कुंवारी बहन के साथ सेक्स का मजा

कुंवारी बहन के साथ सेक्स का मजा

दोस्तो, मेरा नाम शुभम है और मैं चंडीगढ़ से हूँ. मेरी उमर 23 साल की है. मैं दिखने में स्मार्ट हूँ और मेरा रंग साफ़ है. मेरे लंड का साइज़ साढ़े छह इंच का है.

आज मैं आपको सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ, वो मेरी और मेरी कज़िन सिस्टर ममेरी बहन की है. उसका नाम अविका है उसका ये नाम बदला हुआ है. वो मुझसे एक साल छोटी है. उसका गांव चंडीगढ़ से तीस किलोमीटर की दूरी पर ही था.

मुझे मेरी कज़िन सिस्टर अविका शुरू से ही बहुत मस्त लगती थी और मेरे मन में कहीं न कहीं उसको चोदने की ललक थी. लेकिन वो मेरी ममेरी बहन थी, जिस वजह से मैं उसको चोदने का नजरिया बना ही नहीं पा रहा था. तब भी मैं उसके साथ हमेशा बातचीत करता रहा था. गर्मियों की छुट्टी में जब मैं मामा के घर रहने आ जाता था, तो हम दोनों बहुत मस्ती करते थे.

आगे बढ़ने से पहले आप भी अविका के रंग रूप और फिगर के बारे में जान लीजियेगा ताकि लंड हिलाने में आसानी हो. अविका की हाइट थोड़ी कम है, पर वो देखने में एक कांटा माल है. उसका फिगर 32-28-30 का है. जब भी मैं उसे देखता हूँ तो उसे चोदने का मन होने लगता है. मैंने उसके नाम की बहुत बार मुठ भी मारी है. उसको ध्यान में रख कर मैं 3 लड़कियों के साथ सेक्स भी कर चुका हूँ. जिनकी चुदाई करते वक्त मैं अविका को ही याद करके चुदाई का मजा लेता था.

फिर जब अन्तर्वासना पर बहन भाई की चुदाई की कहानियां पढ़ीं, तो मेरे मन में भी कुछ हिम्मत जागी और मुझे अविका की चुदाई करने की लालसा बढ़ गई. यह बात आज से एक साल पहले की है.

मैं पिछले साल होली पर उसके घर गया था. हालांकि मैं होली नहीं खेलता लेकिन उस दिन की होली ने मेरी लाइफ बदल दी. हुआ यूं कि मैं कमरे में अपने बेड पर लेटा हुआ आँख बंद करके कुछ सोच रहा था. तभी अचानक से अविका कमरे में आई और उसने एकदम से मुझे रंग लगा दिया. उन दिनों हल्की ठंडक रहती ही है उसके ठंडे हाथ से मैं एकदम से बौखला सा गया और जब रंग लगा देखा तो मुझे बहुत गुस्सा आया.

मैं उस पर चिल्लाने लगा और उसे पकड़ने के लिए बेड से उठा ही था कि वो हंसते हुए दौड़ लगा कर भाग गयी. मैं उसे पकड़ने को उसके पीछे भागा. मैं मामी को आवाज लगाते हुए उसकी शिकायत करने लगा. लेकिन उस समय मेरी मामी मंदिर गयी थीं.

उधर अविका भागते हुए बाथरूम में घुस गयी और उसने बाथरूम का दरवाजा अन्दर से बंद कर लिया. मैं भी गाल से रंग साफ़ करता हुआ बाथरूम के बाहर खड़ा खड़ा बड़बड़ाने लगा. वो अन्दर हंस रही थी और मेरी हालत का मजा ले रही थी.

मुझे एक तरकीब समझ में आई. मैं पैर पटकते हुए ऐसे आवाज करने लगा, जैसे मैं वहां से चला गया हूँ. लेकिन मैं बाथरूम के बाहर ही उसके निकलने का वेट करने लगा. पांच मिनट बाद जब उसे लगा कि शायद मैं चला गया हूँ. फिर जैसे ही उसने दरवाजा खोला, तो मैं भी बाथरूम के अन्दर घुस गया और उसे पकड़ कर उसकी पैन्ट की जेब से रंग निकाल कर उसे लगाने लगा.

मैंने उसके चेहरे पर उसकी कमर पर भी रंग लगाया. रंग लगाते समय वो मुझसे बचने की कोशिश कर रही थी, जिस चक्कर में मेरे हाथ उसके मम्मों पर लगे जा रहे थे. मैंने उसे इस तरह से पहले कभी टच नहीं किया था. आज ऐसा करते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा. इस वक्त मैंने उससे कसके पकड़ा हुआ था. मैं उसकी बॉडी फील कर सकता था. उसकी मदमस्त जवानी के स्पर्श से मैं अपना कंट्रोल खो चुका था. मेरी कजिन को भी मेरे हाथों की हरकत से और लंड की सख्ती से पता चल गया था कि मेरा सेक्स का मूड बन गया है और लंड खड़ा हो चुका है.

फिर ऐसे ही में मैंने शॉवर ऑन कर दिया. पानी गिरने से हम दोनों गीले हो गए. उसके कपड़े उसके जिस्म से चिपक गए. बस फिर मेरा दिमाग़ खराब हो चुका था. अब मैंने उसे किस करना प्रारम्भ कर दिया और अपने एक हाथ से उसके एक उरोज दबाने लगा.
वो मेरी इस हरकत से मुझे कहने लगी- ये क्या कर रहे हो, ये गलत है.
वो मुझे मना तो कर रही थी, लेकिन मुझसे अलग होने का प्रयास नहीं कर रही थी.

मैंने उससे चूमते हुए पूछा- क्या तुमको ये सब अच्छा नहीं लग रहा है?
उसने कहा- वो बात नहीं है शुभ … मुझे ये सब अच्छा तो लग रहा है लेकिन तुम मेरे भाई हो.
मेरा लंड फटने वाला था, मैंने कहा- तुम जवान हो और क्या तुमने भाई बहन के सेक्स की कहानियां नहीं पढ़ीं हैं?
बोली- हां मगर!
मैं कहा- बस कुछ नहीं बोलो … मैं तुमको बहुत पसंद करता हूँ. हम दोनों एक दूसरे के इस राज को राज ही बने रहने देंगे और अपनी आग को भी बुझा लेंगे.
ये सुनते ही उसने मुझे जकड़ लिया और कहने लगी- आह … शुभ मैं भी तुमको बहुत चाहती हूँ. पर समाज के भय से मैं अपनी बात तुमसे कह न सकी.

अब तक हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे और एक दूसरे को चूमने और चूसने में लग गए थे. तभी मैंने अपने आपको संभाला और मामी के आने के डर से उससे कहा कि हम लोग बाकी की प्यास बाहर चल कर बुझा लेंगे, अभी जल्दी से बाहर चलना चाहिए. तुम्हारी मम्मी भी आती होंगी.
उसने मेरी बात सुनकर एकदम से होश सा सम्भाला. हम दोनों जल्दी जल्दी फ्रेश हुए और नॉर्मल होकर बाहर आ गए.

वो इस दिन से मुझसे सैट हो गई थी. उस दिन के बाद जब भी चान्स मिलता तो हम किस कर लेते थे. मैं कभी उसके पीछे से किचन में जाकर उसके बूब दबा देता था.
उसके घर से आने का मन तो नहीं था. लेकिन मजबूरी में वापस आना पड़ा.

फिर हम दोनों की फोन पर ज़्यादा बात होने लगी. हम दोनों कजिन सेक्स के मौके की तलाश में थे.

तभी एक दिन उसके गांव में किसी के घर शादी थी, तो मामी और उसका भाई बरात में चले गए. अब घर में सिर्फ़ वो और उसकी दादी थीं. मामा ड्राइवर हैं, तो वो ज़्यादातर बाहर ही रहते हैं.

उस रात हमने प्लानिंग की और मैं रात में अपने घर से बिना किसी को बताए बाइक लेकर उसके घर पहुँच गया. उसने मुझसे कह दिया था कि तुम आकर बाहर वाले कमरे में ही आकर मुझे फोन कर देना. मैं कमरे की कुण्डी खोल कर ही अन्दर वाले कमरे में रहूंगी.

मेरी नानी यानि अविका की दादी को थोड़ा कम दिखाई देता है, तो ज़्यादा प्राब्लम नहीं थी. मैंने उसे आते ही फोन कर दिया था कि मैं बाहर वाले कमरे में आ गया हूँ.

रात को 11:30 बजे वो उस दूसरे रूम में आ गयी, जहां मैं छुपा हुआ था. उसके आते ही मैंने उसे ज़ोर से हग किया और एक दूसरे को किस करने लग गए. उसने टॉप और पजामा पहना हुआ था. फिर हम बेड पर आ गए.
पहले हमने कुछ देर मेरे फोन में पॉर्न मूवी देखी. वो बहुत गर्म हो गयी थी. तब फोन बंद किया और हम दोनों की किसिंग शुरू हो गई. मैं उसके मम्मों को दबाने का मजा लेने लगा. सच में उसके आमों ही मजा ही अलग है.

फिर मैंने धीरे धीरे अपनी ममेरी बहन को नंगी कर दिया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया. बिस्तर पर उसकी टांगें फैला कर उसकी पकौड़ा सी फूली अनचुदी चुत को चाटने लगा. वो चुदास से तड़प रही थी. उसने अपनी गांड उठा कर मेरे मुँह पर अपनी बुर रगड़ना चालू कर दिया था.

मैंने उसकी चुदास देखी तो झट से अपने कपड़े निकाल दिए. अब तक मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था. तब भी मैंने अविका से लंड चूसने को बोला. पहले वो मना करने लगी. जैसे सब लड़कियां शुरुआत में लंड चूसने से मना करती हैं, अविका भी मना कर रही थी.

फिर वो लंड चूसने को राजी हो गई. उसने मेरा सुपारा जीभ से चाटा फिर लंड को मुँह में भर लिया. वो लंड को दबा कर चूसने लगी. मैं भी उसके मुँह को चोदने लगा.

कुछ ही पलों में वो आउट ऑफ द कंट्रोल हो गई थी. अविका बोल रही थी- बस करो शुभम … अब रहा नहीं जाता … प्लीज़ अन्दर डाल दो.
मैंने कंडोम लगाया और चुदाई का खेल शुरू हो गया. मेरे लपलपाते लंड के सामने कुंवारी चुत चुदने को रेडी थी, जिसकी सील टूटने का पल आ गया था.

मैं धीरे धीरे उसकी चुत पर लंड घिस रहा था. उसकी टांगें लंड के स्पर्श से खुद ब खुद फैलने लगी थीं. मैंने उसकी टांगें पूरी तरह से खोल कर चुत फैलाई और लंड के सुपारे को बुर की फांकों में डालने लगा.

अभी मेरे लंड की सिर्फ़ टोपी ही अन्दर गयी थी, वो मना करने लगी. उसे अपनी बुर चिरती सी महसूस हो रही थी जोकि उसकी फैलती आँखों से समझ आ रहा था. मैंने बड़ी मुश्किल से अविका को समझाया और अपने लंड को धीरे धीरे घुसेड़ने लगा. मैंने उसके मुँह पर अपने होंठों का ढक्कन लगाया और जोर से लंड को पेला. मेरा लंड उसकी सील तोड़ता हुआ अन्दर तक चला गया.

वो चिल्लाने को हुई … लेकिन मुँह बंद होने से वो चीख न सकी, लेकिन उसकी छटपटाहट बता रही थी कि उसे भयंकर पीड़ा हो रही है. मैं अपना लंड अपनी कजिन की कुंवारी बुर में लंड घुसेड़ कर कुछ देर ऐसे ही रुक गया.
जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ, तो उसकी कमर ने हरकत करनी शुरू कर दी. मैं समझ गया कि इसको अब दर्द नहीं रहा. बस मैं उसकी चुदाई करने में लग गया. मैं ताबड़तोड़ धक्का लगाना चालू कर दिया. वो भी मस्त होकर लंड का मजा लेने लगी थी. यही कोई 12-13 मिनट तक मैंने उसे हचक कर चोदा और चूंकि मैंने कंडोम लगाया हुआ था तो उसकी बुर में ही मेरा पानी निकल गया. मेरे लंड का पानी तो मेरी बहन की चूत नहीं पी पाई फिर भी मेरे लंड फड़कने से उसकी बुर को भी बहुत सुकून मिला होगा.

उस रात मैंने उसे तीन बार चोदा फिर सुबह चार बजे अंधेरे में ही उसके घर से निकल कर अपने घर वापस आ गया.
इसके बाद तो जैसे हम दोनों को एक दूसरे की लत लग गई थी. हम दोनों ने ठान लिया है कि जब तक हम दोनों की शादी नहीं होगी, तब तक मैं उसे चोदता रहूँगा.

दोस्तो, आपको मेरी कजिन सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल जरूर करना. आप लोगों के अच्छे कमेंट्स मिले, तो इसके बाद मैं एक और कहानी बताऊंगा कि कैसे मैंने एक शादीशुदा औरत की चुदाई की.

मेरी मेल आईडी है.
[email protected]

#कवर #बहन #क #सथ #सकस #क #मज