी चुदक्कड़ निकली?

मैं बोली- अरे वरुण, तूने अभी देखा ही क्या है? मेरी चूत तो बड़े बड़ों को अपनी आग में झुलसा चुकी है।

वरुण बोला- तो फिर आज रात यहीं रुको, हम भी तो देखे तुम्हारी चूत के रस में कितना नशा है।

वरुण ने रात को मुझे 3 बार और चोदा।

अब मुझे जब भी मौका मिलता है, मैं वरुण के लण्ड से अपनी चूत की खुजली जरूर मिटवाती हूँ।

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