भाभी मेरे कुंवारे लंड की प्यासी बनी

भाभी मेरे कुंवारे लंड की प्यासी बनी

मेरे भईया पुणे में नौकरी करते है मैं अपने भैया भाभी के साथ रह कर पुणे से पढाई कर रहा था। मेरे भैया की शादी को 6 साल हो गए है और उनका अभी तक बच्चा नहीं हुआ है. मैं फर्स्ट ईयर की पढाई में पूरी तरह से लगा हुआ था लेकिन मेरे जिंदगी में अचानक चुदाई की सुरुवात हुई और मैं चोदरा बन गया। अब मैं कहानी पर आता हूँ,, मेरी भाभी मंजू 27 साल की जवान औरत है पतली दुबली है लेकिन गोरी और दिखने में बहुत सेक्सी है।

भैया को कभी – कभी काम से मुंबई जाना पड़ता है और वो 2-3 दिन तक कई बार वही रुक जाते है। घर पर भाभी और मैं खाना खा कर टीवी देख रह थे तभी तेज बारिश की वजह से बिजली चली गयी और खिड़की का दरवाजा तेज हवा से टूट गया मैं खिड़की में कील ठोकने के लिए हथौड़ा ले कर बाहर निकल गया और तेज बारिश में खिड़की ठीक कर दिया।
बारिश का पानी ठंडा था मैं जल्दी से कपड़े चेंज कर लिया भाभी मेरे काम से खुस हुई और गरमा गरम चाय ले आयी हम दोनों ने चाय पिया और थोड़ी देर बैठ कर बात करने लगे मुझे ठण्ड लग रही थी, भाभी बोली चलो सोते है रात के 10 बज रहे है शायद बिजली बारिश बंद होने के बाद ही आएगी।

बारिश बहुत तेज थी स्ट्रीट लाइट की हल्की रौशनी आ रही थी तभी तेज बिजली कड़कने लगी और जोरो की हवा चलने लगी आज की बारिश बड़ी जानलेवा थी। भाभी बोली मनीष मेरे कमरे में आ कर सो जाओ ऐसे मौसम में मुझे अकेले सोने में डर लगेगा। मैं भाभी के कमरे में चला गया.. खिड़की से आती स्ट्रीड लाइट की रौशनी से कमरा हल्का हल्का दिखाई दे रहा था, मौसम थोड़ा ठंडा था भाभी ब्लैंकेट निकाल कर ले आयी और हम दोनों सो गए।

थोड़ी देर में भाभी मुझ से लिपट गयी किसी औरत के जिस्म का अहसास मुझे पहली बार हुआ था मेरे जिस्म में करंट सा लगा। मैं बोला क्या हुआ भाभी डर लगा रहा क्या? भाभी बोली हा मनीष ठण्ड भी है ऐसे पास पास सोने से अच्छा रहेगा। मैं सीधा लेटा था और भाभी मेरे ऊपर हाथ पैर चढ़ा कर सोई थी भाभी के बूब्स मेरे शरीर को छू रहे थे भाभी की गरम साँसे मुझे महसूस हो रही थी।

मेरा लंड खड़ा हो गया और मुझे मुट्ठ मारने का मन हुआ, मैं उठा और बाथरूम जाने लगा भाभी बोली कहा जा रहे हो? बाथरूम जा रहा हूँ जोर से सूसू आयी है। भाभी बोली हा मुझे भी आयी है तू जा मैं आ रही हूँ। मैं जल्दी से बाथरूम गया और भाभी को याद कर के मुट्ठ मार लिया और बाहर आ गया। भाभी अपने मोबाइल की टॉर्च ऑन कर के आ रही थी मैं जा कर बिस्तर में लेट गया थोड़ी देर बाद भाभी बाथरूम से आयी और फिर मुझ से लिपट कर सो गयी।

भाभी पूछी तेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या ? नहीं भाभी पढाई में ज्यादा ध्यान देता हु मैं। बाकी सब के लिए समय नहीं है। थोड़ी देर बाद मुझे नींद आ गयी मुझे मेरे लंड पर कुछ चलता हुआ महसूस हुआ मेरी नींद खुल गयी मैं देखा भाभी सोई हुई है लेकिन ब्लैंकेट के अंदर उनका हाथ हिल रहा था और वो हाथ मेरे लोअर के अंदर था भाभी मेरे लंड को चड्डी के ऊपर से सहला रही थी मेरा लंड 2 सेकंड में खड़ा हो गया मैं आँख बंद कर के सोने का नाटक करने लगा।

भाभी को मेरे खड़े लंड का पता चल गया और वो समझ गयी मैं जाग गया हूँ, भाभी मेरे चड्डी के अंदर हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ ली। भाभी का हाथ लंड पर था .. मैं किसी और दुनिया में चला गया था ऐसा अनुभव बहुत मजेदार था। भाभी मेरे लंड को आगे पीछे कर के हिलाने लगी उठ कर भाभी मेरा लोअर और चड्डी निकल दी और लंड चूसने लगी मैं अभी तक सोने का नाटक कर रहा था लेकिन उठने की हिम्मत नहीं हो रही थी,, मुझे पता था भाभी जान गयी है मैं जागा हुआ हूँ। 

भाभी मेरे लंड को चूस कर पूरा गीला कर दी मेरी आँखे बंद थी लेकिन मैं सब कुछ समझ रहा था। भाभी मेरे ऊपर बैठ गयी और मुझे अपना लंड किसी छेद में जाता हुआ महसूस हुआ लंड में दर्द होने लगा मैं समझ गया था भाभी मेरे लंड को अपने चुत में डाल चुकी है, चुत की गर्मी से मेरा लंड मचल उठा। भाभी उछलने लगी और मेरे खड़े लंड से खुद को चोदने लगी। मैं सोने का नाटक किए बिस्तर पर नंगा पड़ा था , पच पच पच की आवाज सुनाई दे रही थी थोड़ी देर बाद मेरा लंड झड़ गया और मैं अब तब तक हिला भी नहीं था। भाभी रुकी नहीं और उछल उछल कर चुदती रही मेरा लंड ढीला पड़ गया और चुत से फिसल गया भाभी मेरा लंड चूसने लगी 10 मिनट बाद लंड खड़ा हुआ और भाभी फिर से मेरे लंड को अपने चुत में डाल कर चुदने लगी।

अब मुझ से रहा नहीं जा रहा था मैं उठा और भाभी को पकड़ कर बिस्तर पर लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया भाभी के लिप्स चूसते हुए उनके दूध पिने लगा निप्पल को दांत से हलके हलके काटने लगा भाभी इसशहहह अह्हह्ह्ह्ह करने लगी। हल्की रौशनी में मुझे भाभी की नंगी जिस्म दिखाई देने लगी मैं उसकी चुत को चाटने लगा भाभी के चुत पर मेरा वीर्य लगा हुआ था चुत की खुसबू से मरा दिमाग घूम गया और मैं चुत के दाने को जोर से काट दिया भाभी अह्ह्ह उम्म्म माआ मर गयी धीरे कर मनीष।

भाभी के ऊपर चढ़ कर उनकी चूत में लंड डाल दिया और चोदने लगा भाभी को बोला – भाभी आज तुमने मुझे जो दिया है मैं भूल नहीं सकता मेरी तो इतनी भी हिम्मत नहीं हो रही थी तुम्हारा साथ दे सकू। भाभी बोली कोई बात नहीं मेरे प्यारे देवर जी,, पीछे से करो मेरी गांड में डालो। भाभी घोड़ी बन गयी मैं भाभी की गांड की छेद को चाट कर गीला किया और लंड डाल दिया मेरा लंड अंदर नहीं जा रहा था जोर से धक्का दिया और धीरे धीरे चोदने लगा भाभी अह्ह्ह उम्म्म ओह्ह कर के चुदाई का मजा लेने लगी थोड़ी देर बाद भाभी झड़ गयी और मैं उसके गांड से लंड निकाल कर उनके मुँह में अपना वीर्य छोड़ दिया।

रात को हमने 4 बार और चुदाई की सुबह मैं उठा तब भाभी चाय बना रही थी,, मैं किचन में भाभी को पीछे से पकड़ कर लिपट गया और बोला भाभी आप ने मेरा काम बना दिया कल रात। 
आप के साथ चुदाई की शुरुवात मैं खुद कभी नहीं कर पता,, भाभी बोली अरे चोदू सुरुवात तो तुमने किया था कल भूल गए बाथरूम में मुठ मार कर पानी डालना भूल गए थे ? जब मैं बाथरूम गयी तो वीर्य गिरा हुआ देख कर उसको उठा कर पूरा चाट गयी और मेरी चूत की प्यास बुझाने के लिए खुद तुमको चोदने लगी,, मुझे पता था तू खुद से पहल नहीं करेगा तू तो सिर्फ मुठ मर सकता था और कुछ नहीं। मैं भाभी की साड़ी उठा कर वही उनकी चूत में लंड घुसा दिया और चोदने लगा। 
इस तरह जब भी भईया बाहर जाते या घर पर मैं और भाभी अकेले होते खूब चुदाई होती,, भाभी 4 महीन पेट से है और जल्द ही मेरे बच्चे की माँ बनने वाली है।

भाभी मेरे कुंवारे लंड की प्यासी बनी

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