जीजा से कमसिन साली की मस्त चुदाई-2

जीजा से कमसिन साली की मस्त चुदाई-2

अब तक की जीजा साली की चुदाई की कहानी के पहले भाग
कमसिन साली की मस्त चुदाई-1
में आपने पढ़ा था कि मैंने अपनी साली की चुदाई की वीडियो बना ली थी और अब मैं उसके सामने बैठा था.
अब आगे..

मैं कुछ देर तक उसे यूं ही देखता रहा तो उससे रहा नहीं गया और मुझसे पूछने लगी- जीजू ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने बोल दिया कि मैं सोच रहा था कि तुम्हारे जैसी लड़की ऐसा कैसे कर सकती है.
उसे मेरी बात समझ में नहीं आई तो बोली- क्यों मैंने क्या किया है?
मैंने सीधा ही बोल दिया- मैं उसी की बात कर रहा जो तुम कुछ देर पहले कर रही थीं.

यह सुनते ही उसका रंग फीका पड़ गया. फिर भी वो अपने आप बचाव करते हुए बोली- क्या कर रही थी मैं?
तो मैंने सीधा बोल दिया- तुम चुदवा रही थीं और क्या..!

मेरे मुँह से इस सीधी बात सुनते ही वो घबरा गई, फिर भी हिम्मत करके बोली- आप ये क्या बोल रहे हो.. आपको ऐसा बोलते शर्म नहीं आती?
मैंने बोला- अब तुमको ये करने में शर्म नहीं आती तो मुझे बोलने में क्यों आएगी, सीधे बताओ कौन था वो लड़का?
वो फिर से अनजान बनने की कोशिश करने लगी और बोली- कौन लड़का?

हालांकि उसके चहरे से घबराहट साफ दिखाई दे रही थी. मुझे लगा अब मुझे उसे सबूत देना ही पड़ेगा तो मैंने उसे बोला- अभी तुम्हें सब दिखाता हूँ.
यह कहते हुए अपना मोबाइल निकला और उसका चुदाई वाला वीडियो चला दिया, पूरा बीस मिनट का वीडियो था.

अब उसके पास बोलने के लिये कुछ नहीं बचा था, उसकी हालत काटो तो खून ना निकले जैसी हो गई थी.
मैंने कहा- बोलो ये क्या है? मैं झूठ बोल रहा था क्या?
वो रोने लगी, तो मैंने कहा- रोने की कोई जरूरत नहीं है, मुझे सिर्फ सच बताओ.
वो मुझसे गिड़गिड़ाते हुए कहने लगी- आप किसी को बताना मत..मैं किसी को मुँह नहीं दिखा सकूंगी.
मैंने कहा- वो मैं बाद में सोचूंगा पहले मेरे सवालों का सही जवाब दो.

वो बिना कुछ बोले ऐसे ही खड़ी रही, तो मैंने फिर से पूछा कि मुझे सच बताओ.
उसने मुझे बताया कि वो उस लड़के से प्यार करती है.
मैंने पूछा- कब से चल रहा है ये सब?
तो वो बोली- जी सिर्फ दो महीनों से ही.

मुझे उसकी बात पर यकीन नहीं हुआ, मैंने कहा- मैं नहीं मानता.
वो बोली- मैं सच बोल रही हूँ प्लीज़ आप घर में किसी को मत बताना.
मैंने कहा- घर वालों को बताना तो मेरा फर्ज बनता है, कल अगर उनको पता चलेगा कि मुझे सब मालूम था.. तो मैं क्या जवाब दूंगा, मैं तो खामखां ही बदनाम हो जाऊंगा कि मैं सब कुछ जानता था, फिर भी उनको नहीं बताया.

वो अब मुझसे विनती करने लगी. मुझे तो वैसे भी उसे अपने नीचे ही लाना था. अब वो मुझे अपने नीचे आती दिख रही थी, जब मैंने थोड़ी देर तक उसे कोई जवाब नहीं दिया.

तो वो मुझसे कहने लगी कि आप जो बोलोगे मैं वो करूंगी, पर आप प्लीज़ ये बात हम दोनों तक ही रखना.
मैंने कहा- ओके, पर मुझे बताओ कि उसके साथ अब तक बात कहां तक पहुँची है, पहले ये सब कितनी बार कर चुकी हो?
वो बोली- आज पहली बार ही करने वाले थे, अभी तक मैंने कुछ नहीं किया.
मैं बोला- मैं नहीं मानता, मैंने सब कुछ अपनी आँखों से देखा है, मैं तुम पर यकीन कैसे कर लूँ?
वो बोली- मैं कसम से कहती हूँ.

मैंने खुलते हुए कहा- ठीक है अगर तुम अनचुदी हो तो मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा.
मैंने जानबूझ कर इसे शब्द का प्रयोग किया था क्योंकि मैं उससे थोड़ा खुलना चाहता था.

पहले तो ये सुनकर थोड़ा अचम्भित हो गई, फिर कहने लगी- प्लीज़ आप यकीन कीजिए, हमने कुछ नहीं किया.
अब मैं उसे लाइन पर लाना चाहता था तो मैंने उससे पूछा- क्या नहीं किया है?
वो कुछ नहीं बोली, मैंने कहा- मुझे साफ साफ शब्दों में बताओ कि क्या नहीं किया?
वो थोड़ा सिकुड़ते हुए धीरे से बोली कि सेक्स नहीं किया.

मैं तो वैसे भी उसे थोड़ा खोलना चाहता था तो मैंने कहा- मुझे अंग्रेजी नहीं आती, हिंदी में बताओ.
इस बार वो थोड़ा मुस्कुराई और बोली- क्यों परेशान करते हो जीजा जी.
मैंने कहा- मैं कहां परेशान कर रहा हूँ, मुझे समझ में नहीं आया तो पूछना तो पड़ेगा ना… और अगर यह बात हम दोनों तक रखनी है तो तुम्हें अपने आपको कुंवारी साबित करना होगा, तो अब बताओ क्या नहीं किया?
वो बोली- हमने अभी तक च..चुदाई नहीं की है.

मैंने कहा- आज तो चुदवा रही थी ना!
वो बोली कि कहां चुदवाया है?
मैंने बोला- तो क्या गांड दिखा रही थी उसको?
वो अब थोड़ा घबराई और बोली कि सिर्फ कपड़े ही निकाले थे.
मैंने उसे पूरा करते हुए कहा- हां और तभी मैं आ गया.. क्यों ठीक है न!
वो कुछ नहीं बोली.

मैंने कहा- मैं तभी यकीन करूँगा अगर तुम्हारी झिल्ली सलामत हुई तो..
मेरे ये कहने से वो बड़ी आँखें करके मुझे देखने लगी, वो बोली- ये कैसे हो सकता है जीजू?
मैंने कहा- मुझे तुम्हारी सील देखनी होगी तभी मैं तुम्हारी बात का यकीन करूंगा.
वो बोली कि मैं ये कैसे दिखा सकती हूँ?
मैंने कहा- तुम्हें मुझे अपनी चुत दिखानी होगी, बाकी मैं खुद अन्दर झांक कर देख लूँगा.
इस पर वो बोली- मैं आपको कैसे दिखा सकती हूँ?
मैंने कहा- जब उस लड़के का पूरा लंड ले सकती हो, तो मुझे सिर्फ अपनी चूत नहीं दिखा सकती, अगर ये बात को राज रखना है, तो तुम्हें मुझे यकीन दिलाना ही होगा कि तुमने अभी तक चुदाई नहीं की है.

अब वो समझ गई थी कि मैं उसे छोड़ने वाला नहीं हूँ. वो बोली कि ठीक है, पर आप किसी को बताएंगे तो नहीं ना?
मैंने कहा- नहीं..
वो अपनी चुत दिखाने को राजी हो गई.

मैंने कहा- अब दिखाओ अपनी चूत!
उसने धीरे से अपना नाड़ा खोला और सलवार नीचे करने लगी, उसकी सलवार नीचे उतरते ही वो नीचे से नंगी हो गई, मैंने देखा कि उसने पेंटी नहीं पहनी हुई थी.

मैंने पूछा- अन्दर पेंटी नहीं पहनती हो क्या?
वो बोली- पहनती हूँ, पर आपने जब दरवाजा खटखटाया तो जल्दबाजी में पहनने का वक्त नहीं था.
मैंने कहा- ठीक है.. अब अपनी झिल्ली दिखाओ.

वो खड़े खड़े ही अपनी चुत चौड़ी करने लगी. क्या बताऊं दोस्तों कितनी खूबसूरत चुत थी उसकी.. वैसे तो उसका पूरा बदन ही कमाल का है, बिल्कुल दूध की तरह गोरा और चिकना, पर साली की चूत की बात ही कुछ और थी, चुत के ऊपर छोटे छोटे झांट के रेशमी से बाल और चुत के बीच में एकदम मस्त चीरा सा लगा था.

मैं तो जैसे उसमें खो ही गया, वो खड़े खड़े ही अपनी चुत चौड़ी कर रही थी, पर मुझे कुछ दिख नहीं रहा था.
मैंने बोला- ऐसे कैसे दिखाओगी अपनी सील, ऐसे थोड़े ही मुझे कुछ दिखेगा.
वो बोली- तो फिर कैसे दिखाऊं?
मैंने कहा- ऐसा करो तुम अपनी टांगें चौड़ी करके इस सोफे पर बैठ जाओ, मैं नीचे बैठ कर देख लेता हूँ.

अब वो सोफे पे बैठ गई और मैं उसकी टांगो के बीच में बैठ गया. जैसा कि आप सभी जानते हैं चूत चाटना मुझे बेहद पसंद है और जब कोई लड़की ऐसे सोफे पर टांगें चौड़ी करके बैठी हो और वो भी इतनी खूबसूरत चुत के साथ.. तो अपने आपको रोकना बहुत ही मुश्किल हो जाता है. अगर हर बार की तरह अगर मेरी प्यारी भाभी (कहानी- ‘भाभी का भोसड़ा..’) बैठी होती तो मैं कब का टूट पड़ता उसकी चूत पर, पर मुझे यहा बहुत सब्र से काम लेना था.

मैंने कहा- अब दिखाओ अपनी सील..
तो उसने दोनों हाथों से अपनी चुत थोड़ी चौड़ी की.

वाह.. क्या नजारा था दोस्तो, मेरे नजरिये से दुनिया का सबसे खूबसूरत नजारा अगर कोई है, तो वो है औरत की चौड़ी की हुई चुत और बिस्तर पर गांड दिखाती हुई औंधी लेटी हुई औरत की मोटी गांड.. आह.. दोस्तों इससे खूबसूरत चीज और कोई हो ही नहीं सकती.

मुझे तो सीधा छेद ही नजर आ रहा था कोई सील तो नहीं दिख रही थी, तो मैंने कहा- साली साहिबा आपकी चूत तो बहुत गहरी है, इसमें कोई सील तो है ही नहीं.
वो थोड़ा डर गई, मैंने कहा- रुको मुझे ठीक से देखने दो शायद थोड़ा अन्दर सील हो.
यह कहते हुए मैंने अपने हाथों से उसकी चूत चौड़ी कर दी, वो शर्मा गई, पर वो कुछ कर नहीं सकती थी.

मैंने कहा- साली साहिबा आप मानो या न मानो.. आप बड़े अच्छे से चुदी हुई हो, मैं आपकी चूत की हालत देखकर अच्छे से बता सकता हूँ.
मेरे ये कहते ही वो थोड़ा डर गई और ‘नहीं नहीं जीजू.. मैंने आज तक किसी से नहीं चुदवाया है, आप जरा ठीक से देखो ना..’
मैंने उसकी तरफ देखा और थोड़ा मुस्कुराया और बोला- आप ठीक से दिखा कहां रही हैं, जो मैं देख सकूं.

मेरे मुस्कुराने से उसे थोड़ी राहत हुई और उसने अपनी टांगें थोड़ी और चौड़ी कर दीं.

अब मैंने थोड़ा उसे उत्तेजित करने के लिए देखने का नाटक करते हुए उसके छेद के उपर जो दाना था, उसे छू कर थोड़ा मसल दिया.

मेरी इस हरकत से वो थोड़ा कसमसाई और अपनी टांगें बंद करने लगी, मैंने भी थोड़ी देर तक उसके दाने को रगड़ना चालू रखा, वो थोड़ा उत्तेजित हो गई और उसकी चुत पानी छोड़ने लगी.

थोड़ी देर बाद उसे होश आया तो वो बोली- जीजू क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- सील ढूँढ रहा हूँ और क्या?
तो वो बोली- प्लीज़ वहां हाथ मत लगाओ.
मैंने कहा- कहां?

दोस्तो, औरत के मुँह से अंग विशेष के शब्द सुनने का मजा ही कुछ और होता है. मैं उसके दाने को फिर से थोड़ा रगड़ने लगा.

वो गरम होते हुए बोली- जीजू प्लीज़ दाने को मत छुओ.
तो मैंने कहा- क्यों?
वो बोली- कुछ कुछ होता है.. प्लीज़ जरा समझा कीजिए.
अब मैंने नाटक करते हुए कहा- शायद अँधेरे की वजह से तुम्हारी सील दिखाई नहीं दे रही, एक काम करो एक टॉर्च ले आओ, मैं जरा अन्दर तक देख सकूं. शायद सील थोड़ा अन्दर हो.

पहले तो वो थोड़ा हिचकिचाई, फिर खड़ी हुई और टॉर्च लेने चली गई.
जब वो चल रही थी तो उसकी मटकती गांड का नजारा किसी को भी उसका जबर चोदन करने को मजबूर कर सकता था. मेरे लंड का तो मानो जैसे बुरा हाल था, कब से साली की चुत देखकर तना हुआ था.

अब तो लंड भी फूल रहा था, फिर भी मैंने थोड़ा सब्र से काम लेने का फैसला किया. वो अलमारी से टॉर्च लेकर आई और मुझे दी और फिर से टांगें चौड़ी करके मेरे सामने बैठ गई, मैंने इस बार अपने दोनों हाथों से उसकी चूत चौड़ी की और टॉर्च अपने मुँह में पकड़कर झाँकने लगा. क्या कमाल की गुलाबी रस भरी चुत थी उसकी और खुशबू तो कमाल की थी. उस वक्त वो महक मुझे पागल कर रही थी और अब मेरा सब्र का बांध ढहने की कगार पर था. मेरे दोनों हाथों से चूत चौड़ी करने से वो दर्द के मारे थोड़ा चिल्लाई, पर बोली कुछ नहीं.

मैंने चूत के अन्दर झांककर कहा- साली जी, आप मानो या न मानो आप बड़े अच्छे से चुदी हुई हो.
मेरे ये कहने से वो थोड़ा डर गई और मुझसे विनती करने लगी- नहीं जीजू, मैंने कुछ नहीं किया है, आप प्लीज़ किसी को कुछ मत बताइए.
मैंने कहा- अब तसल्ली करने का एक ही तरीका है कि मैं अन्दर अपनी उंगली डाल कर देखूँ, अगर खून निकलता है तो मैं मान जाऊंगा कि तुम कुंवारी हो.

इस बार मैंने उसके जवाब का इंतजार किए बिना ही अपनी एक उंगली अन्दर डाल दी और उसकी चुत को टटोलने लगा और दूसरे हाथ से उसका दाना भी रगड़ने लगा.
मेरी इस हरकत से वो अब अपना आपा खो रही थी, अब वो अपनी आँखें बंद करके आहें भरते हुए इसका मजा ले रही थी. मैंने थोड़ी देर तक उसके दाने और चुत को रगड़ना चालू रखा.

थोड़ी देर ऐसे ही मैं अपनी उंगली अन्दर बाहर करता रहा और वो आराम से मजे लेती रही. फिर मैंने अपनी उंगली बाहर निकाली और रुक गया. मेरे रुकते ही उसने अपनी आँखें खोलीं और मेरी तरफ सवालिया निगाहों से देखने लगी जैसे कि पूछ रही हो कि चुत में उगली करना बंद क्यों किया.

मैंने भी मौका देखते पूछ ही लिया- क्या हुआ पसंद आया क्या? कहो तो और पेलूँ?
वो थोड़ा मुस्कुराई और बोली- अब तो आप को तसल्ली हो गई ना.. अब तो आप किसी से नहीं कहेंगे ना.
मैंने कहा- क्यों न कहूँ तुम्हारे कुंवारे होने का सबूत कहां है? अगर तुमने उससे चुदवाया है तो मुझे बताना ही पड़ेगा क्योंकि कल को किसी को पता चला और सब जानेंगे कि मैंने सब कुछ जानते हुए भी नहीं बताया तो मैं तो यूं ही फंस जाऊंगा ना!

वो बोली- पर जीजू मैंने कुछ नहीं किया है.
मैंने कहा- पर तुम्हारी चूत तो कुछ और ही बता रही है, अगर तुम कुंवारी होती तो मैंने जब उंगली डाली तो तुम्हारी झिल्ली टूट न जाती और खून निकलता?
वो बोली- ऐसा जरूरी नहीं है कि झिल्ली सेक्स करते हुए ही टूटती है, कभी कभी ऐसे ही टूट जाती है.
मैंने कहा- ऐसे कैसे हो सकता है?
वो बोली- झिल्ली तो साइकिल चलाते हुए भी टूट सकती है.
मैंने कहा- पर तुम्हें तो साइकिल चलानी आती ही नहीं.. तो फिर कैसे?

दोस्तों इस बातचीत के वक्त वो ऐसे ही अपनी टांगें चौड़ी करके बैठी हुई थी और मैं उसकी टांगों के बीच में बैठे हुए उसकी मस्त चुत का लुफ्त उठा रहा था. साथ ही अपने हाथ को उसकी चूत पर फेर रहा था. वो भी बड़े इत्मीनान से इसका मजा ले रही थी.

वो बोली- जीजू वो तो मैं कभी कभी उंगली करती हूँ ना तो, उस वक्त शायद टूट गई होगी.
मैंने कहा- तभी जब मैं उंगली डाल कर चैक कर रहा था तो तुम अपनी आँखें बंद करके मेरी उंगली से मजे ले रही थीं.
वो थोड़ा शरमाई और मुस्कुराने लगी.

मैंने कहा- पर तुम कुछ भी कहो, तुम्हारी चूत अगर अनचुदी होती तो इतनी ढीली नहीं होती, मेरी उंगली आसानी से अन्दर बाहर हो रही थी.
वो बोली- उंगली तो आसानी से ही जाएगी न.
मैंने कहा- वो कैसे?
वो बोली- क्या आप भी जीजू उंगली तो इतनी छोटी होती है तो वो तो आसानी से ही जाएगी न.. ‘वो’ हो तो बात अलग होती है.
मैंने कहा- हम्म.. ‘वो..’ क्या?

तो वो थोड़ा मुस्कुराते हुए बोली- आप बड़े वो हो जीजू..
मैंने कहा- वो क्या पहले ये बता?
तो वो बोली- वो लंड और क्या!
मैंने कहा- इसका मतलब है कि अब इसका कुंवारापन जानने के लिए मुझे अब इसमें लंड डाल कर देखना होगा.
वो मुस्कुराई और बोली- जैसे चाहो देख लो जीजू.. पर प्लीज़ किसी को बताना मत नहीं.. तो मैं कहीं की नहीं रहूंगी.
मैंने कहा- अच्छा चलो अब पूरा ही इम्तिहान ले लेते हैं.

इतना कह कर मैं अपना पेंट उतारने लगा, इतने में वो बोली- पहले दरवाजा तो अच्छे से बंद कर लो जीजू.
मैंने पहले सब दरवाजे और खिड़की अच्छे से बंद कर ली और साली से कहा- इन कामों का बड़ा अनुभव लगता है.
वो बोली- ज्यादा तो अनुभव नहीं है, लेकिन हर लड़की में ये कुदरती ही होता है.

दोस्तों जैसे ही मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो वो देखती ही रह गई, दोस्तों मैं कोई झूठ नहीं बोल रहा, पर मेरा लंड अच्छा खासा मोटा है.
वो बोली- जीजू, आपका तो बहुत बड़ा है.

क्योंकि दोस्तो, मेरा लंड अब पूरे उफान पर था, मैंने कहा- लंड की साइज़ का अच्छा अनुभव लगता है तुम्हें.. चलो अब देखते हैं तुम कितनी कुंवारी हो.

उसने अपनी टांगें चौड़ी ही की हुई थी, तो मैंने अपना लंड निशाने पर रखा और अन्दर डालने के लिए हल्का सा धक्का लगाया, क्योंकि उसकी चूत पहले से ही गीली थी तो आधा लंड फट से अन्दर घुस गया.

हालांकि चूत काफी टाईट थी वो थोड़ा चिल्लाई और उसने मेरी कमर रोकते हुए लंड पकड़ लिया, वो कराहते हुए बोली- जीजू धीरे, क्या ऐसे कोई डालता है भला?
मैंने कहा- तो वो कैसे डालता है.. ये बताओ?
वो बोली- अरे यार थोड़ा धीरे से डालो न जीजू.. दुखता है.

मैंने धीरे से अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा और उसका हाथ हटा दिया, क्योंकि मैं अपने घुटनों पर था, हालांकि मैंने एक तकिया अपने घुटनों के नीचे रखा था ताकि हाईट सैट हो जाए और घुटनों को भी दर्द न हो. उसकी चूत भी अब अडजस्ट हो गई थी और बड़े आराम से लंड ले रही थी.

दोस्तो, चुदाई करते वक्त लंड और चूत का नजारा देखने का मजा कुछ अलग ही होता है, क्योंकि साली सोफे पर अपनी टांगें फैलाए बैठी थी तो मुझे ये नजारा साफ साफ दिख रहा था. मैं भी अब बड़े ताव से उसको चोदने लगा.

मेरी साली भी अब आँखें बंद करके आहें भरते हुए पूरा लंड ले रही थी. मैं अब चुदाई के साथ साथ उसे चूमने लगा. पहले तो थोड़ी देर उसने चूमने में मेरा साथ नहीं दिया, पर धीरे धीरे अब वो साथ देने लगी.
मैंने भी उससे कान में कहा- देखो मैं जानता हूँ कि तुम भी मजे ले रही हो और मुझे भी मजा आ रहा है, तो ये दिखावा छोड़ो और प्यार से चुदाई करते हैं. इसमें तुम्हें भी मजा आएगा और मुझे भी.
मेरे ये कहने पर वो बोली- पर आप किसी को कुछ नहीं बताएंगे न!
मैंने कहा- पागल हो क्या, अगर तुम मेरा काम करती हो तो मैं क्यों बताऊंगा और मेरे साथ साथ तुम्हारा काम भी तो हो रहा है न.. मुझे साथ दो तो ये काम आगे भी चलने लगेगा.

इस पर वो हंसने लगी. अब उसने मुझे बांहों में भर लिया और बड़े प्यार से चूमने लगी.
मैंने भी उसे थोड़ी देर चूमने के बाद कहा- चलो बेडरूम में चलते हैं और आराम से चुदाई करते हैं.

तो वो झट से तैयार हो गई और हम बेडरूम की तरफ चल दिए.

वो जैसे ही बेड पर लेटने को हुई, मैंने उसे पकड़ लिया और कहा- ऐसे नहीं जान पहले पूरे कपड़े उतारो.
वो अपनी कमीज़ उतारने लगी और पूरी नंगी हो गई.

आह… क्या नजारा था क्या बताऊं! उसको देखते ही मेरा लंड खड़े खड़े ही झटके मारने लगा. उसने भी ये देख लिया, तो वो मुस्कुराने लगी और मेरे लंड को पकड़ते हुए बोली- जीजू आपका ये बड़ा शैतान है.
मैंने लंड सहलाते हुए कहा- वो क्यों?
तो वो बोली- देखो ना कितना उतावला हो रहा है.
मैंने कहा- तुम चीज ही ऐसी हो, वो बेचारा क्या करे.

यह कहते हुए मैंने उसके बोबे पकड़ लिए और दबाने लगा. काफी देर तक ऐसे ही खड़े खड़े हम लोग किसिंग और प्रेसिंग करते रहे. वो भी अब खुल कर मेरा साथ दे रही थी. फिर हम दोनों अलग हुए और एक दूसरे की आँखों में आँखें डालकर देख कर मुस्कुराने लगे.

वो भी मुस्कुराई और मेरे गले लग गई, अब हम दोनों नंगे ही बिस्तर पर लेट गए. मैं अब उसके बोबे चूस रहा था, काफी देर तक एक एक करके उसके दोनों बोबे दबाता और चूसता रहा. वो भी मेरा सर पकड़ कर उन पर दबा रही थी और पूरा मजा ले रही थी.

ऐसे ही उसे चूमते और चूसते हुए मैं नीचे की तरफ आगे बढ़ा और अब मेरा फोकस साली की नाभि पर था. क्या बताऊं दोस्तों क्या कमाल का सेक्सी नजारा था. एकदम गोल और गहरी कुंए जैसी उसकी नाभि थी. मैं तो काफी देर तक उसकी उसमें जीभ घुमा कर चाटता रहा. वो भी बड़े मजे से मचल रही थी.

थोड़ी देर तक यूं ही नाभि का मजा लेने के बाद मैं नीचे की तरफ बढ़ा और उसकी चूत पे एक चुम्बन किया. क्या खूबसूरत और खुशबूदार चूत थी उसकी.. आह.. कलेजा हिल गया.

आप सभी तो जानते ही हैं कि चूत की महक मुझे पागल कर देती है और मैं उसे चाटे बिना नहीं रह सकता. मगर यहां मुझे अपने सारे राज नहीं खोलने थे, मुझे अपनी इज्जत बरकरार रखनी थी तो मैं ऊपर की तरफ वापस आ गया.

मेरी साली भी अब अगले कदम के लिए तैयार थी, उसने भी अपनी टांगें चौड़ी की और मुझे अपनी बांहों में भर लिया. मैंने भी देर न करते हुए अपना लंड धीरे से उसकी चूत में घुसा दिया.

उसने हल्की सी आह भरी… फिर मेरा पूरा लंड निगल लिया और हमारी चुदाई की गाड़ी चल पड़ी. कभी मैं थोड़ी स्पीड बढ़ा देता तो वो दर्द के मारे चिल्ला देती और मुझे पीछे धकेलने की नाकाम कोशिश करती. फिर मैं अपनी गाड़ी धीमी कर देता और वो बड़े आराम से मेरा लंड निगल जाती.

काफी देर तक ऐसे ही ऊपर पड़े पड़े मैं उसको चोदता रहा. जब भी वो उत्तेजित हो जाती तो मुझे अपनी बांहों में भींच लेती और अपने को ऊपर उठा कर ज्यादा से ज्यादा लंड अन्दर लेने की कोशिश करती. मतलब वो अब खुले दिल से चुदवा रही थी.

काफी देर की चुदाई के बाद अब उसे मेरा भार लग रहा था तो वो बोली- जीजू, प्लीज अब खत्म कीजिए ना.
मैंने कहा- क्यों साली जी, मजा नहीं आ रहा है?
वो शर्मा गई और बोली- मजा तो बहुत आ रहा है मगर अब आपका वजन लग रहा है और आपका लंड भी बहुत मोटा है तो अब थोड़ा दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- अगर वजन लग रहा है तो तुम ऊपर आ जाओ.

तो वो बोली- अब कुछ आज ही कर लोगे क्या?
मैंने कहा- सब कुछ कहां किया है, अभी तो बहुत कुछ बाकी है.
वो बोली- वो फिर कभी कर लेना जीजू, अब प्लीज खत्म कीजिए ना.
मैं बोला- ठीक है.. तुम बड़ी जल्दी आउट हो गईं.

वो बोली- जीजू आधे घंटे से तो आपका लंड मेरी चुत के अन्दर है और आप बोल रहे हो कि बड़ी जल्दी खत्म हो गई.
मैंने कहा- तो पहले कितनी देर तक होता था?
वो बोली- क्या जीजू आप भी!
मैंने कहा- बताओ तो सही.. अब मुझसे क्या छिपाना.
वो झेंपते हुए बोली- वो तो 5 मिनट तक ही टिकता था.
मैंने कहा- चलो खत्म करते हैं.

मैंने पूरी तेजी से चूत में पूरा लंड घुसा दिया और उसको धकापेल चोदने लगा. वो मेरे हर धक्के पर चीख रही थी. कुछ देर तक ऐसे ही चुदाई करने बाद मैं झड़ने लगा. करीब दो मिनट तक तो मैं झड़ता ही रहा और वो मेरी पीठ पर प्यार से हाथ फेरती रही.

पांच मिनट तक मैं ऐसे ही उस पर पड़ा रहा और वो मुझे प्यार करती रही. फिर मैं उठा और अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला.

वो भी खड़ी हुई और अपने कपड़े लेकर बाथरूम में चली गई, करीब 5 मिनट बाद वो फ्रेश होकर बाहर आई, तो फिर मैं बाथरूम में चला गया और फ्रेश होकर बाहर निकला.

वो अभी सोफे पर बैठी, अपनी चूत पसार रही थी. मैंने कहा- क्या हुआ अभी दिल नहीं भरा क्या?
वो बोली- इतना करने के बाद कौन सी लड़की होगी जो दोबारा करवाएगी.
मैंने कहा- तो फिर अपनी चूत क्यों सहला रही हो?
वो बोली- इसमें दर्द हो रहा है इसलिए.

मैंने कहा- लेकिन ये दर्द बड़ा मीठा लगता है जान.
उसने मुझसे पूछा- आप अब तो घर में कुछ नहीं कहेंगे ना?
मैंने कहा- मैं पागल हूँ क्या, मेरी इतनी प्यारी साली को मैं कोई तकलीफ कैसे दे सकता हूँ.

मैंने उसे बांहों में भर के चूम लिया, वो बहुत खुश हो गई और मुझे एक चुम्मा दे दिया.

फिर वो बोली- जीजू आप तो कितना ज्यादा झड़ते हो.. मेरी तो पूरी भर गई थी.
मैं पूछा- क्या भर गई थी.. अब भी शर्मा रही हो.
वो हंसते हुए खड़ी हुई और बोली- मैं आपके लिए चाय बनाती हूँ.

मेरी सत्य घटना पर आधारित यह जीजा साली की चुदाई कहानी आप लोगों को कैसी लगी मुझे जरूर बताएं, मेरा ईमेल आईडी नीचे है.
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