बहाने से दोस्त की बीवी को चोदा-2

बहाने से दोस्त की बीवी को चोदा-2

मेरी सेक्सी स्टोरी के पिछले भाग
बहाने से दोस्त की बीवी को चोदा-1
में आपने पढ़ा कि मेरे दोस्त की नई नई शादी हुई, मैंने उसके दिमाग में बीवी की अदला बदली की बात डालने के लिए उसे अन्तर्वासना की अदला बदली वाली कहनी पढ़वा दी.
अब आगे:

मेरे जाल में विशाल पूरी तरह से फंस चुका था यह बात मैं अच्छी तरह से समझ गया क्योंकि उसने रविवार के एक दिन पहले शनिवार को ही मुझसे मिलकर बात करने की इच्छा जाहिर की, मैं भी जल्दी से मिलने चला गया, उसने मुझे एक रेस्टोरेंट में मिलने के लिए बुलाया था।

उसने कॉफी का ऑर्डर देकर बात करना शुरू किया.
मैं उससे पूछा- क्या बात है जो तुमने मुझे इस तरह से रेस्टोरेंट में बुलाया?
“यार, मुझे तुझसे एक बात करनी थी, तू मेरा दोस्त है, करीबी भी है इसलिए मैं तुझसे कह रहा हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि तू इस बात को राज ही रखेगा।
“तू क्या कह रहा है, मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है लेकिन जो भी कहना चाहता है बिंदास बोल दे?”

“देख यार, तुझसे छुपाने जैसा कुछ भी नहीं है। मैं सब कुछ तुझे बता ही चुका हूँ। यार रितेश, तूने जो मुझे कहानी सेंड की थी, पूरी कहानी को पढ़ कर मेरे मन में आइडिया आया है।”
“कैसा आइडिया?” मैं आश्चर्य जताते हुए बोला.
“बीवी की अदला बदली का…! वह थोड़ा घबराते हुए सर झुका कर बोला.

उसकी बात सुनते ही मेरे मन में तरंगें उठने लगी, नीलम को अपनी बांहों में पाने का सपना मुझे पूरा होता नजर आने लगा लेकिन फिर भी मैं अनजान बनते हुए बोला- तू क्या बोल रहा है? मुझे समझ नहीं आ रहा है।
“यार, बिल्कुल साफ है… मैं चाहता हूं कि हम दोनों एक रात के लिए बीवी बदल कर अपनी ख्वाहिश पूरी करें।”

“तू पागल हो गया है? तू ऐसा सोच भी कैसे सकता है? बीवी की अदला बदली? नहीं ऐसा नहीं हो सकता!” मैं झूठ मूठ का गुस्सा दिखाते हुए बोला.
“यार रितेश, मेरी बीवी भी बहुत खूबसूरत है। और मैं भी तेरी आदत को अच्छी तरह से जानता हूँ। खूबसूरत औरतें तेरी कमजोरी है, तू कभी भी किसी भी खूबसूरत लड़की या औरत को देखता था तुम्हें चोदने का ख्याल तेरे मन में आ ही जाता था. यह बात तो मुझे हमेशा बता भी चुका है और मैं दावे से कह सकता हूं कि तूने जब मेरी बीवी को देखा होगा तो उसे चोदने का ख्याल तेरे मन में जरूर आया होगा।

उसकी बात सुनते ही मैं थोड़ा शांत हो गया क्योंकि मैं जानता था कि वह जो बोल रहा है, वह सच ही बोल रहा है।
“यार चल तेरी बात मान भी लेते हैं… लेकिन अपनी अपनी बीवी को कैसे मनाएंगे? वह यह सब के लिए कैसे तैयार होगी?”
“देख, यह सब मैं बिल्कुल भी नहीं जानता कि कैसे होगा… लेकिन मुझे तुझ पर पूरा भरोसा है कि तू सब कुछ हैंडल कर लेगा. देख जब से मैंने तेरी बीवी की फोटो देखी है और वो कहानियाँ पढ़ी हैं, मैं सो नहीं पाया, मेरी तड़प तेरी बीवी से मिलने के लिए बढ़ गई है।”

विशाल पूरी तरह से मेरी जाल में फंस चुका था, मैं भी ज्यादा ना नुकुर ना कहते हुए बोला- चल कोई बात नहीं, मैं अपनी बीवी को मना लूंगा… और तेरी बीवी को कैसे हैंडल करना है, मैं अच्छी तरह से जानता हूं. तो ठीक है रविवार को यानि कल ही मिलते हैं तेरे घर पर।

इतना कह कर मैं रविवार की तैयारी में जुट गया. मेरी तो नींद ही हराम हो चुकी थी, सोते-जागते बस नीलम का खूबसूरत चेहरा और उसकी मटकती हुई गांड ही नजर आ रही थी।

आखिरकार वो दिन आ ही गया मैं अपनी भाड़े की पत्नी जिसका नाम सुलेखा था, उसे लेकर विशाल के घर पहुंच गया। मैं पहले से ही सुलेखा को सब कुछ समझा चुका था कि वहां पहुंचकर अपनी जवानी के जलवे को कैसे बिछा़कर विशाल को पूरी तरह से अपना दीवाना बनाना है।

विशाल तो मेरी बीवी को देखते ही एकदम से पागल हो गया, सुलेखा का बदन बेहद खूबसूरत और मादक था। कॉलगर्ल होने की वजह से सुलेखा की गांड कुछ ज्यादा ही बड़ी-बड़ी और गोल थी और साथ ही उसकी चूचियां भी बेहद सुडौल और खरबूजे की तरह थी, जिसे देख कर विशाल का लंड खड़ा हो गया था और वह उसे चोदने के लिए मचल उठा था।

मैंने जानबूझ कर सुलेखा को ट्रांसपेरेंट साड़ी पहनने के लिए बोला था ताकि उसके बदन का हर वह हिस्सा जो मर्दों को दिवाना बना देता है वह साफ तौर पर नजर आए। साड़ी में से झांकती हुई रेखा की बड़ी-बड़ी गोल जवानी को देख कर विशाल पिघलने लगा था।

नीलम भी बला की खूबसूरत लग रही थी, शर्मो हया की चादर उसके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी और यही तो मैं चाहता था, ऐसी औरत मुझे आज तक नहीं मिली थी. बार बार मेरी नज़र उसकी मटकती हुई गांड पर चली जा रही थी, उसकी नंगी नंगी गांड की कल्पना करके मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था।

सुलेखा जानबूझ कर विशाल के साथ कुछ ज्यादा ही चिपक कर बातें कर रही थी ताकि वह पूरी तरह से उसके गिरफ्त में आ सके।

धीरे धीरे पार्टी में रंग जमने लगा, मैं और विशाल दोनों शराब के दो दो पैग मार कर मस्त हो रहे थे।

सुलेखा और नीलम एकदम पक्की सहेलियों की तरह आपस में घुल मिलकर बातें कर रही थी। मैंने जानबूझ कर नीलम के ड्रिंक में थोड़ा सा शराब मिला दी ताकि उसके नशे में वह मस्त हो जाए। वह इस बात से बेखबर कि उसके ड्रिंक में शराब मिलाई हुई है, वह पेप्सी समझ कर दो तीन ग्लास गटक गई।
धीरे धीरे उसकी आंखों से लगने लगा कि उस पर शराब का नशा छाने लगा है.

तभी मैंने म्यूजिक लगा दिया और सुलेखा को इशारा किया कि वह विशाल के साथ जाकर डांस करने लगे।
और सुलेखा उसका हाथ पकड़ कर उसे उठाते हुए डांस करने लगी. कुछ ही देर में दोनों की कमर म्यूजिक के साथ थिरकने लगी, विशाल सुलेखा की कमर पकड़ कर डांस करने का आनन्द लूट रहा था और बार बार उसके गालों को चूम ले रहा था जिसका विरोध सुलेखा बिल्कुल भी नहीं कर रही थी.

यह सब नजारा नीलम अपनी आंखों से देख रही थी लेकिन नशे की वजह से उसे मजा आने लगा था और वह उन दोनों को नाचते हुए देखकर खिलखिला कर हंस रही थी।

मैं समझ गया कि धीरे धीरे इस पर नशा का असर हो रहा है और यही मौका देखकर मैं उसका हाथ पकड़ कर डांस करने के लिए खड़ा कर दिया.
वह काफी शरमा रही थी लेकिन नशे की हालत में उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और मैं उसे अपनी बांहों में भर कर नाचने लगा. धीरे धीरे अपनी कमर को गोल गोल घुमाते हुए उसके साथ नृत्य का आनन्द ले रहा था।

वह शर्मा रही थी और हंस भी रही थी, उसकी हंसी मुझे बेहद खूबसूरत लग रही थी। डांस करने की वजह से और नशे की हालत में उसकी साड़ी का पल्लू उसके कंधे से नीचे गिर गया था जिसकी वजह से उसकी बड़ी बड़ी छातियाँ एकदम साफ नजर आ रही थी। उसकी चूचियां काफी गोरी और गोल थी जो उसके ब्लाउज में नहीं समा रही थी. ब्लाउज में से चूचियों के बीचोंबीच की लकीर एकदम साफ नजर आ रही थी, दिल में तो आ रहा था कि उनमें मुंह डाल कर उनकी गहराई में डूब जाऊं!

धीरे धीरे मेरे बदन में उत्तेजना की धार दौड़ने लगी और मैं अपने हाथ को उसके कमर से होते हुए नीचे की तरफ ले जाने लगा। उसके बदन में नशा अभी पूरी तरह से नहीं छाया था, इस वजह से वह मेरे हाथ को हटाने की कोशिश कर रही थी लेकिन वह पूरी तरह से होश में नहीं थी.
मैं अपनी दोनों हथेली को उसकी कमर से होते हुए उसकी गोल गोल नितंबों पर फिराने लगा, अपनी गांड पर मेरी हथेलियों का स्पर्श होते ही वह पूरी तरह से गनगना गई और उसकी यह गनगनाहट देख कर मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी और जोश में आकर मैं अपनी हथेली में उसके नितंबों को भर कर जोर से दबा दिया।

मेरी इस हरकत की वजह से उसके मुंह से गर्म सिसकारी निकल गई और उसकी यह सिसकारी की आवाज बेहद मादक थी। लेकिन अगले ही पल में कुछ और कर पाता इससे पहले ही बार जैसे होश में आ गई हो इस तरह से मेरे दोनों हाथों को अपनी गांड पर से हटा दिया।
उसकी यह हरकत देखकर मैं एकदम सकते में आ गया और आगे बढ़ने से अपने आप को रोक दिया. अब मुझे सही मौके का इंतजार था.

वह मुझसे अलग होकर फिर से जाकर कुर्सी पर बैठ गई. मेरी नजर विशाल पर पड़ी तो मैं हैरान रह गया क्योंकि सुलेखा उसके ऊपर पूरी तरह से छा चुकी थी वह रह रह कर अपने हाथ से पैन्ट के ऊपर से ही उसके लंड को मसल दे रही थी।
सुलेखा की इस तरह की हरकत को देखकर विशाल पूरी तरह से समझ गया था कि मैंने सुलेखा को उसके लिए पूरी तरह से मना लिया है, इस बात को लेकर वह बेहद उत्साहित हो चुका था।

डांस का कार्यक्रम समाप्त हो चुका था, अब जोरों की भूख लगी हुई थी. वैसे तो विशाल और मुझको भोजन से ज्यादा एक दूसरे की बीवी की भूख ज्यादा लगी हुई थी।
हम लोग खाना खाने बैठ चुके थे और यह सही भी था क्योंकि नीलम पूरी तरह से नशे में नहीं थी।

खाना खाते खाते मैंने नीलम को कोल्ड ड्रिंक में दो पेग और पिला दिए, नीलम पूरी तरह से नशे में हो चुकी थी, अब यही समय ठीक था.
दूसरी तरफ विशाल पूरी तरह से उत्साहित था सुलेखा को अपने कमरे में ले जाने के लिए… सुलेखा जानबूझ कर मेरे सामने शर्माने का नाटक कर रही थी ताकि विशाल को जरा सा भी शक ना हो।
मेरा भी तन-बदन सुलग रहा था नीलम को अपनी बांहों में भरने के लिए!

हम चारों खाना खा चुके थे।
तभी नीलम अपनी कुर्सी पर से उठने को हुई ही थी कि लड़खड़ा गई और मैंने जल्दी से लपक कर उसे थाम लिया, वरना गिर जाती। मैं दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़े हुए था, लेकिन इस बार वह मेरे हाथ को हटाने की कोशिश बिल्कुल भी नहीं कर रही थी।
और यही मुझे सही मौका भी लगा, मैंने विशाल को तुरंत इशारा करके सुलेखा को कमरे में ले जाने के लिए कहा, वह मेरा इशारा पाते ही सुलेखा का हाथ पकड़ कर कमरे में चला गया.

मेरे दिल की धड़कन तेज होने लगी क्योंकि नीलम के पैर लड़खड़ा रहे थे और मैं उसे कमर में हाथ डाल कर पकड़े हुए था जिसकी वजह से नीलम की मदमस्त गांड ठीक मेरे लंड की सटी हुई थी।
मेरी उत्तेजना पल पल बढ़ती जा रही थी। मैं उसे सहारा देते हुए कमरे में ले गया। कमरे में पहुंचते ही नीलम बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई, वह पूरी तरह से नशे में हो चुकी थी उसकी साड़ी का पल्लू कंधे से ना जाने कब से फिसल कर दूर हो गया था उसकी बड़ी बड़ी चूचियां ब्लाउज में कैद ऐसा लग रही थी कि जैसे उसमें बड़े बड़े खरबूजे रखे हों!

अगले ही पल में मैंने नीलम के बदन से उसके सारे कपड़ों को उतार फेंका, कुछ ही सेकंड में नीलम भाभी जवानी से भरपूर पूरी तरह से निर्वस्त्र अवस्था में बिस्तर पर पड़ी हुई थी। उसके नंगे बदन को देखकर मेरी उत्तेजना एकदम से आपे से बाहर हो गई। मैं उसकी नंगी चूचियों पर एकदम से टूट पड़ा और उसे बारी बारी से पके हुए फल की तरह मुंह में भर कर चूसना शुरु कर दिया।

नशे में होने के बावजूद भी मेरे इस तरह से उसकी चूची को पीने की वजह से उसके बदन में सुरुर छाने लगा था और वह हल्की हल्की सिसकारियां ले रही थी. मैं पहली बार ऐसी खूबसूरत शर्मीली औरत के साथ संभोगरत होने जा रहा था इसलिए मेरी उत्सुकता कुछ ज्यादा ही बढ़ती जा रही थी.

मैं दोनों हाथों से उसकी चूचियों को दबाते हुए नीचे की तरफ से बढ़ने लगा। मेरी नजर जैसे ही उसकी जांघों के बीच गई तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया, ऐसी रसीली ऐसी नमकीन बुर मैंने आज तक नहीं देखी थी, बुर पर बाल का एक रेशा भी नहीं था ऐसा लग रहा था कि वह अभी अभी बुर को साफ करके आई है.
मैंने तो उसकी बुर पर अपना मुंह लगाकर चाटना शुरु कर दिया, कुछ ही सेकंड में नीलम के मुंह से गर्म सिसकारियां निकलने लगी. नशे में होने के बावजूद भी उसे बहुत मजा आ रहा था लेकिन उसे यह नहीं मालूम था कि बुर चाटने वाला उसका पति नहीं बल्कि उसके पति का दोस्त है।

मुझे बहुत ही मजा आ रहा था, मैंने अगले ही पल उसकी जांघों के बीच अपने लिए जगह बना कर अपने लंड को उसकी बुर के मुहाने पर रख दिया और धीरे धीरे उसे अंदर डालने लगा.
लेकिन नीलम की बुर पूरी तरह से टाईट थी, बड़ी मुश्किल से मेरा लंड उसकी बुर में जा रहा था. विशाल का लंड मेरे से छोटा और पतला है। इससे पहले भी हम दोनों ने साथ में कई वर्षों से चुदाई किए थे लेकिन उसने मुझे इस बात का अहसास बिल्कुल भी नहीं हुआ था कि उसका लंड छोटा और पतला है।

तभी तो नीलम नशे में होने के बावजूद भी गरम सिसकारियों के साथ आनंदमय हुए जा रही थी। तभी मैंने पूरी ताकत लगाकर अपने पूरे लंड को उसकी बुर में डाल दिया और उसकी चीख निकल गई, वह आंख खोल कर देखने लगी ऐसा लग रहा था कि उसका नशा फुर्र हो गया था।
वह पसीने से पूरी तरह से तरबतर हो चुकी थी। मुझे अपने बदन पर चढ़ा हुआ और उसकी बुर में मेरा लंड घुसा हुआ देख कर वह हैरान हो गई, उसे समझ में ही नहीं आया कि यह क्या हो रहा है.

वह हैरान होते हुए मुझे रोकने की पूरी कोशिश करने लगी. लेकिन मैं जानता था कि अगर मैंने एक बार अपने लंड को बाहर निकाल लिया तो यह दोबारा नहीं डालने देगी, इसलिए मैं तुरंत उसकी छाती पर अपना मुंह रख कर उसे पीना शुरू कर दिया, नशे में होने की वजह से वह मेरा ज्यादा विरोध नहीं कर पाई और हल्की हल्की सिसकारियों के साथ चुदाई का मजा लेने लगी।

इसमें उसका भी कोई दोष नहीं था क्योंकि अभी तक वह पतले लंड से चुदते आ रही थी जिससे चुदाई का पूरा आनन्द भी नहीं मिल पा रहा था। वह शर्मा भी रही थी और मजा भी ले रही थी।
मेरी कमर बड़ी तेजी से ऊपर नीचे हिल रही थी।

करीब 15 मिनट बाद नीलम के साथ साथ मैं भी झड़ गया।

एक बार चुदवाने से उसकी शर्म की दीवार गिर चुकी थी।

थोड़ी देर बाद ही मैंने उसकी बुर को चाट कर उसे एकदम मस्त कर दिया, उसे दोबारा चुदाई के लिए तैयार करने लगा और इसके लिए मैंने अपने लंड को उसके मुंह में डाल कर चुसवाना शुरू कर दिया. पहले तो वो आनाकानी करती रही लेकिन फिर मेरे मनाने से वह मान गई।

देर रात तक हम दोनों चुदाई का अलग अलग तरीके से मजा लेते रहे।
दूसरी तरफ सुलेखा ने भी विशाल को पूरी तरह से मस्त कर दिया था।

उसे आज तक इस बात का एहसास तक नहीं हो पाया कि उसके साथ धोखा हुआ था वह तो यही सोच रहा था कि वह मेरी बीवी के साथ चुदाई का मजा लिया है लेकिन यहां से नहीं मालूम था कि वह कॉल गर्ल के साथ पूरी रात बिताया था।

मेरी इच्छा तो नीलम ने पूरी तरह से पूरी कर दी थी।
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