यह तो होना ही था

यह तो होना ही था

मेरी भेजी हुई एक कहानी आपने पढ़ी होगी

आठ साल बाद मिला चाची से

मैंने इस कहानी के कई भागों को भेजा था।

अब मैं हाजिर हूँ अपनी नई कहानी के साथ ! कहानी तो क्या, हकीकत ही है जो पिछले कुछ महीनो में घटी है।

पहले मैं आप को अपने बारे में कुछ शब्दों में बता दूँ : मैं इंदौर में रहता हूँ, एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में इंजिनियर के तौर पर काम करता हूँ। दिखने में बिलकुल सामान्य शरीर, और आकर्षक मुस्कान का स्वामी 27 साल का युवक हूँ। मेरा लण्ड सिर्फ साढ़े पाँच इंच और ढाई इन्च का ही है जो कि भारत में अगर बहुत बड़ा नहीं है तो सामान्य से छोटा भी नहीं है। मैं यह नहीं कहूँगा कि किसी का लण्ड बड़ा नहीं होता लेकिन मुझसे कोई भी महिला या लड़की खुश ना हुई हो मुझे ऐसा याद नहीं इसलिए कभी कोई शिकायत नहीं रही मुझे मेरे आकार से। मेरी पत्नी है और दो साल की बेटी है।

अब मैं कहानी पर आता हूँ !

मेरा ससुराल भी इंदौर में ही है और पिछले कुछ महीनों से जब से मेरी साली ने कॉलेज में प्रवेश लिया है उसका मेरे घर आना ज्यादा ही हो गया है, वो दो तीन दिन के लिए भी रुक जाती है। मैं पहले तो उस पर कभी भी लट्टू नहीं था लेकिन उसके कॉलेज जाने के बाद वो थोड़ा निखर गई थी और इस रुकने से मुझे उसके साथ मस्ती मजाक करने का भी भरपूर मौका मिल जाता था। और बातों ही बातों में मैं उसको बाँहों में भर लेता था, खींच कर अपने पास बैठा लेता था और उसके टॉप के अंदर हाथ भी डाल दिया करता था। इस सब का विरोध न होने से मेरे दिल में उसको भोगने और चोदने की इच्छा अंदर तक आ गई थी और मैं बस मौके की तलाश में था।

एक दिन मेरी पत्नी की तबियत खराब थी और तब मेरी साली मेरे घर आ कर रुकी हुई थी ताकि मेरी पत्नी की मदद हो जाये। उस दिन मेरी साली और मैंने मिल कर खाना बनाया और तीनों ने मिल कर खाना खाया।

उसके बाद मेरी पत्नी बोली- मुझे दवा के कारण नींद आ रही है, मैं बेटी के साथ सोने जा रही हूँ।

तो मेरी साली बोली- मैं तो थोड़ी देर टीवी देखूँगी।

मैं भी यही चाहता था। मैं भी रात में देर तक टीवी देखने का आदि हूँ तो मैं भी हाल में ही पलंग पर लेट कर टीवी देखने लगा (मेरे घर में अभी सोफा नहीं है तो हॉल में एक छोटा पलंग डाला हुआ है )।

थोड़ी देर में साली सास-बहू देख कर बोली- मैं सोने जा रही हूँ !

तो मैंने उसे हाथ पकड़ कर रोक लिया और कहा- मैंने तुम्हारे सास-बहू के सीरियल में तुम्हारा साथ दिया है तुम भी तो मेरा साथ दो ना?

वो बोली- जीजू, आप कहते हो तो मैं जाती ही नहीं हूँ, यही सो जाती हूँ।

उसका इतना कहना था और मैंने उसे अपनी तरफ खींच लिया और पकड़ कर अपने ऊपर ही लिटा लिया और धीरे से उसके गालों को चूम लिया।

इसके कारण वो शरमा गई और हटने की नाकाम कोशिश करने लगी, फिर बोली- “जीजू, आप बड़े शरारती हो गए हो !

मैंने कहा- जैसा भी हूँ, तेरा ही हूँ !

इसके बाद मैंने उसको मेरे बगल मेरी बाहँ को तकिया बना कर लेटा लिया और मैं उसके पेट के ऊपर हाथ रख कर रिमोट से चेनल बदल कर देखने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने रिकॉर्डिंग में से “द ड्रीमर्स” नाम की फिल्म शुरू कर दी। उसे मैंने जहाँ से रिकॉर्ड करना शुरू किया था वहीं पर दो मिनट के बाद उसमें एक बढ़िया सा यौन-दृश्य था। उस दृश्य को देख कर मेरी साली पिंकी सच में पिंक होने लगी। वो शरमा कर बोली- जीजू, ये बंद करो ना !

पर मैंने बंद करने की जगह उसके छोटे छोटे बोबे के चुचूक को कपड़ों के ऊपर से ही चूसना शुरू कर दिया। इस सबका नतीजा यह हुआ कि वो मेरी बाहों में कसमसाने लगी और अपनी उंगलियों से मेरे बाल सहलाने लगी और पलट कर मेरे सामने ही आ गई।

ऊपर मैं उसके चुचूक चूस रहा था, हाथों से उसके बाल और कमर को सहला रहा था और मेरा लण्ड उसकी चूत से टकरा रहा था।

यह सब थोड़ी देर चलता रहा उसके बाद वो बोली- जीजू, मुझसे सहन नहीं हो रहा अब ! कुछ करो ना… मैं पागल हो जाऊंगी नहीं तो !

मैंने कहा- आज तू पागल हो ही जाएगी पिंकी !

मैंने कुछ करा तो भी ! नहीं करा तो भी !

उसके बाद मैंने धीरे से उसके लोअर को उतारा और उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया। इसी बीच मैंने अपना लोअर भी उतार दिया और अब हमारे नीचे के शरीर पर सिर्फ एक एक कपड़ा बचा था। उसके होठों को चूमते हुए ही मैंने उसके नाईट सूट के टॉप के बटन भी खोलना शुरू कर दिया और बस अगले एक मिनट में उसका टॉप भी जमीन पर पड़ा हुआ था।

अब मेरी 18 साल की कमसिन साली मेरे सामने सिर्फ उसकी शमीज और पेंटी में लेटी हुई थी। उस वक्त उसने काली पेंटी और सफ़ेद शमीज पहनी हुई थी और इस हालत में वो गजब की लग रही थी। उसका रंग बहुत गोरा नहीं है पर नैन नक्श बहुत तीखे हैं, शरीर का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं लगता कि ज्यादा हो, सब नपा-तुला और छंटा हुआ !

मैं उसको देखने लगा तो उसने अपने हाथों से शर्म के मारे अपना चेहरा अपने हाथों से छुपा लिया।

मैंने उसके हाथों को अपने हाथों से हटाया और उसके होंठ चूसना शुरू कर दिये।

थोड़ी देर बाद बोली- जीजू, मुझे तो नंगा कर दिया ! आप भी तो अपने कपड़े उतारो !

मैंने कहा- मेरी जान, अभी कहाँ नंगा करा है? नंगा तो अभी करूँगा तुझे ! पर उसके पहले खुद के कपड़े उतार लूं।

यह कहते हुए मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये और उसकी तरफ देखा तो वो मेरे लण्ड को घूर रही थी, वो बोली- जीजू, कितना बड़ा है यह !

मैंने कहा- कुछ नहीं है जानू ! अभी तेरे अंदर जाकर यह बड़ा सा ही मजा देगा !

वो बोली- नहीं जीजू, मैं मर जाऊँगी अगर यह मेरे अंदर गया तो !

मैंने कहा- तेरी दीदी तो आज तक नहीं मरी, तू कैसे मर जायेगी?

इसके बाद मैंने उसके बचे हुए कपड़े भी उतार दिए और उसकी चूत पर आ गया और उसे चूमना और चूसना शुरू कर दिया। उसके झांट के बाल भी बड़े ही रेशमी लग रहे थे बाद में उसने बताया कि उसने कभी बाल साफ़ नहीं करे थे अब तक।

मैंने उसको थोड़ी ही देर चूसा होगा कि वो झड़ गई और उसकी चूत से ढेर सारा क्रीम जैसा रस निकलना शुरू हो गया जो मैं पूरा चाट गया।

पर इस एक बार में ही उसकी हालत खराब हो चुकी थी, वो पूरी तरह से निढाल हो चुकी थी। मैंने उससे पूछा- ठीक तो है ना?

तो बोली- थक गई हूँ जीजू, और कुछ नहीं !

मैं जानता था कि यह तो होना ही था। मैंने उसको अपनी बाँहों में लिया और उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया और उसके मम्मे दबाना शुरू कर दिए।

पाँच मिनट में ही वो वापस जोश में आ चुकी थी और कहने लगी- जीजू, फिर से करो न जैसे अभी करा था !

मैंने कहा- नहीं मेरी जान, अब यह काम तुझे करना है, अब तुझे मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसना है जैसे लॉलीपॉप चूसते हैं ऐसे चूस !

एक़ बार तो वो थोडा झिझकी पर उसके बाद वो सीधे नीचे आ गई और मेरे लण्ड को मुँह में लेकर ऐसे चूसने लगी जैसे सच में कोई लालीपाप चूस रही है।

थोड़ी देर में वो थक के बोली- जीजू, मुँह दुखने लगा है, अब बस करूँ?

मैंने कहा- मुँह को आराम दे दे और अब हाथ से इसको हिलाना शुरू कर दे !

और उसके बाद वो मेरे लण्ड को मेरे सिखाने पर पकड़ कर मुठ मारने लगी।

थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने उससे कहा- अब मुँह मे लेकर चूस और जब तक मैं ना कहूँ रुकना मत। और जो भी आएगा वो सब पी जाना !

उसने मेरे लण्ड को मुँह में लिया और फिर से चूसना शुरू दिया और फिर मैंने उसको 69 की अवस्था में कर लिया ताकि मैं भी उसकी चूत चूस सकूँ।
हम दोनों ही एक दूसरे को चूस चूस कर मजे दे रहे थे कि मेरे लण्ड से पिचकारी पिंकी के मुँह में छूट गई और पिंकी ने भी मेरे कहे अनुसार एक एक बूँद को पी लिया। इसी बीच पिंकी भी पूरी तरह से झर गई और निढाल हो कर एक तरफ गिर गई।

फिर उस रात हम दोनों में कुछ नहीं हुआ लेकिन बाकी जो कुछ भी हुआ है वो बताऊँगा जरूर !

आप को मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी? मुझे बताइएगा !

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