चुदाई की कहानी बस में मिली एक अनजान लड़की की

चुदाई की कहानी बस में मिली एक अनजान लड़की की

यह मेरी चुदाई की कहानी है.. पहली बार लिख रहा हूँ, कोई ग़लती दिखे तो माफ़ कर दीजिएगा।
मैं मयंक हरियाणा के भिवानी जिले का रहने वाला हूँ। मैं एक 37 साल का आकर्षक सा दिखने वाला युवक हूँ।

दोस्तो, मैं एक बार बस से बहादुरगढ़ जा रहा था.. बस में काफ़ी भीड़ थी। मैं तीन सवारी वाली सीट पर बैठा था और सोच रहा था कि यदि कोई मस्त सी लड़की आएगी तो मैं उसको सीट दे दूँगा, जिससे मेरा सफर सुहाना हो जाए।

जैसे ही बस रोहतक पहुँची.. बस में और सवारियां चढ़ गईं और बस खचाखच भर गई। उस भीड़ में एक लड़की मेरे पास आकर खड़ी हो गई। मैंने दिमाग चलाया, मेरे बाजू में दो लड़के बैठे थे। मैंने उनको थोड़ा सरकने को कहा और उसको मेरे पास बैठने को कहा।
वो मेरे पास बैठ गई।

थोड़ी देर बाद उसने अपना फोन निकाला और कहीं मिलाया। शायद उसका फोन नहीं लगा.. इस वजह से उसने कई बार फोन मिलाया।
लेकिन जब नहीं मिला, तो मैंने पूछ लिया- क्या बात है.. आपको कहाँ जाना है.. और आपका फोन नहीं मिल रहा है तो मेरा ले लीजिए।

थोड़ा सोचने के बाद उसने मेरा फोन ले लिया.. तो मेरा फोन भी उधर से नहीं उठा.. तो वो थोड़ा परेशान हो गई।
मैंने उससे दोबारा पूछा- आपको कहाँ जाना है?
तो उसने बताया- आज मेरा बी.एड का पेपर था और मेरे साथ का लड़का फोन नहीं उठा रहा। मुझे बहादुरगढ़ से नजफगढ़ जाना है।
तो मैंने कहा- आप चिंता मत कीजिए.. मैं आपको नजफगढ़ की गाड़ी में बैठा दूँगा।

अब इस तरह से हमारी बातें शुरू हो गईं। उसने अपना नाम सरिता बताया और उसने बताया कि वो अपनी बड़ी बहन के पास एग्जाम के लिए दिल्ली आई हुई थी।
उसका गाँव राजस्थान में कहीं बताया। उसने मेरे बारे में भी पूछा और मैंने सब कुछ बता दिया।

मैंने उससे फ्रेंडशिप की बात की, तो उसने कहा- मैं लड़कों पर भरोसा नहीं करती।
मैंने कहा- हर लड़का खराब नहीं होता।
तो उसने कहा- बाद में आप भी मेरा फोन नहीं उठाओगे.. जैसे ये नहीं उठा रहा है।

मैंने उस लड़के के बारे में पूछा, तो उसने उस लड़के के बारे में बताना शुरू किया।
मैंने कहा- मैं ऐसा नहीं हूँ।
इस पर कुछ सोचने के बाद उसने मुझसे हाथ मिला लिया और कहा- कसम ख़ाके कहो कि हर बार फोन उठाओगे।

मैंने ‘हाँ’ कर दी और मन में सोचने लगा कि शायद आज चुदाई की कहानी बन ही जाए!
थोड़ी देर बाद बहादुरगढ़ आ गया और हम बस से उतर गए। मैं उसको मेरे अंकल के घर ले गया जहाँ पर वो रहते नहीं थे.. उस घर की चाभी मेरे पास थी।

उसने कहा- पर हम क्या करेंगे.. मुझे देर हो रही है।
मैंने कहा- थोड़ी देर बैठो खाना ख़ाके चली जाना।
वो अन्दर आ गई।
मैंने कहा- मैं खाना ले कर आता हूँ.. आप फ्रेश हो जाओ।
उसने कहा- आप बैठ जाओ.. बातें करते हैं।

मैं उसके पास बैठ गया तो मेरे बैठते ही उसने मुझे किस कर लिया। मैं एकदम से चौंक गया।

मैंने सोचा कि जो काम मैं करने वाला था.. वो तो इसने ही आसान कर दिया। फिर मैंने भी उसको बांहों में भर लिया और उसके होंठ चूसने लगा। साथ ही मैं एक हाथ उसकी चुची पर फेरने लगा.. इससे वो गरमाने लगी और मेरा साथ देने लगी।

कुछ देर में वो मना करने लगी कि इससे आगे और कुछ नहीं।
मैंने कहा- ठीक है.. ये तो करने दो।

मैं उसको और गर्म करने लगा और उसके दोनों पैरों के बीच में हाथ ले गया। मैंने देखा कि उसकी सलवार गीली हो चुकी थी। मैं उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चुत पर हाथ फेरने लगा।
वो जोर-जोर से सांसें लेने लगी।

मैंने मौका देख कर उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट गया। अब मैं उसको जोर-जोर से किस करने लगा, एक हाथ से उसका कमीज़ ऊपर सरकाने लगा और पीछे से उसकी ब्रा के हुक खोल दिए।
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कसम से इससे शानदार चीज़ मैंने आज तक नहीं देखी थी, बिल्कुल सफेद और बिल्कुल मुलायम माल हाथ लगा था।

मैं उसके मम्मों को जोर से दबाने लगा और चूसने लगा। अब मेरी चुदाई की कहानी बन ही गई थी, वो भी अब बेकाबू हो रही थी और बार-बार मेरा लंड पकड़ रही थी।
जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… प्लीज़ अब मत तड़पाओ और मेरी प्यास बुझा दो।

मैं उसको और तड़पाने लगा और वो जोर-जोर से मुझे भींचने लगी, वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे कपड़े उतारने लगी।
जब उसने मेरा अंडरवियर उतारा तो उसकी आँखें खुली की खुली रह गईं। वो मेरा लंड पकड़ कर बोली- ये मेरे अन्दर कैसे जाएगा।
मैंने कहा- बड़े प्यार से.. पहले इसको मुँह में तो लो।

वो मना करने लगी.. तो मैंने भी जोर नहीं दिया और उसके ऊपर छा गया। मैं धीरे से अपना लंड उसकी चुत पर रख कर डालने की कोशिश करने लगा.. जो कामयाब ना रहा। मैंने दोबारा कोशिश की.. तो मेरा लंड थोड़ा अन्दर चला गया और उसके मुँह से चीख निकल गई।

मैं डर गया और उसका मुँह दबा दिया। मैं उसके होंठों को चूमने लगा।

थोड़ी देर बाद वो मेरा साथ देने लगी और फिर हमने 20 मिनट तक चुदाई की, जिसमें वो 2 बार झड़ चुकी थी।

उस दिन हमने 2 बार अलग-अलग तरीकों से और चुदाई की।

फिर 5 बजे वो फ्रेश होकर बोली- अब मुझे छोड़ आओ।

उसने मेरा नंबर लिया और मैं उसको छोड़ आया। दोस्तो कैसी लगी मेरी यह चुदाई की कहानी… प्लीज़ रिप्लाई मी।

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