चचेरी साली की चूत ठुकाई खुली छत पर

चचेरी साली की चूत ठुकाई खुली छत पर

दोस्तो कैसे हो.. सभी लड़कियों और भाभियों को मेरे लंड का सलाम और सब लड़कों को प्रणाम।

बहुत दिनों बाद कुछ लिखने का मौका मिला है।

दोस्तो मेरी शादी को 8-9 महीने हुए हैं।
मेरी बीवी के चाचा की लड़की मुझ पर पहले दिन से ही फिदा थी। उसका नाम पूजा (बदला हुआ नाम) है। मैं जब भी ससुराल जाता तो वह हमेशा मुझसे चिपक कर गले मिलती है।

वह गोरी-चिट्टी बड़े-बड़े चूचों वाली माल है। उसने 12वीं पास कर ली है। उसका फिगर 34-30-34 होगा। उसके साईज को याद करके मैं मेरी बीवी को बहुत खींच कर चोदता हूँ। जिसकी वजह से मेरी पत्नी बहुत खुश है और मुझसे बहुत मजे से चुदवाती है और मैं भी उसकी चूत को चाट-चाट के चोदता हूँ।

अब सीधा मुद्दे पे आता हूँ।

हुआ यह कि एक बार पूजा के पापा ने कहा- आज आप रात का खाना हमारे घर पर खाएंगे।
मैंने ‘हाँ’ कर दी।

रात को मैं और मेरी पत्नी उनके घर गए। हमने खाना खाकर कुछ बातें की, फिर मैं टहलने के लिए छत पर आ गया.. पांच मिनट बाद पूजा भी आ गई।

वो मेरे पास आकर बैठ गई और मुझसे मेरा मोबाइल फोन माँगने लगी, मैंने मोबाइल दे दिया।
उसने सीधे व्हाटसैप के वीडियोज चला लिए।

देखते-देखते ही एक पोर्न फिल्म चल पड़ी।

थोड़ी देर देखने के बाद उसने मोबाइल मुझे वापिस दे दिया और जाने लगी।
मैंने पूछा- क्या हुआ कहाँ जा रही हो?
वह बोली- नीचे जा रही हूँ.. मम्मी इंतज़ार कर रही होंगी।
मैं बोला- मोबाइल नहीं चलाओगी?
तो बोली- नहीं..
मैं- क्यों?
पूजा- इसमें वो वाली वीडियो हैं.. आपने पता नहीं अपने मोबाइल में क्या-क्या भर रखा है।
मैंने भी खुल कर कह दिया- सेक्सी फिल्में हैं।

फिर वह चुप हो गई और बैठी रही।
थोड़ी देर बाद मैंने उसके कंधे पर हाथ रख दिया और सहलाते हुए कहा- तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेंड है?
वह बोली- नहीं।

मैंने उसका चेहरा ऊपर किया और उसके होंठ चूम लिया।
पूजा- नहीं जीजू.. कोई आ गया तो?
मैं समझ गया कि वह भी तैयार है।
मैं- ओके.. फिर कब?
पूजा- अगली बार!

फिर भी मैंने उसके मम्मे खूब दबाए। उसने भी मुझे नहीं रोका।
मैंने कहा- एक बार निप्पल चूस लेने दो।
वो बोली- नहीं!

मैंने कहा- ठीक है.. पर एक बार अच्छे से किस तो करने दो।
तो वो मान गई।
मैंने भी खूब जी भर के उसके होंठ चूसे।

उसके बाद हम अपने घर आ गए।

लगभग 2 हफ्तों बाद मैं वहाँ फिर गया.. और इस बार मैं अपने साथ नींद की गोलियां लेकर गया।
रात को अपनी ससुराल से खाना खाने के बाद मैं पूजा के घर चला गया।

वहाँ चाचाजी बोले- पूजा सबके लिए दूध ले आ।

मैं भी पेशाब का बहाना बनाकर उसके पीछे-पीछे चल दिया।

जब पूजा ने देखा कि मैं आ रहा हूँ तो वो दीवार के साथ साइड में हो गई.. जहाँ हमें कोई देख नहीं सकता था।
मैंने पूजा से कहा- मैं नींद की गोलियां लाया हूँ।
तो वो मुस्कुरा दी..
मैं समझ गया कि आज ये पूरे मूड में है।

मैंने मौका देखकर उसे गोलियां पकड़ा दीं। उसने गोलियां मेरे और अपने दूध को छोड़ कर सबके दूध में मिला दीं।

आधे घंटे बाद सब सोने लगे.. चाचाजी ने कहा- मनु तुम भी यही सो जाओ।
अँधा क्या चाहे दो आँखें..
मैंने ‘हाँ’ कह दी और चाचा जी के पास वाले बिस्तर पर लेट गया।

थोड़ी देर बातें करने के बाद चाचाजी सो गए।

मुझे तो नींद ही नहीं आ रही थी, मैं बस उस पल का इंतज़ार कर रहा था कि कब वो घड़ी आए।

करीब एक घंटे बाद सब गहरी नींद में सो गए तो पूजा आई और मुझे इशारा करके छत पर चली गई।
उस समय रात के एक बजा होगा।

दो मिनट बाद मैं भी पहुँच गया। उसने काला लोअर और सफ़ेद टी-शर्ट पहनी थी जिसमें वो रात में भी गज़ब ढा रही थी।
उसके निप्पल उसकी टी-शर्ट फाड़ने को तैयार थे।

जाते ही वह मुझसे लिपट गई.. हम एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने और चूसने लगे।

हम दोनों ने लोअर टी-शर्ट पहनी थी। मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल दी।
गर्मी की वजह से उसने नीचे कुछ भी नहीं पहना था।

हाए.. क्या बताऊँ क्या चूचे थे.. दूध से सफेद.. गोल-गोल मुलायम-मुलायम..

दोस्तो.. मुझे पूरा विश्वास है कि आपके लंड ने आपकी पैंट का तम्बू बना दिया होगा और पैंट फाड़ने को उतावला हो रहा होगा।
चलो वापिस चुदाई पर आता हूँ।

उसके गुलाबी निप्पल.. जैसे वनीला आइसक्रीम पर किसी ने चेरी लगा दी हो।
मैं तो पागल हो गया.. निप्पल चूसने लगा।
वो ‘उउ..उ.. आआआ..हाहा..’ करने लगी।

उसके मदमस्त चूचों को चूसना क्या.. मैं तो काटने भी लगा था।
उससे रहा नहीं गया और उसने मेरा लंड पकड़ा और हिलाने लगी।

बिना समय गुजारे मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया, खुद को भी कर लिया।
मुझसे भी रहा नहीं गया और मैंने पूजा से कहा- चारपाई पर लेट जाओ।

फिर मैंने अपना सबसे पसंदीदा काम चूत चाटना शुरू किया.. तो वह एकदम से बोली- हाय जीजू.. इस्स.. आअह्ह्ह्ह..
फिर मैंने चूत का दाना अपने मुँह में डाला और किसी टॉफ़ी तरह चूसने लगा।
क्या बताऊँ.. ऐसा मज़ा तो टॉफ़ी चूसने नहीं आता.. जैसा चूत का दाना चूसने में आता है।

पूजा- जीजू.. आह आह अअउउ… मजा आ रहा है।
उसकी चूत गीली होने लगी।
मैं उसकी चूत को चाट-चाट कर सुखाने लगा।
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अब मेरा भी मूड पूरा बन चुका था। मैंने अपना लंड पकड़ा.. जो पूरी तरह तना हुआ था। मैंने अपना लंड चूत पर रखा और मुँह में मुँह डाला और धक्का मार कर लंड को टाईट फुद्दी में पेल दिया।

अचानक दबी चीख के साथ उसकी आँखें बंद हो गईं। मैं बुरी तरह डर गया, मैं रुक गया, बोला- पूजा पूजा..
पूजा- हाँ सुन रही हूँ.. जीजू बहुत दुख रहा है.. सहन नहीं होता.. मेरी जान..
मैं- बस मेरी जान.. अब सब कुछ ठीक हो जाएगा।

फिर मैंने एक और धक्का मारा.. लंड पूरी तरह से चूत में घुस गया।
मैं फिर रुका.. कुछ पल बाद वह नॉर्मल थी।
मैं- पूजा मजा आ रहा है ना..
पूजा- हाँ जीजू.. मेरी जान.. चोदो अपनी इस आधी घरवाली को.. आहह.. आहा.. ऊऊहह..

मुझे भी पूरा जोश आ गया और मैं जोर-जोर से लंड ठोकने लगा।
थोड़ी देर बाद हम दोनों एक-दूसरे के साथ चिपक गए।
पांच मिनट बाद पूजा- जीजू लव यू.. बहुत मजा आया।

वो मुझे बांहों में ले कर चूमती रही.. शायद उसे मुझ पर बहुत प्यार आ रहा था।
उसने कहा- जीजू अब आप जब भी आओ.. तो मुझसे मिले बिना कभी मत जाना।
मैंने कहा- नहीं मेरी जान.. तुमसे मिले बिना कभी नहीं जाऊंगा।

उसने मुझे चूम लिया।
मैंने उससे पूछा- पूजा बताओ सबसे अच्छा क्या लगा?
तो वो बोली- सब बहुत मजेदार था।

मैंने कहा- सबसे ज्यादा मज़ा किसमें आया।
वो कहने लगी- जब आपने मेरी चूत और मेरा दाना चूसा तब..
ये सुनकर मैं फिर से मूड में आने लगा.. लंड फिर तन गया।

मैंने पूजा की तरफ देखा.. तो वो मुस्कुरा दी।
मैंने इशारे से पूछा.. उसने ‘हाँ’ कह दी।
वो बोली- एक शर्त पर..
मैंने कहा- क्या?
तो कहने लगी- चूत जरूर चाटना और चूसना।
मैंने कहा- ये काम तो मैं बिना तुम्हारे कहे ही करने वाला था।

वो हँसने लगी.. मैंने फिर उसकी टांगें चौड़ी की.. और उसकी टांगों में अपना मुँह रख दिया।
वो ‘ऊऊउ.. आआअह..’ करने लगी.

उसके बाद फिर से एक बार चोदा।

मैं वहाँ 2 दिन तक रुका और पूजा की चूत खूब बजाई।
अब जब भी जाता हूँ तो नींद की गोलियां लेकर जाता हूँ और पूजा की चूत का खूब बाजा बजाता हूँ।

मेरी साली की ठुकाई कैसी लगी.. जरूर बताना, भूलना नहीं।

अपने सुझाव देना कि उसको और कैसे चोदूँ।
आपका अपना मनु
[email protected]

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