मन मांगी मुराद – Antarvasna

मन मांगी मुराद – Antarvasna

दोस्तो, मेरा नाम रॉय है, मैं जोधपुर का रहने वाला हूँ । मैं 22 साल का हूं, मेरा कद 6 फ़ीट है और दिखने में मैं बहुत आकर्षक हूं। मेरा लण्ड 6.5 इन्च का है और किसी भी लडकी या औरत को सन्तुष्ट करने का माद्दा रखता है। आज तक बहुत लड़कियों, भाभियों और आण्टियों को चोद चुका हूँ।

अन्तर्वासना पर यह मेरी दूसरी कहानी है, मेरी पहली कहानी
एक हसीना को गर्भवती किया
पर आप लोगों की काफ़ी अच्छी प्रतिक्रिया मिली और मुझे काफ़ी मेल भी मिले, उसके लिये आप सबका तहे दिल से शुक्रिया।

आज एक और सच्ची कहानी लेकर आया हूँ। इस कहानी में मैं आपको बताउंगा कि कैसे मैं एक कालबॉय बना।

तो दोस्तो जैसा कि मैंने आपको बताया कि मेरी पहली कहानी के लिये मुझे काफ़ी सारे मेल मिले। उनमें से एक मेल जोधपुर की ही किसी महिला का था और वो मुझसे मिलना चाहती थी। उसने मेल में लिखा था कि उसके कहे अनुसार करने पर मुझे काफ़ी पैसे भी मिलेंगे, साथ ही उसने अपने मोबाइल नम्बर भी लिखे थे।

मैंने उस नम्बर पर फ़ोन किया और अपना नाम बताया। उसकी आवाज़ सुनकर ऐसा लगा कि जैसे किसी ने कानों में शहद घोल दिया हो। आप सोच रहे होंगे कि अभी तक मैंने आपको उसका नाम नहीं बताया, मैं आपको बता दूं कि मैं एक प्रोफ़ेशनल कालबॉय हूँ और मैं अपने ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी यहाँ नहीं बता सकता। हाँ तो दोस्तो, फ़िर से कहानी पर आ जाते हैं।

उसने फ़ोन पर मुझे बताया कि उसका पति दुबई में रहता है, वहाँ वो एक मल्टीनेशनल कम्पनी में सी.ई.ओ. है और साल में 2-3 बार ही आता है। यहाँ वो अपने सास-ससुर के साथ रहती हैं।

हमने तय किया कि हम किसी होटल में मिलते हैं।

तय वक्त पर मैं होटल के लिये रवाना हुआ, रास्ते में मैं यह सोच कर बहुत खुश हो रहा था कि आज नया माल चोदने को मिलेगा। मैंने रास्ते में एक स्टोर से कोण्डम का पैकेट लिया और कुछ आइसक्रीम और चोकलेट्स भी ली, क्योंकि मैं जानता हूँ कि लड़कियों को आइसक्रीम और चोकलेट्स बहुत पसन्द होती हैं।

मैं होटल की पार्किंग में पहुंचा क्योंकि हमने तय किया था कि हम वहीं मिलेंगे। अपनी बाइक पार्क करके मैंने यहाँ-वहाँ नज़र दौड़ाई, तभी एक काली ओक्टेविया से एक लड़की जिसकी उमर करीब 26-27 साल होगी, मेरी तरफ़ बढ़ने लगी, मैं मन ही मन भगवान से प्रार्थना करने लगा कि काश मैं जिससे मिलने आया हूँ यह वही हो। उसने पीले रंग का सलवार सूट पहना हुआ था और उसमें वो स्वर्ग की किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। दूध जैसा सफ़ेग रंग, 5’8″ कद। मैं तो उसे देख कर जैसे अपने होश ही खो बैठा।

वो मेरे पास आई और कहा- यू मस्ट बी रॉय!
उसने मुझसे हाथ मिलाया और हम वहाँ से रिसेप्शन पर पहुंचे और एक कमरा बुक किया।

कमरे में पहुंच कर मैंने उसे रोज़ दिया, चोकलेट्स दी।
वो एक प्यारी सी मुस्कान देकर बोली- यू आर सो स्वीट!

और मुझे गले लगा लिया, मुझे एक पल को ऐसा लगा कि जैसे मैं स्वर्ग में हूँ और मेरे लन्ड कि क्या हालत होगी आप समझ ही सकते हो। मैंने भी उसे कसकर गले लगा लिया। उसे मेरे लन्ड का कड़ापन महसूस हो गया।

मेरी तरफ़ देखकर बोली- ह्म्म्म्म! तगड़ा मालूम होता है!

और मेरी बांहों से छूट कर मुझसे दूर भाग गई, पर मैंने भी झट से लपक कर उसे फ़िर से अपनी बांहों में कस लिया और बेतहाशा उसे चूमने लगा, मैं उसकी गर्दन पर पागलों की तरह चूमे जा रहा था, और मेरे हाथ कब उसके वक्ष पर पहुँच गये मुझे पता ही नहीं चला।

तभी वो अपना मुँह मेरे कान के पास लाई और बड़े प्यार से धीरे से काट लिया और बोली- सारा प्यार यहीं करोगे या बिस्तर पर भी चलोगे मेरे राजा?

मैंने फ़ट से उसे अपनी बांहों में उठा लिया। उसका बदन एक दम फ़ूलों की तरह हल्का था, उसके जिस्म की खुशबू मुझे मदहोश किये जा रही थी। मैंने उसे बड़े प्यार से बिस्तर पर लिटाया और खुद भी उसकी बाजू में लेट गया। तभी वो पलट के मेरे उपर आ गई और उसके घने बाल मेरे चेहरे पर बिखर गये।

उसने मेरे शर्ट के बटन खोल दिये और मेरे सीने पे चूमने लगी। मेरा लन्ड तन के तम्बू का बम्बू हो गया, अब मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो रहा था, मैंने अपने हाथ पीछे ले जाकर उसके कुर्ते की ज़िप खोल दी और कुर्ता खींच कर अलग कर दिया। फ़िर समय खराब न करते हुए मैंने उसकी सलवार भी खोल दी।

अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेन्टी में थी, सफ़ेद रंग की ब्रा पेन्टी में वो एकदम मोम की गुड़िया लग रही थी। मैं तो जैसे अपने होश ही खो बैठा। मैं उसे बेतहाशा चूम रहा था।

अब मैंने अपना शर्ट और ज़ीन्स भी खोल दी। हम दोनों प्यार की गहराइयों में गोते लगा रहे थे। उसके मुंह से आ आह्शी सी की आवाजें आ रही थी और वो अपनी उंगलियों से मेरे बालों को सहला रही थी, जैसे मेरी बीवी हो।

अब मेरे हाथ उसकी ब्रा-पेन्टी खोलने में लगे हुए थे। अब वो मेरे सामने पूरी नंगी लेटी हुई थी। उसके स्तन ऐसे लग रहे थे जैसे सन्तरे के ऊपर कोई भन्वरा बैठा हो और चूत जैसे कमल की दो अधखुली पन्खुड़ियाँ।

मैं धीरे धीरे उसके स्तन दबाने लगा, मैं उसके स्तनों को इतने प्यार से दबा रहा था कि उसे ज़रा भी दर्द न होने पाये, साथ ही साथ मैं उन्हें चूसता भी जा रहा था। उसकी चूत शायद उसने आज ही साफ़ की थी। अब मेरा एक हाथ उसके बोबे को सहला रहा था और एक हाथ उसकी प्यारी सी चूत को मसल रहा था। उसका सफ़ेद संगमरमर सा बदन बस चूमने का मन कर रहा था।

तभी उसने मेरी अण्डरवीयर को एक झटके से खींच के उतार दिया और अगले ही पल मेरा कोबरा के माफ़िक फ़ुफ़कारता हुआ लण्ड उसके हाथ में था। जिसे वो बड़े प्यार से मसल रही थी। मेरे लण्ड की चमड़ी को ऊपर-नीचे करके मुठ मार रही थी। मेरी एक उन्गली उसकी चूत में अन्दर-बाहर हो रही थी और उसकी भगनासा को भी सहला रही थी। उसकी हालत एक जल बिन मछली जैसी हो रही थी। पर मैं उसे पूरा गरम करके चोदना चाहता था।

खूब देर तक उसकी चूत में उन्गली करने से उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी। अब मैं अपना मुँह उसकी चूत पर लगा कर उसकी चूत को चूमने-चाटने लगा। उसकी भग को जीभ से रगड़ रहा था, मैं उसे सेक्स के चरम पर ले जाना चाहता था।

वो अपने दोनों हाथों से अपने बोबे दबा रही थी और मुँह से सिसकारियां निकाल रही थी। अब मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी। वो मेरे आगे मिन्नतें कर रही थी- प्लीज़! रॉय! अब और मत तड़पाओ! प्लीज़ अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दो! अब बर्दाश्त नहीं होता! बहुत दिनों से इस चूत में लण्ड नहीं गया, आज इसकी प्यास बुझा दो।

दस मिनट तक उसकी चूत को चाटने के बाद अब मेरा लण्ड भी चूत की गहराइयों को नापने के लिये बेकरार हुआ जा रहा था। मैं उसके ऊपर गया अपने होंठ उसके होंठों पर लगा दिये। उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, उसके होंठ जैसे शहद की मिठास लिये हुए थे। हम दोनों सारी दुनिया को भूल कर एक दूसरे को चूम रहे थे। मन कर रहा था कि उसके होंठों को चूसता ही जाऊं। पर अब बारी मैदान में खेलने की थी।

मेरा लण्ड तो सलामी देने के लिये मचल रहा था, मैं उसकी टांगों के बीच चला गया। उसकी आंखों में वासना का सूनामी उठ रहा था। मैंने उसकी टांगों को उठाकर अपनी टांगों पर रख लिया, कोण्डम का पैकेट खोल के उसमें से बनाना फ़्लेवर का कोण्डम निकाला। मेरे लण्ड का सुपारा एकदम लाल हो चुका था जैसे कोई स्ट्राबैरी हो। मैंने कोण्डम लेकर उसे अपने लण्ड के सुपारे पर रखा और उसकी टोपी में भरी हवा निकाल के कोण्डम पूरे लण्ड पर चढ़ा दिया।

अब मैंने अपने लण्ड को पकड़ के उसकी चूत के मुँह पे रख कर एक हल्का स धक्का मारा पर उसकी चूत काफ़ी कसी थी। तभी उसने कहा- प्लीज़ रॉय, थोड़ा आराम से डालो! मेरी चूत ज्यादा चुदी हुई नहीं है।

मैंने कहा- जान, थोड़ा दर्द तो होगा, पर बाद में मैं तुम्हें वो मज़ा दूंगा जो तुम्हें कभी नहीं मिला होगा।
तो वो बोली- मेरे राजा, मैं तो पूरी तुम्हारी हो चुकी हूँ, जैसे चाहो, चोदो।

अब मैंने अपने लण्ड को एक हल्के से झटके के साथ उसकी चूत में पेल दिया, उसके मुँह से आह्ह्ह निकल गई, वो कहने लगी- प्लीज़ थोड़ा रुको।

अब मैं पूरा उसके ऊपर लेट चुका था और उसके होंठों को चूम रहा था।

दो मिनट बाद वो नीचे से धक्के मारने लगी, मैं समझ गया कि अब दर्द खत्म हो गया है और वो चुदाई का आनन्द लेना चाहती है।

मैंने एक और धक्का मारकर पूरा लण्ड उसकी प्यारी सी फ़ुद्दी में डाल दिया। अब मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था, वो भी मेरे नीचे लेटे लेटे मेरे हर शॉट का जवाब दे रही थी। मैं पूरे जोश के साथ अपना लण्ड उसकी चूत में अन्दर-बाहर कर रहा था और मेरा हर धक्का उसे असीम आनन्द दे रहा था।

मैं उसके चेहरे को देख रहा था, उसके चेहरे पर एक सन्तुष्टि का भाव था। हमारा पहला चुदाई कार्यक्रम करीब बीस मिनट तक चला। 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं निढाल होकर उसपर गिर गया। मैं उसके गर्दन पर लगातार चूम रहा था। वो भी मुझे चूम रही थी।

वो मेरी चुदाई से काफ़ी खुश लग रही थी।

फ़िर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से निकाल लिया, कोण्डम में मेरा वीर्य भरा हुआ था। मैंने कोण्डम को निकाल के डस्टबिन में डाल दिया। अब मैं उसे उठाकर बाथरूम में ले गया, वहाँ हम दोनों टब में लेट गये, मैंने टिशु-पेपर से उसकी चूत को और उसने मेरे लण्ड को साफ़ किया। फ़िर हमने टब के पानी में खूब मस्ती की। वहाँ मैंने उसे एक दस मिनट लम्बा स्मूच किया। कुछ ही मिनटो में मेरा चैम्पियन फ़िर से मैदान में उतरने को तैयार हो गया।

फ़िर हमने वहीं टब में सेक्स किया, दूसरी पारी में मेरा शेर तीस मिनट तक लड़ता रहा। वो इस बार भी पूरी तबियत से चुदाई का मज़ा लूट रही थी। इस बार मैंने उसे अपने ऊपर लिटा दिया, वो बड़ी मस्ती से उछल-2 कर मेर लण्ड अपनी चूत में ले रही थी। बाथरूम में शॉवर लेकर मैंने उसे अपनी बाहों में उठा लिया। हम दोनो नंगे ही कमरे आ गये।

उसका नंगा भीगा हुआ बदन कयामत लग रहा था, वो अपने हाथ से मेरे लण्ड को सहला रही थी, शायद उसका एक और चुदाई का मन हो रहा था, मैंने कहा- मेरी जान, अभी यह आधे घण्टे से पहले नहीं उठेगा! तब तक हम नेट प्रेक्टिस करते हैं!

इस पर वो खिलखिला के हंसने लगी।

मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया, अब मैंने आइसक्रीम का पैक खोल के उसे उसके शरीर पर लगाने लगा।

वो बोली- यह क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- बस देखती जाओ, आज हम जी भर के प्यार के समन्दर में गोते लगाएंगे।

मैंने थोड़ी आइसक्रीम उसकी चूत और वक्ष पर भी लगा दी। अब मैं उसके शरीर पर लगी आइसक्रीम चाटने लगा। सबसे ज्यादा मज़ा उसकी चूत पर लगी आइसक्रीम चाटने में आया। अब वो फ़िर से चुदने के लिये मचलने लगी।

तभी वो उठी और आइसक्रीम का बोक्स लेकर मेरे शरीर पर फ़ैलाने लगी, उसने मेरे लण्ड पे खूब सारी आइसक्रीम डाल दी और उसे ऐसे चूसने लगी जैसे आइसक्रीम केण्डी हो। उसकी इस हरकत से मेरा लण्ड फ़िर से तैयार हो गया।

मैंने उससे पूछा- एक और मैच हो जाए?
तो वो बोली- नेकी और पूछ-पूछ!

बस फ़िर क्या था मैन एक बार फ़िर उसकी टांगों के बीच कूद गया, और इस बार भी उसे जमकर चोदा, तीसरी चुदाई में वो दो बार झड़ गई।

3-3 मैच खेलने के बाद हमें ज़ोरों की भूख लगने लगी, हमने फोन पे कुछ खाना ओर्डर किया, तब तक चार बज चुके थे, खाना खाकर हमने एक और बार सेक्स किया, फ़िर शाम को हमने साथ में केण्डल लाइट डिनर किया। डिनर कर के हम फ़िर से कमरे में आ ग़ये, उसने मुझे मेरी फ़ीस के पाँच हज़ार रुपये दिये और कहा कि वो मुझे फ़िर काल करेगी।

वो जैसे ही जाने लगी, मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया, वो बोली- अभी भी मन नही भरा?
तो मैंने कहा- मैं आपको एक और बार चोदना चाहता हूँ।
उसने कहा- लेट हो जाएँगे!
मैंने कहा- ज्यादा समय नहीं लगाउंगा!
तो वो मान गई।

हमने फ़ट से एक-दूसरे के कपड़े उतारे और बिस्तर में कूद गये। करीब दस मिनट चोदने के बाद मैंने जल्दी से अपना माल निकाल दिया। फ़िर उसने मुझे एक ज़ोर की स्मूच की और कहा कि उसे बहुत मज़ा आया और वो मेरी रेगुलर सर्विस लेगी। मुझे तो जैसे मन मांगी मुराद मिल गई। चुदाई के साथ कमाई।

तो यह थी मेरी कालबॉय बनने की कहानी।

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