चचेरी साली की सील पैक चूत की चुदाई

चचेरी साली की सील पैक चूत की चुदाई

मैं कुमार सोनू.. मेरी हाइट 165 सेंटीमीटर है.. मेरा लौड़ा 5 इंच का है और मैं दिल्ली से हूँ।

आज मैं पहली बार कहानी लिख रहा हूँ.. वैसे मैं इस वेबसाइट का पाठक करीब एक महीने से हूँ.. पर पहले पता नहीं था कि इस वेबसाइट की अहमियत कितनी है, रोजाना इस वेबसाइट को लाखों लोग पढ़ते हैं।

कहानी दो साल पहले की है.. जब मेरी बीवी को पहला बच्चा हुआ था और मैं उस वक्त ससुराल में गया था। उस दिन सारा दिन हॉस्पिटल के चक्कर काट कर मैं थक गया था, मैं हल्का खाना खा कर गर्मी होने के कारण ऊपर छत पर सोने चला गया।

थके होने का कारण जल्दी ही नींद भी आ गई। जब करीब 2 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा की मेरी चचेरी साली यानि मेरी बीवी के चाचा की बेटी.. मेरे बगल में सो रही है।

मैं उठा और टॉयलेट से होकर वापस आया तो देखा कि साली अपने मम्मों पर हाथ फेर रही है। मैं समझ गया कि साली सोई नहीं थी.. बल्कि सोने का नाटक कर रही थी।
फिर मैं भी आकर अपने जगह पर सो गया। तो वो भी सोने का नाटक करने लगी।

मैं धीरे से उसके बगल में हल्का सा चिपक कर लेट गया। थोड़ी देर में वो मेरी तरफ अपनी गाण्ड करके सो गई। मैं अपना हाथ उसके चूतड़ों पर रख कर हल्का सा सहलाने लगा.. वो कुछ नहीं बोली बल्कि सोने का नाटक करती रही।

फिर मैंने उसके सामने की तरफ आकर अपनी चादर ले जाकर सो गया और कुछ पलों बाद उसके मम्मों को सहलाने लगा। उसने कोई विरोध नहीं किया बल्कि मज़े लेने लगी। फिर उसकी रजा देख कर मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी सलवार को खोलने में लगा दिया।

उसे अब पता चल गया कि अब उसका काम उठने वाला है.. तो उसने मेरे हाथ को पकड़ कर हटा दिया और हाथ को पकड़ कर अपने मम्मों पर रख दिया।

फिर मैं दोनों हाथों से उसके मम्मों को हल्का-हल्का मसलते हुए दबाने लगा, अब वो मज़े लेकर गरम होने लगी थी।
फिर कुछ देर के बाद मैं उसकी बुर को टटोलने लगा.. तो मैंने पाया कि उसकी बुर भीग चुकी है।
मैं सलवार का नाड़ा खोलने का प्रयास करने लगा.. उसने इनकार करते हुए मेरा हाथ पकड़ कर हटा दिया।

फिर मैं परेशान हो कर उसके सामने ही अपना लौड़ा हिलाने लगा और मैंने मुठ्ठ मारने का फ़ैसला कर लिया और अपना लंड हिलाते हुए तेज-तेज मुठ मारने लगा तो उसने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने मम्मों पर रख दिया, मैंने उसे खींच लिया।
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अब वो बुरा सा महसूस करने लगी। फिर मैंने मुठ्ठ मारते हुए अपना माल उसकी तरफ घुमा कर उसकी मुँह पर छोड़ दिया।

उसके मुँह पर मेरी मलाई लग गई.. वो एकदम से अचकचा गई.. उसे समझ नहीं आया कि ये क्या हो रहा है।
फिर मैंने उससे पूछा- तुम यहा क्यों सोने आई हो?
वो बोली- गर्मी काफ़ी हो रही थी इसलिए..

फिर मैं समझ गया था कि इसे चुदने का मन है.. इसलिए ऊपर आई है.. पर खुल नहीं पा रही है।

मैं फिर उसका नाड़ा खोलने का प्रयास करने लगा… इस बार वो मना नहीं कर रही थी। वो बोली- मम्मी और पापा कहीं गए हुए हैं इसलिए कमरे में चलते हैं.. बाकी का काम वहीं पर पूरा करेंगे।

वहाँ जाने पर पता चला कि बिजली भी नहीं आ रही है और काफ़ी देर से बिजली नहीं रहने के कारण इनवरटर भी बोल चुका था।

मैं तो चुदास से बेताब हुए जा रहा था। मैंने बोला- कोई बात नहीं.. मोमबत्ती जला लेते हैं।
वो बोली- देखना क्या है?
मैंने बोला- देख कर चोदने में ज़्यादा मज़ा आता है।
वो बोली- फिर मुझे शर्म आएगी..
मैंने कहा- कोई बात नहीं.. पहली बार सबको शर्म आती है।

वो चुप रही और उसने मोमबत्ती जला कर टेबल पर रख दी।

मैंने उसे अपनी ओर खींचा तो वो मुझे किस करने लगी.. मैं भी साथ देने लगा।
अब वो फिर से गरम होने लगी थी.. मैंने उसकी शमीज़ खोल दी और पाया कि करीब 1.5 किलो के उसके बड़े-बड़े चूचे बाहर आने को बेताब हैं।

मैंने पूछा- पहले कभी सेक्स किया है कि नहीं?
वो गुस्सा हो गई और बोली- किया होता तो आपके पास क्यों सोती?

मैं उसे मनाने लगा.. फिर वो गरम होने के कारण जल्दी से मान भी गई और फिर हम दोनों चूमा-चाटी करने लगे।

मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और दूध दबा कर पीने लगा।
अब वो मुझे जोरदार किस करने लगी थी.. मैं उसकी सलवार खोलने लगा। उसने इस बार मना नहीं किया और मैंने फटाफट नाड़ा खोल दिया।

सलवार एक झटके में खींच कर निकाली जिसमें उसने भी अपने पैर उठा कर सहयोग किया।

मैंने पैन्टी के नाम पर छोटा ढक्कन चूत के ऊपर से झट से खोल दिया और उसकी मखमली बुर पर हाथ से सहलाने लगा।
वो बोली- जीजाजी.. बच्चा तो नहीं होगा ना?
मैंने कहा- कोई बात नहीं कल सुबह दवाई ला कर खिला दूँगा।
फिर बोली- ठीक है कोई बात नहीं..

अब वो काफ़ी गरम हो चुकी थी और मेरे कपड़े खींचने लगी। मैंने भी झट से अपने कपड़ा खुलवा लिए और वो मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी बुर में घुसड़ेने की कोशिश करने लगी।
इमैंने कहा- तुमसे नहीं घुसेगा.. मैं ट्राई करता हूँ।

मैंने उसे बिस्तर पर चित्त लेटा दिया और लौड़ा उसकी बुर में घुसड़ेने लगा।
वो बोली- जीजाजी बहुत दर्द हो रहा है और डर भी लग रहा है।

मैंने बोला- पहली बार सबके साथ होता है.. तू चिंता मत कर।

मैंने बातों-बातों में ही एक हल्का सा शॉट लगा दिया.. लौड़ा चूत में गप गया.. वो ज़ोर से चिल्लाई।

इतने में उसकी दीदी यानी मेरी बीवी उसे देखने के लिए कमरे में आने लगी उसकी पायल की आवाज़ सुनकर मैं बिस्तर के नीचे छुप गया और साली अपना चादर ओढ़ कर लेट गई।

इतने में मेरी बीवी आकर पूछने लगी- क्या हुआ?

वो बोली- कोई बात नहीं दीदी एक बुरा सपना देखा था।

तो मेरी बीवी बोली- चल.. मेरे बगल में सो जा.. नहीं तो फिर डर जाएगी।

वो बोली- हाँ चलो.. मैं अभी आती हूँ।

इतने में मेरी बीवी बच्चे के जाग जाने के कारण जल्दी से कमरे से चली गई।

मैंने भी नीचे से निकल कर अपनी साली को पकड़ लिया और उसका चूचा फिर से पीने लगा।

वो बोली- रुको जीजा डार्लिंग.. अभी कुछ देर में आती हूँ.. ताकि दीदी को शक ना हो।

मैं इंतजार करने लगा.. करीब 4 बजे वो आई और इतने में मैं दो बार मुठ्ठ मार चुका था।

उसके आते ही मैं उस पर टूट पड़ा और वो भी बोली- जल्दी कीजिए.. सुबह हो गई है।
िमैंने जल्दी से उसका कपड़े खोल दिए और उसे गरमाने लगा, वो जल्दी गरम हो गई।

मैंने फिर से उसे बिस्तर पर चित्त लिटा दिया और चोदने के आसन में लाते हुए एक तकिया उसके चूतड़ों के नीचे लगा दिया.. ताकि जल्दी से मेरा लंड उसकी बुर में घुस जाए और हमारा चुदाई का खेल पूरा हो जाए।

मैंने तकिया लगाने के बाद एक बार उसकी बुर पर देखा कि वो तेल लगा कर आई है और अपनी बुर की झांटें भी साफ़ करके आई है।
मैंने हँस कर पूछा- क्या करने गई थी और क्या करके आई हो?
वो बोली- मैं यही तो करने गई थी… अब तो तुम्हें और भी मज़ा आएगा।

मैंने अपने लंड को उसकी बुर पर रख कर एक हल्का सा झटका मारा.. अब वो रोने लगी.. क्योंकि उसकी सील नहीं टूटी थी।

मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह रख उसका मुँह बंद किया और करीब दो मिनट तक उसे चूमता रहा.. जब उसका दर्द कुछ कम हुआ.. तो फिर धीरे-धीरे करते हुए अपना लंड आगे-पीछे करने लगा।

अब उसे मजा मिलने लगने लगा था ज्यों ही उसके चूतड़ उछले मैंने और एक जोरदार शॉट लगा दिया।
वो कराहते हुए बोली- उई.. जीजाजी बहुत दर्द हो रहा है..
मैं बोला- अभी एक मिनट के बाद तुम्हें जन्नत में होने का अहसास मिलेगा।

मैं धीरे-धीरे अपने लंड को आगे-पीछे करने लगा। अब उसे मज़ा आने लगा था और वो बोलने लगी- जीजाजी करते रहिए ना.. छोड़िएगा नहीं.. करते रहिए..

मैं करीब 5 मिनट तक उसे मज़े दे कर चोदता रहा और वो लण्ड के मज़े लेती रही।

अचानक उसने मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और मेरे शरीर को जकड़ने लगी.. मैं समझ गया कि अब वो आने वाली है।
तभी मुझे लगा कि उसने मेरे लंड पर एकदम गरम लावा छोड़ दिया गया है।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- आह्ह.. बहुत मज़ा आया..

मैंने धीरे-धीरे से अपने स्पीड बढ़ा दी और ‘फॅक.. फॅक..’ की आवाज़ सुनकर मुझे और भी मज़ा आने लगा था।
अब करीब और 5 मिनट के बाद वो फिर से झड़ गई और मैं भी अब गिरने ही वाला था।
मैंने पूछा- कहाँ गिराऊँ.. बाहर छोड़ दूँ तुम्हें बच्चा ना हो?
तो वो बोली- मेरे अन्दर ही टपका दीजिए.. देखती हूँ कैसा लगता है।

मैंने दस बीस झटके तेज लगा कर अपना पूरा लावा उसके अन्दर ही छोड़ दिया।

हम दोनों एकदम से चिपक कर लेटे रहे.. इतने में सुबह हो गई थी। मैं कुछ देर और उसके ऊपर ही लेटा रहा और फिर रात को मिलने के वादे के साथ अपने-अपने कपड़े पहनने लगे।

परिवार के लोगों को दिखाने के लिए मैं फिर से छत की तरफ चल पड़ा।

करीब 6 बजे मेरी बीवी मेरे पास आई और पूछने लगी- क्या बात है रात को नींद नहीं आई क्या.. अभी तक सो रहे हो?
मैंने बोला- गर्मी की वजह से नींद नहीं आई।

तो दोस्तो, यह थी मेरे चचेरी साली के साथ मस्ती भरी चुदाई जो अनायास हो हो गई थी।
अगर आप मुझसे कुछ कहना चाहते हैं तो मुझे मेरी ईमेल पर जरूर लिखिएगा।
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