न्यूज़ एंकर के साथ बितायी रात-2

न्यूज़ एंकर के साथ बितायी रात-2


कहानी का पहला भाग: न्यूज़ एंकर के साथ बितायी रात-1

अब मैंने एक झटके में उसकी ब्रा के हुक खोल दिये। मुश्किल से 32 साइज के उसके मुम्मे थे कच्चे अमरूद की तरह जो पैडेड ब्रा की वजह से 34 के नज़र आ रहे थे। साइज जो भी हो लेकिन एक बात साफ थी कि इन पर अभी तक किसी ने ठीक से हाथ साफ नहीं किया है।

उत्तेजना की वजह से उसके निप्पल खड़े हुए थे, बाहरी गोला ब्राउन रंग का था। नैना के मुम्मे इतने टाइट थे कि अगर वो बिना ब्रा के भी बाहर निकल जाए तो वो ज्यादा लटकने मटकने वाले नहीं थे।

अब नैना ने खुद अपने हाथ से पकड़कर अपना दूध मेरे मुँह में दे दिया। मुझे मालूम था कि नैना की उतेजना और ज्यादा बढ़ाने के लिए मुझे उसके मुम्मे किस तरह चूसने हैं। मैं दो मिनट तक उसके गोल घेरे पर जीभ फिराता रहा। फिर धीरे धीरे अपनी जीभ के बिल्कुल आगे के नुकीले हिस्से से उसके निप्पल को टच करता रहा।

उसके निप्पल बिल्कुल कड़क हो चुके थे; अब मैं सिर्फ होठों से उसके निप्पल चूस रहा था। साथ ही दूसरे हाथ से उसका दूसरे मुम्मे को सहला रहा था।

वो अब ऐंठने लगी थी; उसकी साँस जोर जोर से चल रही थी। वो चाह रही थी कि अब मैं उसके मुम्मे मुँह में लेकर खा जाऊँ। पर मैं बहुत जल्दी में नहीं था। वैसे नैना भी कुछ कम नहीं थी। रात का एक बजने वाला था लेकिन बंदी खुद को काफी हद तक कंट्रोल कर रही थी। अभी तक वो पूरी नंगी नहीं हुई थी ना उसे बहुत जल्दी थी मुझे नंगा देखने में।

मुझे भी अब थोड़ा आराम चाहिए था क्योंकि उसके लगातार बैठे रहने से मेरे पैर भी दुखने लगे थे।
“एक एक पैग और बनाते हैं.” ये सुनकर वो मेरी गोदी से उतर गयी।

इस बार उसने अपने लिए काफी बड़ा पैग बनाया। मेरी बियर भी दो गिलास में खत्म हो गयी थी। अब मैंने भी दूसरी बियर खोल कर अपना गिलास भर लिया था।

नैना ने भी जल्दी से दूसरा गिलास खत्म करके अपने लिए एक पैग और बनाया साथ ही मुझे बोला कि बैडरूम में चलते हैं, ये आखिरी पैग अब चुदाई करते हुए ही खत्म करेंगे। वो बिल्कुल नशे में नहीं थी। अब मैं जानता था कि अगले दो घंटे मेरी मशीन लगातार चलने वाली थी।

वो मेरा हाथ पकड़कर मुझे बैडरूम में ले गयी। बैडरूम की लाइट काफी मद्धिम थी। एक हल्की सी खुशबू पूरे बैडरूम को महका रही थी। बेड पर जो गद्दा था वो भी कम से कम एक फुट मोटा होगा। अंदर जाते ही नैना बेड के सिरहाने से लेट गयी, उसके पैर जमीन पर लटक रहे थे।

लेटे लेटे ही उसने आदेश दिया- शुरू हो जाओ मेरी जान! आज मैं देखती हूँ कि तुम्हारे लंड में कितना दम है।

कोई हमें चैलेन्ज करे तो कोई बात नहीं पर हमारे लंड को चैलेन्ज करे तो जवाब तो देना बनता ही है। और फिर हम खाते भी अपने लंड का ही हैं।
मैंने भी कह दिया- मैडम, दम तो इस लंड में इतना है कि तुम्हारा दम ही निकल जायेगा।

इतना कहकर मैं घुटने के बल उसकी टांगों के बीच बैठ गया। सबसे पहले मैंने उसकी ट्रॉउजर नीचे सरकाई। अब वो सिर्फ काले रंग की चड्डी में मेरे सामने थी। उसकी टांगें केले के तने की तरह चिकनी थीं। लगता था जैसे आज ही उसने वैक्स करवाई है।

उसकी चड्डी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी, उसमें से आती एक अजीब सी खुशबू मुझे रोमांचित कर रही थी।

मैंने उसके एक पैर को उठाकर नीचे से चूमना शुरू किया। मैं धीरे धीरे जांघों से होकर चूत की तरफ बढ़ रहा था।

अब मैंने चूमना छोड़कर अपनी जीभ के नुकीले हिस्से से उसे चाटना शुरू कर दिया। जांघों से लेकर उसकी चूत के किनारों तक यानि नीचे से ऊपर की तरफ मैं कम से कम दस बार अपनी जीभ फिरा चुका था। चाटनी तो मुझे उसकी चूत ही थी लेकिन मैं चाहता था कि वो जितना तड़पेगी उतना ही उछल उछल कर अपनी चूत चटवायेगी। और जितना ज्यादा वो ओरल सेक्स का मजा लेगी उतना जी जल्दी वो बेहतर ऑर्गेज़म यानि स्खलन हासिल करेगी।

किसी भी लड़की को अगर चरम सुख पर पहुँचाना हो तो उसकी चूत में लंड घुसाने से पहले उसे ओरल सेक्स का मजा देना चाहिए।

लगभग पन्द्रह मिनट तक मैं सिर्फ उसकी टांग और जांघों को ही चाटता रहा। कभी वो उत्तेजना के मारे अपनी टांगों को भींच लेती तो कभी चौड़ा देती।

वो लेटे लेटे अपने हाथों से अपने मुम्मे दबा रही थी और साथ ही उसके मुँह से मादक सिसकरियाँ निकाल रही थी।

मेरा भी लंड अब पूरी तरह सलामी दे रहा था। सांप की तरह मेरा लंड फुँफकार रहा था।

‘आह … उह … उम्म’ जैसी आवाज़ें कमरे में गूंज रही थी।

अब मैंने भी उसकी चड्डी उतारे बिना सिर्फ एक साइड से दो उंगलियों से उसकी चड्डी थोड़ी सी उठायी और अपनी जीभ का आगे का सिरा उसकी चूत की साइड की दीवार पर फिराने लगा।
चूत बिल्कुल चिकनी थी, एक रोआं तक नहीं था नैना की चूत पर। पूरी चूत चुचा चुचा कर लिसलिसी हो गयी थी। चूत से आती खुशबू से साफ लग रहा था कि उसका पानी छूट चुका था।

मैंने दोनों साइड से उसकी चूत की बाहरी दीवार की नीचे से ऊपर की तरफ चाटना शुरू किया। उसकी सिसकारियां पल प्रतिपल बढ़ती जा रही थी। वो चूत चटवाने के पूरे मजे ले रही थी। मैंने भी चाट चाट कर उसकी चूत से निकले हुए सारे लिसलिसे पानी को साफ कर दिया था।

अब मैंने बिना देर किए मुँह से पकड़कर उसकी चड्डी जांघों तक नीचे कर दी।

दोस्तो क्या बताऊँ आपको … उसकी अनछुई चूत के बारे में। मैंने बहुत चूत चोदी हैं लगभग सभी चूत साइड से कालापन लिए होती हैं। लेकिन नैना की छोटी सी चूत गेहुआँ रंग की थी। चूत कसी हुई थी, दरार बहुत ज्यादा खुली हुई नहीं थी।

उत्तेजना की वजह से जो क्लिटरिस (भगनासा) सिर्फ तीस परसेंट बाहर रहता है वो करीब पचास परसेंट बाहर दिखाई दे रहा था। उसका भगनासा बिल्कुल कड़क और हल्का गुलाबी था। नैना अपनी चूत उचका रही थी ये इशारा था कि मैं अब अपना लंड उसकी चूत में पेल दूँ।

अब नैना ने खुद अपने हाथ से पकड़कर अपना दूध मेरे मुँह में दे दिया। मुझे मालूम था कि नैना की उतेजना और ज्यादा बढ़ाने के लिए मुझे उसके मुम्मे किस तरह चूसने हैं। मैं दो मिनट तक उसके गोल घेरे पर जीभ फिराता रहा। फिर धीरे धीरे अपनी जीभ के बिल्कुल आगे के नुकीले हिस्से से उसके निप्पल को टच करता रहा।

उसके निप्पल बिल्कुल कड़क हो चुके थे; अब मैं सिर्फ होठों से उसके निप्पल चूस रहा था। साथ ही दूसरे हाथ से उसका दूसरे मुम्मे को सहला रहा था।

वो अब ऐंठने लगी थी; उसकी साँस जोर जोर से चल रही थी। वो चाह रही थी कि अब मैं उसके मुम्मे मुँह में लेकर खा जाऊँ। पर मैं बहुत जल्दी में नहीं था। वैसे नैना भी कुछ कम नहीं थी। रात का एक बजने वाला था लेकिन बंदी खुद को काफी हद तक कंट्रोल कर रही थी। अभी तक वो पूरी नंगी नहीं हुई थी ना उसे बहुत जल्दी थी मुझे नंगा देखने में।

लेकिन अभी तो असली खेल बाकी था। मैंने अपनी बियर का गिलास उठाकर उसकी चूत पर डालना शुरू किया। अब नीचे गिरती हुई बियर की एक एक बूंद में नैना की चूत की खुशबू समा चुकी थी। मैंने बियर की एक भी बूंद नीचे नहीं गिरने दी। पूरे गिलास की बियर उसकी चूत की दरार से गुजरते हुए मेरे गले को तर कर रही थी।

मैं अब एक बार फिर उसकी चूत को चाटने की सोचकर उसके ऊपर 69 अवस्था में आ गया। बियर मिश्रित चूत की सुगंध वाकई लाजवाब लग रही थी। मैंने आहिस्ता से नैना की चूत को चाटना शुरू किया।

नैना मेरे लंड को जीन्स के ऊपर से ही मसल रही थी। साथ ही वो जीन्स की जिप खोलने के लिए प्रयास कर रही थी जिसमें मैं भी उसका साथ दे रहा था।
एक मिनट भी नहीं लगा कि नैना ने लेटे लेटे ही मेरी जीन्स और चड्डी उतार कर मेरे बदन से अलग कर दिए। गपक से उसने मेरा लंड अपने मुँह में जड़ तक ले लिया।

Oral Sex
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अब हम दोनों ही 69 अवस्था में एक दूसरे के कामुक अंगों को चाटने लगे। नैना भी सधे हुए खिलाड़ी की तरह कभी मेरी गोटियां चूसती तो कभी मेरे सुपारे पर अपनी जीभ गोलाई में फिराती। धीरे धीरे स्पीड बढ़ती गयी। बीच बीच में वो मेरा लंड मुँह से निकालकर हाथ से मुठ भी मारती जा रही थी।

उत्तेजना के मारे मेरा बुरा हाल था। नैना भी अपनी टांग भींच कर मेरा सर जोर से अपनी चूत पर दबाये जा रही थी, ये इशारा था कि वो स्खलित होने जा रही है। मर्द और औरत अगर एक साथ स्खलित हों तो कामक्रीड़ा पूर्ण मानी जाती है, अब चाहे वो स्खलन चूत में हो या एक दूसरे के मुँह में।

ठीक उसी पल मैंने अपना लंड नैना के मुँह से निकालना चाहा लेकिन नैना ने मेरे लंड को दोबारा से अपने मुँह में भर लिया जो इशारा था कि मैं अपने लंड का पानी उसके मुँह में गिरा दूँ।

अगले ही सेकिंड हम दोनों के बदन बिल्कुल ऐंठ कर एक दूसरे में कस गए। हम दोनों का काम रस ज्वालामुखी के लावे की तरह बहने लगा। जिसे बिना किसी झिझक के हम दोनों ही चाटने लगे।
यही तो वासना के साथ प्रेम का पूर्ण रूप है।

अब नैना ने मुझे अपने पास आने का इशारा किया।
मैं उठकर नैना के पास आ गया, उसने बड़े ही प्यार से मुझे माथे पर किस किया। यह प्रतीक था कि स्त्री को वासना के साथ साथ प्रेम की भी आवश्यकता होती है। अब मैं उसके घने बालों में उंगली फिरा रहा था और वो भी मेरी छाती के बालों से उलझ रही थी। बीच बीच में हम दोनों एक दूसरे को किस भी कर रहे थे।

लेकिन दोस्तो, अब इस किस में वासना कम और प्यार का रंग ज्यादा दिखाई दे रहा था। वो किसी छोटे बच्चे की तरह मेरे सीने से चिपक गयी थी। मैं भी अपने हाथ उसके शरीर पर खासकर उसके नितंबों पर फिरा रहा था। ऐसा करते करते मेरा लंड फिर से सलामी देने लगा।

रात के 2 बज चुके थे तो मैंने उसका चेहरा उठाकर पूछा- अगर कहो तो अब चुदाई शुरू करी जाए।
नैना ने कहा- प्रियम आप विश्वास करना कि मैं आज तक किसी से भी नहीं चुदी हूँ। अपनी फ्रेंड्स को देखकर और उनकी बातों को सुनकर मेरा भी मन करता था कि किसी का लंड अपनी चूत में लेकर पूरी रात पड़ी रहूँ।

नैना आगे बोलती रही- लेकिन अब मुझे लगता है कि चुदाई के रास्ते मंजिल पाने से ज्यादा अच्छा है कि मैं थोड़ा सब्र करूँ। तुमने मेरे पूरे शरीर की एक एक नस खोल दी है वो भी अपना लंड मेरी चूत में डाले बिना। मालूम नहीं कि जब तुम अपना ये लंड मेरी चूत में डालोगे तो क्या होगा। मेरी ख्वाहिश है कि अब पूरी रात बस तुम मुझसे चिपक कर सोते रहो। यह वायदा है मेरा कि मेरी चूत में जाने वाला पहला लंड तुम्हारा ही होगा।

इतना कहकर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया। सुबह 4 बजे तक हम एक दूसरे को बांहों में भरकर प्यार करते रहे।

सच ही कहा है किसी ने कि प्यार में किसी को हासिल करने से ज्यादा मजा हासिल करने की हसरत में होता है। अपनी अधूरी ख्वाहिशों को लेकर या कहो कि हम दोनों की अधूरी ख्वाहिशों को लेकर मैं नैना के पास से वापस आ गया। इस वादे के साथ कि वो जब भी मुझे याद करेगी मैं उसके पास हाजिर हो जाऊंगा।

दोस्तो, उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसंद आयी होगी। अपनी बेबाक राय मुझे जरूर भेजें।
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