ढाबे की मेज पर चालीस साल की औरत की चुदाई

ढाबे की मेज पर चालीस साल की औरत की चुदाई

यह कहानी सिर्फ मनोरंजन के लिय लिखी गई है, इससे किसी व्यक्ति और नाम से कोई सम्बन्ध नहीं है.

मेरा नाम राजू है, मैं अभी बीस साल का हूँ. मैं वीरपुर गांव का रहने वाला हूँ और पटना रह कर पढ़ाई कर रहा हूँ.
पटना से मेरे गाँव के बीच बस ही चलती है और कोई दस घंटे का रास्ता हैं. अक्सर रात को मैं घर के लिए बस पकड़ता था और सुबह थक घर पहुँच जाता था.

एक दिन की बात है, मुझे घर से शाम सात बजे में फोन आया घर आने के लिये, बहुत जरूरी काम था.
मैं पटना से गाँव के लिए बस लेने के लिए बस स्टॉप पर आ कर खड़ा हो गया. रात के दस बज गए पर बस नहीं आई.

मैंने एक ट्रक वाले को हाथ दिया. ट्रक वाले ने ट्रक रोक कर पूछा तो उसने मुझे ट्रक पर चढ़ा लिया. मैं ट्रक पर बैठ कर चल दिया.
ट्रक वाले ने मेरा नाम पता पूछा तो उसने बताया कि वो भी मेरे गाँव के बगल का ही है.

धीरे धीरे मुझे नींद आने लगी थी, मैं सोने लगा. कुछ देर बाद उसने ट्रक रोक दिया, तो मेरी नींद खुल गयी.
मैंने टाइम देखा, रात के दो बज रहे थे, ड्राईवर ने मुझे बोला- ढाबा है, मैं कुछ खा लेता हूँ अगर तुम्हें भी खाना है तो खा लो!

ड्राईवर ट्रक से उतर गया, मैं भी उतर कर नीचे आया. ढाबा पूरा अँधेरा में था. मैं भी ढाबा की ओर गया, बाहर एक चालीस साल की औरत बैठी हुई थी, एक छोटी सी झोपड़ी थी, अंदर एक कमरा था.
ड्राईवर ने उस औरत से कुछ पूछा, और कमरे के अंदर चला गया, तब तक मैं उस औरत के पास पहुंचा और उस औरत से पूछा- कुछ खाने की व्यवस्था है?
उस औरत ने कहा- हाँ हो जायेगी.
“ड्राईवर कहाँ गया है?” मैंने पूछा.
औरत ने कुछ जवाब नहीं दिया और मुझे बैठने के लिए बोला.

मैंने बैठते हुए पूछा- आंटी जी, आपने जवाब नहीं दिया?
उसने मुझे पूछा- क्यों मजाक करते हो बाबू, क्या आपको सच में नहीं पता है?
“हाँ, मुझे सच में नहीं पता है. आपने इतने आश्चर्य से क्यों पूछा है?” मैंने उसे देखते हुए पूछा.

वो औरत हल्के से हंसी और बोली- वो लड़की से साथ गया है, अब वो एक डेढ़ घंटे बाद ही बाहर आएगा बाबू!
“तो इसलिए आपने मेरी हंसी उड़ाई है, मैं समझ गया.”
फिर वो औरत मुस्कुराई और बोली- आप समझदार हैं.

मेरा भी मन होने लगा, सोचने लगा कि क्यों ना मैं भी आज मजा ले ही लूँ, मेरे ऊपर वासना सवार होने लगी.
मैं बोला- मेरे लिए भी है.
औरत ने कहा- नहीं, अभी एक ही लड़की थी.
मैं उदास हो गया, फिर मैं सोचा कि ये औरत है न, मैं बोला- आप हैं न?
वो औरत जोर से हंसने लगी, फिर हंसती हुई बोली- अरे बाबू, मेरी उम्र बहुत हो गयी है, अब इस उम्र में मुझे कौन पूछेगा.
मैं उसके हाथ को पकड़ा बोला- कोई बात नही आंटी, एक बार आप हाँ करो! देखो मैं पांच सौ रूपया दूँगा!
मैं पांच सौ का नोट निकाल कर उसे दिखाते हुए बोला.

कुछ देर वो चुप रही, फिर बोली- चलो उस कमरे में चलते हैं.
मैं बोला- वहाँ तो वो ड्राईवर भी है न?
वो बोली- हाँ!
मैं- यहीं करते हैं, ड्राईवर को फ्री छोड़ दो आप!

इतना कह कर मैं उस औरत के पास चला गया और उसके चूची पर हाथ रख कर दबाने लगा. वो खड़ी हो गयी और मेरे नजदीक आ गयी, फिर अपना साड़ी का पल्लू नीच गिरा दी. मैं उसके पीछे चला गया और उसके दोनों चूची को ब्लाऊज के ऊपर से ही दबाने लगा और गर्दन के बालों को हटा कर गर्दन को चूमने लगा.

औरत ‘आह अहह अहह सीई’ की आवाज करने लगी. मैंने उसका ब्लाऊज खोल कर दोनों चूची को बाहर कर लिया और जोर से दबाने लगा.
‘अहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… अहह… इतनी जोर से न दबाओ बाबू, उईई दुखता है बाबू… आयी आई आई ईई नं नन् न दर्द हो रहा है बाबु…सी सीई ईई इईई.’ वह औरत बोले जा रही थी, मैं दबाते हुए मजा लेने लगा, उनकी चूची ढीली हो गयी था, वो आ… आ आ करते जा रही थी, फिर भी मैं बिना सोचे ही उसे दबा दबा कर दूध निकालने की कोशिश करने लगा.

मेरा लंड खड़ा हो गया था, पीछे से लंड उसकी गांड पर ठोकर मार रहा था. उसने पीछे हाथ लाकर लंड को पैन्ट के ऊपर से ही पकड़ लिया और दबाने लगी.
मैंने चूची को छोड़ कर अपनी पैन्ट उतार दी और लंड अपना लंड बाहर निकाल लिया, फिर उसकी साड़ी को खोल कर साया भी खोल दिया और लंड को गांड के दरार में सेट कर चूची को दबाने लगा.
वो गांड को पीछे धकेल कर आई आई ईई कर रही थी. फिर हाथ से लंड को पकड़ कर सहलाते हुए बोली- बड़ा है लंड तुम्हारा बाबू.
और मेरे ओर घूम गयी. फिर मैं उसके होंठों को चूमने लगा. वो चूमना छोड़ कर नीचे झुक गयी फिर मेरे लंड को सहला रही थी, जिससे मेरा आनन्द उभर आया ‘अहह आह्ह सहला मेरी जान… ओह ओन्ह्ह क्या आनन्द है!’

लालटेन की रोशनी में मैं उस औरत को देख रहा था. अब वह मेरे लंड को मुख में लेकर चूसने लगी, उसके मुख में लेते ही मैं जोर से चीखा- ओहईई ईई जान क्या कर रही हो… अहह हह…
वो मुख में लंड लेकर चूसने लगी, मैं आनन्द में विभोर होता जा रहा था. मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था और बकते जा रहा था ‘आह आह चूस ले… ईई ईई ले और ले… पी… ओह आह ओह ओह आह… क्या चूस रही हो… जान मजा आ रहा है… इईई उईई उई ओह चूस ओह शु हू हू सु सु सूस ऊउऊ..जान!

वो भी ‘ऊऊ ऊउऊ ऊऊ’ की आवाज के साथ चूसती जा रही थी, मेरे लंड में खिंचाव आने लगा था, वो अंतिम छोर तक खड़ा हो चुका था.
मैंने उसे उठाया और उस टेबल पर लेटने ले लिए कहा. वह टेबल पर लेट गयी.

लालटेन की रोशनी में उसकी चूत साफ़ नजर नहीं आ रही थी. मैंने अपने मोबाइल की रोशनी जला ली, रोशनी में मैंने उसकी चूत को देखा. चूत पर काले काले बहुत ही बड़े बड़े बाल थे.
मैं मोबाइल को टेबल पर रख दिया और अपने हाथ को चूत पर हाथ रख दिया. मेरे लंड में तनाव और बढ़ गया, मेरे मुँह से उईई सीईईईइ निकला और जोर सा झटका लगा. मेरा पूरा शरीर काँप उठा. मैं पहले उसकी दोनों टांगों को फैला कर अपना मुँह चूत पर ले गया और मैंने उसकी चूत को चूमा, फिर चूत के बालों को होंठों में दबा कर ऊपर खींचने लगा, फिर उसके योनि-लबों को अपने होंठों में दबा लिया.
क्या नमकीन सा स्वाद था…

वो भी मेरी इस हरकत से चिहुँक उठी- उह उफ्फ्फ ईईईई क्या कर रहा है बाबू… ईईई!
वो सातवें आसमान की सैर कर रही थी!

मैं अपनी जीभ उनकी चूत में डाल कर उसे रगड़़ने लगा था! मैं पहली बार किसी की चूत चाट रहा था, उसकी चूत का खारा पानी! आह..ह..ह क्या मजा आ रहा था!
वो सीधा स्वर्ग का मजा लेने लगी- आह इह्ह ओह्ह ओह ज जी बाबु! आह… ह्ह्ह… इह्ह…!
उसके लिए यह चुसाई का आनन्द मार देने वाला था.

फिर मैंने चूत के अंदर एक उंगली डाली और चूसने के साथ साथ उंगली से उसे चोदने लगा.
‘आह ह ह हह्हीईई आअह्ह’ की आवाज के साथ उछल रही थी.
वो भी पूरे शवाब पर थी, मैं चूत को चूस रहा था और एक उंगली से चोदे जा रहा था.

वो अजीब सी आवाज़ें निकालने लगी- ओह साले कितना चूसोगे… चोद दो मुझे… बाबू अब… उंगली से कुछ नहीं हो रहा है जल्दी करो..
मैंने भी ज्यादा देर करना सही नहीं समझा और मैंने उसके पैरों को फैला दिया और अपना लंड उस की चूत पर रख कर लंड को चूत पर रगड़ने लगा.
वो कहने लगी- अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा है, मेरी चूत में लंड को डाल दो.

मैंने लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा और एक झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया, उसके मुँह से आवाज निकली ‘ऊऊईई आआह्ह आआह्ह्ह आऔऊउ मर गई रे आआह्ह आआह्ह ईईआअ’
मैं थोड़ा रुका और मैंने हल्का पीछे होकर और एक जोर से धक्का मारा.
“आआआ आअईई ईईई…” एक लम्बी सी आवाज़ के साथ मेरा लंड पूरा उसकी चूत में समा चुका था.
मैं बोला- क्या हुआ, दर्द किया क्या?
‘अरे बाबू, अब कोई मुझे नहीं चोदता, चूत सिकुड़ गयी है, थोड़ा धीरे धीरे चोदो, तुम्हारा लंड एडजस्ट हो जायेगा.’

फिर मैंने उसे धीरे-धीरे चोदना चालू किया. वो सिसकारियाँ ले रही थी- आआह आह ऊउइ आह्ह, और जोर-जोर से चोदो मुझे.
मैं समझ गया कि अब उसे मजा आ रहा है, मैं भी देर किये बिना ही मैं उसे जोर-जोर से चोदने लगा.
हम दोनों के मुँह से उंहह… उंहह… और आहह… आहह्ह… की तेज तेज आवाजें निकलने लगी थीं.

अब मेरे लंड में खलबली मचने लगी थी और वह भी मेरे लंड को जकड़ने लगी थी. इतने में मेरे लंड में खिंचाव होना शुरू हो गया और उसकी चूत में से पानी भी रिसना शुरू हो गया था.
फिर मैंने फुल स्पीड कर दी.
उसने कहा- आह्ह ईई उईई मेरे चूत में ईई जोर से करो माँ ओह्ह बाबू ओर जोर से ईईई मेरे चूत में इस जिंदगी के सबसे तेज झटके है… ऐसे कोई मुझे नहीं चोदा है बाबु उईईइ ऊउउऊ ऊफ फुफ उफुफ़ फुफ फुफुफ़ ईईई इईई चोदो जोर से इईई… उह उफ़ राजा ईई बाबू तुम्हारा लंड महाराज मेरे चूत की गहराइयों को पार कर मेरी बच्चेदानी के अंदर घुस गया हैं उईई फ्फार दो बाबू.
मैं- आहाह… तुम्हारी चूत भी मजेदार है, उईई लो न… चोद तो रहा हूँ… पूरा लंड पेल रखा है, अब कितना चाहिए इईई ले मेरी रानी उईई.

अब उससे भी नहीं रहा गया, वो भी चिल्ला उठी- बाबू जी और तेज, और तेज, आह… आह… मैं गईईईए… गईईईए… गईईईए… गईईई…
उसका जिस्म अकड़ गया और चूत लंड से चिपक गई.

इसी समय मेरा भी लंड उसकी चूत में फड़फड़ाया और झटके खाने लगा फिर एक ज़बरदस्त पिचकारी छूटी.
वो बोली- बाबू, आज तो मुझे मज़ा आ गया.
मैं बोला- जान! तुमने मुझे जो मज़ा दिया उसे मैं कभी नहीं भूलूंगा.

और मैंने उसे रूपये दे दिये.
फिर मैं कुर्सी पर बैठ गया, कुछ देर के बाद ड्राईवर अंदर से बाहर आया. तब तक नोर्मल था. उसे कुछ पता चला ही नहीं.

ड्राईवर मुझे बोला- चलो, अब चलते हैं.
मैं जाने लगा, वो औरत बोली- बाबू आते रहना…
मैं भी हां में इशारा किया और फिर चला गया.
समाप्त

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