सास के साथ मौसेरी साली की चुत चुदाई

सास के साथ मौसेरी साली की चुत चुदाई

दोस्तो, जैसा कि आपने मेरी पहली कहानी गलती बीवी की सज़ा सास को में पढ़ा कि किस तरह मैंने अपनी सास की चुदाई की..
इसके बाद जब भी मैं ससुराल जाता.. अपनी सास की चुदाई ज़रूर करता।

इस बार मेरे ससुराल में शादी थी और मुझे जाना था। मैंने मन तो बना ही लिया था कि सास की जम के चुदाई करनी है.. पर एक बात यह भी थी कि शादी के मेहमानों की बीच ये सब कैसे हो पाएगा।
खैर.. सब कुछ छोड़ कर मैं ससुराल के लिए निकल गया।

जब ससुराल पहुँचा तो वहाँ पर मेरी बीवी की मौसी की लड़की विनीता पहले से ही मौजूद थी। वो थी तो नकचढ़ी.. पर दिखने की बहुत सुंदर.. एकदम मस्त फिगर.. चुस्त ब्रा में 34 इंच के कसे हुए बोबे… उसे देखते ही लंड एकदम कड़क हो जाता था।

हम सब बैठकर बात करने लगे.. पर मैं तो रात का इंतजार कर रहा था कि कब रात हो और कब मैं अपनी सास तो चोदूँ।

रात हुई और हम सब सोने की तैयारी करने लगे, मौका पकड़ मैंने अपनी सास को इशारा कर दिया।

जब सब लोग सो गए.. तो मेरी सास बाथरूम में जाने लगी। मैं समझ गया कि चुदाई का वक्त हो गया और मैं भी बाथरूम में चला गया।
देखा तो सासू माँ तैयार थी.. बस फिर क्या था.. बिना देर करे मैंने अपना 8 इंच का लंड पेल दिया सास की चूत में.. और चुदाई करके अपने कमरे में जाकर सो गया।

सुबह जब उठा तो सब उठ चुके थे और अपने अपने काम में लगे हुए थे।
मैंने देखा कि सासू माँ कुछ परेशान लग रही हैं, मौका देखकर मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो बोलीं- विनीता ने रात को हम दोनों को बाथरूम में देख लिया था।

मैं तो बुरी तरह घबरा गया, मैंने सोचा कि अब तो गए काम से.. सबको पता चल जाएगा और हंगामा मच जाएगा।
मैंने सासू माँ को बोला- उसको मनाओ और चुप रहने का बोलो।
वो बोली- मैं कोशिश करती हूँ।

थोड़ी देर बाद मेरे ससुर जी कालोनी में किसी से मिलने के लिए चले गए और मेरी बीवी अपनी किसी सहेली से मिलने का बोलकर चली गई।
मेरी सास ने मुझसे कहा- विनीता नहीं मान रही है.. और सबको बताने की धमकी दे रही है।
मैंने अपनी सास को बोला- उसे समझाओ और बताओ कि यह सब हो क्यों रहा है।
‘कोशिश करती हूँ…’ बोलकर मेरी सास विनीता से बात करने चली गई।

इधर मेरी हालत और खराब होने लगी.. मैं सोचने लगा कि अगर विनीता नहीं मानी.. तो क्या होगा।
थोड़ी देर बाद सास बोली- विनीता को कुछ बात करनी है।
तो मैंने कहा- ठीक है।

विनीता ने मुझसे और मेरी सास से बोला- अब दो ही रास्ते हैं या तो मैं सबको बता दूँ कि क्या चल रहा है.. और.. दूसरा..
मैंने पूछा- दूसरा?
वो थोड़ा सोच कर बोली- मुझे भी इसमें शामिल कर लो।

यह सुनकर मैं और मेरी सास दोनों चौंक गए। हम दोनों ने मिलकर विनीता को बहुत समझाया.. पर उसने साफ-साफ कह दिया- ये दो ही रास्ते हैं.. या तो मुझे शामिल करो.. या मैं सबको बता दूँ।

मैंने कभी विनीता के बारे में ऐसा सोचा भी था तो यह सोच कर कि कुंवारी है, शादी के बाद इसके पति को कुछ शक हो गया तो?
फिर लगा कि बहुत दिनों बाद एक कुंवारी चूत मिल रही है.. तो मुझे क्या?
मैंने विनीता से बोला- हमें थोड़ा टाइम दो सोचने के लिए।
वो ‘ठीक है..’ कहकर बाहर चली गई।

मैंने अपनी सास को बोला- अब क्या करें?
तो सास रिश्ते-नाते भूलकर सिर्फ़ अपने बारे में सोचने लगी और बोली- ठीक है.. अगर वह नहीं मान रही है.. तो उसको भी शामिल कर लो।
मैंने अपनी सास को बोला- उसका पहली बार है.. तो उसकी चुदाई आपके सामने होगी और उसको संभालना भी होगा।
सास तैयार हो गई।

फिर हमने विनीता को बुलाकर कहा- ठीक है.. वो भी अब हमारे साथ है।
चूँकि घर पर कोई नहीं था.. तो हमने सोचा कि नेक काम में देरी नहीं करनी चाहिए.. पर विनीता का पहली बार था तो वो थोड़ा डर रही थी।
मैंने अपनी सास को इशारा किया.. तो वो विनीता को समझाने लगी- कुछ नहीं होता है और अब जब हम तैयार हैं.. तुम्हें अपने साथ शामिल करने में.. तो ये डर छोड़ना पड़ेगा।

विनीता तैयार तो हुई.. पर उसे डर भी लग रहा था।
यह देख कर मैंने अपनी सास को बोला- आप भी अपने कपड़े उतार दो और विनीता को बताओ कि ये सब कैसे होता है।
मेरी सास और विनीता एक-दूसरे को देख रहे थे।
मैंने बोला- जब हम सब एक ही हैं.. तो शर्म कैसी?

मैंने माहौल को सेक्सी बनाने के लिए दोनों तो एक-दूसरे के कपड़े निकालने का बोला, जल्द ही हम तीनों बिल्कुल नंगे थे।
फिर मेरी सास ने विनीता को बोला- देख.. ऐसे शुरू करते हैं..
और वो मेरा 8 इंच का लंड मुँह में लेकर चूसने लगी।
थोड़ी देर बाद मैंने अपनी सास को रोका और विनीता से बोला- अब तुम्हारी बारी..

वो थोड़ा सोच में पड़ गई।
मैंने बोला- इसमें सोचना क्या?
फिर वो मेरे लंड को चूसने लगी।
थोड़ी देर बाद मैंने उसे रोका।

मेरी सास सब देख रही थी.. वो विनीता से बोली- घबराने की बात नहीं है.. अब हम बताते हैं कि आगे क्या करना है।
वो बोली- अब मयंक अपना लंड पहले मेरी फ़िर तुम्हारी चूत में डालेंगे.. पर डरने की कोई बात नहीं है..
और मैंने अपना लंड सास की चूत में पेल दिया।

विनीता डरे नहीं इसके लिए सास बिल्कुल भी नहीं चिल्लाई। मैं धीरे-धीरे सास को चोदने लगा।
विनीता ये सब देख रही थी।

थोड़ी देर बाद सास को चोदने के बाद मैंने विनीता से पूछा- तुम तैयार हो?
वो डरते-डरते बोली- कुछ होगा तो नहीं?
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा.. पहली बार है.. तो थोड़ा सा दर्द होगा.. फिर मज़ा आने लगेगा।
विनीता बोली- ठीक है.. शुरू करते हैं..

मैंने अपनी सास से कहा- इसका मुँह बंद करना।
मैंने धीरे-धीरे विनीता की कुंवारी चूत पर अपना लौड़ा रगड़ना शुरू किया, वो थोड़ा डर रही थी।
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मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और अन्दर डालने लगा। जैसे ही मैं अन्दर घुसाता, वो ‘सीई..’ करती और अपने पैर सिकोड़ लेती।
मैंने तो उसको चोदना ही था.. तो बिना देर किए एक झटका दिया और मेरा लंड उसकी झिल्ली फाड़ते हुए आधा अन्दर चला गया।
उधर सास ने उसका मुँह बंद किया हुआ था तो बस ‘उउउ..’ की आवाज़ आई.. पर उसकी आँखों में दर्द दिख रहा था।

मैं एक हाथ से उसके स्तन सहला रहा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत..
वो रोने लगी तो मेरी सास बोली- हमने तो पहले ही मना किया था।

जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपनी सास तो फिर से इशारा करके उसे संभालने का बोला और बाकी का आधा लंड भी पेल दिया।
वो तड़पने लगी.. थोड़ी देर बाद मैं बिना कुछ किए उसके स्तन चूसने लगा और फिर जम कर चुदाई शुरू की।
थोड़ी देर में वो भी कमर उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी।

मैं समझ गया कि उसे भी मज़ा आने लगा है। कुछ चोदने के बाद जब मैं झड़ने वाला था.. तो मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल लिया और सारा माल उसकी चूत पर गिरा दिया।
मैंने देखा उसकी चूत लाल हो चुकी थी और चूत में से पानी के साथ खून भी आ रहा था, उसे थोड़ा दर्द हो रहा था।

मैं और मेरी सास कपड़े पहन कर बाहर आ गए, थोड़ी देर बाद विनीता भी खुद को साफ करके हमारे साथ बैठ गई, वो थोड़ी थकी हुई लग रही थी.. पर उसकी आँखों में चुदाई की चमक थी।

हम तीनों ने वादा किया कि ये सब ऐसा ही चलेगा और कोई किसी से कुछ नहीं बोलेगा।

मित्रो, यह एकदम सच घटना है और आज भी बदस्तूर चुदाई चालू है।
आप सभी के विचारों को ईमेल से भेजिएगा.. पढ़ने को उत्सुक हूँ।
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