सीमा का किस्सा

सीमा का किस्सा

प्रेषक : नितिन गुप्ता

मैं आपका दोस्त नितिन गुप्ता एक बार फ़िर से आपकी सेवा में हाज़िर हूँ !

तो दोस्तो ! कैसे हैं आप ?

उम्मीद है, नहीं, यकीन है कि आप सब बहुत खुश होंगे।

आज आपको एक ऐसी कहानी सुनाना चाहता हूँ जो सारी कहानियों से अलग हो। उम्मीद है आप सब को पसन्द आएगी।

कहानी है एक खुशहाल परिवार की जिसमें एक भाई रोहित २१ साल का, बहन सीमा १८ साल की, डैडी श्री सूर्यकान्त और उनकी पत्नी साक्षी हैं।

सूर्यकान्त: मेरी टाई नहीं मिल रही साक्षी, कहाँ है?

साक्षी : यहीं होगी…………….ओह ! ये रही, आप भी ना !………..

रोहित : मम्मी मेरे जूते नहीं दिख रहे !

साक्षी : तुम आकर जाने कहाँ रख देते हो? तुम्हारा रोज़ का यही काम होता है, ये लो ! और आज सम्भाल कर रखना !

हर रोज़ इसी तरह रोहित कॉलेज़, सीमा स्कूल और मिस्टर सूर्यकान्त अपने ऑफ़िस जाते हैं।

यही है रोज़ का इस घर का किस्सा !

समय बीत रहा है।

एक दिन अचानक किसी का फ़ोन आया कि सीमा को कोई अगवा करके ले गया है और वो दो लाख रूपए मांग रहा है। पैसे ना देने पर सीमा का क्या हाल हो सकता है आप सभी जानते हैं।

घर पर सभी परेशान थे कि क्या होगा !

पुलिस में खबर नहीं कर सकते क्योंकि अपहरणकर्ता ने मना किया है और लड़की का मामला है।

रोहित का दिमाग बहुत तेज़ चलता है, इसलिए उसने अपनी तिगड़म लड़ानी शुरु कर दी।

सीमा के बारे में सभी को बहुत फ़िक्र हो रही थी, सूर्यकान्त की तो रातों की नींद भी उड़ चुकी थी, उन्हें एक सप्ताह का समय दिया गया था दो लाख रूपए इकट्ठे करने के लिए।

आज तीन दिन हो चुके थे लेकिन सीमा का कोई अता पता नही था।

आज रोहित भी घर नहीं आया। उसने फ़ोन करके कहा कि वो अपने दोस्त के घर पर ही रहेगा।

घर पर बहुत चिन्ता और परेशानी का माहौल था।

अब देखते हैं कि रोहित कहाँ है?

रोहित को पता लग चुका है कि सीमा कहाँ है और वो आज उसे छुडाने की कोशिश में है। सीमा को शहर से करीब ५० किलोमीटर दूर एक गाँव के एक कमरे में रखा गया है।

रोहित अपनी कोशिश में जुटा हुआ अपनी मंजिल के बहुत करीब पहुँच गया था। रोहित ये जान कर हैरान था कि अपहरणकर्ता का जो पता उसे मिला था उसके आस पास कोई भी सुरक्षा नहीं थी, बस एक सुनसान सी जगह थी।

रोहित ने अपनी जेब में एक खंज़र भी रखा हुआ था।

रोहित उस कमरे के पास पहुंचा और कमरे के अन्दर देखने के लिए कोई खिड़की वगैरह तलाशने लगा क्यूंकि रोहित जानना चाहता था कि अन्दर आदमी कितने हैं?

लेकिन अंदर देखते ही रोहित की आँखें फटी की फटी रह गईं, अंदर सीमा किसी लड़के के लण्ड को मुंह में लेकर बड़े ही प्यार से चूस रही थी। रोहित ने लड़के को पहचानने की कोशिश की- अरेऽऽऽऽ ! यह तो रोहित का पड़ोसी श्याम है !

रोहित को बुछ भी समझ नहीं आ रहा था। वो बस एकटक अन्दर झांक रहा था।

श्याम और सीमा दोनों एक ही बिस्तर पर नंगे लेटे हुए थे, श्याम सीमा की चूत में उंगली डाले हुए था, सीमा अपने चूतड़ों को उठा कर श्याम के लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूस रही थी।

अब श्याम का पानी निकल चुका था और सीमा बहुत प्यार से उसका रसपान कर रही थी। अब श्याम ने सीमा की चूत को चाटना शुरू किया। वो कभी उस की चूत में ऊँगली डालता और कभी अपनी जीभ डालता।

दोनों बहुत मस्त हो रहे थे और रोहित ये सारा नज़ारा अपनी आँखों से देख रहा था और उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी छोटी बहन ऐसा कुछ अपनी मर्ज़ी से कर रही होगी।

देखते ही देखते श्याम का लण्ड एक बार फिर से तन कर खड़ा हो गया। सीमा ने कहा- श्याम तुम ३ दिन से सिर्फ मेरी चूत का मज़ा ले रहे हो, लेकिन एक बार भी तुमने मेरी गाण्ड की सैर नहीं की। प्लीज़, आज मेरी गाण्ड मारो ताकि मुझे भी तो पता चले कि गाण्ड मरवाने में कितना मज़ा आता है।

इतना बोलते ही श्याम ने सीमा को घोड़ी बना दिया और सीमा की गाण्ड पर हल्का सा थूक लगा कर उसकी गाण्ड मारने की तैयारी करने लगा। गाण्ड का छेद छोटा होने के कारण लण्ड अंदर नहीं जा पा रहा था।

बहुत कोशिश के बाद लण्ड अंदर चला गया। सीमा दर्द और मज़े से कराह रही थी, श्याम उसे भरपूर मज़ा दे रहा था।

कमरे से सिस्कारियों की आवाजें साफ़ सुनाई दे रही थी। सीमा बार बार चुदने को बेताब नज़र आ रही थी। रोहित की समझ में अब सब कुछ आने लगा था।

गाण्ड चोदने के बाद एक बार फिर से श्याम ने सीमा के मोम्मे चूसने शुरू किये, सीमा ने कहा- चूसो मेरी जान ! इन मोम्मों का सारा रस चूस लो, अब हमारे पास ४ दिन और हैं, इन ४ दिनों में जी भर के मेरे मोम्मे चूसो, मेरी चूत का भोंसड़ा बना दो और मेरी गाण्ड को फ़ाड़ डालो।

इसी बीच रोहित अन्दर आ गया, सीमा उसे देखते ही खड़ी हो गई, शायद सीमा समझ चुकी थी कि रोहित को सारी हकीक़त का पता चल गया है, सीमा और श्याम ने रोहित के पैर पकड़ लिए और घर पर कुछ भी ना बताने की अर्ज़ करने लगे।

सीमा ने रोहित को बताया कि वो श्याम को बहुत पसंद करती है लेकिन मॉम और डैड को बताने से डरती है, श्याम को जब २ लाख रुपये मिल जाते तो वो दोनों भाग कर शादी करने वाले थे।

रोहित ने उनकी बात सुनी और कहा- मैं तुम दोनों की शादी करवा दूंगा लेकिन सीमा को मेरे साथ घर वापिस चलना होगा, बाकी सब मैं देख लूँगा।

सीमा ने अपने कपड़े पहने और रोहित के साथ घर की ओर चल पड़ी।

रास्ते में रोहित ने गाड़ी रोक दी, सीमा समझ नहीं पा रही थी कि क्या होने वाला है। रोहित ने सीमा को गाड़ी से बाहर निकाला और एक ज़ोरदार तमाचा उस के गाल पर रसीद कर दिया। सीमा ने पूछा तो रोहित ने जवाब दिया- मेरी बहना श्याम ने तुमसे ज़बरदस्ती की और तुम्हारा यौन शोषण भी किया है और ज़बरदस्ती करने वाला तमाचा बड़ी जोर से मारता है, तुम बाकी सभी जगह से ठीक लग रही हो, किसी भी तरह से ऐसा नहीं लगता कि तुम्हारा अपहरण और देह शोषण हुआ है।

२-३ ज़ोरदार तमाचे रसीद करने के बाद दोनों घर की ओर चल दिए।

घर पर अपनी बेटी को वापस आया हुआ देखकर सबके चेहरों पर ख़ुशी छा गई, सभी रोहित तारीफ़ कर रहे थे, सीमा ने मॉम और डैड को बताया कि अपहरणकर्ता बहुत ही खतरनाक था, रोहित भैया ने जान पर खेल कर मुझे उस के चंगुल से आज़ाद कराया।

सीमा ने मम्मी से ये भी बताया कि अपहरणकर्ता तीन दिन तक लगातार उसका देह शोषण करता रहा !

सीमा की यह बात सुनकर मॉम के होश उड़ गए, सभी कहने लगे कि अब सीमा की शादी कैसे हो पायेगी।

रोहित ने बात को संभाला और कहा कि सीमा के लिए कोई अच्छा लड़का मैं देख दूंगा, आप बस सीमा का ख्याल रखो, अभी सीमा को गहरा सदमा लगा है, क्या जाने सीमा ने ३ दिन कितनी परेशानी में काटे हैं !

थोड़े दिन बाद ही रोहित ने सीमा और श्याम की शादी की बात घर पर कर दी, दोनों परिवार राज़ी हो गए और सीमा से श्याम की शादी हो गई.

आजकल दोनों बेहद खुश हैं।

तो दोस्तों ये कहानी आप को कैसी लगी मुझे बताइयेगा ज़रूर !

चोदो-चुदाओ, जीवन को खुशहाल बनाओ !

लेकिन अनजान को चोदते हुए कंडोम ज़रूर लगाओ !

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