रूम पर लाकर क्लासमेट की चूत की फाड़ी

रूम पर लाकर क्लासमेट की चूत की फाड़ी

मेरा नाम रजत है, मैं नैनीताल से हूँ. मेरी उम्र 25 साल है. मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है. मेरे लंड का साईज साढ़े 6 इंच है. मैं इस समय मेडिकल की पढ़ाई कर रहा हूँ. मैं पिछले कई सालों से अन्तर्वासना पर प्रकाशित कहानियां पढ़ रहा हूँ.. लेकिन मैंने आज तक अपनी कोई कहानी लिखी नहीं थी सो आज सोचा कि अपनी आपबीती कहानी भी लिखूँ. ये मेरा पहला अवसर है और अगर कोई गलती हो तो माफ कर दीजिएगा.

ये कहानी तब की है, जब मैं मेडिकल की कोचिंग कर रहा था. उस समय मेरी उम्र 22 साल थी. मेरी क्लास में सोनिया नाम की लड़की मेरे बगल वाली सीट पर बैठती थी, उसकी उम्र 21 साल की थी. वो बहुत ही सुंदर और मस्त माल थी. पहली नजर में ही किसी को भी आकर्षित कर लेने वाली उसकी मुस्कान देख कर तो मैं पागल ही हो उठता था.. हाय उसके कामुक बदन के उतार चढ़ाव का तो कहना ही क्या था. उसकी हर हरकत पर उसके सुडौल बदन की थिरकन मुझे पागल कर देती थी. मैं कनखियों से उसकी उठती बैठती चुचियों को देखता रहता था.

हम दोनों क्लास में सामान्य बातें करते रहते थे. कभी-कभी क्लास के बाद एक्स्ट्रा समय में भी पढ़ते थे.

एक दिन हमारी बातों ही बातों में शर्त लगी कि कल एक दूसरे से प्रश्न उत्तर करेंगे, बायो में जो ज्यादा सही उत्तर बताएगा, वो जीतेगा और हारने वाले को वही करना पड़ेगा, जो जीतने वाला कहेगा.
उसने तुरंत हां कर दिया, लेकिन मैं तो उसे चोदने के सपने पहले से ही देखता था. अब मैं अपने कमरे में आकर पढ़ने लगा.

तभी थोड़ी देर बाद उसकी कॉल आई. हमारी कुछ देर बात हुई, तो मैंने उससे कहा- पढ़ाई कर लो वर्ना हार जाओगी.
तो वो बोली- अगर हारी तो क्या करवाओगे?
मैंने कहा- करवाऊंगा नहीं.. करूंगा.
तो बोली- क्या?
तो मैंने कहा- वो तो कल ही पता चलेगा.

लेकिन वो जबरदस्ती करने लगी, कहने लगी- अभी बताओ.
तो मैंने धीरे से कह दिया- होंठों पर किस करूंगा.
तो बोली- क्या..!!
मैंने कहा- कुछ नहीं.
तो कहने लगी- मैंने सुन लिया.
मैं बोला- जब सुन लिया तो क्यों पूछ रही हो?
तो बोली- ऐसा वैसा कुछ नहीं होगा.
तो मैंने कहा- लगता है, हारने से डर गई हो?
वो कहने लगी- मैं डरती नहीं हूँ.
मैंने बोला- फिर कल के लिए तैयार रहो.
वो बोली- ठीक है.. यदि तुम हारे तो?
मैंने कहा- जो तुम कहो.

फिर हमने गुड नाईट बोल दिया और मैं पढ़ने लगा.. क्योंकि जीतने पर ही सपने पूरे हो सकते थे.

अगले दिन हम दोनों क्लास में पहुंचे. हमने हाय हैलो किया और क्लास शुरू हो गई. फिर 3-4 क्लास के बाद हमारी छुट्टी हो गई और हम एक्स्ट्रा समय में पढ़ने के लिए दूसरे कमरे में आ गए.

फिर लंच करके हमने एक दूसरे पूछना शुरू किया और आखिर में वो हार गई.

अब मैंने कहा- तैयार हो?
वो बोली- किसलिए?
तो मैंने कहा- अभी बताता हूँ.
जैसे ही मैं उसे किस करने वाला था तो बोली- यहां नहीं यार.. इधर कैमरा लगा है.
तो मैंने कहा- ठीक है चलो मेरे कमरे में चलते हैं.
तो वो आनाकानी करने लगी.
मैंने कहा- ठीक है, तुम आज के बाद मुझसे बात मत करना.
वो हल्की सी हंस कर बोली- नाराज क्यों होते हो यार.. चल तो रही हूँ.

फिर वो मेरे साथ चलने लगी. कोचिंग से मेरा कमरा दस मिनट की दूरी पर है. हम लोग जल्दी ही मेरे कमरे पर पहुंच गए. मैंने अन्दर जाकर उससे बैठने को कहा और हमने पानी पिया.

मैंने उसके सामने बैठते हुए कहा- तैयार हो जाओ.
तो वो बोली- हां तैयार हूँ, बस गाल पर करना.
मैंने कहा- बात तो लिप्स की हुई थी.
तो कहने लगी- ठीक है.. लेकिन जल्दी करना.

फिर मैंने उसको पकड़ा और उसके कान पर किस करने लगा.
वो बोली- अब कान पर क्यों कर रहे हो?
लेकिन मैं उसकी बात को न सुनते हुए उसे लगातार किस करे जा रहा था. उसके गले को भी किस कर रहा था.

वो भी शायद यही चाहती थी इसलिए उसने मुझे नहीं रोका और वो उत्तेजित होती जा रही थी. साथ में वो बड़बड़ा भी रही थी.

अब मैं अपने एक हाथ को उसके मम्मों पर धीरे-धीरे ला रहा था और पॉइंट पर लाते ही मैं उसके मम्मों को दबाने लगा. उसने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया और वो ‘आहह आहह.. शिहह…’ की आवाज निकालने लगी. वो धीरे-धीरे मुझे ‘साला कमीना धोखेबाज..’ बोल रही थी. मैंने उसकी एक न सुनी और उसके होंठों को किस करता रहा.. साथ ही उसके मम्मों को भी दबाए जा रहा था.

वो तो बस ‘याहहह यहह.. ओहहहह..’ की मादक आवाजें निकाले जा रही थी.

अब मेरा हाथ उसकी चूत की तरफ बढ़ रहा था. मैंने उसकी जीन्स के अन्दर ही उसकी चूत को छू लिया, जैसे ही मैंने चुत को छुआ, वो चहक उठी.

शायद आज वो मूड में थी. मैं उसकी जीन्स को निकालने लगा और वो मेरा साथ देने लगी. मैंने जल्दी ही उसकी टी-शर्ट भी निकाल दी. अब वो मेरे सामने ब्रा और पेन्टी में थी. हाय इस वक्त क्या माल लग रही थी, मन तो कर रहा था कि साली को कच्चा ही खा जाऊं.

अब मैं उसको अपनी गोद में उठाकर बेड पर ले गया. वो टांगें फैला कर चित लेट गई, तो मैं उस पर टूट पड़ा.
वो बोली- आराम से करो न.. मैं कहीं नहीं भाग रही हूँ.

बस मैं समझ गया कि आज तो इसकी चुत की खुजली मेरे लंड के लिए ही जागी हुई है. अब मैं उसकी चूत को सहला रहा था, उसके होंठों से किस करते हुए नीचे की तरफ आता जा रहा था. उधर ऊपर उसके चूचे को चूम और चूस रहा था. वो भी बहुत गरम हो गई थी, उसकी चूत पानी छोड़ने लगी थी.

मैं आगे बढ़ने लगा और उसके पेट को चूम रहा था, तो वो इतनी सेक्सी आवाज निकाल रही थी कि बस मजा ही मजा का माहौल बन गया था. अब मैं उसकी चूत पर आ गया था और मेरा मन चुत को चाटने का था. जैसे ही मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर लाकर रखा, वो तो पागल हो गई और उसने अपनी चुत खोल दी. मैं अपनी जुबान से उसकी गीली चूत को चाटने लगा.

वो चुत चटवाते हुए अपना हाथ मेरे सर पर सहला रही थी.. और आवाज निकाल रही थी- ओहह.. जान फक मी..
अब मैंने भी अपने भी कपड़े निकाल दिए और उसके सामने अपने मोटे लंड को हिलाया तो वो मेरे लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी.
मैंने देर न करते हुए लंड को उसके मुँह में दे दिया.

उसने थोड़ी देर मेरे लंड को चूसा और बोली- प्लीज अब डाल भी दो.
मैंने उसकी टांग थोड़ा ऊपर उठाकर अपने कंधे पर ली और लंड को उसकी चूत की फांकों पर रगड़ने लगा. फिर वो खुद इतनी अधिक चुदासी हो चुकी थी कि अपनी गांड को उठाते हुए मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में घुसवाने की कोशिश करने लगी. इधर मुझसे भी सहन नहीं हो रहा था. जैसे ही मैंने लंड को पकड़ कर उसकी चूत में सैट किया और धक्का दिया.. तो लंड फिसल गया.

मैं समझ गया कि इसका पहली बार है, इसलिए चुत कम खुली है. मैंने फिर से लंड को चुत पर सैट करके धीरे-धीरे धक्का दिया, तो इस बार सुपारा फांकों में फंस गया.
मैंने उसकी आँखों में देखा और लंड को पेल दिया. मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया.

अब वो चिल्लाने लगी, रोने लगी और मुझसे लंड को बाहर निकालने को कहने लगी. मैं उसके लिप्स पर किस करने लगा. उसकी चूत से खून निकल रहा था.

कुछ देर बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ तो उसने अपनी गांड हिलाई. मैंने फिर से धक्का लगा दिया और इस बार पूरा लंड उसकी चूत में समा गया.

वो दर्द से तड़प उठी, वो रो रही थी.. लेकिन मैं धीरे-धीरे धक्के लगाए जा रहा था.

फिर उसे भी मजा आने लगा और कहने लगी- अब ठीक है.. जरा जोर से धक्के लगाओ.
अब मैं मस्ती से तेज तेज धक्के लगा रहा था, वो भी मेरा साथ दे रही थी.

चुदाई के साथ वो कामुक आवाजें भी निकाल रही थी- याहहह.. ओहह.. रजत फक मी…
वो तरह तरह की मादक आवाजों से महाल को और गरमा रही थी.

फिर उसने अपना पानी छोड़ दिया, लेकिन मैं तो उसे चोदने में लगा रहा. क्या बताऊं दोस्तो.. इतना मजा आ रहा था कि बस उसे चोदता ही रहूं.

कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था और दस पंद्रह धक्के लगाने के बाद मैं लंड निकाल कर उसकी चूत के ऊपर झड़ गया. मैं उसके ऊपर ही लेट गया और मैं उसे किस करता रहा.

फिर वो कहने लगी- रजत, सच में सेक्स करने में बहुत मजा आया.
मैंने कहा- हां डार्लिंग, अभी तो शुरू ही हुआ है.. आगे देखो होता है क्या.

थोड़ी देर के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. इस बार मैंने उसको झुकाकर कुतिया बना कर चोदा. उसकी चूत सूज चुकी थी. उससे चला भी नहीं जा रहा था.

उसको मैंने पेन किलर दवा खिलाई. बाद में हमने जूस पिया. फिर मैं उसे उसके हॉस्टल छोड़ने गया. अब वो मुझे बेहद पसन्द करने लगी थी. इसके बाद तो मैंने उसकी चुत की कई तरह से चटनी बनाई और उसको भी मेरे लंड से चुदने में बहुत मजा आता था. हफ्ते में हम दोनों दो से तीन बार तो चुदाई का मजा ले ही लेते थे.

तो दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची कहानी जो मेरी लाइफ की सच्चाई है.
लेखक की इमेल आईडी नहीं दी जा रही है.

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