कामुकता से भरी भाभी ने चूत चुदवाई

कामुकता से भरी भाभी ने चूत चुदवाई

अन्तर्वासना की सेक्सी स्टोरीज पढ़ने वाले मेरे प्यारे मित्रो, भाभियो, आंटियो, मेरा नाम सिड है और मैं उज्जैन का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 21 साल की है, कद 5 फीट 11 इंच है और रंग गोरा तो नहीं, पर ठीक ठाक है. मेरा लंड 7 इंच का है और मैं हर रोज जिम जाता हूँ तो शरीर जिम जाने की वजह से काफी अच्छा है.

यह जो सेक्सी स्टोरी मैं आपको बताने जा रहा हूँ, यह बात लगभग एक साल पहले की है, जब मैं इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष में था.
कहानी कुछ यूं शुरू हुई कि हमारा घर काफी बड़ा है, घर के पिछले हिस्से में एक और गेट है, जो एक गली की ओर खुलता है. पिछले गेट के ठीक सामने एक घर बना हुआ है, जिसमें कुछ परिवार किराये से रहते हैं.

उस वक्त दीवाली का समय था और सभी लोग अपने अपने घरों की सफाई में लगे हुए थे, तो मैं पीछे के गेट पर चला गया और अपने पालतू डॉग के साथ खेलने लगा. तभी मैंने अपने सामने वाले घर पर एक नया जोड़ा देखा, मालूम किया तो जानकारी हुई कि वो पिछ्हले हफ्ते ही उस घर में शिफ्ट हुए थे.

उन की दो साल पहले ही शादी हुई थी. भाभी का नाम किरण, वो 21 साल की थी, भैया दीपक 24 साल के थे और उन का एक 6 महीने का लड़का था. भाभी दिखने में किसी परी से कम नहीं थीं, उन का फिगर 34-30-36 का था. एक बच्चा होने के बाद भी ऐसा फिगार… मैं हैरान था.
वो अपने गेट पर बैठी थीं और अपने बच्चे को खिला रही थीं.

जब मैंने उन्हें देखा तो उन्होंने अपना मुँह दूसरी ओर घुमा लिया. मैं भी उन्हें इग्नोर करके अपने कमरे में चला गया.

अगले दिन मैं जब अपने घर के पीछे के हिस्से में गया, तो वो भाभी अपनी खिड़की पर खड़ी थीं, जो मेरे गेट के ठीक सामने थी. तब उन्होंने मुझे देखा और मुस्कुरा कर पीछे चली गईं, जो मुझे थोड़ा अजीब सा लगा.
कई दिनों तक वो मुझे यूं ही देखतीं और मुस्कुरा देतीं, तो मैं भी कभी कभी मुस्कुरा देता.

एक दिन जब मैं जिम से घर आया तो पीछे के गेट से अन्दर जाने लगा. तब वो अपनी खिड़की पर खड़ी थीं. उन्होंने मुझे देख कर आवाज़ लगाई और मुझे दुकान से दूध ला कर देने को कहा. जब मैं दूध ले कर आया, तब उन्होंने मुझे घर पर आने का न्योता दिया, तो मैंने इंकार कर दिया क्योंकि मुझे कोचिंग के लिए लेट हो रहा था.

फिर अगले दिन मैं पीछे के गेट पर अपने डॉग को बिस्किट्स खिला रहा था, तब वो मुझे खिड़की से देख रही थीं. तब भाभी ने मुझ से इशारों में मेरा फोन नंबर माँगा, तो मैंने उन्हें नंबर दे दिया.
शाम को किसी अनजान नंबर से मुझे कॉल आया तो मैं समझ गया कि किसका होगा.
जब मैंने कॉल उठाया तो भाभी की आवाज़ से मेरे होश उड़ गए, क्या सुरीली आवाज़ थी उनकी. मैंने आधे घंटे तक भाभी से बात की.

कुछ दिन यूं ही फोन से भाभी से बात करने के बाद एक दिन वो अपने गेट पर खड़ी थीं और मैं जब जिम से आया तो उन्होंने मुझे देख कर आँख मारी और मुस्कुरा कर अन्दर चली गईं.
तब मैंने उन्हें कॉल किया और पूछा कि ऐसा क्यों किया तो उन्होंने कहा कि कोई लड़की किसी लड़के को आँख क्यों मारेगी.

मैं कुछ समझ नहीं पाया, तब भाभी ने कहा कि अपने गेट पर आओ.
जब मैं अपने गेट पर गया तब उन्होंने अपनी खिड़की से मुझे एक फ्लाइंग किस किया और होंठ हिला कर ‘आई लव यू..’ कहा. मैं ये देख कर हैरान हो गया, मेरे होश उड़ गए थे.
फिर उन्होंने इशारे से पूछा कि क्या हुआ?
तो मुझे होश आया लेकिन मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा कि इतनी खूबसूरत भाभी मुझे मिल गई.

उस दिन रात को हमने खूब गरमा गरम बातें की. फिर अगले दिन मैं जल्दी से पीछे गया और उनके आने के बाद मैंने फ़ोन पर बात की और उनसे अपने ब्लाउज़ खोल कर अपने मम्मे दिखाने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया.

लेकिन मेरे जोर देने पर उन्होंने अपने बच्चे को गोद में उठाया और अपने ब्लाउज़ को खोल कर एक मम्मे से अपने बच्चे को दूध पिलाने लगीं और दूसरा मुझे दिखा दिया, जिसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने उनके ही सामने अपने लोअर के ऊपर से अपने लंड को मसला, जिसे देखकर भाभी ने एक कातिलाना स्माइल दी.

तभी पीछे से माँ ने आवाज़ लगाई कि वो मार्किट जा रही हैं और घर पर कोई नहीं है, तो घर का ध्यान रखना और इतना बोल कर वो चली गईं.
उनके जाने के बाद मैं तुरंत भाभी के घर चला गया और जैसे ही उन्होंने गेट खोला, मैंने उन्हें कस कर पकड़ लिया.
उन्होंने खुद को मुझसे दूर किया और कहा- यार, पहले गेट तो लगा लो.
यह बोल कर भाभी अपनी गांड मटकाते हुए किचन में चली गईं.

फिर जब वो वापस आईं, तब तक मैं सोफे पर बैठा लंड सहला रहा था. उन्होंने मुस्कुरा कर मेरे खड़े लंड को देखा और मुझे पानी देकर मेरे पास आकर बैठ गईं. मैंने उनसे मुन्ने के बारे में पूछा, उन्होंने कहा कि वो सो गया है.
तब मैंने भाभी को गले से लगा लिया और एक हाथ उनकी कमर पर फिराने लगा.
भाभी भी मुझसे लिपट गईं, मैं अपने होंठ उन के होंठों पर रख कर उन्हें चूमने लगा, तब उन्होंने भी मेरा पूरा साथ दिया और मुझे कस कर पकड़ लिया. फिर मैंने एक हाथ धीरे से उनके बाएं चुचे पर रख कर उनके एक चुचे को मसलने लगा, जिस से वो और उत्तेजित होने लगीं और भाभी के मुँह से गरम सिस्कारियां निकलने लगीं.

फिर मैंने भाभी को खड़ा करके धीरे धीरे उनके कपड़े निकालने शुरू कर दिए. सबसे पहले मैंने भाभी की साड़ी खींचनी शुरू की जैसे मैं उन का चीर हरण कर रहा हूँ. पूरी साड़ी खींच कर मैंने एक तरफ डाल ड़ी और भाभी को देखा तो केवल ब्लाउज पेटीकोट में वो कुछ शर्मा सी रही थी और उनके चेहरे पर एक सेक्सी मुस्कान थी. भाभी ने अपनी दोनों बाजू अपने वक्ष पर रख ली.
अब मैं उन के पेटीकोट को चूत की जगह पर घूरने लगा तो भाभी ने अपने हाथ अपनी छाती से हटा कर अपने पेटीकोट पर वहां रख लिए जहां मैं घूर रहा था.

मैं आगे बढ़ा और मैंने भाभी को बांहों में भर लिया, मैं उन के शरीर को चूमने लगा. जब मैं उन की वक्ष रेखा को चूम रहा था तो उन्होंने अपना एक हाथ मेरे सर पर रख कर मेरे सर को अपने चूचों के बीच लगा दिया.
मैंने अपने हाथ से उनके ब्लाउज़ के बटन खोलने शुरू कर दिए. उन्होंने अन्दर काली ब्रा पहन रखी थी. मैंने उनके ब्लाउज को उनकी बाजू से निकाल कर अलग कर दिया तो भाभी की आधी चूचियां मेरे सामने नंगी दिख रही थी.

अब उन्होंने भी मेरी टी शर्ट को उतार दिया तो मेरा सीना नंगा हो गया, भाभी मेरे सीने पर हाथ फेरने लगीं और मुझे किस करने लगीं. मैंने धीरे से उनकी पेटीकोट का नाड़ा खोल कर उसे उनके जिस्म से अलग कर दिया,
वो काली ब्रा और पैन्टी में क़यामत लग रही थीं. उनका जिस्म संगमरमर की तरह चमक रहा था.

फिर मैंने उन्हें अपनी बांहों में उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया और उन की ब्रा के हुक खोल कर उनके मम्मों को दबाने लगा और उन्हें मुँह में भर कर चूसने लगा, जिससे वो मचलने लगीं. अब भाभी धीरे से अपने एक हाथ से मेरी जीन्स को उतारने लगीं, तो मैंने उनकी थोड़ी मदद कर दी. जींस उतर गई तो भाभी ने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और उसे मसलने लगीं.

फिर मैं आहिस्ता आहिस्ता अपने एक हाथ को भाभी की चूत के ऊपर ले गया और पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को सहलाने लगा. चूत पर मेरे हाथ की छुअन से भाभी के मुँह से ‘अहह…’ निकल गई.

फिर मैं अपना हाथ भाभी की पैंटी के अन्दर डाल कर अपनी उंगलियां उनकी चूत के अन्दर डाल कर उसे सहलाने लगा. मुझे अपनी उंगलियों के ऊपर चूत रस की चिपचिपाहट महसूस होने लगी. साफ़ था कि भाभी की चूत बहुत गर्म हो चुकी थी और वो अपने पैरों से मेरे हाथ को अपनी चूत पर दबाए जा रही थीं. इस वक्त भाभी किसी मछली की तरह छटपटा रही थीं.

मैं धीरे धीरे उनकी नाभि को चूमता हुआ उनकी चूत के सामने आया और उनकी पैंटी को निकाल कर उनकी चिकनी, गुलाबी, बिना बालों वाली चूत को किस करने और चाटने लगा. अब तो भाभी एकदम जोर जोर से ‘आह्ह… सीड.. ओह्ह्ह और जोर से चाटो अहह उम्म..’ की आवाजें निकालने लगीं और मेरे सर को बालों से पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगीं.

मैं एक हाथ से उनके मम्मे दबा रहा था. वो बुरी तरह से तड़पने लगीं और मुझे पकड़ कर अपने ऊपर आने को कहा.

मैंने भी ज्यादा समय न गंवाते हुए अपनी अंडरवियर उतार कर अपना 7″ का लोहे जैसा सख्त लंड भाभी की चूत पर रख दिया. फिर धीरे से उनकी चूत के ऊपर लंड सैट करके एक धक्का लगा दिया. भाभी की चूत थोड़ी टाइट थी, जिससे उनको थोड़ा दर्द हुआ.

मैंने पूछा तब उन्होंने बताया कि उन के पति का लंड केवल 5″ का ही है और काफी पतला है. वो भाभी को चोदते तो खूब हैं लेकिन सिर्फ अपने मजे ले लिए… भाभी को उन से चुद कर कोई मजा नही आता. उनका अपना काम हुआ और बस पीठ मोड़ कर सो जाते हैं. भाभी की संतुष्टि से उन्हें कोई लेना देना नहीं है.

फिर मैंने भाभी को चूमते हुए एक धक्का और लगाया, तब मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में जड़ तक चला गया. भाभी के मुँह से ‘आह्ह्ह.. ऊऊउ उम्मम..’ की आवाजें निकलने लगीं.

मैंने जोरों से धक्के लगाना चालू किए, जिस से कुछ पल बाद भाभी भी जोश में आ कर मेरा साथ देने लगीं और अपने हाथ मेरी पीठ और छाती पर चलाने लगीं. साथ ही भाभी अपने पैरों को मेरी कमर से बांध कर अपनी गांड उछाल उछाल कर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगीं.

फिर मैंने भाभी से घोड़ी बनने के लिए कहा तो उन्होंने तुरंत पलट कर अपनी गांड मेरी तरफ कर दी. मैंने भाभी के दोनों गोल गोल चूतड़ों के बीच में अपना लंड टिकाया और पूरी गांड की दर्रा को सहलाते हुए चूत का छेड़ खोजने लगा. चूत का छेड़ मिलते ही अमिने एक जोर का ढका मारा और मेरा लंड भाभी की चूत के अन्दर… अब मैं भाभी को घोड़ी बना कर पूरा मजा ले ले कर चोदने लगा और वो भी सिस्कारियां लेती हुई चुदने लगीं.
भाभी ने मुझसे कहा- आह.. सिड.. बहुत मजा आ रहा है, मैं निकलने वाली हूँ..

मैंने अपना लंड चूत से बाहर खींच लिया और वो सीधी हो कर बिस्तर पर लेट गईं. मैं उं के ऊपर आ कर उन्हें अब मिशनरी पोजीशन में चोदने लगा. भाभी मेरे लंड के तगड़े झटकों से पागल होने लगीं और ‘अह्ह्ह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… ईईआह्ह्ह.. उह्ह म्म्म..’ करते हुए झड़ने लगीं. उन की चूत के गरम पानी की गर्मी से मैं भी उनके ही साथ उन की चूत के अंदर झड़ गया और भाभी के ऊपर ही लेट गया. कुछ देर बाद मैं भाभी के नंगे जिस्म के ऊपर से उतर कर उनकी बगल में लेट गया और हम दोनों एक दम निढाल होकर एक दूसरे की बाँहों में लेटे हुए एक दूसरे को 5 मिनट तक किस करते और सहलाते रहे.

भाभी बहुत खुश थी. और मुझे तो खुश होना ही था, मुझे एक बढ़िया सी चूत, वो भी बिल्कुल मुफ्त में, जो चोदने को मिल गयी थी.
तभी उन का बच्चा भी उठ गया और रोने लगा. तो मैं भी अपने कपड़े पहन कर घर जाने के लिए कह कर भाभी का एक लंबा चुम्बन लेकर अपने घर आ गया.

उसके बाद जब भी मुझे मौका मिलता तो मैं भाभी के घर में आ जाता और हम दोनों चूत चुदाई के मजे करने लगते.

दोस्तो, यह थी मेरे जीवन की पहली और सच्ची चुदाई की कहानी. आप मुझे मेरे ईमेल पर कमेंट्स भेज सकते हैं.
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