40 साल की नर्स की चुदाई

40 साल की नर्स की चुदाई

हेलो दोस्तों.. हाउ आर यू? सभी सेक्सी कहानिया पढने वालो को और उनको बेइंतिहा चाहने वालो को मेरा प्यार भरा नमस्कार. में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप सभी को बहुत पसंद आएगी. अब में आप सभी का ज्यादा टाईम खराब ना करते हुए सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.

दोस्तों यह घटना 4-5 साल पहले की है.. उस टाईम में अपना शहर छोड़कर दूसरे शहर में नया नया रह रहा था. मेरे शहर जाने के 3 महीने बाद मेरे एक दोस्त के दादा जी की तबीयत बहुत खराब हो गई और वो लोग उन्हें वहीं पर लेकर आ गए थे. फिर में वहाँ पर पहले से ही रहता था तो सभी जगह मुझे अच्छे से मालूम थी.. इसलिए में उनकी मदद के लिए हॉस्पिटल में रहता था और रात को में और मेरा दोस्त दादाजी के साथ रुकते थे. उस हॉस्पिटल में एक नर्स थी जिसको मैंने पहले दिन जब देखा तो मुझे अंदर से कुछ कुछ होने लगा और में उसे पटाने का प्लान बनाने लगा.. लेकिन वो बहुत कड़क स्वभाव की थी. तो इसीलिए मेरी उससे ज़्यादा बात करने की हिम्मत नहीं होती थी. फिर भी मुझे जब भी मौका मिलता तो में उससे बातें करने लगता.. लेकिन वो मुझे बिल्कुल भी भाव नहीं देती थी. एक दिन मेंने उसे दादाजी की बोतल बदलने के लिए बुलाने गया तो वो किसी से फोन पर बात कर रही थी और वो सामने वाले को बेटा कहकर बुला रही थी और उस पर बहुत भड़क रही थी.

यह सुनकर मुझे लगा कि शायद वो कोई और होगा. फिर जब उसने फोन रखा तो मैंने थोड़ी हिम्मत करके उससे पूछ लिया कि वो किससे बात कर रही थी और वो इतने गुस्से में क्यों है? तो उसने मेरी तरफ देखा और कुछ नहीं बोला. फिर उसने मेरे साथ दादाजी के पास आकर उनकी बोतल बदल दी और अपने केबिन में जाकर बैठ गयी. फिर में उसके पीछे पीछे गया और उसे बहुत परेशान देखकर फिर से उसकी प्राब्लम के बारे में पूछा.. उसने मुझे बताया कि में अपने बेटे के कारण बहुत परेशान हूँ और यह बात सुनकर मेरे होश उड़ गये.. क्योंकि उसे देखकर कोई नहीं कह सकता कि वो शादीशुदा है और उसका एक कॉलेज जाने लायक एक बेटा भी है और मुझे बातों बातों में पता चला कि वो विधवा है और उसके पति को मरे हुए 9 साल हो चुके है. उसने अपना नाम सविता और अपनी उम्र 40 साल बताई. में तो सुनकर बहुत चकित हो गया.. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? आपको मैंने इतना परेशान कभी नहीं देखा और मुझे लगता है कि कोई बड़ी प्राब्लम होगी. अगर आप बुरा ना माने तो क्या में जान सकता हूँ कि क्या हुआ है? तो उसने बताया कि उसके बेटे की 10th क्लास खत्म हो गई है और वो अभी एक अच्छे से कॉलेज की तलाश में है जहाँ उसका बेटा पढ़ सके. तो सारी बातें सुनने के बाद मैंने कहा कि मेडम इसका हल मेरे पास है. फिर उसने पूछा कि वो कैसे? तो मैंने कहा कि मेरे शहर में एक बहुत अच्छा कॉलेज है जहाँ पर स्टूडेंट के लिए सभी जरूरी चीज़े मौजूद है और में भी वहाँ पर पढ़ता था तो मेरी वहाँ पर बहुत अच्छी जान पहचान है.. अगर आप कहें तो में आपके बेटे का दाखिला वहाँ पर करवा सकता हूँ और होस्टल में भी अच्छा सा रूम दिला सकता हूँ. फिर यह बात सुनकर सविता ने मेरी तरफ देखा और कहा कि यहाँ से कितना दूर है तुम्हारा शहर? मैंने कहा कि सिर्फ 5 घंटे का रास्ता है.. फिर उसने बोला कि ठीक है.. तुम ही मेरे बेटे के लिए वहाँ पर बात कर लो. फिर मैंने उसी वक़्त अपने एक दोस्त को फोन किया जो कॉलेज का प्रेसिडेंट रह चुका था और अब उसका भाई वहाँ पर प्रेसीडेंट है. फिर उसने मुझे कहा कि यार तू उसे मेरे पास भेज दे.. में उसका दाखिला करवा दूँगा और जब तक होस्टल में रूम नहीं मिलता वो हमारे घर में रह सकता है. फिर यह सारी बातें मैंने सविता को बताई तो वो बहुत खुश हो गयी और उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे धन्यवाद कहा. दोस्तों यह पहली बार था.. जब मैंने उसे हाथ लगाया.. लेकिन उस टाईम मेरे दिमाग़ में कोई ग़लत ख़याल नहीं था और मैंने भी उससे कहा कि मेडम यह तो एक छोटी सी बात है इसके लिए धन्यवाद क्यों? अगर आपके बेटे की जगह मेरा भाई होता तो में भी उसके लिए यह सब करता.

फिर मेरी बातें सुनकर वो मुझसे आकर्षित हो गयी और फिर मैंने उसके बेटे को अगले ही दिन ट्रेन में बैठा दिया और अपने दोस्त को फोन करके बोल दिया कि वो उसे स्टेशन से घर पर ले जाए और उसने वैसा ही किया और उसका दाखिला कॉलेज में करवा दिया. उस दिन के बाद सविता मुझसे बहुत घुल गयी. में खाली टाईम पर उसके साथ बातें करने बैठ जाता और धीरे धीरे केन्टीन में उसके साथ कॉफ़ी पीने जाने लगा. दो दिन के बाद उसका नाईट का समय चालू हो गया और में रात को उसके केबिन में उससे बात करने जाने लगा. अब वो मेरे साथ बहुत खुलकर बातें करने लगी और मैंने एक रात उससे उसकी शादी के बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि उसका पति एक शराबी था और वो रोज़ रात को शराब पीकर घर आता था और उसे बहुत मारता भी था. फिर धीरे धीरे ज़्यादा शराब पीने के कारण उसका लीवर खराब हो गया था और उसी वजह से उसकी मौत हुई.

फिर मैंने कहा कि आपके पति के जाने के बाद अपने दूसरी शादी क्यों नहीं की? तो सविता ने कहा कि इस शादी के कारण मैंने जो जो दुख उठाए उसके बाद मेरा तो मर्दों के ऊपर से विश्वास ही उठ गया और मैंने ठान लिया कि में अकेले ही अपने बेटे की परवरिश करूँगी और उसे एक अच्छा इन्सान बनाऊंगी.. इस कारण से मैंने वो घर छोड़ दिया और अलग रहने लगी और यह बात कहते कहते वो रोने लगी. फिर मैंने उसके आँसू साफ किए तो वो मुझसे लिपटकर रोने लगी.. पहले तो मुझे थोड़ा अजीब लगा.. क्योंकि ऐसे किसी की मजबूरी का फायदा उठना मुझे अच्छा नहीं लगता.. अगर वो इन्सान अच्छा है तो. सविता ने अपनी लाईफ में बहुत मेहनत की है और आज इस मुकाम पर पहुँची है. फिर में उसकी पीठ को थपथपाते हुए उसे चुप करने लगा.. वैसे मुझे तो पहले से ही औरतों को पटाना अच्छा लगता था और इसका मुझे अच्छा ख़ासा अनुभव भी था.. क्योंकि में जब अपने शहर में रहता था तो मैंने बहुत सी औरतों को पटाकर चोदा था. फिर थोड़ी देर बाद सविता ने रोना बंद कर दिया और मुझसे अलग हो गयी. पहले तो हम दोनों ने ही नज़रे झुका दी और फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसके हाथों को अपने हाथों में ले लिया.. तो वो मुझे देखने लगी. मैंने उसे कहा कि मेडम भूल जाओ पुरानी बातों को.. वो तो बीत गई.. अब उसके बारे में सोचकर क्यों अपने आप को दुखी करती हो? तो उसने मुझे कहा कि तुम मुझे मेरे नाम से पुकार सकते हो या और कुछ भी पुकारो.. लेकिन मेडम मत कहो. फिर मुझे उसकी आखों में एक अजीब सी कशिश दिखाई देने लगी और हम दोनों एक दूसरे की आखों में आंखे डालकर देखने लगे. हमे इस दौरान पता ही नहीं चला कि कब हम दोनों एक दूसरे के इतने करीब आ गए है कि हमारे होंठ आपस में टकराने लगे और हम लिप किस करने लगे. तभी अचानक दरवाजा खटखटाने की आवाज़ आई तो हमे होश आया और देखा कि हम एक दूसरे की बाहों में थे. मैंने उसका सर पकड़ा हुआ था और उसने मेरे गले पर अपने हाथ बांध रखे थे. आवाज़ सुनते ही हम दोनों अलग हो गये और उसने बाहर वाले को अंदर आने के लिए कहा.. वो एक कम्पाउंडर था और उसके जाने के बाद सविता ने मुझे कसकर पकड़ लिया और कहा कि आज से पहले मैंने ऐसा कभी किसी के बारे में महसूस नहीं किया और मेरे पति के जाने के बाद तुम पहले ऐसे मर्द हो जिसने मुझे छुआ है.. प्लीज़ मुझे अपनी बाहों में भर लो.. पिछले 9 सालों से में प्यार के लिए तड़प रही थी.

तो मैंने उसे अपनी बाहों में ज़कड़ लिया और उसकी पीठ को सहलाने लगा.. उसके माथे को चूमने लगा. तो वो मदहोश होने लगी और उसने अपनी आंखे बंद कर दी. फिर में उसके होंठो को किस करने लगा.. वो मेरी पीठ को अपने दोनों हाथों के नाख़ून से खरोंचने लगी और धीरे धीरे हम दोनों ही गरम होने लगे. फिर मैंने उसे दीवार पर सटा दिया.. उसने एप्रन पहन रखा था और में उसके ऊपर से ही बूब्स को मसलने लगा. फिर मैंने उसकी नाभि को किस किया. उसके मुहं से आहह की आवाज़ निकल गयी. तो मैंने एप्रन के अंदर हाथ डालकर ब्लाउज में हाथ घुसा दिया और ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को दबाने लगा.. उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे.. रंग गोरा और स्लिम फिगर था. फिर में उसकी साड़ी के ऊपर से ही चूत को सहलाने, दबाने लगा तो वो अपने पैरों खोलकर खड़ी हो गयी.. ताकि आसानी से मेरा हाथ उसकी चूत में घुस सके. कुछ देर बाद मैंने उसकी साड़ी को ऊपर उठा दिया और पेंटी के अंदर हाथ घुसाकर चूत को सहलाने लगा.. उसकी चूत में बहुत बाल थे और उसकी चूत बहुत गीली हो गयी थी.

फिर में जैसे ही उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा तो वो आह्ह्ह अच्छा लग रहा है कहने लगी और अब मुझे भी जोश चढ़ने लगा और मेरा लंड खड़ा होने लगा. तो उसने मेरे लंड को पेंट की ज़िप खोलकर बाहर निकाला और हाथ से मुठ मारने लगी.. में और जोश में आ गया और चूत में उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा. तो उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और कहने लगी कि और मत तड़पाओ में पिछले 9 सालों से इस आग में जल रही हूँ.. प्लीज जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड घुसाकर आज मेरी इस आग को ठंडा कर दो.. अभी तो मेरे तन बदन में आग लगी है और देर मत करो. उस रूम में एक टेबल थी जिस पर वो रात को आराम करती थी.. मैंने उसे उसी टेबल पर बैठा दिया. तो उसने मेरे लंड को अपने मुहं में भर लिया और चूसने लगी. तभी अचानक फिर से कोई आ गया और दरवाजा ठोकने लगा.. तो हम दोनों अलग हो गये और हमने अपने अपने कपड़े ठीक किए.. जब उसने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर एक नर्स खड़ी थी और फिर उसके जाने के बाद उसने मुझे फिर से पकड़ लिया तो मैंने कहा कि यहाँ नहीं.. वरना हमे कोई देख लेगा तो तुम्हे बहुत मुश्किल हो जाएगी.

तो उसने कहा कि हम बाथरूम में चलते है और मैंने वहाँ पर भी जाने से मना कर दिया.. क्योंकि उसमे भी बहुत रिस्क था. फिर में उसे साथ में लेकर मेरे दोस्त के दादाजी के केबिन में आ गया और हमने सोचा कि शायद वहाँ पर कुछ बंदोबस्त हो जाए.. लेकिन वहाँ पर भी प्राब्लम थी.. क्योंकि मेरा दोस्त भी वहाँ पर मौजूद था जो कि कभी भी उठ सकता था. हम दोनों हवस की आग में जल रहे थे तो में उसे उसी रूम के बाथरूम में लेकर गया.. लेकिन वहाँ का बाथरूम बहुत छोटा था और उसमे सिर्फ़ एक ही आदमी ठीक से रुक सकता था. तो अंदर जाते ही सविता घुटनों के बल बैठ गयी और मेरा लंड बाहर निकालकर चूसने लगी. वाह क्या लंड चूस रही थी वो.. मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था और में अहह ओह कर रहा था. फिर मैंने उसके सर को पकड़ा और लंड को ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करके उसके मुहं को चोदने लगा और जब मेरा लंड उसके गले तक घुस जाता तो वो उल्टी करने लगती. फिर 10-15 मिनट लंड चुसवाने के बाद मेरा लंड हिचकोले मारने लगा और मैंने उसे गोद में उठा लिया और उसकी साड़ी को ऊपर करके खड़े खड़े लंड को नीचे से चूत में घुसाने लगा.. लेकिन जगह छोटी होने के कारण लंड बार बार फिसल जाता था. फिर 3-4 बार ऐसा करने के बाद मैंने उसे नीचे उतार दिया और आगे झुकने के लिए कहा तो उससे वो भी नहीं हुआ. फिर में उसकी जांघो के बीच लंड फंसाकर चोदने लगा और चूत में उंगली अंदर बाहर करने लगा.. लेकिन इसमे हम दोनों को ही कुछ ज़्यादा मज़ा नहीं आ रहा था.. क्योंकि चूत में लंड घुसाकर चोदने में जो मज़ा है वो ऐसे कहाँ. वो बार बार लंड को चूत में डालने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन उससे नहीं हुआ. फिर मैंने उससे कहा कि डार्लिंग ऐसे कुछ भी नहीं होगा.. आज के लिए बस इतना ही रहने दो.. कल जब तुम्हारी ड्यूटी खत्म हो जाएगी तो में दोपहर को तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा और तुम्हारी चूत की आग को ठंडा करूँगा.. लेकिन उस टाईम हम दोनों की हालत ऐसी थी कि बिना चुदाई के जाने का मन ही नहीं था.

तो में उसकी चूत को उंगली से चोदने लगा और साथ ही साथ उसे लिप किस करने लगा और वो मेरे लंड को हाथ में लेकर मुठ मार रही थी. कुछ देर बाद ऐसा करने से वो झड़ गयी और उसकी चूत से ढेर सारा पानी निकलने लगा जो नीचे ज़मीन पर गिर रहा था.. झड़ने के दौरान वो अह्ह्ह उऊह्ह्ह उफ्फ्फ माँ कर रही थी. फिर थोड़ी देर बाद वो शांत हो गयी.. लेकिन अभी तक में शांत नहीं हुआ था तो में उसे नीचे बैठाकर उसके मुहं में लंड डालकर तेज़ी से चोदने लगा और बहुत देर बाद जाकर मेरे लंड ने पानी छोड़ा और में झड़ गया. मैंने सारा का सारा वीर्य सविता के मुहं में छोड़ दिया.. पहले तो उसे उल्टी आने लगी. फिर उसने सारा वीर्य निगल लिया और उसके बाद हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गए और उसके केबिन में चले गये. फिर जैसे तैसे रात एक दूसरे की बाहों में बीत गयी और सुबह उसकी ड्यूटी खत्म हुई तो मैंने उसे गले लगाया और किस किया और उसने मुझे जल्दी से उसके घर आने को कहा.. तो मैंने भी उससे कहा कि मुझे ऑफिस का थोड़ा काम है तो में उसे खत्म करके आ जाऊंगा और मैंने उसे बाईक से घर छोड़ा और बाहर से ही ऑफिस चला गया ..

दोस्तों आगे की कहानी अगले भाग में …

दोस्तों मेरे ऑफिस में काम के कारण में लेट हो गया तो इस बीच सविता ने मुझे 6 बार कॉल किया. फिर जाकर 1.30 बजे मेरा काम खत्म हुआ और में तुरंत ही उसके घर के लिए निकल गया और मैंने खाना भी नहीं खाया था. फिर उसके घर पहुँचते ही मैंने दरवाजे की घंटी बजाई तो सविता की नौकरानी ने दरवाज़ा खोला और मुझे देखते ही सविता ने उस नौकरानी को घर जाने के लिए कह दिया. नौकरानी के जाने के बाद वो मेरे गले लग गयी और मुझे कसकर पकड़ लिया. मैंने भी उसे बाहों में ले लिया और एक ज़ोरदार किस किया.. मैंने कहा कि क्या तुमने खाना खा लिया? तो उसने कहा कि में तुम्हे छोड़कर कैसे खा सकती हूँ. फिर मैंने कहा कि तुम्हे कैसे पता कि मैंने खाना नहीं खाया? तो उसने कहा कि ऑफिस में काम के कारण तुम्हे देर हो गयी है तो मुझे पता था कि तुम बिना खाना खाए यहाँ आओगे. फिर मैंने कहा कि जान में थोड़ा फ्रेश होना चाहता हूँ.. तो उसने मुझे टावल लाकर दिया और में बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर आ गया और उसके बाद हम दोनों ने एक साथ बैठकर खाना खाया और एक दूसरे को खिलाते रहे. फिर उसने मुझे अपने बेटे का नाईट सूट पहनने के लिए दिया. फिर खाना खाने के बाद सविता ने कहा कि जानू तुम बेडरूम में जाओ में अभी आती हूँ. तो में बेडरूम में जाकर टीवी चालू करके बैठ गया और फिर 15 मिनट बाद सविता आई और उसे देखकर मेरी आंखे फटी की फटी रह गयी. उसने लाल कलर का नाईट गाऊन पहन रखा था और उसने बाल खुले रखे थे.. जिसमे वो ग़ज़ब ढा रही थी. फिर में खड़ा हो गया और उसे गोद में उठाकर बेड पर लेटा दिया और खुद भी लेट गया.. वो मेरे ऊपर आ गई और में उसके मुहं में अपनी जीभ डालकर किस करने लगा. वो भी पागलों की तरह मुझे किस करने लगी और उसने मेरा नाईट सूट खोल दिया तो में नंगा हो गया. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाकर गाऊन के ऊपर का बटन खोल दिया. उसने अंदर काले कलर की ब्रा पहनी हुई थी. मैंने झट से पीछे हाथ डालकर ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को आज़ाद कर दिया और उसकी चूचियों को देखकर में अपने आपको रोक नहीं पाया और उस पर टूट पड़ा और मैंने एक बूब्स को मुहं में भर लिया और दूसरे को हाथ से दबाने लगा. वो मेरे बालों पर हाथ फैरने लगी और मुहं से आह्ह्ह की आवाज़ निकालने लगी.

फिर बूब्स को चूसते चूसते मैंने गाऊन के सारे बटन को खोल दिये और हाथ चूत की तरफ बढ़ने लगा. उसने अंदर काले कलर का पेंटी पहन रखी थी जो कि चूत रस से गीली हो चुकी थी. फिर में बूब्स को चूसते चूसते नाभि के छेद में जीभ घुमाने लगा और फिर मैंने उसकी पेंटी को भी उतार फेंका और अब वो भी मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी और उसकी चूत काले काले बालों से ढकी हुई थी.. लेकिन मुझे चूत पर ज्यादा बाल अच्छे नहीं लगते है. फिर भी मैंने उससे कहा कि स्वीट हार्ट क्या तुम अपनी चूत के बालों को साफ नहीं करती? तो उसने कहा कि किसके लिए साफ करूं.. लेकिन आज के बाद तुम कहोगे तो साफ करूँगी. तो मैंने कहा कि नहीं नहीं पूरे साफ नहीं करना सिर्फ़ केँची से थोड़ा थोड़ा सा काट लेना. फिर में उसके पैरों के बीच में बैठ गया तो उसने अपने पैरों को फैला दिया. फिर चूत के बालों को हटाते हुए मैंने उसकी चूत का मुहं खोला तो चूत अंदर से गुलाब की पंखुड़ियों की तरह दिख रही थी और चूत से थोड़ा थोड़ा पानी टपक रहा था.

फिर में अपने आपको नहीं रोक सका और झट से चूत को चाटने लगा और ऐसा करने से सविता के मुहं से ओहमाआआ ष्हअहह मेरी चूत में तो आग सी लग गई है.. प्लीज जल्दी से इसे बुझा दो. वो नागिन की तरह बिस्तर पर बलखाने लगी और में ज़ोर ज़ोर से चूत में जीभ डालकर अंदर बाहर करने लगा और साथ ही साथ ऊपर हाथ ले जाकर दोनों चूचियों के निप्पल को उंगली से मसलने लगा.. उसके मुहं से ओहईईईई तुम क्या कर रहे हो और देर मत करो.. मेरे बदन में आग लग गयी है और वो मेरे सर को अपनी चूत में ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी और चीख चीखकर झड़ गयी. तभी उसकी चूत से पानी का सेलाब फूट पड़ा और सारा पानी मेरे मुहं में भर गया और सारा पानी निकलने के बाद में उसके ऊपर आ गया और अपने मुहं में भरे पानी को उसके मुहं के अंदर डालकर हम दोनों ही मज़े से पी गये. फिर में बेड पर लेट गया तो सविता उठकर नीचे सरक गयी और मेरे लंड को चूसने लगी और में उसकी गांड को सहलाने लगा और उसने बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूस चूसकर लोहे की रोड बना दिया. फिर उसके बाद मैंने उसे बेड पर लेटाकर उसके दोनों पैरों को खोल दिया.. फिर एक हाथ से लंड को पकड़ा और दूसरे हाथ से चूत का मुहं खोलकर लंड को उसमे घुसाने लगा और मैंने एक जोर का धक्का मारकर आधा लंड घुसा दिया तो सविता कहने लगी कि ज़रा धीरे धीरे डालो बहुत दर्द हो रहा है उई माँ. फिर मैंने थोड़ा रुककर एक और जोर का धक्का मारकर पूरा लंड चूत में जड़ तक घुसा दिया. तो वो अब थोड़ा और ज़्यादा तड़पने लगी.. अहह उहहमा में मरी मेरी चूत तो फट गई बहुत दर्द हो रहा है और में उसके मुहं पर किस करते हुए उसे ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. तो वो अपने पैर बेड पर पटकने लगी और दोनों हाथों से मेरी पीठ पर नाख़ून गड़ाने लगी. इस दौरान कुछ देर बाद ही वो चिल्ला चिल्लाकर झड़ गयी.. लेकिन मैंने उसे चोदना बंद नहीं किया और कुछ देर बाद वो भी अपनी गांड उछाल उछालकर मेरे साथ चुदवाने लगी.. उसकी चूत ज़्यादा तो नहीं.. लेकिन थोड़ी टाईट जरुर थी और इसलिए मुझे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था.. लेकिन उसकी चूत बहुत गरम थी और मेरे लंड को तो ऐसा लग रहा था कि वो किसी गरम पानी में हो. फिर वो बहुत जल्दी जल्दी झड़ रही थी शायद इतने दिनों से नहीं चुदवाया था इसीलिए.. मैंने उसे बेड पर उल्टा लेटा दिया और उससे कहा कि गांड को फैलकर पकड़े और मैंने लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड में घुसाने लगा.. लेकिन गांड का छेद बहुत टाईट था तो लंड बार बार फिसल जाता था. मैंने उससे पूछा कि तेल की शीशी कहाँ है? उसने ड्रेसिंग टेबल की तरफ इशारा किया और मैंने बहुत सारा तेल उसकी गांड में डाल दिया और मेरे लंड को भी अच्छे से तेल से लथपथ कर दिया और उसके बाद में गांड में लंड घुसाने लगा.

तो तेल के कारण एक ही झटके में पूरा लंड जड़ तक गांड में घुस गया और सविता चिल्लाने लगी.. उई माँ बहुत दर्द हो रहा है.. आहह बाहर निकालो जल्दी.. मेरी गांड फट गई.. ओह भगवान मुझे बचाओ प्लीज. मैंने उसकी एक नहीं सुनी और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और आगे से मैंने उसके मुहं में एक उंगली डाल दी जिसको वो चूस रही थी और में उसके चूतड़ पर थप्पड़ मार मारकर चोद रहा था. फिर कुछ देर बाद वो शांत हुई और मेरे लंड को बड़े मज़े से गांड में लेने लगी. फिर मैंने बेड से उतरकर उसे नीचे खड़ा करके ड्रेसिंग टेबल के आगे झुका दिया और पीछे से गांड में लंड डालकर चोदने लगा और उसके बड़े बड़े बूब्स को दोनों हाथों से पकड़ कर तेज़ तेज़ झटके मार रहा था. सामने आईने में उसके चेहरे का हाव भाव दिख रहा था और चोदते वक़्त उसके दोनों बूब्स आम की तरह हिल रहे थे जो मुझे आईने में साफ साफ दिखाई दे रहे थे.

फिर ऐसे कुछ देर चोदने के बाद सविता थक गयी तो मैंने उसे फिर से बेड के ऊपर लेटा दिया और मैंने दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखकर चूत में लंड घुसाया और चोदने लगा और जब मुझे महसूस हुआ कि में झड़ने वाला हूँ तो में उसके ऊपर गिर गया और आँखों में आँखें डालकर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. चूत से फच फच पच पूच की आवाजें निकल रही थी.. जो पूरे कमरे में गूँज रही थी. मैंने उसके दोनों बूब्स को चूस चूसकर सूज़ा दिया था और में होंठो को किस करते करते चोद रहा था. फिर मैंने उससे पूछा कि डार्लिंग मेरा निकलने वाला है कहाँ लेना चाहोगी? तो उसने कहा कि चूत में ही गिरा दो और फिर 30-35 झटके मारने के बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गये और झड़ते वक़्त दोनों के मुहं से आहह उहह की आवाज़े निकल रही थी. वीर्य की आखरी बूँद गिरने तक में उसे चोदता रहा. फिर लंड को बाहर निकाला तो फक की आवाज़ के साथ चूत से लंड निकल गया और साथ ही साथ वीर्य चूत के रस के साथ बाहर निकलने लगा और उसके बार बार झड़ने की वजह से पूरा बेड गीला हो गया था. में उसकी साईड में लेट गया और मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया. मैंने उससे पूछा कि जान क्या तुमने ऑपरेशन करवा लिया है? तो उसने कहा कि नहीं अभी तक नहीं करवाया.

फिर मैंने कहा कि तो तुमने मुझे अपनी चूत में लंड का पानी छोड़ने के लिए क्यों कहा? यह बहुत रिस्की हो सकता है और इस कारण तुम प्रेग्नेंट भी हो सकती हो. इस पर सविता ने कहा कि उसकी चिंता तुम मत करो.. में एक नर्स हूँ और मुझे पता है कि अब क्या करना है? सच कहूँ तो अभी में दिल से चाहती हूँ कि में तुम्हारे बच्चे की माँ बनूँ.. क्योंकि एक ना एक दिन तुम मुझे छोड़कर चले जाओगे तो मेरे पास हमारे प्यार की निशानी के तौर पर कुछ तो हो. मैंने कहा कि यह तो संभव नहीं है.. क्योंकि हम लोगों को क्या कहेंगे और तुम्हारे बेटे को क्या जबाब देंगे? नहीं तो मुझे इसमें कोई प्राब्लम नहीं है. फिर उसने कहा कि देखते है इसके बारे में बाद में बात करेंगे और उसके बाद मैंने उसे बाँहों में कसकर पकड़ लिया. फिर सविता ने कहा कि आज जाकर मेरा जीवन सफल हुआ और में पूरी तरह से एक औरत बनी हूँ.. नहीं तो मेरा पति हमेशा मुझे ज़बरदस्ती चोदता था.. जिस कारण में चुदवाने से बहुत डरती थी.. लेकिन आज पता चला कि शादी का असली मज़ा क्या होता है और आज तुमने मुझे वो ख़ुशी दी है में जिसके बारे में सिर्फ़ अपनी सहेलियों से सुना करती थी. में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ.. आज के बाद मुझे कभी छोड़कर मत जाना वर्ना में तुम्हारे बिना जी नहीं पाउँगी. अब तो मेरा बेटा भी यहाँ नहीं है तुम आज से मेरे साथ रहना प्लीज़ और पहले मिले होते तो में तुम से शादी कर लेती.. लेकिन आज में मजबूर हूँ. इतने बड़े बेटे की माँ होने के कारण ऐसा भी नहीं कर सकती.. लेकिन में तुम्हे पत्नी का हर सुख दूंगी.. बाहर वालोँ के लिए हम दोनों अंजन है.. लेकिन घर में तुम मेरे पति हो और में तुम्हारी पत्नी और आज से मेरे हर अंग पर तुम्हारा हक है.. तुम जैसे चाहो जब चाहो मुझे ईस्तमाल कर सकते हो और में कभी कुछ नहीं कहूँगी.. लेकिन प्लीज़ मुझे छोड़कर मत जाना.

फिर मैंने उसके हाथ को चूमते हुए कहा कि डार्लिंग में भी तुम्हे कभी निराश नहीं करूँगा और तुम्हारी हर ज़रूरतों को पूरा करूँगा.. लेकिन में हमेशा के लिए तुम्हारे साथ नहीं रह सकता हूँ.. लेकिन तुम्हे जब भी मेरी ज़रूरत होगी में हाज़िर हो जाऊंगा और इस अंजान शहर में आज पहली बार मुझे भी कोई अपना समझने वाली मिली है.. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि में तुम्हे छोड़ दूँगा.. अभी एक महीने तक में तुम्हारे साथ ही रहूँगा और तुम्हे पति का पूरा प्यार दूँगा. दो दिन बाद दादाजी का हॉस्पिटल से डिसचार्ज हो जाएगा. उसके अगले दिन ही तुम एक हफ्ते की छुट्टी ले लेना हम दोनों एक साथ बाहर घूमने जाएँगे तुम इसे हमारा हनिमून समझ लेना. तो यह बात सुनकर सविता बहुत खुश हो गयी और उसके बाद हम दोनों बाथरूम में फ्रेश होने के लिए गए और वहाँ पर मैंने फिर एक बार उसे जमकर चोदा. फिर दो दिन बाद हम दोनों शिमला के लिए निकल गये. वहाँ पर हमने 6 दिन गुज़ारे और उस दौरान मैंने सविता को दिन रात चोदा और शिमला के ठंडे मौसम में हमने बहुत मस्ती की और 6 दिन के बाद हम वापस आ गये.. लेकिन आने के बाद भी 20-25 दिनों तक हम दोनों साथ साथ रहे.

फिर उसके बाद में छुट्टियों पर सविता के साथ ही रहता था.. कभी कभी तो वो मेरे साथ मेरे घर में रहती थी और अब तो में रोज़ उसे चोदने लगा और हम दोनों मस्ती करने लगे और यह सब ढाई साल तक चलता रहा क्योंकि उसके बाद रोहन को एक अच्छी नौकरी मिल गयी तो वो सविता की नौकरी छुड़ाकर अपने साथ ले गया. उस दिन के बाद हमारा मिलना बंद हो गया. आज भी सविता यादों के रूप में मेरे दिल में बसी हुई है ..

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40 साल की नर्स की चुदाई