छोटी बहन संग रोज बुर चुदाई

छोटी बहन संग रोज बुर चुदाई

हाय दोस्तो, कैसे हैं आप लोग.. मैं हूँ हिरेन..

मैं पहली बार इस पटल पर मेरी हकीकत लिखने जा रहा हूँ।
उम्मीद है कि आप लोगों को अच्छा लगे।

पहले मैं अपना परिचय करवाता हूँ। मेरा नाम हिरेन है.. मैं गुजरात से हूँ। मेरा घर गुजरात के एक शहर अहमदाबाद में है।
कहानी को आगे बढ़ाऊँ उससे पहले मैं अपने लन्ड के बारे में बताना चाहता हूँ।
मेरा लण्ड 6 इन्च का काला है.. चुदाई के लिये काफी है।
मैं बीए फ़ाइनल में पढ़ता हूँ।

मेरे परिवार में मैं, मेरे पापा, मेरी दो बहनें हैं।
एक बहन मेरे से बड़ी है और एक छोटी है।

मेरे पापा सेना में हैं.. वो जम्मू में हैं, वो अक्सर घर से बाहर ही रहते हैं।

जब मैं बारहवीं में पढ़ता था.. उसी वक्त मेरी माँ ने मेरे पापा को तलाक दे दिया था।

मेरी बड़ी बहन का नाम पायल है, जो पुणे में पढ़ाई करती है, वो मेरे से तीन साल बड़ी है।

वो भी एक बड़ी शौकीन लड़की है उसने काफी ब्वॉय-फ़्रेन्ड बदले हैं।

मेरी छोटी बहन का नाम चारू है वो मेरे से दो साल छोटी है.. वो कॉलेज के पहले वर्ष में है।

मेरी बहन चारू सांवली है.. उसका फ़िगर 32-28-33 का है, वो कमाल की माल लगती है। टी-शर्ट और जीन्स में बहुत ही कामुक लगती है।

मैं और चारू साथ ही अहमदाबाद में रहते हैं।

चारू और मेरे कॉलेज का टाइम एक ही है.. सुबह 8 से 1 बजे तक हम दोनों सुबह एक साथ ही घर से निकलते हैं और कॉलेज से आकर वो खाना बनाती है।

हमारे घर में दो कमरे हैं.. मैं और दीदी एक ही कमरे में सोते हैं।

हाँ.. मगर हमारा बिस्तर अलग है, हम हर रोज खाना खाने के बाद थोड़ी देर टीवी देखते हैं और उसके बाद सो जाते हैं।
मुझे सेक्स का बड़ा शौक है.. मैं हर रोज मुठ भी मारता हूँ।

यह घटना करीब छ: महीने पुरानी है।

मैं कॉलेज से आकर अपने दोस्तों के साथ घूमने जाता था.. वहाँ बाहर लड़कियों को देखकर उसे चोदने का बहुत मन करता था।

मैंने किसी रन्डी को चोदने बहुत कोशिश की.. पर कभी कोई मिली ही नहीं।

तब मैं नंगी फ़िल्म देखकर काम चलाता था।

फ़िर एक बार वेब-साइट में भाइ-बहन का चुदाई का एक वीडियो देखा, उससे सीख कर मैंने अपनी बहन को चोदने का प्लान बनाया और मेरे लिये ये काम भी आसान था क्योंकि घर में हम दोनों के सिवाए और कोई नहीं था।

सिर्फ़ अपनी बहन को पटाने का काम बाकी था। जब वो अपनी सहेली के घर जाती थी तब उसकी ब्रा और पैन्टी लेकर मैं मुठ मारता था।

जब पहली बार उसकी ब्रा और पैन्टी देखी तो मेरे रोंगटे ही खड़े हो गए।

कितनी मादक काली ब्रा और पैन्टी थी।
कुछ दिनों तक मैंने उसी से काम चलाया।

तब एक बार वो शाम को नहाने के लिये बाथरूम में गई तब मैंने उसे देखने का सोचा।

मेरे बाथरूम की पीछे दीवार के ऊपर एक वेन्टिलेटर है जो अन्दर की हवा को बाहर निकालता है.. मैं तुरन्त ही वहाँ गया और देखने लगा।

मैं तो देखता ही रह गया मेरी बहन पूरी नंगी थी, उसकी गान्ड मेरी तरफ़ थी।

मेरा छ: इन्च का लन्ड पूरी तरह खड़ा हो चुका था।
उसकी गान्ड बहुत ही मस्त थी.. मेरा मन कर रहा था कि अभी अन्दर जाकर उसकी गान्ड में लन्ड डाल दूँ।

मेरी चारू की गान्ड कितनी सुन्दर और गोरी थी।

इतना देखते ही वहाँ से चला गया और उसके नाम की मुठ मारने लगा।

उसके बाद मेरा माल चड्डी में ही गिर गया।

जब वो जब नहाने के बाद बाहर निकली तो उसने पूछा- भाई तू क्या खाना चाहते हो?

मैंने कहा- जो तू बनाना चाहती हो.. वो बना दे।

अब मैं उसके साथ बड़े प्यार से बात करने लगा और रसोई में भी हाथ बंटाने लगा। वो बोली- हीर.. आज तू बहुत खुश लग रहा है.. क्या बात है.. जरा मुझे भी तो बताओ।

मैंने कहा- कुछ नहीं दीदी.. बस वो तो ऐसे ही…

तो वो बोली- क्या मेरी भाभी ढूँढ ली है?

मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है.. मैंने कोई लड़की पटाई ही नहीं है।

वो बोली- क्यों?

मैंने कहा- मुझे तुम्हारी तरह सुन्दर लड़की नहीं मिली।

तो उसने बोला- क्या मैं तुझे बहुत पसंद हूँ?

मैंने कहा- हाँ बहुत ही…

मैंने उससे पूछा- क्या तुम्हारा कोई ब्वॉय-फ़्रेन्ड है?

तो उसने तुरन्त ही ‘ना’ बोल दिया।

मैंने पूछा- क्यों.. नहीं है?

वो बोली- मुझे मेरी पसन्द का कोई नहीं मिला इसलिए…

मैंने कहा- तुम्हें कैसा लड़का पसन्द है?

उसने कहा- तेरे जैसा.. जो मेरा ख्याल रखे।

मेरे मन में लड्डू फूटने शुरू हो गए।

बाद में हमने खाना खाया और टीवी देखने लगे। फिर 11 बजे सोने चले गए.. मुझे रात को नींद ही नहीं आ रही थी.. दीदी की गान्ड ही याद आ रही थी।
वो रात को कॉटन की कैपरी और टी-शर्ट पहनती थी।

करीब आधा घंटे के बाद मैं उसके बिस्तर के पास गया और धीरे से उसकी गान्ड पर हाथ फ़ेरने लगा।

मेरा लन्ड खड़ा हो गया था। बाद में मैं उसके मम्मों को दबाने लगा।

आह्ह्ह्ह्ह्ह.. क्या मजा आ रहा था।

मैंने ज़ल्दी से लन्ड निकाला और उसकी गान्ड पर रगड़ने लगा।

वो जाग गई और कहा- क्या कर रहा है?

मेरी गान्ड फ़ट गई।

मैंने कहा- कुछ नहीं.. तुम सो जाओ।

वो बोली- देख मुझे ये सब पसन्द नहीं है अगर फ़िर से किया तो पापा को बोल दूँगी।

मैंने कहा- सॉरी.. अब नहीं होगा।

बाद में मैं भी सो गया।

सोते-सोते उसे पटाने का प्लान बनाता रहा था। दूसरे दिन रविवार था और मैं अपने प्लान को अन्ज़ाम देने के लिए रेडी हो गया।

मैंने सुबह उठते ही उससे फिर कहा- सॉरी चारू.. कल रात मुझसे गलती हो गई थी.. प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो।

उसने कहा- ठीक है अगली बार ख्याल रखना.. मुझे ये सब पसन्द नहीं है।

मैंने कहा- ठीक है।

बाद में दोपहर का खाना खाने के बाद मैंने दीदी से कहा- मैं बाज़ार जा रहा हूँ।

मैं चला गया।

मैंने बाज़ार से दो कप आइसक्रीम ली और दवा की दुकान से एक कामोत्तेजक दवा ली जो लड़कियों में सेक्स बढ़ाने में काम आती थी।
एक तरह की ये वियाग्रा ही है।

मैंने दो पाउच ले लिए और फिर घर चला गया।

मैंने आइसक्रीम को फ्रीजर में रख कर टीवी देखने लगा।
चारू घर का काम करने लगी और अब मुझे रात का इन्तजार था।

पिछले दिन की तरह मैंने उससे प्यार भरी बातें करने लगा।

मैंने दीदी से पूछा- तुम सेक्स के बारे में क्या जानती हो?

वो बोली- मुझे कुछ नहीं पता.. मुझे वो सब गन्दा लग्ता है।

इस तरह मैंने उसकी राय जान ली।

बाद में रात के खाने के बाद हम लोग टीवी देखने लगे।

तभी मैंने फ़्रिज में से आइसक्रीम निकाली और दीदी के कप पर वो दवा मिला दी।

वो पाउडर जैसी थी।

बाद में मैंने उसे वो दवाई वाला कप उसे दे दिया.. वो बहुत खुश हो गई और हम दोनों खाने लगे।

तभी थोड़ी देर बाद सोने जाने का समय हो गया था.. हम दोनों अपने बिस्तरों में चले गए।

दीदी ने उस दिन एक तकिया लेकर अपने दोनों पैरों के बीच रख लिया।

मैं उसे ही देखता रहा कि वो क्या कर रही है। थोड़ी देर बाद मैंने देखा तो वो तकिए को अपने दोनों पैरों के बीच रगड़ रही थी।

उसने मेरी और देखा तो हँस कर बोलने लगी- क्या तुम्हें नींद नहीं आ रही?

मैंने कहा- नहीं।

फिर मैंने अन्जान होकर पूछा- तुमने आज तकिया क्यों लगा लिया?

उसने कहा- पता नहीं.. पर आज तकिया को रख कर मजा सा आ रहा है।

मैंने हँस कर कहा- ठीक है।

वो फ़िर से बोली- तू सो जा.. अब देख तेरी आँखें लाल हो चुकी हैं।

मैंने कहा- ठीक है.. सो जाता हूँ।

मैंने आँख बन्द कर लीं.. थोड़ी देर बाद वो बोली- हीर तू जाग रहा है?

मैंने कुछ जवाब नहीं दिया।

फ़िर उसने कमरे की बत्ती जला करके उसने अपनी अलमारी से एक मोमबती निकाल ली। मैं ये सब सोते-सोते देख रहा था।

वो फ़िर से चिल्लाई- हिरेन..

मैं अब भी कुछ नहीं बोला और बस वो शुरू हो गई.. उसने अपनी कैपरी थोड़ी सी सरकाई और मोमबत्ती को अपनी चूत में डालने लगी।
मैंने देखा वो बहुत गर्म हो चुकी थी.. कुछ ही पलों में वो ‘आह्ह्ह’ करने लगी।

फ़िर मैं तुरन्त उठ कर गया और कमरे की बत्ती जला दी।

मैंने अन्जान होकर पूछा- ये तुम क्या कर रही हो चारू?

वो मुस्कुराते हुए बोली- कुछ नहीं नींद नहीं आ रही.. इसलिए टाइम-पास कर रही हूँ।

मैंने कहा- ऐसे.. किया जाता है?

वो चुप थी।

फ़िर मैंने कहा- मैं पापा को बोल दूँगा…

थोड़ी देर तक वो कुछ नहीं बोली और रोने का नाटक करने लगी।

फ़िर मैं उसके पास गया और मैंने उसे सीने से लगा लिया।

बोला- उसमें रोने की क्या बात है..? ये सब क्यों कर रही हो?

तो दीदी ने कहा- भाई बहुत मन कर रहा था…

मैंने कहा- मुझे भी कल बहुत मन कर रहा था इसलिए तुम्हें करने की कोशिश की तो तूने मना कर दिया था।

दीदी ने कहा- पर तू तो मेरा भाई है.. हम दोनों ऐसा नहीं कर सकते…

मैंने जल्द ही नेट चालू करके उसे भाई-बहन का चुदाई वीडियो दिखाया।

तो वो बोली- क्या ये सच होता है?

मैंने कहा- यदि नहीं होता तो इधर क्यों ऐसा है?

तो फ़िर थोड़ी देर वो कुछ नहीं बोली।

बाद में मैंने उसे जकड़ लिया और उसके होंठों को चूम लिया।

बोला- दीदी घबराओ मत.. सभी लोग यही करते हैं.. तेरी सहेली… मेरे दोस्त.. सब लोग।

उसने मेरी बातों को सच मान लिया और कहा- सच्ची?

मैंने कहा- हाँ दीदी.. सच्ची।

बस फ़िर मैं उसे चुम्बन करने लगा.. वो भी साथ देने लगी।

थोड़ी देर तक हम एक-दूसरे को चूमते रहे। बाद में मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल दी। उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था।

मैं तो उसको देखता ही रह गया.. उसके क्या मस्त उठे हुए मम्मे थे.. मेरा लौड़ा खड़ा हो चुका था।

फ़िर मैं तो उसे चूमता ही रहा.. उसके मम्मे दबाता रहा।

फ़िर वो बोली- बस करो.. अभी और भी कुछ है।

यह कह कर उसने अपनी कैपरी खोल दी।

उसने गुलाबी रंग की पैन्टी पहनी हुई थी।
वो भी उसने उतार दी, अब वो पूरी तरह नंगी थी।

मैंने देखा तो उसकी चूत से कुछ पानी जैसा निकल रहा था।

मैंने फ़टाक से उसे लेटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा।

थोड़ी देर बाद चारू ने मेरी चड्डी निकाल दी, वो देखकर बोली- वाह मेरे राजा.. क्या लन्ड पाया है।

यह कह कर वो मेरे लण्ड को मुँह में लेने लगी।

थोड़ी देर उसने मुँह में पूरा लवड़ा ले लिया बाद में बोली- चलो अब असली खेल पर आते हैं।

अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे… फ़िर मैंने लन्ड को उसकी चूत में डाल दिया और उसको चोदने लगा। चुदाई के साथ-साथ मैं उसके मम्मों भी दबा रहा था।

वो भी ‘आह्ह्ह्ह..’ करने लगी।

थोड़ी देर बाद वो उलटी हो गई.. यानि उसने अपनी गान्ड मेरी ओर कर दी और बोली- शुरू हो जाओ…

करीब 7-8 मिनट चोदने के बाद मैंने कहा- चारू अब मेरा माल निकलने वाला है।

वो बोली- मेरा तो दो बार निकल चुका है।

मैंने कहा- तो ले अब फाइनल शॉट..

और मैंने दे-दनादन उसकी चुदाई चालो कर दी और झड़ने से पहले लवड़ा निकाल कर मैंने बाथरूम में जाकर माल निकाल दिया और फ़िर से आ गया।

दीदी बोली- सच में हीर.. मजा आ गया… और तुम्हें?
मैंने कहा- हाँ मुझे भी बहुत मजा आया।

बाद में वो मुस्कुराते हुए बोली- कल भी करेंगे…

दूसरे दिन मैं उठा तो वो पूरी नंगी खड़ी थी और बोली- उठ गए आप.. चलिए नास्ता कर लीजिए…

मैंने नाश्ता किया बाद में हम दोनों कॉलेज के लिये निकल पड़े।

कॉलेज से आकर मैंने उससे कहा- तू कॉलेज से छुट्टी ले ले।

वो भी समझ गई और बोली- कल से ले लूँगी.. वैसे भी मेरे कॉलेज में अच्छा रूल है … वहाँ हाजिरी की कोई जरुरत नहीं होती।

दूसरे दिन चारू ने कॉलेज जाकर छुट्टियाँ ले लीं।

मुझे लगता था कि वो दो-तीन दिन की छुट्टी लेगी.. लेकिन साली ने पूरे सात दिन की छुट्टी ले ली और मुझसे कहा- अब चोदने का मज़ा आएगा…

उस रात को उसने कमरे में दोनों बिस्तरों को साथ में मिला लिया।

तब से हम टीवी देखने के बजाए सीधे कमरे में चले जाते और दोनों पूरे नंगे होकर बात करते थे और पूरी रात चुदाई करते थे।

एक बार में उसकी चूत चाट रहा था.. तब मेरी बड़ी बहन पायल का फ़ोन आया.. चारू फोन उठा कर बात करने लगी।

थोड़ी देर बाद पायल ने पूछा- हिरेन क्या कर रहा है?

तब चारू ने कहा- वो मेरी चूत चाट रहा है।

यह सुनते ही मैं दंग रह गया।

बाद में हम दोनों ने सब बताया और पायल मुझसे कहने लगी- मैं भी अब कुछ दिनों में आ रही हूँ फ़िर हम तीनों साथ में चुदाई करेंगे।

हमने कहा- ठीक है..

उसके बाद मैं और चारू ने तय किया.. पूरा हफ्ता हम दोनों घर में नंगे ही रहेंगे।

मैं चलते-फिरते कभी भी उसके दूध दबा देता था।
उसकी गान्ड पर थपकी करता.. वो भी काम करते-करते मेरे लन्ड के साथ थोड़ा खेल लेती थी।

हम दोनों बिल्कुल पति-पत्नी की तरह रहने लगे।

तब से हर रोज रात को मैं उसकी चुदाई करता था। वो भी बहुत खुश थी और मैं भी मस्त था।

चलो अब… मिलते हैं.. अभी तो पायल का इन्तजार कर रहा हूँ।

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