चाची की भतीजी मेरी जानम मेरा प्यार

चाची की भतीजी मेरी जानम मेरा प्यार

मेरा नाम माही है.. मैं करनाल का रहने वाला हूँ। मैं कम्पूटर साइंस में बीटेक कर रहा हूँ। मैं छुट्टियों में घर आ रहा था और मैं रात को निकला और सुबह-सुबह घर पहुँचा और आ कर सो गया।

फिर दस बजे उठा.. नहाया.. तैयार हुआ और सबसे मिला-जुला.. चचेरे छोटे भाई-बहन से मिला.. उनसे प्यार किया। वो मुझसे 8-10 साल छोटे हैं।

चाची की भतीजी भी आई हुई थी.. उसका नाम वीनस था और सब उसे वीनू बुलाते थे। मैं वीनस से कोई 11-12 साल बाद मिला था। बचपन में कभी वो हमारे घर आई थी। मैं उसे देख कर एक नज़र में ही पहचान गया था। उसने भी मुझे पहचानने में देर न लगाई और हम दोनों खुश हो गए और साइड से गले मिले.. हाल-चाल पूछा और बातें करने लगे।

मुझे वीनस पहली नज़र में ही पसंद आने लगी, उसकी ख़ूबसूरती बेमिसाल थी.. गोरा गुलाबी रंग.. 5.5’ का मस्त छरहरा कद.. उसके काले लम्बे.. सुन्दर सुलझे खुले बाल.. उसकी ख़ूबसूरती को सेक्सी बना रहे थे।
उसकी अदाएं बहुत हसीन थीं। उसकी मुस्कान इतनी प्यारी थी.. जैसे जन्नत की परी हो। वो पूरी मॉडल लग रही थी।

वो मुझ में पूरा इंटरेस्ट ले रही थी, उसने मेरे बारे में सब कुछ पूछा। हम दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह जान लेना चाहते थे।
उसने मुझे बताया- मैं भी बीटेक कर रही हूँ।

वीनस मुझ से 2 साल छोटी थी। उसकी लाज़वाब सुन्दरता को देख कर मैं खुद को रोक न पाया और मैंने कह दिया- वीनस तुम बहुत खूबसूरत हो गई हो।
वीनस शर्माती हुई मुस्कान के साथ बोली- तुम भी हीरो बन गए हो.. बचपन में नहाने से डरते थे।
मैंने कहा- वो बचपन था.. अब मैं स्विमिंग चैंपियन हूँ।

तभी मेरे फोन पर एक दोस्त का मैसेज आया, मैंने जोक पढ़ा और खुल के हँसने लगा, जोक बहुत मस्त था.. मेरी हँसी नहीं रुक रही थी।

वीनस मुझे देख कर हँसने लगी, उसने कहा- क्या है.. मुझे भी बताओ।
मैंने उसे जोक पढ़ाया और वो भी जोर-जोर से हँसने लगी।

हमें हँसते देख कर चाची बोलीं- क्या हुआ है.. कण्ट्रोल करो।
मैंने कहा- जी चुटकुला है.. बहुत अच्छा।

फिर वीनस ने कहा- मेरे मोबाइल पर सेंड कर दो प्लीज।
मैंने कहा- अपना नम्बर दो।
उसने फोन नंबर दिया.. मैंने उसे सेंड कर दिया और हमारे नंबर भी शेयर हो गए।

इतने में मम्मी आ गईं और बोलीं- लंच में क्या बनाऊँ.. क्या खाओगे?
मैंने कहा- मैंने अपने दोस्त को प्रोमिस किया है कि लंच आज उनके घर करेंगे इसलिए मुझे जाना होगा।
मम्मी ने कहा- चल ठीक है.. पर शाम को जल्दी आइओ और वीनस को कहीं घुमा ला.. कल से सारा दिन तेरी रह देख रही थी। उसे भी अपने खेत गाँव शहर दिखा।

वीनस की तरफ मैंने देखा और कहा- ठीक है.. 4:30 पर चलेंगे.. तैयार रहना।
वीनस बोली- जैसे आपको सही लगे।

इतने में दोस्त का फोन आ गया, मैं उसके घर चला गया, खाना खाया.. बातें की और 4 बजे घर आ गया।

घर आ कर कपड़े बदले और देखा कि वीनस भी तैयार हो चुकी थी। वो हुस्न की मलिका लग रही थी.. इतनी सुन्दर लड़की को मैं पहली बार देख रहा था, वीनस ने मेरे दिल पर जादू कर दिया था, मुझे उससे प्यार हो गया था, मैं उसका दीवाना हो गया था।
फिर हम चलने लगे।

मैंने कहा- और किसी को साथ जाना है?
मम्मी बोली- नहीं.. तुम दोनों जाओ.. कोई और जाएगा तो तुम एन्जॉय नहीं कर पाओगे।

मैं और वीनस बहुत घूमें, मैंने उसे पूरा शहर दिखाया, हमने एक-दूसरे की तस्वीरें खींची।
मैं और वीनस बहुत ही एन्जॉय किया मैंने कहीं कमी नहीं छोड़ी.. फुल मौज-मस्ती की.. वो बहुत खुश थी।

घूमते-घूमते हम घर से 30 किलो मीटर दूर निकल गए और रात के 8:30 बज गए। फिर हम घर की ओर मुड़े। अब तक अँधेरा हो चुका था और चाँदनी रातें थीं तो मस्त चांदनी छाई हुई थी।
हमारे शरारती दिमाग पूरे खुल चुके थे, वीनस पीछे बैठी कभी हवा में अपनी बाँहें झुलाती.. कभी शोर मचाती.. चिल्लाती ‘होओ ओओओ.. मैं आज बहुत खुश हूँ माही..

मैं भी पूरी कूकें मार रहा था। मैंने बाइक की स्पीड 80 तक बढ़ा दी.. उसके खुले बाल हवा में लहराने लगे।
तभी उसने अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया, थोड़ी आगे को हुई और मुझे कस के पकड़ लिया।
उसके नर्म हाथ मेरे पेट पर लिपटे हुए थे.. ये एहसास बहुत अच्छा था।
उसके चूचे मेरी पीठ पर दबे हुए थे।
हम दोनों चुप हो गए और मूड अब दोनों का बहुत रोमाँटिक हो चला था।

मैंने स्पीड को धीरे-धीरे 50 पर कर दिया और हम में अभी शर्म थी.. झिझक थी.. हम बात नहीं कर पा रहे थे। मैं सोच रहा था कि अब कैसे कहूँ कि सीधे बैठो.. घर आने वाला है।

अब तक 9 बज चुके थे और मैं घर से सिर्फ 5-7 किलोमीटर की दूरी पर था.. तभी मेरा फोन बजा और वो सीधी बैठ गई।
फोन घर से था.. मैंने फोन उठाया और बताया- बस पहुँचने वाले हैं.. ओके।
उसके बाद उसने मेरे कंधों पर दोनों हाथ रख दिए और घर आते ही हटा लिए।

रात को 11बजे हम सोने लगे.. तो मैं अपने कमरे में चला गया। घर में ऊपर 2 कमरे हैं। एक कमरे में.. और मैं मेरा भाई और बहन सोते हैं। कमरे में एक डबलबेड और एक बच्चों वाले बेड के ऊपर बेड लगा हुआ है।

कल रात तक तो उसमें वो तीनों सोए थे.. पर आज मैं भी था। छोटा भाई और बहन बिस्तर पर सोए हुए थे। मैंने बहन भाई को उठा कर उनके छोटे बेड पर सुला दिया। वो दूसरे कमरे में कपड़े बदल कर आई। वो नाईट ड्रेस डाल कर आई थी.. नाईटी में वो बहुत सेक्सी लग रही थी।

अब हम दोनों बिस्तर पर थे, हमें नींद कहाँ आने वाली थी, हम बातें करने लगे और एक-दूजे को जानने लगे।
मैंने उससे पूछा- तुम्हारे दोस्त हैं?
उसने कहा- हाँ हैं।
मैंने कहा- कोई बॉयफ्रेंड बनाया है?
उसने कहा- अभी तक कोई लायक लगा नहीं। मैं दिल उसे दूंगी जो मुझे अच्छा लगेगा.. जो मेरे दिल की तरंगों को छू जाएगा।
‘हम्म..’
फिर वीनस बोली- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मेरा जवाब भी ‘न’ था.. मुझे प्यार करने वाली कोई सच्ची और अच्छी लड़की मिली ही नहीं थी। पता नहीं कब मिलेगी.. मेरे पैसे को प्यार करने वाली लड़कियाँ बहुत हैं और इसलिए मैं ज्यादा लड़कियों से बात नहीं करता.. उनसे दूर रहता हूँ।

उसके बाद हमने ‘गुड-नाईट’ कहा और सो गए। हमने रात को कोई हरकत नहीं की।

सुबह मैं 4 बजे उठा और जॉगिंग पर जाने लगा..
तभी वो भी उठ गई और बोली- मुझे भी जाना है।

फिर हम दोनों जॉगिंग करने चले गए।
मैं उसे अपने खेत दिखा कर लाया.. सुबह की ख़ूबसूरती दिखा कर लाया.. उसकी ख़ूबसूरती और छलकते चूचे बहुत मस्त लग रहे थे। उस दिन हम सारा दिन घूमे और उसके अगले दिन भी घूमें. सुबह सैर पर जाते और रात को साथ सोते..

इस हम रात को लौटते वक़्त रोमाँटिक मूड में होते.. तो वो मुझे पकड़ लेती थी, उसे उठा कर फोटो खिंचवाई.. उसे जफ्फी डाल कर बाँहों में भर कर तस्वीरें खिंचवाईं।
एक-दूजे के हाथ पकड़ कर चलते.. घूमते-फिरते.. साथ-साथ खाना खाते.. खेलते और मजाक करते थे।
हमने मूवीज भी देखीं और बहुत प्यारे-प्यारे पल.. रोमाँटिक प्यारे लम्हे बिताये.. दिल खुशियों से भर गए थे।

अगर सारे लम्हे बताऊँ.. तो बहुत लिखना पड़ेगा। हम दोनों को एक-दूजे से प्यार.. बहुत प्यार गहरा प्यार हो गया था। दिल मिल चुके थे.. तरंगें छिड़ गई थीं। मैं और वीनस एक-दूजे के हो चुके थे.. बस अब प्यार का इज़हार होना बाकी था।

आज पांचवी रात थी। रात के कोई 12 बज चुके थे.. रात को सोने के लिए मैं जब ऊपर गया.. तो देखा वीनस कमरे में नहीं थी, दूसरे कमरे में भी नहीं और बाथरूम की लाइट भी बंद थी।
मैंने सोचा शायद ऊपर सुहानी रात के मजे लेने गई होगी। आज पूर्णिमा थी.. जब मैं ऊपर छत पर पहुँचा तो देखा कि वीनस चाँद को निहार रही थी और एकटक उसे देख रही थी।

मेरे दरवाजे खोलने बंद करने की आवाजें और सीडियों पर चढ़ने की आवाज़ से उसे मेरे आने का अहसास हो गया था।
वो चाँद की तरफ देख रही थी और बोली- आज चाँद बहुत खूबसूरत लग रहा है।

मैं उसे देख रहा था.. उसने सफ़ेद रंग का नाईट सूट डाल रखा था और चाँदनी में मेरे लिए तो वीनस चाँद लग रही थी।
मैंने कहा- हाँ.. सच में बहुत खूबसूरत है।

मैं वीनस के पीछे गया और उसकी बाजुओं को पकड़ लिया। अपना हाथ उसकी बाजुओं से सरकाते हुए मैंने उसके हाथ पकड़ लिए और उसके हाथ उसके पेट पर रख दिए।
मैंने वीनस को कस के बाँहों में भर लिया.. उसके साथ चिपक गया।

मैंने कहा- अब मेरा चाँद मेरी बाँहों में हैं।
मेरे इतना कहते ही वो मेरी तरफ घूमी और मेरे सीने लग गई और मुझे कस के पकड़ लिया।
मैंने भी उसे बाँहों में भर लिया, हम एक-दूजे की बाँहों में गुम हो गए।

एक-दो मिनट बाद मैंने उसे सीने से हटाया और उसकी ठोड़ी को पकड़ कर उसका मुँह ऊपर उठाया.. वो शर्मा रही थी।
मेरे चेहरे पर मुस्कराहट आ गई और वो भी मुस्कुराने लगी।
अब राज खुल चुके थे।

तभी मैं अपने एक घुटने पर झुका और अपने प्यार का इज़हार किया- आई लव यू वीनस..
तो वीनस की स्माइल अब ख़ुशी में बदल गई और उसने अपनी दोनों बाँहें फैला दीं।
मैं खड़ा हुआ और उसे कमर से पकड़ा और उठा दिया।

फिर मैंने उसे कस के सीने से लगाया और कहा- तुम्हारा जवाब सुनना है मुझे..
उसने बहुत ही ख़ुशी से कहा- तुमने मेरे दिल की तारें छेड़ दी हैं.. लव यू टू माही.. आई लव यू माही लव यू..
फिर मैंने वीनस का हाथ पकड़ा और उसे नीचे कमरे में ले आया और उसे बाँहों में उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और मैं उसके ऊपर लेट गया।

हम दोनों एक-दूसरे की आँखों में आँखें डाल कर देख रहे थे और मुँह से साँसें ले रहे थे।
मैं- वीनस मैं तुम्हें सारी रात प्यार करना चाहता हूँ।
वीनस- मैं अब तन मन से आपकी हूँ।

मैं वीनस के होंठों से होंठ मिला कर किस करने लगा और वीनस भी किस करने लगी। हम दोनों एक-दूजे की जीभ चूस रहे थे और बहुत देर तक चूमते रहे।
फिर मैंने वीनस को बिठाया.. पहले अपने कपड़े उतारे और उसकी टी-शर्ट और अफगानी उतार दी और ब्रा खोल दी।
ब्रा खुलते ही वीनस शर्माने लगी और मैंने उसे लिटा दिया और उसके मोटे-मोटे मम्मों को चूसने लगा और दबाने लगा।

मेरी वीनू अब सिसकारियाँ भरने लगी, उसकी ‘आअहा हह्हम्ह्ह आहाहहह..’ की आवाजें मुझे और उत्साहित कर रही थीं, मेरा लौड़ा वज्र का बन चुका था।
यह मेरा भी ज़िन्दगी में पहला सेक्स था और वीनस का भी..

मैं वीनस के मम्मों को बहुत बेदर्दी से चूस रहा था.. उसके मम्मे सख्त हो गए और निप्पल पर काट लेता था।
वीनस की त्वचा बहुत ही कोमल थी और हसीन भी.. उसका बदन चमकने लगा था, हम दोनों तपने लगे थे।

मैंने वीनस की गर्दन को बहुत चाटा.. फिर उसके कंधे.. उसकी बाँहें.. उसके हाथ और प्यारी-प्यारी उँगलियाँ भी चूम-चाट रहा था।
मैं वीनस के पेट पर चूमने-चाटने लगा.. अब मुझे और भी चुदास चढ़ रही थी।

वीनस मेरे बालों में अपने हाथ फेरने लगी, वो मेरी गर्दन और कमर पर भी हाथ फिरा रह रही थी, अपना पेट और छाती उठा-उठा कर वो बल खाने लगी और सिसकारियाँ भर रही थी.. तड़प रही थी।
वो कामातुर होकर वक्त का पूरा आनन्द ले रही थी। ये उसकी जिंदगी की पहली रात थी.. हमारी बिन ब्याही सुहागरात थी।

मैंने वीनस की नाभि में जीभ लगाई.. कि वीनस मचल गई और अपने मम्मों को दबाने लगी।
मैंने उसके मम्मों को दबाया और फिर मम्मों को चूसने लगा, उसका तन-बदन बिन पानी की मछली सा मचल उठा था।

अभी तो असली चीज़ बाकी थी।
अब मैंने अपना कच्छा उतार दिया और उसकी प्यारी सी पैन्टी को भी उतार दिया। असली चूत को जिंदगी को मैंने पहली बार देखा.. आह्ह.. कितनी सुन्दर चीज़ है ये.. एकदम चिकनी.. नई नवेली चूत..
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उसकी चूत से पानी टपक रहा था, मैंने पानी को साफ़ किया और अपनी प्रेमिका की अनछुई योनि को चाटने लगा।
वीनस ने मुझे एकदम बालों से पकड़ा और ऊपर को खींच लिया और मुझे होंठों पर जोर-जोर से चूसने लगी।
मैं भी उसे चुम्मी पर चुम्मी करने लगा।

फिर मैं खड़ा हुआ और वीनस की टांगें फैला दीं.. मैंने लौड़े को चूत पर रगड़ा और हल्का सा अन्दर धकेल दिया.. और एक लंबा झटका लगा दिया।
वीनस ने ‘आह्ह्ह..’ की आवाज़ निकाली और मैंने एक और झटका मार दिया।
मैंने लौड़ा अन्दर तक पेल दिया था.. वो दर्द से छटपटा रही थी।

मैं रुक गया, वीनस ‘आह्ह्ह.. आह्ह..ह्ह्ह..’ करती हुई चिल्ला रही थी, वो कभी अपने बाल नोंचती.. कभी बिस्तर की चादर को.. कभी तकिए को.. और कभी मेरे हाथों को.. जिनसे मैंने उसके मम्मे दबा रखे थे।
वीनस बोली- आह्ह.. माही.. बहुत दर्द हो आह्हा.. रहा है.. माही बस करो.. आआह्ह्ह्ह..

मैं वीनस के ऊपर लेट गया और कुछ भी नहीं बोला, उसके रसीले होंठों को चूसने लगा.. उसे काफी देर तक किस किया।
लौड़ा बाहर को सरक चुका था.. मैंने फिर से लौड़ा चूत में टिकाया और धीरे से झटका लगाया और धीरे-धीरे झटके लगाने लगा।
वीनस मेरी कमर को नोंचने लगी और कमर पर हाथ फेरने लगी।

मैं होंठों में होंठ डाले हुए था.. अपना बायां हाथ उसकी गर्दन के नीचे दे रखा था और दायें से उसका बायाँ चूचा दबा रहा था।
उसके दोनों हाथ मेरे सिर और कमर को सहला रहे थे और वीनस ने अपनी टांगें मेरी कमर पर लपेट दीं।

अब मैंने झटके तेज कर दिए.. वीनस ‘अह आह्ह अह्ह्ह्ह..’ कर रही थी, उसकी आँखों में आंसू आ गए थे।
थोड़ी देर झटके लगाने के बाद वीनस को मजा आने लगा, वीनस अब चुदाई का पूरा मजा ले रही थी.. वो मेरी कमर को सहला रही थी।

मैंने अब झटके और तेज कर दिए और और मेरा सारा वीर्य वीनस की चूत में छूट गया.. मुझे बहुत मजा आया।

उसके बाद मैंने वीनस को 3 बार चोदा हर बार माल देर से छूटने लगा.. मैंने हर बार माल उसकी चूत में छोड़ा और फिर हम दोनों थक कर सो गए।
उसके बाद सुबह भी हमने सेक्स किया।

वीनस उसके बाद 8 दिन और रुकी.. मैंने हर रात सुहागरात की तरह मनाई। हम दोनों एक-दूजे को बहुत प्यार करने लगे थे।
वीनस के जाने के बाद हम फोन पर बात करते थे.. कुछ दिन बाद मैंने घर में मम्मी-पापा को बता दिया कि मुझे वीनस से प्यार हो गया है.. वीनस मेरी गर्लफ्रेंड है और मैं उससे ही शादी करूँगा।

फ़िर मैंने अपनी चाची को भी बता दिया कि वीनस और मैं एक दूसरे को पसन्द करते हैं और मम्मी पापा को भी वीनस पसन्द है।

चाची ने कहा- तू बेफिक्र रह बेटा.. मैं भी यही चाहती हूँ कि मेरी भतीजी मेरी बहू बन जाए।

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