मेरी वासना और बॉस की तड़प

मेरी वासना और बॉस की तड़प




दोस्तो, मेरी पिछली कहानी
भाई की भूख और मेरी चूत की प्यास
में आपने पढ़ा था कैसे मेरा छोटा भाई मेरी चूत मार के अपने घर पर कुछ दिनों के लिये चला गया। और मैं और मेरी चूत फिर से अकेली हो गयी।

मैं दो दिन से ऑफ़िस नहीं जा रही थी तो बॉस का फ़ोन आ गया मेरी तबियत पूछने के लिये।

बॉस- हाय नेहा!
मैं- हेल्लो सर!
बॉस- कैसी तबियत है तुम्हारी अब?
मैं- ठीक है सर। आज कल प्यास थोड़ा ज्यादा ही लग रही है।
बॉस- गला सूख गया होगा।
मैं- हां सर।
बॉस- और तुम्हारा भाई करता है देखभाल?
मैं- हाँ सर करता तो है।
बॉस- हाँ पर जैसी देखभाल मैं करूंगा वैसी वाली तो नहीं करता होगा।

मैंने सोचा अब बॉस को क्या बताना कि मेरा भाई पूरे दिन में कितनी बार देखभाल कर देता है।
मैंने कहा- नहीं सर, आप वाली देखभाल तो कोई नहीं कर सकता।
बॉस- ऑफ़िस में एक दिन के लिये आ जाओ, पूरी प्यास मिटा दूंगा।
मैं- सर चला नहीं जायेगा।
बॉस- तो अपने भाई को बोल दो, कैब से छोड़ कर चला जायेगा।
मैं- सर वो घर गया हुआ है।

बॉस पूरी तरह से खुश होते हुए- क्या? वो घर गया है। इतनी अच्छी खबर अब दे रही हो।
मैं जोर जोर से हंसती हुई- सर मैं तो बस आपके अन्दर की तड़प देख रही थी।
बॉस- मैं आ रहा हूँ, फिर देखना मेरी तड़प।

मैं समझ गयी कि आज मेरी गांड फिर फटने वाली है- सर गले को गीला करना है।
बॉस- क्या पियोगी? लंड का पानी या दारु के साथ पानी?
मैं हंसती हुई- लंड का पानी नहीं पियूंगी।
बॉस- वो तो अपने आप मुँह में चला जायेगा।

मैं- ठीक है सर आप दारु लेकर आईये। मैं बाकी सामान तैयार करती हूँ।
बॉस- अपनी चूत और गांड भी रेडी कर लेना।
मैं- वो तो हमेशा ही रेडी रहती है सर।
फिर बॉस ने फ़ोन रख दिया।

मैंने जल्दी से सारा बिखरा हुआ सामान ठीक किया और बिस्तर को ठीक किया। चादर को बदल दिया क्योंकि उस पर मेरे और अजय के वीर्य लगे हुए थे।
फिर मैंने अपने चूत के बाल साफ किये और नहा कर सिर्फ गाऊन पहन लिया अन्दर से बिल्कुल नंगी थी।

फिर बॉस आ गए. उनके हाथ में दारु की बोतल थी जिसे मैंने ले लिया और टेबल पर रख दी। फिर मैंने बॉस को गले लगाया। उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिये।
बॉस ने मेरे गाऊन के अन्दर हाथ घुसा दिया मेरी गांड को दबा दबा कर मेरे होंठों को चूस लिया और बोले- बहुत प्यासा हूँ जान तेरी चूत खा जाऊंगा आज।
मैं- मेरा पूरा जिस्म प्यासा है सर … नोच लीजिये मुझे आज!

अब बॉस मेरी चुचियों को मसल कर बोले- पहले दारु पिलाओगी या फिर चुची?
मैं- सर ये पूरी रात आपके साथ हैं, जितना मन हो पी लिजियेगा। अभी दारु का थोड़ा नशा तो हो जाये।

फिर बॉस फ्रेश होने के लिये बाथरूम में चले गये और नहाकर एक तौलिया लपेट कर आ गये।
मैं- सर तौलिये को लंड के पानी से गन्दा मत कीजियेगा।

बॉस ने मुझे कस कर अपनी बांहों में ले लिया और बोले- जब तुम यहाँ पर हो तो लंड कहीं और कैसे रगड़ सकता है।
अब मैं और बॉस बैठ कर दारु पीने लगे और सेक्सी सेक्सी बातें करने लगे।

4 पेग पीने के बाद मुझे नशा होने लगा और मैंने म्यूजिक चला दिया।
फिर बॉस ने बोला मुझे डान्स करने को … तो मैं नाचने लगी और बॉस मेरे ऊपर पैसे लुटाने लगे।

फिर बॉस ने तौलिये के ऊपर ही अपने लंड पर 500 का नोट रख दिया जिसे मैंने झुक कर अपने मुँह से उठा लिया और बॉस के खड़े हो चुके लंड को तौलिये के ऊपर से ही चूम लिया।
फिर मैंने गाऊन को अपने कंधे से नीचे गिरा दिया और बॉस को लालच देने लगी।

बॉस ने मेरे हाथों को पकड़ कर अपनी बांहों में ले लिया और पीछे से मेरे कन्धे को चूसने लगे फिर मेरी पीठ चाटने लगे।
अब मैं पीछे मुड़ कर बॉस के होंठों पर होंठ रख कर चूसने लगी।

बॉस ने मेरे गाऊन को खोल कर फेंक दिया और मुझे सोफे पर धकेल दिया।
मैं पूरी नंगी सोफे पर बैठकर अपने चुची दबा रही थी और अपनी चूत फैला कर बॉस को दिखा रही थी। बॉस ने दारु का ग्लास उठा लिया और उसमें अपना लंड डाल दिया और फिर मेरे होंठों पर लगा दिया।

मैं अपनी जीभ निकाल कर बॉस के लंड को चाट कर साफ करने लगी। इस तरह बॉस ने एक ग्लास दारु अपने लंड पर लगा कर मुझसे चटवाया।
अब मैं बॉस का लंड जोर जोर से चूसने लगी।

बॉस ने मुझे रोका और बोले- मुझे सुसु आ रही है।
मैं बहुत नशे में थी इसलिये मैंने कुछ नहीं सुना और बॉस का लंड चूसती रही।

अब बॉस ने मेरे मुँह में मूतना शुरु कर दिया, मैं बॉस का मूत पी रही थी।
पूरा मूत पीने के बाद मैंने लंड को अच्छे से चाट लिया और नंगी ही उठ कर बाथरूम में मुंह धोने चली गयी।

मैं मुँह धोकर आई तो देखा बॉस सोफे पर नंगे बैठे हुए हैं और दारु पी रहे हैं। उनका मोटा लंड बिल्कुल टाईट खड़ा है और उस पर 500 का नोट रखा हुआ है।
बॉस- आ जा मेरे लंड की रानी।
मैं मुस्कुराते हुए बॉस की तरफ आ रही थी और बोल रही थी- सर आज तो चुदायी के पैसे लंड दे रहा है।
बॉस- आज तुझे रंडी की तरह रगड़ने का मन है साली।

मुझे गाली सुनना बहुत अच्छा लगता है चुदवाते हुए। मैं खुश हो गयी और अपनी एक टांग बॉस के कंधे पर रख कर खड़ी हो गयी।
बॉस मेरी चूत के अन्दर जीभ डाल कर चाट रहे थे।

फिर बॉस ने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरी गांड के छेद को चाटना शुरु कर दिया। अब बॉस ने मेरी गांड को 500 के नोट से पौंछ कर मुझे चाटने को दे दिया। जिसे मैंने मुँह में दबा लिया।

और अब बॉस ने मेरी गांड के छेद पर अपना लंड रख दिया।
अब मेरी गांड फटने वाली थी।
मैंने मुड़ कर बॉस की तरफ देखा।

बॉस- फ़ाड़ दूँ गांड रंडी?
मैंने हाँ में सिर हिलाया।
और बॉस का आधा लंड मेरी गांड को चिरता हुआ घुस गया।

मैं- आआअह सर नहीं … फ़ट गयी है मेरी गांड सर … प्लीज निकाल लीजिये।
बॉस- चुप साली राण्ड … मादरचोद तेरी गांड है कि आग का गोला।
मुझे गाली सुन कर थोड़ा अच्छा लगा।

मैं- सर और गाली देकर मारिये मेरी गांड … फ़ाड़ दीजिये सर … आह्ह्ह आहह और जोर से।
बॉस- ले मादरचोद साली राण्ड … भेनचोद कितने लंड लेती है साली … तेरी गांड फाड़ना सबको पसंद होगा मादरचोद।

अब बॉस का लंड मेरी गांड में पूरी रफ्तार से घुस रहा था। मैं बोली- सर मजा आ रहा है … आज मैं 10 लंड घुसवा लूंगी अपनी गांड में। उम्म्ह… अहह… हय… याह… जोर से गांड मार दीजिये … और जोर से आहह आहह।
बॉस- ले साली तेरी गांड फ़ाड़ देंगे आज मादरचोद!

अब बॉस के लंड का लावा मेरी गांड में निकलने वाला था। बॉस ने जोर से मेरी चूचियों को पकड़ लिया और मेरी पीठ पर दांतों से काट कर लंड का पानी मेरी गांड में भर दिया।

मुझे उनके लंड की गर्म गर्म मलाई बहुत अच्छा लग रही थी अपनी गांड में … इसलिये मैं भी अपने चूत का रस सोफे पर टपकाने लगी।
बॉस ने मेरी चूत में उंगली डाल दी और वही उंगली मुझे चाटने को दे दी। मैं अपनी चूत का रस चाट रही थी बॉस का लंड गांड में लेकर।

अब बॉस मुझे वैसे ही उठा कर बाथरूम में ले गये और उनका लंड मेरी गांड में ही घुसा हुआ था।

फिर बॉस ने लंड निकाल कर धो लिया और मुझे झुका कर मेरी गांड पानी गिरा कर साफ कर रहे थे जैसे छोटे बच्चों की पॉटी धोते हैं। फिर मेरी गांड में उंगली डाल कर अपना वीर्य भी साफ कर दिया और नंगे ही जाकर सोफे पर बैठ गये।

मैं भी नंगी ही आकर उनके गोद में बैठ गयी और हम दोनों फिर से दारु पीने लगे और बात करने लगे।

पता चला कि बॉस की बीवी मायके गयी हुई है 2 दिन के लिये … और बॉस अब दो दिन मेरे साथ रहेंगे।
आपको पता है कि मेरे फ्लैट पर मेरा बॉयफ्रेंड भी आता है मुझे चोदने के लिये।

और जब अगली सुबह डोरबेल बजी तो मैंने नंगी ही जाकर दरवाजा खोल दिया.
तो मेरे तो होश उड़ गए।

आगे क्या हुआ ये अगली कहानी में बताऊंगी।
तब तक के लिये नमस्कार.
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