जीजा साली की चुदाई: सगी बहनों की स्वैपिंग-2

जीजा साली की चुदाई: सगी बहनों की स्वैपिंग-2

जीजा साली की चुदाई: सगी बहनों की स्वैपिंग-1

साली की चुदाई की कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि मैं और मेरी साली का पति यानि मेरा साढ़ू आपस में बीवियां बदल कर चुदाई की तमन्ना से सिंगापुर और थाईलैंड के टूअर पर निकल गए. सिंगापुर के एक बीच पर हम चारों पानी में अठखेलियाँ कर रहे हैं, मेरी बीवी अपने जीजा के साथ और मेरी साली मेरे साथ.
अब आगे:

मैं अपनी साली पूजा के ऊपर ही लेट गया, पानी के अंदर, और फिर मैंने उसकी आँखों में देखते हुये, उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये। प्रेम की उन्मुक्त अभिव्यक्ति, एक प्रगाढ़ चुम्बन, जिसमें पूजा ने भी मेरा साथ दिया।
मतलब पूजा भी इस बात को बुरा नहीं मान रही थी कि मैं उसका जीजा हो कर उसके होंठ चूम रहा था।

मैंने अपने पाँव से उसकी टाँगें खोली और खुद को उसकी जांघों के बीचे में सेट करके अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा, मैं उसे साफ संदेश देना चाहता था कि मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।
उसने भी अपनी जांघों में मेरी कमर के आस पास लिपटा का अपना संदेश मुझे दिया कि आ जाओ।

लेकिन इतने में हम दोनों के फेफड़े जवाब दे गए, हम दोनों एकदम से उठ कर पानी से बाहर आए और लंबी लंबी सांस लेने लगे।

मैंने आस पास देखा तो पायल और रोहित नहीं दिखे; मैंने पूजा से कहा- ये दोनों कहाँ चले गए?
पूजा पीछे से मेरे से चिपक कर अपने दोनों बोबे मेरे बाजू से लगा दिये, इतने विश्वास से जैसे मैं ही उसका पति हूँ। अपने तरीके से उसने अपनी मौन सहमति दे दी थी।

अब कुछ देखना था तो ये कि क्या रोहित और पायल की भी सेटिंग हुई या नहीं।

हम दोनों थोड़ा आगे बढ़े तो देखा के रोहित और पायल दोनों गले तक पानी में डूबे हुये थे। हम पास पहुंचे तो मैंने रोहित को इशारा कर के बता दिया के तेरी बीवी को मैंने सेट कर लिया है।

रोहित ने मुझे कंधे से पकड़ा और पानी में डूबा दिया, जब मैंने पानी के नीचे अपनी आँखें खोली तो देखा के रोहित का हाथ पायल की चड्डी में था, और पायल ने भी अपना हाथ रोहित के कच्छे में
डाल कर उसका लंड पकड़ रखा है।
मैंने ये चीज़ पूजा को भी दिखाई। हम तो थे ही बेशर्म मगर अब हमारी औरतें भी बेशर्म हो गई थी।

उसके बाद हमने अपने पार्टनर वही रखे। सारा दिन हम जहां कहीं भी घूमे, मैं पूजा के साथ और रोहित पायल के साथ रहे।

शाम को हम वापिस अपने होटल में आए, तो रोहित ने मुझे एक गोली खाने को दी, और एक गोली उसने खुद भी खाई। मैंने पूछा- क्या है ये। वो बोला- बस इसे खाने के बाद आनन्द ही आनन्द मिलता है।
पर मुझे उस गोली का कोई असर होता महसूस नहीं हुआ, कोई नशा नहीं, कुछ नहीं।

रात को हमने अपना प्रोग्राम फिक्स कर लिया। बड़ी अच्छी वाईन, बेकार्डी, कोल्ड ड्रिंक्स और खाने का ऑर्डर दिया हमने।
अब जब नंगे हो ही गए थे, तो होटल के रूम में भी हम सब अंडर गारमेंट्स में ही थे। दोनों बहनें ऐसे हो गई, जैसे सहेलियाँ हों। दोनों औरतों के बदन को हम दोनों साढूओं ने खूब सहलाया। एक चूत को छोड़ कर हम दोनों एक दूसरे की बीवी के सारे जिस्म को एक दूसरे के सामने छू चुके थे।

जब ड्रिंक शुरू की तो हमने लेडीज की ड्रिंक्स में भी थोड़ी से बेकार्डी मिक्स करके दी। दो दो गिलास पीने के बाद उनको नशा सा हो गया। वो बहक गई, उनकी बातों से और बेवजह हँसते रहने से ये बात स्पष्ट थी कि दोनों फुल मस्ती के मूड में थी।

मैंने अपने मोबाइल पे हिन्दी गीत लगा दिये, पुराने 70 के दशक के रसीले प्रेम भर गीत। जिनको सुन कर हम सब रोमांटिक मूड में आ गए और झूमने लगे। मैं उठ कर नाचने लगा, पूजा और पायल भी बैठी बैठी थिरक रही थी।

जब माहौल बन गया तो रोहित ने अपने कच्छे के ऊपर से ही अपना लंड पकड़ कर हिलाते हुये कहा- यार रोहित मेरा सेक्स करने को दिल कर रहा है। इन दोनों में से कौन मेरा कडक लंड अपनी रसीली चूत में लेगी।
मैंने कहा- भाई पूजा तो तेरा लंड रोज़ ही खाती है, आज पायल चूत को अपने लंड का रस पिला।
रोहित बोला- भोंसड़ी के, तेरा मतलब ये तू मेरी पूजा की चूत मारने के सपने बुन रहा है।

मैं हंस दिया, और मैंने भी अपना लंड अपने कच्छे से बाहर निकाल का पूजा की ओर हिलाते हुये कहा- अगर पूजा मान जाए तो मैं तो धन्य हो जाऊँ।
दोनों औरतों ने पहले हमें फिर एक दूसरी को देखा, जैसे पूछा हो, क्या हम आपस में अपने पति बदल लें।

इस पहले वो कोई फैसला ले पाती, रोहित ने अपना कच्छा पूरा ही उतार दिया और जा कर पायल से लिपट गया- ओह पायल, मेरी जान, कितने सालों से मैं अपना प्यार दिल में छुपाए था, आज मैं तुम्हें खुल कर कहता हूँ ‘आई लव यू!’
और उसने पायल के दोनों बोबे पकड़ कर, पायल के होंठ चूम लिया जिसका पायल ने भी साथ दिया।
अगले ही पल रोहित ने पायल का ब्रा उतार कर दूर फेंक दिया और उसे वहीं दबोच लिया।

मैंने पूजा की ओर देखा, वो अपने पति को अपनी ही छोटी बहन पर चढ़ा देख रही थी। मैं भी अपना कच्छा उतार कर पूजा के सामने जा खड़ा हुआ। पूजा ने सर उठा कर मेरे लंड की ओर देखा, मैंने अपना लंड उसके मुँह पास कर के उसे चूसने का इशारा किया, मगर वो वैसे ही बैठी देखती रही तो मैंने खुद अपना लंड उसके मुँह से लगा अंदर धकेल दिया।

पूजा ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और थोड़े से बेमन से ही सही मगर वो चूसने लगी, पर दो मिनट बाद शायद उसने भी खुद को माहौल के मुताबिक ढाल लिया और अपना आप मुझे सौंप दिया।
मैंने पूजा के मुँह से अपना लंड बाहर निकाला और उसके होंठों को चूम लिया।

पूजा पीछे को लेट गई, मैंने सबसे से पहले उसके ब्रा और पेंटी उतार दिये। गोरे गोरे, मोटे बोबे, थोड़ा सा बढ़ा हुआ पेट, और चिकनी गोरी जांघों में बीच में उसकी फूली हुई, साँवली चूत। अच्छी तरह से शेव की हुई।
मैंने उसकी चूत को अपने हाथ से छूआ, जैसे पूजा को कोई करंट लगा हो, वो थोड़ा सा उचकी। मैंने अपने हाथ की उंगलियों से उसकी चूत के दोनों होंठ खोले, बीच में गहरे भूरे रंग की भग्नासा और उसके नीचे गुलाबी रंग का उसकी चूत का छेद। मैंने उसकी भग्नासा को सहलाया तो पूजा ने अपनी मुट्ठियाँ भींच ली और अपने पाँव आपस में रगड़े, मतलब, भग्नासा छेड़ने से उसे गुदगुदी होती है। मैंने नीचे झुक कर उसकी चूत से बाहर निकल रही भग्नासा को चूमा, तो पूजा और तड़पी।

मैंने उसकी टाँगें पूरी तरह खोली, चूत से लेकर गांड तक एक सीधी रेखा, एक दरार जा रही थी, जिसमे मेरे आनन्द का भंडार छुपा था। मैंने उसकी टाँगें फैला कर अपना मुँह ही उसकी चूत पर धर दिया, और तभी पूजा ने अपने दोनों हाथ मेरे सर पे रख दिये। मैंने पूजा की आँखों में देखा, वो भी मुझे ही देख रही थी।

देखते देखते मैंने अपना मुँह पूरा खोला और पूजा की चूत को जितना हो सकता था, अपने मुँह में भर लिया। पहले मैंने उसकी भग्नासा और आस पास की जगह को अपनी जीभ से चाटा। मेरे सर के बाल पूजा ने अपनी मुट्ठियों में कस रखे थे, और अपनी दोनों टाँगों को मेरी गर्दन के आस पास लिपटा दिया। भग्नासा को चाटा तो पूजा तड़पी, मगर जब मैंने थोड़ा नीचे उसकी चूत के सुराख को अपनी जीभ से चाटा तो उसकी सिसकी निकल गई- सी… ओह रोहित, मत करो यार आ…ह मैं मर जाऊँगी।

मगर मैं कहाँ रुकने वाला था; मैंने बार बार उसकी चूत को चाटा; चूत तो उसकी पहली ही गीली थी, मगर अब तो अंदर से टपाटप पानी आ रहा था। इस नमकीन से पानी को पीना मुझे बहुत पसंद है, मैं अपनी बीवी की चूत भी तब तक चाटता हूँ, जब तक वो स्खलित न हो जाए। पूजा को तो कब से हासिल करने की सोच रहा था, आज मौका मिला था, तो मैं तो उसे इतना तड़पा देना चाहता था कि वो तड़प तड़प कर ही स्खलित हो जाए। उसकी चूत का पानी मेरे चेहरे को भी गीला कर रहा था।

मगर पूजा ज़्यादा देर न चटवा सकी, बोली- बस रोहित, बस, अब और नहीं सहन होता, ऊपर आ जाओ!
उसने अपनी टाँगें खोली तो मैंने अपना मुँह उसकी चूत से हटा लिया।
मैंने दूसरी तरफ देखा, रोहित पायल को घोड़ी बना के घपाघप्प पेल रहा था। वो अपना सर ज़मीन में गाड़े और अपनी गांड आसमान की ओर उठाए, अपने जीजा से चुदाई का आनन्द ले रही थी।

मैं जब पूजा के ऊपर आया, तो पूजा ने अपनी टाँगें पूरी खोल कर मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और खुद ही अपनी चूत पे रख लिया; मैंने डाला तो वो आराम से पूजा की चूत में घुस गया।
मैंने पूजा से पूछा- कितनी देर में झड़ जाती हो।
वो बोली- क्यों?
मैंने कहा- ताकि उसी हिसाब से स्लो या फास्ट चुदाई करूँ।
वो बोली- बिना चटवाये, 5 से 6 मिनट, और अगर आज जैसे पहले चटवा लूँ, तो फिर तो 2-3 मिनट।

मैंने कहा- तो फिर तो तुम जल्दी झड़ जाती हो।
वो बोली- हाँ, बाकी तुम्हारी हिम्मत और ताकत कि तुम मुझे कितनी बार शांत कर सकते हो।
मैंने कहा- ऐसे बात?
वो हंस कर बोली- बिल्कुल, ये तुम पर है के तुम कितनी देर में झड़ोगे, और उससे पहले मुझे कितनी बार स्खलित करोगे।

मैंने समझ गया कि ये एक बार में स्खलित हो कर शांत होने वाली नहीं है, खुद बिना झड़े इसे 2-3 बार स्खलित करना होगा, इस लिए आराम से आसान बदल बदल कर इसकी चुदाई करनी पड़ेगी। पहले मैंने उसे सीधा नीचे लेटा कर ही चोदा, और चोदते समय मैं उसके बूब्स चूसता रहा, उसके होंठ चूसता रहा, अपनी जीभ उसके मुँह में डाल कर उसकी जीभ से खेलता रहा, ताकि वो मेरी चुदाई का पूरा मजा ले सके और वो ले भी रही थी।

उसने अपने पति की और बिल्कुल भी नहीं देखा, जबकि वो भी हमारे पास ही अपनी साली को चोद रहा था। उसका सारा ध्यान मेरे चेहरे पे था, उसने अपने दोनों हाथों से मेरा चेहरा पकड़ रखा था, और खुद भी नीचे से हिल हिल कर अपनी चुदाई में मुझे सहयोग कर रही थी।
फिर उसने मुझे नीचे को झुकाया, और मेरे होंठों को अपने होंठों के पास किया, मगर उसने अपनी पूरी जीभ, जितनी वो बाहर निकाल सकती थी, बाहर निकली और मेरे मुँह में दे दी। मैं समझ गया, ये झड़ने वाली है।

मैंने उसकी जीभ चूसते हुये उसकी तेज़ तेज़ चुदाई की और अगले ही पल उसने मेरी जीभ अपने दांतों में दबा ली, और अपने मुँह से “ऊं उम्म्ह… अहह… हय… याह…” करते हुये, अपनी कमर को कई बार ज़मीन पर पटका और फिर शांत हो कर लेट गई।
उधर से रोहित बोला- अरे वाह रोहित, तूने तो झाड़ दिया मेरी बीवी को, पर तेरी वाली तो साली पानी ही नहीं छोड़ रही। क्या करूँ मैं?

मैंने कहा- भोंसड़ी के, मैंने तो पहले ही तेरी बीवी की चूत चाट चाट कर उसको अधमरी कर दिया था, इसी लिए वो जल्दी झड़ गई, तूने मेरी बीवी की चूत चाटी नहीं, इसी लिए वो ज़्यादा समय ले रही है।
रोहित बोला- तो क्या अब चाट लूँ?
मैंने कहा- उस से पूछ ले, अगर चटवाती है तो चाट ले।

पूजा बोली- ये क्या बकवास कर रहे हो, चुप रहो दोनों।
रोहित बोला- साली बहनचोद, अपने जीजे का लंड पिलवा रही है अपनी चूत में, और मुझसे कह रही है चुप रहो।
पूजा बोली- जो भी काम करना है, चुपचाप करो, शोर मत मचाओ।
रोहित बोला- शोर मत मचाओ, मैं तो मचाऊंगा, अरे लोगो देखो मेरी बीवी अपने यार से मेरे सामने ही चुदवा रही है.
और फिर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा।

पायल बोली- जीजा जी, बातें करने की बजाए, अपने काम पे ध्यान दो।
मैंने कहा- ले देखो, साली बोलती है, जीजा जी काम पे ध्यान दो। साली रंडी, इतने साल से अपने जीजे से चुदवा रही है, अभी तक तेरा दिल नहीं भरा?
पायल बोली- अरे कहाँ, जीजा भी निकम्मा निकला, सारी उम्र बस थोड़ा बहुत हाथ लगा कर ही खुश होता रहा। अगर ये कहता तो क्या मैं इसको करने न देती।

पायल की बात सुन कर पूजा बोली- अरे सच बता, अगर ये कहते तो तू करने देती इन्हें?
पायल बोली- हाँ दीदी, मैंने तो आपकी शादी पर ही सोच लिया था, आधी घर वाली तो मैं हूँ ही इनकी, अगर ये पूरी बनाना चाहें तो मैं बन जाती। पर देखो इतने सालों बाद आज इनको ये अकल आई है।
रोहित बोला- हाये रे मेरी किस्मत!

मैंने कहा- तो अगर पायल रोहित से चुदवा लेती तो मैं अपना बदला पूरा कैसे करता।
रोहित बोला- अगर पायल मुझसे चुदवा लेती तो मैं अपनी खुशी से अपनी बीवी तुझे दे देता भाई कि ले, मेरी बीवी की मार ले।
मैंने कहा- चलो जो तब नहीं हुआ, अब हो गया।

मैंने पूजा को कहा- पूजा, घोड़ी बनो, तेरी पीछे से मरूँगा।
पूजा घोड़ी बन गई तो मैंने रोहित को इशारा किया के वो पायल को पूजा के सामने लाये।

रोहित पायल को पूजा के बिल्कुल सामने ले आया। दोनों बहने घोड़ी बनी अपने अपने जीजे से चुदवा रही थी। मैंने कहा- लो जो अब जो भी है आमने सामने है, किसी से कोई पर्दा नहीं!
और चुदाई करते करते हम दोनों पायल और पूजा को इतना पास ले आए कि दोनों के चेहरे एक दूसरे को छू रहे थे।
मैंने कहा- पूजा, तेरी छोटी बहन है, पहली बार अपने जीजा से चुदवा रही है, इसे प्यार कर!
मैंने प्यार करने को कहा, पर पूजा ने पायल के होंठों को ही चूम लिया।

रोहित बोला- अरे वाह, तुम तो लेस्बीयन करने लगी।
पूजा हंस कर बोली- हम दोनों बहनें तो लेसबियन कर लेंगी, पर क्या तुम दोनों गे सेक्स कर सकोगे?
रोहित बोला- न भाई, मैं तो अपनी गांड नहीं मरवा सकता।
मैंने कहा- मैं भी नहीं, आई एम स्ट्रेट!
और अपनी अपनी चुदाई में लगे रहे।

हमें नहीं पता कि हमने कितनी देर चुदाई की। शायद ये रोहित की उस गोली का ही असर था, हम दोनों चोदे जा रहे थे, चोदे जा रहे थे। मगर हम दोनों में सो कोई भी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था।
दोनों औरतों का दो दो तीन तीन बार पानी गिर चुका था और अब वो हमें भी फारिग होने को कह रही थी, मगर हम अभी तक नट आऊट खेल रहे थे।

सुबह के 4 बज चुके थे, पायल तो नीचे फर्श पर ही सो गई, पूजा ने भी मेरा लंड अपनी चूत से निकाल दिया और पेट पकड़ कर लेट गई।
मगर हम दोनों वैसे ही लंड अकड़ाये खड़े थे।

फिर मैंने कहा- भाई, थक गया हूँ, अभी सो जाते हैं, बाकी काम कल निपटायेंगे।

मैंने पूजा को उठाया और उसके साथ लिपट कर सो गया।
रोहित पायल के साथ सो गया।

सुबह 10 बजे सो कर उठे, मगर हम दोनों के लंड अभी भी अकड़े हुए थे, उठ कर पेशाब कर के आए, तो कुछ ढीले हुये।
पूजा ने पूछा- रात क्या खा कर आए थे?
रोहित ने पूछा- क्यों क्या हुआ?
“रात तो आप दोनों ने कमाल ही कर दी, 400 नॉट आऊट”
पायल बोली- अरे दीदी, जीजाजी भी 300 नॉट आऊट रहे।
सच में मन को बड़ी तसल्ली मिली कि इन औरतों को तीन चार बार झाड़ने के बाद भी हम खड़े रहे।

रोहित बोला- अरे खाना क्या था, बस माहौल ही यहाँ का ऐसा है, कि आउट होने को दिल ही नहीं करता। फिलहाल तैयार हो जाओ, घूमने नहीं जाना है क्या।?
पायल बोली- जीजाजी, घूमने तो ज़रूर जाएंगे, मगर आज रात को भी नॉट आऊट ही रहना होगा।
मैंने कहा- तू बड़ी चुदासी हो रही है, आ जा अभी आ जा।
वो बोली- आऊँगी, पर आपके पास नहीं!
कह कर वो अपने जीजू रोहित की गोद में जा बैठी।

हम 4 दिन तक सिंगापोर में रहे और 3 दिन थाईलैंड में मगर इन सातों दिन हमने अपनी अपनी साली की इतनी चुदाई की, इतनी चुदाई की कि आज भी हमको बीवी और साली में कोई फर्क नज़र नहीं आता।

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