पड़ोसन भाभी की प्यासी चुत चुदाई की देसी कहानी-1

पड़ोसन भाभी की प्यासी चुत चुदाई की देसी कहानी-1

दोस्तो, मेरा नाम सैम है (बदला हुआ नाम), मैं उदयपुर राजस्थान का रहने वाला हूँ. आज मैं अपनी एक देसी स्टोरी आपको बताना चाहता हूँ. यह मेरी अन्तर्वासना साईट पर पहली चुदाई की कहानी है. मेरी इस कहानी में कोई गलती दिखे तो माफ़ कर दीजिएगा क्योंकि यह मेरा कहानी लिखने का पहला प्रयास है.

पहले मैं आप को अपने बारे में बता दूँ मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है और मेरी एथेलीट बॉडी है और दिखने में बहुत स्मार्ट हूँ.
यह बात तब की है, जब मैं 21 साल का था. मैं मुंबई के एक माने हुए कॉलेज में अपनी ग्रेजुएशन कर रहा था. मेरे कॉलेज में कई लड़कियां मुझ पर मरती है और मेरी कई गर्लफ्रेंड भी थीं और उनमें से कई गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स भी कर चुका था. मैं अपने कॉलेज में पढ़ाई और स्पोर्ट्स में बहुत पॉपुलर था.

गर्मियों की छुट्टियों में मैं मुम्बई के अपने कॉलेज से घर आया था. घर आने के एक दिन बाद मैंने अपने बिल्कुल लगे हुए मकान में एक नई भाभी को देखा, जो कुछ दिन पहले ही यहाँ रहने आई थीं. उनके घर में उनके पति रमेश भैया, भाभी के सास-ससुर और एक 3 साल का बेटा था.

घर आने के 2 दिन बाद मम्मी ने मुझे उनसे और उनकी सासू माँ से मिलवाया. मैंने जब पास से भाभी को देखा तो मैं उन्हें देखता ही रह गया. भाभी दिखने में एकदम गोरी-चिट्ठी और बहुत खूबसूरत थीं. उस वक़्त उनकी उम्र 24 साल थी, उनका नाम सुमन था. उनका 34-26-34 का फिगर क्या कहूँ बहुत ही मस्त था. मेरी उनके सभी घर वालों भैया भाभी, सास ससुर सबसे अच्छी बनने लगी.

सुमन भाभी के पति रमेश भैया एक बैंक में ब्रांच मैनेजर थे, उनके ससुर एक आयुर्वेद के डॉक्टर थे और उनकी सासू माँ एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थीं. खुद सुमन भाभी केवल हाउसवाइफ थीं. सुमन भाभी का बेटा आकाश था, मेरा लट्टू हो गया था.

मैं अब सुमन भाभी को देख कर उनका दीवाना हो गया और उनको चोदने के लिए बेक़रार हो गया. किस तरह उनको चोदूँ, यह सोच कर प्लान बनाने लगा. फिर मैं आकाश को खेलने के बहाने उनके घर जाने लगा और भाभी से धीरे-धीरे बातें करने लगा. साथ ही मैं भाभी के छोटे-मोटे काम भी करने लगा, जिससे अब सुमन भाभी मुझसे खुल गईं और हम हँसी-मजाक भी करने लगे. इसी बहाने में सुमन भाभी को निहारने लगा और जाने-अनजाने बनते हुए उनको इधर-उधर हल्का-फुल्का छूने का मजा भी लेने लगा.

शायद भाभी ने मेरी नीयत जान ली थी इसलिए एक दिन भाभी ने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैंने झूठ बोल दिया कि नहीं.. मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, मगर अब बनाना चाहता हूँ.
यह सुन कर सुमन भाभी ने कहा- कोई लड़की देख रखी है क्या?
मैंने कहा- लड़की नहीं, एक भाभी देख रखी है.
मैंने भाभी पर तीर मारा.

सुमन भाभी ने कहा- वाह.. मेरे सैम तुम तो डायरेक्ट लड़की पर न अटक के भाभी पर अटके.. जरा बताओ तो कौन है वह भाभी?
मैंने तपाक से उनका नाम ले लिया, यह सुन कर सुमन भाभी को झटका लगा. फिर सुमन भाभी ने कहा- पागल हो क्या सैम.. मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड कैसे बन सकती हूँ?
मैंने कहा- इसमें क्या है?
तो उन्होंने कहा- नहीं यह गलत है.

मैंने भाभी से कहा- सुमन भाभी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, रोज़ रात को आप मेरे सपने में आती हो, मुझे आपसे बात करना अच्छा लगता है और आपके साथ रहना अच्छा लगता है.
यह सुन सुमन भाभी ने कहा- ठीक है हम अच्छे दोस्त बन जाते हैं.. बस खुश..!
मैंने तपाक से कहा- फिर तो आप मेरी गर्लफ्रेंड बन गईं.
उन्होंने कहा- वो कैसे?
मैंने कहा- मैं आपका दोस्त हूँ न.. तो मैं लड़का, आपका ब्वॉयफ्रेंड और आप लड़की तो मेरी गर्लफ्रेंड हुई ना!
यह सुन सुमन भाभी हँस पड़ीं.

फिर मैं रोज़ सुमन भाभी से हँसी-मजाक करने लगा. एक दिन सुमन भाभी थोड़ी अपसेट सी दिखीं, मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. जब मैंने भाभी को अपनी दोस्ती की कसम दी, तो उन्होंने बताया कि प्लीज किसी को बताना नहीं यार सैम.. मेरे पति रमेश को मेरे लिए टाइम ही नहीं है.

मैं समझ गया कि सुमन भाभी को सेक्स की जरूरत है और रमेश भैया काम की थकान से उनको सेक्स का मजा नहीं दे पाते.

अपना दुखड़ा कहते हुए भाभी रोने लगीं. मैंने अपना कंधा आगे कर दिया, जिस पर भाभी ने सर रख दिया. मैंने भी मौके का फायदा उठाया और उनकी कमर पर हाथ फेरते हुए उनको चुप कराने लगा. मैंने सुमन भाभी से कहा- आप चुप हो प्लीज़.. मैं हूँ ना, आप फ़िक्र क्यों करती हो. यह आपका ब्वॉयफ्रेंड हाजिर है आप हुकुम करो.. मेरे पास आपके लिए वक़्त ही वक़्त है.

इस पर वह चुप हो गईं, मैंने उनको गले से लगा लिया और अपने हाथ उनकी कमर पर और बालों में चलाने लगा.

उस वक़्त सुमन भाभी ने साड़ी पहन रखी थी और उनका ब्लाउज़ पीछे से बहुत खुला हुआ था और उनकी साड़ी भी उनकी कमर से थोड़ी नीचे को बंधी थी. मैं धीरे-धीरे उनकी कमर पर प्यार से हाथ चलाने लगा. जब भाभी ने कोई ऐतराज नहीं जताया बल्कि वे मुझसे चिपकी रहीं तो मैं धीरे से सुमन भाभी का मुँह ऊपर करके उनको किस करने लगा. चुम्बन पर भी भाभी को कोई ऐतराज नहीं हुआ तो मैं उनके सर पर फिर होंठों पर और फिर उनके होंठ चूसने लगा. सुमन भाभी भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ चूसने लगीं.

बस मुझे समझ आ गया कि भाभी की चुत प्यासी है. मैं अपने एक हाथ को धीरे से उनके मम्मों के पास लाया और भाभी के मम्मों को हल्के-हल्के से दबाने लगा. मम्मों को मसलते हुए मैं भाभी को किस भी करता रहा. फिर मैं उनके मम्मों को थोड़ा जोर-जोर से दबाने लगा, इससे उनको थोड़ा दर्द होने लगा और वह ‘सीई इस्स..’ करने लगीं.

मैंने अब अपने दोनों हाथों में उनके मम्मों को पकड़ लिया और दम से भाभी के मम्मों को दबाने लगा और उन्हें किस करने लगा.

उस वक़्त हम दोनों सुमन भाभी के रूम में थे. मैंने भाभी को धीरे से बेड पे लेटाया और मम्मों को दबाते हुए उनके होंठ चूसता रहा. फिर मैंने किस करते हुए एक हाथ से साड़ी को कंधे के ऊपर से साइड में कर दिया. अब उनका ब्लाउज़ मेरे सामने था, जिसके आगे बटन थे. मैंने एक हाथ से उनके ब्लाउज के बटन खोलने लगा और 4 बटन खोलने के बाद उनका ब्लाउज़ पूरा खुल गया. अन्दर उन्होंने बहुत ही शानदार लाइट ग्रीन कलर की नेट वाली ब्रा पहनी थी.

मैं एक हाथ से भाभी के मम्मों दबाता रहा और एक हाथ से भाभी के ब्लाउज़ को साइड में करता रहा. इसके साथ ही साथ मैं सुमन भाभी के होंठों को भी चूसता रहा.

भाभी गर्म हो चली थीं और वे मेरे होंठों के चुम्बन का पूरा मजा ले रही थीं. अब मैं भाभी के होंठ छोड़ कर उनकी गर्दन पे किस करने लगा. फिर मैंने भाभी के ब्लाउज़ को उनकी चूचियों से पूरा हटाते हुए एक साइड में कर दिया. भाभी को गर्दन से किस करते हुए मैं उनके मम्मों पे आया और उनके मम्मों पर किस करने लगा.
भाभी मादकता से ‘सीस्सई..’ कर रही थीं और मेरे बालों में प्यार से उंगलियां चला रही थीं. मेरे हर चुम्बन पर भाभी मस्त नागिन की तरह मचल रही थीं.

मैं अब भाभी के मम्मों को ब्रा के ऊपर की काटने लगा और दबाने लगा. फिर मैंने भाभी को बेड पर बैठाया और उनका ब्लाउज़ पूरी तरह से निकाल दिया. भाभी खड़ी हो गईं तो मैंने सुमन भाभी की साड़ी भी निकाल दी. अब भाभी सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में रह गई थीं. मैंने भी अपनी टी-शर्ट निकाल दी और ऊपर से में पूरा नंगा हो गया क्योंकि मैं बनियान नहीं पहनता था.

फिर मैं सुमन भाभी के पीछे खड़ा हो गया. मैं पीछे से भाभी को किस करने लगा और उनके मम्मों को आटा सा गूँथते हुए मसलने लगा. भाभी के पीछे मेरा 7 इंच का लंड भी अपने पूरे ताव में था और पीछे सुमन भाभी की गांड से भिड़ा हुआ था.

मैं आपको यह बताना भूल गया कि भाभी के पूरे शरीर में सबसे खूबसूरत उनकी गांड और उनके चूचे ही हैं. मैंने पीछे से उनकी ब्रा के हुक खोल दिए.. जिससे भाभी के मम्मे एकदम से उछल कर खुली हवा में आजादी की सांस लेने लगे. मैंने मम्मों की आजादी देखी तो भाभी की ब्रा को उनके शरीर से निकाल दिया और साथ ही साथ मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा भी खींच कर उसकी गांठ खोल दी, जिससे उनका पेटीकोट भी ढीला होते ही जमीन पे गिर गया.

अब मैं पीछे से आगे को आया और भाभी के एक चूचे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
अह.. क्या मम्में थे यार.. गोल-गोल चूचे और उस पर छोटे से ब्राउन कलर के छोटी-छोटी किशमिश जैसे निप्पल टंके हुए थे. सुमन भाभी के सीधे हाथ वाले चूचे पे एक काला तिल उनके चूचे की ख़ूबसूरती को और अधिक बढ़ा रहा था.

भाभी ने भी अब अपना एक हाथ से मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ लिया. मैंने भाभी की चुदास समझ ली और फटाफट अपनी जीन्स उतार दी. अब मैं और सुमन भाभी दोनों अपनी-अपनी अंडरवियर में थे.
सुमन भाभी ने ब्रा से मैचिंग कलर की लाइट ग्रीन कलर की छोटी ट्रांसपैरेंट नेट वाली ही पैंटी पहनी थी.

मेरे अंडरवियर में मेरे खड़े हथियार को देख कर सुमन भाभी ने कहा- सैम तुम्हारा तो बहुत बड़ा है, मेरी जान निकल जाएगी.
मैंने कहा- भाभी कुछ नहीं निकलेगी.
यह कहते ही मैंने अपनी अंडरवियर भी उतार दी. अब मैं सुमन भाभी के सामने पूरा नंगा था. जैसे ही सुमन भाभी ने मेरे लंड को देखा तो उनका मुँह खुला का खुला रह गया.

दोस्तो, सुमन भाभी की चुत चुदाई की कहानी के आगे के हिस्से में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे भाभी को मैंने राजी किया और उनकी चुत की बखिया उधेड़ दी.

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देसी कहानी जारी है.

कहानी का अगला भाग: पड़ोसन भाभी की प्यासी चुत चुदाई की देसी कहानी-2

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