हॉस्टल की लड़की की कुंवारी बुर की चुदाई

हॉस्टल की लड़की की कुंवारी बुर की चुदाई


दोस्तो, अब तक की सेक्स कहानी
हॉस्टल की सेक्सी लड़की की मस्त चुदाई
में आपने सुधा के संग मेरी चुदाई का मजा लिया था. उसकी बेस्ट फ्रेंड की चुदाई का किस्सा आपको इस कहानी में मिलेगा.

सुधा को चोदने के बाद हम दोनों बातें करने लगे थे.

अब आगे:

करीब दस मिनट के बाद सुधा फिर से मेरा लंड चूसने लगी. मुझे भी मजा आने लगा. थोड़ी ही देर में हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.

सुधा ने मुझे चूत चाटने को कहा और बोली- चूत में जलन हो रही है … प्लीज़ चूसो ना.
मैं लपालॅप उसकी चूत को चाटने लगा. वो मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.

कुछ ही देर में मामला फिर से गर्मा गया. एक बार उसे फिर से सीधा लिटा कर उसकी टांगें उठा लीं. फिर स्लो स्लो पूरा लंड पेला और बाहर निकाल निकाल कर शॉट मारने लगा. थोड़ी ही देर में मैंने स्पीड बढ़ा दी और फास्ट चुदाई करने लगा.

दस मिनट में ही मैंने उसकी चूत में फिर से पानी छोड़ दिया. उसकी चूत में ही लंड डाल कर उससे बातें करने लगा.

वो बोली- तुम मुझे ऊपर ले लो.
मैंने कहा- क्यों वजन लग रहा है.
वो हंस कर बोली- हां.

हम दोनों वैसे ही पलट गए और वो मेरे ऊपर आकर मुझसे बातें करने लगी. उसकी चूत में से पानी निकलते हुए मेरे लंड को तरावट देते हुए बेड पर टपक रहा था.
मैंने उसे कहा- चादर गीली हो रही है.

फिर भी सुधा लंड निकालने का नाम ही नहीं ले रही थी.
वो बोली- हो जाने दो गीली. सुबह बदल दूंगी.

हम दोनों मस्ती में बातें करते करते यूं ही सो गए.

सवेरे वो मेरे ऊपर वैसे ही लेटी थी. वो जाग गई तो थोड़ी हिली. उसके हिलने की वजह से मैं भी जाग गया.

मैंने देखा तो मेरा लंड पूरी रात सुधा की चूत में ही घुसा रहा था. वैसे भी सवेरे तो लंड एकदम खड़ा रहता है, तो मुझे सनसनी होने लगी थी. सुधा मेरे ऊपर कुनमुना रही थी.

तभी मैंने नीचे से उसे चोदना शुरू कर दिया. वो मुझसे मस्ती में नींद में ही चुदने लगी थी. मैंने सुधा के मम्मों को चूसना शुरू किया और चूत सहला दी.

वो बोली- गुडमॉर्निंग चुदाई में मज़ा आता है यार. जल्दी जल्दी अन्दर बाहर करो. मुझे तेज तेज चुदना है.

मैं उसे नीचे लिया और ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. कुछ ही देर में उसकी चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ दिया.

इसके बाद हम दोनों नहाने गए, वहां फिर से चुदाई हुई. अभी नौ बी अज गए थे. जब 9.30 बजे, तब मैंने उसकी चूत में से लंड निकाला.

फिर वो बाथरूम से निकल कर कपड़े पहनने लगी और नीचे सामान लेकर चली गई.

मां कसम इतनी चुदक्कड़ लड़की मैंने देखी तो क्या … सोची भी नहीं थी. मैं बहुत थका हुआ था तो मैं बेड पर लेट कर नंगा ही सो गया.

उस दिन बिना खाना खाए दिन भर सोता रहा. शाम को तब जागा, जब मेरे हॉस्टल के फ्रेंड ने घंटी बजा कर मुझे जगाया.

मैंने उठ कर चादर लपेटी और दरवाजा खोला. उसने मुझसे चाय पीने के लिए कहा. मैं कपड़े पहन कर नीचे चला गया. उधर कुछ लड़कियां और लड़के ही आए हुए थे. बाकी के एक दो दिन बाद आने वाले थे.

सुधा भी सो रही थी … वो भी मुझे नहीं दिखी. रात को जब खाना खाने जा रहे थे, तो मैं थोड़ा देरी से गया. सभी लोगों ने खाना खा लिया था.

मैं खाना ख़ाकर ऊपर जा रहा था, तभी सीढ़ियों के नीचे आवाज़ आई- आर्यन यहां!
मैंने देखा तो सुधा थी.

वो मुझे देखते हुए बोली- जल्दी.
मैं गया, तो वो मुझसे लिपट गई और ज़ोर ज़ोर से किस करने लगी. मेरे लंड को लोवर के ऊपर से सहलाने लगी.

दो तीन मिनट में ही लंड खड़ा हो गया. सुधा ने झट से अपनी ड्रेस उठाई और मेरे को बोली- देर न करो … मुझे जल्दी से चोदो.

साली ने पैंटी ही नहीं पहनी थी. मैंने लंड पेला और जल्दी जल्दी से उसकी चुदाई शुरू कर दी.

वो बोली- पानी अन्दर ही गिरा देना.

अभी चुदाई चल ही रही थी कि तभी उसकी बेस्ट फ्रेंड आ गई. उसे देख कर मैं घबरा गया. मगर सुधा बोली- तू डर मत और टेंशन ना ले … ये मेरी पक्की सहेली है, कुछ नहीं बोलेगी. मैंने उसको सब बता दिया है. तू काम चालू रख.

मैंने फिर से सुधा को चोदना चालू कर दिया.

तभी वो अपनी सहेली से बोली- तू बाहर रुक जा … यदि कोई आता है, तो बता देना.
वो बाहर रुक कर पहरा देने लगी.

मैंने सुधा को चोदते हुए देखा कि वो हमारी तरफ देख रही थी. मैंने ध्यान दिया कि वो भी गर्म हो गई थी.
लेकिन वो थोड़ी सीधी लड़की लग रही थी. पर दोस्तों जब लड़की की चूत गर्म हो जाती है, तो कोई भी लंड के लिए बह सकती है.

मैंने सुधा की चूत में जल्दी ही पानी छोड़ दिया.

सुधा अपने कपड़े ठीक करके बोली- रात को फिर से मिलेंगे, आज प्लीज़ तुम यहीं पर आ जाना.
इधर आने का कारण ये था कि उसकी रूम की निगरानी हो सकती थी कि पूरी रात किधर रही.

मैं ओके कह कर ऊपर अपने रूम में आ गया.

मैंने पढ़ाई की, लेकिन मेरा मन ही नहीं लग रहा था. मुझे कल का ही मंजर दिखाई दे रहा था कि मैंने सुधा के साथ रूम में क्या कर रहा था.

जैसे ही 11 बजे, उसके फोन से मुझे घंटी आई. वो और उसकी फ्रेंड पानी भरने आ गई थीं. मैं भी पानी भरने के लिए चला गया. मैंने इस बात का ध्यान रखा कि मुझे कोई देखे नहीं. सब सो गए थे, इसलिए किसी बात की कोई टेंशन नहीं थी.

जैसे ही मैं गया, वो और उसकी फ्रेंड पानी भर रही थी. मुझे देखते ही सुधा नीचे बैठ गई और मेरे लोअर को सरका कर मेरा लंड निकाल कर चूसने लगी.

उसकी सहेली बिल्कुल बगल में थी. वो हम दोनों के कारण एक कोने में फंस चुकी थी. सुधा फटाफट लंड चूस रही थी … और वो ये देख रही थी. फिर उसने मेरी तरफ स्माइल करके देखा. मैंने आंख दबा दी, तो वो भी हंसने लगी और शर्मा गई.

सुधा ने झट से लहंगा उठाया और मैं उसकी चूत में लंड पेल कर उसे चोदने लगा.

तभी हमको याद आया कि अभी बाहर पहरा देने वाला कोई नहीं है. कोई देख लेगा, तो लफड़ा हो जाएगा.

सुधा ने अपनी सहेली से कोने में से बाहर आने दिया और उसी को बाहर खड़ा कर दिया.

हम दोनों ने 20 मिनट तक जमके चुदाई की. मैंने फिर एक बार उसकी चूत में लंड का पानी छोड़ दिया.

हम दोनों का अब ये हर रोज का हो गया था. हम दोनों ने पाँच मिनट वाली चुदाई तो दिन में बहुत बार की है. जब भी मौक़ा मिलता, हम दोनों शुरू हो जाते. चाहे हम दिन में दस बार मिलें, बस हम दोनों को ये ही चाहिए था.

सुधा ने तो अब पैंटी पहनना ही छोड़ दिया था. कभी कभी मैं उसे ग्राउंड में, कॉलेज की बस में भी पेल लेता. जिस दिन लंबा चोदना होता था … उस दिन उसे कहीं सुनसान जगह में चोद लेता.

हमारी सभी बातें उसकी बेस्ट फ्रेंड को पता थीं. वो सिर्फ़ देख कर चुदाई का मज़ा लूट रही थी. मैं उसे भी लंड दिखा कर गर्म कर देता था. वो भी मुझे दिखाते हुए कभी कभी अपने मम्मों पर हाथ घुमा देती थी.

एक बार हुआ ये कि सुधा को किसी काम की वजह से अपने घर जाना पड़ा, तो उसकी फ्रेंड मुझे रात को पानी भरने की जगह पर मिली.

कुंवारी बुर की चुदाई कहानी

वो बोली- आज क्या करोगे?
इतना बोल कर वो हंसने लगी.
तो मैं बोला- क्या करूंगा … ये तो समय बताएगा.
बस हम दोनों बातें करने लगे.

मैंने बोला- तू 12 बजे मुझसे मिलना … मुझे कुछ काम है.
वो मना करने लगी.

मेरे बहुत ज़ोर देने के बाद वो मान गई. फिर वो 12.20 पर मुझसे मिलने आई. मैंने उसे खींच कर चोरी चोरी बस में ले गया और वहां बैठ कर हम दोनों बातें करने लगे.

वो बोली- आप लोगों कितना करते हो यार … मैं तो देखते देखते थक गई … लेकिन आप दोनों नहीं थके.
मैंने बोला- तुमने कभी किया है?
वो बोली- नहीं.

मैं बोला- तो तुम हमें चुदाई करते देखती हो, तो तुम्ह़ारा मन नहीं होता?
इस पर वो शर्मा गई.

फिर मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखा, तो वो सिकुड़ने लगी. मैंने उससे गर्म बातें करना शुरू कर दीं. वो मस्त होने लगी.

मैंने उसे गर्म करके उसके होंठों पर किस किया, तो वो बोली- यार, मैं ये आपके साथ नहीं कर सकती … आप मेरी बेस्ट फ्रेंड के फ्रेंड हो.

मैं बोला- हम दोनों कौन से लवर हैं … सिर्फ़ एक दूसरे की ज़रूरत पूरी करते हैं.
वो कुछ नहीं बोली.

फिर मैंने आहिस्ता आहिस्ता उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया. और फिर उसके कान पर धीरे धीरे किस करना शुरू कर दिया. साथ ही मैं अपने हाथों को उसके मम्मों पर घुमाने लगा.
उसके एक निप्पल को मींजना शुरू कर दिया. फिर मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी पैंट में डाला, तो वो ज़ोर से सिसकारियां लेने लगी.

मैंने फटाफट उसे दबाया और चूमना शुरू कर दिया ताकि उसकी आवाज दब जाए. नीचे उसकी चूत के दाने को मैंने खूब जोर से मसलना शुरू कर दिया. मैं नहीं चाहता था कि ये आज बिना चुदे यहां से जाए.

वो गर्मा गई थी. मैंने जल्दी से उसके कपड़े निकालने शुरू किए और उसकी चूत पर टूट पड़ा. उसकी बुर एकदम क्लीन शेव्ड बुर थी. साली चुदवाने की सोच कर ही आई थी.

उसकी चूत बिना चुदी एकदम पिंक कलर की थी. मैंने उसे जैसे ही चाटा तो वो सिहर उठी. एकदम फ्रेश कुंवारी बुर थी … मैंने मन लगा कर बुर पर मुँह लगाया और ज़ोर ज़ोर से बुर चूसने चाटने लगा. कुछ ही पलों बाद वो मेरा सिर अपनी बुर में ऐसे दबाए जा रही थी, जैसे सर को अन्दर डालना चाह रही हो.

मैं जल्दी से अपना कड़क लंड पकड़ कर उसकी कुंवारी बुर में डालने लगा.

शुरू में तो लंड बुर के अन्दर नहीं गया. लेकिन फिर अन्दर चला गया. मैंने बहुत आराम से उसकी कुंवारी बुर की चुदाई शुरू कर दी. उसे बहुत दर्द हो रहा था और उसकी बुर से खून भी निकल रहा था.

लेकिन मैंने धीरे धीरे स्पीड बढ़ा दी और एक टाइम ऐसा आया कि उसका सारा दर्द गायब हो गया.
वो मुझे पकड़ कर बोली- आह … बहुत मजा आ रहा है यार … और तेज करो … फक मी फास्ट.

फिर क्या था … पहली ही बार में अपनी सुधा की सहेली को ताबड़तोड़ चोदने लगा.

कुछ ही देर में स्खलन की बेला आ गई. उसने मुझे बाहर डिस्चार्ज होने के लिए कहा. मैंने लंड उसके मुँह में दे दिया. वो चूसने लगी और माल पी गई.

चुदाई समारोह खत्म हो गया. हम दोनों पांच मिनट यूं ही बैठे रहे.

फिर वो अपने कपड़े पहन कर जाने लगी. जाते जाते बोली- मुझे मजा आया … प्लीज़ अब मुझे भी हर रोज सुधा की तरह ही चोदना.
मैंने बोला- दोनों को एक साथ में चोदूंगा … चुदेगी?
वो हंस दी और उसने हामी भर दी.

उस दिन तो में अपने रूम में आ गया. वो भी लंगड़ी चाल से अपने रूम में जाने लगी थी. उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था. मुझे उस पर तरस आ गया.

अभी तक मैं अपनी दोनों कॉलेज सीनियर्स गर्ल को चोद चुका हूँ. सुधा की वजह से मेरी क्लास में पढ़ने वाली दो लड़कियों की चूत चोदने मिली है.

एक बार हमने फाइव सम भी किया था, वो ग्रुप सेक्स कहानी मैं आप लोगों को अगली बार की कहानी में बताऊंगा.

आपको मेरी कुंवारी बुर की चुदाई कहानी कैसी लगी … प्लीज़ मेल करके ज़रूर बताना.
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