ऑटो वाले से गांड चुदाई

ऑटो वाले से गांड चुदाई

अन्तर्वासना के रीडर्स को मेरा नमस्कार!
अन्तर्वासना डॉट कॉम पर मैंने लगभग सारी कहानियाँ पढ़ी हैं जिनमें चुदाई – चूसा के बारे में अलग अलग अनुभव बताए गये हैं यहाँ!
मेरी भी आज हिम्मत हुई कि मैं अपनी सच्ची कहानी आपके सामने लाऊँ जो कल रात को ही हुई थी।

मैं दिल्ली का नहीं हूँ लेकिन बहुत सालों से में दिल्ली में ही रह रहा हूँ, तो मुझे लोगों के हाव-भाव अच्छी तरह से पता हैं, कौन कैसे हैं और कैसे बात की जानी चाहिए।
मैं किसी काम से आउट ऑफ दिल्ली गया था एक हफ़्ते के लिए।
मुझे अगर एक हफ्ते में कोई लौड़ा नहीं मिलता तो मेरी गांड में अजीब सी खुजली होती है लेकिन मैं फिर भी लोगों से कम ही मिलता हूँ। मुझे हट्टे कट्टे, गबरू जवान मर्द बहुत अच्छे लगते हैं।

वैसे मुझे देख कर कोई बोल नहीं सकता कि मैं गांड मरवाता हूँ, लेकिन जब कभी भी मरवाई है, बंदे मुझे दोबारा मरवाने के लिए बुलाते ही हैं। वे कहते हैं कि मेरे जैसे गांडू बहुत कम मिलते हैं।

तो कल दिल्ली पहुँचते ही मुझे एक बंदे ने मेसेज किया मिलने के लिए।
मेरा वैसे भी मन था, तो मैंने पूछा कि वो अकेला होगा या कोई और भी है।उसने बोला दो बंदे और होंगे।

यह सोच कर कि मुझे तीन लंड मिलेंगे, मैं खुश हो गया। फटाफट मैंने खाना ख़ाकर अपनी गांड अच्छी तरह से धोई और परफ़्यूम लगा कर निकल गया।
मेरे पास एक लूब्रिकॅंट हमेशा होती है, पता नहीं कब काम आ जाए।

मैं करीब 10 बजे उसके घर पहुँचा। मेरे अंदर आते ही एक मीडियम हाइट का गोरा लड़का जिसकी बॉडी भी ठीक थी, अंदर आ गया दोस्त के साथ।
मुझे एक रूम में बैठा दिया और दोनों आपस में बातें करने लगे, फिर दोनों अंदर आए और नये बंदे ने मुझे बेड पे बैठने के लिए बोला। मैं बैठ गया और वो लेट गया बेड पे और फटाफट उसके अपनी ज़िप खोली और अपना लौड़ा बाहर कर दिया।

मैंने सोचा भी नहीं था इतना जल्दी सब कुछ होगा।

मेरा दोस्त पास में ही खड़ा रहा। लौड़ा देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया और मैं झटक से उसे चूसने लगा।
धीरे धीरे उसका खड़ा होने लगा और 3″ से करीब 7″ को हो गया। मेरे तो और मुँह में पानी आने लगा इतना बड़ा और मोटा लंड देख के। मैं ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा पूरा हलक तक, उसको भी मज़ा आने लगा और मेरे बाल पकड़ कर मुँह चुदाई करने लगा।

मेरे दोस्त ने पूछा कि क्या मैं अब रेडी हूँ गांड में लंड लेने के लिए।
मैंने हाँ भर दी और वो मेरे ऊपर चढ़ गया और कॉंडम लगाया। मैंने भी गांड थोड़ी ऊँची कर दी ताकि आसानी हो घुसने में, फिर उसने थूक लगाया और एक ज़ोरदार झटका दिया तो मेरे होश उड़ गये।
मैंने लंड को बाहर निकाला और बोला- थोड़ा आराम से कर।
वो समझ गया कि मुझे दर्द हुआ है।
फिर मैंने खुद ही उसका तना हुआ लंड अपनी गांड के छेद में लगाया और उसको धीरे से धक्का मारने को कहा। धीरे धीरे उसका सुपारा अंदर गया और मुझे थोड़ी राहत मिली।
फिर ज़ोर से उसने फिर से अंदर कर दिया लेकिन मैंने इस बार चुप रहना ही ठीक समझा। करीब दो मिनट बाद मुझे थोड़ा अच्छा लगा और उसने मुझे चोदना शुरू किया।

मुझे मज़ा आने लगा ही था कि उसने लंड बाहर निकाल लिया और मुझे चूसने को कहा।
मुझे अजीब सा लगा, फिर भी मैंने चूसा और वो मेरे मुँह में ही झड़ गया। मैंने पूरा वीर्य पी लिया क्योंकि मुझे बहुत सुकून मिलता है वीर्य पीने में जब लड़का मेरे टाईप का हो।

मेरे दोस्त देखता ही रह गया, वो बंदा पैंट पहन के चला गया।
मैंने उसे पूछा कि तीसरा बंदा कब आएगा।
उसने बोला- शायद वो नहीं आएगा।

मुझे गुस्सा आ गया और मैंने बोला- मैं वापस घर जा रहा हूँ।
उसने भी नहीं रोका और मैं बाहर आ गया कपड़े पहन के।

थोड़ी देर पैदल चल के देखा कोई ऑटो नहीं था।
रात के 11.30 हो चुके थे, मैं धीरे धीरे बस स्टैंड की तरफ जा ही रहा था कि एक ऑटो वाला रुक गया, पूछा- कहा जाओगे?

मैंने उसे देखा, एक जवान 24-25 साल का बंदा… मैंने अपनी जगह बताया तो उसने बोला 200 रुपए लूँगा।
मैंने मना कर दिया और आगे बढ़ने लगा।

वो फिर आ गया और पूछा कि मैं कितना दूँगा। मैंने मीटर ओन करने को कहा तो वो मान गया।
मुझे वैसे भी बंदा अच्छा लगा था तो मैं ज़्यादा भाव नहीं खाते हुए ऑटो में बैठ गया।
मुझे ऑटो वाले या ऐसे थोड़ी पसीने वाले फ़ैक्टरी वाले या ऐसे कोई बंदे बहुत आकर्षित करते हैं।

हम चल रहे थे और ऑटो वाला चुपचाप चला रहा था। मैंने सोचा कि मैं ही बात शुरू करता हूँ, मैंने पूछा कि वो कहाँ रहता है।
उसने बोला- यहीं पास में।

मैंने पूछा- शादी हो गई?

उसने बोला- अभी हुई नहीं है लेकिन एक साल में हो जाएगी।

मैं सोच रहा था कि इस सुनसान रास्ते में कैसे उसको पटाया जाए। फिर मैंने बोला कि मुझे बियर पीने को बहुत मन कर रहा है।
उसने मेरी तरफ शीशे से देखा और मुस्कुराते हुए बोला- पहले बोलते तो मैं पीछे से ही दिलवा देता।

मैंने बोला- कोई नही, बाद में ले लेंगे।

मैं गांडू जैसा लगता भी नहीं कि उसे समझा दूँ इशारों से, और मैं बात को आगे बढ़ा ही नहीं पा रहा था पर मैंने ठान ली थी कि मुझे आज जैसे तैसे चूदना है क्योंकि मुझे 3 मिनट की चुदाई से बिल्कुल भी मज़ा नहीं आया, बल्कि गांड की प्यास और बढ़ गई।

फिर मेरे से रहा नहीं गया और मैंने उसको बोल ही दिया कि मैं यहाँ सेक्स के लिए आया था।
उसके तो होंठ खुल गए और प्यारी सी मुस्कुराहट दे के पूछा- अच्छा, किसके साथ?
मैंने बोला- एक बंदे के साथ।

फिर मैं उसका रिएक्शन जानने को उत्सुक था। उसने कुछ नहीं बोला और चलता गया।
मैंने साहस करके उसे पूछा- तुमने किसी बंदे की ली है पहले?
उसने कुछ नहीं बोला, मुझे लगा मैंने ग़लत बंदे को पूछ लिया, थोड़ा सा डर भी लगा।

फिर उसने बोला कि उसने पहले भी बहुत बार किया है लड़कों के साथ।
मेरी जान में जान आई और साहस आने लगा, मैंने फटाक से पूछा- मेरी लोगे क्या?

उसने फिर से कुछ नहीं बोला और चलता रहा।
मैंने फिर पूछा- अगर मन है तो मेरी ले सकते हो।

उसने बोला- यहाँ जगह कहाँ से मिलेगी?
मैं अब निडर एक रंडी की तरह खुल कर बात करने लगा और बोला- कहीं पार्क में ही रोक दे।

उसने पूछा- कण्डोम है क्या?

मैंने बोला- शायद होगा एक।

फिर उसने एक पार्क के सामने मेन रोड पे ही ऑटो लगा लिया और बोला- आप सीट पर ही बैठो, मैं पीछे आता हूँ।

मैं खुशी के मारे पागल हो गया, जैसा और जो चाहता था, सब अभी होने वाला था।

उसने पूछा- चूसते हो?
मैंने फटाक से हाँ बोल दिया और उसने ऑटो में एंट्री के पास ही अपना ज़िप खोला और लौड़ा बाहर निकल दिया।
मैं पागल हो गया, अंधेरे में दिख नहीं पा रहा था लेकिन मुझे मुंह में लेने से पता चल गया कि लौड़ा भी मेरे टाइप का ही है।

5 मिनट तक चुसवाने के बाद उसकी बोली भी अलग हो गई और तू करके बात करने लगा।
मुझे और भी अच्छा लगा।

फिर वो गाली देकर बोला- साला गांडू, तू तो मस्त चिकना माल निकला… चल अपना चूची दबवा मेरे से!
मैंने चूसना जारी रखा और वो ज़ोर ज़ोर से मेरे चूचियों को दबाने लगा।
एक तो आधी रात, पास में जंगल, मेन रोड और मैं ऑटो वाले का चूस रहा हूँ, यह सोच कर ही मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा।

फिर उसने लंड बाहर निकाला मेरे मुँह से और बोला- चल घोड़ी बन, ऑटो के अंदर तुझे चोदता हूँ, तू भी क्या याद रखेगा। लोग देखेंगे तो देखने दे, वो भी ले लेंगे तेरी, तुझे तो और भी लौड़ा चाहिए वैसे भी।

मैंने हल्की सी मुस्कान देते हुए पैंट नीचे सरका दी और लूब्रिकॅंट जल्दी जल्दी लगा दी।
उसने बोला- अभी बिना कण्डोम मरवा ले, चलेगा ना?
मैं बोला- ठीक है।

मेरा छेद वैसे ही थोड़ा खुला हुआ था, तो उसका टोपा रखते ही मैंने पीछे से धक्का मारा तो उसका आधा लंड आसानी से घुस गया। उसने बोला- साली रंडी, तेरे तो खुजली बहुत ज़्यादा है, अपने आप चुदवाना चाहती है।
और उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, मेरी आह निकल गई और उसने धीरे धीरे स्पीड बढ़ा दी।

धीरे धीरे छपक छपक की आवाज़ से आसपास पूरा गूंजने लगा। मैं मदहोश होने लगा। मेरे बरसों की उम्मीद ऑटो वालों से चुदने की तमन्ना आज पूरी हुई।
मैं चुदाई का पूरा मज़ा ले रहा था और वो भी धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था।

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं थोड़ा थक सा गया एक ही पोज़ में।
उसने मुझे पूछा- रानी, और चुदना है, बोल?
मैंने हाँ बोल दिया तो उसने बोला- साली थक गई लेकिन गर्मी नहीं गई, अब रुक।

फिर उसने स्पीड बढ़ा दी और मैं चुदाई की सपनों में खो सा गया।

उसने पूछा- मेरा वीर्य पिएगी?
मैंने बोला- यह भी कोई पूछने की बात है।

उसने अपना लंड बाहर निकल लिया और हस्तमैथुन करने लग गया।

मैं उल्टा लेट गया सीट पे और अपना मुँह खोल दिया, उसका गाढ़ा वीर्य पूरा मेरे मुँह में भर गया और थोड़ा मेरे चेहरे पर भी लग गया। मैंने फ़टाक से पूरा अंदर ले लिया।

उसने पूछा- अगर तू इतनी आसानी से वीर्य पी लिया, तो तू मेरा पेशाब भी पी लेगा?

मैं मुस्कुरा दिया और वो समझ गया, उसने बोला- शाबाश, मुझे तेरे जैसे गांडूओं की ही तलाश रहती है, चल मुँह खोल जल्दी से मेरा मूत पी… ज़ोर की आ रही है।

मैंने मुँह खोला और उसने स्रर्ररर करके पूरा मेरे मुँह में डाल दिया। मुझे एक भी बूँद नीचे गिरने को मन नहीं किया लेकिन तोड़ा बहुत बाहर आ ही गया क्योंकि उसका लंड भी बहुत बड़ा था और धार भी तेज़ थी।

फिर मैंने अपने कपड़े पहन लिए और उसको पैसे देते हुए पूछा- मज़ा आया?
उसने बोला- सही में तू गाण्डू माल है, मैं दोबारा आऊँगा दोस्तों के साथ तेरी लेने इसी जगह।

फिर उसने मेरा हाथ चूमा और चला गया।

दोस्तो, यह थी मेरी कहानी। यह मेरा पहली कहानी है अन्तर्वासना में, अगर आपको अच्छी लगी तो मैं आगे भी अपने नए नए अनुभव आपके सामने लाता रहूँगा।
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