जवान पड़ोसन की चुत की सील तोड़ी

जवान पड़ोसन की चुत की सील तोड़ी

दोस्तो, मेरा नाम सुमीत (बदला हुआ) है. मेरी उम्र 25 साल है. मैं सिरसा (हरियाणा) में रहता हूं. मेरा रंग थोड़ा सांवला है. मेरे लंड का साइज ठीक ठाक है, मैं झूठ नहीं बोलना चाहता कि मेरे लंड का साइज बहुत बड़ा है.

मैं अन्तर्वासना पर काफी सालों से अन्तर्वासना पर हिंदी सेक्स कहानियां पढ़ रहा हूँ तो मैंने सोचा क्यों ना अपनी सेक्स स्टोरी भी आप सभी के साथ शेयर की जाए. यह मेरी पहली चुदाई की हिंदी कहानी है.. आशा करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएगी. कोई गलती हो जाए तो माफ कीजिएगा.

यह बात तो आज से डेढ़ साल पहले की है, लेकिन इसकी शुरूआत के लिए हमें कुछ साल पीछे जाना पड़ेगा.

हम एक घर में ऊपर के हिस्से में किराये पर रहते थे. थोड़े समय के बाद नीचे के हिस्से में एक परिवार किराये पर रहने आया. उस परिवार में 6 सदस्य थे. पति-पत्नी उनके दो लड़के, बड़े लड़के की बहू और एक लड़की. यह वही लड़की है जिस की चुदाई की यह हिंदी सेक्स कहानी है. उसका नाम कनिका (बदला हुआ) था उसकी उम्र तो पता नहीं. मगर मुझसे 3-4 साल बड़ी थी.

लड़की के बारे में बता दूँ… वो दिखने में तो कुछ खास नहीं थी, बस ठीक ठाक थी. परंतु उसके मम्मे बहुत बड़े थे. वो थोड़ी मोटी थी. वो खूब पढ़ाई करती थी. हमारी कुछ ज्यादा बातचीत नहीं होती थी.

पहले पहल काफी समय ऐसे ही निकल गया और हम कहीं और किराये के घर में रहने आ गए. उसके बाद मुझे किसी तरह से उसका नम्बर मिल गया. उसके परिवार और मेरे परिवार में घरेलू रिश्ता बन गया था. तो हम सामान्य बातें ही करते थे. इसलिए उससे फोन पर बातचीत भी आसानी से शुरू हो गई.

एक दिन उससे चैटिंग करते हुए मैंने मजाक करने के लिए उसे गर्लफ्रेंड बनने का ऑफर मारा. मैंने तो सिर्फ पंगे लेने के लिए मारा था.. मगर उसने कहा कि सोच कर बताऊँगी.
मैं समझ गया कि सोच कर बताएगी मतलब हां होगी.
तो मैंने सोचा इसे बताने की क्या जरूरत है कि मैं मजाक कर रहा हूँ. मैंने पहले उसके जवाब आने का इन्तजार करने का सोचा.

अगले दिन ही उसने ‘हां’ कर दिया. फिर हम यहाँ वहाँ की बातें भी करने लगे. दूसरे दिन मैंने उसे किस के लिए बोला तो उसने ‘हां’ कर दी. हमने इसके दूसरे दिन मिलने का प्लान बनाया.
किधर मिला जाए, जब इस पर बात हुई तो उसने कहा कि मूवी देखने चलते हैं. वहाँ किस कर सकते हैं.

मैंने सोचा कि सिर्फ किस से क्या होगा. ये तो वैसे भी इतनी जल्दी किस के लिए मान गई है तो थोड़ा और जोर देकर देखते हैं, क्या पता कुछ और बात ही बन जाए. मैंने उससे कहा कि मूवी हॉल में कोई जानकार न देख ले, मेरे दोस्त के रूम में चलते हैं.

तो उसने इस पर तो और जल्दी से ‘हां’ कर दी. मैं समझ गया कि जिसे मैं शरीफ समझता था, वो तो खेली खाई लगती है. फिर मैंने सोचा कि अपने को क्या है… अपने को तो चोदने को चुत मिल रही है, और वो भी पहली बार लंड को मौका मिल रहा था तो आँखें मूंद कर खेल खेलता गया.

प्लान के अनुसार हम अगले दिन मेरे दोस्त के रूम पर गए. वहां जाते ही हम दोनों बेड पर बैठ गए. अब मेरी फटने लगी… पहली बार जो था.
मैंने हिम्मत करके उससे कहा- मुझे हग करना है.
उसने कुछ कहा नहीं, बस मेरी तरफ मुड़ गई, मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया.

उसके बाद मैंने देर न करते हुए सीधा उसके होंठों पर होंठ रख दिए औऱ उसके होंठ चूसने लगा. मेरा दोस्त एक घंटे में आने वाला था तो मैंने ज्यादा देर न करना उचित समझा और उसके होंठ चूसते हुए उसे बेड पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ कर उसके होंठों को चूसता रहा.
आह क्या मजा आ रहा था कैसे बताऊ दोस्तों..

उसके होंठों को चूसते हुए मैंने अपने हाथ उसके शरीर पर फिराना शुरू किया. उसके पेट से होते हुए मैं जैसे ही उसके मम्मों पर पहुंचा, वो एकदम से काँप उठी, जैसे उसे कोई झटका लगा हो.
उसने एकदम से मेरा हाथ पकड़ा और मुझे रोकने लगी. लेकिन मैं कहाँ उसकी बात मानने वाला था, मैंने अपने हाथ उसके मम्मों से नहीं हटाए और मैं उसके मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही दबाता रहा.

वो मना करती रही, पर मैं कहां मानने वाला था. उसके मम्मे इतने मोटे थे कि वो मेरे हाथ में पूरे ही नहीं आ रहे थे. फिर मैं अपना हाथ उसके टॉप में डाल कर उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाने लगा. वो मेरा हाथ बाहर निकलने के कोशिश करती रही.

फिर मैंने उसका टॉप निकाल दिया और उसकी ब्रा भी उतार दी. वो साथ भी दे रही थी और ‘न न…’ भी करती जा रही थी.

इधर मुझ पे तो सेक्स का भूत चढ़ा था, उसके मस्त मम्मों को देख कर तो मैं और भी पागल हो गया. वो अपने हाथों से अपने मम्मों को छुपाने लगी. मैंने उसके हाथों को हटा के सीधा उसके निप्पल को अपने मुँह में लिया और पागलों की तरह चूसने लगा.
उसके मम्मों का साइज़ 36 या 38 इंच के होगा. मैं उन्हें चूसता रहा और उसके मम्मों को चूस चूस के लाल कर दिया. जैसे ही मैं एक निप्पल पर काटता तो वो मचल जाती.

मैंने मम्मों चूसते हुए अपने हाथ को उसकी जीन्स के अन्दर डाला. जैसे ही पैंटी के ऊपर से उसकी चुत पर हाथ गया, वो तड़प उठी, वो मेरा हाथ बाहर निकालने की कोशिश करती रही मगर मैंने हाथ बाहर नहीं निकाला. मैं पैंटी के ऊपर से ही उसकी चुत रगड़ता रहा. उसकी चुत गीली हो चुकी थी.

मैंने लेटे लेटे ही उसकी जीन्स औऱ पैंटी उतार दी. वो मुझे रोकने की नाकाम कोशिश करती रही. पर मैंने उसकी पैंटी उतार ही दी. वो उठने लगी लेकिन मैंने उसे उठने नहीं दिया. मैं जल्दी से उसके ऊपर चढ़ गया ओर अपना एक हाथ उसके मम्मों पर रख कर दूसरा हाथ उसकी चुत पर फेरने लगा. उसकी चुत में जैसे ही उंगली डाली उसके मुँह से सीत्कार निकल गई. मैं उसके दाने को रगड़ता रहा जिससे वो बेहद मचलने लगी… उसे शायद दर्द भी हो रहा था.

फिर मैं उसे किस करते हुए नीचे आया. जैसे ही मेरा मुँह उसकी चुत के ऊपर आया, उसकी चुत की खुशबू से मैं और ज्यादा पागल हो गया, मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और उसकी चुत पर अपना मुँह रख दिया.
जैसे ही मैंने उसके दाने को मुँह में लिया, उसे मानो कोई करंट सा लगा हो… उसके हाथ मेरे सिर पर आ गए और वो बहुत तेज तेज सीत्कार करते हुए आवाज करने लगी. मेरा सिर उसने अपनी चुत पर इतना तेज दबा दिया कि मानो वो मेरा सिर ही अपनी चुत में ले लेगी.

मैं उसकी चुत चाटते हुए बीच बीच में उसके दाने को काट भी देता जिससे वो पागलों की तरह हाथ पैर हिलाने लगती. मेरा मुँह उसने और जोर से अपनी चुत पर दबा लिया. मैं समझ गया कि ये झड़ने वाली है, मैंने अपना मुँह हटाना चाहा.. परन्तु उसने हटाने ही नहीं दिया और वो मेरे मुँह पर ही झड़ गई.
मुझे भी उसका पानी बहुत स्वादिष्ट लगा.. तो मैंने चाट चाट कर उसकी चुत साफ कर दी.

अब मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतारे. मैंने उसे अपना लंड चूसने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया.
ज्यादा देर न करते हुए मैं सीधा उसके ऊपर चढ़ गया. जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चुत के मुँह पर रखा, वो मना करने लगी और इधर उधर भागने लगी. वो शरीर में वजनी थी, तो उसे काबू में करना मेरे लिए मुश्किल हो रहा था.

कैसे भी करके मैंने उसका हाथ हटाए और उसे काबू में किया, लंड वापस उसकी चुत पर लगाया. जैसे ही धक्का लगाया तो वो ‘आअ ऊह…’ करने लगी.
मैंने मन ही मन सोचा कि साली ड्रामा कर रही होगी इसलिए मैं नहीं रुका और तेजी से धक्का लगा दिया, तो लंड पूरा अन्दर घुसता चला गया. वो छटपटाने लगी और इधर उधर होते हुए हाथ चलाने लगी. मेरा उसे काबू में कर पाना मुश्किल होता जा रहा था.

उसकी चुत के गर्मी मेरे लंड पर महसूस हो रही थी. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैं अपना लंड अन्दर बाहर करता रहा. वो मुझे रोकती रही मगर मैंने अपना काम जारी रखा. वो कुछ बोलती तो मैं अपने होंठों से उसके होंठ बंद कर देता.
उसकी आँखों से आंसू भी निकलने लगे.

जैसे ही मुझे लगा कि मेरा होने वाला है मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और मैं उसके अन्दर ही झड़ गया और उसके ऊपर से हट गया.
जैसे ही मैं हटा तो देखा लंड खून से भरा हुआ था. मैं तो हैरान रह गया कि मैंने मेरी पहली चुदाई सील पैक चूत के साथ की थी.

फिर वो खड़ी हुई, उसने अपने कपड़े पहने और गुस्सा होकर चली गई. वो मुझसे 3-4 दिन तक गुस्सा रही. जब मेरी उससे बात हुई तो पता चला कि उसको मासिक धर्म नहीं हो रहा था.. तो उसे डर लग रहा था कि कहीं वो प्रेग्नेंट न हो जाए. इसीलिए उसने डर के मारे मुझसे बात नहीं की. जैसे ही उसे मासिक धर्म हुआ तो उसकी यह चिंता दूर हो गई.
ये बात मुझे बाद में पता चली.

फिर हम दोनों साधारण बातें करने लगे. धीरे धीरे हम सेक्स की बातें फिर से करने लगे. मैं उसे सेक्सी वीडियोज भी भेजने लगा. हम फ़ोन सेक्स भी करने लगे. फ़ोन सेक्स करते हुए मैं उससे बोलता था कि अपनी चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करे, जैसे उस दिन मैंने की थी. वो वैसा ही करती.

ऐसे ही कुछ दिन निकल गए. फिर एक दिन मैंने उससे किस के लिए बोला.
तो उसने तुरंत बोला कि वो तो तुम अभी ले सकते हो.
मैंने पूछा कि वो कैसे.
तो उसने कहा कि अभी वो घर पर अकेली है.. परन्तु सिर्फ आधा घंटा के लिए क्योंकि उसकी मम्मी बाजार गई हैं. वो कभी भी आ सकती हैं.
मैंने उससे कहा कि एक बार अपनी मम्मी को फोन करके पता तो करो कि वो कब तक आएंगी.

उसने 2 मिनट बाद फ़ोन किया कि उनको अभी समय लगेगा.

तो मैं तुरंत ही उसके घर चला गया. उसका घर मेरे घर से 2 मिनट की ही दूरी पर है, तो मैं पलक झपकते ही वहाँ पहुंच गया. मुझे पता था आज कुछ ज्यादा तो नहीं कर सकते पर किस तो मिलेगी.
वो मेरा ही इंतजार कर रही थी. जैसे ही मैं पहुंचा, मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया, वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर मैंने ज्यादा समय न लगाते हुए सीधा अपने होंठों को उसके होंठों पर रख उन्हें चूसने लगा. आज वो भी मेरा साथ दे रही थी.

सिर्फ एक मिनट की किस के बाद ही मुझे डर लगने लगा और मैं दूर हट गया और जाने लगा. परंतु आज वो मुझसे ज्यादा गर्म थी. वो मुझे रोकने लगी और कहने लगी कि मम्मी को अभी आधा घंटा लगेगा.
मैं फिर से उसके होंठों को चूसने लगा और एक हाथ उसके मम्मों पर रख दिया. उसने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा, परंतु हटाया नहीं. मैं समझ गया कि आज मामला गर्म है.
मैंने उसके मम्मों को फिर से दबाया तो उसके मुँह से मादक सीत्कार निकली- आह मसल दो मुझे..

पर मेरी फट रही थी तो मैंने फिर से उसे अपने से दूर किया और जाने लगा. वो भी क्या करती… मुँह लटका कर बैठ गई, मैं चला आया.

जैसे ही मैं अपने घर पहुंचा उसका मैसेज आया- अच्छा हुआ तू चला गया क्योंकि तेरे जाते ही मम्मी आ गई थीं!

फिर कुछ दिन ऐसे ही निकल गए. उसके बाद एक दिन उसके घर वालों को कहीं बाहर जाना था, वो कोई बहाना बना कर रुक गई और उसने मुझे फ़ोन करके ये बात बताई तो मेरी तो खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा. मैं तुरंत ही उसके घर पहुंचा.

अन्दर गया तो देखा वो अन्दर के कमरे में बैठी थी. उसने एसी चला कर पूरा कमरा ठंडा कर रखा था. मैं भी जाकर उसके पास बैठ गया. आज हमें कोई जल्दी नहीं थी तो हम यहाँ वहाँ की बातें करने लगे. बातें करते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी जांघ के ऊपर रखा और सहलाता रहा. इससे हुआ ये कि वो गर्म होने लगी. उसकी गर्मी का एहसास मुझे उसकी सांसों से पता चल रहा था.

मैंने आज कोई जल्दबाजी करनी ठीक नहीं समझी. मैं उसकी जांघें सहलाता रहा.

आखिर में उसने हार मान ली और खुद मुझे गले से लगा लिया. मैं उसकी पीठ पर अपने हाथ सहलाता रहा. फिर मैंने धीरे से उसका टॉप उतार दिया. तो पता चला कि उसने टॉप के नीचे कुछ भी नहीं पहना था. मैं समझ गया कि आज मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी.

मैंने तुरंत उसके होंठों पर अपने होंठों को रखा और हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने में लग गए. चूसते चूसते ही मैंने अपनी शर्ट उतार दी… फिर अपनी बनियान भी उतार दी. अब हम दोनों ऊपर से बिल्कुल नंगे हो चुके थे. मैं उसे फिर से किस करने लगा और एक हाथ उसके मोटे मोटे मम्मों को दबाने लगा, आज उसने मुझे नहीं रोका.

उसके होंठों को चूसते हुए हम दोनों लेट गए, मैं उसके ऊपर आ गया. फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी जीन्स के ऊपर से ही उसकी चूत के ऊपर रखा और जीन्स के ऊपर से ही उसकी चूत रगड़ने लगा.
वो तो जैसे पागल सी हो गई.

मैंने देर न करते हुए सीधा उसकी जीन्स उतार फैंकी और उसकी पैंटी भी जो कि उसके चुत के पानी से पूरी गीली हो चुकी थी. मैंने उसकी पैंटी को सूंघा तो मुझसे रहा नहीं गया और सीधा उसकी चुत पर मुँह रख कर चाटने लगा.
वो बहुत तेज तेज आवाजें निकालने लगी क्योंकि घर पर कोई नहीं था तो हमें कोई डर नहीं था.

मैंने चुत रगड़ने का अपना काम जारी रखा… वो मचलने लगी. मैं उसकी चुत में दो उंगली डाल कर अन्दर बाहर कर रहा था और उसके दाने को चाट रहा था. वो पागल होती जा रही थी. उसकी आवाजें और तेज हो रही थीं. उसने अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को अपनी चुत पर दबाया और अपनी गांड हिला कर मेरे मुँह पर अपनी चुत रगड़ने लगी.

फिर जल्दी ही मेरे मुँह में उसने अपना पानी छोड़ दिया.. जिसे मैंने सारा पी लिया.

अब वो कुछ शांत हुई तो उसने अपने हाथ मेरे सिर से हटा लिए. मैं हटा और अपनी जीन्स और अंडरवियर उतार के उसके साथ लेट गया.
जैसे ही लेटा मैं तो हैरान रह गया क्योंकि उसने अपने आप ही मेरे लंड को पकड़ा और सीधा मुँह में ले गई. मैं तो मानो जन्नत के सुख का मजा ले रहा था. उसके मुँह के गर्मी से मेरा लंड और ज्यादा टाइट हो गया. ऐसे लगा जैसे इसकी नसें ही न फट जाएं. मुझे बहुत मजा आ रहा था.

जब मुझे लगा कि मेरा लंड छूटने वाला है तो मैंने उसे हटाना चाहा, परंतु वो नहीं हटी. वो लंड चूसती ही रही और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया, वो मेरा सारा पानी पी गई, उसने मेरा लंड चाट कर साफ कर दिया और मेरे साथ लेट गई.

हम दोनों ने 5 मिनट आराम किया और फिर एक दूसरे को किस करने लगे. मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. अब मैंने उसे नीचे लिटाया और खुद उसके ऊपर आ गया. एक हाथ से अपना लंड उसकी चुत पर सैट किया और जोर से धक्का लगाया. उसकी चीख निकल गई और वो रोने लगी.

मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुस चुका था. उसने मुझे बाहर निकलने के लिए कहा पर मैं उसे समझाने लगा कि अभी दर्द खत्म हो जाएगा.
मैं ऐसे ही रुका रहा और उसे किस करता रहा, अपना हाथ उसके मम्मों पर फिराता रहा.

जैसे ही वो थोड़ा नार्मल हुई. मैं धीरे धीरे अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा. उसे दर्द हो रहा था. मैं उसके मम्मों को चूसता हुआ अपने लंड को अन्दर बाहर करता रहा. जैसे जैसे उसका दर्द कम होता रहा, मैं अपनी स्पीड बढ़ाता गया.

धीरे धीरे उसे भी मजा आने लगा, वो बड़बड़ाने लगी- अह.. और तेज और तेज़..
इसी बीच वो एक दो बार झड़ भी चुकी थी.
मुझे लगा कि मेरा भी होने वाला है तो मैंने उससे पूछा कि कहां निकालना है?
उसने कहा कि अन्दर नहीं निकलना.

मैंने अपना लंड निकाला और उसके मम्मों पर सारा पानी निकाल दिया और उसके पास लेट गया. फिर हम दोनों ऐसे ही लेटे लेटे एक दूसरे से बातें करते रहें. फिर हम दोनों ने कपड़े पहने ओर मैंने उससे इजाजत ली, उसे हग किया और अपने घर वापस आ गया.

उसके बाद उसकी शादी हो गई और मेरा उससे कभी मिलना नहीं हुआ.

दोस्तो, ये थी मेरी सच्ची आपबीती मेरी सेक्स स्टोरी… मेरी कहानी कैसी लगी, नीचे लिखी हुई मेल में जरूर बताएं. कोई गलती या कोई कमी रह गई हो तो माफ करते हुए जरूर बताना.
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