आंचल के आँसू

आंचल के आँसू

लेखिका : आंचल शर्मा

हाय दोस्तों !

मैं आंचल शर्मा जम्मू की रहने वाली हूँ।

मैंने कभी जीवन में सोचा नहीं था कि मेरे साथ ऐसा कभी हो सकता है पर जो हुआ सिर्फ़ मैं और आशु जानते हैं जो मेरा क्लासमेट हुआ करता था। कभी हम अच्छे दोस्त थे।

वो काफी आकर्षक, लम्बा, सुंदर लड़का था। हम अच्छे दोस्त थे।

पर एक दिन हम कॉलेज टूर के साथ हिमाचल गये। सब जगह घूमे। उसने मुझे कहा कि यहाँ मेरे एक रिश्तेदार हैं। उनसे मिल कर आते हैं।

मैंने भी हाँ कर दी।

मुझे नहीं पता था कि वो मेरे साथ सेक्स करने के लिए ले जा रहा है।

वो मुझे एक घर में ले गया। वहां कोई नहीं था, सिर्फ़ एक लड़का था, वो उसका दोस्त था।

उसने कहा- सब ठीक है, जा अन्दर।

तो अन्दर जाते ही उसका देखने का तरीका बदल गया। उसने मेरे स्तनों पर जोर से हाथ मारा।

बोला- कुछ कीड़ा चल रहा था।

मैंने भी इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। उसने डी वी डी लगाई, टी वी चलाया और एक व्यस्क फ़िल्म लगा दी।

मैंने कहा- छी ! बंद करो !

वो मेरे पास आ गया और मेरी पैंट खोलने लगा।

मैं वहां से उठ गयी।

फिर बोला- मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ।

अचानक मेरा ध्यान टी वी पर गया। लड़की लड़के का लंड चूस रही होती है।

मैंने कहा- बंद करो !क्या गंदगी है ये !

उसने मुझे सोफ़े पर लिटा दिया और मेरी जैकेट खोल दी, बोला तुम भी ऐसा करोगी तो मजा आएगा।

मैंने कहा- नहीं ! बिल्कुल नहीं ! उसने मेरे होंठ चूसने शुरू किए। मुझे भी कुछ हो रहा था। बस फिर मेरे स्तन दबाने लगा। मुझे कुछ अजीब सा लगने लगा। मेरे हाथ ख़ुद ही उसकी पीठ पर चले गये। उसने फिर मेरा टॉप उतार दिया।

मैंने आँखें बंद कर ली। फिर उसने जबरदस्ती पैंट भी खोल दी। अब मैं सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी।

उसने फटाफट अपना लौड़ा निकला और मेरे मुंह पे लगाने लगा।

मैंने मुंह पीछे करके थूक दिया।

उसने कहा- चूस तो सही ! हमेशा मांगेंगी !

जबरदस्ती डाला उसने। मुझे उलटी आ गयी।

वो मेरी योनि को सहलाने लगा। मैं साफ़ थी, उसने चाटना शुरू किया, मेरी हालत ख़राब हो गयी। मैंने अपनी टाँगें बंद कर ली।

फिर उसने लंड अन्दर डालना चाहा पर नहीं गया अन्दर।

उसने टाँगें उठा दी मेरी और जोर से पूरा डाल दिया।

मैं जोर से चिल्लाई पर वो करता रहा्।

मेरे खून भी आ गया पर उसने परवाह नहीं की।

फ़िल्म भी चल रही थी। काफी देर मैं रोती रही, उसने नहीं सुना।

वो स्खलित हो गया। फिर बोला पीछे से मारने के लिए।

मैंने साफ़ इंकार कर दिया और मैंने कपड़े पहन लिए।

उसकी इस गलती की वजह से आज मैं शादी करने से भी घबराती हूँ।

पर मेरी बद-दुआ उसको लगेगी जरूर !

मेरी जिन्दगी उसने खराब की है ! आप लोग ऐसा मत करना किसी के साथ !

यह मेरी निजी और सच्ची बात है न कि कोई कहानी है।

….और आप लोग मन-घड़ंत बेकार की कहानी मत लिखो….!

जो लोग अपनी माँ बहिन को बख्शते कहानियों में, उनको ज़हर खा कर मर जाना चाहिए !

….यह मेरा पहली और आखिरी बात है आप लोगों से !

नमस्कार !

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