आंटी की चूत को चोदकर लाल किया

आंटी की चूत को चोदकर लाल किया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और में नई मुंबई से हूँ, में 21 साल का एम.बी.ए. Ist ईयर का स्टूडेंट हूँ, सामान्य बॉडी, मस्त बंदा हूँ और अपनी लाईफ का एक ही फंडा है खुश करो और खुश रहो। मेरा 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड है, जो कि बहुत लड़कियों को संतुष्ट कर चुका है। वैसे में कर्नाटक से हूँ और मुंबई से एम.बी.ए. कर रहा हूँ और अपने दोस्तों के साथ रहता हूँ। मेरी इस साईट पर यह पहली स्टोरी है और उम्मीद है कि आप सबको पसंद आयेंगी।
अब में आप लोगों को बोर ना करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ। मुझे मुंबई आये बस 5 ही महीने हुए है, में जिस बिल्डिंग में रहता हूँ वहाँ दूसरे फ्लोर पर एक गुजराती फेमिली रहती है, पति, पत्नी और उनका एक 4 साल का बच्चा है, अंकल करीब 30 साल के होंगे और आंटी 27 साल की है, आंटी हाउस वाईफ है, उनका नाम रोशनी है, वो दिखने में बहुत ही खूबसूरत और सुंदर है और वो एक नंबर का कड़क आईटम थी। आप लोगों को पता ही है कि गुजराती आंटियां होती ही ग़ज़ब की है कातिलाना नज़रे, गोरा बदन, चिकनी कमर, किसी की भी नियत खराब कर दे, उन्हें देखकर मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जाए। जब भी में उन्हें देखता था तो उनके बूब्स से मेरी नज़र नहीं हटती थी, उनकी हाईट 5 फुट 4 इंच और उनका फिगर 36-28-34 है, वो हमेशा विदेशी कपड़ों में ही रहती है और वो ज़्यादातर ढीली टी-शर्ट में ही घूमा करती थी। मुझे हमेशा से अपने से ज़्यादा उम्र की लड़कियों/औरतों से सेक्स करने की चाह थी, जो इस आंटी ने पूरी कर दी थी।

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हमारा 3 फ्लोर का बिल्डिंग है, हुआ यह था कि जब में पहले दिन फ्लेट पर आ रहा था तो सीढ़ियों पर आंटी को देखा तो बस देखता ही रह गया, पता नहीं मुझे क्या हो गया था? लेकिन उन्हें 5 सेकेंड के लिए बस प्यार से देखता ही रहा और आंटी ने नोटिस किया, लेकिन कुछ जवाब नहीं दिया। शायद उन्हें मेरे देखने का अंदाज़ पसंद आ गया होगा। फिर अगले दिन से रोज़ सुबह जब में कॉलेज के लिए निकलता था तो आंटी अपने बच्चे को लेकर स्कूल की वैन के लिए इंतज़ार करती खड़ी रहती थी और शाम को अपने बच्चे को खेलने के लिए नीचे लाया करती थी। फिर क्या था? मुझे रोज़ आंटी के दर्शन होते थे, में सुबह शाम रोज़ उन्हें प्यार से देखा करता था। ये सिलसिला ऐसे ही चल रहा था, ये उन्हें भी पता था कि में रोज़ उनको देखता हूँ, तब तक उनके लिए मेरे मन में कुछ ग़लत विचार नहीं थे। फिर करीब एक हफ्ते के बाद जब शाम को में कॉलेज से लौट रहा था तो रोज़ की तरह वो नीचे अपने बच्चे के साथ खेल रही थी।

फिर अचानक से जब वो बॉल उठाने के लिए मेरे सामने झुकी तो में बस उसको देखता ही रह गया, क्या ग़ज़ब के बूब्स थे उनके? राउंड शेप, एकदम गोरे-गोरे बूब्स देखकर मेरा लंड वहीं खड़ा हो गया। अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ? अब मेरी हालत खराब हो गई थी, उन्हें पता चल गया था कि में उनके बूब्स को देख रहा हूँ। फिर में अंजान बनकर आगे बड़ रहा था तो आंटी ने मेरी तरफ देखकर एक नॉटी सी स्माईल दे दी। अब मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में कैसे बर्ताव करूँ? फिर मैंने भी स्माईल की और अपने रूम की और आगे बड़ा। फिर घर आकर में सीधा मुठ मारने बाथरूम में चला गया। अब उनके गोरे-गोरे बूब्स को याद करके में मुठ मारने लगा। फिर बाहर आने के बाद उनके लिए मेरी नियत एकदम से बदल गयी। अब बस में उन्हें किसी भी तरह से चोदना चाहता था, लेकिन में कोई परेशानी भी नहीं लेना चाहता था, क्योंकि में मुंबई में नया हूँ और मुश्किल से इस बिल्डिंग में फ्लेट मिला था तो ये सब ध्यान में रखते हुए में कोई कदम नहीं उठा रहा था। फिर मैंने उस रात उनको सोचकर 3 बार और मुठ मारी। एक तरफ उनको लेकर मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और दूसरी तरफ ये सोसाइटी का डर भी था।

फिर मैंने यही फैसला लिया कि में अपनी तरफ से कोई स्टेप नहीं लूँगा। फिर अगले दिन सुबह जब में कॉलेज के लिए निकला तो मैंने नोटिस किया कि आंटी का व्यवहार में बदलाव हो गया था। फिर जैसे ही में सीड़ियों से उतरा तो उसने मुझे देख लिया और अजीब से घूरने लगी तो में समझ गया कि अब आग दोनों तरफ लगी है और लाईन भी साफ़ थी, लेकिन फिर भी कोई आगे नहीं बड़ रहा था। अब मुझे उनके व्यवहार से ऐसा लग रहा था कि शायद वो अपने पति से संतुष्ट नहीं थी, वैसे भी उनका पति दिखने में कुछ खास नहीं था, उनके लिए वो पर्फेक्ट पति नहीं था। फिर में दिनभर कॉलेज में यही सोचता रहा कि क्या करूँ? आंटी को में खुद प्रपोज करूँ या इंतज़ार करूँ? अब मेरे दिमाग़ में बस यही चल रहा था और फिर जब शाम को में कॉलेज से घर लौटा तो आंटी गेट के पास खड़ी थी। मैंने उन्हें देखकर स्माईल किया, लेकिन उन्होंने अगला स्टेप उठा ही लिया।
फिर जैसे ही में उनके पास से गुज़रा तो उन्होंने हाय कहा और मैंने भी हाय कहा और पूछा कि क्या करते हो? नाम क्या है? और मैंने भी वही पूछा। तो उन्होंने अपना नाम रोशनी बताया और बोली कि मेरे हॉल की टूयूब लाईट चल नहीं रही है, तुम अगर थोड़ा चेक कर लो तो बड़ी मेहरबानी होगी, क्योंकि वॉचमैन भी आधे घंटे से दिखाई नहीं दे रहा है। फिर मैंने यह सुनते ही खुशी के मारे सीधा हाँ कर दिया, में अपने घर में इलेक्ट्रीशियन के छोटे मोटे काम कर लेता था तो मुझे उनकी मदद करने में कोई प्रोब्लम नहीं थी। फिर मैंने उसके घर जाकर चेक किया तो उनका टूयूब लाईट खराब हो चुका था। फिर मैंने दुकान से नया टूयूब लाईट लाकर चेंज करके उनको दे दिया।

फिर वो मेरे लिए जूस लेकर आई और कहने लगी कि थैंक यू सो मच, अगर आप ना होते तो पता नहीं मुझे और कितनी देर इसको ठीक कराने के लिए इंतज़ार करना पड़ता। फिर मैंने कहा कि एक पड़ोसी अपने पड़ोसी के काम ना आ सके तो वो पड़ोसी किस काम का तो उन्होंने भी एक नॉटी सी स्माईल दे दी। फिर हमने थोड़ी देर तक इधर उधर की बातें की और मैंने पूछा कि आपके पति क्या काम करते है? तो उन्होंने बताया कि वो एक कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर है और उन्हें आने में रात को रोज़ देर हो जाती है। फिर मैंने जानबूझ कर उनके बारे में पूछा कि आप क्या करती है? तो वो थोड़ा फ्रेंक हो गई और नॉटी सी स्माईल देकर कहने लगी कि आप तो ऐसे पूछ रहे है जैसे कुछ जानते ही नहीं हो तो में शॉक हो गया और सोचने लगा कि क्या बोलूं? इतने में उन्होंने कहा कि तुम किस सोच में डूब गये।

में – कुछ नहीं।

रोशनी – फिर वो पूछने लगी लाईफ कैसी चल रही है? गर्लफ्रेंड कैसी है तुम्हारी?

में – जी, मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और लाईफ तो मस्त चल रही है।

रोशनी – छुपाओ मत, तुम इतने स्मार्ट हो और तुम्हारे गर्लफ्रेंड नहीं है, ऐसा हो ही नहीं सकता है।

में – स्मार्ट लोग गर्लफ्रेंड नहीं बनाते है, वो तो बस दोस्त बनाते है।

रोशनी – अच्छा तो क्या हम दोस्त बन सकते है?

में – क्यों नहीं, आप कुछ चाहों और में मना करूँ ऐसा हो ही नहीं सकता। (एक नॉटी सी स्माईल के साथ)

रोशनी – अच्छा ऐसा क्यों?

में – आप हमारी पड़ोसी जो हो।

फिर हम एक दूसरे के इशारे अच्छी तरह से समझ रहे थे, लेकिन कोई खुलकर बात नहीं कर रहा था। फिर मैंने कहा कि मुझे अब चलना चाहिए तो उन्होंने जाते समय मेरा मोबाईल नंबर माँग लिया। अब रूम पर आकर मेरा तो खुशी का ठिकाना नहीं था और में बस उनके कॉल या मैसेज का इंतज़ार कर रहा था। फिर रात को करीब 1 बजे उनका मैसेज आया कि कल सुबह 9 बजे घर आ जाना, मुझे तुमसे कुछ कहना है। में समझ गया कि वो क्या कहना चाहती है? ये पढ़कर में पागल हो गया और जिसकी मुझे ख्वाहिश थी आखिरकार वो होने जा रहा था।

फिर में सीधा बाथरूम में मुठ मारने चला गया और रातभर यही सोचता रहा कि में उसे किस-किस पोज़िशन में चोदूं? क्योंकि पहले से मुझे शादीशुदा औरतों के साथ सेक्स करने का बड़ा मन था, लेकिन कभी मौका नहीं मिला था। फिर में सुबह 8 बजे उठा और रूम पार्टनर को बोल दिया कि मेरी तबियत खराब है तो में आज कॉलेज नहीं जा सकता। फिर जैसे ही वो लोग चले गये तो में नहाकर, फ्रेश होकर 9 बजने का इंतज़ार कर रहा था। सच बताऊँ तो उत्तेजना बहुत थी, लेकिन वो कहते है ना कि सब्र का फल मीठा होता है। फिर जैसे ही 9 बज गये तो में सीधा उनके घर की और चला गया, मुझे पता था कि अंकल 8 बजे ही ऑफिस चले जाते है और उनका बेटा भी स्कूल जा चुका था तो वो अकेली थी। फिर मैंने डोर बेल बजाई तो उन्होंने दरवाज़ा खोल दिया और कहा कि जल्दी अंदर आ जाओ कोई देख लेगा। ये सुनते ही मेरी उत्तेजना और बड़ गयी, उन्होंने उस वक़्त नाईटी पहनी हुई थी और मुझे जूस ऑफर किया। फिर जूस ख़त्म होने के बाद मैंने जानबूझ कर उनसे पूछा कि मुझे ऐसे अचानक इतनी सुबह क्यों बुलाया? आख़िर ऐसी भी क्या बात है? फिर उन्होंने कहा कि अब ज़्यादा होशियारी मत दिखाओ और तुम्हें भी पता है कि तुम यहाँ क्यों आए हो? इतना कहकर वो शर्मा कर रूम की और चली गयी। दोस्तों ये कहानी आप चोदकाम डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

ये सुनते ही मेरा टावर सिग्नल देने लगा। फिर में भी रूम की और गया और उन्हें हग किया, वाऊ क्या हसीन पल था वो? सच बताता हूँ दोस्तों आज भी जब वो पल याद करता हूँ तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है। मैंने पहली बार उनके बूब्स को महसूस किया था और उन्हें पागलों की तरह किस करने लगा, में जब रोमांटिक होता हूँ तो जंगली जानवर बन जाता हूँ। अब मुझे उनका भी रेस्पॉन्स मिल रहा था। फिर हम दोनों भूखे भेड़िए की तरह एक दूसरे पर टूट पड़े, करीब ऐसे ही 15 मिनट तक हमारी किस्सिंग चलती रही। फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी नाईटी के अंदर डालकर उनके बूब्स दबाना शुरू किया, वाऊं क्या सॉफ्ट बूब्स थे उनके? मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैंने धीरे-धीरे उनकी नाईटी उतार दी, अब वो सिर्फ़ लाल कलर की ब्रा और पेंटी में थी, क्या ग़ज़ब लग रही थी वो? में बता नहीं सकता। दोस्तों आप खुद ही कल्पना कर लो कि गोरा बदन, लाल कलर की ब्रा और पेंटी में कैसा दिखता है? ये देखकर मेरा अंदर का जानवर जाग गया और में सीधा उनकी ब्रा का हुक खोलकर उनके बूब्स पर टूट पड़ा।

फिर में पागलों की तरह उनके बूब्स को दबा रहा था, चूस रहा था और काट भी रहा था, में इतना ज़ोर- ज़ोर से ये सब कर रहा था कि उनकी साँसे एकदम से तेज़ हो गई और वो आआआहह उूउऊहह आआअहह की आवाज़ें निकालने लगी और कहने लगी कि दबाओ और ज़ोर से दबाओ। ये सुनकर में और पागलों की दबाने लगा, चूसने लगा और उनके बूब्स के साथ बच्चो जैसे खेलने भी लगा। उनके बूब्स दबाने में क्या मजा आ रहा था? ये सिलसिला 10 मिनट तक जारी रहा और वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि जब मैंने अपना एक हाथ उनकी पेंटी के अंदर डाल दिया तो वो पेंटी उनके पानी से गीली हो गई थी।

फिर मैंने झट से उनकी पेंटी को निकालकर फेंक दिया और उनकी चूत को बस देखता ही रह गया, क्या ग़ज़ब की चूत थी उनकी? आआहाआह एकदम क्लीन शेव, पिंक कलर की चूत और ऊपर से इतनी गर्म थी कि क्या बताऊँ? ये देखते ही में उस पर टूट पड़ा और पागलों की तरह उनकी चूत को चाटने लगा और अपने दोनों हाथों से उनके बूब्स भी दबाने लगा। वो तो सीधा सातवें आसमान पर पहुँच गयी थी और इतनी आवाज़ें निकाल रही थी कि जैसे कोई पॉर्न स्टार हो, आआआआआहह आआअहह उउऊहह आआआआअ आआहह। मैंने उनकी चूत चाट-चाट कर उनको इतना मदहोश कर दिया था कि उन्हें होश ही नहीं था और चूत चाटते-चाटते उस समय ही उनका पानी पूरा मेरे मुँह में ही निकल गया और उस समय में भी इतना मदहोश था कि में पूरा पानी पी गया। फिर वो बोलने लगी कि मेरे राजा अब और मत तड़पाओ इस प्यासी चूत को, अब डाल भी दो इसे अंदर, लेकिन में नहीं माना और अब मेरी बारी थी।

फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और कहा कि अब मेरा लंड चूसो तो वो मना करने लगी, लेकिन जैसे ही उसकी नज़र मेरे 7 इंच के लंड पर पड़ी तो वो सीधे उस टूट पड़ी और पोर्न स्टार की तरह लॉलीपॉप समझकर चूसने लग गयी और जैसे ही उसने मेरे लंड को मुँह में लिया तो में तो पागल सा हो गया। मुझे ऐसा लग रहा था कि में सातवें आसमान में हूँ, अब मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है? लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। सच दोस्तों जो मज़ा लड़की से अपना लंड चुसवाने में है, वो मज़ा किसी लड़की को चोदने में भी नहीं है। वो करीब 8 मिनट तक मेरा लंड चूसती रही और वो इतनी पागलों की तरह चूस रही थी कि मुझसे कंट्रोल ही नहीं हो रहा था और मेरा स्पर्म निकल गया और उसने भी मज़े से मेरा पूरा पानी पी लिया। अब हम थक गये थे तो 5 मिनट तक हम ऐसे ही पड़े रहे और 5 मिनट के बाद उसने मेरा फिर से चूसकर खड़ा कर दिया और में उसकी चूत को चाटकर उसे गर्म करने लगा। फिर करीब 10 मिनट में उससे रहा नहीं गया और वो ज़ोर-ज़ोर से साँस लेते हुए कहने लगी डाल दो अंदर।

फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और अंदर बाहर करने लगा, लेकिन मेरा लंड थोड़ा ही अंदर जा रहा था। तब मुझे एहसास हुआ कि या तो उनके पति का लंड छोटा ही होगा तो इसलिए संतुष्ट नहीं कर पाते है या ये लंड की बहुत प्यासी है। फिर मैंने देर ना करते हुए फिर एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा आधा लंड अन्दर घुस गया तो वो चिल्ला उठी, निकाल दो बहुत दर्द हो रहा है। फिर मैंने लंड बाहर निकाला और 1 मिनट के बाद फिर से मैंने एक ज़ोर का झटका दिया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत को फाड़ते हुए अंदर चला गया और में सीधा उनको किस करने लगा ताकि उनकी आवाज़ बाहर ना आए। अब मुझे पता था कि वो चिल्लायेगी और उनकी आँखों से आँसू निकल आए। फिर थोड़ी देर तक हम दोनों शांत रहे। उन्हें बहुत दर्द हो रहा था, तभी उन्होंने कहा कि उनके पति का लंड बहुत छोटा है और वो 5 मिनट में ही झड़ जाते है और वो ठीक से सेक्स भी नहीं करते, संतुष्ट करना तो बहुत दूर की बात है। फिर रात को वो थके हुए रहते है तो इसलिए सेक्स भी नहीं करते है, वो महीने में मुश्किल से 1 या 2 बार ही सेक्स करते है। फिर मैंने उनसे कहा कि अब टेन्शन मत लो जब तक में यहाँ हूँ, जब भी तुम्हारा मन करे में तुम्हारे साथ सेक्स करूँगा, ये कहकर मैंने उनको भरोसा दिलाया। अब उनका दर्द भी कम होने लगा था तो मुझमें और जोश आ गया। फिर में उनके पैरों को मेरे कंधो पर रखकर ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाता गया, अब वो भी खूब मज़े ले रही थी, आआहह चोदो मुझे, जी भरकर चोदो मुझे, आज से में सिर्फ़ तुम्हारी हूँ, जितना मर्ज़ी हो चोदना, लाल कर दो मेरी चूत को। ये सुनकर मेरा जोश और बड़ गया और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। फिर 5 मिनट के बाद मैंने उनको डाईनिंग टेबल के सहारे इस तरह किया कि उनकी बॉडी टेबल पर लेटी हुई थी और पैर ज़मीन पर थे। फिर में उनको उस पोज़िशन में पागलों की तरह चोदता रहा। फिर करीब 10 मिनट के बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने कहा कि मेरा निकलने वाला है। फिर उन्होंने कहा कि अंदर ही छोड़ दो में सब संभाल लूँगी। फिर मैंने अपना पूरा पानी उनके अंदर ही छोड़ दिया। अब हम दोनों थके हुए एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे। उसके बाद मैंने उनको बहुत बार अलग-अलग स्टाईल में चोदा। अब एक हफ्ते पहले ही उनके पति का गुजरात में ट्रान्सफर हो गया है तो वो अब अपनी फेमिली के साथ रहते है। अब में उन्हें बहुत याद करता हूँ, हम दोनों अभी भी एक दूसरे के सम्पर्क में है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि हम दोनों की चुदाई फिर कभी नहीं हो पायेगी ।।

धन्यवाद …

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