दिव्या भाभी मेरे लंड से चुदी – मैंने एक तेज धक्का लगाकर उसकी फैली हुई चूत में अपने लंड को तीन इंच तक अंदर डाल दिया

दिव्या भाभी मेरे लंड से चुदी – मैंने एक तेज धक्का लगाकर उसकी फैली हुई चूत में अपने लंड को तीन इंच तक अंदर डाल दिया

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम राहुल है. मेरी उम्र 24 साल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी लम्बाई 5.9 इंच मेरा बदन गोरा, गठीला में दिखने में भी ठीक ठाक लगता हूँ और मेरे लंड का आकार सात इंच लंबा और तीन इंच मोटा है, मेरे इस बदन को देखकर हर लड़की मेरी तरफ बहुत आकर्षित हो जाती है. दोस्तों आज में आप सभी को जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ.

यह कुछ दिन पहले की एक सच्ची घटना है, वैसे मुझे शुरू से ही सेक्स में बड़ी रूचि रही है और मेरी यह हमेशा कोशिश रहती थी कि कोई मुझे ऐसा मिले जिसके साथ में जमकर सेक्स करूं और अपने मन की सभी इच्छा को उसके साथ पूरा कर लूँ, लेकिन में ऐसा कुछ नहीं कर सका क्योंकि मुझे वो ऐसा मौका कभी मिला ही नहीं, जिसका में फायदा उठाकर वो सभी कर लेता और मेरी किस्मत ने मेरा साथ नहीं दिया. दोस्तों मेरी यह कहानी लंबी जरुर है, लेकिन आप लोग इसको थोड़ा ध्यान से पढ़ना आपको जरुर मज़ा आएगा, उन्ही दिनों में मेरा एक पक्का दोस्त जो मेरे पड़ोस में रहता था उसकी शादी पक्की हो गयी और 15 दिनों के बाद ही उसकी शादी भी हो गयी, लेकिन में उसकी शादी में नहीं जा सका, क्योंकि में उन दिनों किसी जरूरी काम की वजह से अपने अंकल के घर मुम्बई गया हुआ था और जब में वापस आया तो वो उसी शाम को मुझसे मिला.

फिर मैंने उससे पूछा क्यों कैसी रही तुम्हारी शादी और वो पहली रात तुम्हारी पत्नी के साथ? वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर कुछ भी नहीं बोला और बिल्कुल चुप ही रहा. उसके बाद वो मुझसे कहने लगा कि चल में तुझे मेरी पत्नी से मिलवा देता हूँ. तो में और मेरा वो दोस्त उसके घर चले गए और जब में अंदर गया तो मैंने देखा कि वहां पर उसकी पत्नी घर में अकेली ही थी. अब मैंने देखा कि उसकी पत्नी बहुत ही सुंदर गोरी और सेक्सी लग रही थी और साड़ी में तो वो बहुत ही अच्छी लग रही थी और उसका फिगर तो कुछ ऐसा था कि आप उसके बारे में मुझसे पूछो ही मत, वो मेरी ही उम्र की थी.

उसका नाम दिव्या था. मुझे तो वो दिखने में बड़ी ही आकर्षक लड़की लग रही थी, जिसको देखकर में अपने होश पूरी तरह से खो चुका था. उसको देखकर मेरे मन में उसको अपना बनाने की इच्छा होने लगी थी. फिर मैंने मेरे दोस्त को ऐसे ही मजाक में कह दिया वाह यार तेरी पत्नी तो बहुत ही मस्त सुंदर लग रही है, तेरी तो किस्मत ही खुल गई जो तुझे ऐसी सुंदर लड़की मिली है. तू अब इसके साथ अपने अच्छे से आगे का जीवन बिना और इसके साथ खुश रह. फिर मैंने मन ही मन में दुआ कि भगवान अगर आप मुझे पत्नी दो तो ठीक ऐसे ही फिगर वाली और सुंदर पत्नी देना जो मेरा जीवन सफल बना दे और मैंने उससे बात करना शुरू किया तो उसकी आवाज़ भी बहुत मीठी सुरीली थी, जिसको सुनकर में बड़ा खुश था मेरा मन अब पूरी तरह से उसकी तरफ आकर्षित होकर में उसका दीवाना हो चुका था. उस पर मेरा मन आ गया था. अब वो भी मुझे देखकर बार बार मेरी ही तरफ देख रही थी.

शायद वो भी मेरे गठीले बदन को देखकर मुझसे आकर्षित थी. फिर कुछ देर वहीं पर रुककर चाय पानी पीकर में वापस अपने घर चला आया, लेकिन मेरा मन तो उसी के पास रह गया था. में बस उसी में बारे में सोचने लगा. फिर एक दिन में जब अपनी गाड़ी को धो रहा था तभी वो अपने घर से कुछ कपड़े और बर्तन लेकर मेरे यहाँ पर धोने आ गई उनके मुझे बताया कि किसी वजह से उनके घर आज पानी खत्म हो चुका है, इसलिए उसको यहाँ आना पड़ा.

जब वो अपने काम को करते हुए नीचे की तरफ झुकती उसी समय मैंने उसके प्यारे से गोरे गोलमटोल बूब्स को देख लिया, जिनको देखकर में बड़ा चकित था, इसलिए में उससे कुछ कह नहीं पाया मुझे उसके उभरते हुए बूब्स को देखने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था. में गाड़ी को धोता रहा और उसी के बहाने बूब्स को भी देखता रहा और वो मुझे देखती गयी, लेकिन उसने जानबूझ कर अपने पल्लू को ठीक नहीं किया, जो काम करने की वजह से नीचे आ चुका था इसलिए अब तो उसके बूब्स मुझे पहले से भी ज्यादा साफ नज़र आने लगे थे और इसलिए जब जब में उसके बूब्स को देखता तब तक मेरे शरीर में 440 वॉट्स का करंट एक साथ दौड़ने लगता और इस तरह में कई बार उसके बूब्स को खुश होकर देख चुका था.

वो मुझसे कुछ कहती ही नहीं वो बस मुझसे अपनी नजरे मिलाकर मेरी तरफ मुस्कुराने लगती और शायद उसको मेरी यह हरकत उसके साथ करना अच्छा लग रहा था इसलिए उसने भी आगे होकर मुझे अपने बूब्स दिखाए और मैंने देखकर उनके मज़े लिए वो बहुत ही गोरे उसके घुटनों से सटे होने की वजह से दबकर उसके बड़े आकार के गले के ब्लाउज से बाहर निकल रहे थे. वो द्रश्य बड़ा ही मनमोहक था इसलिए में भी बिल्कुल चकित होकर घूर घूरकर उन दोनों सफेद कबूतरों को देख रहा था.

फिर कुछ देर अपने काम को खत्म करके वो वापस चली गई और उस घटना के बाद से मेरे मन में उसके लिए अब गलत विचार कुछ ज्यादा ही आने लगे थे. में अब उसकी चुदाई के सपने देखने लगा था और उस घटना के बाद से मैंने उसके मेरे लिए व्यहवार में बहुत परिवर्तन महसूस किया वो अब मुझसे बहुत हंस हंसकर बातें और बहुत हंसी मजाक करने लगी थी वो हर कभी किसी भी बहाने से मेरे घर अब पहले से ज्यादा आने लगी थी और मुझे भी उसके आने उससे मिलने उसको देखने से बड़ी खुशी होती और उसका वो साथ मुझे अच्छा लगने लगा था और फिर एक दिन वो दिन भी आ गया जब मेरी किस्मत खुल गई. उस दिन वो मेरे घर चली आई और उसने मुझसे कहा कि हमारे घर पर टीवी में कुछ नजर आता ही नहीं है तो आप चलकर उसको प्लीज ठीक कर दीजिए ना, वरना में अकेले घर में रहकर पूरा दिन बोर हो जाती हूँ उसके बिना मेरा मन नहीं लगता.

मैंने उससे तुरंत कहा कि हाँ ठीक है आप चलो मेरे साथ में देखता हूँ कि आपकी टीवी में क्या समस्या है? और जैसे ही में टीवी वाले कमरे में गया तो उसने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया था, लेकिन मुझे इसके बारे में पता ही नहीं था कि उसने दरवाजा बंद कब किया? उस समय उसके घर पर कोई नहीं था. में टीवी की समस्या को देख रहा था और मेरे हाथ में टीवी का रिमोट था और मेरी नजरे टीवी के ऊपर थी. तभी अचानक से उसने मुझे पीछे से आकर अपनी बाहों में कसकर जकड़ लिया, जिसकी वजह से उसके बूब्स मेरी कमर को छूकर दबने लगे और वो अहसास कुछ ऐसा था कि जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकता, वैसे तो में उसकी इस हरकत की वजह से मन ही मन बहुत खुश हो रहा था, लेकिन फिर भी मैंने जानबूझ कर नाटक करते हुए उससे पूछ लिया यह तुम क्या कर रही हो? छोड़ो मुझे.

वो कहने लगी कि जो तुम्हे दिख रहा है यह बात कहकर उसने मेरी पीठ पर किस करना शुरू कर दिया और उसके बाद वो मेरे आगे आकर मेरे होंठो को बुरी तरह से चूमने चूसने लगी थी कि उसके इतना सब करने की वजह से में भी झट से जोश में आ गया और अब में भी उसको किस करने लगा था और उसको अपनी बाहों में दबाने लगा, जिसकी वजह से हम दोनों के बदन के बीच इतनी भी जगह नहीं बची जिसकी बीच हवा भी निकल जाए उसके वो गोरे गोलमटोल बूब्स मेरी छाती से दबकर बाहर आ रहे थे वो बड़े ही मुलायम थे और वो अहसास सबसे अलग हटकर था.

फिर कुछ देर चूमने के बाद मैंने उसको खींचकर सोफे पर लेटा दिया और अब में उसके ऊपर आ गया. मैंने दोबारा उसको पागलों की तरह चूमना शुरू कर दिया था. फिर करीब दस मिनट तक में उसको चूमता ही रहा, जिसकी वजह से हम दोनों का जोश बहुत बढ़ चुका था और हम अब बिल्कुल पागल हो चुके थे.

अब मैंने सही मौका देखकर उस ब्लाउज खोल दिया, जिसकी वजह से वो मेरे सामने ब्रा में केद अपने उन लटकते हुए बूब्स के साथ बड़ी ही सुंदर अप्सरा की तरह नजर आ रही थी.

में उनकी सुंदरता को देखकर बड़ा चकित था. फिर उसके बाद मैंने बिना देर किए अपने एक हाथ को उसकी कमर पर ले जाकर उसकी ब्रा को भी तुरंत खोलकर उसके गोरे सेक्सी कामुक बदन से अलग कर दिया और जैसे ही मैंने उसकी ब्रा को खोला वैसे ही उसके वो दोनों बूब्स उछलकर बाहर आ गये और में बिल्कुल पागलों की तरह उनको देखकर बड़ा चकित होकर दोनों बूब्स को अपने हाथो में लेकर दबाने मसलने लगा. वाह क्या मस्त बड़े बड़े बूब्स थे? उनके बूब्स का आकार 38 इंच के करीब था आज मुझे कितने दिनों के बाद उसके पूरे के पूरे बूब्स देखने को और दबाने को मिले थे, जिनको पाकर में बड़ा खुश था.

फिर मैंने उनकी निप्पल को अपने मुहं में भर लिया और में उनको चूसने लगा साथ ही दूसरे बूब्स को सहला रहा था और में उनको चूसता ही रहा. ऐसा करने में मुझे बड़ा मस्त मज़ा रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी साड़ी को उताकर उसको मैंने पेंटी में कर दिया उसकी चूत बहुत गरम हो चुकी थी, इसलिए उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी. तुरंत ही मैंने उसकी पेंटी को उतारकर उसकी चूत को फैलाकर में चाटने लगा और वो जोश में आकर सिसकियाँ भर रही थी.

कुछ देर बाद वो जोश में आकर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और में बड़े मज़े लेकर अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने के मज़े लेने लगा, तभी उसने मुझसे कहा कि ऐसा तो तुम्हारा दोस्त कभी भी मेरे साथ नहीं करता तुम्हे तो बड़े मस्त मज़े बहुत कुछ करना आता है अब उसको और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था, क्योंकि मैंने किसी की चूत को पहली बार अपनी आखों से देखा था, क्योंकि वो अब मेरे सामने पूरी नंगी थी पहली बार ऐसी सुंदर गोरी पूरी नंगी लड़की को देखकर मेरा लंड जो जोश में था.

अब वो पूरी तरह से टाइट होकर झटके देने लगा था, वैसे तो में कई बार बहुत सारी नंगी लड़कियों को सेक्सी फिल्म में चुदाई करते हुए देख चुका था, लेकिन आज पहली बार में किसी लड़की को अपने सामने पूरा नंगा करके उसकी चुदाई अपने लंड से करने जा रहा था.

यह मेरा सबसे अच्छा अनुभव था, जिसको में अपने पूरे जीवन कभी नहीं भुला सकता. अब उसने मुझे बैठकर मेरे कपड़े उतारकर मुझे भी पूरा नंगा कर दिया तभी वो मेरा तनकर खड़ा लंड देखते ही एकदम चकित होकर मुझसे बोली वाह इतना लंबा, मोटा इतना तो मेरे पति का भी नहीं है आज तो मुझे इस लंड से अपनी चुदाई करवाने में बड़ा मस्त मज़ा आएगा और फिर मेरा लंड उसके हाथों में आते ही झटके मारने लगा. वो बहुत टाइट हो चुका था और तब उसने मुझसे कहा कि तुम्हारा यह लंड तो बहुत ही दमदार लगता है. देखो यह कैसे मेरे हाथों में ही उछल रहा है और यह बात खत्म करके वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और जहाँ तक हो सकता था वो मेरे लंड को अपने मुहं में ले रही थी और टोपे पर अपनी जीभ को घुमाकर चूस चाट रही थी.

उसके यह सब करने की वजह से मुझे बहुत मस्त मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर वो मेरे लंड को चूसती रही और उसके बाद मैंने उसको सोफे पर ही लेटा दिया और एक बार फिर से में उसकी चूत को चाटने लगा, जिसकी वजह से वो सिसकियाँ ले रही थी. फिर में उठा मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा फैला दिया, उसने भी मेरा साथ देते हुए अपने हाथों से अपनी रसभरी गुलाबी चूत की पंखुड़ियों को पूरा फैलाकर मेरे लंड के स्वागत के लिए खोल दिया.

मैंने अपना लंड का टोपा उसकी चूत के खुले हुए होंठो पर रख दिया और में उसकी चूत के दाने पर घिसने लगा, ऐसा मैंने कुछ ही देर किया और तभी वो बोल पड़ी प्लीज अब डाल भी दो क्यों तुम मुझे कितना तड़पा रहे हो, प्लीज थोड़ा जल्दी करो, मुझे अब रहा नहीं जाता तुम अपना यह पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डालकर मुझे तेज धक्के देकर मेरी मस्त चुदाई करके मज़े दो, देखो मेरी अब कैसी हालत हो रही थी और अब तुम मुझे ज्यादा भी मत तरसाओ.

फिर मैंने उससे कहा कि असली मज़ा मेरी जान तड़पाने में ही आता है और फिर मैंने अपनी बात को अधूरा ही छोड़ दिया और उसी समय मैंने एक तेज धक्का लगाकर उसकी फैली हुई चूत में अपने लंड को तीन इंच तक अंदर डाल दिया. उसके बाद लगातार तीन चार धक्के और लगाए तो वो दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्ला पड़ी, उस समय मैंने धक्के मारने बंद किए और कुछ देर में वो बिल्कुल शांत हो गयी और मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया और किस करने के बाद में उसके बड़े बड़े बूब्स जो 38 इंच के थे में उनको अपने मुहं में भरकर चूसने और दबाने लगा.

थोड़ी देर बाद वो खुद अपने कूल्हे ऊपर की तरफ उठाकर धकेलने लगी, तब में तुरंत समझ गया कि अब वो पूरा लंड लेने के लिए तैयार है. अब मैंने एक बार फिर से धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिया. वो आहहह ऊफ्फ्फ्फ़ कर रही थी और उसी समय मैंने सही मौका देखकर एक ज़ोर से धक्का लगाकर अपने लंड को थोड़ा अंदर उसकी चूत में घुसा दिया, लेकिन वो अब चिल्ला नहीं सकी, क्योंकि उस समय उसका मुहं मेरे मुहं में था और में उसको ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा था और वैसे ही धक्के लगाता गया. अब वो जोश में आकर मुझसे कहने लगी आह्ह्ह हाँ फाड़ डाल मेरी चूत को, यह तुम्हारे जैसा ही लंड मज़े लेने के लिए चाहती है वाह मज़ा आ गया तुम इस काम में बड़े अनुभवी लगते हो और उसके यह कहने से मेरे अंदर जोश आ गया. मैंने फिर से धक्का लगाकर अपने पूरे लंड को उसकी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से वो इस बार बड़ी ज़ोर से चिल्ला उठी आईईइ माँ मर गई आह्ह्ह मुझे दर्द हो रहा है.

में तुरंत समझ गया कि मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका है, इसलिए उसकी चूत का दर्द बढ़ चुका है और उसी समय वो मुझसे बोली कि में अब और नहीं सह सकती, प्लीज तुम अब लंड को बाहर निकाल लो वरना में मर ही जाउंगी, प्लीज मुझ पर थोड़ा सा तरस खाओ आईईई मुझे बड़ा अजीब सा दर्द हो रहा है. अब मैंने उससे कहा कि अभी तुम्ही ने खुद मेरे लंड को अपनी चुदाई का न्योता दिया है. अब तो यह इसकी पूरी भूख को मिटाने के बाद ही इसे बाहर निकालूँगा. वो बाद में कुछ नहीं बोली में उसको लगातार धक्के लगा रहा था.

उसको ऐसे ही में 15 से 20 मिनट तक में उसी एक पोज़िशन में वैसे ही धक्के देकर चोदता रहा, जिसकी वजह से अब उसको भी मज़ा आ रहा था और वो अपने कूल्हों को उठा उठाकर मुझसे अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी. फिर उसके बाद मैंने उसको और भी ज़ोर से धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया. फिर थोड़ी देर के बाद वो मुझसे बोली राहुल अब में झड़ने वाली हूँ प्लीज और तेज धक्के मारो ना और मैंने अपने धक्के पहले से भी तेज कर लिए और वो आह्ह्ह्ह ऊफ्फ्फ्फ़ करती हुई झड़ गयी और कुछ ही देर में वो शांत हो गयी.

मैंने अब उसको अपने सामने घोड़ी बनने को कहा तो वो हंसती हुई मुझे किस करने लगी और उसके बाद वो झट से घोड़ी बन गयी और सोफे के सहारे उसने अपने दोनों हाथ करके और अपने सेक्सी कूल्हों को उसने पीछे कर दिए और उसने अपनी कमर को थोड़ी सी नीचे कर लिया, जिसकी वजह से उसकी चूत पहले से ज्यादा उभरकर बाहर आ चुकी थी.

अब मैंने उसके पीछे जाकर उसकी चूत में अपने लंड को एक ही धक्के में पूरा का पूरा उतार दिया और इस बार मेरा लंड एक ही धक्के में पूरा का पूरा उसकी चूत में चला गया, क्योंकि उसकी चूत एक बार झड़कर गीली चिकनी होने के साथ साथ खुल भी चुकी थी.

फिर उसको अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. में तो इतनी मेहनत करके पसीना पसीना हो गया था और में धक्के देते हुए ही उसके बूब्स को दबाए जा रहा था. फिर करीब 25 मिनट तक ऐसे ही मैंने उसको चोदा और तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन मेरा वीर्य तो अभी भी नहीं निकला था, इसलिए मेरा जोश अभी तक भी वैसा ही था. अब मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और में उसको फुल स्पीड से चोदना शुरू कर दिया. फिर वो कहने लगी हाँ राहुल तुम मुझे इसी तरह से चोदते रहो अह्ह्ह वाह मज़ा आ गया. फिर मैंने उससे कहा कि अब मेरा वीर्य निकलने वाला है, इसको में कहाँ निकालूं? तब वो बोली कि तुम इसको मेरी चूत में ही निकाल दो और उसके कहते ही मैंने उसकी चूत में अपने लंड से निकला पूरा वीर्य उसकी चूत के अंदर ही निकाल दिया. फिर उसको मैंने अपने ऊपर घुमाकर लेटा लिया और में उसको अपनी बाहों में लेकर सोफे पर लेट गया. तभी थोड़ी देर के बाद वो उठी और अपनी चूत से मेरे लंड को बाहर निकालकर वो उसको चूसने लगी.

उसके बाद वो मुझे बाथरूम में ले गयी और मेरे लंड को साबुन लगाकर साफ किया. तब उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हे मज़ा आया या नहीं? तब मैंने उससे कहा कि हाँ मुझे बहुत मज़ा आया और उसी समय वो मुझसे बोली कि तुम्हारा लंड तो अभी भी टाइट है, ऐसा क्यों? तो मैंने उससे कहा कि यह अभी भी चुदाई के लिए भूखा लगता है, इसलिए यह अभी भी शांत नहीं हुआ. यह बात कहकर उसने मुझसे कहा तो चलो फिर से शुरू हो जाओ इसको शांत करके ही तुम मेरा पीछा छोड़ना. में भी तो देखूं कि इसमें कितना दम है? में उसके मुहं से यह बात सुनकर तो ख़ुशी के मारे उछल पड़ा.

फिर मैंने उससे पूछा अगर तुम्हारी तरफ से हाँ हो तो क्या में तुम्हारी यह सेक्सी गांड मार सकता हूँ? वो कुछ नहीं बोली और उसने बस मेरी तरफ देखकर हल्का सा मुस्कुरा दिया, जिसका मतलब में तुरंत समझ गया कि वो मेरे इस काम के लिए तैयार है और अब मैंने बाथरूम में रखे तेल को लेकर अपने लंड पर लगा लिया, जिससे मेरा लंड एकदम चिकना होकर चमक उठा. फिर वो मुझे कहने लगी कि कब से में यह करना चाहती थी, लेकिन उन्होंने अब तक कभी भी मेरी गांड नहीं मारी, आज तुमने यह बात बोलकर मुझे खुश कर दिया है, मुझे पता है कि तुम्हारा यह लंड मेरी गांड को फाड़ देगा, लेकिन मुझे उसकी कोई परवाह नहीं है, क्योंकि आज मेरी गांड को इतना लंबा और मोटा लंड भी तो मिलेगा, चलो अब तुम अपनी और मेरी इस इच्छा को जल्दी से पूरा करो, मुझे ज्यादा देर मत तरसाओ.

फिर मैंने भी उसकी वो बातें सुनकर खुश होकर बिना उस मौके को गवांए अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखकर एक जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड 5 इंच तक उसकी गांड में समा गया, लेकिन वो दर्द की वजह से छटपटाने लगी. उसी समय में अपने हाथ को आगे करके उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा. फिर कुछ देर में वो मुझसे कहने लगी कि तुम मेरे इस दर्द की इतनी परवा मत करो, दिखाओ तुम मुझे कितना जोश है और तुम्हारे इस लंड में दो मुझे तेज तेज धक्के, मेरी गांड को भी आज तुम फाड़ दो.

फिर क्या था? में उसकी वो बातें सुनकर जोश में आकर उसकी गांड में अपना लंड धक्के देते हुए डालता गया और वो आह्ह्ह ऊफ्फ्फ आईईईई माँ मर गई करती हुई अपनी गांड मुझसे मरवाती रही. करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने उससे बोला में अब झड़ने वाला हूँ क्या अपना वीर्य में तुम्हारी गांड में ही निकाल दूं? वो बोली नहीं नहीं अपने इस कीमती पानी को तुम बेकार मत करो, मुझे इसको पीना है और फिर जल्दी से उसने मेरा लंड अपनी गांड से बाहर निकालकर उसको पानी से धोया और अपने मुहं में लेकर वो लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी.

उसके ऐसा करने से मुझे बहुत मस्त मज़ा आ रहा था. में उससे कहने लगा वाह दिव्या आह्ह्ह्ह लो पूरा अंदर लेकर चूसो ऊफ्फ्फ्फ़ अब में झड़ने वाला हूँ और फिर में उसके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा सारा का सारा वीर्य पी गयी उस वक़्त मुझे सच में ऐसा लगा जैसे कि में जन्नत में हूँ और कुछ देर बाद हम दोनों साथ में नहाए और उसके बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और मैंने अब उससे वापस अपने घर जाने के लिए कहा तो वो बोली कि अब आप मेरा टीवी कब ठीक करोगे? अब में उससे हंसते हुए बोला कि जब भी खराब हो जाएगा में तभी उसको ठीक कर दिया करूँगा. बस तुम मुझसे इशारा कर देना में दौड़ा चला आऊंगा.

फिर हम दोनों एक साथ ज़ोर से हंस पड़े और उसके बाद हमने एक दूसरे को किस किया और फिर में खुश होता हुआ उसकी चुदाई की बातें सोचता हुआ अपने घर आ गया. दोस्तों उसके बाद उसको जब भी मौका मिलता वो मुझे अपने घर बुला लेती और में उसके घर जाकर उसकी चुदाई करके उसकी चूत गांड का बेंड बजाकर हंसी ख़ुशी अपने घर चला आता हूँ और वो हर बार मेरा पूरा पूरा साथ देती है. में उसका जोश देखकर बहुत खुश था और वो मेरी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट थी.

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