मेरी बीवी गैर मर्द की बांहों में-1

मेरी बीवी गैर मर्द की बांहों में-1

मित्रो, मेरी पिछली कहानी
बीवी को गैर मर्द से चुदते देखने की ख्वाहिश
आपने पढ़ी, आपको पसंद आई… धन्यवाद.

आज मैं आप लोगों को जो कहानी बताने जा रहा हूँ वो मेरे को एक मेरे चैट फ्रेंड ने लिखने का आग्रह किया है, यह उनकी जिंदगी की ट्रू सेक्स कहानी है.

मेरा नाम राहुल है, मेरी उम्र लगभग 34 साल है, मेरी बीवी का नाम कामिनी है और उसकी उम्र 31 साल की है, उसकी फिगर बहुत ही कामुक है, उसकी फिगर 36 डी 30 और 38 है और वो बहुत सुन्दर महिला है. हमारी शादी को लगभग 6 साल हो चुके हैं और 4 साल की हमारी एक बेटी है. मेरी पत्नी ने बेटी होने के बाद जॉब छोड़ दिया था, पहले वो एक टेलीकॉम कंपनी में ऑफिस रिसेप्शन पर थी.

अभी एक साल पहले वो मुझसे कहने लगी कि वो घर में बोर हो जाती है और वो जॉब ज्वाइन करना चाहती है. बेटी को मेड संभाल लेगी.
पहले मैंने मना किया पर उसका मूड ख़राब रहने लग गया तो मैं मान गया. मैंने उससे पूछा- कहाँ जॉब मिलेगी?
तो उसने बताया कि उसकी पुरानी सहेली एक बिल्डर के यहाँ रेसेप्टनिस्ट है और वो उसकी जॉब बहुत अच्छी सैलरी पर लगवा देगी और 10 से 6 का टाइम रहेगा.
मैं मान गया.

वो जॉब पर जाने लगी और मैं अपने जॉब पर… हमारी शादीशुदा जिन्दगी अच्छी चल रही थी. और जब दोनों कमाने लगे तो हम खूब एन्जॉय करते, डांस बार और पब जाने लगे. वो काफी हॉट कपड़े पहन के जाती और उस जैसी पटाका आइटम को देख मर्द आहें भरा करते. मैं टोकता तो वो बोलती- तुम क्यों जलते हो? अगर मुझको देख कर ये बेचारे खुश हो जाते हैं.
रात को आकर हम खूब जोरदार सेक्स करते.

इसी तरह लगभग 8 महीने बीत गए. अब वो कभी कभी लेट आने लगी. मैं जब टोकता तो बोलती- एम डी सर थे, इसलिये देर हो गई!
शुरू शुरू में मैंने ध्यान नहीं दिया, धीरे धीरे रात को जब मैं सेक्स करने चलता तो वो कहती आज बहुत थक गई हूँ, तुम मेरे पैरों में तेल लगा दो, कल करेंगे!

एक दिन मैं जल्दी आ गया और मेड चली गई थी. हमारी बेटी मेरी बहन के यहाँ थी. मैं अपनी बाइक उठा कर कामिनी के ऑफिस पहुंच गया.
लगभग 6.30 बजे थे, मैंने सोचा बाहर ही इंतजार करता हूँ, आएगी तो सरप्राइज दूंगा.

लगभग 15-२0 मिनट में मैंने देखा कि ज्यादातर सब लोग चले गए हैं पर वो नहीं निकली.
तभी मैंने देखा कि मेरी बीवी बाहर निकली और उसके साथ बहुत अच्छे डील डौल का बंदा भी बाहर आया और तभी एक बड़ी कार आकर रुकी शायद ड्राइवर गाड़ी का ड्राइवर था जो गाड़ी उस बन्दे के लिये लाया था जो कामिनी के साथ निकला था उसने कार का दूर खोला और वो कामिनी से बात करता रह और गाड़ी में बैठ के जाने लगा.

मैंने देखा कि कामिनी भी ऑफिस से निकल गई, उसने मुझे नहीं देखा था.
वो ऑफिस से बाहर निकल कर ऑटो मैं बैठ गई.

मैंने उस ऑटो के पीछे बाइक लगा कर आवाज ही देने वाला था कि मुझको वही बड़ी गाड़ी आगे खड़ी दिख गई, पता नहीं क्या हुआ, मैं भी दो मिनट के लिए रुका.
मैंने देखा कि कामिनी ऑटो से उतर कर उस बड़ी गाड़ी का गेट खोल कर उसमें बैठ गई. मेरा दिमाग घूमने लगा, कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है.
मुझको कुछ गड़बड़ लगा, फिर दिल मानने को तैयार नहीं हुआ, मैं गाड़ी के पीछे पीछे चलने लगा. पर वो गाड़ी मेरे घर की तरफ जब जाने लगी तो मैं जल्दी से शर्ट कट से घर पहुंच गया. मेरे घर पहुँचते ही पांच मिनट बाद कामिनी भी आ गई. मुझे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था कि मैंने बेकार में कामिनी पर शक किया.

एक दो महीने बीत गए, मैंने देखा कि कामिनी मेरे साथ सेक्स में उस गरम जोशी से सेक्स नहीं करती जिस तरह वो पहले किया करती थी. फिर मैंने सोचा कि ऑफिस में थक जाती होगी.
एक दिन मैंने सोचा कि आज पूछ ही लेता हूँ और ऑफिस के लिए निकल गया शाम को, मैं सीधे कामिनी के ऑफिस पहुँचा तो देखा वो ऑफिस से निकल रही है.

मैं चुपचाप उसको देखने लगा. वो ऑफिस से निकल के एक रेस्तरां पर रुक गयी. इतनी देर में वही लम्बी गाड़ी आकर रुकी और मेरी बीवी उसमें बैठ कर निकल गई. मैंने सोचा कि घर ही आएगी मैं घर आ गया.
पर वो घर नहीं पहुंची. वो लगभग नौ बजे रात में घर पहुंची और बोली- आज बहुत देर हो गई… सॉरी राहुल, चलो बाहर ही खाना खा लेते हैं, मैं बहुत थकी हूँ.

हम बाहर खाना खाने चले गए.
मैंने सोचा कि रात में पूछूंगा कि क्या चक्कर है.
हम घर पहुंचे और वो सोने की तैयारी करने लगी.

मैंने पूछा- क्या चक्कर चल रहा है?
वो बोली- कैसा चक्कर?
मैंने कहा- तुम ऑफिस के बाद उस कार में बैठ कर कहाँ गई थी?
वो बोली- ओह्हो… तो मेरी जासूसी हो रही है?
बोली- काम से गई थी!

मैंने कहा- तुम जॉब छोड़ दो!
वो बोली- में जॉब नहीं छोड़ूंगी, तुम मुझसे जल रहे हो कि मैं तुमसे ज्यादा सैलरी कैसे ले रही हूँ. और मुझको तुमसे कोई बात नहीं करनी है!
मुझको कुछ समझ नहीं आ रहा था.

वो खुद ही रात में बोली- वो एम डी सर का बेटा है, उसके साथ जाना पड़ता है क्लाइंट के पास! तुम तो जबरदस्ती शक करते हो!
और मुझको पुचकारने लग गई.
सब नार्मल हो गया.

थोड़े दिन निकल गए, मैं भी इन बातों को भूल गया. एक दिन में जल्दी ऑफिस से कामिनी के ऑफिस पहुंच गया और बाहर वेट करने लगा. तभी वो लम्बी गाड़ी आई और वो उसी हट्टे कट्टे बन्दे के साथ गाड़ी में निकल गई.
मैंने भी अपने बाइक उनके पीछे लगा दी.

वो ऑफिस से २0 किलोमीटर से ज्यादा आ गयी थी और एक मॉल की पार्किंग में जा के खड़ी हो गई. मैं चुपचाप छुप कर देखने लगा.
गाड़ी में से ड्राईवर बाहर आ गया पर वो दोनों नहीं उतरे. मैं गाड़ी के एकदम नजदीक पहुंच गया और गाड़ी के शीशे में देखने की कोशिश करने लगा. मैंने देखा कि कामिनी को उस बन्दे ने चिपका रखा है और वो उसको किस कर रहा है, कामिनी भी उसको किस कर रही है, और दोनों लिपटे हुए थे.

मेरे दिमाग में काम करना बंद कर दिया, मेरी बीवी गैर मर्द की बांहों में थी.
मैं समझ गया था कि बहुत देर हो चुकी है. मैं खड़े होकर उन दोनों को देखने लगा, वो दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए थे, वो कामिनी की चुची सहला रहा था, कामिनी उसको किस कर रही थी, वो दोनों इसी तरह लिपटे चिपटे रहे और करीब 15 मिनट के बाद गाड़ी से उतर कर मॉल में चले गए. मैं थोड़ा दूरी बना कर उनके पीछे चल दिया.

वो दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़े मॉल में घुस गए, पहले वो एक जहाँ औरतों की ब्रा पेंटी और नाइटी की शॉप में घुस गए और उस बंड़े ने शायद शॉप की सेल्स गर्ल से कुछ कहा और वो बहुत सुन्दर ब्रा पेंटी के सेट दिखाने लगी.
और फिर उसने कुछ बेबी डॉल ड्रेस और जी-स्ट्रिंग पेंटी वगैरह दिखाई. उन्होंने वह ढेर सारी शॉपिंग की और उसी बन्दे ने अपना कार्ड निकल कर पेमेंट किया और वो निकल कर शॉपर्स स्टॉप के शोरूम में घुस गए.

मैं भी उससे थोड़ी दूरी पे उनके पीछे था. कामिनी ने जीन्स ली, कुछ टॉप पसंद किए जो कामिनी ने उसको पहन कर दिखाए और फिर उस बन्दे के किये कामिनी ने टीशर्ट और जीन्स वगेरह ली.
फिर वो थोड़ी देर ऐसे ही घूमते रहे और मॉल के बाहर आ गये और गाड़ी की तरफ गए. ड्राइवर कार निकाल लाया था और वो दोनों उसमें बैठ कर बहुत तेजी से निकल गए.
मैं भी जल्दी से निकला और घर पहुंच गया. मुझसे पहले कामिनी घर पहुंच चुकी थी, मुझको देख कर बोली- कहाँ थे?
मैं कुछ नहीं बोला.

वो बोली- खाना आर्डर किया था, आ गया है, खा लो!
मैंने कहा- नहीं खाना!
बोली- क्या हुआ?
मैं कुछ नहीं बोला, चुप चाप कमरे में आ गया.

वो रिक्वेस्ट करती रही- खा लो!
मैंने चुपचाप खाना खाया और बैडरूम में आ गया.

मैं उस पैकेट को देख रहा था जो कामिनी ने शॉपिंग की थी, पर वो नहीं मिला.
वो मुझको देख कर बोली- क्या ढूंढ रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं!
वो बोली- बोलते क्यों नहीं?
मैं फट पड़ा- जो तुम सब कर रही हो न… अच्छा नहीं है!
वो बोली- क्या कर रही हूँ?
मैंने कहा- सब जानता हूँ!
वो बोली- क्या जानते हो?

हमारी बहुत देर तक लड़ाई झगड़ा होता रहा, कुछ दिनों कामिनी टाइम पर घर आने लगी और वो उस गाड़ी में भी नहीं बैठती थी. मैं समझा कि सब नार्मल हो गया है, मैंने भी ज्यादा तूल नहीं दिया.
एक दिन मैं ऑफिस से निकला तो थोड़ी दूर पे रेड लाइट पे एक फॉर्चूनर आकर रुकी और जैसे ही ग्रीन सिगनल हुआ, वो आगे निकल गयी, एक जगह सुनसान जगह पर वो मेरे आगे चलने लगी और एकदम से ब्रेक मार दी. मेरी बाइक उससे टकरा गयी.
उसमें से दो बहुत हट्टे कट्टे लड़के उतरे और गाली देने लगे.
मैंने भी दे दी.

उन्होंने मुझको कालर से पकड़ लिया, एक ने मेरी बाइक वहाँ पोल एक खम्बे के साथ खड़ी करके लॉक कर दी और चाभी अपने पास रख ली और बोला- साले देख के नहीं चलता?
मैंने भी कहा- मेरी चाभी दो!
वो बोला- साले बहुत ज्यादा चर्बी चढ़ गई है?
और उन्होंने मुझको अपनी गाड़ी में खींच के डाल दिया और गाड़ी आगे बढ़ा ली.

मैं डर गया, बोला- जाने दो!
वो मुझको बदमाश टाइप के लग रहे थे, बोले- चुप चाप बैठा रह!

पांच मिनट में एक कोठी में गाड़ी घुस गई और वो मुझको खींच कर उस कोठी में ले गए, वहाँ पूछते ही एक ने मुझको बोला- अब बोल बेटा!
मैंने कहा- मुझ को जाने दो!
वो बोला- अब बेटा, सजा तो मिलेगी!

उनके मुँह से दारू की बदबू आ रही थी, वो बोले- साले चल जल्दी से अपने कपड़े खोल!
मैंने कहा- प्लीज मुझको छोड़ दो!
वो नहीं माने, बोला- जितनी जल्दी बात मानेगा, छोड़ देंगे!
और मज़बूरी में मैंने अपनी पैन्ट शर्ट उतार दी.

वो बोला- जल्दी ये भी उतार!
मैं बोला- प्लीज गलती हो गई, जाने दो!
वो नहीं माने और उसने एक मोटा डंडा उठा लिया, बोला- बताऊँ क्या?

मैंने अपना बनियान और अंडरवियर उतार दिए.
मुझको नंगा देख कर दोनों जोर जोर से हंसने लगे, बोले- बड़ा चिकना है रे तू तो!
पहला वाला दूसरे से बोला- देख, मादरचोद को… इसकी गांड कितनी चिकनी है लौन्डियों की तरह!

मैंने कहा- प्लीज, जाने दीजिये. अब तो आपने जैसे कहा, कर दिया.
बोला- अभी कहाँ किया!
उन दोनों ने अपने कपड़े खोल दिए, बोले- चल भोसड़ी के, चूस हमारे लंड!
मैंने कहा- मैं नहीं चूसूंगा!

वो बोला- साले, तू क्या… तेरे अच्छे अच्छे भी चूसेंगे!
और हाथ में लिए डंडा मेरी गांड में जोर से मारा.
मैं चीखने लगा, बोला- हाय!
वो बोला- और लाल करूँ?

मरता क्या नहीं करता, मुझको उनके लंड चूसने पड़े और दोनों झड़ गए.

लंड चूस कर फिर मैं चुपचाप बैठ गया, मैंने कहा- अब तो छोड़ दो!
बोले- जाने से पहले यह तो देख ले!
और जो सब उन्होंने मुझसे करवाया था, वो उन्होंने वीडियो रिकॉर्ड कर लिए था.

बोले- अब ज्यादा कुछ बोलेगा तो नेट पे डाल देंगे. हम को मालूम है कि तू कहाँ नौकरी करता है.
फिर वो मुझको उसी जगह जहाँ बाइक खड़ी थी, छोड़ कर चले गए.

मैं आया तो कामिनी बोली- आज बड़ी देर हो गई?
मैं कुछ नहीं बोला, सीधे बैडरूम में चला गया.
मेरी बीवी बोली- खाना नहीं खाना?
मैं बोला- नहीं!
मैं ऐसे ही सो गया.

मेरा 4-5 दिन किसी काम में मन नहीं लगता था, न मन लगता था.
इसी बीच कामिनी का बर्थडे था, वो बोली- मैंने अपना बर्थडे सेलिबरेट करना है!
मैंने कहा- जो करना है, करो!

मेरी बीवी ने अपने फ्रेंड्स को बुलाया, मेरी सिस्टर भी आई. साढ़े नौ बजे तक सब चले गए.
मेरी बहन से कामिनी ने कहा- दीदी, आज आप पिंकी को लेती जायेंगी? मुझको ऑफिस जल्दी जाना है.
पिंकी हमारी बेटी का नाम है.
वो बोली- ठीक है!
और अब घर पे हम दोनों रह गए.

मैंने कहा- खाना खा लें?
वो बोली- रजत सर आते होंगे!
मैंने कहा- कौन रजत सर?
मेरी बीवी बोली- अरे, हमारे ऍम डी सर के बेटे!

मैं सुलग गया, मैंने कहा- वो क्या करने आएगा?
मेरी बीवी बोली- तुमको क्यों मिर्चें लग रही हैं?

इतनी देर में हमारी कॉल बेल बजी और रजत घुसा. पूरे कमरे में उसके परफ्यूम की महक भर गई.
कामिनी उस को देख कर इतनी खुश हुई कि बस पूछो मत!
उसने जेब से एक गिफ्ट निकाला और मेरी बीवी कामिनी से बोला- उंगली कहाँ है मैडम आपकी?
और एक रिंग पहना दी.

कामिनी बोली- वाऊ, डायमंड की रिंग!
वो बोला- अरे मैडम, ये डायमंड की रिंग तो आपकी खूबसूरती के आगे कुछ नहीं है.
और मेरी तरफ देख कर बोला- क्यों सही कहा ना?
मैंने कहा- जी!
बोले- अरे मैडम की बर्थडे है, शैम्पेन वगैरा नहीं खोलोगे?
मैंने- नहीं… है नहीं!
वो बोला- मैं लाया हूँ!
और मुझसे बोले- नीचे मेरी कार खड़ी है, ड्राइवर है, उससे ले लीजिए!

मैंने कामिनी की तरफ देखा तो वो बोली- अरे सर कह रहे हैं जाओ ना!
और मैं मजबूरी में कार से बोतल लाने चला गया.

लौटा तो मेरी बीवी उसके एकदम बगल में बैठी थी, मैं जैसे ही आया, उसने मेरे हाथ से बोतल ले ली, बोली- ये लीजिये सर! आ गई.
और उसने बोतल एक झटके से खोली जोर से झाग उठा और उन दोनों ने एक दूसरे के हाथों के अंदर हाथ डाल के पी और उसने कामिनी को मेरे सामने ही किस किया और बोला- हैप्पी बर्थडे मैडम! कैसा लगा गिफ्ट?
मेरी बीवी बोली- बहुत सुन्दर!
और उसने भी विवेक को किस किया, बोली- यू आर सो लविंग सर!
वो बोला- यार नो सर… ओनली विवेक! मैंने तुमसे कितनी बार कहा!

मुझको समझ नहीं आ रहा था, मेरी बीवी गैर मर्द के साथ एन्जॉय कर रही थी और मुझको बहुत गुस्सा आ रहा था, मैं गुस्से से बोला- मैं सोने जा रहा हूँ!
मेरी बीवी बोली- जाओ!
मैं गुस्से से कमरे में आ गया और वो दोनों वहीं रह गए.

थोड़ी देर में कामिनी आई, बोली- ये क्या है?
मैंने कहा- मेरा दिमाग मत ख़राब करो!
मेरी बीवी बोली- जो करना है करो!
और उसने अलमारी से कुछ कपड़े निकले और बाथरूम में चली गई.

मैं लाइट बंद करके लेट गया.

20-25 मिनट बीत गए, कामिनी नहीं आई, मुझको बहुत तेज गुस्सा आ रहा था, मैं बाहर के कमरे में जाने के लिये निकला तो उन दोनों की हंसने की आवाज आ रही थी, मैं चुपचाप देखना चाहता था कि क्या हो रहा है.
मैंने देखा कि दरवाजा उड़का हुआ था. मैंने धीरे से देखा तो देख कर दंग रह गया, कामिनी ने जांघों तक की छोटी बेबी डॉल ड्रेस पहन रखी थी, उसकी गोरी गोरी टांगें नंगी थी और उसकी बैक भी आधी से ज्यादा खुली थी और वो विवेक से चिपक कर बैठी थी.

विवेक ने बोला- तुम्हारा पतिदेव सो गया?
वो बोली- अरे सो गया होगा, तुम क्यों परेशां होते हो!
वो बोला- अरे मैडम, हम क्यों परेशां होंगे!

और उसने कामिनी को अपने बदन से चिपका कर स्मूच करना चालू कर दिया और कामिनी भी उसका साथ दे रही थी, दोनों एक दूसरे में घुसे जा रहे थे, उसने कामिनी के मम्में ऊपर से मसलना चालू कर दिए कामिनी भी उसकी बाहों में मदहोश हो रही थी.

मुझको पता नहीं क्या हो गया, मेरा दिमाग सुन्न हो चुका था, मुझको यकीं नहीं हो रहा था कि मेरी घरेलू बीवी गैर मर्द के साथ मजे ले रही थी. उसने कामिनी को सोफ़े पे लिटा दिया और उसपे लेट कर किस करने लगा.
कामिनी बोली- यार, मूड मत ख़राब करो, वो अंदर है!
विवेक बोला- तो क्या कर लेगा?
कामिनी बोली- ज्यादा हीरो मत बनो?
वो बोला- जानू, आज तो तुम्हारी ले के ही जाऊंगा!
बोली- पागल हो क्या? आज नहीं!

मैं समझ गया कि मेरा शक ठीक था, ये दोनों मजे करते हैं.

कहानी जारी रहेगी.
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