फुफेरी भाभी की हवस और मेरा लंड

फुफेरी भाभी की हवस और मेरा लंड

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम पंकज है (ये बदला हुआ नाम है) मैं अपने बारे में बता दूं, मैं सोनीपत हरियाणा का रहने वाला हूं. मेरी लम्बाई 6 फुट 2 इंच है और मैं एक अच्छे शरीर का मालिक हूँ. मेरे छोटे भाई यानि मेरे लंड की लंबाई, करीब 8 या 9 इंच है. मेरी उम्र अभी 21 साल की है.

आपने मेरी पहली कहानी
ननद भाभी की चूत और गांड की चुदाई
पढ़ी होगी.
आज यह दूसरी सेक्स कहानी लिख रहा हूँ, अगर कोई गलती हो जाए तो मुझे माफ़ कर देना.

यह कहानी कुछ 2 साल पहले की है, जब मैं दिल्ली पुलिस की कोचिंग के लिए अपना गांव छोड़कर सोनीपत शहर में अपनी बुआ के घर रहने चला गया था. उधर मेरी बुआ के घर से एक घर छोड़कर दूसरी बुआ का घर है. वहीं उस घर में मेरी बुआ की बहू यानि मेरी भाभी रहती थी, जिसके बारे में यह कहानी है.

भाभी के बारे में बता दूँ, वो 5 फुट 3 इंच की लंबाई की है और उसके दोनों उभार अच्छे साइज के हैं. मैं पहले अपनी दूसरी बुआ यानि भाभी के घर कम आया जाया करता था. मैं इस शहर में कोचिंग के साथ साथ जिम भी करता था, जिसके वजह से मुझे खुराक में अंडे खाने की इच्छा होती थी. उधर जिन बुआ के घर में मैं रहता था, उधर अंडे नहीं आते थे. इस वजह से मुझे घर से बाहर से अंडे खाकर आने पड़ते थे.

एक दिन उस भाभी के पति यानि मेरी बुआ के लड़के ने मुझे बाहर अंडे खाते हुए देख लिया, तो वो मुझसे बोले- तू घर पर ही अंडे क्यों नहीं खाता?
तो मैंने बताया- बुआ के घर अंडे नहीं खाते.
उसने कहा- तू मेरे घर आ जाया कर, हमारे घर में ये सब चलता है. कल से तू मेरे घर पर ही अंडे खा लिया कर.
मैंने हां कर दी और अगले दिन ही मैं अंडों की दो ट्रे ले आया और भाभी के घर पर रख दी.

अब मैं हर रोज जिम से आते ही सीधा भाभी के घर जाने लगा और रसोई में भाभी के साथ खड़ा होकर अंडे उबालता था. भाभी मुझे अंडे छील कर दे देती थी.

काफी दिन ऐसे ही चला रहा. मेरा उसी गली की लड़की के साथ चक्कर हो गया था. उस लड़की ने मुझे एक चॉकलेट के साथ एक पर्ची दी थी. ये पर्ची मुझे उसी भाभी के लड़के ने लाकर दी थी, जोकि काफी छोटा था, पर साला बहुत तेज था.
मैं रोज भाभी के घर जाता था. भतीजे ने खेलना शुरू कर दिया. जब भी मैं भाभी के घर जाता, तो वो चिल्लाने लगता- चाचू, बता दूँ मम्मी को?
मैं उसको किसी तरह चुप कराता.

एक दिन भाभी ने ये बात सुन ली तो वो मुझसे ही पूछने लगी- किस बात का जिक्र हो रहा है?
मैंने कहा- पता नहीं क्या बताने की कहता है, मुझे खुद कुछ नहीं मालूम?

मेरे जाने के बाद उसने अपने लड़के से धमका कर पूछा- क्या बात है, क्या बताने की बात करता है?
उसने भाभी को बता दिया कि मोनी ने चाचू को चॉकलेट दी थी.

अगले दिन में जिम से गया, तो भाभी बदली बदली सी दिखाई दी. मतलब उसका बर्ताव बदल गया था. वो रसोई में मुझसे कहने लगी- अभी पढ़ाई का टाइम है … और तुम इन चक्करों में मत पड़ो.
मैं बोला- भाभी, मेरी गलती नहीं है, उस लड़की ने ही मुझे प्रपोज़ किया था.
वो बोली- कोई नहीं.
मैं चुप रह गया.

भाभी फिर से मुझसे पूछने लगी कि अब से पहले कितनी बनाई हैं?
मैंने भाभी को सारी सच्चाई बता दी. भाभी भी मुझसे खुल गई और खुद अपने आप अपने बारे में बताने लगी कि किस किस ने उन पर ट्राइ मारी है.
मैं बोला- भाभी, आप मुझे ये सब क्यों बता रही हो?
वो बोली- मैं तुझे आगाह कर रही हूँ कि कहीं तू भी ऐसा कुछ न सोचे.
मैं वहां से चुपचाप चला गया.

अगले दिन मैं भाभी के घर के बाहर खड़ा था, तो सामने वाले घर में एक औरत अपने घर में चारपाई पे लेटकर ऊंची आवाज में फ़ोन पर सेक्स वीडियो देख रही थी. जैसे ही उसकी नजर मुझपे पड़ी, तो मैं हंसने लगा और उसने अपने फ़ोन को बंद कर दिया.

फिर शाम को जिम से आते ही मैं भाभी के घर गया, तो मैंने उन्हें दिन की घटना बताई क्योंकि अब हम सारी बातें शेयर करने लगे थे.
भाभी ने उस औरत के बारे में एक बात मुझे भी बताई और बोली- ये तो है ही ऐसी … साली एक दिन ये छत पर नंगी नहा रही थी.
तो मैं एकदम से बोला- भाभी, आपने मुझे क्यों नहीं बताया?
यह सुनकर भाभी हंसने लगी और बोली- तू अभी बच्चा है.

मैं बोला- भाभी, ऐसे मौके किसी को भी नहीं छोड़ने चाहिए.
भाभी बोली- मुझे अच्छा लगता है, जब तू बड़ों वाली बातें करने लगता है.
तो मैं बोला- मैं तो काम भी बड़ों वाले कर सकता हूं.
वो बोली- आज तक कुछ किया भी है?

मैं शर्मा गया और कुछ न बोला, तो वो बोली- दिन में घर पर आ कर मिलना, जब तेरी बुआ और भाई ना हो. तुझसे एक बात पूछनी है.
मैं बोला- ठीक है भाभी.
उस दिन मैं अंडे खाकर चला गया.

अगले दिन मैं भाभी के घर पहुंचा, तो भाई और बुआ वहीं थे और कहीं जाने को तैयार थे. मुझसे मिलने के 5 मिनट बाद वे वहां से चले गए.

अब भाभी ने मुझे अन्दर बुलाया और अपने लड़के को पैसे देकर बाहर जाकर खेलने को बोला.
वो भी वहां से चला गया.

फिर भाभी में मुझे बेड पर बैठने को कहा और बोली- मैं नहा कर आती हूँ, तू 5 मिनट बैठ.
भाभी नहाने चली गयी. थोड़ी देर में उसने मुझे आवाज दी और बोली कि तौलिया भूल गयी हूँ. जरा पकड़ा देना.

मैंने तौलिया उठाकर बॉथरूम के बाहर से आवाज लगाई और अपना हाथ दरवाजे के अन्दर ले गया. तभी भाभी ने हाथ पकड़कर मुझे अन्दर खींच लिया. अन्दर का नजारा देख कर मैं तो दंग रह गया. भाभी के शरीर पर कोई भी कपड़ा नहीं था और भाभी एक अप्सरा की तरह दिख रही थी. भाभी के मोटे मोटे चुचे ओर बड़ी सी गांड देख कर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.

भाभी बोली- देखूँ कि बड़ों जैसे काम करने वाले का कितना बड़ा हो गया है.
मेरी पेंट की चैन पर हाथ रखते ही भाभी ने मेरा सामान पकड़ लिया. मेरा लंड एकदम से उठ गया.
पहले तो मैं भाभी से कहने लगा- भाभी ये गलत है … आप मेरी भाभी हैं और मैं आपके साथ कैसे कुछ कर सकता हूँ.
तो भाभी बोली- तुझे कौन कुछ करने को कह रहा है. मैं अपने आप ही कर लूँगी. पहले ये तो देखूं कि कितना बड़ा हो गया है तू?

उसने मेरी बेल्ट खोल दी और फिर बटन ओर चैन और मेरे लंड को कच्छे से बाहर निकाल लिया. भाभी मेरे लंड को पकड़ कर बोली- तू तो सच में बड़ा हो गया है, इतना बड़ा लंड तो तेरे भाई का भी नहीं है. सच बता कितनी लड़कियों को चोदा है?
मैं बोला- भाभी, मैंने किसी के साथ कुछ नहीं किया है … और मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता है.
परंतु सच तो यह था कि मैं पहले भी सेक्स कर चुका था. फिलहाल मैंने भाभी को कुछ भी बताने से मना कर दिया.

भाभी बोली- कोई बात नहीं, मैं सब सिखा दूंगी.
भाभी मेरा लंड हाथ में पकड़ कर मुझे बेडरूम में ले गयी और में पीछे पीछे खिलौने की तरह लंड लिए खिंचता चला गया.

कमरे में अन्दर जाते ही भाभी मुझ पर टूट पड़ी और मेरी शर्ट के बटन खोल कर छाती पर जोरदार किस करने लगी. वो कभी गले पर, कभी छाती पर लगातार किस करने लगी. मैं भी गर्म होने लगा था, तो मैंने उसके बालों में हाथ डालकर उसके होंठों पर होंठ रख दिए ओर मैं भी भाभी को किस करने लगा.

इतने में भाभी ने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया, तो मैंने दूसरे हाथ से भाभी के बड़े बड़े चूचों पर रख दिया और उन्हें दबाने लगा. इससे भाभी की सांसें गर्म हो गईं और मैं जोर जोर से चुचे दबाने लगा. मैंने किस करना छोड़ कर भाभी के चूचों को चूसना चालू कर दिया, जिससे भाभी एकदम से चुदासी हो गई. वो मेरे बालों को पकड़ कर अपनी छाती पर दबा रही थी. मैंने भाभी को गोद में उठाकर बेड पर पटक दिया.

तभी भाभी बोली- तू तो बोल रहा था कि तुझे कुछ नहीं पता और तूने पहले कुछ नहीं किया है?
मैंने जबाब दिया- भाभी ये सब तो मैंने सेक्स फिल्मों में देखा है.

उसके बाद भाभी ने मेरे कपड़े उतार दिए और फिर से मुझे जगह जगह किस करने लगी और मेरे लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. ऐसा करने से मेरी हालत खराब हो रही थी, सिर्फ 2-3 मिनट में ही मेरा माल छूट गया और भाभी ने सारा का सारा गटक लिया और लंड को फिर से चूसने लगी, जिससे थोड़ी ही देर में लंड फिर से तैयार हो गया.

अब मैंने भाभी की टांगें खोलीं और उसकी चूत देखी, भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था, शायद नहाने से थोड़ी देर पहले ही भाभी ने चूत शेव की थी. मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली, तो वो एकदम से घुस गई क्योंकि भाभी की चूत गीली हो चुकी थी.

मैंने अपनी उंगली अन्दर बाहर करनी शुरू की, फिर दूसरी उंगली भी भाभी की चूत में डाल दी, जिससे उसका शरीर अकड़ने लगा और वो छटपटाने लगी. भाभी ने मेरे हाथ पर पूरे जोर से नाखून चुभा दिए, साथ ही कुछ ही देर में भाभी ने भी पानी छोड़ दिया.

मैं दोबारा से उनके चुचे दबाने ओर चूसने लगा, तो वो बोली- अब कंट्रोल नहीं हो रहा है.. जल्दी से कुछ कर.

मैंने भाभी की चूत पर अपना लंड सैट किया. अपने होंठ उसके होंठों पर रखे ओर हाथ चूचों पर रखकर एक जोरदार झटका दे मारा, तो मेरा आधे से ज्यादा लंड चूत में घुस गया और भाभी छटपटाने लगी. होंठ बन्द होने से उसकी आवाज मेरे मुँह में दब गई थी, तो उसने मेरी कमर पर थप्पड़ मारने शुरू कर दिए.

मैं कुछ पल के लिए ऐसे ही रुका रहा और भाभी की चूचियां चूसता रहा. जब भाभी शांत हो गयी, तो उसने गांड हिलाई, मैं समझ गया. मैंने एक और जोरदार झटका मारा, जिससे मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत में समा गया. भाभी दर्द से कलप उठी और अपने नाखूनों से मेरी कमर पर निशान बनाने लग पड़ी.

मैं फिर से थोड़ी देर के लिए शांत पड़ा रहा. अबकी बार एक मिनट में ही भाभी अपने कूल्हे उठाने लगी, तो मैंने भी अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी. अब भाभी के मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाजें निकल रही थीं. करीब दस मिनट की चुदाई के बाद मेरा फिर से छूट गया और भाभी भी तब तक झड़ चुकी थी.

हम दोनों यूं ही शिथिल पड़े रहे. मेरा लंड फिर से छोटा हो गया था.

दस मिनट बाद भाभी ने लंड को चूसकर फिर से बड़ा कर दिया और फिर मैंने अलग अलग स्टाइल से भाभी की दो बार और चूत और 2 बार गांड मारी.

इसके बाद मेरा और भाभी का अंकगणित सही चलने लगा. किचन में अंडे उबालते वक्त ही चुदाई का समय सैट हो जाता. दो बार तो मैंने जल्दी वाली चुदाई किचन में उसकी सलवार नीचे करके कर डाली थी.

मैं करीब 2 महीने वहां रहा. हम दोनों को जब भी मौका मिलता, हम चुदाई कर लेते थे. दो महीने में मेरा एग्जाम हो गया और मैं अपने गांव आ गया.
अब जब भी, हम दोनों में से किसी का भी जी करता है, तो हम दोनों मिलकर चुदाई कर लेते हैं.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी, जरूर बताना.
मेरी ईमेल आईडी है [email protected]

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