जॉब से जिगोलो बनने तक का सफर

जॉब से जिगोलो बनने तक का सफर

आप सभी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी के पाठकों को नमस्कार। मैं भी अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ। मैंने यहाँ की लगभग सारी कहानियाँ पढ़ी हैं। मेरा नाम अमित है, मैं इंदौर का रहने वाला हूँ और यहाँ अकेला ही रहता हूँ। मेरी लम्बाई 5’ 11” है व मेरे लंड का साइज भी अच्छा-खासा है। अभी मेरी उम्र 28 साल है।
यह मेरी पहली कहानी है।

मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था, उधर कुछ समय जॉब करने के बाद मेरा वहाँ के मैंनेजर से कहा-सुनी हो गई और मैं गुस्से वो जॉब छोड़ आया।
अब मेरे पास कोई काम नहीं था, मैंने कई जगह नौकरी के लिए ट्राई किया पर कुछ फायदा नहीं हुआ।

मैं एक दिन ऐसे ही कंप्यूटर पर जॉब तलाश रहा था, उसी वक्त मैंने उसमें एक कॉल ब्वॉय जिगोलो सर्विस की वेबसाइट देखी। मैंने उस वेबसाईट को खोला, तो उसमें उस काम के बारे में और उनका नम्बर लिखा हुआ था।

मैंने सोचा मेरे पास कोई काम तो है नहीं, तो मैंने वो नम्बर ट्राय किया, वो फोन किसी लड़के ने उठाया।
जब मैंने जॉब के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि आप जिगोलो बन तो सकते हो, पर पहले आप को 7000 रुपए जमा करवाने होंगे।
मैंने कहा- रूपए काम होने के बाद जमा करवा दूँ तो चलेगा?

उसने कहा- ये हमारी पॉलिसी है कि पहले पैसे जमा करवाओ, फिर आप 30000 से 40000 कमाओगे.. हमारे सम्पर्क सभी हाई-प्रोफाइल लोगों से है और आपको गारंटी से काम मिलेगा।

मैंने हिम्मत करके पैसे जमा करवा दिए।

अगले दिन मेरे पास उस नम्बर से फोन आया और उसने मुझे एक होटल में करीब 2 बजे बुलाया, मैं 1.30 बजे ही पहुँच गया। जब 2 बजे वो वहाँ आया और मैंने उससे बात की, तो उसने अपना नाम विश्वजीत बताया।
उसने मुझसे मेरे बारे में पूछा- अब तक कितनी बार सेक्स कर चुके हो?
मैंने बताया- कई बार सेक्स क़र चुका हूँ।

उसने मेरी कुछ फिजीकल इंफॉर्मेशन (लंड का नाप वगैरह) लेना चाही, मैंने उसे सभी जानकारी दे दी।
फिर उसने कहा- आज आपको एक लेडी को सन्तुष्ट करना होगा।
मैंने कहा- ठीक है..
उसने मुझे रूम नम्बर 111 में जाने को कहा, मैं ‘ठीक है..’ कहते हुए रूम की तरफ चला गया।

रूम के सामने पहुँच कर मैंने दरवाजे की बेल बजाई.. रूम करीब 30 सेकण्ड बाद खुला। जैसे ही रूम खुला, तो मेरी आँखें खुली रह गईं।
कमरे के अन्दर से एक लेडी ने दरवाजा खोला था, वो बेहद खूबसूरत थी। मैं तो उसे देखकर ठगा सा खड़ा रह गया।

उसने मुझे मुस्कुराते हुए अन्दर आने को कहा। उसकी उम्र 35-38 साल की रही होगी, उसका फिगर 32-28-34 का रहा होगा, पिंक कलर की साड़ी पहन रखी थी और बेहद गोरी थी।

अन्दर आकर उसने मुझसे मेरा नाम पूछा, मैंने कहा- अमित..
उसने उसका नाम रेखा बताया.. और कहा- आपको मुझे सैटिस्फ़ाई करना है।
तो मैंने कहा- तो फिर देर किस बात की है!

मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी और खींचा और उसके होंठों पर जोरदार चुम्बन कर दिया। उसे मेरे पहले किस से ही अंदाज हो गया था कि उसे कोई जबरदस्त मर्द मिला है।

उसने भी मेरा भरपूर साथ दिया.. मैंने करीब 5 मिनट तक उसके होंठों को चूसा और साथ ही उसकी चुची को धीरे-धीरे ऊपर से दबाने लगा।

कुछ पलों के बाद ही मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए.. वो भी मेरा साथ देने लगी।

वो एक पक्की चुदक्कड़ किस्म की लग रही थी.. और मैं भी एक चोदूमल था। कुछ ही देर मैं उसके पूरे कपड़े उतार चुका था और उसने भी मेरे पूरे कपड़े उतार दिए थे।

जब उसने मेरा लंड देखा तो कहने लगी- वाह.. तुम्हारा लंड तो बहुत तगड़ा है, चलो 69 की पोजीशन में शुरू करते हैं।
मैंने कहा- ठीक है।

हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए, वो मेरे लंड को चूसने लगी.. और मैं उसकी चुत चाटने लगा। चुत चाटते समय मैंने उसकी गांड में एक उंगली डाल दी.. वो एकदम से सिहर उठी।
उसके मुँह से मादक आवाजें निकलने लगीं- उईई.. अह उम्म्ह… अहह… हय… याह… अह..

कुछ मिनट तक हम इसी पोजीशन में रहे, फिर मैंने उसे सीधे लेटने को कहा।
वो खुद भी मेरा लंड अपनी लपलपाती हुई चुत में लेने को तड़प रही थी।

मैं उसके दोनों पैरों के बीच में आया और अपना हलब्बी लंड उसकी चुत पर रगड़ने लगा। उसकी चुत एकदम भट्टी की तरह दहक रही थी।

मैंने एक जोरदार धक्का मारा.. तो वो चिहुँक उठी और आँख पसार कर कहने लगी- ओह.. जरा आराम से डालो.. मेरी चुत फाड़ोगे क्या?

मैंने हँसते हुए एक और जोरदार धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चुत में घुसेड़ दिया। एक-दो पल बाद उसकी चुत ने मेरे लंड को अपनी चुत में एडजस्ट कर लिया तो मैंने धीरे-धीरे लंड अन्दर-बाहर करना शुरू किया।

कुछ ही झटकों में उसकी मदमस्त आवाजें कमरे में गूँजने लगीं- आह.. उईई.. ड्डाल दो पूरा.. फाड़ दो मेरी चुत को..

मैं पूरी तन्मयता से उसको चोद रहा था। वो भी अपनी कमर उचका कर मेरा साथ दे रही थी।

साली पक्की लंडखोर थी, काफी देर बाद कमीनी की चुत में से पानी छूटा और वो शांत हो गई।

उसके कुछ बाद ही मेरे भी लंड से माल की धार छूट गई.. और मैंने सारा रस उसकी चुत में गिरा दिया। झड़ने के बाद मैं भी निढाल होकर उसके ऊपर लेटा रहा।

वो पूरी तरह सन्तुष्ट हो चुकी थी। कुछ मिनट बाद मैंने उठकर अपने कपड़े पहने.. तो उसने कहा- मैं आज तक न जाने कितने मर्दों से चुदवा चुकी हूँ.. पर तुम्हारे जैसा मर्द आज तक नहीं मिला।

उसने मुझसे मेरा नम्बर माँगा, मैंने उसे अपना नम्बर दिया और अपनी फ़ीस ले ली।
अब हम दोनों नीचे आए और विश्वजीत से मिले।

विश्वजीत ने मुझसे कहा- अब आप जा सकते हो.. अगले काम के लिए जल्दी फोन आएगा।

मैं वहाँ से चला गया और उसके बाद अब तक मैं जिगोलो के रूप में कई हाई प्रोफाइल आंटियों को चोद चुका हूँ और रेखा का फोन तो आज भी आता है।

तो दोस्तो, यह थी मेरी जिगोलो बनने की सेक्स स्टोरी.. मैंने अगली चुदाई कब और कैसे की, अगली बार बताऊंगा।

आप सबको ये हिंदी सेक्स कहानी कैसी लगी.. मुझे जरूर बताएं।

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