पड़ोसन भाभी की प्यासी चुत चुदाई की देसी कहानी-2

पड़ोसन भाभी की प्यासी चुत चुदाई की देसी कहानी-2

पड़ोसन भाभी की प्यासी चुत चुदाई की देसी कहानी-1

अब तक आपने मेरी भाभी संग चुत चुदाई की कहानी में पढ़ा कि भाभी मेरा मोटा और लम्बा लंड देख कर डर गईं और उनका मुँह खुला का खुला ही रह गया.
अब आगे..

सुमन भाभी- सैम.. यह तो बहुत मोटा भी है.. और बड़ा भी है.
दोस्तो, यह सही है कि मेरा लंड बहुत मोटा है और 7 इंच का लंबा है.
सुमन भाभी ने घबराते हुए कहा- सैम मेरी जान निकल जाएगी.

मेरा लंड पूरा टाइट था और पूरा खड़ा होकर फुँफकार मार रहा था. मैंने सुमन भाभी को चूमते हुए कहा- कुछ नहीं होगा भाभी. इससे आपकी चुत की खुजली पूरी तरह से मिट जाएगी. मैंने भाभी को बिस्तर पर चित्त लेटा दिया और उनके मम्मों को दबाने लगा. मैं उनके पेट पर किस करते हुए और मम्मों को मसलते हुए धीरे-धीरे उनकी पैंटी तक पहुँच गया. अब मैं सुमन भाभी की पैंटी के ऊपर से ही उनकी फूली हुई चुत के ऊपर उनके पेडू पर किस करने लगा. फिर मैंने उनकी चूत को अपने होंठों से छुआ तो सुमन भाभी को एकदम करंट सा लगा.

जब मैंने उनकी चूत पर हाथ रखा तो उस वक़्त उनकी चूत भट्टी के माफिक तपी हुई थी. भाभी की चूत हल्की सी गीली भी हो गई थी.
मैं सुमन भाभी की पैंटी की इलास्टिक में हाथ डाल कर उनकी पैंटी को धीरे-धीरे नीचे खिसकाने लगा. सुमन भाभी ने भी अपनी गांड ऊंची कर दी, जिससे आराम से पैंटी निकल जाए.
पैंटी उतरते ही मैंने सुमन भाभी के पांव को चाटने लगा और धीरे-धीरे पांव को चाटते हुए ऊपर आने लगा.

अब मैं भाभी की मलाई सी जाँघों को सहलाने लगा और एक हाथ से चूत को छेड़ने लगा. सुमन भाभी बहुत गरम हो गईं और उनके मुँह से चुदास भरी आवाज निकलने लगी.

मैं सुमन भाभी के पांव और जांघ को चाटते हुए उनकी चूत के करीब आ गया और फिर सुमन भाभी के दोनों पैरों को फैला कर सुमन भाभी की चूत को अपनी जीभ से छेड़ने लगा और एक हाथ की उंगली से उनकी चूत के दाने को मसलने लगा. साथ ही मैं सुमन भाभी की चूत प्यार से चाटने लगा और अपनी जीभ को अन्दर-बाहर करते हुए और उनके दाने को भी रगड़ता रहा.

सुमन भाभी एकदम से अकड़ गईं और अपने दोनों पैरों से मेरे मुँह को अपनी चूत में दबा दिया. उन्होंने अपनी चुत का पानी छोड़ दिया. सुमन भाभी की चुत का रस मेरे पूरे मुँह में भर गया और मैं उनका रस चाट गया.. आह.. क्या टेस्ट चूत का रस था.

सुमन भाभी जब थोड़ा नार्मल हुईं, तो मुझे किस करने लगीं और कहने लगीं- यार सैम, मेरी शादी के बाद आज पहली बार किसी ने मेरी चूत चाटी और पहली बार मेरे इतना पानी छूटा.
इतना कह कर सुमन भाभी मुझे किस करने लगीं. फिर सुमन भाभी ने मेरे लंड को देखा, मेरा लंड अभी भी पूरे जोश में फुँफकार मार रहा था. सुमन भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और उसको दबाने लगीं. मैंने सुमन भाभी से कहा- प्लीज, मेरा भी लंड चूसो ना.

तो सुमन भाभी ने कहा- यार सैम तुम्हारा बहुत बड़ा और मोटा है, मेरे मुँह में नहीं जाएगा.
मैंने कहा- भाभी तुम ट्राइ तो करो चला जाएगा.
फिर सुमन भाभी ने मेरे लंड को हाथ से सहलाया, मुझे बेड पर लेटा दिया और सुमन भाभी बिस्तर पर बैठ कर मेरे लंड को किस करने लगीं. फिर धीरे-धीरे मेरे लंड को चाटते हुए अपने मुँह में लेने लगीं. मगर मेरा लंड सुमन भाभी के मुँह में नहीं जा रहा था, मैंने भाभी के सर को हाथ से पकड़ कर अपने लंड को नीचे से उचकाया तो मेरे लंड का टोपा सुमन भाभी के मुँह में चला गया.

मगर मोटे लंड से सुमन भाभी को घबराहट होने लगी और सांस लेने में दिक्कत होने लगी, तो मैंने वापस अपना लंड उनके मुँह से निकाल लिया.

फिर सुमन भाभी को मैंने 69 पोजीशन में आने को कहा. वह मेरे ऊपर आ गईं, मैं उनकी चूत चाटने लगा और वो मेरे लंड को चाटने लगीं. भाभी की चूत चाटते हुए मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा.
इधर सुमन भाभी भी मेरे लंड को किस करते हुए मस्ती से चाट रही थीं. अब सुमन भाभी और मैं दोनों बहुत गर्म हो चुके थे.

सुमन भाभी ने कहा- सैम प्लीज अब बर्दाश्त नहीं होता, प्लीज अपना लंड मेरी चुत के अन्दर डाल दो.

मैंने भी देर करना सही नहीं समझा और सुमन भाभी को कमर के बल लेटा दिया. उनकी दोनों टाँगों को साइड में करके मैंने अपने लंड को सुमन भाभी की चूत पे रखा. उस वक़्त सुमन भाभी की चूत तप रही थी और पूरी गीली हो चुकी थी.
भाभी ने डरते हुए कहा- सैम प्लीज धीरे डालना.. तुम्हारा बहुत मोटा और लंबा है, कहीं मैं मर ना जाऊं.

मैंने भाभी को किस किया और अपनी पोजीशन लेकर एक जोर का धक्का दे दिया. मेरे लंड का टोपा सुमन भाभी की चूत में चला गया. उधर टोपा घुसा और इधर सुमन भाभी के मुँह से चीख़ निकल गई- हाय माँ मर गई.. प्लीज बाहर निकाल दो सैम.. बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने सुमन भाभी को किस किया और उनके एक चूचे को मुँह में भर कर चूसने लगा.. मगर मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला.

जब सुमन भाभी थोड़ा नार्मल हुईं तो मैंने सुमन भाभी के होंठों को अपने होंठों से मिला दिया, जिससे उनकी चीख न निकल पाए. बस मैंने मौका देख कर फिर से एक जोरदार धक्का लगा दिया. मेरा आधा लंड सुमन भाभी की चूत में चला गया. इधर सुमन भाभी तड़प गईं और उनकी आँखों से आँसू आने लगे. हालांकि उनकी चीख़ मेरे मुँह में दब गई. उन्होंने मेरी पीठ पे अपने नाख़ून गड़ा दिए. मैंने भी देर न करते हुए खींच कर और एक जोरदार धक्का दे दिया और इस बार पूरा लंड सुमन भाभी की चूत में चला गया.

सुमन भाभी तड़प गईं और वह जोर से चीखने लगीं, मगर मेरा मुँह उनके मुँह पर ढक्कन की तरह लगे होने से उनकी आवाज मेरे मुँह में घुट गई. उनकी आँखों से आंसू निकलने लगे और भाभी मुझे धक्का देने लगीं. मगर मैंने सुमन भाभी को टाइट पकड़े रखा.
फिर कुछ पल बाद मैंने सुमन भाभी के होंठ छोड़े और उनके मम्मों को चूसने लगा.

जब कुछ देर बाद सुमन भाभी नार्मल हुईं तो मैं धीरे-धीरे अपने लंड को चुत में अन्दर-बाहर करने लगा. इससे सुमन भाभी को हल्का-हल्का सा दर्द होने लगा मगर थोड़ी देर बाद उनको भी अच्छा लगने लगा.

अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और अपने लंड को धड़ाधड़ चुत में अन्दर-बाहर करने लगा. इधर सुमन भाभी के मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगीं.

सुमन भाभी जब अपने पानी छूटने के करीब आने लगीं तब उन्होंने कहा- सैम उम्म्ह… अहह… हय… याह… प्लीज जल्दी करो.. मेरा होने वाला है.
मैंने भी कहा- हाँ भाभी मेरा भी बस आने वाला है.
मैंने सुमन भाभी से पूछा- भाभी कहाँ छोड़ू अपना रस?
सुमन भाभी ने कहा- मेरे अन्दर ही..

और मैंने अपनी स्पीड खोल दी और सुमन भाभी और हम दोनों साथ ही झड़ गए. मेरा पूरा रस सुमन भाभी की चूत में समा गया. मेरा जब तक पानी निकलता रहा, तब तक मैं सुमन भाभी को चोदता रहा.

सुमन भाभी इस चुत चुदाई से बहुत खुश हुईं और भाभी ने कहा- सैम पहली बार मैंने इतना पानी निकलते देखा. मेरे पति का तो थोड़ा सा ही पानी निकलता है. तुम्हारा रस तो बहुत गाड़ा और बहुत ज्यादा निकलता है. आज सही में सैम तुमने मुझे खुश कर दिया.
मैंने कहा- सुमन भाभी अभी कहाँ खुश किया, अभी तो करना बाकी है.

हम दोनों ऐसे ही नंगे बिस्तर पे पड़े रहे.

लगभग 15 मिनट बाद मैंने वापस सुमन भाभी से मस्ती चालू कर दी और उनके मम्मों को चूसता, दबाता और उनके पेट पर किस करता हुआ चूत पर पहुँच गया. मैंने भाभी की चूत को फिर से चूसना चालू किया और सुमन भाभी ने भी 69 में होकर मेरा लंड चाटना स्टार्ट कर दिया. इससे हम दोनों गर्म होने लगे.

जब मैंने सुमन भाभी को पूरी तरह गरम कर दिया. तो सुमन भाभी ने कहा- प्लीज अब जल्दी से मुझमें समां जाओ.
मैंने सुमन भाभी से कहा- इस बार अलग तरीके से चोदूंगा.

मैंने उनको बेड से उतार कर पेट के बल झुका कर बेड के सहारे हाथ रखवा दिए और उनके पैर जमीन पर फैला दिया. वो पाँव के बल कुतिया सी बन कर खड़ी थीं और बिस्तर पर झुकी थीं. मैंने पीछे से अपना लंड उनकी चूत में डालने की तैयारी कर ली.
मैंने उनकी कमर जोर से पकड़ी और अपने लंड को चूत पर सेट करके एक जोर का धक्का लगा दिया.

सुमन भाभी एकदम से आगे जातीं, इससे पहले मैंने उनको जोर से पकड़ लिया. इस जोरदार धक्के से मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया था. उनकी जोर से चीख़ निकल गई- मार डाला सैम.. उई माँ बहुत दर्द हो रहा है.. बाहर निकालो.. मुझे नहीं करवाना.

मैंने उनके दर्द की परवाह किए बिना ही एक और जोर का धक्का दे मारा और मेरा पूरा लंड उनकी चूत में जड़ तक घुस चुका था.
सुमन भाभी जोर से रोने लगीं और गिड़गिड़ाने लगीं- सैम छोड़ दो.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है.. मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ.
मैंने कहा- सुमन भाभी बस 5 मिनट साथ दो.. फिर अच्छा लगेगा.

मैं पीछे से ही सुमन भाभी के मम्मों को दबाने लगा और उनके निप्पलों को मसलने लगा. जब उनको आराम मिला तो फिर मैं धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा. अब भाभी भी अपनी गांड को आगे-पीछे करने लगीं. मेरे हर धक्के में अब सुमन भाभी को मजा आने लगा.

मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी. मैं पीछे से थपाथप अपना लंड सुमन भाभी की चूत में मारे जा रहा था और सुमन भाभी मेरा साथ दे रही थीं. दस मिनट में ही सुमन भाभी झड़ गईं और उनकी पूरी चूत गीली हो गई. इस कारण अब लंड आराम से अन्दर बाहर हो रहा था. पूरे कमरे में ‘थप थप..’ की आवाज़ गूंज रही थी.

मेरा रस अभी छूटा नहीं था, इसलिए मैंने सुमन भाभी को बिस्तर पर वापस कमर के बल लेटा दिया और अपना लंड उनकी चूत में वापस डाल दिया. उनकी टाँगों को अपने कन्धे पर रख दी और धड़ाधड़ चोदे जा रहा था.

सुमन भाभी मुँह से आवाजें निकाले जा रही थीं. काफी देर तक मैं सुमन भाभी को चोदता रहा और फिर मेरा पानी भी निकल गया. इस बार भी मैंने अपना लंड का रस सुमन भाभी की चूत में ही छोड़ा.

इस बीच सुमन भाभी भी अपना दो बार पानी छोड़ चुकी थीं. फिर हम दोनों एक-दूसरे की बाँहों में लिपट कर लेट गए.

सुमन भाभी ने मुझे किस किया और कहा- आज तक तुम्हारे रमेश भैया भी मुझे इतना आनन्द नहीं दे पाए जो तुमने दिया. सैम आज से मैं तुम्हारी हो गई. तुमको जो इनाम चाहिए, बोलो.. मैं दूंगी.
मैंने कहा- भाभी वक़्त आने पर मांग लूंगा मगर मुकरना मत..
तो सुमन भाभी ने अपने बच्चे की कसम खाई और कहा- जो माँगोगे वो तुमको दूँगी.

इस तरह मेरा और सुमन भाभी का चुदाई का रिश्ता बन गया.

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