बड़ी माँ यानि मौसी की चुदाई स्टोरी

बड़ी माँ यानि मौसी की चुदाई स्टोरी

यह बड़ी माँ यानि मौसी की चुदाई स्टोरी एकदम सच्ची है। मेरा नाम राकेश है और मैं बचपन से ही अम्बाला में रहता हूँ।

वैसे अम्बाला मेरा घर नहीं है, पर मैं वहाँ अपनी बड़ी माँ यानि मौसी के साथ रहता हूँ। उनकी उम्र करीब 47 साल है, पर रंग गोरा और टाइट स्किन के कारण वो इतनी उम्र की लगती नहीं हैं।

मेरी उम्र अब 24 साल है। सब बातें छोड़ कर अब मैं कहानी पर आता हूँ।

यूं तो मैं बचपन से ही मेरी बड़ी माँ यानि के ही पास रहा हूँ क्योंकि मेरे मौसा जी शादी के 5-6 साल बाद ही गुजर गए थे.. तब से मैं वहीं रहता हूँ। मैं उनको माँ और मम्मी बोलता हूँ. उनकी एक बेटी यशु है, जो मुझसे 4 साल बड़ी है और अब उसकी शादी हो गई है।

बचपन से ही मौसी मुझे और यशु दीदी को नहलाती थीं। वो कई बार खुद भी मेरे साथ ही नहा लेती थीं। मैं उनकी फिटनेस बताना भूल गया, बिना वो जाने आपको मजा कम आएगा। उनकी हाईट करीब 5.5 फुट है और वो थोड़ी भरी हुई हैं यही कोई 40-36-42 का साइज़ होगा। उनका ये साइज़ पहले से नहीं था पर बाद में हो गया था।

खैर.. वो मुझे जब नहलातीं तो मैं बिल्कुल नंगा होता था। बचपन से ऐसा था.. तो कोई शरम की बात नहीं थी। वो कई बार मुझे नहलाने के बाद सरसों के तेल से मालिश भी करती थीं। सारे शरीर पर तो ठीक था, पर वो मेरी नूनी को भी बचपन से ही मालिश करती थीं, जो अब लम्बा सरिया हो गया है।

मैं पहले बहुत शरीफ था और मुझे सेक्स के बारे में कुछ पता नहीं था। सो मेरे मन में कोई ग़लत विचार नहीं आते थे। मैं ज़्यादा दोस्तों के साथ भी नहीं रहता था.. ना ही कभी माँ ने ही कोई ग़लत हरकत की थी। जब मैं बड़ा हुआ तो मुझे तेल मालिश के समय एक अजीब सा अहसास होने लगा, पहले तो मेरा लंड कभी किसी तरह का पानी नहीं छोड़ता था, पर अब जब मौसी मालिश करतीं तो उसमें से सफेद पानी आने लग गया था।
एक बार मैंने पूछा, तो मौसी ने कहा कि अब तू बड़ा होने लगा है।

तभी से ही माँ ने मुझे कोई अजीब सी देसी दवाई देना शुरू कर दिया और लंड की तेल मालिश के लिए भी कोई और ही तेल लगाने लग गईं।

मैं अपनी बड़ी माँ के साथ ही सोया करता था और आज भी सोता हूँ। जब से वो पानी निकला था, माँ की आदतों में कुछ फर्क आ गया था। वो कहती भी थीं कि इसी दिन का इन्तजार था, पर अब माँ कुछ ज्यादा ही चिपक कर सोती थीं। सोने के बाद मुझे ज़्यादा कुछ पता नहीं रहता.. पर जब मैं सुबह उठता, तो मेरे अंडरवियर निकला हुआ मिलता। मैं ये देख कर हैरान हो जाता था। कभी-कभी माँ लेट उठतीं तो देखता कि माँ दूसरी और करवट लिए होतीं और मेरा लंड उनकी जाँघों के बीच दबा होता। मैं ना जाने कब ये सब करता और माँ भी कुछ ना कहती थीं।

मेरे लंड पर जो तेल अब माँ लगाने लगी थीं उससे मेरा लंड दिन दुगनी तेज़ी से बढ़ रहा था। अब तो ये साइज में भी लंबा और मोटा हो गया था। कुछ दिनों बाद जब गर्मियों का मौसम आया तो माँ सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट पहन कर सोने लगी थीं।

वे मुझे भी खुले कपड़े पहनने को कहती थीं। अब मैं भी कोई तौलिया या माँ की ही चुन्नी पहन लेता था, पर माँ नीचे चड्डी के लिए भी मना कर देती थी। हम कूलर में सोते थे, इसलिए कई बात रात को नींद खुलने पर मैं खुद को माँ से चिपका हुआ पाता था और मेरा लंड माँ की गांड की दरार में लगा होता था।

मुझे नहीं पता ये कैसे हो जाता था, पर ऐसा होता था। मुझे डर भी लगता था, पर मजा भी आता था।

एक बार मैं दिन में ज़्यादा सो गया, जिससे मुझे रात को नींद नहीं आ रही थी, पर मैं सोने का नाटक रहा था। माँ अपना काम ख़त्म करके आईं और साथ में लेट गईं। उन्होंने देखा कि मैं सो रहा हूँ और तभी उन्होंने अपना पेटीकोट ऊपर उठा दिया।
उन्हें पता था कि मुझे नींद में कुछ पता नहीं चलता है। वो मेरे बाजू में बैठ कर अपनी चुत सहलाने लगीं। पर मजा ना आने उन्होंने पर एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया।

अब मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा और पूरे रूप में आ गया। माँ धीरे-धीरे लंड को हिला रही थीं.. मुझे मजा आ रहा था और मैं काँप भी रहा था। फिर उन्होंने मेरा लंड मुँह में ले लिया और जोरों से चूसने लगीं।
मेरे लंड को वे अपने गले तक ले रही थीं, साथ ही अजीब सी आवाज भी निकाल रही थीं। उन्होंने मेरा लंड अपने गाढ़े थूक से गीला कर दिया और मुझे अपनी ओर करवट करके लेटा लिया।

अब वो खुद भी दूसरी तरफ मुँह करके लेट गईं थीं। उन्होंने मेरा हाथ अपने चूचियों पर रखवा लिया, जिन्हें वो पहले ही खोल चुकी थीं।
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वो बार-बार आगे-पीछे हो रही थीं, पर मेरा लंड ज्यादा गीला होने के कारण फिसला जा रहा था। अब मुझसे भी नहीं रुका जा रहा था, मैं भी साथ देना चाहता था।

मैंने उनको कस कर पकड़ लिया, इससे माँ चौंक पड़ीं। अब उन्हें पता चला कि मैं जाग रहा हूँ। लेकिन एक पल के बाद वो मुझसे ज़ोर से लिपट गईं, जिसकी वजह से मेरा लंड उनकी जाँघों को चीरता हुआ पार चला गया।

अब उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत पर लगाया और फिर धक्का लगाने को कहा, मैंने ऐसा ही किया। पर मेरा मूसल जैसा लंड उनकी चुत में नहीं गया। क्योंकि उनकी चूत कई सालों से नहीं चुदी थी। फिर मैंने दूसरा झटका मारा, जिससे मेरा पूरा लंड चुत की गहराई में समाता चला गया।

माँ के आँसू निकल आए.. उनकी चुत एकदम गरम भट्टी की तरह थी। मेरे लंड में आग सी लग गई थी। शायद मुझे टांका टूटने के कारण जलन भी हो रही थी। जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो देखा कि वो आगे से फट गया था। क्योंकि मैंने पहले कभी सेक्स नहीं किया था।

अब मैंने अपना लंड माँ के मुँह में दे दिया, जिससे थोड़ा आराम मिला। मैं भी माँ के चूचे सहलाए जा रहा था और चुत में उंगली कर रहा था।

फिर माँ खुद ही 69 पोज़िशन में आ गईं और वे अपनी चुत मेरे मुँह में दबाने लगीं। उसमें से एक अजीब सी बदबू आ रही थी। पर इस बू से सेक्स का मज़ा दुगना हो रहा था, सो मैंने उसे चाटने की सोचा। मैं जितना अन्दर तक हो सकता था.. अपनी जीभ ले जा रहा था। माँ चूत में जीभ की हरकत से मचली जा रही थीं।

मैं अपनी कमर भी उठा कर अपना लंड माँ के मुँह में पूरा दे देना चाहता था, जिससे वे भी कभी-कभी वो काँपे जा रही थीं।

माँ के मुँह से ‘अहो उम्म्ह… अहह… हय… याह… हो..’ की आवाज़ निकल रही थी। इसी बीच में माँ सख़्त होने लगीं और फिर वही सफेद पानी उनकी चुत से निकला, जो मेरे मुँह पर आ गिरा।

अब माँ थोड़ी ढीली हुईं और खड़ी हो गईं। माल झड़ने के बाद भी उन्हें चैन ना था.. वो सीधी हो कर लेट गईं।

अब मेरा मन उन्हें चोदने का हुआ। मैंने अपना लंड उनकी चुत के मुँह पर लगा दिया.. पर मुझे पता नहीं था कि चूत में लगाना कहाँ है।

फिर माँ ने उसे ठीक जगह पर लगा दिया। चूत चिकनी होने के कारण एक झटके में आधे से ज़्यादा लंड अन्दर समा गया। फिर माँ ने कहा- अब आगे-पीछे हो कर झटके मारो।

मैंने ऐसा ही किया। माँ ज़ोर-ज़ोर से आवाजें निकाल रही थीं ‘उउफफ्फ़.. उफ्फ.. औउउ.. उईई..’

मुझे ये आवाजें सुन कर और ज़्यादा सेक्स चढ़ रहा था। मैं और ज़ोर से झटके मारने लगा और फिर कुछ ही देर में डिसचार्ज हो गया। यानि मेरे भी लंड ने भी पानी छोड़ दिया और माँ भी दूसरी बात झड़ गईं।

इसके बाद मौसी माँ ने मुझे चुदाई के कई तरीके सिखाए और हम अब भी चुदाई करते हैं। मुझे भी मौसी माँ की चुदाई करना अच्छा लगता है। मैं अब जॉब की वजह से बाहर रहता हूँ, पर जब भी मौका मिलता है, मैं मौसी माँ की चुदाई ज़रूर करता हूँ। अब तो वो मुझसे गांड भी मरवाती हैं और मैंने उनकी गांड का साइज़ 42 कर दिया है।

मेरी इस मौसी माँ की चुदाई स्टोरी को पढ़ने के लिए धन्यवाद दोस्तो!
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