टीचर ने खुद अपनी चूत की चुदाई करवाई

टीचर ने खुद अपनी चूत की चुदाई करवाई

मैं पंकज राजपूत, लोग मुझे दीप के नाम से जानते हैं. मेरी सेक्स स्टोरी मेरी टीचर की चुदाई की है.

हमारे कॉलेज की एक टीचर हैं जो मुझे हमेशा से ही बड़ी क्यूट लगती थीं. उनकी उम्र कुछ 30 साल के आसपास रही होगी. टीचर का नाम पिंकी था.. और उनकी फिगर कुछ 38-30-36 की होगी. जब मैंने उन्हें फर्स्ट टाइम देखा तो उनके बड़े-बड़े मम्मों को देख कर मैं तो उनको चोदने के सपने देखने लगा. हालांकि मुझे पता था कि ये कभी सच नहीं होने वाला है. लेकिन भविष्य किसने देखा है.

कॉलेज के एनुअल फंक्शन का टाइम था. पिंकी टीचर जी एक टीम को हेड कर रही थीं, जिसका पार्ट में भी था. मुझे भी सिनियोरिटी के हिसाब से उस टीम का हेड बनाया गया था. इस कारण ऑलमोस्ट हर रोज़ मेरा उनसे मिलना हो ही जाता था. साथ में काम करने की वजह से हम दोस्त जैसे बन गए थे.

एक दिन मुझे पिंकी टीचर का कॉल आया- कुछ अर्जेंट काम है, तुम मेरे ऑफिस में आ जाओ.
मैं चला गया, उनको कुछ कॉल्स वगैरह करवाने थे, इसमें काफी टाइम निकल गया. अब शाम के 7 बज गए थे. ऑल मोस्ट सारे टीचर्स जा चुके थे और डिपार्टमेंट बिल्कुल वीराना सा था. काम के बाद मैं टीचर से जनरल बातें करने लगा. उनके परिवार और विवाहित जीवन से सम्बन्धित बातें होने लगीं. बातें करते-करते लगभग 8 बज गए. तभी टीचर को उनके पति का कॉल आ गया. अब तो टीचर ने एकदम से जाने की जल्दी मचा दी. पर जल्दी-जल्दी में उनके सूट का कपड़ा कहीं फंस गया और फट गया.

टीचर की ब्लैक कलर की ब्रा आगे से दिखने लगी. मेरा तो लंड खड़ा हो गया लेकिन मैंने टीचर को अपना जैकेट दे दिया.

टीचर वहाँ से चली गईं. अगले दिन छुट्टी थी. इसके बाद मैं कॉलेज आया हुआ था तो टीचर ने मुझे फोन करके बुलाया कि वो ऑफिस में हैं और उन्हें कुछ काम है.

मेरा लंड पिछले दिन की घटना के बारे में सोच कर एक बार फिर खड़ा हो गया, मैं उनके रूम में गया.

उन्होंने मुझे कुछ काम बोला. मैं जाने लगा तो उन्होंने रोक लिया और कहा- ये जैकेट ले जाओ और थैंक्स फॉर यस्टर डे.
मैंने कहा- इट वाज़ माय प्लेज़र, नो प्रॉब्लम टीचर.
फिर पिंकी ने कहा- प्लीज किसी को बताना मत.
तो मैंने भी कहा कि नहीं बताऊंगा. उन्होंने मेरे हाथ पर हाथ रखा और कहा- मुझे बहुत अच्छा लगा था जब तुमने जैकेट दी.
मैंने स्माइल कर दिया.

पिंकी- लेकिन एक चीज़ तो तुम भी नहीं कण्ट्रोल कर सके.
मैं- क्या?
पिंकी- तुम्हारा ‘वो’ कुछ ज्यादा ही खुश हो गया था.
और इतना कह कर उन्होंने कटीली मुस्कान बिखेर दी.
मैं- न..नह..नहीं टीचर.
पिंकी- अरे डोंट बी अफ्रेड यार.

मैं अभी भी चेयर पर ही था और वो खड़ी हो कर मेरी तरफ आ गईं. मेरा दिल बहुत जोर-जोर से धड़क रहा था.
पिंकी- सच सच बताओ न.. कैसा लग रहा था?
मैं- टीचर ऐसा कुछ नहीं है.. सॉरी अगर आपको ऐसा लगा.

तो वो एकदम से मेरे पास आईं और उन्होंने अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर रख दिया.
पिंकी- झूठे कहीं के.. अभी भी खड़ा है देखो!
मैं- टीचर अब आप हो ही इतनी सुन्दर.
पिंकी- अच्छा जी.
और वो बिना किसी शर्म किए मेरी गोद में आ बैठीं.
पिंकी- ऐसा क्या अच्छा है मुझ में?
मैं- सब कुछ है टीचर, ऊपर से नीचे तक सब कुछ मस्त है.

मैंने उनके माथे पर चुम्बन किया.. आँखें चूमीं.

‘आपकी सुन्दर सुन्दर आँखें.. क्यूट से गाल.. चिकनी नाक.. और शरबती होंठ..’ इतना कहते हुए मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ धर दिए. टीचर ने भी होंठ चूमे और आँखें बंद कर लीं. मैंने उनके मुँह में अपनी जुबान डाल कर मजा लेना शुरू किया. अब टीचर ने भी मेरी जुबान से लड़ाना शुरू कर दिया था

मैंने कुछ ही पलों बाद उन्हें उठाकर टेबल पर बैठा दिया. टीचर को चूमते हुए मैंने अपना हाथ उनकी कमीज में डाल दिया और देर न करते हुए मैं उनकी कमीज़ उतारने लगा. टीचर ने भी समर्पण कर दिया था. मैंने हल्का सा धकेला तो वो टेबल पर लेट गईं. अब मैं उनकी गर्दन पर जोर-जोर से चूमने लगा.

पिंकी- अह्ह्ह्ह.. बस करो दीप.
मैं- आपके ये बड़े-बड़े बूब्स.. इनके लिए तो मैं कुछ भी लुटा दूँ.

उनकी ब्रा के ऊपर से ही मैं मम्मों को मसलने लगा, तभी टीचर ने अपनी ब्रा को खोल दिया और मैंने उनके निप्पलों को एक-एक करके चूसना शुरू कर दिया.. और चूस चूस कर लाल कर दिया

पिंकी- अह्ह्ह.. जोर से दीप.. सक इट चोद दो मुझे.. अह अपनी रंडी बना लो मुझे.
मैं- आपकी इच्छा सर माथे टीचर..
पिंकी- स्सस्सस्स.. ओह्ह्ह्ह दीप, बहुत मजा आ रहा है.

मैंने देर न करते हुए टीचर की सलवार खींच दी.. और उनकी गांड को दोनों हाथों से दबोच लिया.

मैं- आपकी ये प्यारी सी मोटी सी गांड मुझे बड़ी मस्त लग रही है टीचर.
‘तो प्यार करो न इसको दीप.. आह.. आई लाइक यू..’

मैंने टीचर की गांड को खूब मसला और उनकी चुत को पेंटी के ऊपर से ही अपनी नाक से रगड़ा तो टीचर गनगना गईं.
पिंकी- ओह्ह्ह दीप.. चुसो मेरी चूत को..
टीचर ने मेरे सर को अपनी चुत पर दबा दिया. मैंने उनकी पेंटी को खींचते हुए अलग कर दिया और चूत पर एक जोरदार चुम्मा ले लिया. टीचर ने अपनी चुदास के चलते अपनी टांगें चौड़ी कर लीं. इसके बाद मैंने टीचर की फुद्दी को लिक करना चालू कर दिया, वो जोर-जोर से चिल्लाने लगीं.

पिंकी- ओह दीप… सक डीपर.. आह.. करो अपनी जुबान को और अन्दर तक डाल दो.. आह.. चूत की गहराई में चाटो.. मुझे चोद दो.. फ़क मी दीप.. फ़क मी..
मैंने चुत चूसने के साथ ही अपनी एक उंगली उनकी फुद्दी में डाल दी, फिर दो उंगलियां अन्दर कर दीं, साथ ही अपने होंठों से टीचर की चुत के दाने को खींचा, तो टीचर ने एकदम से अपनी चुत ऊपर को उठा दी.
पिंकी- ओह्ह्ह्ह.. फास्टर और तेज़..

बस उतने में ही उनकी चूत ने पानी निकाल दिया.
पिंकी- ओह दीप.. आह.. मज़ा आ गया..
टीचर के झड़ने के बाद भी मैं टीचर की चुत को चूसता रहा.. जिससे टीचर फिर से गरमा गई- आह.. दीप.. अब प्लीज चोद भी दो मुझे.. क्या तड़पा रहे हो..
टीचर ने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे हिलाने लगीं.

मैं- प्लीज मुँह में ले लो ना.
जैसे टीचर मेरे इशारे का ही इन्तजार कर रही थी- ओह श्योर बेबी..
उन्होंने मेरे खड़े लंड को अपने मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगीं, लेकिन उन्हें ब्लोजॉब करना ज्यादा पसंद नहीं था सो उन्होंने जल्द ही लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल दिया

पिंकी- अब डाल दो इस लंड को मेरे अन्दर.. प्लीज़ फ़क मी हार्ड दीप.

मैंने उन्हें टेबल पर ही उल्टा कर दिया और उनकी टांगें अपने दोनों हाथ से पकड़ कर चुत को खोल दिया. फिर मैंने अपने खड़े लंड को उनकी चूत की फांकों में फंसा कर एक ही झटके में डाल दिया. टीचर के मुँह से एक हल्की सी आह.. निकली और धकापेल चुदाई शुरू हो गई.
पिंकी- ओह दीप.. तूने तो मेरी चूत फाड़ दी.. तुम्हारा लंड बहुत मोटा है.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… फक मी दीप.. डीपर.. फास्टर.. और जोर से चोदो दीप..

मैं अपना लंड उनकी मस्त चूत में और भी जोर-जोर से ठोकने लगा.. और वो ऐसे ही मुझे उकसा कर अपनी चूत मरवाती रहीं.

पिंकी- अह दीप..आई एम योर रंडी नाओ.. फक मी.. फक मीई अह्ह्ह्.. म्म्मम्म… ऊऊऊ.. चोद दो मुझे… शांत कर दो इस चूत की आग को.. मैं तुम्हारे लंड की दीवानी हो गई हूँ.. चोदो मुझे.. जोर से… फ़क फ़क..
एक लम्बी और मस्त चुदाई की बाद वो झड़ गईं.. मैं भी टीचर की चुत के अन्दर ही झड़ गया.

पिंकी टीचर मुझसे चुदाई करवाके बहुत ही खुश हुईं, उन्होंने मुझसे कहा- मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे हर हफ्ते में कम से कम एक बार तो चोदो ही.
मैंने कहा- यह कैसे मुमकिन है?
उन्होंने कहा- मेरा इंजीनियर पति हर फ्राईडे को दारु पीकर पूरा टुन्न होकर आता है. अगर तुम फ्राईडे को मेरे घर आ जाओ तो मैं पूरी रात तेरे साथ निकाल सकती हूँ.

मैं फिर हर फ्राईडे को उनके घर में चुपके से जाने लगा. उसका पियक्कड़ पति बिस्तर पर नशे में धुत्त पड़ा सोया रहता और हम फर्श पर या सोफे के ऊपर ही चुत चुदाई का खेल खेलते.

टीचर टीचर को मैंने पीरियड्स और प्रेग्नन्सी में भी चोदा हुआ है. टीचर ने मुझसे कितनी बार गांड भी मरवाई है और बूब-फकिंग भी की है.

आपको मेरी टीचर की चूत चुदाई की सेक्स स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर लिखें.

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