बुड्ढे का बड़ा लंड और जवान चूत की चुदाई

बुड्ढे का बड़ा लंड और जवान चूत की चुदाई

दोस्तो, मैं रिया माहेश्वरी एक बार फिर आपके समक्ष अपनी हिंदी सेक्सी स्टोरी लेकर उपस्थित हूँ.
आज की कहानी मेरी फ्रेंड प्रियंका त्यागी की है, जो मेरी रूममेट भी है.
यह कहानी विशेष रूप से अन्तर्वासना के बुजुर्ग और उम्रदराज पाठकों के लिए है.

आगे की कहानी खुद प्रियंका की जुबानी सुनिए.

नमस्कार साथियो, मेरा नाम प्रियंका है, मेरी उम्र 26 साल की है. मैं मूलतः उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की हूँ. इस समय मैं गुड़गाँव में जॉब करती हूँ और रिया के साथ रूम लेकर रहती हूँ.
मेरी फिगर 34-26-30 की है, रंग एकदम गोरा है. मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हूँ.

दोस्तो, आप सभी जानते हैं कि आजकल आवश्यकताएं अधिक हो गई हैं और उनको पूरा करने के लिए धन कम पड़ने लगा है. यही सबके कारण मेरे वेतन से मेरा खर्च पूरा नहीं चल पा रहा था, तो हमारी एक कॉमन फ्रेंड ने रिया और मुझे एक एजेंसी से मिलवाया, जो उम्रदराज पुरुषों के लिए लड़कियां सप्लाई करने का काम करती थी.
इस एजेंसी को एक मैडम चलाती थीं. इस काम में लड़कियों को उम्रदराज लोगों की यौन आवश्यकताओं को पूरा करना होता था और बदले में भरपूर पैसा मिलता था.

मैं उस एजेंसी की मालकिन से मिली और उन्हें मैंने अपनी बात बताई. उन्होंने मुझे अगले दिन बुलाया. मैं जब अगले दिन मैडम के पास पहुँची तो मैडम ने मेरी मुलाक़ात एक बिजनेसमैन से करवाई. उस बिजनेसमैन का नाम मुरुगन था और वो लगभग 52 साल का था. मुझे उसके साथ एक हनीमून ट्रिप करना था जो एक हफ्ते का था.

मुरुगन ने मुझे देखते ही पसंद कर लिया. मैंने भी अपनी रजामंदी दे दी. इस तरह हमारा तीन दिन बाद शिमला का प्रोग्राम तय हो गया. मुझे इसके एवज में 50 हजार रूपए ऑफर हुए जो मैंने स्वीकार कर लिए.

मैडम ने मुझसे मुरुगन को हर प्रकार की यौन संतुष्टि देने के लिए कहा और ये भी कहा कि पूरी ट्रिप में मुझे मुरुगन की बीवी बन कर रहना होगा.

इसके बाद मैं रूम पर लौट आई और तीन दिन बाद हम दोनों शिमला के ट्रिप पर निकल गए. देर शाम तक हम लोग शिमला पहुँच गए. उधर पहले से बुक एक होटल में पहुँच गए. इसके बाद मैं होटल के उस कमरे में आ गई जिधर मेरी चुदाई होनी थी.

मैंने सोचा कि 52 साल का बुड्डा मेरी चुत का उखाड़ पाएगा, इसका तो लंड ही चार इंच का होगा.

मगर मैं कितनी गलत थी. चुदाई के दो घंटे पहले मुझे वियाग्रा का डबल डोज दिया गया. इसके बाद मैंने मुरुगन के साथ शराब पी और टीवी पर चल रही ब्लू-फिल्म भी देखी, इस सबसे मेरा सेक्स करने का मूड बन गया.

मुझ पर पहले से ही एक तो वियाग्रा का असर था और अब मुझे मुरुगन के चार इंच के लंड की सोच कर कुछ कोफ़्त सी भी हो रही थी कि बुड्डे का लंड मेरी चुदास कैसे बुझाएगा.

तभी मुरुगन ने अपने कपड़े उतार दिए और जैसे ही उन्होंने अपना कच्छा खोल कर अपना लंड निकाला मेरी गांड फट गई. मुरुगन का लंड किसी हब्शी के लंड जैसा मोटा और लगभग 9 इंच लम्बा था.

एक बार तो मेरी जान हलक में आ गई कि आज मर ही जाऊंगी, इस साले बुड्ढे का बड़ा लंड तो मेरी चुत का भुरता बना देगा.
खैर.. मुरुगन ने लंड हिलाते हुए मुझे इशारा किया तो मैंने मुरुगन का लंड अपने मुँह में ले लिया. मैं वियाग्रा की मस्ती में थी सो मुझे लंड चूसने में मजा आने लगा. मुरुगन के लंड चूसने से मेरी चुत पानी से लिसलिसी हो गई और मेरी चुत में चींटियाँ रेंगने लगीं.

कुछ ही पलों में मुरुगन का लंड एकदम लोहे की रॉड हो गया था. मुरुगन ने मुझे भी नंगी किया और मुझे लिटा कर मेरी चुत के मुँह पर अपना लंड टिका दिया.

मेरी तरफ आँख मारते हुए उन्होंने अपना मूसल मेरी चुत में पेल दिया. मैं भी चुदी चुदाई तो थी, लेकिन इतना बड़ा लंड मैंने आज तक नहीं लिया था. मुरुगन के तगड़े झटके और मोटे लंड से मेरी चीख निकल गई.

मुरुगन दे दनादन मुझे चोदने लगे. वो मुझे गाली देते हुए चोद रहे थे कि साली इसीलिए तुझे वियाग्रा का डबल डोज दिया था ताकि तू मेरा लंड झेल सके. मुरुगन का लंड अब मेरी चुत की जड़ तक जाकर मेरी बच्चेदानी में चोट मार रहा था.

वाकयी मुरुगन मुझे जबरदस्त तरीके से चोद रहे थे और मैं भी अब उनका बड़ा लंड लीलने में अभ्यस्त हो गई थी तो मुझे भी इस मूसल लंड से चुदने में मजा आ रहा था.

कुछ देर बाद मुरुगन ने मुझे घोड़ी बना कर भी चोदा और इसके बाद मैंने उनके मूसल लंड की सवारी करने की इच्छा जताई तो मुरुगन ने मुझे अपने लंड पर बैठा कर मेरी दम से चुदाई की.

आखिरकार वियाग्रा का नशा कुछ कम हुआ तो मैं झड़ने को हो गई. मुरुगन ने मुझे अपने नीचे ले लिया और मेरे साथ ही मुरुगन भी मेरी चुत में झड़ गए.

जब हम दोनों अलग हुए तो मैंने देखा कि मेरी चुत से मेरा और मुरुगन का मिला-जुला वीर्य और रज बह रहा था. मैं इस चुदाई से बहुत थक गई थी और तेज तेज साँसें ले रही थी. ए सी रूम के बावजूद मेरा पसीना बह रहा था.

इसके बाद मैं बाथरूम गई तो वहां मुरुगन भी मेरे पीछे आ गए और उन्होंने मुझे फिर से दबोच लिया. इस बार मुरुगन ने मुझे कमोड के सहारे घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी चुत में अपना लंड पेल दिया.

इस बार मुरुगन एकदम जंगली हो गए थे और उन्होंने मुझे गालियां देते हुए चोदा.

‘ले बहन की लौड़ी चुद साली मादरचोद रंडी.. ले कुतिया.. खा मेरा लंड खा.. आह.. बहुत जबरदस्त चुत है तेरी आह..’

इस तरह मुरुगन ने मुझे बीस मिनट तक रगड़ा. मैं थक कर गिर गई तो मुरुगन ने मुझे बाथरूम के फर्श पर लिटा कर चोदा. इस बार चुदाई इतनी तेज थी कि मैं दो बार झड़ चुकी थी तब मुरुगन का लंड फटने को हुआ. मुरुगन ने अपने लंड का रस एक बार फिर मेरी चुत में छोड़ दिया.

अपने लंड का माल मेरी चुत में झड़ाने के बाद मुरुगन मेरे ऊपर ही पड़े रहे. फिर हम दोनों उठे और अपने आपको साफ़ करके कमरे में आ गए.

चूंकि हम दोनों ही बेहद थक चुके थे तो मुरुगन ने मुझे एक लार्ज पैग बना कर दिया और खुद भी नीट दारु से गिलास भर लिया.

हम दोनों ने दो-दो पैग पिए और नंगे ही लिपट कर सो गए.

यह तो पहला दिन था.. अभी पूरा हफ्ता मेरी चुदाई होना थी. वो सब मैं आपको अपनी अगली हिंदी सेक्सी स्टोरी में सुनाऊंगी.

आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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