मामी की खूबसूरत कुंवारी भतीजी का बुरभेदन

मामी की खूबसूरत कुंवारी भतीजी का बुरभेदन

सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार, मेरा नाम गुरविंदर सिंह है. मैं पंजाब के लुधियाना ज़िले में एक गांव में रहता हूँ. मेरी उम्र 27 साल है. मेरी बॉडी ठीक ठाक ही है. यह मेरी सच्ची कहानी है, जो कुछ दिन पहले ही हुई है. जिसके बारे में मैंने पहले कभी भी सोचा नहीं था.
इस कहानी से पहले मेरी एक कहानी
बिहारी नौकर ने मेरी कुंवारी चूत को चोदा
प्रकाशित हो चुकी है.

मैंने अब तक कभी भी सेक्स नहीं किया था लेकिन हस्तमैथुन जरूर कर लेता था.

तो हुआ यूं कि मेरी मामी की भाभी यानि मामा की सलहज (मामा के साले के पत्नी) की हार्ट अटैक से मौत हो गयी थी, तो मैं उनके मायके गया था. मैंने वहां पर मामी के भाई की लड़की को देखा. वो गजब की खूबसूरत थी, मैं उसे देखता ही रह गया. वैसे मैंने उसको पूरा ध्यान से तो उस दिन देखा था, जब उसका भोग लगाया था.

उस दिन उसने पीले रंग का सूट पहना हुआ था. उसकी उम्र 22 साल की थी. उसका नाम हरजोत कौर था. हरजीत का रंग एकदम दूध सा गोरा था. उसका शरीर पूरा भरा हुआ था. उसके चूचे भी बहुत मोटे थे व गांड भी काफी मोटी थी. मुझे उसको देख कर लगा कि यह शायद खेली खाई लौंडिया रही है.

उसने नर्सिंग की हुई है. उनके परिवार का खेती का काम है और घर गांव के बाहर ही पड़ जाता है. उसका एक भाई जो कि कनाडा रहने लगा है, वो इस शोक की हालत में भारत आया था. वो भी कुछ दिनों वाद वापिस चला गया. घर में उसकी दादी और बाप रह गए.

मेरी उससे फेसबुक पर दोस्ती हो गई थी. वो नजदीक के शहर में कोई कोचिंग ले रही थी, जिस वजह से हम दोनों मिलने लगे थे. क्योंकि उसको इस टाइम में एक साथी की जरूरत थी. मैंने इसका फायदा उठाया. उसका इंटरेस्ट सेक्स में लाने के लिए मैंने उसको एक सेक्स वीडियो दिखाने के बारे में सोचा, लेकिन यह मुझे ठीक नहीं लगा.

ऐसा हुआ कि एक दिन जब वो कोचिंग से बाहर आयी, तो हम कुछ खाने के लिए मैकडोनाल्ड चल पड़े. मैक-डी थोड़ा दूर था, रास्ते में बारिश आ गयी और हरजोत के कपड़े भीग गए.

हम रास्ते में एक कमरे के किनारे पर रुक गए, वहां पर कोई नहीं था. हम दोनों काफी भीग गए थे. मैंने लोअर पहनी हुई थी, जो कि आगे से भीग गयी थी. उसका सूट काफी गीला हो गया था और मुझे उसके बड़े बड़े बूब्स साफ़ दिख रहे थे. उसने अन्दर सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी. बारिश बहुत तेज़ हो गयी थी और बादल भी गरज़ रहे थे.

तभी बिजली की कड़कड़ाती हुई एक तेज आवाज़ आयी और वो डर गयी. तभी मैंने उसे अपनी दोनों बांहों में ले लिया. मैंने उसे पूरे ज़ोर से अपनी बांहों में जकड़ लिया था. इस समय उसके दोनों स्तन मेरी छाती से दब रहे थे. हम दोनों को सेक्स की फीलिंग आनी शुरू हो गयी थी. मेरे लंड ने भी हलचल करनी शुरू कर दी थी, जो हरजोत की बुर को टच कर रहा था.

तभी हम दोनों ने एक दूसरे की आंखों में देखा और किस करना शुरू कर दिया. यह मेरी पहली किस थी, लेकिन मैंने वीडियोज में बहुत बार देखा हुआ था. हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को चूमते चले गए. इसी बीच मैंने उसके दोनों मम्मों को दबाना शुरू कर दिया. क्या मजा आ रहा था, इतना आनन्द था कि मैं शब्दों में तो बता ही नहीं सकता.

फिर मैंने अपना हाथ उसकी गांड पर भी फेरा. उसके बाद उसकी बुर पर भी अपने हाथों से उसको जन्नत का मज़ा दिया. लेकिन हम ज्यादा टाइम यह सब नहीं कर सकते थे क्योंकि जगह इतनी भी ज्यादा सेफ नहीं थी.

फिर भी मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाल कर देखा, तो उसकी चड्डी पूरी गीली और चिपचिपी थी.

मैंने हरजोत को कहा- मुझे तुम्हारी बुर मारनी है.
उसने कहा- जिस दिन घर पर कोई नहीं होगा, उस दिन तुम मेरी ले लेना.
मैंने कहा- इसमें तो पता नहीं कितना टाइम लग जाए और घर पर ये सब करना जरा रिस्की भी है.
वो बोली- तो क्या किया जाए?
मैंने उससे कहा कि नहीं कुछ और सोचते हैं.

उसी दिन रात को मुझे उसका मैसेज आया कि मैं घर जा रही हूँ, कल रात को तुम भी आ जाओ.

उनके घर के कुछ दूरी पर ही खेतों के बीच में एक कमरा बना हुआ था. वहां पर कोई आता जाता नहीं था. कमरा भी ठीक ठाक बना हुआ था. उधर कुछ सामान आदि रखे रहते थे. वो वहां पर कई बार काम से गयी भी थी. उसने मुझसे कहा कि वहां पर एक पलंग भी पड़ा है.

मैंने घर पर एक रात का बहाना बनाया और रात को दस बजे उसके घर के बाहर आ गया. मैं बाइक पर आया था.

तभी वो बाहर आयी. मैंने बाइक बिना स्टार्ट किये कुछ दूर जा के खड़ी कर दी.

रात में खेतों के बीच से वो मुझे कमरे पर ले गयी. दूर दूर तक कुछ नहीं दिख रहा था. उसके घर की भी बैक साइड थी. उस कमरे के सामने हमने लाइट की, तो देखा वहां पर बेड और उसके ऊपर एक पतला सा गद्दा पड़ा था.

हरजोत ने उस दिन गुलाबी रंग की टी शर्ट और लाल रंग की लोअर पहनी हुई थी. मैंने लोअर के साथ टी शर्ट पहनी थी.

हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए. उसने ब्रा नहीं पहनी थी, उसकी पेंटी काले रंग की थी.

पहले हमने एक दूसरे को चूमना चालू कर दिया. फिर मैंने उसको बेड के ऊपर लिटा दिया. मैंने उसके दोनों गालों इतना ज्यादा चूसा कि वो टमाटर से लाल हो गए.

फिर मैंने अपनी जान की गर्दन को किस किया. उसके बाद मैंने उसके एक बूब को चूसना शुरू किया. उसके दूध जैसे चूचे और उनकी गुलाबी निपल्स को मैंने दांतों से चबाया, तो हरजोत ने मादक सिसकारियां लेनी शुरू कर दीं.

मैंने उसके दोनों मम्मों को चूस चूस कर कड़क कर दिया. तभी उसने मेरे लंड को हाथ में ले लिया. मेरा लंड 7.5 इंच का है और मोटा भी खीरे जैसा है. उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसना चालू कर दिया. उसने क्या कमाल से मेरे लंड को चूसा था कि मन मस्त हो गया.

इसके बाद मैंने भी उसकी बुर पर अपने दोनों होंठ टिका कर खूब बुर चुसाई की थी.

इधर मैं आपको एक बात बताना भूल गया कि उसकी बॉडी पूरी साफ़ थी. एक भी बाल नहीं था. शायद उसने अपनी चुदाई की तैयारी कर रखी थी. उसकी बुर को मैंने चूसना शुरू किया, तो हरजोत गनगना उठी. उसके मुँह से सीत्कारों की आवाज़ आ रही थी- आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… श श ऊफ ऊफ और चूसो.. ओह मजा आ रहा है.. आह आह.
उसकी आवाज़ काफी ऊंचे स्वर में निकल रही थी, लेकिन आस पास किसी के होने का कोई डर नहीं था.

तभी उसने पानी छोड़ दिया, जिसका स्वाद बहुत अच्छा था. मैं उसको चूसता गया, वो पानी छोड़ती गयी. अब वो शिथिल हो गई थी. मेरे लगातार बुर चूसने से वो फिर से गर्म हो गई.

कुछ देर बाद उसने कहा- अब रहा नहीं जाता, तुम अन्दर डाल दो.
मैंने उसकी बुर को ध्यान से देखा, तो मेरा अंदाज़ा गलत निकला. वो अभी कुंवारी थी.
तभी मैंने हरजोत से कहा- आज मैं तुमको एक लड़की से औरत बना दूंगा
उसने कहा- अब मुझसे और सब्र नहीं होता, प्लीज अपना लंड मेरी बुर में डाल दो.

मैंने उसको डॉगी स्टाइल में खड़ा करके लंड सैट किया और अपना लंड उसकी बुर पर फिराने लगा. फांक की रगड़ मिलने से लंड और भी अधिक उतावला हो गया था. उधर नवजोत भी गांड हिला कर लंड लेने को मचल रही थी.
मैंने हल्का सा धक्का लगाया, मगर लंड अन्दर नहीं गया, वो फिसल गया. उसे दर्द भी हुआ, मैंने तीन चार बार ऐसा किया, लेकिन बात नहीं बनी.

फिर मैंने सुपारा फांकों में फंसा कर एक ज़ोर से धक्का मारा, तो मेरा थोड़ा सा लंड अन्दर चला गया.
हरजोत के मुँह से चीख निकल गयी- आह … मम्मी मर गई.

तभी मैंने बिना तरस किये, एक और ज़ोर से धक्का दे मारा. इस बार मेरा आधा लंड उसकी बुर के अन्दर चला गया. वो रोने लगी और आगे को हटने लगी. लेकिन मैंने मजबूती से उसकी कमर पकड़ रखी थी. आधे लंड को ही मैंने उसकी बुर में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

कुछ टाइम बाद वो भी लंड का स्वाद लेने लगी. उसकी मस्त आवाज़ आ रही थी आह.. ऊह… आई… शीई…
फिर मैंने स्पीड को तेज़ कर दिया. अब मेरा पूरा लंड उसकी बुर के अन्दर जा रहा था. उसकी बुर पूरी चिपचिपी और गीली हो गई थी. बस चुदाई की मस्त आवाजें आ रही थीं- चप … चप … चप …

तब मैंने उसको नीचे लिटा दिया और उसकी टांगें उठाकर चोदने लगा. मैं चुदाई के साथ कभी उसके होंठों को चूसता कभी उसके गालों को चूमता. फिर लंड धकापेल पेलने के साथ में मैंने उसके दोनों मम्मों को पकड़ा और मसलते हुए चुदाई करने लगा.

वो क्या मजा था मेरी ज़िंदगी का. हम दोनों ही जन्नत का मजा ले रहे थे. तभी वो अकड़ने लगी. चुदाई के साथ यह उसका पहला स्खलन था. उसने झड़ते समय क्या मादक आवाज़ निकाली थी.

मैं अभी नहीं झड़ा था सो एक दो पल रुकने के बाद मैं नीचे लेट गया और उसको अपने लंड के ऊपर सैट कर लिया. उसके होंठों को मैंने लिपलॉक कर के पूरी तेजी से उसकी चुदाई शुरू कर दी. अब तक उसकी बुर काफी खुल चुकी थी.

अभी तक उसकी चुदाई करते हुए मुझे बीस मिनट हो गए थे और अब मैं झड़ने वाला था. मैंने दस लम्बे लम्बे शॉट मार कर उसकी बुर में ही सारा वीर्य डाल दिया.

इसके बाद हम दोनों ने 15 मिनट आराम किया. इस चुदाई ने हम दोनों को इस सुख को फिर से एक बार लेने को तैयार कर दिया था. हम दोनों ने चूमाचाटी शुरू कर दी. कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. उसने मेरे लंड को चूसा और मैंने उसकी बुर को अन्दर तक अपनी जीभ से चूसा. उसकी बुर जो पहले हल्के गुलाबी रंग की थी, अब लाल हो गयी थी. उस पर खून भी लगा हुआ था. मैंने उसकी बुर को फुद्दा बना दिया था. इस बार मैंने उसको पीछे से चोदना शुरू कर दिया.

लंड का मजा मिलते ही वो गर्म होकर बोलने लगी- आह मेरी फुद्दी को फाड़ दो और तेज़ और तेज़ करो … आह आह आई आई शी शी शी.

वो बड़ी कामुक आवाजें निकाल रही थी. मैंने उसको करीब 35 मिनट तक कई आसनों में चोदा. फिर मैंने अपना सारा माल उसके मुँह में डाल दिया. उसके बाद हमने कुछ देर एक दूसरे के साथ लिपट कर आराम किया.

इसके बाद मैंने उसको उसके घर पर छोड़ा. हरजोत को चलने में काफी तकलीफ हो रही थी.

दूसरे दिन मैंने पूछा- किसी को शक तो नहीं हुआ?
उसने कहा- नहीं हुआ.
उसको थोड़ा बुखार और लूज़मोशन भी हो गए थे. उसने दवाई ले ली.

उस दिन के बाद मैंने हरजोत को 8 बार चोदा है. कभी होटल में रूम लेजा कर चोदा तो कभी किसी सुनसान जगह पर क्विक फक किया.

अब उसके चूचे पहले से भी बड़े हो गए हैं और उसकी गांड और भी बाहर को निकल आयी है. उसकी मस्त जवानी को देख कर किसी भी मर्द का लंड खड़ा हो जाएगा.

उम्मीद है आप सब को मेरी यह सच्ची कहानी पसंद आई होगी. मेरी ये सेक्स कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है, इसे बस एक महीना ही हुआ है. सेक्स कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद. मेरी कहानी आपको पसंद आयी या नहीं, मुझे आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा.

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