वाइफ़ स्वैपिंग की चाहत में दो दीवाने- 2

वाइफ़ स्वैपिंग की चाहत में दो दीवाने- 2

हैलो दोस्तो, मेरी लिखी कहानी ‘वाइफ़ स्वैपिंग की चाहत में दो दीवाने‘ पढ़ कर मुझे बहुत से लोगों के ई मेल्स आए और सब ऐसा ही कोई क्लब जॉइन करना चाहते हैं, मगर सब के सब अपनी प्राइवेसी को लेकर चिंतित थे।
मज़ा तो सब लेना चाहते हैं, मगर कोई भी ये नहीं चाहता के उसके बारे में किसी को पता चले कि वो ऐसे ही किसी क्लब का सदस्य है।

तो ऐसे में ही मुझे दिल्ली से एक ई मेल आई मिस्टर राज की। वो एक ऐसे ही वाइफ़ स्वेपर्स क्लब के मेम्बर हैं और क्लब मेम्बर्स अपनी पूरी गोपनीयता से एंजॉय कर सकें इसके लिए वो एक फ्लैट का पक्का इंतजाम कर रहे हैं, जहाँ पे क्लब के सभी सदस्य मिल बैठ कर एक दूसरे से बातचीत कर सकें, एक दूसरे को जान सकें, और उसके बाद खुल कर एंजॉय कर सकें।

तो मैंने मिस्टर राज से ही पूछा ‘ये क्लब क्या है, कैसा है, वो इस इस क्लब के मेम्बर कैसे बनें?’
तो जो उन्होंने बताया आपको बता रहा हूँ।
अगर आप की कहानी भी ऐसी ही है, तो आप ज़रूर मिस्टर राज से सम्पर्क करिए।

दोस्तो, मेरा नाम राज है, मैं दिल्ली में रहता हूँ, मेरा अपना बिज़नेस है, घर परिवार सब बढ़िया चल रहा है।
मगर कभी कभी दिल में ख्याल आता कि लाइफ में कुछ मज़ा नहीं, वही सुबह से शाम तक काम… हफ्ते में एक दो बार बीवी से सेक्स! साला लाइफ में कुछ भी अडवेंचर नहीं।

तभी एक दिन मैंने इंटरनेट पर एक वाइफ़ स्वेपर क्लब के बारे में पढ़ा। पहले तो थोड़ा अजीब सा लगा मगर फिर यह भी सोचा कि यार जब ज़िंदगी में और कुछ नहीं तो यह क्यों न कर के देखा जाए।

पहले मैंने उस क्लब के एक मेम्बर से ई मेल करके सारी जानकारी ली। उसके बाद एक दिन जब बीवी भी मस्ती के मूड में थी, तो मैंने उसके सामने यह प्रोपोज़ल रखी।
‘क्या, आप चाहते हैं कि मैं किसी और मर्द के साथ करूँ और आप मेरे सामने ही किसी और औरत के साथ सेक्स करें?’ इतना बड़ा मुँह
खोल कर उसने पूछा।

मैंने कहा- देखो यार, अपनी लाइफ में कुछ भी मज़ेदार नहीं है, अगर हम दोनों किसी और से सेक्स करते हैं तो इसमें बुरा क्या है, पहली बात हम एक दूसरे से छुप कर कोई गलत काम नहीं कर रहे हैं, जो भी करेंगे एक दूसरे के सामने करेंगे और अगर मैं मज़ा करूंगा तो तुम्हें भी तो हक़ है कि तुम भी अपनी ज़िंदगी में मज़े लूटो।
‘कल को धोखा तो नहीं दोगे, कोई ताना या जलील तो नहीं करोगे?’ पत्नी ने पूछा।
‘बिल्कुल नहीं मेरी जान, बस इस काम को सिर्फ मज़े के लिए करना, दिल से मत लगाना!’ मैंने मन ही मन खुश होते हुये कहा।

‘ठीक है, आप जो भी कहेंगे, वो सब कर सकती हूँ मैं, पर सिर्फ आपके लिए!’ पत्नी बोली और किचन में चली गई।
थोड़ी देर बाद किचन से वापिस आई तो मैंने उसे इंटरनेट पे कुछ वीडियोज़ दिखाई जिसमें ऐसे ही पत्नियों की अदला बदली करके सब सेक्स एंजॉय कर रहे थे।

वीडियो देख कर बीवी बोली- अगर ऐसे ही करना है तो मेरी एक छोटी सी शर्त है कि जिस भी जोड़े से आप बात करें, वो मुझे भी पसंद आना चाहिए, अगर वो कपल भी हमें अच्छा लगा तो हम करेंगे।
मतलब बीवी मान गई थी।

मैंने अपने दोस्त से बात करी और क्लब में सेक्स के लिए अपनी पत्नी की सहमति बता कर हमें भी क्लब के मेम्बर बनाने के लिए कहा।
दोस्त ने मुझे क्लब के सारे नियम समझाये और जो क्लब की मैम्बरशिप फीस थी वो भी मैंने भर दी।
महीने में दो बार क्लब की मीटिंग होती थी।

मीटिंग से 4-5 पहले मैंने और मेरी पत्नी दोनों मेरे उस दोस्त के घर गए, वहाँ पर उसकी बीवी भी थी, हम चारों ने चाय पीते हुये इस बारे में सारी बातें खुल कर डिस्कस की।
मुझे तो खैर पता ही था, बस मेरी पत्नी को इन बातों के बारे में बताना था और उसको तन मन से इस कार्य को करने के लिए तैयार करना था।

उनसे मिलने के बाद पत्नी ने भी खुल कर अपनी इच्छा जता दी के वो ऐसा क्लब जॉइन करने के लिए तैयार है।

15 तारीख, शनिवार रात को 7 बजे हम दोनों मियां बीवी तैयार हो कर अपनी पहली वाइफ़ स्वेपेर्स क्लब की मीटिंग अटेण्ड करने पहुँचे।
यह पार्टी किसी मेम्बर के घर पर थी, जहाँ पे सब इकट्ठे होने शुरू हो हुये।

खाने पीने का बढ़िया इंतजाम था, कोल्ड ड्रिंक्स, जूस, वाइन, बीयर, व्हिस्की, वेज, नोनवेज हर चीज़ का इंतजाम था।
जब सब मेम्बर्स आ गए, कुल 15 जोड़े, सब आपस में बैठ कर बातें कर रहे थे, हम दोनों नए थे सो सिर्फ अपने दोस्त के साथ बैठे ही बातें कर रहे थे।

थोड़ी देर बाद क्लब के प्रधान साहब बोले- भाई दोस्तो, आज हमारे बीच दो नए मेहमान आए हैं, मिस्टर एंड मिसेज़ राज गर्ग। आप दोनों यहाँ मेरे पास आएंगे प्लीज़!

हम दोनों उठ कर प्रधान साहब के पास जा कर खड़े हो गए, सब ने तालियाँ बजा कर हमारा स्वागत किया।
उसके बाद प्रधान साहब ने भी पहले हम दोनों को क्लब की कार्य प्रणाली और अन्य बातों से अवगत करवाया, फिर बोले- आज क्योंकि आपका पहला दिन तो आपका सब से परिचय करवाते हैं।

मुझे लगा शायद सब के नाम वगैरह बताएँगे।
मगर यह तो कोई खेल था। शुरुआत मेरी पत्नी से हुई, सबसे पहले प्रधान साहब ने कहा- देखो, क्योंकि मैं इस क्लब का प्रधान हूँ सब से पहले मैं आपको अपना परिचय देना चाहूँगा, इस क्लब में हम जिस मक़सद से आयें हैं, उसी तरह का परिचय भी होता है, आप मैडम मेरी पेंट की ज़िप खोलिए।

मेरी पत्नी ने बड़ी हैरानी से पहले उसे फिर मुझे देखा, मैं उसे इशारा किया।
मेरी बीवी ने आगे बढ़ कर प्रधान साहब की पेंट की ज़िप खोली!
‘अब अपना हाथ अंदर डालिए और उसे पकड़िए!’
मेरी पत्नी ने अपने हाथ प्रधान साहब की पेंट में डाला और उनका लंड पकड़ा- ऐसे नहीं, चड्डी में भी हाथ डालो, फिर पकड़ो!

मेरी पत्नी ने वैसे ही किया तो प्रधान साहब बोले- जी यह है मेरा परिचय!
सब के सब हंस पड़े।
‘तो चलिये अब अगर आप मेरा परिचय छोड़ दे तो मैं भी आपका परिचय ले लूँ!’

मेरी पत्नी ने प्रधानसाहब की पेंट से हाथ बाहर निकाल तो प्रधानसाहब मेरी पत्नी के ठीक पीछे आ कर खड़े हो गए, और उन्होंने पहले मेरी पत्नी का दुपट्टा उतारा और फिर अपना एक हाथ ऊपर गले से उसकी कमीज़ के अंदर डाल कर उसके दोनों बूब्स को दबा कर सहला कर देखा और दूसरे हाथ से सलवार के ऊपर से उसकी चूत को सहलाया।

‘लो जी अपना तो परिचय हो गया, अब बाकी के सारे मेम्बर्स भी मैडम से परिचय कर लें।’
कह कर प्रधान साहब साइड में हो गए। उसके बाद सभी मर्दों बारी बारी आ कर मेरी पत्नी के बूब्स दबाये उसकी चूत सहलाई और उस से अपने अपने लंड पकड़वाये।

जब मर्दों का हो गया तो अब औरतों की बारी थी।
एक महिला उठ कर आई और मेरे सामने खड़ी हो गई।
मैं चुप चाप खड़ा रहा।
‘क्यों आपको परिचय नहीं करना क्या?’ उसने पूछा।
‘जी करना है!’ मैंने कहा।
‘तो बी ए मैन, पकड़ो मुझे!’ उसने कहा तो सब हंस पड़े पर उस औरत ने ही खुद मेरी पेंट की ज़िप खोली और अंदर हाथ डाल कर, मेरे लंड को पकड़ कर सहलाया।
‘आपका परिचय बहुत अच्छा है!’ कह कर वो मेरी तरफ देखने लगी।

मैंने अपने हाथ बढ़ा कर उसके दोनों बूब्स पकड़े।
‘ऐसे नहीं यार अंदर हाथ डाल कर पकड़ो’ उसने कहा।
ब्लाउज़ में हाथ डाल कर उसके स्तन दबा कर देखा और साड़ी के ऊपर से उसकी चूत को भी छू कर देखा।
‘अगर तुम चाहो तो अंदर हाथ डाल कर भी छू सकते हो!’ वो बोली।

और उसके बाद एक एक करके क्लब की सभी औरतों ने मेरी पेंट में हाथ डाल कर मेरे लंड को सहलाया।
अब इतनी तरह तरह की औरतें आ आ कर मेरे लंड को सहला रही थी और मैं उनके बूब्स, चूत और गांड को सहला सहला कर मेरा लंड तो पत्थर की तरह सख्त हो गया।

जब सब से परिचय हो गया तो सब के सब हाल में चले गए। वहाँ पे फर्श पे ही बहुत सारे गद्दे लगे थे। बिना किसी शर्म के सब ने अपने अपने कपड़े उतार दिये।
अब सब नंगे हो गए तो मैंने और मेरी पत्नी ने अपने सब कपड़े उतार कर हम भी नंगे हो गए।
अब बारी थी अपना अपना पार्टनर चुनने की… तो पहल लेडीज को दी गई।
हर औरत अपने अपने पार्टनर को चुन रही थी, मेरी पत्नी ने भी एक मर्द को चुन लिया।

जिस औरत ने मुझे चुना था, वो मुझे लेकर बिल्कुल बीच में लेट गई और मुझे अपने ऊपर लेटा लिया। बिल्कुल हमारी बगल में ही मेरी पत्नी और उसका पार्टनर लेटा हुआ था।
आस पास आ कर बाकी क्लब मेम्बर्स भी लेट गए।

उसके बाद धीरे धीरे सबने अपने अपने पार्टनर के साथ चूमा चाटी और बाकी की क्रियाएँ शुरू कर दी।
मैंने देखा मेरी पत्नी का पार्टनर उसकी चूत चाट रहा था और वो पड़ी तड़प रही थी।
मेरी पार्टनर मेरा लंड चूस रही थी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैंने और मेरी पत्नी दोनों ने एक दूसरे की आँखों में देखा, मैंने पूछा- कैसा लग रहा है?
वो बोली- बहुत मज़ा आ रहा है।
उसके बाद हम दोनों अपने अपने पार्टनर के साथ बिज़ी हो गए। मगर बीच बीच में एक दूसरे को देखते रहे। दोनों अपना अपना मज़ा ले रहे थे।

बहुत मज़ेदार सेक्स दृश्य थे। बेशक सब कोंडोम पहन के कर रहे थे, जो ज़्यादा आपस में घुले मिले थे, वो तो किसी की ग्रुप की तरह थे, एक ही औरत को 3-4 मर्द लगे थे या एक ही मर्द को दो औरतें चिपकी थी।

तभी साइड से एक और मर्द आया और उसने मेरी पत्नी से पूछा- अगर आप को कोई ऐतराज न हो तो क्या मैं भी आपके खूबसूरत बदन के साथ थोड़ा खेल सकता हूँ?
अब इतने लोगों के बीच नंगी पड़ी और किसी गैर मर्द से चुदवा रही क्या बुरा मानेगी। उसने हाँ कर दी तो उस आदमी ने मेरी बीवी के दोनों बूब्स दबा कर देखे, चूस कर देखे, और उसको अपना लंड चूसने को दिया।

मैं देख रहा था के मेरी बीवी बड़े प्यार से उसका लंड चूस रही थी और एक मर्द उसकी चूत में चोद रहा था।
करीब एक घंटे तक ऐसे ही सेक्स की महफिल जमी रही, फिर धीरे धीरे करके जो जो स्खलित होता गया वो साइड में बैठ कर बाकी लोगो को एंजॉय करते हुये देखता रहा।

मुझे लगा के अब पार्टी खत्म मगर उसके बाद तो डिनर था।
सबने नंगे ही डिनर किया, सब एक दूसरे से बातें कर रहे थे।
अब तो हम भी बहुतों से घुल मिल गए थे, मैं कहीं… बीवी कहीं…
मैंने देखा वो मुझसे थोड़ी दूरी पर 4-5 मर्दों के बीच बिल्कुल नंगी खड़ी खाना खा रही थी और हंस हंस कर बातें कर रही थी।

मैं वहीं जा पहुंचा।
एक साहब बोले- अरे भाई साहब, आपकी बीवी बहुत शानदार है, इनसे मिल के (मतलब सेक्स करके) मुझे बहुत अच्छा लगा।
मैंने देखा किसी को किसी से कोई शर्म नहीं थी, सब एक दूसरे को नंगे देख देख कर खुश हो रहे थे।

खाना खाने के बाद सब के सब वापिस उन गद्दों पे आ बैठे, कोई गीत सुनाने लगा, किसी ने चुटकुला, वेज नॉन वेज पूरे जोक्स चले। जोक्स के बाद हल्के फुल्के मज़ाक, छेड़खानी।
उसके बाद मर्दों को मौका मिला अपनी पसंद की पार्टनर से सेक्स करने के।
मैंने भी एक पार्टनर चुनी और मेरी पत्नी को भी किसी ने पार्टनर चुना।

उसके बाद एक और दौर चला, सेक्स ही सेक्स, जिस तरफ देखो सेक्स। कोई चूत चाट रहा था, कोई लंड चूस रही थी, कोई बूब्स दबा रहा था कोई चूस रहा था, बहुत सी औरतें तड़प रही थी, सिसकारियाँ भर रही थी।
30 जन एक दम नंगे, हर तरफ चुदाई।

एक साहब तो एक मैडम की गाँड भी मार रहे थे। मतलब यह कि सेक्स से सिर्फ तन की ही नहीं, आँखों की भूख, मन की प्यास सब शांत हो गए।
इसके बाद का प्रोग्राम ओप्शनल था, जिसे जाना हो जाए, रहना हो और सेक्स करना हो रुक जाए और करे।
हम मगर वापिस आ गए।

घर आ कर जब बीवी बाथरूम में कपड़े बदल रही थी तो मैंने उसको पीछे से बाहों में भर लिया।
‘अरे…’ वो खूब चहक कर बोली।
मैंने पूछा- सच बताओ, कैसा लगा, मज़ा आया?
वो बोली- जैसा मैंने सोचा था, उस से कहीं ज़्यादा मज़ा आया, आज मैं बहुत खुश हूँ, इस बात से नहीं की किसी और मर्द से मैंने सेक्स किया, मगर इस सारे काम में जो एंजॉयमेंट थी न, वैसी पहले कभी नहीं हुई।

मैंने उसको चूम लिया और बेडरूम में चला आया।
थोड़ी बाद वो भी आ गई और हम दोनों जफ़्फ़ी डाल कर सो गए।
अगर आप भी इस तरह का मज़ा लेना चाहते हैं तो [email protected] पे ई मेल भेजिये और दिल्ली में ही वाइफ़ स्वेपेर्स क्लब के मज़े लीजिये।

दिल्ली से बाहर वाले भी जॉइन कर सकते हैं। सिर्फ मियां बीवी ही आवेदन करें, ग्रुप में एंट्री सिर्फ कपल के आधार पे हैं, बाकी कोई भी कांटैक्ट करने या बेमतलब मेल्स भेजने का कष्ट न करे।
[email protected]

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