मेरी सील तुड़वाने की ललक

मेरी सील तुड़वाने की ललक

मैं प्रियंका राज अन्तर्वासना की नियमित पाठक हूँ। मुझे लगा कि अपनी भी कहानी भी शेयर करनी चाहिए।
मेरे मम्मों का नम्बर  34-डी है, चूतड़ 32 है, लम्बाई 5’4 फिट है। मेरा रंग एकदम गोरा है।
दो साल पहले की बात है, बगल के घर में नई-नई शादी हुई थी, तो हम उनसे मिलने गए, जो हमारी भाभी लगती थीं।

हम लोग बात करने लगे। मैं उनका मोबाइल देखने लगी, जिसमें  एक ही नंबर से काफी अच्छे मैसेज आए हुए थे। मैंने सोचा यह नम्बर भाभी के बॉय-फ्रेंड का होगा, तो चेक करने के लिए मैंने नंबर ले लिया।

घर आने के बाद फ़ोन किया तो भैया के दोस्त राज का नंबर था। हम उसे नहीं जानते थे। वो भैया के नाम बताने पर पता चला। वो काफी दिलचस्प लड़का था। उसके बाद से हम दोनों में अक्सर बात होने लगी।
हम लोगों ने मिलने का प्रोग्राम बनाया और एक रेस्टोरेंट में मिले। उसने मुझे सफ़ेद रंग की ड्रेस में आने को कहा, जिससे पहचानने में आसानी होगी।

मैं रेस्टोरेंट में गई इंतजार करने लगी, 5 मिनट में राज जींस और शर्ट में आया।
क्या मस्त फिगर थी 5 फिट 7 इंच लम्बा बहुत ही स्मार्ट और हैण्डसम जवान लड़का था।
हम लोग मिले, बातें की और कुछ खा पी  कर घर लौट आए और अब हमारी फ़ोन पर और ज्यादा बातें होने लगीं और उसने प्यार का इजहार किया।

मैं मना नहीं कर पाई। अब प्यार और सेक्स की बातें होने लगीं।

हम लोग रोज फ़ोन सेक्स करने लगे।

फिर एक दिन राज ने कहा- मुझे मिल कर सेक्स करना है।

उसके बहुत बोलने पर मैं भी तैयार हो गई। हमने एक होटल में मिलने का प्रोग्राम तय किया। बहुत डर भी लग रहा था।

जैसे-तैसे मैं तैयार हुई, तय समय पर राज अपनी बाइक से मुझे होटल ले गया। वहाँ रूम में गए और राज ने दरवाजा लॉक किया।

हमने एक-दूसरे को गले लगाया और काफी देर तक राज मुझे चूमता रहा और मेरे मम्मों को दबाता रहा।

मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं आँखे बंद करके एन्जॉय कर रही थी, क्योंकि पहली बार किसी ने मेरे होंठों को चूमा था।

उसके बाद राज ने मेरी कुर्ती और टॉप को एक साथ उतार दिया और मेरे मम्मों को मेरी ब्रा के ऊपर से ही चूमने लगा और दबाने लगा और चूमते-चूमते ही उसने ब्रा का हुक खोल दिया, मुझे आधा नंगा कर दिया और मेरे मम्मों को मुँह में लेकर बहुत तेजी से चूसने लगा और काटने लगा।

मैं उसके बालों में ऊँगली डाल कर उसके सर के बालों को सहला रही थी। बहुत मजा आ रहा था।
उसके बाद राज ने मेरी जींस उतार दी और और पैन्टी के अन्दर हाथ डाल दिया और बोला- अभी कुछ हुआ नहीं और ये हाल हाल है..!
मेरे योनि से लगातार पानी रिस रहा था और पैंटी भीग चुकी थी। फिर उसने मेरे कपड़े उतार दिए।
मैंने कहा- अपने तो उतारो.!
राज ने कहा- तुम्हारे मैंने उतारे.. तुम मेरे उतारो।
मैंने झट से उसके कपड़े उतार दिए और उसके चड्डी तम्बू बनी हुई थी, तो राज बोला- उसे भी उतार दो.. न ..!
उसकी चड्डी उतारी तो अन्दर से 8 इंच लम्बा 3 इंच मोटा लंड पूरे मस्ती में लहराता हुआ निकला।
राज ने मुँह में लेने को बोला, पर मैंने मना कर दिया तो वो जिद करने लगा तो मैं मना नहीं कर पाई और मुँह में लेकर चूसने लगी। मुझे पहले अच्छा नहीं लगा।

उसके बाद उसका लण्ड और सख्त होने लगा और राज मेरे सर को पकड़ कर मुँह में चोदने लगा और 10 मिनट की मुँह चुदाई के बाद, “आह.. आह..” कर के उसने अपना गाढ़ा पानी मेरे मुँह में ही निकाल दिया और मैंने उसे बाहर उगल दिया।
बोली- जब मैं तुम्हारी हूँ तो जबरदस्ती क्यों करते हो?
उसने बोला- पी जातीं तो और मजा आता।
उसके बाद हम बेड पर आ गए और फिर से राज मुझे चूमने लगा और मेरे मम्मों को दबाने लगा और मुँह में ले कर चूसने और काटने लगा जिससे मेरे मुँह से सिसकारियाँ, “अ अ अ ह हअ ह अह अह अह अह अह..” निकलने लगीं।
राज ने फिर 69 को पोजीशन बना कर मेरी बुर चूसने लगा और मैं उसका लण्ड चूसने लगी।
फिर मुझ बेचैनी हुई और उसका सर अपने बुर पर दबाने लगी और बोली- अब बर्दास्त नहीं हो रहा है राज, कुछ करो..!
उसके 2 मिनट बाद राज सीधा हुआ और मैंने अपने पैर पूरे फैला दिए और राज ने मेरी दोनों टाँगों के बीच में आकर मेरी कमर के नीचे एक तकिया लगाया और अपना थूक मेरी बुर पर लगा कर लण्ड रगड़ने लगा।
तो मैं बोली- अब जल्दी करो न.. राज अब देर न करो।
राज बोला- थोड़ा दर्द होगा.!
मैं बोली- कोई बात नहीं..।
और उसके बाद राज ने अपने लण्ड का सुपारा मेरी चूत की दरार पर कस के दबाया.. मेरी तो जैसे जान ही निकल गई।
राज डर गया और मुझे चूमने लगा और बोला- बस थोड़ा और…, उसके बाद फिर मजा आएगा..!
राज ने मेरी कमर को पकड़ कर दो धक्के और लगाए और पूरा लण्ड अंदर डाल दिया। मैं तो एकदम मर सी गई और दर्द से तड़फने लगी। राज ने समझाया और मेरा दर्द कम होने तक वो वैसे ही रुका रहा और फिर राज मेरे मम्मों को मुँह में लेकर चूसने लगा। उसके बाद राज अपने लंड को आगे-पीछे करने लगा और मुझे भी मस्ती चढ़ने लगी और मैं भी अपने चूतड़ों को आगे-पीछे करके मजा लेने लगी।
मेरे मुँह से मस्ती भरी सीत्कारें, “अअह अह अह अह और कस के ..।” निकलने लगीं। लगभग 25 मिनट की चुदाई के बाद मैं दूसरी बार झड़ चुकी थी।
उसके बाद राज बोला- मैं आ रहा हूँ।
तो मैं बोली- अन्दर नहीं..!
उसने अपना लंड निकाल कर मेरे मुँह में दे दिया और मैंने कस-कस कर चूस कर सारा रस पी लिया। उसके आधे घंटे बाद भी चुदाई का एक और दौर चला और हम दोनों काफी थक चुके थे।
मुझ से उठा नहीं जा रहा था। राज मुझे बाथरूम में गोद में उठा कर ले गए और हम साथ में नंगे नहा कर बाहर आए, कपड़े पहने और चेक आउट किया। फिर बाईक से घर से थोड़ी दूर छोड़ कर अपने घर चला गया।
उसके बाद जब हम दोनों का मन करता तो होटल जाते, चुदाई करते और चले आते। राज ने मेरी गांड भी मारी थी, वो फिर कभी लिखूंगी।
आई लव यू राज।
मुझे आप अपने विचार यहाँ मेल करें।

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