कमसिन चचेरी बहन की चुदाई-7

कमसिन चचेरी बहन की चुदाई-7

दोस्तो, आपने मेरी कहानी में अब तक पढ़ा कि मैं मेरी चचेरी बहन अनुराधा से नाराज था क्योंकि उसने मुझे चुम्बन देने से इनकार कर दिया था, अब मुझे मनाने के लिए मेरे घर आई हुई थी और बहुत रो रही थी.
अब आगे..

अनुराधा- भैया.. मुझे पता है कि तुम उस रात के लिए मुझ पर गुस्सा हो.
मैं- किस रात के लिए?
अनुराधा- उस दिन जब तुम किस करना चाहते थे और मैंने तुम्हें मार कर भाग गई थी. आई एम रियली सॉरी भैया.. माफ़ कर दो. मैं उस वक़्त डर गई थी और मुझे लगा कि हमारा वो सब करना ग़लत है. मैं बहुत डर गई थी, उस वक़्त तो मेरा हाथ उठ गया. मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था. तुम मेरे बड़े भाई हो.. तुम जो कहोगे, मैं करूँगी. बस मुझसे नाराज मत रहो भैया प्लीज़.. आई एम सो सॉरी..

मेरी प्यारी बहन बहुत रो रही थी.. मेरा दिल पिघलने लगा. मैंने उसे अपने से अलग किया तो उसे लगा कि मैं वहां से जाना चाहता हूँ. वो मुझे रोकने के लिए मेरे कदमों में बैठ गई और रोते हुए मुझे रोकने लगी- आई एम सॉरी भैया… मत जाओ… गुस्सा मत करो भैया… प्लीज़… मैं कभी ऐसा नहीं करूँगी… अब तुम जो चाहो वो मैं करूँगी. प्लीज़ भैया!

मैं पसीजने लगा था और वो मेरे घुटनों से सट कर रो रही थी. उस वजह से मेरा तौलिया काफ़ी लूज हो गया, जिसका मुझे ख्याल ही नहीं रहा. मैंने उसको देखा और उसे उसके कंधों से उठा कर ऊपर उठाया और कस के गले लगा लिया.

वो बहुत रो रही थी.. बार-बार सॉरी कह रही थी.
मैं- अरे बस बस अनु.. इतना ड्रामा कहाँ से सीखा तूने? बस हुआ… मैं नाराज नहीं हूँ तुझसे..
अनुराधा- मुझसे नाराज मत होना… नहीं तो मैं मर जाऊंगी भैया… तुम जो कहोगे मैं करूँगी.. तुम मुझे किस करो, नंगी करो… जो करना है करो, मगर कभी नाराज मत होना.. मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ भैया.

उसके आंसू मेरे सीने को भिगो रहे थे. मैंने उसका चेहरा ऊपर किया. उसकी सुंदर आँखें लाल हो गई थीं. मैंने उसकी ओर देखा और कहा- ग़लती मेरी है अनुराधा.. आई एम सॉरी.. मुझे तुझ पर जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए थी. अगर तू नहीं चाहती तो मैं कभी तुझे टच भी नहीं करूँगा.
अनुराधा- नहीं भैया.. मैं वो सब चाहती हूँ. मैं बस उस दिन डर गई थी. आई लव यू भैया… मैं तुम्हें हर तरीके से प्यार करना चाहती हूँ. लेकिन प्रॉमिस कभी मुझसे नाराज मत होना.
मैं- आई प्रॉमिस.. आई लव यू अनु.. और तुझे डरने की क्या जरूरत है पगली? मैं तुझे कभी तक़लीफ़ नहीं पहुँचाऊंगा.. आई प्रॉमिस.
अनुराधा- मैं जानती हूँ कि तुम कभी मुझे हर्ट नहीं करोगे. तुम भाई हो मेरे और आई लव यू टू.

मैंने उससे अपनी बांहों में जकड़ लिया.. दो मिनट बाद उसका रोना बंद हुआ. वो मुझसे बिल्कुल चिपक कर खड़ी थी. मैं उसके बाल सहला रहा था और उसके माथे को किस कर रहा था और जैसे ही वो मुझसे अलग हुई, उसकी जीन्स के बेल्ट का लूज पार्ट मेरे तौलिये में फंस गया और मेरा तौलिया नीचे गिर गया.

अब मैं नीचे बिल्कुल नंगा था और ऊपर सिर्फ वेस्ट थी. वो अपने आंसू पोंछने लगी थी. उसे चोदने का ख्याल मेरे दिमाग़ से निकल गया था और जैसे ही तौलिया निकला, मैं डर के मारे उससे फिर से लिपट गया ताकि उससे पता ना चले. अब उसकी जाँघों का स्पर्श मेरे लंड से हो रहा था.. और आज पहली बार मुझे मेरे लंड पर गुस्सा आया कि आख़िर ये इतनी जल्दी क्यों खड़ा हो रहा है.

अनुराधा ने अपनी आँखें बंद रखी थीं और मेरी बांहों में थी. मगर उसे उसकी जाँघों में कुछ चुभने लगा. उसने नीचे देखने के लिए अपनी गर्दन झुकाई तो मैंने उसे रोक दिया.
मैं- नहीं अनु.. नीचे मत देख प्लीज़..
अनुराधा- क्यों भैया क्या हुआ?
मैं- आई एम सॉरी अन्नू.. लेकिन मेरा तौलिया निकल गया तो तेरी जाँघों के टच से मेरा लंड खड़ा हो गया.
अनुराधा- ही ही.. तो देखने दो ना..!
मैं- नहीं रहने दे अन्नू.. मैं नहीं चाहता कि ऐसा कुछ करे जो तू नहीं चाहती.
अनुराधा- भैया, आई लव यू और मैं ये चाहती हूँ.. और वैसे भी शायद तुम्हें याद नहीं लेकिन तुमने कहा था कि ये लंड मेरा है और मैं जब चाहूँ इसे प्यार कर सकती हूँ. मैं अब प्यार करना चाहती हूँ भैया.. मैं तुमसे बहुत प्यार करना चाहती हूँ.
मैं- ओह आई लव यू अनुराधा.

इतना कह कर मैंने उसे फिर से हग किया और उसे किस करने लगा. अब हम जी भर के बेताबी से किस कर रहे थे.. फ्रेंच किस कर रहे थे. मेरे हाथ उसके जिस्म पे घूम रहे थे.. मैं उसे महसूस कर रहा था.. उसके जिस्म के हर हिस्से पर मेरा हाथ चलने लगा था. वो अपनी उंगली धीरे-धीरे मेरे सीने, पेट और फिर मेरे लंड पे घुमाने लगी. उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.

अनुराधा- उहम्म.. ये तो और बड़ा हो गया है.
मैंने अनुराधा के मम्मे दबाते हुए कहा- तेरे भी तो ये बड़े हो गए है ना.
अनुराधा- तुम्हारे लिए ही बड़े हुए है ये भैया.. ताकि तुम इनसे खेल सको. मेरा जिस्म तुम्हारा ही है भैया.. मैं रांड हूँ तुम्हारी..

उसकी बातों से मेरा लंड पत्थर सा हो गया.. मैं कंट्रोल खो चुका था. मैं उसे हर जगह किस कर रहा था.. उसके पिंक होंठों, गोरे-गोरे हाथ, गर्दन, कान.. सभी जगह मेरे होंठ चल रहे थे.

मैंने उसे उठाया और उसने मेरी कमर के चारों तरफ अपने पैरों को क्रॉस करके लपेट लिए. उसने जो कुर्ती पहनी थी, मैंने वो एक झटके में ही निकाल दी.. और हम धीरे-धीरे बाथरूम की ओर जाने लगे थे. उसके गोरे जिस्म पे उसकी ऑफ वाइट कलर की ब्रा बहुत सूट कर रही थी. मगर मुझे उस वक़्त पसंद नहीं आई तो मैंने अपनी बहन की ब्रा का हुक खोलने लगा. मैं उसके मम्मों को ऊपर से ही किस करने लगा. उसके बिल्कुल वाइट मम्मे अब पत्थर से सख़्त हो गए थे.

फाइनली उसकी ब्रा मैंने निकाल दी और मुझे आज तक याद है वो दुनिया के सबसे पर्फेक्ट ब्रेस्ट्स थे.. दूध से सफ़ेद दूध लाइट ब्राउन निपल्स के साथ एकदम तने हुए थे और बिल्कुल सख़्त हो गए थे.
मैं उसके मम्मों को चूसने लगा. उसके निपल्स को दांत से बाईट करने लगा.
अनुराधा- अया… अया… आअहह उम्म भाई!

अचानक मेरी नजर उसके अंडरआर्म्स पे गई, मिल्की वाइट उसके आर्म पिट्स और उस में ब्राउनिश हेयर. मैं उसके आर्म्पाइट्स को किस करने लगा और नाक लगा कर सूंघा.
आह.. उसमें से बहुत ही एरॉटिक और मस्की स्मेल आ रही थी.

मैं उसे हर जगह चूस रहा था… उसने भी मेरी वेस्ट निकाल दी थी. अब मैं पूरी तरह नंगा था.. मेरा लंड मेरी बहन की गांड के नीचे झूल रहा था और वो मेरे निपल्स को चूस रही थी… मैं तो जैसे जन्नत में था.

हम फाइनली बाथरूम में पहुँचे.. उसकी जीन्स अब भी खुली थी. मैंने उसका बेल्ट ढीला किया और अगले ही पल वो जमीन पर खड़ी हो कर अपनी जीन्स उतारने लगी. उसके मिल्की वाइट, टोंड जाँघें, जिनके नीचे उसके पैरों पर एक भी बाल नहीं था. बिल्कुल चिकनी और सॉफ्ट स्किन थी. मैं उसके अंगूठे के नाखून से ऊपर उसके जिस्म को चूमता जा रहा था. मैंने उसकी जाँघों को बाईट भी किया.. वो आ उहह.. कर रही थी. मैं खड़ा हो गया तो वो समझ गई और तुरंत नीचे घुटनों के बल बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी.

मैं- आअहह.. अन्न्न्नुऊऊ.. अओउऊँ.. हह..

इतने सालों बाद उसके सुंदर हॉट होंठों ने मेरा लंड चूसा.. मेरी बहन अपने भाई का लंड चूसती रही. मैंने उसे रोका, मैं अभी झड़ना नहीं चाहता था. कुछ पल रुक कर अपने आपको ठंडा करने के लिए मैंने फव्वारा स्टार्ट किया. अब ठंडा पानी हमारे नंगे शरीरों पर गिरने लगा. उसकी क्रीम कलर की पैंटी पूरी तरह ट्रांसपेरेंट हो गई थी और मुझे उसकी झांटें साफ़ दिख रही थीं

अनुराधा- भैया..
मैं- हाँ अन्नू..
अनुराधा- अब मुझे भी झांट भी आ गई हैं.. आज चोदोगे ना अपनी बहन को?
मैं- हाँ अन्नू.. आज और अब तो तुझे हमेशा ही चोदूँगा.

हम फिर किस करने लगे और मैंने फिर उसे उठा लिया और बहन की पैंटी निकालने लगा. जैसे ही उसकी पैंटी उसके जिस्म से अलग हुई, बहन की खूबसूरत चुत मेरे सामने आ गई. एकदम पिंक कलर के उसकी चुत की फांकें और उन पर सुनहले ब्राउन कलर की झांटें उगी थीं. वो खड़ी थी.. मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसकी चुत को देखने लगा.
मैं- काफ़ी टाइम के बाद मिले हैं आज हम!

अनुराधा हंसने लगी.. वो मेरी तरफ देख रही थी, उसके होंठों पे मुस्कान थी और आँखों में एक चमक थी, जो सिर्फ़ प्यार में होने वाले इंसान में ही होती है. मैं समझ गया कि ये मेरी बहन मुझसे कितना प्यार करती है और मैं भी अपनी सिस्टर को प्यार करता था. मैं उसकी चुत को निहार रहा था.. फाइनली मैंने अपनी उंगली से उसके चुत के होंठों को फैलाया और अपनी जीभ उसकी चुत से टिका दी.

मैं अब उसकी क्लिट को चूसने लगा. वो अपनी गांड धीमे-धीमे हिला रही थी.. और मेरे बालों में उंगली घुमा रही थी. मैं एक हाथ से उसके मम्मों को मसलने लगा और साथ ही साथ अपनी बहन की चुत चूसने लगा.
अनुराधा- आह.. आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… उउम्म्म्म.. भाईई.. याह.. अह..

मेरी बहन अनुराधा का शरीर एकदम से ऐंठ गया और उसकी कुंवारी चूत से रस का ढेर सारा स्खलन हुआ, वो आनन्द से चीखने लगी, अपनी गांड को जोर-जोर से हिलाने लगी. उसके पैर अब थिरकने लगे थे और उसे खड़े रहने में मुश्किल हो रही थी. वो निढाल होकर नीचे बैठ गई, मैंने उसे सहारा दिया और किस करने लगा.

दोस्तो, इसके बाद क्या हुआ, आप अगले भाग में पढ़ें. मेरी इस सेक्स स्टोरी पर आप अपने विचार भेज सकते हैं.
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भाई बहन की कामुकता भरी कहानी जारी है.

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