एक हसीन देसी लड़की से मुलाक़ात और चूत चुदाई

एक हसीन देसी लड़की से मुलाक़ात और चूत चुदाई

नमस्कार दोस्तो, मैं जैकब आपके सामने पेश कर रहा हूँ अपनी ज़िन्दगी की पहली सेक्स कहानी लेकिन इसका सच्चाई से कोई संबंध नहीं है।

मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 20 साल है।

बात दो दिन पहले की है जब मैं किसी ईशा कपूर नाम की हसीं सी लड़की से gmail हैन्गआउट द्वारा बातचीत कर रहा था।
जानने पर पता चला कि वो दिल्ली की रहने वाली है। हम धीरे धीरे एक दूसरे को ज्यादा जानने लगे।
दोस्तों आप यकीन नहीं करोगे कि मैंने तीसरे दिन ही उससे सैक्स क़ी बात करना शुरु कर दी। उसने भी मेरा साथ दिया और मेरे साथ हसीं मज़ाक़ करने लगी।
अब मुझे यकीं हो गया था कि हो न हो यह लड़की तो मुझसे गहरी दोस्ती क्षमता रखती है।

मैंने उससे ‘हथियार’ आदि की बात की तो वह जवाब में मुस्कुरा दी।
मैं तो सातवें आसमान पे था, मैंने उससे पूछा कि हथियार देखना चाहती है?
तो उसने हां में ज़वाब दिया।

मैंने तुरंत अपने लंड की तस्वीर भेजी, वो मुस्कुरा दी।
फिर मैंने उससे उसके मम्मों के बारे मे पूछा तो उसने कहा 32″ के हैं।
मैं ख़ुशी से झूम उठा कि किसी लड़की ने पहली बार मुझे इस तरह जवाब दिया है।

फिर मैंने उससे पूछा कि उसने क्या पहना हुआ है अभी?
तो उसने कहा कि वो अभी लैपटॉप पे मुझसे चैट कर रही है और टी शर्ट और कैप्री में है।
मैंने उसे पूछा- तुमने ब्रा ओर पैंटी भी पहनी है?
तो उसने हां में ज़वाब दिया।

उसने पूछा- क्या तुम चाहते हो कि मैं ब्रा पैंटी उतार दूँ?
तो मैंने हाँ कर दी।
उसने उतारने के बाद मुझे बताया… मैं बहुत खुश हुआ।

फिर मैंने उससे मिलने का आग्रह किया तो उसने कहा कि कुछ समय बाद!
मैंने कहा- ठीक है।

फिर एक दिन उसका सन्देश आया कि वो मुझसे मिलना चाहती है।
मैंने तुरन्त हाँ कर दी और हमने करोल बाग में मिलने के निश्चय किया।

मैं उस दिन सुबह जल्दी तैयार होकर वहाँ पहुँचा तो पाया कि एक खूबसूरत सी लड़की मुझे देख कर मुस्करा रही है। मैं उससे हाथ मिलाने के लिये आगे बढ़ा और फिर हम एक साथ दिल्ली घूमने निकले।

हम दोनों मैट्रो से राजीव चौक के लिये चल दिये। भीड़ ज्यादा होने के कारण हम दोनों बहुत क़रीब खड़े थे। मैं उसकी साँसें सुन सकता था।
मैंने धीरे से हाथ उसकी कमर पे रख दिए, उसने कुछ नहीं कहा।

फिर मैंने धीरे धीरे अपने हाथ उसके चूतड़ों पे ले जाने शुरु किये, उसने मेरा कोई विरोध नहीं किया। फिर वो धीरे से मेरे करीब आई और मेरे कान में कहा- जैकब, मैं तुम्हारी हूँ।
यह सुन कर मुझे बहुत खुशी हुई और मैंने उसे कहा कि अगर उसे परेशानी ना हो तो क्या वो मेरे साथ मेरे फ्लैट में चलेगी?
तो वह राज़ी हो गई।

मैंने उसे अपने घर ले जाने का निश्चय किया। रास्ते में मैंने कंडोम के पैकेट खरीद लिये और उसके लिखे केक और चॉकलेट भी ले लीं। फ्लैट में पहुंचते ही मैंने उसे कहा कि मैं उसके लिये कॉफी बना के लाता हूँ।

उसने कहा कि आज वो मेरे लिये कॉफ़ी बनाएगी।
मैंने उसे किचन दिखा दी तथा कॉफी का सामान भी दिखा दिया।
फिर जब वो कॉफ़ी बनाने लग़ी तो मैंने पीछे से उसे अपनी बाहों में भर लिया… वो कसमसाने लगी, फिर एक मिनट बाद वो मुड़ी और मुझे होठों पर गहरा चुम्बन दिया।

हम 10 मिनट तक एक दूसरे को चूमते रहे, फिर मैंने उसके मम्मों पे चुम्मा दिया तो वो शरमा गई।
मैंने उसे कहा- मैं तुम्हारी चूची और निप्पल को चूसना चाहता हूँ।
उसने मेरा सिर अपने मम्मों पे ज़ोर से दबा लिया, मैंने उसकी चिकनी चूत के ऊपर से ही सहलाना शुरु कर दिया।

मैंने धीरे धीरे करके उसके सारे कपड़े उतार दिए, वो अब सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी। फिर उसने जल्दी से मेरे सारे कपड़े उतार दिये।
मैं उसे उठा कर कमरे में ले गया और फिर उसे चूमने लगा।
फिर मैंने उसकी पेन्टी में उंगली डाल दी, उसने ‘आह आह…’ की आवाज़ें निकालनी शुरू कर दी।

मैंने पीछे से उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके मम्मे मेरे सामने थे।

मैंने फ्रिज में से केक निकाला और उसके मम्मों पर लगा दिया और चूसने लगा।
उसकी सिसकारियाँ तेज़ हो रही थी।
मैंने दूसरे हाथ से उसकी पैन्टी उतार दी, फिर मैंने उसकी चूत में भी केक लगा दिया और उसकी चूत की दरार में उंगली डाल कर खोला और उसमें केक ठूँस दिया।

उसकी सिसकारियाँ बढ़ती जा रही थी
‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

फिर मैंने उसकी चूत पे अपने होंठ रख दिए, उसकी आनन्द मिश्रित चीख़ निकल पड़ी। मैं उसकी चूत में अपनी जीभ डाल कर केक खाने लगा।उसकी मादक आवाज़ें मुझे और ज्यादा उकसा रही थी।

वह चरम सीमा पर पहुंच गई और जोर से झड़ने लगी, मैंने उसकी चूत का सारा रस अपने मुँह में भर लिया और उसके मुँह के पास आकर उसके मुख को चूमने लगा और हमने उसके कामरस को बाँटा।
उसने मुझे कहा- जान, अब मेरी बारी है।
उसने मेरा अंडरवियर उतार कर मेरा लंड अपने कोमल हाथों में लिया और हिलाना शुरु कर दिया।
देखते ही देखते उसने मेरा पूरा लंड अपने मुख में ले लिया।

5 मिनट में मैं झड़ने वाला था तो उसने ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरु कर दिया और मैं उसके मुँह में झड़ गया।
फिर उसने अपने होंठ मेरे होंठों से चिपका के मेरा काम रस बांटा।

उसके बाद मैंने उसे अपनी बाँहों में लिया ओर उसकी चूत को फिर से चाटा।
वह गर्म हो गई थी और मेरा लंड लेने के लिए तड़पने लगी।

मैंने देर न करते हुए लंड पर कण्डोम चढ़ाया और उसकी चूत में अपना हथियार घुसा दिया।
उसे थोड़ी तकलीफ हुई मगर ख़ून नहीं निकला जिससे पता चलता है कि वो पहले भी चुद चुकी है।

कुछ देर बाद मैंने आसन बदलने को कहा और उसे घोड़ी बना कर चोदा।
फिर कुछ देर बाद उसे बाँहों में उठा कर उछाल उछाल के चोदा।
उसने कहा कि उसकी ऐसी चुदाई पहले कभी नहीं हुई।

मैं ख़ुश था कि वो इस चुदाई से खुश है।

फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए।

हम इतने थक गए थे कि हम नंगे ही सो गये।
कुछ घंटे बाद जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा वो मेरे बगल में नहीं है। मैंने जाकर देखा तो वो किचन में मेरे लिये ख़ाना बना रही थी।
मैंने उसे प्यार से माथे पर चूमा और वो मुझसे लिपट गई।

हमने खाना खाया और मैंने उससे पूछा- अब क्या प्रोग्राम है?
उसने कहा कि वह एक सप्ताह तक मेरे साथ ही रहेगी।

फिर हम बाज़ार गए और उसके बाद कई दिन तक साथ साथ रहे।

तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी यह हिन्दी सेक्स स्टोरी?
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