ट्रेन में मिले हैंडसम लड़के से चुद गई

ट्रेन में मिले हैंडसम लड़के से चुद गई

यह घटना पिछले साल की है. मैं घर से दीवाली की छुट्टियां मना कर वापस अपनी जॉब पर जा रही थी. मेरा बंगलोर के लिए दिल्ली से रिज़र्वेशन था, तो पापा मुझे दिल्ली स्टेशन तक छोड़ कर ट्रेन में बैठा कर वापस घर आ चले गए थे.

ट्रेन के इस स्लीपर क्लास के डिब्बे में मेरी सबसे ऊपर वाली सीट थी, नीचे एक फैमिली यात्रा कर रही थी. मेरे सामने वाली सीट में एक हैंडसम जवान लड़का बैठा था. पहले तो मैंने उसे देख कर कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया, लेकिन वो अपनी तिरछी निगाहों से मेरे सुडौल बदन को निहार रहा था. मुझे भी वो पसंद आ गया था.

रात का खाना खाने के बाद मैं सो गई. रात में ठंड ज़्यादा बढ़ गई थी और मेरे पास कोई कंबल भी नहीं था. मुझे ठंड के मारे नींद न्ही आ रही थी. मैं यूं ही गठरी सी बनी हुई लेटी रही. इसी कारण मैं सिकुड़ कर गोल सी हो गई थी. जैसे तैसे रात कटी, मैं सुबह तक वैसे ही सिकुड़ी सी सोती रही. सुबह केटरिंग ब्वॉय ब्रेकफास्ट लेकर आ गया था. तो सामने बैठे लड़के ने मुझे जगाया और ब्रेकफास्ट के लिए बोला. मैंने नाश्ता किया और फिर से लेट गई.

ठंड कुछ ज़्यादा ही थी, तो उसने मुझे अपना कंबल ऑफर किया. मेरी नींद पूरी नहीं हो पाई थी, तो मैंने उससे कंबल ले लिया और वापस सो गई.

कुछ समय बाद फिर से उसने मुझे लंच के लिए जगाया. मैंने उसे कंबल के लिए थैंक्स बोला और लंच किया. फिर हम दोनों ने कंबल को शेयर कर लिया. आधा उसकी सीट पर और आधा मेरी सीट पर. लेकिन नीचे बैठी फैमिली ने बोला कि कंबल नीचे लटक रहा है, इसे ऊपर कर लो.

मैंने उसे अपनी सीट पर आ जाने का ऑफर दिया और वो झट से आ गया. फिर हम एक ही सीट पर थोड़ी थोड़ी दूर कंबल के अन्दर बैठे रहे. वो कुछ वीडियो सांग्स देख रहा तो. मैं भी उसके फ़ोन को देखने लगी. यह देखकर उसने अपना ईयर फोन भी मेरे साथ शेयर किया.

अब मैं उसके और पास को हो गई. ये गाना अच्छा था, तो मैंने उसको अपने नम्बर में भेजने के लिए कहा.

उसने मुझे ब्लूटूथ ऑन करने को कहा. मैंने ऑन किया, उसने डिवाइस नाम अपना व्हाटसैप नम्बर रखा था. मैं समझ गई कि ये मुझे अपना नम्बर दे रहा है. मैंने उसका नम्बर सेव कर लिया. फिर हम दोनों चुपचाप व्हाटसैप पर बात करने लगे. उसका नाम सुदीप था. हम दोनों ने व्हाटसैप पर काफ़ी बातें कीं. बातों बातों में उसने मुझे काफ़ी सारे कॉंप्लिमेंट दिए, जैसे आप बहुत सुंदर हो.. वगैरह वगैरह.

बात करते करते सुदीप ने मेरे कंधे से अपना कंधा चिपक दिया. मौसम ज़्यादा ठंडा था, तो मुझे भी उसके साथ बैठने में कोई प्राब्लम नहीं हुई बल्कि मुझे अच्छा लग रहा था.
थोड़ी देर बाद सुदीप ने अपने हाथ को मेरी जांघ पर रख दिया. उसने जैसे ही मेरी जांघ पर हाथ रखा, मैं चौंक गई लेकिन मैंने कोई रिएक्ट नहीं किया. मैं बस उसकी तरफ देख रही थी. मेरी तरफ से कोई विरोध ना पाने पर उसने मेरी जांघों को सहलाना शुरू कर दिया. मैं बस उसको देख रही थी और वो कंबल के अन्दर मेरी जांघों पर हाथ फेर रहा था. मुझे भी अच्छा लग रहा था कि जवान हैंडसम लड़का मेरी तरफ आकर्षित हो रहा था.

धीरे धीरे सुदीप ने मेरे दूध दबाने स्टार्ट कर दिए. वो मेरे निपल्स को पिंच कर रहा था. इससे मेरे दूध तन गए और टाइट हो गए. मैं गर्म हो गई तो मैंने भी उसके लंड को सहलाना आरम्भ कर दिया. उसका लंड मोटा था, मेरे सहलाने से एकदम से उसका लंड खड़ा हो गया था. मैं उसके मोटे लंड को अपने होंठों से चूमना चाहती थी लेकिन कर ना सकी. उसके लंड के स्पर्श ने ही मेरी चूत को पानी पानी कर दिया था. उसने मेरी छाती को अपने हाथ से ऐसे मसला मानो कोई संतरा निचोड़ रहा हो.

फिर उसने अपना हाथ सीधे मेरे पेंटी में डाल दिया और मेरी चूत को अपनी उंगली से रगड़ना स्टार्ट कर दिया. अब मैं सी पागल हो रही थी. मेरा मन कर रहा था कि वो अभी इसी वक्त अपने लंड को मेरी चूत में डाल के मेरी आग को बुझा दे. मैं उसके लंड से अपनी चूत को फटवाने के लिए तैयार थी.

सुदीप अपनी उंगलियों से मुझे चोद रहा था. लेकिन मुझे उसका लंड अपनी चूत में अन्दर करवाना था.

कुछ ही देर फिंगर फक से मैं बैठे बैठे ही झड़ गई. फिर मैं कपड़े बदलने के लिए टॉयलेट में चली गई. मैंने अन्दर अपनी चूचियों को मिरर में देखा कि मेरे दूध पर उसकी उंगलियों के निशान बन गए थे और मेरी चुचियां लाल हो गई थीं. मेरा सुदीप से चुदने का बहुत मन हो रहा था. इसी लिए मैं नाइट ड्रेस पहन कर वापस सीट पर चली गई. इस बार में ब्रा और पेंटी उतार कर गई थी. मैं सिर्फ़ टी-शर्ट और नाइट पेंट पहन कर चली गई.

अब नाइट हो गई थी. सब लोग सो गए थे, लेकिन मैं उसकी सीट पर जाकर उसके साथ बैठ गई. हम दोनों ने फिर से कंबल ओढ़ा और एक दूसरे को चूमना स्टार्ट कर दिया. सुदीप ने मेरी टी-शर्ट मेरी चुचियों तक ऊपर करके मेरे मम्मों को अपने मुँह में ले लिया. मैंने भी उसके सिर को अपनी चूची से चिपका लिया. फिर उसने मेरी नाइट पेंट को मेरे घुटनों तक उतार कर मेरी चूत में अपनी जीभ डाल कर मेरी चूत का सारा पानी निकाल दिया.

फिर इसके बाद मैं कम्बल में मुँह डाल कर घुस गई और वो बाहर सर निकाल कर बैठ गया. मैंने उसके मोटे तगड़े लंड को अपने मुँह में लेके खूब चूसा. मुझे पहली बार इतना मोटा और लंबा लंड चूसने को मिला था, वो भी एक हैंडसम जवान लड़के का मस्त लंड चूसने को मिला था. मैं लंड चूस कर पागल हो रही थी.

अब मुझे उसका लौड़ा अपनी चूत के अन्दर लेने के लिए जल्दी पड़ी थी. वो भी मुझे चोदने के लिए फड़फड़ा रहा था. वो अपने मूसल लंड से मेरी कमसिन चूत को फाड़ने के लिए मचल रहा था.

कुछ देर बाद सुदीप ने मुझे नीचे से नंगा करके अपनी गोद में बैठा लिया. मैं भी उसकी गोद में बैठ कर उसके लंड को अपनी चूत के छेद पर सैट कर रही थी. लेकिन इस तरह से उसका मोटा लंड मेरी चूत में नहीं जा पाया. कुछ ही देर में उसके लंड का मक्खन मेरी चूत पर गिर गया.

सुबह में हम बंगलोर पहुंचने वाले थे, तो हम दोनों एक दिन रिटायरिंग रूम में बिताने का सोचा. ट्रेन से उतर कर हम दोनों रिटायरिंग रूम में पहुंच गए. रूम में पहुंचने के बाद सुदीप ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया. उसने मुझे अपनी गोद में उठा कर बेड पर लेटा दिया और फिर से मुझे पूरा नंगा करके मेरे पूरे बदन को चूमना चालू कर दिया.

मैंने भी उसके कपड़े उतार कर उसे अपने ऊपर लेटा दिया और उसकी पीठ को अपने हाथों से सहलाया. वो और जोश में आ गया और मेरे दूधों को बुरी तरह से दबाने लगा. मुझे भी उसका जंगलीपन बहुत अच्छा लग रहा था.

फिर सुदीप ने मेरी चूत को अपने होंठों से चूमते हुए कहा- आह साली क्या मस्त चिकनी चूत चोदने को मिली है, आज तो मैं इसे फाड़ ही डालूँगा.
यह बोल कर वो मेरी चूत में अपनी जीभ डालकर चोदने लगा.
मैंने बोला- सुदीप तुम सिर्फ़ बोल रहे हो … करते कुछ नहीं हो. कल रात से मेरी चूत तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही है.

ये सुनकर सुदीप ने मुझे बेड के किनारे पर लेटा दिया. मेरी दोनों टांगों को उसने अपने कंधे पर चढ़ कर अपने लंड को मेरी चूत पर रख दिया.
वो बोला- ले साली झेल..
ये कहते ही उसने अपना लंड मेरी चूत में एक ही झटके में डाल दिया.

मैं दर्द से चिल्ला उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मेरी चीख सुनकर सुदीप ने मेरी चूत में झटके मारना और तेज कर दिया. मुझे बहुत मजा आ रहा था, मेरी सिसकारियां पूरे कमरे में गूँज़ रही थीं.

सुदीप ने फिर मुझे घोड़ी बनाया और मेरे ऊपर चढ़ गया. सुदीप ने मेरी चुदास को अच्छे से शांत किया. उसने मेरी चूत को तीन बार चोद कर पूरी सुज़ा दी और लाल कर डाली.

चुदाई का मजा लेने के बाद मैं वहां से अपनी सूजी हुई चूत को लेकर अपने किराए के रूम पर आ गई.

इसके बाद सुदीप का जब भी मन करता है, वो मुझे चोदने मेरे रूम पर ही आ जाता है.

फ्रेंड्स आशा है कि आपको मेरी पहली सेक्स स्टोरी मस्त लगी होगी. मैं चाहती हूँ कि आप अपने सजेशन्स मुझे जरूर बताएं ताकि मैं अपनी चुदाई के और भी रंगीन किस्से आपको अच्छे से एक्सप्लेन कर पाऊं.. थैंक्यू
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