झीलों के शहर में चूत में डुबकी लगाई

झीलों के शहर में चूत में डुबकी लगाई

हाय फ्रेन्ड्स मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ कर मेरा मन भी मेरी सच्ची घटना को लिखने का हुआ.. जो मैं इस कहानी में लिख रहा हूँ।

मेरा नाम संजय (बदला हुआ) है। मेरा रंग गोरा है और मेरा लंड भी काफी बड़ा और मोटा है।

बात उस समय की है.. जब मैं उदयपुर, राजस्थान में नया-नया आया था।
मैंने उदयपुर में रहने के लिए एक घर किराए पर ले लिया, घर दो मंज़िला होने के कारण मुझे दूसरे फ्लोर पर कमरा मिला।

नए होने की वजह से मुझे पहले तो काफ़ी अकेलापन महसूस होता था.. पर वो ज़्यादा दिन तक ना रहा।

घर का मालिक बहुत ही गुस्से वाला था.. पर उसकी दोनों बेटियाँ कमाल की थीं, छोटी वाली का नाम था रिया और बड़ी वाली का नाम सौम्या था।

सौम्या के चूतड़ देख कर ऐसा लगता था कि अभी पकड़ कर चोद दूँ।
मैं नया होने के कारण ऐसा नहीं कर पाया।

जब मैंने घर किराए पर लिया था तो उस वक्त मैंने एक बात नोट की थी कि दोनों ही बहनें मेरे घर में आने से बहुत ही खुश थीं।
उन्हें देख कर ऐसा लग रहा था जैसे बरसों से वो मेरे ही इंतज़ार में बैठी हों।

मेरा लंड तो उन्हें देखते ही सलामी मारने लगा।

मैं लंबे सफ़र से थक चुका था इसीलिए जल्दी से बाथरूम में गया और फ्रेश हो कर आ गया।

अब मैंने उदयपुर घूमने के बारे में सोचा लेकिन तभी अचानक मुझे मेरे दरवाजे पर दस्तक सुनाई दी।
मेरे ‘कौन है..’ पूछने पर मुझे एक लड़की की आवाज़ सुनाई दी.. तो मैं जान गया था कि ये कोई और नहीं रिया है।

मैंने उसे अन्दर आने को कहा।

वो मेरे बगल में बैठ गई और हम बातें करने लगे।
बातों ही बातों में मैंने उससे पूछा- रिया क्या तुम मुझे उदयपुर घुमाओगी?

तो उसने तुरंत ‘हाँ’ कर दी और फिर हमने शाम का प्लान बनाया।
शायद शाम को उसके पिताजी कहीं बाहर जाने वाले थे इसलिए वो मेरे साथ जाने को राजी हो गई थी।

टाइम के मुताबिक मैं ठीक 5 बजे तैयार हो कर बैठ गया और रिया का इंतज़ार करने लगा।

तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और कुछ ही पलों में रिया मेरे सामने आ कर खड़ी हो गई।
जब मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया, उसने सफ़ेद टॉप और नीचे ब्लू शॉर्ट्स पहन रखा था।
उसके चुस्त टॉप में से उसके कड़क मम्मे कमाल लग रहे थे और कसे हुए शॉर्ट्स में उसकी गाण्ड तो मानो पागल सा कर रही थी।

हम दोनों घूमने के लिए निकल गए। रिया के पास उसकी खुद की कार थी.. तो हम कार से रवाना हुए।

रिया मुझे सबसे पहले ‘फ़तेहसागर’ नाम की एक झील पर ले गई, वहाँ का नज़ारा बहुत ही प्यारा था।
हम वहाँ पर ही बैठ कर बातें करने लगे।

तभी मैंने रिया से पूछा- यहाँ पर कोई पब या बार है क्या?
तो रिया मुस्कुराई और साथ में चलने को कहा।

मैंने थोड़ी देर बात करने के बाद पूछा- रिया तुम्हारा कोई बॉयफ्रेण्ड है क्या?
तो रिया ने ‘ना’ में अपनी गर्दन हिला दी।
उसकी ‘ना’ सुनकर तो जैसे मेरे मन में लड्डू फ़ूटने लगे थे।

थोड़ी ही देर में हम पब पहुँच गए। हम दोनों अन्दर गए.. तो देखा वहाँ पर पार्टी चल रही थी.. लड़के-लड़की शराब पी कर नाच रहे थे।

मैंने रिया से पूछा- क्या तुम ड्रिंक करती हो?
उसने बोला- मैंने अभी तक ट्राई नहीं की है लेकिन कभी-कभी इच्छा होती है।

तो मैंने वेटर से हम दोनों के लिए ड्रिंक मँगवाई।

पाँच मिनट में वेटर हमारी ड्रिंक ले कर आ गया और हमने पीनी शुरू कर दी।

मैं तो ड्रिंक करने का बहुत पुराना खिलाड़ी था.. पर रिया तो नई-नई थी, उसे दो पैग में ही नशा चढ़ गया, उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे डान्स करने के लिए बोला।

हम दोनों डान्स फ्लोर पर चले गए।
रिया को देख कर लग रहा था कि मानो ये पागल सी हो गई हो.. पर मैं भी कम नहीं था।
कई बार डान्स के बहाने मैं उसके मम्मे और गाण्ड को सहला देता था।

थोड़ी देर नाचने के बाद पता नहीं रिया को क्या हुआ और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझे होंठों पर चुम्बन करने लगी।

पब में भीड़ की वजह से मैंने उसे ये सब करने से रोका.. तो वो नाराज़ हो गई।
मैं उसे मनाने के लिए साइड में ले गया और उसके होंठों पर चुम्बन करने लगा.. इससे वो भी खुश हो गई।
काफी देर तक एंजाय करने के बाद हमने वहाँ से निकलने की सोची।

पब से निकलने के बाद हम दोनों पार्किंग में पहुँचे और मैंने रिया से कार की चाभी माँगी.. क्योंकि उसकी हालत ड्राइव करने लायक नहीं थी।

फिर हम दोनों वहाँ से निकल गए। थोड़ी देर चलने के बाद सुनसान सी जगह आई.. तो रिया ने बोला- गाड़ी साइड में रोक दो।
मैंने गाड़ी साइड में रोक दी।

रिया ने मुझसे पीछे वाली सीट पर आने को कहा.. तो मैं जल्दी से दरवाज़ा खोल कर पीछे वाली सीट पर पहुँच गया।
हम दोनों बस एक-दूसरे को देखे जा रहे थे।

अचानक मेरे मन में क्या हुआ कि मैंने रिया को अपनी ओर खींचा और उसके होंठों को पागलों की तरह चूसने और चाटने लगा। नशे में होने के कारण रिया भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
किस करते-करते हम दोनों के कपड़े कब उतर गए पता ही नहीं चला। अब वो मेरे सामने सिर्फ पिंक ब्रा और पैन्टी में थी और मैं भी सिर्फ अपनी चड्डी में ही था।

उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए थे।
मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने शुरू कर दिए और उसे मज़ा आने लगा।

उसकी ‘आहहा.. आआहहानं.. आहहाआंन्न उउककच्छ..’ की आवाज़ से पूरी कार गूँज रही थी।
मैं उसके मम्मों को चूसने लगा और करीब दस मिनट तक चूसता रहा।

फिर मैंने उसकी पैन्टी खोल दी।

क्या कमाल की चूत थी उसकी.. पूरी गुलाबी.. और उस पर एक भी बाल नहीं..

मैंने वक्त को ना गंवाते हुए उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया। अब वो दीवानी सी हुए जा रही थी और बोल रही थी- प्लीज़ अब मत तड़पाओ.. पेल भी दो..
पर मैं कहाँ मानने वाला था। मैंने अपना मोटा लंड अपनी चड्डी से बाहर निकाला और उसके मुँह में डाल दिया।

वो पागलों की तरह मेरे लंड को चूसे जा रही थी।
मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाल कर उसकी चूत पर रखा और एक धक्का मारा। मेरे एक ही झटके से मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और उसके मुँह से चीख निकल पड़ी।
मैंने एकदम से अपने होंठों को उसके होंठों पर रख कर उसे शांत कर दिया, फिर मैंने एक और धक्का लगाया.. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया।

कुछ देर की पीड़ादायक स्थिति के बाद अब उसका दर्द कम होने लगा था, मैं भी धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाने लगा।
हम दोनों को ऐसा लग रहा था कि मानो हम जन्नत में हों।

चुदाई के इस लम्बे कार्यक्रम के बाद रिया ने मुझे कस कर पकड़ लिया और वो झड़ गई।
उसके बाद मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और फिर मैं भी झड़ गया।

मेरा सारा माल उसकी चूत में ही निकल गया। हम दोनों निढाल होकर एक-दूसरे से लिपट गए।
थोड़ी देर बाद हम उठे और अपने-अपने कपड़े पहनने लगे, कपड़े पहन कर हम दोनों घर के लिए रवाना हो गए।

जब घर पहुँचे तो रात के दो बज रहे थे।

मैंने उससे बोला- तुम मेरे कमरे में ही सो जाओ।
वो मान गई और फिर रात को हमने दो बार और चुदाई की।

आपको मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी फ्रेन्ड्स.. मुझे अपने मेल जरूर करें।
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