गर्लफ्रेंड की चूत के साथ उसकी माँ की चूत फ्री

गर्लफ्रेंड की चूत के साथ उसकी माँ की चूत फ्री

कैसे हो दोस्तो, मेरा नाम विकास कुमार नागर है. मेरी उम्र 21 साल है और मैं यू.पी. से हूँ। मेरी हाइट 6.3 फीट है और मेरे लण्ड का साइज़ 7 इंच है। मैं एक गाँव का ही रहने वाला हूँ और देखने में अच्छा दिखता हूँ.

मेरी यह पहली सेक्स स्टोरी है जो मैं आप सब लोगों को बताने जा रहा हूँ जो एक सच्ची घटना है कि कैसे मैंने अपनी गर्लफ्रेंड और उसकी मम्मी को चोदा।

जब मैं स्कूल में था उस वक्त मुझे अपने ही स्कूल की एक लड़की बहुत पसंद थी. मैं उससे प्यार करता था और वो भी मुझे पसंद करती थी.

बात 2 महीने पहले की है, मेरी गर्लफ्रेंड अनामिका जिसकी उम्र 19 साल और फिगर 30-34-36 का है. जब हम दोनों ने बारहवीं पास की और फिर हम दोनों आगे की पढ़ाई के लिए अलग-अलग शहरों में चले गए. फिर भी हम दोनों एक-दूसरे से बिना बात किये नहीं रह पाते थे. हम दोनों को ही एक-दूसरे से बात किए बिना नींद नहीं आती थी.

फिर मैं छुट्टियों में घर आया. वो भी घर आई, मैंने एक दिन उससे मिलने को बोला तो वो मान गई. हमने रात को मिलने का प्लान किया. मैंने उसके साथ अभी तक किस के अलावा और कुछ नहीं किया था, रात को जब वो सभी के सो जाने के बाद मेरी बुलाई जगह पर आई तो हम दोनों में बातें होने लगीं. फिर हमने एक-दूसरे की पढ़ाई के बारे में पूछा और फिर बातों ही बातों में मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.
फिर अपनी तरफ खींच कर उसके गुलाबी होंठों पर किस करने लगा. उसने कोई विरोध नहीं किया।

अब वो भी गर्म हो चुकी थी और मेरा साथ दे रही थी। मैं लगातार किस किये जा रहा था और एक हाथ से उसके बूब्स को दबा रहा था। फिर मैंने उसके बूब्स को छोड़ कर नीचे उसकी चूत में हाथ डालना चाहा हो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और फिर बोली- आज नहीं किसी और दिन.
रात का वक्त था और समय भी काफी हो गया था। उसके बाद हम दोनों फिर एक बार ज़बरदस्त तरीके से किस करने लगे. फिर एक दूसरे को बाय बोला और अपने-अपने घर पर आ गए।

दो-तीन दिन बाद उसने दोपहर में फोन किया कि मैं घर पर अकेली हूँ. अगर तुम आ सकते हो तो आ जाओ.
और मैंने झट से हाँ कह दिया.

उसका घर मेरे घर से 1 किलोमीटर की दूरी पर था। मैं वहाँ पर गया और दरवाज़ा खटखटाया तो उसने पूछा- कौन है?
तो मैं बोला- विकास.
फिर उसने दरवाज़ा खोला तो मैं उसे देखता ही रह गया. क्या लग रही थी वह … उसने लाल रंग का सूट पहन रखा था.

फिर मैं अंदर गया तो उसने दरवाज़ा बंद किया और फिर मैंने उसे पीछे से पकड़ कर किस करना शुरू कर दिया। और किस करते-करते उसके रूम में चले गए।
उसके घर में पांच रूम थे।

मैंने किस करते हुए उसके सारे कपड़े निकाल दिये, फिर मैंने भी अपने कपड़े निकाल दिए. अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी. मैं ब्रा निकाल कर उसके बूब्स को चूस रहा था और एक हाथ से उसकी पैंटी के ऊपर से सहला रहा था।
फिर मैं उठा और अपनी अंडरवियर को निकाला. जब उसने मेरा देखा तो घबरा गई, मैंने अपना लण्ड उसके हाथ में दिया और उसे मुँह में लेने को कहा. पहले तो वह मना कर रही थी, फिर मान गई।

मैंने उसकी पैंटी निकाली और उसे देखता ही रह गया. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था जैसे मानो आज ही शेव किया हो, हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए. वो मेरा लण्ड और मैं उसकी चूत चाट रहा था।
मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाली पर चूत इतनी टाइट थी कि मेरी उंगली आसानी से अंदर नहीं जा पा रही थी। फिर मैंने जैसे-तैसे अपनी दो उंगलियों को उसकी चूत में डाल कर उसे चोदना शुरू कर दिया। इसी बीच वो एक बार झड़ चुकी थी।

तब अनामिका ने कहा- अब और न तड़पाओ मेरे राजा. चोद कर फाड़ दो मेरी चूत को, कई सालों बाद आज हमें यह मौका मिला है। चोद कर मेरी चूत का भोसड़ा बना दो आज तुम।
उसके बाद मैंने उसके पैरों को फैलाया और उसकी चूत पर लण्ड रखकर दबाया पर मगर चूत इतनी टाइट थी कि वो चिल्लाने लगी। फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर किस किया।

इसी बीच मैंने एक ज़ोरदार धक्का मार दिया और मेरा 3 इंच तक लण्ड उसकी चूत में जा चुका था। वो चिल्लाना चाहती थी पर मेरे होंठ उसके होंठों पर रखे हुए थे. मैं कुछ देर रुका रहा। वो दर्द के मारे रो रही थी.

जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने एक और ज़ोरदार धक्का मारा जिससे कि मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। वो दर्द के मारे कराह रही थी। फिर मैं कुछ देर तक रुका रहा, जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैं अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा.

अब उसको भी मज़ा आ रहा था और वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. आह … आ उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ … फ़क मी … जैसी आवाज़ें पूरे कमरे में गूँज रही थीं.

लगभग दस मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गई। पर मैं अभी नही झड़ा था, फिर मैं भी कुछ देर के बाद झड़ने वाला था तो मैंने पूछा- कहाँ निकालूं?
तो उसने बाहर निकालने को बोला.
4-5 धक्कों के बाद जब मेरा माल गिरने वाला था तो मैंने अपना लौड़ा उसके मुंह के पास ले जाकर उसके मुंह में झाड़ दिया। वो सारा माल पी गई।
फिर हम थक कर वहीं लेट गए।

कुछ देर बाद ही मैं उसके बूब्स को पी रहा था, वो मेरा लंड हाथ में लेकर सहला रही थी. कुछ देर बाद मेरा लंड एक बार फिर से सलामी देने लगा। इस बार अनामिका मेरे ऊपर होकर चुदाई करने लगी।

हम दोनों चुदाई में इतना खो गए थे कि हमको पता ही नहीं चला कि अनामिका की मम्मी हम दोनों की चुदाई को देख रही थी। उसकी मम्मी कहीं गयी हुई थी, पता नहीं कब वो वापिस आई और हेमन चुदाई करते देख लिया.

जब मेरी नज़र उन पर पड़ी तो हम दोनों तुरंत एक दूसरे से अलग हुए और अपने-अपने कपड़े पहने. फिर मैं शर्म के मारे उनसे अपनी नज़र नहीं मिला पा रहा था । फिर उन्होंने मुझे एक थप्पड़ मारा और बहुत डाँटा, और मैं वहाँ से चुपचाप अपने घर पर चला आया।

मैं उस दिन रातभर सो नहीं पाया. बस यही सोच रहा था कि अनामिका का क्या हुआ होगा क्योंकि उसने फोन भी नहीं किया मुझे।
अगले दिन अनामिका का फ़ोन आया.
मैंने पूछा- कैसी हो तुम, मम्मी ने तुमको ज्यादा डाँटा तो नहीं?
वह बोली- मैं ठीक हूँ. तुम अभी घर पर चले जाओ, मम्मी ने तुमको बुलाने को कहा है.
तो मैंने पूछा- तुम कहाँ हो?
तो अनामिका बोली- मैं अपनी सहेली के घर उससे मिलने आयी हूँ शाम को घर आऊँगी।

मैं भी डर रहा था कि अकेले में उन्होंने मुझे क्यों बुलाया है. कहीं आंटी मुझे फंसाना या धमकाना तो नहीं चाहती. मैं डर रहा था कि चुदाई के चक्कर में मैंने मुसीबत ही अपने गले में डाल ली.
मगर मेरी समझ में एक बात नहीं आ रही थी कि अगर आंटी को मुझे फंसाना होता तो उसने अकेले में मुझे घर क्यों बुलाया है. क्योंकि अनामिका भी घर पर नहीं थी. इधर उसने भी मुझे फोन पर यही बताया कि वो भी डर रही थी कि मम्मी ने मुझे क्यों बुलाया है।

मैंने सोचा कि कोई बात नहीं, अब पकड़े गए तो जाना तो पड़ेगा ही. अब और कोई रास्ता भी तो नहीं था. मैं सोच में पड़ गया था.
सच कहूँ तो मेरी गांड फटी जा रही थी आंटी के बारे में सोच कर. मैं नहीं जानता था कि बात यहाँ तक आ जाएगी. मैं सोच रहा था कि अगर यह बात मेरे घरवालों को पता लग गई और ज्यादा आफत आ सकती है. इसलिए मैं गहरी सोच में था.

अनामिका मुझसे बोली- विकास देखो, मम्मी जो बोलेगी तुम मुझे घर आकर सब बताना.
मैंने उससे कहा- ठीक है.
कहकर मैंने फ़ोन काट दिया।

मैं डरते-2 उसके घर पर गया और दरवाज़े को खटखटाया तो उसकी मम्मी ने दरवाज़ा खोला. वो बहुत गुस्से में थी तो मैं बहुत ज्यादा डर गया और डरते-डरते अंदर गया तो उन्होंने दरवाज़े को बंद किया.

फिर मुझे अपने बेडरूम में ले गयी, मुझसे पूछा- तुम मेरी बेटी के साथ ये सब कितने दिनों से कर रहे हो?
तो मैंने बोला- कल पहली बार ही था आंटी.
आंटी फिर बोली- सच-सच बता मुझे कब से चल रहा है ये सब?

तो मैंने अपनी मम्मी-पापा की कसम खायी तो उनको थोड़ा विश्वास हुआ मुझ पर और वो नॉर्मल होकर मेरे बगल में आकर बैठ गयी और बोली- देखो जो तुमने मेरी बेटी के साथ किया वो ठीक नहीं किया. अगर किसी को यह बात पता चल गई तो हमारी कितनी बदनामी होगी।
मैंने उनको सॉरी बोला और कहा- अब आगे से ऐसा काम नही करूँगा।

फिर आंटी को अचानक पता नहीं क्या हुआ और मुझसे बोली- नहीं … तुम आगे भी ऐसा काम कर सकते हो, इसीलिए तुम्हारे खिलाफ मैं अब पुलिस केस करूँगी कि तुम आगे कभी मेरे बेटी के साथ कुछ ग़लत न करो।
मैं आंटी के पैर पकड़ कर रोने लगा और उनसे कह रहा था- आंटी, अब कभी कुछ ऐसा काम नही करूँगा, प्लीज़ आप पुलिस केस मत करिये.
तो आंटी ने बोला- एक शर्त पर नहीं करूँगी।
मैंने कहा- क्या शर्त है बताओ, मैं सब शर्त मानने को तैयार हूँ।
फिर आंटी ने कहा- तुमको मुझे भी चोदना होगा.

यह बात सुन कर मैं तो चकित रह गया। फिर मैंने हाँ कह दिया।

आंटी ने मुझे बेड पर धकेल दिया और धकेलने के बाद मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरी पैंट खोलकर मेरे लण्ड को चूसने लगी। फिर नीचे से अपनी साड़ी को उठाकर लेट गई और मुझे अपनी चूत चाटने को कहा.
तो मैंने वैसा ही किया, उनकी चूत को बहुत चाटा।

अब आंटी से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मुझे बोल रही थीं- तेरे अंकल तो दिल्ली में एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब करते हैं. वो 3-4 महीनों में सिर्फ 5-6 दिनों के लिए आते हैं फिर चले जाते हैं तो मेरी चूत में खुजली होने लगती है इसीलिए आज तू मुझे खूब अच्छी तरह से चोद कर मुझे खुश कर दे.

ये सब बातें सुनते ही मैं भी और जोश में हो गया और आंटी को पेलने लगा. लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों साथ में ही झड़ गए.
आंटी बोली- विकास आज तूने मुझे खुश कर दिया।

बहुत दिनों के बाद उनकी चूत की खुजली शांत हुई थी तो आंटी भी काफी खुश लग रही थी. उन्होंने मुझे फिर गर्म दूध पिलाया और प्यार से मुझे अपने घर वापस भेज दिया.

मैं तो वैसे ही डर रहा था बेवजह. यहाँ तो अनामिका की मम्मी ही चुदक्कड़ निकली. मगर जो भी हो मेरे सिर से तो आफत टल गई थी. और सच कहूँ तो मुझे एक चूत के साथ एक चूत फ्री मिल गई थी.

उसके बाद तो मैंने उन दिनों माँ-बेटी की खूब चुदाई की. और अब भी जब कभी मौका मिलता है चुदाई करता हूँ।

दोस्तो, यह थी मेरे सेक्स की रीयल घटना जो मैंने आप लोगों के सामने प्रस्तुत की। आशा है कि आप सभी को मेरी ये सेक्स कहानी पसन्द आई होगी। आप मुझे ईमेल करें, जिससे कि मैं आप सबके लिए आगे भी कहानियाँ भेजता रहूँ।
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