मामा की बेटी की चुदाई

मामा की बेटी की चुदाई

मेरा नाम डी.के है। मैं फिलहाल दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा हूँ। मैं बचपन से खेल कूद में आगे रहता था इसलिए मेरी कद-काठी काफी सुंदर है। मैंने 10वीं क्लास से ब्लू फ़िल्म देखनी शुरू कर दी थी।
बात है जब मैं 12वीं में था, गर्मियों में अवकाश के लिए मैं अपने मामा के घर गया हुआ था। गांव में मैं बोर हो जाता हूँ लेकिन वहाँ मेरे मामा की बेटी रजनी मेरी काफी अच्छी दोस्त है, वो मुझसे एक साल बड़ी है।
रजनी का रंग सांवला था लेकिन उसके बोबे एकदम खरबूजे की तरह फूले हुए थे जो हमेशा शर्ट से बाहर आना चाहते हों और उसकी गांड दो मटकों जैसे लगती थी।
हम दोनों घण्टों बातें करते थे। मैंने कभी उसे गन्दी नजर से नहीं देखा था।

एक शाम वो खाना बना रही थी और हम बातें कर रहे थे, तभी मैंने कोई बात कही वो हंसती हंसती मेरे पास आई और मेरी जांघ पर हाथ रख के हंसने लगी। एक मिनट के लिए मेरे लंड में चिंगारी सी लगी क्योंकि मैंने कभी सेक्स नहीं किया था। हालांकि मुठ मारने की वजह से मेरे लंड की चमड़ी पीछे थी।
मैंने अपने आप को संभाला और सोचा ये भाई बहन सेक्स गलत है, शायद उसने गलती से हाथ रखा होगा।

फिर बाकी दिनों की तरह हम छत पे सोने चले गए। हम अक्सर खूब बातें करते थे रात को उस रात भी में उसके छोटे भाई को चाँद के बारे में कुछ बता रहा था.
एकदम रजनी ने कहा- चलो बातें कल करना, अब सो जाओ.
थोड़ा अजीब लगा फिर मुझे लगा कि वो थक गई होगी।

मैं एक कोने से सोया था, मेरे बगल में छोटा भाई और फिर रजनी।

रात को करीब 2 बजे मुझे गर्मी लगी, देखा रजनी मुझसे चिपक कर सो रही थी और उसका छोटा भाई कोने में था। उसकी गर्म सांसें मेरी गर्दन पे बार-बार लग रही थी। उसकी गर्म सांसों से न जाने अजीब सी बिजली दौड़ने लगी मेरी शरीर में।
मैंने अपनी हवस पे काबू किया और अपने आपको रोका, फिर सोने की कोशिश की।

लेकिन उस दिन रजनी ने शायद सोच रखा था चुदने के लिये, भाई बहन सेक्स के लिए, वो मेरे और करीब आ गई फिर वो हुआ जो मैं कभी न भूलूंगा। हमारे होंठ मिल गए और हम एक दूजे के होंठों का रसपान करने लगे। कभी मेरे होंठ उसके होंठों को चूसते और कभी उसके।

फिर मैं एक पाँव उसके ऊपर रख के उसके ऊपर हो गया और उसके हाथों को अपने हाथों से दबा दिया। करीब 5 मिनट उसके होंठ चूसने क बाद मैं उसकी गर्दन को चूमने लगा और दोस्तों सच बताऊँ… लड़की की गर्दन के जरिये आप उसे चुदने के लिए प्यासी बना सकते हैं। वो आपके लंड के लिए आपका खून भी कर सकती है।

रजनी भी पागल हो गई थी और उसके सांसें बहुत तेज हो गई और मेरे हाथ उसके बड़े बड़े बोबों पे चलने लगे। इतने मुलायम लेकिन इतने बड़े… मैं तो पागल हो गया था। मैं उसके स्तन नोचने लगा.
फिर उसने कहा- डी.के. नीचे चलते हैं वरना छोटा जग जाएगा।

हम नीचे गए और मैंने वहीं उसे दीवार से लगा कर उसके स्तनों को शर्ट के ऊपर से दबाने लगा और वो सिसकारियाँ लेने लग गई। फिर उसने कान में कहा “सिर्फ नोचोगे या चखोगे भी?”
मैंने झट से उसके शर्ट को उतार फेंका, अब उसकी पिंक ब्रा मेरे सामने थी, उसके स्तन उसमें से बाहर झाँक रहे थे जैसे कोई चिड़िया पिंजरे में कैद हो।
मैंने उन्हें आजाद कर दिया। फिर अपने आप मेरे होंठ उसके भूरे निप्पल पे चले गए और मैं उनको चूसने लगा जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूसता है।

दाँए स्तन को मैं चूस रहा था और बायें स्तन को दबा रहा था। मेरी बहन के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी। वो बोलने लगी- हाँ भाई, चूसते रहो बहुत मजा आ रहा है.
और उसने मेरे मुँह को अपने स्तन पे पूरी ताकत से दबा दिया।
मैंने कहा- रजनी बहना, ऐसे बोबे पहले खा छुपा के रखे थे?
उसने कहा- हमेशा से तुम्हारे सामने थे, तुमने ध्यान ही नहीं दिया, कब से इस दिन का इन्तजार था।

मैं उसके स्तनों को कभी मसलता, कभी नोचता, कभी उसके निप्पल को काटता.
फिर वो बोली- कुछ करो भाई, नीचे बहुत अजीब सा लग रहा है.

मैंने उसकी चूत को ऊपर से सहला दिया और उसे वहीं पे लिटा दिया, फिर उसकी सलवार को निकाल दिया। उसकी पैंटी चूत के ऊपर गीली हो चुकी थी। मैंने उस जगह को सूंघा, लंबी सांस ली और एक बड़ा सा चुम्मा ले लिया उस गीली जगह का, उसकी पैंटी को उतार एक तरफ फेंक दिया।

मेरी बहन की चूत पे बाल थोड़े थोड़े थे।
मैंने कहा- बाल कब साफ़ किए थे?
वो बोली- 2 दिन पहले.

अब मैंने अपने होंठों से उसकी चूत के बगल जांघ पे चूमने लगा और उसकी चूत के दाने को मसलने लगा। रजनी की सांसें टूटने लग गई थी और वो कुछ बड़बड़ाने लगी। मैंने ध्यान नहीं दिया।
फिर मैं उसकी चूत के दाने को चूम लिया और वो छटपटा गई। फिर मैं उसकी चूत के दोनों होंठों को अलग करके उसके छेद को चूसने लगा।
रजनी के मुख से बस यही निकल रहा था- आह भाई… चूसते जाओ। आह आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत मजा आ रहा है मेरी जान। उम्म्म हाँ डी.के आह आह्ह्ह.

मैंने कहा- इस चूत को पूरे दिन खा सकता हूं.
वो बोली- तो रुकने को कौन बोल रहा है? आह्ह्ह यस बेबी आह्ह्ह!
मैं कभी चूत के छेद को चूसता कभी उसके दाने को जीभ से मसलता।

करीब 10 मिनट की चुसाई के बाद रजनी बोली- रुको मत भाई, आह्ह्ह कुछ हो रहा है।
मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है और मैंने अपनी बहन की पूरी चूत मुँह में ली और लंबी सांस खींच ली। वो हल्की से चीख़ के साथ मेरे मुख में झड़ गई। उसका पानी नमकीन लेकिन स्वादिष्ट था, मैं अमृत समझ पूरा गटक गया।
वो बोली- भाई, तूने मेरी चूत धन्य कर दी.
मैंने तभी बोला- तू अपने भाई का लंड कर दे?

उसने मेरी चड्डी नीचे कर लंड हाथ में लिया। उसने खाल पीछे की और लंड के टोपे को मुँह में लेकर चूसने लगी, फिर पूरा लंड चूसा।
मैं सातवें आसमान पे था… मैंने उसका मुँह पकड़ कर लंड उसके गले तक उतार दिया। वो पीछे हुई सांस लेने के लिए… फिर मैंने थोड़ा काबू किया।

वो चूसती रही, कभी टट्टों से खेलती कभी लंड से।
करीब 10 मिनट बाद मुझे लगा कि मेरा आने वाला है, मैंने इशारा किया हटने को… लेकिन उसने मेरे लंड के छेद को जीभ से ब्लाक कर दिया.
मेरा वीर्य छुट चुका था, वो मेरी लंड की नसों में भरने लगा। इतना मजा जिंदगी बार बार नहीं देती। मेरी आँखें बंद हो गई थी। उसने जब जीभ हटाई तो उसका मुँह मेरे वीर्य से लबालब भर गया। उसने बगल में थूक दिया।

फिर उसने 5 मिनट और लंड चूसा, इस बार लंड को मुट्ठी में ले कर घुमाती फिर पीछे पीछे जीभ को!
उसकी इस मेहनत से मेरे लंड राज फिर तैयार पत्थर जैसा कठोर!

मैं उसके ऊपर आ गया और चूत पे थूक लगाया और लंड सेट किया चूत पे, पहला धक्का लगाया और लंड फिसल गया। उसने गांड हिला कर लंड को सेट किया और मेरे मजे लेते हुए बोली- क्या हुआ? दम नहीं बचा क्या भाई?

मैंने कमर पीछे की और पूरे दम से धक्का पेला और पच्च आवाज के साथ लंड अंदर और उसके मुँह से आवाज निकलती, उससे पहले मैंने उसके होंठ चूम लिए। वो तड़पने लगी, मुझे धक्का देने लगी, मैं समझ गया अब इसे छोड़ दिया तो भूल जा आगे की चुदाई!

मैंने उससे दबा के रखा 6-7 मिनट, फिर उसके स्तनों को दबाने लगा तो उसके मुख से सिसकारियाँ निकलने लगी। मैं समझ गया कि चुदाई का बुखार अब चढ़ने लगा है। मैंने धक्के लगाने शुरू किये और स्पीड बढ़ानी शुरू की तो रजनी बोलने लगी- हाँ भाई, और तेज चोद, बहुत मजा आ रहा है आअह्ह्ह उम्म्म्म हाँ बेबी… चोद आज अपनी बहन की चूत तबियत से!
कमरे में बस फच्च फच्च की आवाज गूंज रही थी।

“रजनी तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा मैं!”
“चोद न… भाई तेरे लिए तो टाँगें खोली हैं.”
“ले लंड… तुझे आज चलने लायक नहीं छोडूंगा.”

दोस्तो, ये वाक्य चुदाई के वक़्त निकलते है, इनसे जोश बढ़ता है चुदाई के दौरान!

मैंने 10 मिनट धक्के लगाए और पसीने में भीग गया।
फिर मैंने अपनी बहन को घोड़ी बनाया, तब देखा कि मेरे लंड पे खून लगा था। मैंने सोचा जाने दो अब तो दुकान खुल चुकी है।
मैंने उसके बालों को लगाम की तरह पकड़ा, उसकी घोड़ी पे सवार हो गया मैं… मैंने लंड एक धक्के में चूत में उतार दिया.

तभी रजनी बोली- आराम से भाई… अभी तो तेरी बहन की चूत का उद्घाटन हुआ है.
फिर मैंने धक्के लगाने शुरू किए और पट पट की आवाज कानों में आ रही थी.
रजनी बोले जा रही थी- आःह्ह्ह उम्म्म्म चोद दे भैया राजा आह्ह्ह्ह उम्म्म्म… और तेज जान… रुक मत बस चोदे जा!

समय के साथ धक्कों की स्पीड बढ़ती जा रही थी और मैं भी मजे में आँखें बन्द करके अपनी बहन की चूत को चोदे जा रहा था।
करीब 5 मिनट बाद वो बोली- भाई, मैं झड़ने वाली हूँ, रुकना नहीं जान!

मैंने पूरी जान लगा दी.

फिर वो एक लंबी ‘आह्ह्ह’ बोल कर झड़ गई और मेरे लंड पे गरम तरल की बौछार लगी। मेरी बहन की चूत में अलग ही चिकनाहट आ गई थी और मेरा भी वीर्य आने को हुआ तो मैंने लंड बाहर खींच के उसकी गांड पे गिरा दिया।

फिर मैं वहीं लेट गया. कुछ देर बाद हमने सफाई की और हम दोनों भाई बहन ऊपर सोने चले गए।

मैंने उससे पूछा- कब से चुदना चाहती थी मुझसे?
वो बोली- एक बार तुझे नहाते हुए देखा था, तू लंड को बाहर निकल के साफ़ कर रहा था, तबसे आग लगी है चूत में!

हमने बहुत बार चुदाई की. बाद में फिर उसने अपनी पड़ोस में लड़की की चूत भी दिलवाई.

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