कोलकाता की शोभा

कोलकाता की शोभा

प्रेषक : हैरी बवेजा

दोस्तो, आपने मेरी कहानियाँ तो पढ़ी ही होंगी, अब एक नई और सच्ची घटना लेकर आया हूँ।

एक मेल मुझे कुछ दिनों पहले मिला, कोलकाता से था, मैं आपको उनका नाम नहीं बता सकता क्योंकि उन्होंने मुझे मना किया है। उस मेल में मुझे लिखा था- मैं बहुत दुखी हूँ सेक्स की परेशानी को लेकर, बहुत इलाज करवाया पर डॉक्टर कहते हैं कि मैं बाप नहीं बन सकता। क्या आप मेरी कोई मदद करेंगे?

और उन्होंने बतया- मैं आपका बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ और मैं आपकी सभी कहानियाँ पढ़ता हूँ।

मैंने मेल करके अपना मोबाइल नंबर उन्हें दे दिया।

अगले दिन उनका फ़ोन आया, वो बहुत दुखी लग रहे थे और बात करते करते रो दिए, कहने लगे- हैरी, आप मेरी पत्नी के बच्चा पैदा कर दो, आप जो कहोगे मैं देने के लिए तैयार हूँ।

कोलकाता बहुत दूर है तो मैंने कहा- सॉरी, मैं नहीं आ सकता, बहुत दूर है आपका शहर !

फिर अगले दिन उनका फ़ोन आया बहुत प्रार्थना करने लगे, उनकी पत्नी ने भी बात की।

मैंने सोचा कि चलो ठीक है, खर्च की बात की तो उन्होंने मेरा अकाउंट नंबर माँगा और अगले दिन ही दस हजार रुपए मेरे खाते में जमा करा दिए।

मैंने तो यह बस उन्हें देखने के लिए किया था कि वो कोई धोखेबाज तो नहीं है, मुझे यकीन हो गया कि बंदा ठीक है और फिर एक सप्ताह बाद की टिकट भी भेज दी, मैं उनके घर कोलकाता पहुँच गया, वो मुझे स्टेशन पर लेने आये और अपनी कार में घर ले गए। उनका घर काफी ठीक-ठाक था।

उनके घर में वो खुद और उनकी पत्नी रहती थी, उनकी पत्नी नाम शोभा था (बदला हुआ नाम) उनकी उम्र 27 थी। जब हम घर पहुँचे तो दरवाजा उनकी पत्नी ने खोला।

उनके पति ने मुझसे अपनी पत्नी का परिचय करवाया और वो हमारे नाश्ते के लिए रसोई में चली गई और फिर नाश्ता लेकर आई, हमने नाश्ता किया और आराम करने लगे।

पति ने कहा- आप आराम करिए, मैं ऑफिस जाता हूँ और शाम को बात करते हैं।

और अपनी पत्नी तो इशारा करके चले गए कि इनका ख्याल रखना।

शोभा मेरा पास आई और कहने लगी- नहा लो फिर आराम कर लेना।

मैं थका हुआ था, मैंने सोचा कि सही कह रही है और मैं बाथरूम में चला गया, नहाने लगा।

फिर मैं तोलिया बांध कर आया तो शोभा गैलरी में बैठी टीवी देख रही थी, मैं उसके सामने जा कर बैठ गया। शोभा चोर नजर से मेरे तौलिये के बीच देख रही थी। मैंने यह बात नोट की।

मैंने पूछा- भाभीजी, आपकी उम्र क्या है?

उसने कहा- क्या लगता है आपको?

मैंने कहा- यही कोई 23-24

उसने कहा- नहीं ! 27 है।

मैंने कहा- शादी को कितने साल हुए?

वो कहने लगी- नौ साल।

मैंने कहा- बहुत जल्दी हो गई थी आपकी शादी।

शोभा ने कहा- हाँ।

मैंने कहा- पति में क्या कमी है?

उसने कहा- कोई सेक्स से सम्बन्धित कमी है जिससे वो बच्चा नहीं पैदा कर सकते।

मैं उठ कर शोभा के पास चला गया उसने साड़ी पहनी थी, मैंने शोभा की जांघ पर हाथ रख दिया, शोभा तो पहले से ही गर्म हो रही थी मेरे तौलिये के अन्दर मेरा लण्ड देख कर तो उसने झट से मेरा तौलिया खोल दिया और मेरे लण्ड को मसलने लगी।

मेरा लण्ड तो पहले से से आसमान की ओर देख रहा था, शोभा के हाथ लगते ही वो ऊपर नीचे सलामी देने लगा।

शोभा ने कहा- बहुत सुन्दर है आपका लण्ड !

और नीचे जमीन पर बैठ कर मेरा लण्ड अपने कोमल होंटों में लेकर चूमने लगी, चूसने लगी।

वाह, क्या लण्ड चुसाई की थी शोभा ने ! ऐसे लग रहा था जैसे गर्म गर्म चूत में ही लण्ड जा रहा हो, बहुत मजा आ रहा था।

मैंने भी शोभा को नंगा कर दिया, क्या मस्त बदन था 36-32-36, शोभा सांवले रंग की थी, नैन-नक्श बहुत अच्छे थे।

मैंने शोभा को सोफा पर बैठा दिया और उसे चूमने लगा, उसके पूरे बदन को मैंने चूमा, वो आआआह उहह्हह्ह कर रही थी, सिसकार रही थी। मैंने उसकी दोनों चूचियों को जम कर दबाया। शोभा ने मेरी गर्दन पकड़ पर अपने वक्ष पर मेरा मुख दबा दिया, मैं समझ गया कि वो अपने चूचे चुसवाना चाहती है। मैंने उसके मम्मे बारी बारी चूसे, वो बहुत गर्म हो चुकी थी, तड़प रही थी, कहने लगी- करिए न अब ! चोद दो अब मेरी चूत !

मैंने कहा- रुको अभी ! शोभा, चलो बेडरूम में चलते हैं !

हम बेडरूम में चले गए, वहाँ मैंने कहा- आओ 69 करते हैं।

वो कहने लगी- नहीं, अभी तुम मेरी चूत चोदो बस !

पर मैंने माना नहीं, वो मेरे लण्ड को चूसने लगी और मैं उसकी चूत को चाटने लगा। क्या मादक खुशबू थी उसकी चूत की ! नशा सा होने लगा मुझे उसकी चूत की खुसबू से !

बाल भी नहीं थे उसकी चूत पर ! शायद मेरी आने की तैयारी में उसने पहले ही साफ़ कर लिए थे। हम दोनों एक दूसरे की चूत और लण्ड चुसाई करते रहे। 5 मिनट के बाद ही शोभा के पैर थरथराने लगे, उसने मुझे जोर से अपनी चूत पर दबा दिया और अपना पानी निकाल दिया।

अब वो शांत हो गई थी और लण्ड भी चूसना बंद कर दिया था। मैं फिर से शोभा की गैलरी में ले गया और सोफा पर बैठा दिया और अपना लण्ड शोभा की चूत में डाल दिया। शोभा थोड़ी कसमसाई पर लण्ड अन्दर पूरा उसकी चूत में फिट हो गया।

मैंने अब धक्के देने शुरु किए, धीरे धीरे वो नीचे से ऊऊ आह्ह्ह्ह ऊ कर रही थी।

शोभा ने कहा- ऐसे मजा नहीं आ रहा है, आप बैठो सोफे पर, मैं आपके ऊपर बैठ कर चुदाई करती हूँ। शोभा अब मेरी ओर मुंह करके बैठ गई और लण्ड को अपनी चूत पर टिकाया और ऊपर-नीचे होने लगी।

वो खूब मजे से चुदवा रही थी अपनी गाण्ड उठा उठा कर ! उईईए आईई वूऊओ उफफ्फ कर रही थी।

फ़िर कहने लगी- हैरी, चलो बेडरूम में मजे से करते हैं।

हम दोबारा बेडरूम में चले गए, शोभा ने कहा- आप लेट जाओ !

और वो मेरे ऊपर सवार हो गई और लण्ड पर उछलने लगी- उईई आईए उफ्फ्फ़ करके चुदने लगी।

मैं भी नीचे से उसकी चूत चोद रहा था, बहुत मजा आ रहा था। सच में शोभा पागलों की तरह जोर जोर से ऊपर नीचे अपनी कमर कर रही थी।

फिर शायद शोभा को लगा कि वो झरने के करीब है, उसने लण्ड निकाल दिया और कुछ देर रुक गई।

मैंने कहा- शोभा, घोड़ी स्टाइल में करते हैं।

शोभा ने दोनों हाथ बेड पर रख लिए और गाण्ड मेरी तरफ करके झुक गई। मैंने अपना लण्ड पीछे से शोभा की चूत में डाला, मेरा लण्ड शोभा की बच्चेदानी पर लग रहा था। मैं धक्के देने लगा, शोभा भी गाण्ड हिला हिला कर चूत मेरे लण्ड पर मार रही थी। बीच-बीच में जब मेरा लण्ड जोर से उसकी बच्चेदानी पर लगता तो दर्द से चिल्लाने भी लगती। पर कसम से शोभा को चुदवाने में और मुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा था।

अब तो मुझे भी लग रहा था कि मैं गया, मैंने कहा- शोभा लेट जाओ ताकि मैं अपना माल तुम्हारे अन्दर डाल सकूँ कि तुम्हें बच्चा हो सके। शोभा फटाफट लेट गई टाँगे उठा कर, मैं भी जोर जोर से उसे चोदने लगा और झरने लगा। मेरे माल की गर्मी पाकर शोभा भी झर गई और मुझे जोर से जकड़ लिया।

माल गिरने के बाद शोभा उठने लगी तो मैंने कहा- ना ! ऐसे ही लेटी रहो टाँगे ऊपर करके ! माल पूरा अन्दर तक जाने दो ! फिर ही तुम माँ बन सकोगी।

वो ऐसे ही रही। कुछ देर बाद हम उठे और फ्रेश हो गये।

फिर रात को भी मैंने शोभा की चूत मारी उसके पति के सामने ही और दस दिनों तक मैं उनके घर रहा, फिर वापस अपने घर आ गया। कुछ दिनों बाद शोभा ने मुझे फ़ोन किया कि वो गर्भवती है, बहुत खुश हैं दोनों।

दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी आपको? मुझे मेल जरूर करियेगा।

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