रॉंग नम्बर से पटाई कॉलेज गर्ल की चूत की सील तोड़ चुदाई

रॉंग नम्बर से पटाई कॉलेज गर्ल की चूत की सील तोड़ चुदाई

मेरा नाम अविनाश है। मैं हमेशा से ही अन्तर्वासना पर हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ता आया हूँ। अभी मैं बी.टेक. का छात्र हूँ और फिलहाल 6वें सेमेस्टर में हूँ। आज मैं अपनी कहानी आप सभी को पेश कर रहा हूँ।

यह हिंदी सेक्स स्टोरी उस समय की है.. जब मेरी परीक्षा हो चुकी थी और मैं बिल्कुल खाली था। उस समय मेरे पास कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी, तो मैं रॉंग नम्बर डायल करके बात करने लगा।

मैंने बहुत सारे नम्बर लगाए.. तब कहीं जाकर एक नम्बर किसी कॉलेज गर्ल कुसुम का लगा।
वो बोली- कौन?
मैं बोला- मैं अविनाश बोल रहा हूँ।
तो वो बोली- मैं कुसुम हूँ, आपको किससे बात करना है?
मैं बोला- आपसे..
वो बोली- मैंने आपको पहचाना नहीं है।

मैं बोला- आप हमसे दोस्ती करोगी?
वो बोली- हम बिना पहचान वाले से दोस्ती नहीं करते।
मैं बोला- बात करने से पहचान भी हो जाएगी।

तब उसने फोन काट दिया, उसके बाद भी मैं हमेशा उसको फोन करने लगा.. और वो मेरी आवाज सुन कर गुस्से से फोन काट दिया करती थी।

धीरे धीरे उस कॉलेज गर्ल ने तंग आकर मुझसे कुछ-कुछ बात करना शुरू कर दी।
मैंने उससे कहा- क्या आप मुझसे दोस्ती कर सकती हो? मैं आपसे और कुछ नहीं चाहता हूँ।
वो बोली- सिर्फ दोस्ती तक की सीमा याद रखना.. और कुछ नहीं.. समझे!
‘ओके..!’

फिर क्या था.. धीरे-धीरे दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि कुछ दिन बाद उसके भाई की शादी थी, तो उसने मेरे नाम का निमंत्रण भेजा। जबकि अब तक हम दोनों ने ही एक-दूसरे को नहीं देखा था।

मैं शादी से एक दिन पहले ही उसके घर पहुँच गया और घंटी बजाई। कुसुम ने ही गेट खोला, मैंने उसको देखा तो देखता ही रह गया।
उसका फिगर 30-28-34 का रहा होगा।
मैंने अपना नाम बताया तो वो मुस्कुरा दी। उसके बाद उसने मुझे अन्दर ले जाकर अपना घर दिखाया।

मैंने उससे पूछा- तुम मुझको अब भी सिर्फ दोस्त ही मानती हो या और भी?
वो बोली- आप क्या मानते हो?
मैं बिंदास बोला- मैं तुम से प्यार करता हूँ।
वो भी पलट कर बोली- मैं भी..
और मुस्कान देकर चली गई।

रात को संगीत था, सो सारे लोग व्यस्त थे। वो तैयार हो कर मुझे बुलाने आई.. हम दोनों गए और डांस करने लगे। डांस करते समय जब उसका शरीर मुझसे सटता.. तो उसके शरीर की सुगंध से मेरे अन्दर कुछ-कुछ होने लगता।

उसके साथ डांस करते-करते मेरा लंड खड़ा होकर उससे टच होने लगा।

जब उसको महसूस हुआ तो वो भी गर्म होने लगी.. वो मेरी आँखों में आँखें डाल कर मुस्कुराने लगी। हम दोनों में मूक भाषा में बात हुई और हम दोनों ऊपर चले गए।

एक कमरे में बैठ कर हम दोनों बात करने लगे। बात करना तो बस एक बहाना था.. थोड़ी देर बात के बाद ही मैं उसके होंठ चूसने लगा। मेरा और उसकी जीभ आपस में लड़ने लगीं।

अगले ही पल मैं अपना हाथ उसके दूध पर डाल कर दबाने लगा। मेरा लंड खड़ा हो गया था। उधर चुची के दबने से उसके मुँह से ‘आह..’ निकल गई और चुदाई का नशा सा छाने लगा।

वो खुद को संभालते हुए बोली- कोई देख लेगा!
मैंने बोला- फिर कैसे होगा.. मैं तुमको अपनी बांहों में भरना चाहता हूँ।
वो बोली- आज रात स्टोर रूम में एक बजे मिलूंगी।

मैं अपने कमरे में बेसब्री से एक बजने का इंतजार करने लगा। जैसे ही एक बजा, मैं उठा कर स्टोर रूम की तरफ गया। उससे पहले वो वहाँ पहुंच चुकी थी।

वाह क्या माल दिख रही थी वो.. रेड कलर का सलवार सूट पहना हुआ था।

मैंने स्टोर रूम में जाते ही उसकी कुर्ती को उतार दिया। वो ब्रा नहीं पहने हुई थी.. सो मेरा हाथ उसकी नंगी चुची को ही पकड़ कर मसलने लगा।

वो मुझसे बोली- तुम्हारा वो देख सकती हूँ?
यह सुन कर मैंने अपने सारे कपड़े उतार फेंके। वो मेरा खड़ा लंड देख कर बोली- इतना मोटा.. मेरे छेद में तो घुसेगा ही नहीं.. उंगली से तो दर्द होता है।

मैं कोई जवाब न देकर उसके मम्मों को चूसता रहा.. इसलिए वो थोड़ा गरम गई और जोश में आ गई। उसके मुँह से ‘आह ऊफ..’ निकल रहा था।

मैंने उसके सारे कपड़े उतार फेंके। उधर वो मेरे लंड को लेकर आगे-पीछे कर रही थी।

मैंने उससे लंड मुंह में लेने के लिए कहा.. पहले तो उसने नकार दिया। मैं उसने कैसे छोड़ देता.. थोड़ी कोशिश की तो उसने लंड मुँह में ले लिया।

कुछ ही देर में चुदास हद से बाहर हो गई तो वो लेट गई.. और मैं उसके ऊपर उलटा होकर चढ़ गया। अब मैं 69 में होकर उसकी चूत चाट रहा था.. वो मेरा लंड चाट रही थी।
मेरी जीभ उसकी चूत के दाने को चुभलाती तो वो कराहने लगती। उसका शरीर अंगार हो गया था, ऐसा लग रहा था जैसे उसके अन्दर से नमकीन सा पानी निकल आया हो।

फिर वो अकड़ गई.. शायद वो झड़ चुकी थी, तो मैं भी झड़ने लगा।

उसके बाद फिर से शुरू हुआ.. खेल चंदा चोदी का.. मैं उसकी चाटता रहा ओर वो मेरा चूसती रही। कुछ ही पलों में हम दोनों एक साथ जोश से भर गए।
वो बोली- अब रहा नहीं जाता यार.. चोद दो मुझे..!

मैंने उसकी जाँघों के बीच में होकर अपना लंड उसकी चूत में फंसा कर जोरदार धक्का लगा दिया। अभी मेरे लंड का टोपा ही चूत के अन्दर गया था कि वह दबी हुई आवाज में कराह उठी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और मुझे हटाने लगी।
मैं नहीं हटा तो वो रो पड़ी।

फिर मैं उसकी चुची को दबाने लगा। उसे थोड़ी राहत मिलती देखकर मैंने एक और धक्का लगा दिया, वो फिर से चिल्लाने लगी।
इस बार मेरा लंड आधे से ज्यादा घुस चुका था।
वो चिल्लाने को हुई कि मैंने एक और धक्का लगा दिया, अब मेरा पूरा लंड चूत में घुस गया था।

वह बहुत देर तक रोती और सुबकती रही.. थोड़ी देर बाद राहत हुई तो मैं लंड आगे-पीछे करने लगा। अब उसे भी मजा आने लगा.. वो भी गांड उछालने लगी और ‘आ ऊह उई..’ जैसी आवाजें निकालने लगी।

कुछ ही देर में अचानक उसकी गांड उठाने की रफ्तार तेज हो गई और वो दबी हुई चीख के साथ झड़ गई.. लेकिन मैं उसे चोदता रहा।
उसने मुझे हटाना चाहा, लेकिन मैं कौन सा छोड़ने वाला था। वो एक बार और झड़ी.. फिर मैंने उसकी चूत में ही अपना वीर्य छोड़ दिया।

कुछ देर बाद उसने उठना चाहा.. लेकिन असफल रही। मैंने उसको सहारा देकर उठाया.. फिर जो हमने देखा वो दंग करने वाली बात थी, चादर पर वीर्य और खून के दाग पड़े थे।

उसने बताया कि चुदाई के दौरान वो दो बार झड़ी थी। उसका बहुत सा खून भी निकला था। मैंने अपने कच्छे से उसकी जांघ को पोंछा.. फिर हम दोनों ने अपने-अपने कच्छों से फर्श को साफ किया, चादर हटा कर छिपा दी।

इसके बाद हम दोनों सोने चले गए। कुछ देर बाद मेरा दरवाजा खटखटाया गया। मैंने उठ कर मोबाईल में समय देखा.. इस वक्त टाइम 4:15 हो रहा था।

उठ कर गेट खोला तो सुमन की बड़ी बहन खड़ी थी।
मैं कुसुम की बहन का मुँह ताक रहा था और वो मुझे जिस गुस्से भरी नजरों से देख रही थी, उसे देख कर मेरी गांड फट गई।

मैंने दिमाग पर जोर डाला तो समझ में आ गया कि ये कुसुम के चलते समय लंगड़ाने के भाव से समझ गई होगी कि कुसुम चुदवा कर आई है। उस वक्त घर में मैं ही एक अजनबी और कुसुम का दोस्त था तो इसको सब कुछ भांपने में अधिक समय नहीं लगा।

कुसुम की इस बहन की भी शादी नहीं हुई थी.. वे दोनों बहनें साथ सोती थीं।
अब क्या माजरा था, वो मुझे क्यों घूर रही थी, आगे क्या-क्या हुआ.. इसके बारे में मैं आपको इस सेक्स स्टोरी के अगले भाग में लिखूंगा।

आपको यह हिंदी सेक्स स्टोरी कैसी लगी.. प्लीज़ मुझे मेल कीजिएगा।
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