दिवाली का जुआ – Sex Stories
“ओये लाला …. कहाँ मर गया साले …जल्दी आ बाहर ..”
गली में खड़ा हुआ सरफराज अपने दोस्त बाबु उर्फ़ लाला के घर के बाहर खड़ा हुआ चिल्ला रहा था ..
बाबु घर की छत्त से बाहर की तरफ झांकते हुए बोला : “अबे क्यों चिल्ला रहा है बे ..तेरी बहन भाग गयी क्या अपने यार के साथ ..”
सरफराज : “साले …नीचे आ, फिर बताता हु किसकी बहन भागी है अपने यार के साथ ”
बाबु नीचे आया, उसने अभी तक धारियों वाला पायजामा और बनियान पहनी हुई थी, मतलब अभी वो नहाया भी नहीं था ..
बाबु : “अब बोल …क्या बोल रहा था ..”
सरफराज (अपनी आँखे गोल-2 घुमाते हुए) : “पता है आज मोहल्ले में कौन आया है ??”
बाबु : “कौन ?? कौन आया है …बोल न भेन चोद … क्यों पहेलियाँ बुन रहा है ”
सरफराज : “अबे ..अमित आया है …और साथ में भाभी भी है …”
अमित और उसकी पत्नी का नाम सुनते ही बाबु के तन बदन में आग सी लग जाती है …
दरअसल अमित उनके ही ग्रुप का बंदा था .. ग्रुप बोले तो बाबु उर्फ़ लाला , सरफराज उर्फ़ मुल्ला, अमित उर्फ़ चिकना और जेन उर्फ़ जोकर , जोकर इसलिए क्योंकि हमारे ग्रुप में वो ही एक ऐसा बंदा था जो हमेशा मसखरेपन में रहता था, हम सभी की उम्र लगभग पच्चीस के आस पास, मुंबई में एक ही मोहल्ले में पड़े -लिखे और बड़े हुए …दुनिया का कोई भी ऐसा बुरा काम नहीं था जिसे हमने नहीं किया था …सिगरेट , शराब , रंडीबाजी , जुआ , सट्टा . ..सब कुछ ..और इसमें सभी एक दुसरे से बढ चड़कर मजे भी लेते थे .
और पिछले महीने ही हमारे दोस्त अमित की शादी हो गयी, हम सभी गए थे उसकी शादी में नासिक , सब कुछ ठीक था ,खूब मजे किये, दारु पार्टी करी ..और शादी के समय जब हमने भाभी को देखा तो हमारी आँखे फटी की फटी रह गयी …अनीता नाम था उसका, उम्र थी लगभग 22 , रंग गोरा चिट्टा, लम्बी, जैसे कोई फिल्म की हिरोइन हो, हम तो अमित की किस्मत को गालिया दे रहे थे की साले की किस्मत में ऐसी लड़की आखिर आ कहाँ से गयी, आखिर लड़की ने या उसके घर वालो ने अमित में देखा क्या था, काम धाम तो कुछ करता नहीं था, बाप की किरयाने की दूकान थी, बस यही बोलकर की लड़का भी साथ में बैठता है, उसकी शादी करवा दी घर वालो ने, दरअसल अमित की माँ की तबीयत काफी खराब रहती थी, उसी के मायके वालो ने ये रिश्ता बताया था नासिक में, दो महीने के अन्दर ही सब तय हो गया और शादी भी करवा दी .
हम सभी ने अमित की लेनी कर दी थी, हर समय उसको छेड़ते रहते थे की भाभी का ध्यान रखना अगर कोई प्रॉब्लम हो तो बता देना , आखिर दोस्त किस दिन काम आयेंगे …उस समय तो अमित कुछ नहीं बोलता था, बल्कि हमारे मजाक के साथ-2 वो भी शुरू हो जाता था की जैसे हमारी दोस्ती चल रही है, वैसे ही चलेगी आजतक हमने हर चीज बाँट कर खायी है (उसका मतलब रंडियों से होता था) वैसे ही इसको भी बाँट कर खायेंगे …
पर जब हमने अनीता को देखा तो हमें वो सब बाते याद आने लगी थी, साली क्या माल थी, अमित के तो मजे हो गए यार …
और हमारे मसखरे जोकर ने आखिर उनके सामने बोल ही दिया : “अमित भाई , अपना वायेदा याद है न …”
अमित : “वायेदा …!!!कोन सा ??”
जेन : “अरे वही …मिल बांटकर खाने वाला ….हा हा हा ।।।”
उसकी बात सुनकर अमित बुरी तरह से किलस गया , और हम तीनो दोस्त ठहाका मार-मारकर हंसने लगे …और वो बेचारी अनीता बेचारा सा मुंह बनाकर सोच रही थी की आखिर बात क्या है ..
खेर, शादी ख़त्म हुई,मैंने यानी बाबु ने अमित से पुछा : “और बता, क्या प्रोग्राम है आगे का ..हनीमून के लिए कहाँ जा रहा है ”
वो बोलने ही लगा था की बीच में मुल्ला जी बोल पड़े : “हाँ यार , बता दे न, हम भी अपनी टिकट कटा लेंगे वहां की …ही ही ”
उसने तो वो बात मजाक में ही बोली थी, पर पहले जेन की और अब सरफराज की बात सुनकर उसकी झांटे बुरी तरह से सुलग गयी थी, वो चिल्ला पड़ा : “अबे भूत्निके, पहले कभी लड़की नहीं देखि क्या, जो साले कल से अपनी लार टपकाए घूम रहे हो यहाँ, मुझे जहाँ जाना होगा चला जाऊंगा , अभी तुम लोग जाओ वापिस ..समझे .”
हम सभी को उसके इस तरह के बर्ताव की उम्मीद नहीं थी, पर उसका घर था, उसकी शादी थी, इसलिए हम कुछ न बोले और अपना सामान उठा कर वापिस मुंबई चल दिए ..
रास्ते भर मैं सभी को समझाता रहा की हमें ऐसा मजाक नहीं करना चाहिए था …पर वो लोग समझ रहे थे की लंगूर को हूर मिल गयी है, इसलिए उछल रहा है .
पुरे एक महीने बाद आज वो मुंबई आया है, अपना हनीमून मनाकर और सब काम निपटा कर …
पर जो बर्ताव उसने किया था उसके बाद उसके घर जाना बड़ा ही अजीब लग रहा था ..पर दोस्त था हमारा …पर दिल के एक कोने में उसकी खूबसूरत बीबी भी घूम रही थी ..उसको भी तो देखना था न …
मैंने जल्दी से जेन को फोन मिलाया और उसे सब बताया, पहले तो उसने भी आना कानी करी पर बाद में वो मान गया ..
शाम को हम तीनो घर पर बैठ कर प्लान बनाने लगे , अगले दिन दिवाली थी, और हर दिवाली को हम सभी दोस्त और दिनों से ज्यादा दारु पीते थे और पूरी-2 रात जुआ भी खेलते थे …बस यही प्रोग्राम बना की कल अमित के घर पर दिवाली की बधाई देने के बहाने जायेंगे ..
अगले दिन सुबह हम तीनो उसके घर पर पहुँच गए , मिठाई लेकर ..
हमें देखते ही वो भावुक सा हो गया और उसकी आँखों में आंसू आ गए, और वो दौड़कर हमारे गले से लग गया …
अमित : “यार …मुझे माफ़ कर दो ..मैंने तुम सब के साथ इतना बुरा सलूक किया , मैं तो सोच रहा था की तुम्हारे सामने कैसे अपना ये चेहरा लेकर आऊंगा …”
हम सभी की टेंशन तो उसने अपने आप ख़त्म कर दी थी …हम सभी तो बेशर्म लोग थे ..और सोच रहे थे की अमित अब हमसे बात भी करना पसंद करेगा या नहीं …पर हुआ इसका उल्टा ..पर जो भी हुआ, सभी खुश हो गए ..
और वो मसखरा जेन बोल पड़ा : ” चल बुला भाभी जान को और मिलवा हमें दोबारा उनसे ..”
बेचारा अमित ख्सियानी बिल्ली की तरह रह गया और उसने बड़े ही प्यार से अपनी पत्नी को आवाज दी : “अन्नू …जरा बाहर आना ..”
हम सभी दम साधे “भाभी” का इन्तजार करने लगे …थोड़ी देर में ही पायल की झंकार के पीछे-2 वो बाहर आई ..
पीले रंग की साडी पहनी हुई थी उसने, गोरी चिट्टी, भरे हुए स्तन , चेहरा खिला हुआ, और पेट पर उसने एक चैन बाँधी हुई थी , जो बड़ी ही सेक्सी लग रही थी …हम सभी की नजर उसकी चेन पर चिपक कर रह गयी ..
उसने आकर सभी को नमस्ते किया और हम सभी के लिए कोल्ड ड्रिंक लेकर आई और सभी को “झुककर” कोल्ड ड्रिंक दी …
और हम सभी ठरकी दोस्त उसके पल्लू के गिरने का वेट करते रहे जो गिरा नहीं ..
मैंने अमित से बात शुरू की : “तो क्या प्लान है आज दिवाली का …”
अमित : “तू बोल लाला …क्या करना है ..”
मैं : “हम तो वही करने वाले है जो हमेशा करते है …दारु और ताश की बाजियां …तू बोल ..”
अमित : “बिलकुल यार …ये भी कोई पूछने वाली बात है …और ये दारु मेरी तरफ से होगी …मेरी शादी की पार्टी है तुम सभी के लिए ये …तुम सब रात को यही आ जाना ..पूरी रात जुआ चलेगा आज ..”
उसकी बात सुनकर सभी खुश हो गए …एक तो मुफ्त की दारु और ऊपर से अमित के घर पर बैठकर उसकी बीबी के जलवो को देखने का मौका भी मिलेगा ..
रात को मिलने का टाईम फिक्स हुआ …सभी ने कहा की वो रात दस बजे तक पहुँच जायेंगे ..
अब तो बस रात का इन्तजार था …
मैंने अमित से बात शुरू की : “तो क्या प्लान है आज दिवाली का …”
अमित : “तू बोल लाला …क्या करना है ..”
मैं : “हम तो वही करने वाले है जो हमेशा करते है …दारु और ताश की बाजियां …तू बोल ..”
अमित : “बिलकुल यार …ये भी कोई पूछने वाली बात है …और ये दारु मेरी तरफ से होगी …मेरी शादी की पार्टी है तुम सभी के लिए ये …तुम सब रात को यही आ जाना ..पूरी रात जुआ चलेगा आज ..”
उसकी बात सुनकर सभी खुश हो गए …एक तो मुफ्त की दारु और ऊपर से अमित के घर पर बैठकर उसकी बीबी के जलवो को देखने का मौका भी मिलेगा ..
रात को मिलने का टाईम फिक्स हुआ …सभी ने कहा की वो रात दस बजे तक पहुँच जायेंगे ..
अब तो बस रात का इन्तजार था …
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अब आगे
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हम तीनो रात को अपने-2 घरों में पूजा करने के बाद एक साथ इकठ्ठा होकर अमित के घर पहुँच गए .
अमित अपनी नयी नवेली बीबी के साथ मिलकर घर के बाहर पटाखे छुड़ा रहा था . हम सभी को देखकर वो खुश हो गया और सबसे गले मिलने के बाद वो हमें अन्दर ले आया .
अन्दर टेबल पहले से सजी हुई थी, मिठाई ..नमकीन …
हम सभी सोफे और चेयर पर बैठ गए और महफ़िल जमा ली .
अनीता भाभी ट्रे में गिलास और आइस कयूब लेकर आई . उनके चेहरे से पता नहीं चल पा रहा था की वो हमारे आने से खुश है या नाराज ..खेर हमें क्या लेना देना ..
अमित ने अन्दर से 070 पाईपर की बोतल निकाली , जिसे देखकर हमारी आँखे फटी रह गयी, आखिर जोकर बोल ही पड़ा
जोकर : अबे साले ….आज क्या बात है . स्कॉच पिला रहा है …लगता है बड़ा माल ताल मिला है ससुराल से …हा हा …
अमित : अरे नहीं यार …ऐसा नहीं है …ये तो बस …कहा था न शादी की पार्टी है …तो इतना तो बनता है .
और फिर उसने अनीता को आवाज दी : अरे अनीता …सुनो …वो रोस्टेड काजू भी लेती आना अन्दर से जरा …
उसकी दरियादिली देखकर हम सभी खुश हो रहे थे ..
अनीता भाभी अन्दर से एक प्लेट में काजू लेकर आई .
अमित : बस यही रख दो ….और जब मटन बन जाए तो सभी के लिए कटोरियों में लेती आना जरा …
वो सर झुका कर फिर से अन्दर चली गयी …अन्दर वाले कमरे से टीवी के चलने की आवाज आ रही थी . वो वही जाकर बैठ गयी .
मैंने पेग बनाये और हम सभी ने चीयर्स करके पीना शुरू कर दिया .
मुल्ला : अब बताओ …क्या खेलना है ..
सभी ने एकमत से फ्लेश खेलने को कहा .
अमित : और बूट 070 रूपए का होगा …
हम सभी की तो फट गयी …आज से पहले हमेशा हमने 07, 20 या 50 का बूट खेला था …सच में, ऐसा लग रहा था की साले को शादी में काफी माल ताल मिला है …
सबने मान लिया और खेल शुरू हुआ .
सभी को 3-3 पत्ते बाँट दिए गए .और सबने अपनी तरफ से 070 – 070 रूपए निकाल कर बीच में रख दिए, बूट वाले .
अमित : ये आई मेरी 070 की ब्लाईंड ..
मुल्ला : मेरी भी ..
मैं : मेरी भी 070 की ब्लाईंड .
जोकर ने पत्ते उठा कर देखे ..और बुरा सा मुंह बना कर गड्डी में रख दिए : मैं तो पेक ..
अमित ने थोडा सोचा और फिर 070 का नोट उठा कर बीचे में फेंका : मेरी एक और ब्लाईंड ..
अब मुल्ला भी घबरा रहा था …उसने पत्ते उठाये ..और थोडा सोचने के बाद उसने भी अपने पत्ते गड्डी में फेंक दिए , मतलब वो भी पेक हो गया .
अब मार्किट में सिर्फ मैं और अमित ही बचे थे ..
मैंने भी 070 की पत्ती बीच में फेंकी और कहा : मेरी भी ब्लाईंड …
अमित ने 200 रूपए बीच में डाले : मेरी 200 की ब्लाईंड ..
ये अमित हमेशा ऐसा ही करता था …ज्यादातर गेम्स वो ब्लाईंड में डालकर ही जीतता था ..
मैंने अपने पत्ते उठा ही लिए …
मेरे पास गुलाम, बेगम और सत्ती थी …धत्त तेरे की …एक पत्ता मिस हो गया बस ..
पर ये भी कम नहीं थे ..
मैंने पेक करने से अच्छा शो माँगना उचित समझा ..
मैंने 500 का नोट बीच में रखा और 070 उठा लिए और अमित से शो माँगा …
उसने एक-2 करके अपने पत्ते खोलने शुरू किये
पहला गुलाम …
दूसरी बेगम ……..
उसका चेहरा ख़ुशी से फूला नहीं समां रहा था ….और मेरा धक् से बैठा जा रहा था ..
और तीसरा …
तीसरी पंजी निकली ….
हा हा …..मैं तेज हंसी हंसा और अपने पत्ते उसके सामने फेंक कर बीच पड़े हुए सारे रूपए उठा लिए ….
वो बेचारा देखता रह गया की कितना करीबी मामला था आज ..
खेर .
हमने फिर से पत्ते बांटने शुरू किये .
तभी अनीता भाभी अन्दर से सबके लिए कटोरियों में मीट लेकर आई …उसकी महक से ही कमरा सुगन्धित हुए जा रहा था …
उन्होंने जैसे ही कटोरियाँ नीचे रखी …उनका पल्लू नीचे गिर गया …
और हम कुत्तों की भूखी नजरे सीधा उनके उभारों पर जा जमी …बॉस।।।।क्या चीज थे ..एक दम गोरे – चिट्टे …ब्लाउस भी डीप गले वाला था ..लगभग आधे के आसपास के मुम्मे साफ़ दिखाई दे रहे थे …और मेरी पेनी नजरो ने तो उसके ऊपर लगा हुआ लाल निशाँ भी देख लिया …जिसे शायद अमित ने ही बनाया होगा …इस कुत्ते की हमेशा से आदत रही है …हमेशा किसी रंडी को भी चोदते हुए उसके मुम्मे के ऊपर काट कर अपनी निशानी छोड़ देता था …और यही निशान उसने अपनी पत्नी के सीने पर भी बना डाला था ..
भाभी ने जल्दी से अपना पल्लू संभाला और जाने लगी …तभी अमित ने उसे रोका और पत्ते उठा कर उनकी कमर से छुआ दिए और वापिस, बिना देखे, नीचे रख दिए …साला अपनी पत्नी से छुआ कर टोटका कर सोच रहा था की पत्ते बढ़िया हो जायेंगे …अनीता भाभी ने अपनी आँखे दिखाई और घूरते हुए अन्दर चली गयी ..
सभी ने बूट के 070-070 रूपए बीच में रखे ..
और इस बार सभी ने 070 की ब्लाईंड भी चली …जोकर ने भी ..
और जोकर के चलते ही मुल्ला जी ने अपने पत्ते उठाये …और फिर से गड्डी में फेंक कर बोले : साले पत्ते ही नहीं आ रहे आज तो …
मैंने भी एक और 070 का पत्ता फेंका : मेरी 070 की ब्लाईंड .
अमित ने भी ब्लाईंड चली ..
अब जोकर ने पत्ते उठाये ..और बोला : मेरी 200 की चाल ..
लगता था साले के पास पत्ते आ गए थे …
मैंने अपने पत्ते उठाये …धत्त तेरे की …बकवास पत्ते थे …7,07,2
मैंने भी अपने पत्ते पटक दिए बीच में ..
अब अमित की बारी थी …उसने ब्लाईंड खेली इस बार भी …
जोकर : मेरी 200 की चाल और ..
अमित : ब्लाईंड ..
जोकर : 200 की चाल ..
अमित अब घबरा रहा था …उसने अपने पत्ते उठाये …और पत्ते उठा कर वो सोचने लगा …और आखिर उसने 400 की शो मांग ली ..
जोकर के पास दो बादशाह थे ..
ये देखते ही अमित ने फ़ौरन अपने पत्ते फेंके …उसके दो इक्के थे ..
अमित : हा हा …साला चुतिया … दो पत्ते लेकर भी चाल चल रहा था …
जोकर मायूस होकर रह गया …
अमित ने फिर से पत्ते बांटने शुरू किये ..और मैंने पेग अगला बनाया, अमित ने अनीता को आवाज लगायी …मुझे पता था की वो किसलिए बुला रहा है …वो ठुमकती हुई आई और अमित ने पत्ते उठा कर फिर से उसकी कमर से छुआ दिए …
अब वो बोल ही पड़ी : ये क्या कर रहे हो …
और थोडा गुस्सा दिखाते हुए वो अन्दर चली गयी ..
उसका बर्ताव देखकर हम सभी अपनी खींसे निपोरने लगे …और अमित फिर से किलस कर रह गया ..
सबने पैसे फेंके बीच में …
और फिर से ब्लाईंड का खेल शुरू हुआ ..
इस बार सबने 2-2 बार ब्लाईंड चली ..
पर इस बार सबसे पहले पत्ते उठा कर देखने वालो में से अमित था ..
और पत्ते देखते ही झल्लाते हुए उसने पत्ते गड्डी में फेंक दिए और बोला : पेक …
और एक ही बार में गिलास खाली करके उठा और अन्दर चल दिया …
हम सभी ने एक दुसरे को देखा और हंसने लगे ..
जोकर बोला : अब तो भाभीजी की खेर नहीं है …हा हा ..
अन्दर से उनके झगड़ने की आवाजें आने लगी थी …दो पेग का नशा भी बोल रहा था अमित के सर पर ..
मैंने अपने पत्ते उठा कर देखे …ओ तेरी …अब की बार मेरे पास चिड़ी का कलर आया था बादशाह , सत्ती और पंजी ..मैंने बिना कोई एक्सप्रेशन दिए …सर खुजलाते हुए …200 की चाल चली ..दुसरो को गुमराह करने के लिए .
जोकर ने भी पत्ते उठाये ..और ख़ुशी से उसका चेहरा भी खिल उठा ..उसने भी 200 की चाल चली …
मुल्ला जी 070 की ब्लाईंड चलते रहे ..
दो चालो के बाद मुल्ला ने भी पत्ते देखे …और सर पीटते हुए पेक कर दिया .
अब बचे थे …मैं और जोकर ..
हमने अगली 7 बाजियां चाल चलने में लगा दी …अब तक अमित भी वापिस आ चूका था …और उसके पीछे-2 अनीता भाभी भी थी ..सर झुकाए हुए …और वो जाकर सोफे के बाजू वाले हिस्से पर जाकर, अमित के साथ बैठ गयी …
अनीता का गुदाज पेट मुझे साफ़ दिखाई दे रहा था …उसने नजरे उठा कर मुझे देखा और मैं मुस्कुरा दिया …उसने अपनी नजरे फिर से झुका ली ..
उसे देखते ही मेरे जोश में सुफुर्ती सी आ गयी …मैंने 500 की काउंटर चाल चली ….अब वो या तो 0700 की चाल चलता या पेक कर लेता …पर उसने भी हिम्मत दिखाई और 0700 की शो मांग ली मुझसे …सभी का ध्यान टेबल की तरफ था ..
मैंने अपने पत्ते फेंक दिए …अनीता की तरफ देखते हुए …
जिन्हें देखकर जोकर की सिट्टी – पिट्टी गम हो गयी ….
उसने अपने पत्ते दिखाए …उसके पास भी कलर था …ईंट का …पर सबसे बड़ा पत्ता उसके पास 07 का था …और मेरे पास बादशाह था …इसलिए मैं जीत गया …वैसे पत्ते उसके भी बुरे नहीं थे …इतनी दूर आना तो उसका भी बनता था ..
मैंने टेबल पर पड़े हुए रूपए समेट लिए ..लगभग 6 हजार आये थे मेरे पास इस बाजी में …
मेरे पास इतने पैसे आने से और भाभी के आ जाने से माहोल गर्म हो चला था …
मैंने पत्ते बांटे इस बार …और अमित ने पेग बनाये …
मैंने पत्ते के ऊपर हाथ रखकर कहा …: भाभी मटन खाकर मजा आ गया …बहुत बढ़िया बनाया है आपने ..
वो अपनी तारीफ सुकर खुश हो गयी ..
अमित ने पत्ते उठाये ..और अपनी पत्नी के नंगे पेट पर फेर दिए ….
उसने एकदम से गुस्से भरी नजरो से उसे देखा …पर फिर शांत होकर बैठ गयी …
मेरी नजरे तो बस भाभी को नापने में लगी हुई थी …सभी ने बूट डाला …मुल्ला ने सबसे पहले पत्ते उठा कर देखे …और गड्डी में पटक दिए .
उसका पेक हो चूका था ..
जोकर ने भी अपने पत्ते देखे …वो अभी काफी बड़ी रकम हार चूका था …इसलिए कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था …और पत्ते देखकर उसने भी पेक कर दिया …
अब मैं और अमित बचे …हमने 5 बाजियां ब्लाईंड खेली …और फिर 200 वाली 3 बाजियां फिर से ब्लाईंड …अब मुझे चिंता होने लगी थी …मैंने पत्ते उठाये …मेरे पास डबल आया था …यानी 2 पंजीया ..मैंने रिस्क लिया और 400 की चाल चली …अमित ने पत्ते उठाये और देखे …और अपना एक हाथ अनीता की जांघ के ऊपर रखकर दबा दिया …मानो थेंक्स कह रहा हो ..और 400 की चाल चल दी …मुझे पता चल गया की साले के पास पत्ते आ गए है …मैंने पिछली बाजी में काफी माल जीता था ..इसलिए मैं थोडा रिस्क ले सकता था …मैंने भी 400 की चाल चली ..और अमित ने 500 की चाल चली …अब मुझे खटका …मैंने 0700 का नोट उठाया और नीचे पटका …और शो माँगा …
उसने ऐंठते हुए अपने पत्ते नीचे फेंकने शुरू कर दिए ..
पहली दुग्गी ..दूसरी चोक्की ….
और
तीसरी
तिक्की …
ओह तेरी की …
साले के पास सिकुएंस आया था ….
मैंने अपने पत्ते उलटे करके गड्डी में फेंक दिए ….
और वो रावण वाली हंसी हँसता हुआ बीच में पड़े हुए पैसो को बटोरने लगा …
अपने पति की जीत देखकर अनीता भी खुश नजर आ रही थी ….और उसकी आँखों में अजीब सी चमक आ गयी थी ..
मैंने मन में सोचा …: अनीता डार्लिंग …तेरी ख़ुशी पर ये गेम कुर्बान।।।
अनीता का भी मन लगने लगा था अब …गेम में ..
उसने ऐंठते हुए अपने पत्ते नीचे फेंकने शुरू कर दिए ..
पहली दुग्गी ..दूसरी चोक्की ….
और
तीसरी
तिक्की …
ओह तेरी की …
साले के पास सिकुएंस आया था ….
मैंने अपने पत्ते उलटे करके गड्डी में फेंक दिए ….
और वो रावण वाली हंसी हँसता हुआ बीच में पड़े हुए पैसो को बटोरने लगा …
अपने पति की जीत देखकर अनीता भी खुश नजर आ रही थी ….और उसकी आँखों में अजीब सी चमक आ गयी थी ..
मैंने मन में सोचा …: अनीता डार्लिंग …तेरी ख़ुशी पर ये गेम कुर्बान।।।
अनीता का भी मन लगने लगा था अब …गेम में ..
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अब आगे
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अगली बार जब पत्ते बांटे गए तो अमित ने हर बार की तरह अपने पत्ते उठा कर अनीता की कमर से छुआ दिए …और इस बार अनीता भाभी ने कोई विरोध नहीं किया ..बल्कि उनके चेहरे पर एक अजीब सा इगो वाला भाव था की मेरे छूने भर से मेरे पति के पत्ते जीत जाते हैं ..
खेर, ब्लाईंड खेलना शुरू हुआ, दो बार पैसे फेंकने के बाद मैंने अपने पत्ते उठा कर देख ही लिए ..और अगले ही पल मैंने सीधा 200 की चाल चली , काफी टाईम के बाद मैंने चाल चली थी ..इसलिए मुल्ला ने जल्दी से अपने पत्ते उठाये और देखा और कुछ सोचने के बाद उसने भी चाल चल दी ..अमित ने अपने पत्ते उठाये बिना ही पैसे फेंक दिए मानो उसको अपनी पत्नी से छुए हुए पत्तो पर पूरा भरोसा था , और जोकर ने भी पत्ते उठा कर देखे ..पर उसके पत्ते बेकार थे, इसलिए उसने फेंक दिए .
मैंने फिर से चल चली, मुल्ला ने भी चाल चली, अमित ने इस बार पत्ते उठा ही लिए …उसका एक हाथ अपनी पत्नी की कमर से होता हुआ अपने पत्तो को पकड़ने में व्यस्त था ..भाभी का गुदाज पेट अमित के पकडे जाने से सिमट कर रह गया था उसके पत्ते अनीता भाभी के मुम्मो को छु रहे थे …मेरा तो लंड खड़ा होने लगा वो सब देखकर ..अमित ने कुछ देर तक पत्ते देखे,ख़ुशी के भाव आये और फिर अनीता की तरफ देखा ..और अपने आगे पड़े पैसो में से 500 रूपए उठाये और चाल चल दी ..
मेरे साथ-2 मुल्ला और जोकर भी हेरान रह गए , पर कुछ बोला नहीं ..मैंने भी 500 की पत्ती फेंकी बीच में ..मुल्ला ने जब देखा की बात 500 पर आ गयी है तो उसने पेक कर दिया ..अब मेरे और अमित के बीच की बात रह गयी ..
अगली 5 बाजियां हमने 500 के नोट फेंककर खेली ..और फिर मैंने एकदम से 0700 रूपए बीच में डाल दिए ..अब अमित भी थोडा झिझक रहा था ..उसने अनीता की तरफ देखा, मानो उससे पूछ रहा हो की क्या करना चाहिए ..और उस नासमझ ने बिना कुछ सोचे समझे 2000 रूपए बीच में डाल दिए ..अमित तो भोचक्का रह गया ..मैंने भी हिम्मत करते हुए , रिस्क लेते हुए , 3000 रूपए बीच में डाल दिए ..
माहोल गर्म होता जा रहा था ..
मेरे पास अब सिर्फ 07 हजार के आस पास बचे थे ..और अमित के पास 5000 थे, अगली दो बाजी तक उसके पैसे भी ख़त्म हो गए ..उसने मुल्ला से 0700 रूपए उधार लिए और बीच में डाले ..अब उसके पैसे ख़त्म हो चुके थे .उसने फिर अनीता के कान में कुछ कहा और वो उठकर अन्दर गयी, और थोड़ी देर में ही अपना पर्स लेकर वापिस आई, उसने सारे पैसे निकाल कर गिने तो 3200 निकले, उसने सारे पैसे बीच में फेंके पर शो फिर भी नहीं माँगा, लगता था की उसको अपने पत्तो पर पूरा भरोसा था …मैंने भी अपनी चाल चल दी, अब उसकी बारी थी, पर चलने के लिए उसके पास कुछ नहीं था ..
अमित ने मुल्ला से पैसे मांगे पर उसके पास भी ख़त्म हो चुके थे , जोकर के पास भी सिर्फ 0700 बचे थे, सो उसने भी हाथ उठा दिए ..बीच में लगभग 30 हजार रूपए पड़े थे ..पर वो उसी के होने वाले थे जिसके पत्ते बड़े होंगे ..
अमित अपना सर खुजलाने लगा ..
मैंने कहा : अमित, अगर कुछ नहीं है तेरे पास चलने को तो पैक कर दे ..
अमित : अरे ऐसे कैसे पेक कर दू, ये बाजी तो मेरी ही है ..यार मेरे पास चलने को कुछ नहीं है पर मेरी जीत पक्की है …बोल क्या करू मैं की अगली चाल चल पाऊ ..
मेरे शेतानी दिमाग में अलग-2 विचार आने लगे …और सब अनीता भाभी से रिलेटिड ही थे ..पर इस तरह तो मैं अनिल से कुछ कह नहीं सकता था न …
मैंने आखिर रिस्क लेने का फेसला कर ही लिया ..
मैं :एक काम हो सकता है …अगर तू बुरा न माने तो ..
अमित :क्या ….बोल …जल्दी बोल .
मैं : तू चाल चल दे, और अनीता भाभी की एक किस दांव पर लगा दे ..
पुरे कमरे में सन्नाटा छा गया …कोई कुछ न बोला ..अमित भी नहीं ..
पर तभी अनीता चीख पड़ी ..: ये क्या बकवास है …मुझे समझा क्या है तुमने ..देख रहे हैं आप …क्या कह रहा है आपका ये दोस्त ..इतनी हिम्मत बढ गयी है इसकी …आप कुछ बोलते क्यों नहीं जी …सुन रहे है आप ..
उसने अपनी पति को झंझोड़ डाला …पर वो एकटक मुझे ही घूरे जा रहा था ..गुस्से में या अपनी सोच में ..
और फिर वो बोला : ठीक है ..मेरी एक चाल आई ..
अनीता अवाक सी रह गयी ..मैंने हँसते हुए अपनी चाल चली ..
अमित : मेरी एक और चाल आई ..
अनीता के रसीले होंठो का रस चूसने को मैं तड़प रहा था ..वैसे तो एक ही किस बहुत थी पर उसने दूसरी भी दे डाली …
मेरे पास अब 2500 रूपए ही बचे थे …मैंने जोकर से 0700 रूपए उधार लिए और आखिरी चाल चलते हुए मैंने शो माँगा …
उसने मुस्कुराते हुए , अपने पत्ते एक-एक करके नीचे फेंके …
तीन बेगम थी …यानी बेगम की ट्रेल थी उसके पास ..
ऐसे पत्तो के लिए तो कोई भी अपना सब कुछ दांव पर लगा सकता था ..
पर अभी मेरी बारी थी ..
मैंने अपने पत्ते फेंके ..
मेरे पास भी ट्रेल थी …और वो भी बादशाह की …
सभी मेरे पत्तो को देखकर अवाक रह गए …
अमित का पूरा नशा उतर चूका था ..मैंने बीच में पड़े हुए सारे नोट उठाये और अपनी तरफ खिसका लिए …
सारे पैसे जीत चूका था मैं ..
और ऊपर से
अनीता भाभी के होंठो की दो किस्सेस भी ..
अमित ने एक पेग बनाया और नीट ही पी गया एक ही घूँट में ..
उसे शायद विशवास ही नहीं हो रहा था की वो सारे पैसे हार चूका है, और उसने ओवर कांफिडेंस में अपनी बीबी की इज्जत भी दांव पर लगा दी थी ..
मैंने अनीता को इशारे से अपनी तरफ बुलाया ..अनीता ने अपनी पति की तरफ देखा,उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया …और वो गुस्से में उठकर एकदम से मेरे पास आ गयी ..और जिस तरह से वो अपनी पति के साथ बैठी थी, मेरे सोफे पर आकर बैठ गयी, मैंने कोई देरी नहीं की ,उसकी कमर में हाथ डाला ,उसके सर को पकड़कर अपनी तरफ झुकाया और उसके होंठो को चूसने लगा ..
वाव ….क्या रसीले होंठ थे उसके …एकदम नर्म और मुलायम …मानो मखन के ऊपर मिश्री डाल रखी हो …
वो सांस लेने के लिए पीछे हुई, उसकी आँखे लाल हो चुकी थी ..
मैंने चारो तरफ देखा, अमित अपना सर झुकाए बैठा था ..और वो दोनों हरामी अपना मुंह फाड़े मुझे अनीता भाभी को चूसते हुए देख रहे थे ..मैंने बिना वक़्त गंवाए अपना दूसरा चुम्मा भी जड़ दिया उनके होंठो पर …और ये वाला और भी जोरदार था ..मेरे हाथो में उनका गुदाज पेट था ..मैंने अपने हाथ ऊपर सरकाने चाहे पर उसने मेरे हाथ झटक दिए ..और गुस्से में उठ कर अन्दर चली गयी …
वो गर्म तो हो चुकी थी पर मेरी गलती से उसे गुस्सा भी आ गया था, इसलिए वो चली गयी ..
अब तो किसी और के पास पैसे बचे भी नहीं थे ..मेरे पास पैसे भी आ गए थे और अनीता को किस करने का मौका भी मिल गया था, मुल्ला और जोकर मेरी किस्मत और हिम्मत से जल रहे थे ..
मैंने पैसे समेटे और उठने लगा, तभी अमित बोला : एक और बाजी खेलते है ..
मैं हेरान था की आखिर अब अमित के पास क्या बचा है जो वो लगाएगा ..
उसने मेरी परेशानी भांप ली और बोला : चाल पर रहेगी , मेरी बीबी की किस, हर 0700 के बदले एक किस ..बोलो मंजूर है ..
मैं : हाँ ..पर किस कहाँ करनी है, वो मैं डीसाईड करूँगा ..
वो मेरी बात का मतलब समझ गया …और उसने हाँ में सर हिलाया ..
मुझे समझ नहीं आ रहा था की आज अमित को हो क्या गया है ..आखिर वो क्यों अपनी नयी नवेली पत्नी को ऐसे अपने दोस्तों के सामने दांव पर लगा कर जुआ खेल रहा है ..
और देखा जाए तो मेरा कोई नुम्सान नहीं था ..मैं तो जीत में था और जीता हुआ हमेशा राजा की तरह सोचता है ..
मैं : पर भाभी तो नाराज हो कर अन्दर चली गयी है, पहले उनको तो मना कर ले आ, फिर खेल शुरू करेंगे ..
वो उठ कर अन्दर चला गया .
उसके जाते ही मुल्ला और जोकर मुझपर टूट पड़े : साले हरामी ,….तूने तो कमाल कर दिया …सारे पैसे भी जीत लिए तूने और …और …भाभी पर भी हाथ साफ़ कर दिया …यार हमें भी तो मजे दिला न ….प्लीस ….हम कुछ भी करने को तैयार है ….प्लीस यार …अपनी दोस्ती की खातीर ….
वो दोनों हाथ जोड़ कर मेरे सामने गिदगिड़ा रहे थे …
मैंने कह : ठीक है …पर तुम दोनों ठीक वैसा ही करना जैसा मैं कहूँगा …और अगर करते रहे तो आज की रात सभी यहीं पर इसकी बीबी के साथ सुहागरात मनाएंगे …
मेरी बात सुनकर दोनों ख़ुशी से झूम उठे …और फिर मैंने उन्हें समझाना शुरू किया …
अन्दर से अनीता और अमित की चिल्लाने की आवाजे आ रही थी ..
अमित : तुमने ही तो बताया था की शादी से पहले तुम्हारा बॉय फ्रेंड था जिसके साथ तुमने चूमा चाटी की है …अब क्यों शर्मा रही है …
अनीता : वो मैंने तुम्हे इसलिए बताया था की हमारे बीच कोई पर्दा न रहे …इसलिए नहीं की तुम उस बात का फायेदा उठा कर मुझे अपने दोस्तों के बीच बांटते फिरो …मैं कोई बाजारू चीज नहीं हु, जिसे तुम अपने दोस्तों के साथ मजे लेने के लिए लाते थे, शादी से पहले …
ओह्ह्ह ….अब समझा …इन दोनों ने एक दुसरे को शादी से पहले की अपनी-2 कहानिया सुना दी होंगी …जिसको लेकर ये अब एक दुसरे को बातें सुना रहे है …जो भी था, हम सभी को तो मजा आ रहा था
अमित ने समझाया : देखो …तुम यही सोच लो की शादी से पहले जो मजे तुमने लिए है, वही तुम अब भी ले रही हो …और सिर्फ किस करने से कुछ नहीं होता …और पता है तुम्हारी किस की कीमत क्या है …एक हजार रूपए …चलो जल्दी से अब …मुझे पक्का विशवास है की अब मैं हारने वाला नहीं हु …मेरे सारे पैसे ख़त्म हो चुके हैं …पिताजी ने कल ही मुझे 07 हजार दिए थे, एक पार्टी को देने के लिए …वो भी हार गया हु मैं …वो जब तक नहीं जीत लूँगा , मुझे चैन नहीं आने वाला …
अब की बार अनीता की कोई आवाज नहीं आई …लगता है वो मान गयी थी …
कुछ देर बाद अमित बाहर आया …और उसके पीछे-2 अनीता भाभी भी ..
और आकर वो अमित के साथ बैठ गयी ..
जोकर ने पेग बनाये और मैंने पत्ते बांटे ..
खेल फिर से शुरू हो गया था ..
मेरे और अमित के बीच .
अब की बार अनीता की कोई आवाज नहीं आई …लगता है वो मान गयी थी …
कुछ देर बाद अमित बाहर आया …और उसके पीछे-2 अनीता भाभी भी ..
और आकर वो अमित के साथ बैठ गयी ..
जोकर ने पेग बनाये और मैंने पत्ते बांटे ..
खेल फिर से शुरू हो गया था ..
मेरे और अमित के बीच .
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अब आगे *
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मैंने एक हजार की ब्लाईंड चली, वो इसलिए की अब अनीता भाभी की एक किस की कीमत एक हजार थी, और अमित तो सिर्फ उनकी किस के बदले चाल चल सकता था …और अमित के पास तो पैसे थे ही नहीं, उसके अनुसार तो हर चाल या ब्लाईंड मतलब मेरी तरफ से एक हजार रूपए …
अमित ने भी एक किस की ब्लाईंड चली …मैंने भी एक हजार रूपए बीच में फेंके और ब्लाईंड चली .
और अगली बार ब्लाईंड चलने से पहले मैंने अपने पत्ते उठा लिए ..
बकवास पत्ते आये थे ..
मैंने पेक कर दिया ..
बीच में पड़े हुए 2 हजार रूपए अमित ने ख़ुशी से उठा लिए और अपनी बीबी के हाथ में दे दिए … आखिर उसकी ही कमाई थी वो .
वो भी खुश हो गयी .
फिर से पत्ते बांटे गए ..कमरे में सभी दम साधे सिर्फ पत्तो को देख रहे थे ..
मैंने अपना गिलास खाली किया दो काजू उठा कर मुंह में डाले ..और अनीता की तरफ देखकर एक हजार की ब्लाईंड मारी .
अमित ने एक हजार रूपए (जीते हुए) बीच में डाले और ब्लाईंड मारी .
मैंने दो बार और ब्लाईंड चली . अब अमित के पैसे फिर से ख़त्म थे ..उसने अपने पत्ते उठाये और कुछ सोचने के बाद 2 हजार (यांनी 2 किस्सेस) की शो मांगी …
मैंने बिना देखे अपने पत्ते उसके सामने फेंक दिए ..
मेरे पास एक इक्का था , एक सत्ती और एक पंजी ..
उसके पास सिर्फ एक बादशाह था (जिसके ऊपर उसने शो मांगी थी) बाकी दोनों पत्ते छोटे थे …वो हार चूका था ..बीच में पड़े हुए 2 हजार रूपए भी और अनीता की दो किस्सेस भी ..
मैंने अनीता की तरफ देखा ..वो शर्म से गाड़ी जा रही थी ….पर मेरे पास आने में कतरा रही थी ..
अमित ने धीरे से उससे कहा : जा साली …नाटक मत कर दोबारा ..
वो गुस्से से तिलमिला उठी …पर उसके पास कोई चारा भी नहीं था …अमित नशे में भी था …और जुए में हार भी चूका था ..इसलिए उसको गुस्सा भी आ रहा था …
वो मेरी तरफ आने लगी तो मैंने जोकर की तरफ देखा और बोला : अरे यार …मैंने तुझसे अभी एक हजार रूपए लिए थे न …चल तू मेरी तरफ से भाभी की एक पप्पी ले ले …और तेरा मेरा हिसाब बराबर ..
अमित : ये क्या है …बात तेरी हुई थी …इसको क्यों दिलवा रहा है …
मैं : अबे साले …मुझे मत सिखा की मैं क्या करू …भूल गया ..हमने आज से पहले जब भी मिलकर रंडी चोदी है तो सब मिलकर ही पैसे देते थे न उसको …अब अगर मैं कहू की मेरी जीत में जोकर के एक हजार रूपए का भी योगदान है तो इसका भी तो हक़ बनता है न अपना हिस्सा लेने का …बस वही दे रहा हु ..
मैंने ये बात थोड़े कड़े शब्दों में कही थी …ताकि आगे हमें ज्यादा परेशानी न हो ..जब बात इससे भी आगे बढ जाए तो ..
मेरा गुस्से वाला रूप देखकर और अपनी बीबी के सामने मेरे मुंह से रंडी वाली बात सुनकर वो चुप सा हो गया …और गुस्से से भड़क रही उसकी बीबी अमित को घूर कर देखे जा रही थी ..उसको आज सबूत भी मिल गया था उसकी अय्याशी को साबित करने का ..
मैंने अनीता की तरफ देखा और कहा : भाभी ….आप जल्दी आओ न …आगे भी तो खेल खेलना है …
वो उठी और जोकर के पास जाकर खड़ी हो गयी …उसके तो वारे न्यारे हो गए जैसे …वो अनीता भाभी के कान तक आ रहा था …उसने उचक कर अनीता के चेहरे को अपने हाथो में जकड़ा और उसे अपनी तरफ खींचकर उसके होंठो को चूसने लगा ….वो कसमसा कर रह गयी …पर कुछ न बोली ..
एक मिनट के बाद जब जोकर ने उसका पूरा रस पी लिया तो वो हांफती हुई पीछे हटी ….और अपने होंठो को सहलाते हुए बोली ….जंगली ..
हम सभी के होंठो से हंसी छूट गयी …बस अमित ही था जो अपना सर झुकाए बैठा था …
अब दूसरी किस की बारी थी …जिसे मैंने लेना था …
वो मेरे पास आई …मैं सोफे पर बैठा रहा ..वो मेरे ऊपर झुकी …और अपना चेहरा मेरी तरफ बढाया …आँखे बंद थी उसकी …साँसे तेज चल रही थी …
पर मैंने कुछ नहीं किया …उसने अपनी आँखे खोली …और हेरत भरे लहजे से बोली : करो अब …
मैं : अब तुम्हारे होंठो पर नहीं चाहिए मुझे किस्सस ..यहाँ चाहिए ….
और ये कहते हुए मैंने अपनी आँखों के सामने झूल रहे मोटे मुम्मो को पकड़कर होल से दबा दिया ….
वो चिहुंक उठी …और गुस्से से बिफर कर जोर से बोली : पागल हो गए हो क्या लाला …तुमने मुझे समझ क्या रखा है ….
मैं : भाभी ….ज्यादा गुस्सा ना करो …मेरी और अमित की यही बात हुई थी …की आपकी एक किस्स की कीमत एक हजार होगी …पर वो किस्स कहा लेनी है .वो मैं तय करूँगा …
अनीता अमित की तरफ पलटी : देख रहे है अपने दोस्त की बदतमीजी …क्या बोल रहा है ये …
वो साला क्या बोलता , उसका चेहरा तो झुका हुआ था …
अपने पति की तरफ गुस्से में देखती हुई वो जोरो से चिल्ला उठी ….तुम जैसे नामर्द ही होते है जो अपनी बीबियो की इज्जत सरेआम नीलाम कर देते हैं …आज तुममे और एक दल्ले में फर्क ही क्या रह गया है ….
पर उसकी बातो का अमित पर कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था ..
अमित की तरफ से कोई रिएक्शन न आता देखकर अनीता गुस्से में भर उठी और उसने अपनी साडी के पल्लू को एक ही झटके में अपनी छाती से नोचकर नीचे गिरा दिया ….
अनीता : ले कर ले तू भी अपनी मनमानी …जब मेरे पति को ही कोई शर्म नहीं है तो मैं क्या कर सकती हु …
वाव ….क्या सीन था …एकदम तने हुए मुम्मे …ब्रा की शेप भी साफ़ दिखाई दे रही थी …..गुस्से से उसका सीना ऊपर नीचे होता हुआ गजब ढा रहा था …
मैं उठ गया और अपने हाथ आगे बढाये …उसके ब्लाउस के हुक खोलने के लिए ….
पर एकदम से उसने अपनी छाती के ऊपर अपने हाथ रख लिए ….और मेरे सामने हाथ जोड़ दिए …..: भैय्या ….मुझे ऐसा जलील ना करो ….प्लीस …..
उसे शायद यकीं था की मैं शायद उसके साथ ऐसा ना कर पाऊ ..पर मैं तो एक नंबर का हरामी था ..
मैं : अरे भाभी …आप क्यों परेशान होती है …मैंने अमित को पहले ही बोला था ये सब होगा …अब हारने के बाद अगर आप ऐसा करेंगी तो कैसे चलेगा …जब जीते हुए पैसे हाथ में आये थे तो खुश भी तो हो रही थी न आप …
वो झेप गयी मेरी बात सुनकर …पर अपनी इज्जत पर हाथ बढता देखकर उसकी आँखों से आंसू गिरने लगे ….
मैंने उसके हाथो को पीछे करना चाहा पर उसने हाथ नहीं हटाये …..मैंने अमित को देखा …वो बुत बना बैठा था …और फिर मैंने मुल्ला को इशारा किया ….वो एकदम से उठा और पीछे से जाकर अनीता के दोनों हाथो को पीछे की तरफ मोड़कर खड़ा हो गया ….अनीता बेबस सी होकर रोने लगी ….
उसकी छाती मेरी तरफ तन कर खड़ी थी ….मैंने अपने हाथ उसकी तरफ बडाये ….और होल से अपने दोनों पंजे उसकी छाती के ऊपर जमा दिए ….
ओह्ह्हह्ह फक्क्क्क ….क्या चीज थे वो ….मेरे अंगूठे उसकी क्लीवेज को छु रहे थे …बिलकुल ठंडा मांस था उसका ….और उतना ही मुलायम ….
मैंने एक ही झटके से उसके ब्लाउस को पकड़ा और हुक खोलने के बदले झटका देकर तोड़ डाला ….और हुक के टूटते ही उसके ब्लाउस के पल्ले साईड में कर दिए ….
अब मेरे सामने थी बेबसी से छत्तपटाती हुई अनीता भाभी की पिंक ब्रा में कैद ब्रेस्ट ….मैंने उनकी तरफ प्यार से देखा …और एक ही झटके में मैंने उसकी ब्रा को बीच से पकड़ कर खींच दिया और वो बीच में से फट कर अलग हो गयी और वो भी दोनों तरफ लटक गयी …
अनीता : साले …..कुत्ते ….मेरा ब्लाउस और ब्रा क्यों फाड़ी ….
अपनी बीबी की आवाज सुनकर अमित ने ऊपर देखा …मैंने नजरे उसकी तरफ घुमा दी …और आँखों ही आँखों में मैंने उसको हारने का एहसास दोबारा दिलाया और उसने अपनी नजरे फिर से झुका ली …
मुल्ला ने बड़ी मुश्किल से अनीता भाभी को पकड़ कर रखा हुआ था ….और सामने से नंगी हो जाने के कारण वो अनीता के कंधे से अपने सर लगाकर आगे लटक रहे मुम्मो को देखने की कोशिश भी कर रहा था …और इस कारण उसका लम्बा लंड अनीता की गांड में चुभ रहा था …और सामने की तरफ बैठा हुआ जोकर शायद ये सोच रहा था की उसने क्यों नहीं सोचा अनीता भाभी को ऐसे किस करने के लिए …पर अब कुछ नहीं हो सकता था …
मैंने बिना कोई देरी किये अपने हाथ उसके मोटे और नर्म मुम्मो पर रखे और उन्हें दबा दिया …और दबाने से उसके निप्पल और भी ज्यादा उभरकर बाहर की तरफ निकल आये और मैंने अपना पूरा मुंह खोलकर उसकी दांयी ब्रेस्ट को अपने मुंह में घुसेड लिया …और ज्यादा से ज्यादा अन्दर लेकर उसको सक करने लगा ….यानी किस करने लगा …..
अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ……….
उसके मुंह से बस इतना ही निकल सका …..आंसू निकल कर अभी भी मेरे सर के ऊपर गिर रहे थे ….अनीता का आधे से ज्यादा मुम्म मेरे मुंह में था …
मैंने पूरी तरह से चूसने के बाद उसको छोड़ दिया …
मुल्ला ने भी उनके हाथ छोड़ दिए …और वो फफकती हुई …अपने हाथो से अपनी नंगी छाती को ढंकती हुई अमित के साथ ही सोफे पर बैठ कर रोने लगी ..
मुल्ला और जोकर ने शायद सोचा था की अब आगे खेल नहीं होगा …पर मुझे मालुम था की हारा हुआ जुआरी अपने पैसो को वापिस पाने के लिए कुछ भी कर सकता है …और अब तो उसे अपनी बीबी मिली हुई थी …जहाँ एक बार कर लिया, दोबारा करने में कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए अब तो …
यही सोचकर उसने ताश उठाई और पत्ते बांटने लगा ….
अपने पति को दुबारा पत्ते बाँटते हुए देखकर वो हेरानी से अमित को देखने लगी ..: शर्म तो नहीं आती आपको …इतना कुछ होने के बाद भी आप और खेलने में लगे हुए हैं …मेरी इज्जत को पूरी तरह से नीलाम करवाना चाहते हो क्या ….
अमित कुछ न बोला और मेरी तरफ देखकर कहा : मेरी एक ब्लाईंड आई …
मतलब उसको अपनी पत्नी के बोलने का कोई असर नहीं पड़ रहा था ….मैंने भी एक हजार का नोट बीच में डाल दिया ..
3 ब्लाईंड चलने के बाद मैंने अपने पत्ते उठा कर देखे …मेरे पास 2 अठी आई थी …
मैंने 2 हजार की चाल चली …
उसने भी पत्ते उठाये और देखने के बाद 2 हजार की चाल बोली …
मैंने फिर से 2 हजार की चाल चली …
उसने भी ..
वो बीच में पड़े हुए नोट गिन रहा था …और मैं अनीता भाभी को देने वाली किस्सेस ….
मैंने अगली बार 2 हजार बीच में डाले और शो मांग लिया …उसने पत्ते बीच में डाले …पान का कलर आया था उसके पास …
धत्त तेरे की …
मैंने अपनी पत्ते गुस्से में बीच में फेंक दिए …उसने हलकी मुस्कराहट के साथ, अनीता की तरफ देखते हुए …पैसे उठा लिए …और अनीता की तरफ बड़ा दिए …
पैसे देखकर अनीता भाभी का गुस्सा फिर से कम हो चला था …और जैसे ही उन्होंने पैसे पकड़ने के लिए हाथ आगे किये, उनके हाथ से पकड़ा हुआ ब्लाउस हट गया और उनकी नंगी बहार सबके सामने फिर से उजागर हो गयी …
वो शर्म से गड़ी जा रही थी …
उसने पैसे समेटे और अपनी गोद में रख लिए …और दुसरे हाथ से अपने फटे हुए ब्लाउस और ब्रा को पकड़कर बैठी रही …
खेल फिर से शुरू हुआ …
मैंने 2 बार ब्लाईंड चलने के बाद अपने पत्ते देखे और फिर से पेक कर दिया …
मुझे तो बस अब आशा थी की जल्दी से कोई अच्छा पत्ता आ जाए …
पर अगली दो बाजियां भी अमित ने जीत ली …
उसके पास अब 07 हजार रूपए वापिस आ चुके थे …जो उसने अपने पिताजी से लिए थे , किसी पार्टी को देने के लिए …अगर वो चाहता तो वहीँ खेल रोक कर हमें वापिस भेज सकता था ..और अपनी पत्नी को और भी रुसवा होने से बचा सकता था …पर उसने ऐसा नहीं किया …उसके सर पर तो लालच सवार हो चूका था ….
फिर से पत्ते बांटे गए ..
और इस बार वो पत्ते आ ही गए जिनका मैं इन्तजार कर रहा था ..और आशा करने लगा की अमित को भी ऐसे पत्ते मिले जिनपर वो दिल खोलकर खेल सके …हो सकता है उसके पास मेरे से भी अच्छे पत्ते आ जाए ..पर आज की रात खोने सेज्यादा जो मिलने का सुख था, उसके लिए कमजोर पत्तो से भी बाजी खेली जा सकती थी …और मेरे पास तो सॉलिड आये थे …
मैंने 3 बार ब्लाईंड चलने के बाद , पत्ते देखकर जब 2 हजार की चाल चली तो सबका ध्यान अमित की तरफ चला गया …उसने भी पत्ते देखे ..और 2 हजार की चाल चल दी …
ये हुई न बात …
मैंने मन ही मन सोचा .यानी उसके पास भी अच्छे पत्ते आये थे …मैं दुआ मांगने लगा की मेरे से अच्छे ना हो ..
और मैंने फिर से 2 हजार की चाल चली …
उसने भी चली .
इस बार मैंने 3 हजार डाले बीच में …
उसके पास आखिरी 3 हजार बचे थे .वो भी डाल दिए ..पर शो नहीं मांगी …
मैंने फिर से 3 हजार चले …अब बारी थी फिर से अनीता भाभी की किस्सेस को दांव पर लगाने की …
अमित ने अगली चाल (मतलब 3 किस्सेस) चली .
मैंने फिर से 3 हजार डाले …
अमित ने अभी भी शो नहीं माँगा …और चाल चली ..
मैंने भी 3 हजार और डाले …
अब वो चिंता करने लगा था ….वैसे देखा जाए तो उसका कुछ नहीं जा रहा था …अनीता की किस्स करने से उसको कुछ गलत नहीं लग रहा था …पर दूसरी तरफ से उसके बदले हजार -2 के नोट आ रहे थे, उसका लालच उसको लेकर बढता जा रहा था …
आखिर उसने अगली चाल चलकर शो मांग ही लिया …
मैंने अपने पत्ते फेंके …मेरे पास 07 के तीन पत्ते थे …यानी ट्रेल थी मेरे पास ..
उसने जैसे ही मेरे पत्ते देखे ,वो फक्क सा रह गया …
उसने अपने पत्ते धीरे से सबके सामने फेंक दिए …उसके पास कलर था …और वो भी इक्के का …पर मेरे पत्ते उसपर भारी थे …
सो मैंने बीच में पड़े सारे पैसे अपनी तरफ खींच लिए …
और हिसाब लगाया ..
भाभी की किस्सेस का …
पूरी 9 किस्सेस जीता था मैं ….
जीतने के बाद जितना खुश वो हुई थी, उतना ही गुस्से में थी वो अब फिर से …
और मैं सोचने में लग गया की अब कहाँ -2 और कैसे-2 किस करूँगा उन्हें ….
हा हा ..
उसने अपने पत्ते धीरे से सबके सामने फेंक दिए …उसके पास कलर था …और वो भी इक्के का …पर मेरे पत्ते उसपर भारी थे …
सो मैंने बीच में पड़े सारे पैसे अपनी तरफ खींच लिए …
और हिसाब लगाया ..
भाभी की किस्सेस का …
पूरी 9 किस्सेस जीता था मैं ….
जीतने के बाद जितना खुश वो हुई थी, उतना ही गुस्से में थी वो अब फिर से …
और मैं सोचने में लग गया की अब कहाँ -2 और कैसे-2 किस करूँगा उन्हें ….
हा हा ..
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अब आगे *
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मैंने सारे पैसे अपनी अंटी में डाल लिए …और फिर बड़े प्यार से अनीता भाभी की तरफ देखा …
मुझे तो अब अमित के बैठे या न बैठे होने से कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था ..
और वैसे भी ये सब तो मैं उसको किल्साने के लिए ही कर रहा था …आखिर वो ही था जिसने अपनी शादी के टाईम हमारे मजाक पर गुस्सा होकर हम सभी को घर से निकाल दिया था ..और आज कहीं न कहीं मेरे दिल में उस दिन की बेइज्जती का बदला लेने का विचार आ ही रहा था ..
अनीता का ब्लाउस और ब्रा तो आगे से खुले पड़े थे वो सिर्फ उन्हें अपने हाथों से पकड़ कर अपनी इज्जत को समेटे बैठी हुई थी .
मैंने अनीता की तरफ अपना एक हाथ बड़ा दिया और उसे अपनी तरफ बुलाया .
अनीता ने अमित की तरफ देखा, पर वो सर झुकाए, बैठा रहा, हारा हुआ जारी जो था वो .
अनीता को अपने पति की नामर्दी पर अब गुस्सा आने लगा था ..और इसी गुस्से में वो उठी और सीधा आकर सोफे की बजाये मेरी गोद में बैठ गयी ..और मेरे सर को पकड़कर अपने मुंह से मुझे बुरी तरह से चूसने लगी …
मैं और कमरे में बैठे हुए दोनों पंटर भी हेरान रह गए उसके इस बर्ताव से ..अमित तो अपना सर उठा कर देख ही नहीं रहा था की कौन किसको चूम रहा है, अगर वो देख लेता तो उसको पता चलता की उसकी पत्नी अपना गुस्सा उतारने के लिए, अपनी पति के सामने , खुद ही मुझे चूम रही है, जैसे अमित को बताना चाहती हो की …ले देख ले …यही चाहता था न तू ..
पर इस पुरे खेल में सबसे ज्यादा मजा मुझे ही आ रहा था .मैं अपने हाथो को सोफे के साईड में रखकर आराम से राजा की तरह बैठा हुआ था और वो अप्सरा अपने होंठो से चूसकर मेरी सेवा कर रही थी ..
वो सांस लेने के लिए पीछे हुई और फिर से अपने गीले होंठ सटा दिए मुझसे और दुगनी ताकत से चूसने लगी मुझे …
पर मुझे ये भी एहसास हो रहा था की वो ये सब सिर्फ अपने पति को जलाने या दिखाने के लिए या फिर शर्त पूरी करने के लिए कर रही है, वो खुद मजा नहीं ले पा रही है ..
पुरे पांच मिनट तक मुझे चूमने के बाद वो उठ कर जाने लगी तो मैंने उसकी कमर में हाथ डालकर रोक लिया , उसने अपनी गोल-2 आँखों से मुझे देखा, मानो पूछ रहि हो, अब क्या चाहिए ठरकी ..?
मैं : अरे रुको तो भाभी …मैंने दांव में आपकी 9 किस्सेस जीती है, और मैंने तो अभी तक आपको चूमा भी नहीं …
वो अचंभित सी होकर कभी मुझे और कभी अमित को देखने लगी .
अमित भी अब अपना सर उठाकर मुझे हेरानी से देख रहा था , और बाकी के दोनों भी .
अनीता :तो …तो ….वो क्या था …अभी मैंने थोड़ी देर पहले जो किया …वो सब ..
मैं : अरे भाभी …वो तो आपने अपनी इच्छा से किया न …मैंने थोड़े ही कहा था की आओ और मुझे किस करो ..मैंने शर्त जीती है की आपकी मैं 9 किस्स लूँगा और अपनी मर्जी से जहाँ लेनी है, वहां लूँगा ..समझे ..
अमित की तो झांटे सुलग गयी मेरे मक्कारपन को देखकर . पर वो अपने दांत पीस कर रह गया …और अनीता की तरफ गुस्से से देखने लगा, मानो मन ही मन कह रहा हो की देख ले साली , बड़ी सयानी बन रही थी जो खुद ही चूसने लगी इसको ..और दूसरी तरफ अनीता भाभी शर्म से पानी-2 हुए जा रही थी ..ये सोचकर की उन्होंने अगर दिमाग से काम लिया होता तो शायद मुझे दी गयी फ्री के चुम्मे देने से बच जाती …
मैंने अपने हाथ की पकड़ अनीता की कमर पर बड़ा दी …और अपनी तरफ खींचा, उसने भी हार कर अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया और मेरी तरफ खिसक आई …मैंने बड़े प्यार से उसके दुसरे हाथ को अलग किया और उन्के दोनों शानदार पर्वत मेरे सामने उजागर हो गए ..गुस्से और वासना के मिले जुले एहसास की वजह से अनीता भाभी का चेहरा लाल सुर्ख हो चूका था, साँसे इतनी तेज चल रही थी की मेरे चेहरे पर ब्लो पम्प की तरह पड़ रही थी …और उनके दोनों निप्पलस पूरी तरह से खड़े होकर मेरे चेहरे की तरफ इशारा कर रहे थे मानो कह रहे हो की अब बहुत हुआ …जल्दी से हमें चूस लो न …
मैंने उन दोनों को ज्यादा इन्तजार नहीं कराया …
मैंने अनीता के दोनों हाथो को पीछे किया और दोनों कलाइयों को एक ही हाथ में पकड़कर दबोच लिया, ऐसा करने से अनीता की दोनों छातियाँ एक दम से तनकर आगे निकल आई …और दुसरे हाथ से मैंने उनकी एक छाती को पकड़ा , दबाया और उनकी गुस्से से भरी हुई आँखों में देखकर , मोटे और गुलाबी निप्पल को अपनी जीभ से सहलाया …ऐसा करते ही उसके पुरे शरीर में सिहरन सी दौड़ गयी …जिसे सिर्फ मैंने ही महसूस किया …शरीर से निकली सिहरन उनके नितम्बो तक जाते -2 सिहरन बन गयी और मुझे अपनी जांघो पर उनका कम्पन महसूस हुआ …और फिर मैंने उनके निप्पल, और उसके आस पास के दो इंच का एरिया अपने मुंह में डाल लिया ….और किसी बच्चे की तरह से चूसने लगा …
और फिर मैंने उसे छोड़ दिया …और धीरे से बोला : अब हुआ है पहला चुम्मा ..
और फिर मैंने अपना सर उसके उभरे हुए उभारो के नीचे की तरफ लेजाकर पेट के ऊपर रख दिया …और अपनी लम्बी जीभ से पुरे नंगे पेट को चाटने लगा …वो छटपटा रही थी मेरी गोद में बैठी हुई …पर कुछ कर नहीं पा रही थी .
मैंने अपने होंठो से उसकी नाभि वाले हिस्से को दबोचा और चूसने लगा ….
अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह स्स्स्सस्स्स्स। ……….
अब पहली बार उसके मुंह से एक सिसकारी निकली थी …जिसे उत्तेजना से भरपूर कहा जा सकता था ..जिसे सुनकर सर झुकाए बैठे अमित का ध्यान भी हमारी तरफ हो गया …अनीता ने बड़ी मुश्किल से अपने होंठो को दांतों तले दबाकर अपने मुंह से निकल रही सिस्कारियों को रोका ….
मैंने अपना सर ऊपर उठाया और धीरे से बोला : ये थी दूसरी किस्स ….
उसके फड़कते हुए लाल होंठ मेरे सामने थे, मैंने एक दम से उसके बालों को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा और उन्हें चूसने लगा …..
वाव ….क्या मीठास थी उसके होंठो की …मजा आ गया आज तो …
इस बार मैंने नोट किया की उसने मुझे किस करने में ज्यादा विरोध भी नहीं दिखाया …शायद उसकी चूत में भी पानी रिसने लगा था मेरी हरकतों से …
मैंने अब उसके हाथ छोड़ दिए थे, और हाथ छूटते ही उसने मेरे सर को पकड़ा और बुरी तरह से दबोच लिया …और अपनी तरफ से भी जोर लगा कर मुझे चुम्मे का मजा देने लगी …
अनीता ने अपनी सांप जैसी जीभ मेरे मुंह में डाल दी और मैं उसे जोरो से चूसने लगा …कभी मेरी जीभ उसके मुंह में और कभी उसके होंठ मेरे मुंह में …
पुरे कमरे में हमारे मुंह से निकल रही पुच -2 और पुचड कुचड की आवाजें गूँज रही थी …
मुल्ला और जोकर अपने लंड को जींस में से मसल रहे थे, आँखे फाड़े हमारा खेल देख रहे थे …और अमित भी बेशर्मो की तरह से अपनी बीबी को मुझसे कुश्ती लड़ते हुए देख रहा था ..पर कुछ कर नहीं पा रहा था वो .
अपने पति को घूरता देखकर अनीता के मन में फिर से ग्लानी का भाव आ गया, शायद वो सोचने लगी थी की ये क्या कर रही हु मैं …अपने पति के सामने खुद ही मजे ले-लेकर ऐसा करना उसको शायद उचित नहीं लगा ..इसलिए वो फिर से रिजर्व में चली गयी और बेजान सी होकर मेरी गोद में बैठी रही …
मैंने करते-2 पूरी 8 चुम्मिया ले डाली उसकी …
अब लास्ट बची थी ..
मैंने अपना आखिरी दांव खेला और सीधा अनीता की चूत के ऊपर हाथ रख दिया और धीरे से कहा : भाभी …आखिरी किस्स यहाँ लेना चाहता हु मैं …
वो फिर से आग बबूला हो गयी : ये क्या बकवास है …तुमने मुझे टॉपलेस तो कर ही दिया है ..नीचे का तो मैं किसी भी कीमत पर नहीं उतारूंगी …चाहे जो भी हो जाए … यहाँ तो मेरे पति के आलावा किसी की एंट्री नहीं है …
भाभी का गुस्से वाला रूप देखकर मैं भी सोचने लग गया की अब क्या किया जाए …
वो शायद अपने पति की मोजुदगी में वो सब करने से हिचकिचा रही थी ..
पर शायद वो सही भी थी, उसने शादी से पहले भी सिर्फ अपने यारों को ऊपर के ही मजे दिए होंगे …
अमित ही एक ऐसा मर्द था उसकी जिन्दगी का , जिसने नीचे जाकर वहां का खजाना लुटा था .
पर अब वो आग, वो गर्मी , मैं भी महसूस करना चाहता था …
पर भाभी के ऐसे बर्ताव को देखकर मुझे वो मुश्किल लग रहा था ..
पर एक बार अगर वो किस्स करवाने के लिए राजी हो गयी तो वहां पर लंड पेलना मेरे बांये हाथ का खेल है ..
पर वो राजी तो हो न पहले .
मैंने मन ही मन योजना बनायीं और बोला : ओके …भाभी …जैसा आप कहे ..वैसे शर्त के अनुसार मैं अगर चाहू तो जबरदस्ती आपको नंगा करके आपकी चूत पर किस्स कर सकता हु ..पर मैं आपकी भावनाओ की इज्जत करता हु ..अगर आप नहीं चाहती तो ये लाला आपकी चूत को नहीं चूमेगा …
चूत शब्द बोलते -2 मैंने अपने हाथ से भाभी की गरमा गरम चूत को पकड़कर पूरी तरह से दबोच डाला …चूत से निकल रहा जूस कच्छी को भिगो चूका था और मेरे हाथो पर भी उसकी नमी का एहसास मुझे साफ़ महसूस हुआ .
भाभी ने जब देखा की मैंने कितने आराम से उनकी बात एक ही बार में मान ली तो वो थोड़ी ढीली पड़ गयी .
और फिर मैंने धीरे से उनके होंठो पर एक आखिरी चुम्मा लिया और उन्हें अपने चंगुल से आजाद कर दिया ..
उठते हुए उनकी आँखों में मेरे लिए आदर और प्यार था …वो धीरे से बोली :काश,ये भी आपकी तरह से सोचते …
अब सारा खेल ख़त्म हो चूका था …अनीता भाभी सुबकती हुई अन्दर अपने कमरे में चली गयी .
पर मुझे अन्दर से लग रहा था अभी भी अमित के अन्दर का लालच उससे कुछ करवा जाएगा ..
और हुआ भी ऐसा ही ..
जैसे ही मैं सारे पैसे समेट कर उठ खड़ा हुआ, जाने के लिए , अमित बोल पड़ा ..: यार …लाला ..और …और खेलते है न थोड़ी देर …
मैं : अरे नहीं यार …तूने देखा न …भाभी कितनी नाराज हो गयी …अरे भाई हमने तो सिर्फ चुम्मे के लिए बोला था , चोदने की शर्त थोड़े ही लगायी थी , जो वो इतना गुस्सा हो रही है …अरे आखिर हमारी अपनी भाभी है, इन्हें तो बस हम देवर लोग चूम ही सकते हैं, चोदने के लिए रंडियों की कमी थोड़े ही है शहर में ….क्यों मुल्ला जी ..
मुल्ला ने भी मेरी बात पर हाँ में हाँ मिलायी ..
मैंने आगे कहा : और रही बात आगे खेलने की, तो अमित भाई, मैं समझ सकता हु की तुम्हारी हालत इस समय क्या हो रही है, तुम अपने पैसो के साथ अपने पिताजी के दिए हुए पैसे भी हार चुके हो …वो दस हजार रूपए …इसलिए तुम चाह रहे हो की किसी तरह से तुम्हारे पैसे वापिस आ जाए, हारने से तुम्हे कोई फर्क तो पड़ने वाला है नहीं, उसकी भरपाई तो भाभी जी कर रही है …हा हा …
मैंने अपनी बात कही और भद्दी सी हंसी हंसने लगा ….मेरे साथ-2 दोनों चमचे भी हंसने लगे …
और हम सब की हंसी अमित के घाव और भी कुरेद रही थी .
उसकी शक्ल देखकर मुझे सकून मिल रहा था .
पर अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे वो दस हजार तुझे दे सकता हु …पर शर्त वही रहेगी …की भाभी जी की किस्सेस मिल जाए, हर एक हजार के बदले में एक किस ..बोलो ..
मैंने दस हजार रूपए उसके सामने फेंक दिए टेबल पर …वो कभी मुझे और कभी उन रुपयों को देखता ..और फिर उसने वो सारे नोट उठा लिए .
मैं : पर एक बात ध्यान से सुन लो, अन्दर जाकर भाभी को मना कर बाहर ले आओ और उनसे कह दो, की हम सिर्फ उनका चुम्मा लेंगे, कुछ और नहीं ..और वो कहीं भी ले सकते हैं …चूत पर भी …और वो भी यहाँ बाहर, सबके सामने ….. इतना तो उन्हें कोम्प्रोमायीस करना ही होगा ..हे हे .
मैंने ये बात इसलिए कही थी की अमित को बाद में ज्यादा शॉक न लगे ये देखकर की मेरा एंटीना हर बार अनीता भाभी की चूत की तरफ ही घूम रहा है …
वो उठा और अन्दर चला गया ..
उसके अन्दर जाते ही मुल्ला और जोकर दौड़कर मेरे पास आ गए ..
मुल्ला : यार लाला …तूने तो कहा था की हमें भी मजे लेने देगा …यार दिला न …हमारे सामने तूने कैसे अनीता भाभी को चूस चूसकर मजा लिया है …हमें भी तो दे न …
मैं : अभी मैंने दस हजार रूपए में अनीता की 07 चुम्मिया और खरीदी है …और अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे एक -2 उधार दे सकता हु …बोलो, है मंजूर ..
वो दोनों बोले : हाँ ..हाँ …मंजूर है ..हम तुझे कल 1-1 हजार दे देंगे ..
मैं : 1-1 हजार नहीं, 5-5 हजार …एक किस की कीमत होगी 5 हजार रूपए …अगर मंजूर है तो बोलो …
मैंने अपना कमीनापन उन्हें भी दिखाया …
जोकर : यार लाला …ये तो ज्यादती है …तुझे 1 हजार में एक किस मिल रही है और तो उसको हमें 5 में ब्लेक कर रहा है …ये सही नहीं है दोस्त ..
मैं : कोई बात नहीं , तुम्हे नहीं चाहिए तो ना सही …तुम्हारी मर्जी ..
और मैं अमित के आने का इन्तजार करने लगा …
वो दोनों आपस में खुसर फुसर करने लगे …मुझे मालुम था की वो मान ही जायेंगे …और हुआ भी ऐसा ही
जोकर : ठीक है लाला …आज तेरा दिन है …तू जीता …हम तुझे कल 5-5 हजार रूपए दे देंगे …
मैं होल से मुस्कुरा दिया .
अन्दर से अमित और अनीता की आवाजे आने लगी थी ..
अनीता : तुम्हारा बस चले तो चूमने के बजाये मुझे फक्क भी करवा दो इन जानवरों से …
अमित : नहीं ….अनीता।।।समझा करो …वो ऐसा नहीं करेंगे …तुमने देखा न, लाला ने एक ही बार में तुम्हारा कहना मान लिया था …पर अब सिर्फ किस्स करने में क्या प्रॉब्लम है वहां पर भी …अब इतना कुछ हो चूका है तो आखिरी बार थोडा सा और सही …डार्लिंग ।।। समझा करो …पिताजी को देने वाले पैसे ये रहे, इन्हें तुम वापिस रख दो …और बस मेरे कहने पर आखिरी बार …सिर्फ आखिरी बार ये कर लो …मैं कसम खाता हु की आगे से कभी जुआ नहीं खेलूँगा …तुम्हारी कसम …
अब अनीता भाभी थोडा शांत हुई थी …
वो धीरे से बोली : ओके …तुम लाला को अन्दर ही भेज दो …बाहर तुम्हारे और उन दोनों के सामने मुझे शर्म आएगी …
अमित : वो …वो ..उसने कहा था की बाहर ही करेगा, सबके सामने …यही शर्त थी …उसकी ..
अनीता बुदबुदाई : साला हरामीsssssssssssss
और फिर वो दोनों बाहर आ गए ..
अमित : नहीं ….अनीता।।।समझा करो …वो ऐसा नहीं करेंगे …तुमने देखा न, लाला ने एक ही बार में तुम्हारा कहना मान लिया था …पर अब सिर्फ किस्स करने में क्या प्रॉब्लम है वहां पर भी …अब इतना कुछ हो चूका है तो आखिरी बार थोडा सा और सही …डार्लिंग ।।। समझा करो …पिताजी को देने वाले पैसे ये रहे, इन्हें तुम वापिस रख दो …और बस मेरे कहने पर आखिरी बार …सिर्फ आखिरी बार ये कर लो …मैं कसम खाता हु की आगे से कभी जुआ नहीं खेलूँगा …तुम्हारी कसम …
अब अनीता भाभी थोडा शांत हुई थी …
वो धीरे से बोली : ओके …तुम लाला को अन्दर ही भेज दो …बाहर तुम्हारे और उन दोनों के सामने मुझे शर्म आएगी …
अमित : वो …वो ..उसने कहा था की बाहर ही करेगा, सबके सामने …यही शर्त थी …उसकी ..
अनीता बुदबुदाई : साला हरामीsssssssssssss
और फिर वो दोनों बाहर आ गए ..
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अब आगे ***
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जैसे ही अनीता भाभी की नजरे मुझसे चार हुई उसमे से निकल रहे अंगारों को देखकर मैं डर सा गया, वो शायद सोच रही थी की मैं उसके पति की लाचारी का फायेदा उठा कर उसके साथ ये सब मजे कर रहा हु, अगर वो ऐसा सोच रही है तो सोचती रहे, मुझे इससे क्या .
अनीता भाभी ने अब अपने ब्लाउस को ढीला ही छोड़ा हुआ था, जिसकी वजह से उनके दोनों कबूतर अपना सर बाहर निकाल कर हम सभी को अपनी तरफ घूरते हुए देख रहे थे .
मुल्ला तो खासकर उसके दोनों मुम्मो को देखकर अपने खुरदुरे होंठो को दांतों से मसल रहा था ..
मैंने भाभी को अपनी तरफ खींचा और वो मेरी गोद में आकर बैठ गयी .
मैंने एक हाथ नीचे किया और साडी के अन्दर की तरफ डालकर उनकी मुलायम पिंडलियों को पकड़ लिया ..
वो एकदम से चोंक गयी ..और गुस्से से मेरा हाथ झटक दिया ..और अपने पति की तरफ देखा ..उसने लाचारी से सर हिला कर कहा की करने दो ..ये सब पहले से ही तय हो चूका है ..
अनीता ने मेरी तरफ गुस्से से देखा : एक बात सुन ले लाला , आज तू चाहे जो भी कर ले, पर एक बात याद रखना, ये सब मेरी मर्जी से नहीं हो रहा है, तूने सिर्फ शर्त जीती है मेरा मन नहीं , मेरा शरीर तेरी शर्त को पूरी करेगा मेरा मन नहीं …
वो काफी गुस्से में थी, मुझे यही देखना था आज की उसका गुस्सा कब तक उसे अपने शरीर पर होने वाली हरकतों से बचा कर रखता है ..
मैंने अपना हाथ फिर से उसकी साडी के अन्दर डाल दिया और उसकी जांघो तक जा पहुंचा, वो बेजान सी होकर, सुबकती हुई सी मेरी गोद में बैठी रही ..
मुल्ला और जोकर दम साधे मुझे और भाभी को देखे जा रहे थे .
मैंने हाथ थोडा और अन्दर डाला तो मुझे अन्दर से आ रही गर्मी का एहसास हुआ, गर्म हवा के भभके निकल रहे थे अनीता की चूत से ..
मैंने अपनी बीच वाली ऊँगली सीधा चूत के अन्दर फंसा दी और अपने मुंह में उनका मुम्म पकड़ कर चूसने लगा …
मैं सिंगल सोफे पर बैठा हुआ था, और मैंने अनीता भाभी की गांड को अपने लंड के ऊपर बीछा कर उन्हें लिटा सा दिया, मेरे बांयी तरफ उनका सर लटका हुआ था और दांयी तरफ उनके पैर ..और पैरो के बीच में से होता हुआ मेरा हाथ उनकी चूत से निकल रही गर्मी को थर्मामीटर की तरह से जांच रहा था ..मेरा सर झुका हुआ था जो भाभी की मदर डायरी से दूध पीकर अपनी पहली किस का स्वाद ले रहा था ..
और जिस तरफ भाभी के पैर थे उस तरफ वो दोनों ठरकी बैठे थे, जैसे-2 अनीता भाभी की टाँगे नंगी होती चली गयी, उनके मुंह खुलते चले गए और उनमे से लार निकल कर नीचे गिरने लगी ..
मेरे हाथ घिसने से और भाभी के अस्त व्यस्त तरीके से लेटने की वजह से साडी पेटीकोट से निकल कर अलग होने लगी थी …मैंने एक झटका दिया और साड़ी को नीचे गिरा दिया …
और मैंने उनका मुम्मा चूसना छोड़ दिया ..
अनीता : एक हो गयी …
वो अपनी किस्सेस गिन रही थी ..जैसे जल्दी से जल्दी सब कुछ ख़त्म करके अन्दर जाना चाहती हो .
मैंने हामी से सर हिलाया .
मैंने उन्हें अपने सामने खड़ा किया ..और उनके फटे हुए ब्लाउस और ब्रा को एक झटके में खींच कर उतार दिया .
अब वो पूरी तरह से टॉपलेस थी और नीचे सिर्फ उनका पेटीकोट था …
वो बेजान सी होकर, आँखे झुकाए हुए खड़ी थी, अपनी छाती को भी वो अब छुपाने की कोशिश नहीं कर रही थी .
अनीता भाभी के मोटे और गोर मुम्मे मेरे सामने पके हुए फलो की तरह से लटक रहे थे ..और नीचे उनका थोडा सा थुलथुला पेट था जिसके ऊपर की नाभि थोडा ज्यादा मांस होने की वजह से अन्दर की तरफ धंसी हुई थी ..बड़ा ही सेक्सी पेट लग रहा था उनका …
मुझसे सब्र नहीं हुआ और मैंने उनके पेट पर अपने तपते हुए होंठ रख दिए …अनीता भाभी को शायद विशवास नहीं था की मैं अपनी “कीमती” किस उनके पेट पर वेस्ट कर दूंगा ..पर उनका पेट था ही इतना सेक्सी की मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपनी जीभ निकाल कर उनकी नाभि के अन्दर तक उतार दी और उसे बुरी तरह से वहां से निकल रहा शहद चूसने और चाटने लगा …
और वो शायद उनका वीक पॉइंट था …वो पूरी तरह से थरथरा उठी और अपना एक हाथ मेरे सर पर और दूसरा मेरे कंधे पर रखकर मुझे पीछे की तरफ धकेलने लगी …पर मैंने भी उनकी गांड पर अपने हाथ जमा कर रखे हुए थे , इसलिए वो मुझे धकेल नहीं पायी …
वो अपने पंजो के बल पर खड़ी होकर सिसक उठी .
स्स्स्सस्स्स्स ……अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ……म्मम्मम …. अमीइत्त्त्त ,,,,,
साली ….मजे मुझसे ले रही थी और नाम ले रही थी अपने पति अमित का …पता नहीं सही में वो अपने पति के बारे में सोच रही थी ये सब करवाते हुए या फिर उसे दिखाने के लिए वो मजे लेते हुए उसका नाम ले रही थी …
पर जो भी था, उसके गुदाज पेट को चाटकर मुझे मजा आ गया, ऐसा लगा की ताजे बने मक्खन में मैंने अपना सर डाल दिया है और उसको चाटने में लगा हुआ हु मैं ..
और फिर मुझे महसूस हुआ की अनीता को भी मजा आने लगा है, वो पंजो के बल थी, और मेरी जीभ उसकी नाभि के अन्दर, वो धीरे से नीचे हुई और मेरी जीभ बाहर निकल कर उसके पेट के ऊपर फिसल गयी …वो फिर से उचकी और मेरी जीभ फिर से उसकी नाभि में चली गयी …ऐसा लगभग 3-4 बार हुआ …तब मुझे एहसास हुआ की उसको काफी मजा आ रहा है अपनी नेवल चुस्वाने में ..
पर अभी भी वो खुलकर मजे नहीं ले रही थी ..और आज उसके इसी प्रतिरोध को मुझे तोडना था …
मैंने अपना मुंह हटा लिया उसके पेट से …उसने सुनी-2 आँखों से मुझे देखा मानो कह रही हो की इतनी जल्दी क्या थी, थोडा और चूस लेते मेरे राजा .
मैंने धीरे से कहा : ये थी दूसरी ..
मैंने उसकी आँखों में देखते-2 ही उसकी कमर में बंधे हुए पेटीकोट के नाड़े को खोल कर नीचे गिरा दिया …
वो एकदम से चोंक गयी और अपने नंगेपन को सबके सामने आता देखकर उसने अपने दोनों हाथ अपनी आँखों पर रख लिए ..
बड़ा ही सुन्दर नजारा था …मेरे सामने थी उसकी चमचमाती चूत , उसने पेंटी भी नहीं पहनी थी , और चूत थी बिलकुल सफाचट , सिर्फ एक पतली सी लकीर थी बालो की जो बीच से होती हुई ऊपर तक जा रही थी …और अन्दर से निकल रहे पानी की वजह से उसकी चूत पूरी चमक रही थी ..
मैंने अपने हाथ उसकी गांड पर जमा दिए …टाँगे थोड़ी सी खोली, अपने होंठो को गोल किया, अपनी जीभ की नोक को होंठो के बीच रखा और अपने होंठो और जीभ को एक साथ उसकी रसीली चूत पर रख दिया …
अनीता का पूरा शरीर कांप गया …ऐसा लगा की किसी बड़ी बिल्डिंग की आधारशीला में भूकंप का कम्पन हुआ है, जिसकी वजह से पूरी बिल्डिंग हिल गयी है …
और मेरे नथुनों में उसकी चूत के होंठ फंस कर रह गए, अनीता की चूत किसी चिड़िया के पारो की तरह से फेली हुई थी, जिन परो ने मेरे नाक के चारो तरफ अपने पर रखकर उन्हें पूरा ढक लिया, मेरे होंठ और जीभ की ड्रिल उसकी चूत के अन्दर घुस कर उसे भेदने लगी …और वो फिर से अपने पंजो के बल उठकर , मेरे सर को पकड़कर, अपनी सिस्कारियों को अपने दांतों तले दबाकर और अपनी भावनाओ को अपने दिल में दबाकर, बस सिसकने के आलावा कुछ और न कर पायी …
अमित भी दम साधे हुए मुझे वो “किस्स” लेते हुए देख रहा था …जैसे कुछ सीखने की कोशिश कर रहा हो की अगली बार अगर ऐसा करू तो शायद अनीता ज्यादा खुश हो जायेगी …
पर यहाँ तो आज मुझे खुश करना था अनीता को, अपने हुनर का जादू दिखा कर उसे तोडना था, उसके गुरुर को और उसके नकली अवरोध को ..
मेरी ऊँगली उसकी गांड के छेद में घुस गयी और वो एकदम से छिटक कर दूर हो गयी, जिसकी वजह से मेरी किस्स टूट गयी ..
वो हाँफते हुए धीरे से बोली : तीन …..तीन हो गयी …
मैंने हँसते हुए रुमाल से अपना मुंह साफ़ किया, जिसपर उसकी चूत से निकला घी लग गया था .
और फिर मैंने जोकर और मुल्ला की तरफ देखा , वो दोनों अपनी बारी की प्रतीक्षा में कब से बैठे हुए थे …..मैंने मुल्ला को कहा : चल मुल्ला , तेरा नंबर है अब …
मेरी बात सुनकर अमित और अनीता हेरानी से मुझे देखने लगे, अमित एकदम से बोला : मुल्ला बीच में कहाँ से आ गया, बात तो तुम्हारी हुई थी …
मैंने गुस्से में कहा : बात किस्स करने की हुई थी, और मेरी मर्जी, वो चाहे मैं करू या फिर इनसे करवाऊ , अगर मंजूर नहीं है तो तीन के पैसे रखकर बाकी पैसे लोटा दे, हम चलते हैं …
मेरी बात सुनकर वो फिर से दांत पीस कर रह गया …और अनीता भी खून का घूँट पीकर रह गयी …
मुल्ला उछल कर सामने आया और उसने आते ही अनीता की कमर से पकड़ कर उसे लम्बे वाले सोफे पर लिटाया …और उसकी दोनों टांगो को ऊपर हवा में उठाकर, अपने मुंह को उसकी चूत में झोंक दिया …
उसका झटका इतना तेज था की लेटी हुई अनीता एकदम से उठकर बैठ गयी, जब मुल्ला का मुंह उसकी चूत पर आकर जोरों से पड़ा .
पर उसके बाद तो मुल्ला की लम्बी और खुरदुरी जीभ ने जो कमाल दिखाया उसे महसूस करके तो अनीता को दिन में तारे दिखाई देने लगे …उसने मुल्ला के सर को किसी मोटी गाजर की तरह से पकड़ लिया और घिसने लगी अपनी चूत नुमा कुतरने पर …
अब फिर से उसके मुंह से कामुक आवाजे निकलने लगी …
आअयीईईईइ /……. अह्ह्ह्हह्ह …… म्मम्मम्म ….ओफ्फ्फफ्फ्फ्फ़ …….येस्स्स्सस्स्स्स …
वो इतनी उत्तेजित हो गयी की उसने जोरो से हाँफते हुए मुल्ला के होंठो को अपनी चूत से हटाया , उसे ऊपर खींचा और उसके होंठो पर लगे हुए अपनी चूत के रस को बुरी तरह से चाटने और पीने लगी …मुल्ला के तो होश गम हो गए, इतना गर्म ट्रीटमेंट पाकर उसके भद्दे होंठो को आजतक किसी ने सही तरह से चूमा नहीं था, पर आज अनीता भाभी ने जिस तरह से उसको प्यार किया, वो गदगद हो उठा ….और वो भी दुगनी ताकत से उसके पंखुड़ी जैसे होंठो को अपने मोटे और भद्दे होंठो से चूसने और चाटने लगा …
और जब वासना को वो एक मिनट ख़त्म हुआ तो जैसे अनीता भाभी को होश आया …और उसने एकदम से मुल्ला को परे धकेल दिया और उठ कर खड़ी हो गयी …उसे शायद अपने आप पर गुस्सा आ रहा था की कैसे उसने अपनी भावनाओ पर काबू किये बिना सब के सामने मुल्ला को चूम लिया …
वो जाकर अमित के पास बैठ गयी …नंगी .
अमित ने उसकी कमर पर हाथ रखा और धीरे से कहा : मैं समझ सकता हु तुम्हारी हालत, तुम चिंता मत करो …जाओ …अब सिर्फ 6 और बची है ….जाओ ..
अपने पति की तरफ से आश्वासन पाकर वो फिर से उठी और मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी …
उधर मुल्ला जैसे सपने से जागा, वो तो 1 मिनट के लिए स्वर्ग में पहुँच गया था ..
अब मैंने जोकर की तरफ देखा , वो तो अपनी बारी की प्रतीक्षा में ही बैठा हुआ था …पर ये क्या, उसका लंड बाहर निकला हुआ था, हुआ ये था की मुल्ला और अनीता की जोरदार किस्स देखकर उसने अपनी पेंट की जिप खोलकर अपने सांप को आजाद कर लिया था और उसे मसलते हुए उनका लाईव शो देख रहा था …
मेरे इशारे पर जोकर उठा और आकर अनीता के नंगे जिस्म से लिपट गया, पर उसने उसे चूमा नहीं ….थोड़ी देर तक उसके नर्म और मुलायम जिस्म की गर्मी महसूस करने के बाद उसने अपनी ताकत का प्रयोग किया और अनीता भाभी की टांगो से पकड़ कर उन्हें उल्टा घुमा दिया, और खड़े -2 ही उसने अनीता को उल्टा घुमा कर उनकी चूत वाले हिस्से को अपने मुंह के सामने और उनके मुंह को अपने लंड के सामने पहुंचा दिया …अब वो खड़े हुए 69 वाले पोस में थे .
अनीता तो अवाक रह गयी, एक तो जोकर की बाजुओं की ताकत देखकर और दुसरे उसके बाहर निकले हुए लंड को देखकर जो पहली बार उसकी आँखों के सामने आया था …
जोकर ने अनीता भाभी की टांगो को खोला और उनकी चूत के ऊपर अपने होंठ रखकर उसे आइस क्रीम की तरह से चाटने लगा ….
अनीता के मुंह से अह्ह्हह्ह्ह्ह निकल गयी और उसके खुले हुए मुंह का फायेदा उठा कर जोकर ने अपना खड़ा हुआ लंड उसके खुले हुए मुंह के अन्दर धकेल दिया ..जिसकी वजह से उसकी सिसकारी मुंह में ही घुट कर रह गयी ..
अमित बेचारा अपनी पत्नी के ऊपर होते हुए “अत्याचार” को देखकर जल भुन रहा था …अब वो अत्याचार था या वासना का नंगा नाच, ये तो अनीता ही बता सकती थी अब .
और मैं प्रतीक्षा कर रहा था की कब तक उसका ये अवरोध रहेगा ..आज मुझे अनीता को अमित के सामने बुरी तरह से तडपना था जब तक की वो गिदगिड़ा कर मुझसे चुदाई की भीख न मांगे ….
अभी भी इसके बाद 5 किस्सेस बची हुई थी ..
और जोकर की किस्स तो अभी शुरू ही हुई थी …
अमित बेचारा अपनी पत्नी के ऊपर होते हुए “अत्याचार” को देखकर जल भुन रहा था …अब वो अत्याचार था या वासना का नंगा नाच, ये तो अनीता ही बता सकती थी अब .
और मैं प्रतीक्षा कर रहा था की कब तक उसका ये अवरोध रहेगा ..आज मुझे अनीता को अमित के सामने बुरी तरह से तडपना था जब तक की वो गिदगिड़ा कर मुझसे चुदाई की भीख न मांगे ….
अभी भी इसके बाद 5 किस्सेस बची हुई थी ..
और जोकर की किस्स तो अभी शुरू ही हुई थी …
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अब आगे **
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जोकर ने अनीता भाभी को किसी गुडिया की तरह से उल्टा पकड़ कर रखा हुआ था, और उनकी फेली हुई चूत को सोफ्टी की तरह से चूस रहा था, जोकर की लम्बी जीभ अनीता की चूत के अन्दर तक गडी हुई थी और उसके होंठ बाहर उफन कर आ रहे जूस को बटोरने में लगे हुए थे …
जोकर की नाक अनीता भाभी की गांड के छेद के ऊपर थी …वैसे अक्सर औरते अपनी गांड के छेद पर ज्यादा साफ़ सफाई का ध्यान नहीं देती है जिसकी वजह से अन्दर से आने वाली बदबू सूंघकर उनके पार्टनर वहां पर चाटने या फिर ऊँगली डालने का इरादा छोड़ देते हैं पर कुछ ही अलग तरह की औरते या लडकिय होती है जो गांड के छेद की भी पूरी तरह से साफ़ सफाई करके रखती है ताकि जब उनके आशिक या पति उन्हें वहां पर चाटे या उन्गलबाजी करे तो उन्हें सिर्फ खुशबु का एहसास हो ताकि उसके आगे बढकर वो उन्हें और भी मजा दे सके जो सिर्फ पीछे वाले रास्ते से ही मिल सकता है ..और मैं ये बात ठोक-बजा कर कह सकता हु की अनीता भाभी उन्ही कुछ गिनी चुनी औरतों में से है जो इस बात का ध्यान रखती है क्योंकि जब मैंने उनकी चूत को चूसते हुए अपनी ऊँगली पीछे डाली थी तो उसे सूंघकर मैंने ये बात पता कर ली थी की वो पीछे से कितनी फ्रेश है ..
और अब जोकर की लम्बी और मोती नाक का एहसास अपनी गांड के छेद पर पाकर अनीता भाभी का शरीर थिरकने सा लगा, वो शायद उनका दूसरा वीक पॉइंट था अपनी नाभि के अलावा .
जोकर को भी चूत चाटते हुए अपनी नाक को उनकी गांड में घिसने का कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था ..और वैसे भी अगर किसी औरत की चूत और गांड पर एक साथ वार हो तो उसके अन्दर की वासना उछल-2 कर गर्म पानी के रूप में बाहर निकलती है .. और येही अनीता भाभी के साथ भी हो रहा था ..जो भी गरमा गरम जूस उनकी चूत से निकल रहा था उसे जोकर अपने मुंह में सटकता जा रहा था ..आज अपनी पत्नी की ये हालत देखकर अमित पर जो बीत रही थी उसे देखकर मुझे बड़ा ही सकूं मिल रहा था .
अचानक जोकर ने अनीता भाभी की चूत के चारो तरफ फ़ले हुए होंठ अपने मुंह में ले लिए और उन्हें चुभलाने लगा अपने होंठो और दांतों से …अब अनीता के लिए सहन करना मुश्किल हो गया …और उसने जोकर के लैंड को अपने मुंह से बाहर निकाल दिया और जोर से चीख मारी, जिसकी वजह से पूरा कमरा गूँज उठा ..
अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह्हह्ह मर्र्र्रर्र्र्र गयी …….अह्ह्हह्ह्ह्ह ….
जोकर ने शायद कुछ ज्यादा ही जोर से काट लिया था उनकी फूल जैसी चूत की पंखड़ियों पर ..
पर वो चीख अनीता के दर्द की नहीं , बल्कि आने वाले ओर्गास्म की थी …क्योंकि जैसे ही चीख से डर कर जोकर ने अपना मुंह पीछे किया, अनीता भाभी की चूत से उनका रस किसी फव्वारे की तरह से हवा में उछला, और जोकर के सर से भी ऊपर उठकर उस फव्वारे के मीठे रस ने उसके चेहरे और सर को पूरी तरह से भिगो दिया, थोडा बहुत अमृत मुझपर भी गिरा जिसे मैंने ऊँगली से चाट लिया ..
जोकर के चेहरे पर गर्म रस की फुहार पड़ते ही उसके लंड ने नीचे से अनीता भाभी के मुंह पर गोलियां चलानी शुरू कर दी ..और वो बेहाल सा होकर अनीता भाभी को लेकर लम्बे वाले सोफे पर गिर गया ..अनीता भाभी गहरी सांस लेती हुई , अपने चेहरे पर गिरे हुए सफ़ेद और गाड़े वीर्य को साफ़ करने में लगी हुई थी ..और जोकर का मुंह पूरी तरह से अनीता भाभी की मोटी और फेली हुई गांड के बोझ तले पीसकर दिखाई देना भी बंद हो गया था …
और कोई मौका होता तो शायद वो इस सारे रस को चाट जाती, पर अपने पति के सामने शायद वो इस बात का एहसास करना नहीं चाहती थी की उसको इन सबमे मजा आ रहा है, इसलिए उसने सोफे पर पड़े हुए तकिये का कवर उतारा और अपने चेहरे पर गिरे रस को साफ़ करके उसे कोने में फेंक दिया और खुद खड़ी होकर अपने पति के पास जाकर बैठ गयी . उसके उठते ही जोकर भी उठा और अपने कपडे पहन कर वापिस अपनी जगह पर बैठ गया, उसके चेहरे के भाव बता रहे थे की जो भी उसने किया उसपर उसे अभी भी विशवास नहीं हो पा रहा था ..उसने अपने 5000 पूरी तरह से वसूल कर लिए थे .
अब 5 किस्स बची हैं .
मैंने अनीता को अपनी तरफ दोबारा बुलाया, उसने अपने पति की तरफ देखा पर वो बेबस सा अपने सर को झुकाए हुए बैठा रहा . वो उठी और मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी ..
तभी मुल्ला उठकर मेरे पास आया और मेरे कान में धीरे से बोला ” यार लाला ..जोकर ने तो पुरे मजे ले लिए …और झड भी गया, पर मेरा लैंड तो अभी तक वैसा ही है ..एक काम कर मुझे एक और किस्स लेने दे, मैं तुझे कल दो के हिसाब से दस हजार दे दूंगा ..”
साले का लैंड जोर मारने लगा था जोके के द्वारा लिए गए मजे को देखकर ..
मुझे क्या फर्क पड़ना था, मैंने हाँ कर दी , और देखा जाए तो दोनों तरफ से मेरा फायेदा ही था, एक तरफ से तो मुझे 5 हजार और मिल रहे थे और दूसरी तरफ अनीता भाभी की ख़ास सेवा करके वो उसे ज्यादा तैयार कर रहा था जो शायद बाद में मेरे ही काम में आने वाला था .
मैंने हाँ कर दी .
अनीता शायद समझ चुकी थी की मुल्ला ने मुझसे क्या बात करी होगी, और मेरे सर हिलाते ही उसके चेहरे की रंगत बदल गयी, क्योंकि वो शायद जानती थी की मुल्ला कितनी ताकत के साथ उसके शरीर से खेलेगा ..
मुल्ला तुरंत उठा और नंगी भाभी को लगभग घसीटते अमित वाले लम्बे सोफे पर ले गया और उसे धक्का देकर बिठा दिया .
अमित भी हेरान था की मुल्ला उसे लेकर उसी सोफे पर क्यों लाया है …
और फिर मुल्ला ने अपने कुरते को उतार कर एक तरफ फेंका और फिर पायजामे को खोला और नीचे गिरा दिया, वो नंगा हो चूका था , सामने बैठी हुई अनीता भाभी ऐसे डर गयी जैसे किसी सपेरे ने अपना पिटारा खोल दिया हो उनके चेहरे के सामने ..उसका मोटा पेट और उसके नीचे लटक रहा काला लंड बड़ा ही भयानक लग रहा था .
मुल्ला का काले रंग का नाग फुफकारता हुआ बाहर निकल आया , ये बात हम सभी दोस्त अच्छी तरह से जानते थे की मुल्ला का लंड सबसे मोटा
है और जब कभी भी हम मिलकर किसी रंडी को चोदते थे तो उसका नंबर सबसे बाद में आता था, क्योंकि उसके लंड से डरकर कोई भाग न जाए .
और इतने मोटे लंड को शायद अनीता ने पहली बार देखा था, वो डर गयी थी .
अब मुल्ला ने अपनी ताकत दिखाई और अनीता के बगलों में हाथ डालकर उसे किसी फूल की तरह से अपनी गोद में उठा लिया, अनीता के पास कोई और चारा नहीं था इसके अलावा की वो अपने पैरों को मुल्ला की कमर के चरों तरफ लपेट दिया और इस तरह से उसकी गांड मुल्ला के खड़े हुए लंड के ऊपर टिक गयी ..
मुल्ला ने अपने एक हाथ से उसके मुम्मे दबा दिए, अनीता का मुंह खुला का खुला रह गया अपने ऊपर हुए अचानक हमले से और उस खुले हुए मुंह को एक ही बार में मुल्ला ने अपने बड़े से मुंह के अन्दर समेत लिया और उसके ऊपर और नीचे वाले दोनों होंठो को अपने मुंह में डालकर चिवंगम की तरह से चबाने लगा …
नीचे से वो उसके हॉर्न दबा रहा था और ऊपर से उसके होंठो की चाशनी पी रहा था .
अब मुल्ला ने अपनी ताकत दिखाई और अनीता के बगलों में हाथ डालकर उसे किसी फूल की तरह से अपनी गोद में उठा लिया, अनीता के पास कोई और चारा नहीं था इसके अलावा की वो अपने पैरों को मुल्ला की कमर के चरों तरफ लपेट दिया और इस तरह से उसकी गांड मुल्ला के खड़े हुए लंड के ऊपर टिक गयी ..
मुल्ला ने अपने एक हाथ से उसके मुम्मे दबा दिए, अनीता का मुंह खुला का खुला रह गया अपने ऊपर हुए अचानक हमले से और उस खुले हुए मुंह को एक ही बार में मुल्ला ने अपने बड़े से मुंह के अन्दर समेत लिया और उसके ऊपर और नीचे वाले दोनों होंठो को अपने मुंह में डालकर चिवंगम की तरह से चबाने लगा …
नीचे से वो उसके हॉर्न दबा रहा था और ऊपर से उसके होंठो की चाशनी पी रहा था .
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अब आगे **
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अनीता भाभी फिर मदहोश सी होती जा रही थी ..
पर मुल्ला के लंड के ऊपर बैठकर भी उसके मन से पतिव्रता धर्म का मान अपनी जगह पर ही था अभी तक ..
मुल्ला का मोटा लंड ढोलक की तरह से अनीता भाभी की गांड के पाटों के बीच फंसा हुआ था और उनकी चूत मुल्ला के पेट से टकरा रही थी ..और मुल्ला उसे अपने वहां बिठा कर उसको अपनी ताकत का एहसास करवा रहा था ..
वैसे एक तरह से देखा जाए तो अनीता भाभी मुल्ला जी के लंड के ऊपर ही बैठी हुई थी ..और झूले झूल रही थी ..
मुल्ला ने अनीता के दोनों होंठो को अपने मुंह में दबा रखा था, बेचारी सही तरह से सांस भी नहीं ले पा रही थी ..
और अमित का ध्यान तो सिर्फ मुल्ला के मोटे लंड पर था, कहीं वो उसकी पत्नी की गांड या चूत के अन्दर न घुस जाए .
मुल्ला ने बिना किस्स तोड़े ही अपने मुंह को अनीता के जिस्म से चिपकाये हुए ही नीचे आना शुरू कर दिया ..उसके मोटे और गीले होंठ और जीभ उसकी सुराहीदार गर्दन से होती हुई उसके मोटे -2 मुम्मो तक आ गयी और उसने अनीता को कमान की तरह टेड़ा करके उसके मोटे-2 मुम्मो पर अपना मुंह मारना शुरू कर दिया ..
अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ……ओहहहहहहहहहहहहहह
उसका मुंह अब फ्री था इसलिए वो जोरों से करहा -2 कर अपने मुम्मो पर हो रहे जुल्म को शिकायत के रूप में अपने पति को सुना रही थी ..पर ये शिकायत थी या मजा ये तो सिर्फ वो खुद ही जानती थी ..
और अमित बेचारा, अपनी पत्नी के सफ़ेद दूध पर मुल्ला के काले दांतों की बनावट छपते हुए देखकर रोने जैसा हो रहा था ..
अब मुल्ला ने थोडा और साउथ की तरफ जाना शुरू कर दिया …और इसके लिए उसने अनीता को फिर से अमित के पास ही सोफे पर लिटा दिया ..अब अनीता का सर अमित की गोद में आ गिरा और मुल्ला ने उसकी टाँगे चोड़ी करके अपने मुंह को उसकी रिस रही चूत के मुहाने पर लगा दिया ..और जोरों से चूसने लगा .
अय्य्यीईईईईई …….अमीईईत्त्त्त ………..बचाओ मुझे ….
मैंने मन में सोचा ….साली रंडी ….अपने पति के दोस्त से चुसवा रही है और उसको बुला रही है , जैसे वो बचा लेगा उसको ..हा हा ..
पर तभी मेरा ध्यान अमित के लंड पर गया …
वो पेंट के अन्दर पूरी तरह से खड़ा हो चूका था ….और वो बड़ी मुश्किल से इधर-उधर देखकर अपनी शर्मिंदगी को हम सभी से बचा रहा था ..
अनीता का सर इधर-उधर पड़ने की वजह से उसको जब एहसास हुआ की उसके पति का लंड खड़ा हो चूका है तो वो पहले तो हेरान रह गयी की कैसे कोई अपनी पत्नी को किसी और के द्वारा मजे लेता देखकर खड़ा हो सकता है ..पर जब उसने सोचा की जैसे ना चाहते हुए उसकी चूत को भी मजा आ रहा था शायद वैसे ही अमित भी ना चाहते हुए अपनी पति के जिस्म पर हो रहे हमलो को देखकर उत्तेजित हो रहा है ..और शायद यही वजह थी की वो अब मेरी बातों का ज्यादा विरोध भी नहीं कर रहा था।
अचानक मुल्ला ने अनीता की गांड के नीचे हाथ रखकर उसको थोडा हवा में उठा दिया ….और उसकी चूत को हवा ही हवा में चूसने लगा …
ये आसन अनीता के लिए बिलकुल नया था, उसका मुंह अपने पति की गोद में था और उसके दोनों मुम्मे हवा में लटक रहे थे और उसकी गांड हवा में तैर रही थी , मुल्ला उसकी चूत को गन्ने की तरह से चूस रहा था और अनीता ने अपनी टाँगे उसके कंधे पर रखकर अपनी पकड़ बना रखी थी ..
इतना गर्म सीन देखकर मेरा लंड तो छलांगे मारने लगा था …
मैंने देखा की जोकर अभी तक नंगा था और अपने मरे हुए लंड को दोबारा उठाने का प्रयत्न कर रहा था ..
अनीता की आँखों के सामने अपने पति का खड़ा हुआ लंड था पेंट के अन्दर …अचानक उसपर उत्तेजना ज्यादा ही सवार हो गयी और उसने एक ही झटके में अमित की पेंट की जिप खोली और उसके तने हुए लंड को बाहर खींच लिया ….
अमित अपने ऊपर होने वाले हमले को तैयार नहीं था …वो चोंक गया …पर इससे पहले की वो कुछ बोलता अनीता ने अन्दर हाथ डालकर उसके लंड को बाहर खींचा, उसे अपने मुंह में भरा और जोरों से चूसना शुरू कर दिया …ठीक उतनी ही तेजी से, जितनी तेजी से मुल्ला उसकी चूत को चूस रहा था …
अब आएगा मजा ..
अमित की नजरे अपनी पत्नी से मिली और दोनों की आँखों में वासना के अंगारे जल उठे …और अमित ने एक ही झटके से अपनी बेल्ट खोली, पेंट उतारी और नीचे से नंगा होकर अपनी पत्नी के बालों को पकड़ा और अपने लंड के ऊपर चिपका दिया …
अह्ह्हह्ह्ह्ह …..अनीता ……म्मम्मम्म ……चूओस साली ……भेन चोद …
और तभी एक और अचम्भा हुआ …अनीता ने हाथ नीचे करके अपने हाथ में मुल्ला का लुल्ला पकड़ा और उसे हिलाने लगी …
एक तरफ वो उसकी चूत चूस रहा था, दूसरी तरफ वो अपने पति का लंड चूस रही थी और खुद वो मुल्ला के लंड की मालिश करके उसके ओर्गास्म को तैयार कर रही थी …
सोफे की चू -2 की आवाजे पुरे कमरे में गूँज रही थी …
और फिर अचानक मुल्ला ने अपना मुंह उसकी चूत से हटा लिया …
और वो जोर से चीख कर बोला ..
अह्ह्हह्ह्ह्ह भाभी जान ……कसम से ….मजा आ गया …..अह्ह्ह्हह्ह …..इतनी मीठी चूत आजतक मैंने नहीं चखी ….निकाल लो मेरा माल आज ….ये तुम्हारी चूत पर मेरी तरफ से एक नजराना है …अह्ह्हह्ह …
और अनीता के हाथ अपनी तारीफ सुनकर और तेजी से चलने लगे ….और जल्दी ही मुल्ला के लंड की पिचकारियाँ निकल कर उसके मुम्मो पर गिरने लगी ….और उधर अमित के लंड ने भी पानी निकालना शुरू कर दिया …और अनीता ने अपने पति की एक-2 बूँद को कुशल गृहणी की तरह से अपने पेट में उतार लिया ..
मुल्ला सोफे पर बैठ गया …और अनीता नीचे उतर गयी …
और खुद नीचे बैठकर …सामने बैठे हुए अमित और मुल्ला के लंड को अपने एक-2 हाथ में पकड़ कर उन्हें चाट चाटकर साफ़ करने लगी ..
और पूरी तरह से साफ करके जैसे ही वो उठने को हुई ..पीछे से उसको फिर से किसी नंगे लंड का एहसास हुआ .. जो की मेरा था ..
इतने गर्म सीन को देखकर मैं भी नंगा हो चूका था …और लंड चूस रही अनीता के पीछे जाकर खड़ा हो गया ..
अब बाकी की किस्स कैसे और कहाँ लेनी है, मैं सोच चूका था ..
अब होगा असली खेल शुरू .
और अनीता के हाथ अपनी तारीफ सुनकर और तेजी से चलने लगे ….और जल्दी ही मुल्ला के लंड की पिचकारियाँ निकल कर उसके मुम्मो पर गिरने लगी ….और उधर अमित के लंड ने भी पानी निकालना शुरू कर दिया …और अनीता ने अपने पति की एक-2 बूँद को कुशल गृहणी की तरह से अपने पेट में उतार लिया ..
मुल्ला सोफे पर बैठ गया …और अनीता नीचे उतर गयी …
और खुद नीचे बैठकर …सामने बैठे हुए अमित और मुल्ला के लंड को अपने एक-2 हाथ में पकड़ कर उन्हें चाट चाटकर साफ़ करने लगी ..
और पूरी तरह से साफ करके जैसे ही वो उठने को हुई ..पीछे से उसको फिर से किसी नंगे लंड का एहसास हुआ .. जो की मेरा था ..
इतने गर्म सीन को देखकर मैं भी नंगा हो चूका था …और लंड चूस रही अनीता के पीछे जाकर खड़ा हो गया ..
अब बाकी की किस्स कैसे और कहाँ लेनी है, मैं सोच चूका था ..
अब होगा असली खेल शुरू .
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अब आगे ***
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6 किस्सेस हो चुकी थी अब तक।।। यानी 4 और बची थी अब
पहले जोकर के चूसने से अनीता झड ही चुकी थी और जब मुल्ला ने चूसा तो वो दोबारा झड नहीं पायी, शायद इतनी जल्दी वो तैयार नहीं थी दोबारा झड़ने के लिए ..
पर मुझे मालुम था की उसे दोबारा झड़ने के लिए कैसे तैयार करना है ..
मैंने अनीता को ऊपर उठाया और उसकी आँखों में देखा .. वासना के डोरे साफ़ दिखाई दे रहे थे ..और उसकी चूत के अन्दर के खालीपन को साफ़ बयान कर रहे थे .
और अब तो उसने अपने पति की उत्तेजना भी शांत कर दी थी जो अपनी पत्नी को दुसरे मर्दों के सामने नंगा देखकर और उसके नंगे शरीर से मजे लेते हुए देखकर भड़की थी, यानी अगर सोचा जाए तो अमित के सामने अगर वो चुद भी जाती है तो शायद उसको ज्यादा तकलीफ न हो, आखीर उसकी वजह से ही तो उसे ये सब करना पड़ रहा है और वो कहते है न की औरत की वासना एक बार अगर भड़क जाए तो उसको बुझाने के लिए 07 लंड भी कम पड़ जाए है ठीक वही हाल अब अनीता भाभी का होता जा रहा था, वो चाहे कितनी भी कोशिश कर रही थी अपने आपको पतिव्रता रखने की पर उसके सामने जो लंड थे वो उसके पति के लंड के मुकाबले काफी मोटे और दमदार थे जिन्हें हाथ और मुंह में लेकर ही उसे उनकी ताकत का एहसास हो रहा था और ये सोचकर की वो चूत में जाकर क्या ग़दर मचाएंगे उसकी साँसे तेजी से चलने लगी थी ..
अनीता ने धीरे से पुछा : अब कितनी बची हैं …
मैं : सिर्फ 4 …
उसका चेहरा ऐसे लटक गया जैसे वो 4 उसे बहुत कम लग रही थी अब ..और लगे भी क्यों न, हर किस्स का एहसास उसकी चूत की रूह में उतरकर
उसे अपने नशिलेपन का एहसास जो करवा रही थी ..
वो पूरी नंगी खड़ी थी हम सबके सामने , जो शायद उसने सोचा भी नहीं था ..एक रंडी की तरह हालत कर दी थी हम दोस्तों ने मिलकर उसकी ..ठीक वैसे ही जैसे अमित की शादी से पहले हमने दूसरी रंडियों की करी थी .
पर अनीता भाभी की बात कुछ और ही थी .
उनकी छाती पर चमक रहे बटन जैसे निप्पल मुझे अपनी तरफ खींचने लगे और मैंने उसकी कमर में हाथ डालकर अपनी तरफ खींचा और अपना मुंह नीचे करके उन्हें चूसने लगा ..
अनीता : अह्ह्हह्ह्ह्ह ……. उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ …….. बाबूssssssssssssssssssssss धीरे से …..
उसके मुंह से पहली बार मेरा नाम निकला था ..इससे पहले वो सिर्फ अपने पति का ही नाम ले रही थी .
उसके दोनों हाथ मेरे बालों को पकड़कर अपने मुम्मो पर मुझे दबा रहे थे जैसे कह रही हो ….चूस ले बाबु …ये सब तेरा ही तो है …
मैंने दुगने जोश से उन्हें चूसना और काटना शुरू कर दिया ….
मेरा कद काफी ऊँचा था अनीता भाभी के मुकाबले इसलिए मुझे झुक कर उनके मुम्मे चूसने पड़ रहे थे …और झुके-2 मुझे कमर में दर्द होने लगा था, मैंने अपना मुंह हटाये बिना ही, उसकी कमर को जकड़ा और उसे ऊपर हवा में उठा लिया …अब उसका नंगा जिस्म , मेरी बाँहों में लिपटा हुआ हवा में झूल रहा था ..मेरे होंठ उसके उभारो को चूस रहे थे और उसकी नंगी टाँगे मेरे खड़े हुए साड़े 7 इंच के लंड को टच कर रही थी …और उन्हें टच करके वो उसकी लम्बाई नापने में लगी हुई थी . वैसे देखा जाए तो पुरे कमरे में मुल्ला के आठ इंच के लंड के बाद सबसे मोटा और लम्बा लंड मेरे पास ही था, तीसरा नंबर जोकर का साड़े 6 इंच और आखिर में था सबसे मरियल सिर्फ 5 इंच का अमित का .
अनीता के लम्बे पैर मेरे लंड को सहला रहे थे ..और उसके लम्बे हाथ मेरे सर के बालों को .
उसने अपने पैरो के बीच में मेरा लंड फंसा लिया था और उसे आगे पीछे करने लगी थी .
उसकी गीली चूत से निकल रहा तेल मेरे पेट की मालिश कर रहा था .
अचानक मैंने अपने दांये हाथ की मिडल फिंगर उसकी गांड के छेद में डाल दी …जो की उसका वीक पॉइंट था .
वो उछल गयी और उस्म मुम्म मेरे मुंह से बाहर निकल गया …मैंने उसकी आँखों में देखा जो उत्तेजना के मारे लाल हो चुकी थी . वैसे मेरी किस्स टूट चुकी थी पर उसने इस बार कुछ नहीं कहा …मैंने फिर से उसके मुम्मे को मुंह में भर लिया और चूसने लगा ..पर इसी बीच अमित जो ये सारा खेल बड़े ही गौर से देख रहा था बीच में ही बोल पड़ा : ये अब तुम्हारी आठवी किस्स स्टार्ट हो चुकी है लाला …ध्यान रखना …बस 2 और बची हैं इसके बाद .
इसकी माँ की चूत ….साले को अपनी बीबी की बड़ी फ़िक्र हो रही है …ये नहीं देख पा रहा की अब उसकी बीबी को भी मजा आना शुरू हो गया है .
और अपने पति की बात सुनकर अनीता भी कुछ ख़ास खुश नहीं थी …उसने गुस्से में अपने पति की तरफ देखा और फिर प्यार से मेरी तरफ देखकर, आँखों ही आँखों में मुझे सॉरी बोलकर मुझसे प्यार से अपना मुम्मा चुस्वाने लगी ..और अपने पैरों से मेरे लंड को और तेजी से सहलाने लगी .
मैंने अपने बाजुओं की ताकत दिखाई अब उसे और उसकी गांड में से ऊँगली निकाले बिना अनीता भाभी को धीरे-2 ऊपर की तरफ खिसकाना शुरू कर दिया .
पुरे कमरे में सभी दम साधे मुझे ऐसा करते हुए देख रहे थे .
ऊपर करते-2 उसका मुम्म मेरे मुंह से निकल गया ..अमित ने जैसे ही नोट किया वो जोर से बोला : आठवीं भी पूरी हो गयी .
मेरे मुंह से धीरे से निकला : तेरी माँ की चूत .. जिसे सुनकर अनीता के मुंह से भी हंसी निकल गयी .
मैंने उसके शरीर को प्यार से ऊपर उठाना जारी रखा …और बड़ी ही मुश्किल से मैंने संतुलन बनाकर उसे पूरा ऊपर तक उठा लिया, उसकी गद्देदार गांड के ऊपर मैंने हाथ रखे हुए थे और उसकी रसीली चूत मेरे चेहरे के सामने लिशकारे मारती हुई चमचमा रही थी .
मैंने धीरे से उसकी शहद उड़ेलती चूत को अपने प्यासे मुंह की तरफ धकेला और पक से उसे अपने मुंह में दबोच कर किसी भूखे कुत्ते की तरह नोचने लगा ..
अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ……..ओह्ह्हह्ह ……बाआबूऊऊsssssssssss ……….म्मम्मम्म ……..येस्स्स्सस्स्स्स ……चाआतो ….अह्ह्ह्हह्ह …
उसने मेरे सर के बालों को इतनी जोर से पकड़ा हुआ था की मुझे तो लगा की आज मैं गंजा हो जाऊंगा …पर ऐसी मस्तानी चूत को अपने मुंह से नीचे उतारने का मन नहीं कर रहा था अभी भी .
मैंने अपनी जीभ को कड़ा करके ऊपर की तरफ भेजना शुरू कर दिया जो किसी रोकेट की तरह से उसकी गर्म चूत को भेदती हुई उसकी चूत के अंदर की खुरदुरी दीवारों से टकराकर वहां से रिस रहा अमृत बटोरने में लग गयी .
मैंने फिर से अपनी एक ऊँगली उसकी गांड के छेद में डाल दी और हिलाने लगा ..
अपनी चूत और गांड पर हुए दोहरे हमले से तो उसकी सिट्टी पिट्टी गम होती चली गयी …आज पता चला की अगर औरत अपनी शर्म – हया छोड़कर पुरे मजे लेने पर आये तो सामने वाले को भी दुगना मजा मिलता है .
उसका मुंह मेरी जीभ का कमाल देखकर खुला का खुला रह गया ..और मेरे बालों को मसलते हुए ही , मेरी आँखों में देख्ते-2 उसके मुंह से निकल रही लार मेरे माथे पर गिरने लगी ..पर इस वक़्त उसके मुंह की लार भी मुझे गर्म कर रही थी ..मैंने एक लम्बा चुपपा लिया उसकी चूत का जिसकी वजह से उसकी क्लिट मेरे मुंह में आ गयी .
अब तो उसकी जैसे माँ ही चुद गयी …साली मेरे मुंह के ऊपर ऐसे उछलने लगी जैसे मैंने उसकी क्लिट नहीं बल्कि जान पकड़ ली हो अपने मुंह में ..
अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ओयीईईईई …….म्मम्मम्मम ……..हुन्न्नन्न्न्नन्न ………हाआआन्न्न्न …..ऐईइसीईई।। हीईई ….
अह्ह्ह्हह्ह…
मुझे उसकी चूत के अन्दर हो रही हलचल की वजह से होने वाली सभी आवाजें भी साफ़ सुनाई पड़ रही थी …
और मुझे ये एहसास होने लग गया था की अब किसी भी वक़्त उसके मुंह से ज्वार भाटा निकल कर बाहर आ सकता है, वो झड़ने के बिलकुल करीब थी …इसलिए उसने अपनी चूत को मेरे मुंह के ऊपर तेजी से घिसना शुरू कर दिया था …
पर तभी मैंने उसकी चूत से अपना मुंह बाहर निकाला, उसे नीचे उतारकर सोफे पर पटक दिया …और तेजी से साँसे लेते हुए अपना मुंह साफ़ करने लगा .
और वो हेरानी भरे भाव से मुझे देखे जा रही थी ..वो झड़ने के इतने करीब थी और मैंने उसे धक्का देकर पीछे पर दिया …ऐसा अगर किसी लड़की के साथ हो तो कैसा फील होगा वो समझ सकती है ..
ठीक ऐसी ही हालत उसकी भी हो रही थी ..वो अपनी फटी हुई आँखों से मुझे देखे जा रही थी जैसे पूछ रही हो की मैंने ऐसा क्यों किया …
पर ये तो मेरी चाल थी, उसे तद्पाने की ..और वो तड़प भी रही थी .
और दूसरी तरफ अमित खुश था ..वो तो सोच रहा था की कहीं भावनाओ में बहकर अनीता मेरा लंड न डाल ले अपनी चूत में …पर एन मौके पर मेरा व्यवहार तो उसकी समझ में नहीं आया पर उसकी बीबी की चूत में मेरा लंड जाने से तो बच गया …
मैं धीरे से आगे बड़ा, और सोफे के ऊपर आधी लेटी हुई अनीता भाभी को ऊपर उठाया और मैं खुद सोफे पर लेट गया ..मेरे पैर अमित की तरफ थे पर उसे टच नहीं कर रहे थे …मैंने अनीता को अपनी तरफ आने का इशारा किया और धीरे से बोला : 69 करते है ..
उसे भला क्या एतराज हो सकता था …आखिरी किस भी मैंने उसकी चूत पर ही करने का फेंसला किया था .
और जैसे ही हम 69 के पोस में आये, उसने मेरे लंड र अपनी सारी केड़ निकालनी शुरू कर दी ..उसे इतनी बुरी तरह से और तरह -2 से चूसने लगी की मेरे मुंह से करह सी निकल गयी ..
और बदले में मैंने भी उसकी चूत से पूरा बदला लिया ..अपनी उँगलियों से उसको चोडा लिया और अन्दर दिख रही सुरंग में मैंने अपने मुंह की गर्म भांप छोड़नी शुरू कर दी ..वो तो पागल भूतनी की तरह से मचलने लगी …मेरी जांघो को अपने नाखुनो से नोचने लगी …और वो भी अपने पति के सामने जो की मेरे पैरों की तरफ बैठा हुआ था और अपनी पत्नी को मेरे लंड की ख़ास सेवा करते हुए देख रहा था और उसके रूप को देखकर वो बेचारा शायद यही सोच रहा था की काश आज हमें जुआ खेलने ना ही बुलाता ..
पर अब पछताए क्या होत …..समझ गए न ..
अनीता भाभी अपनी चूत पर होते अत्याचार सहन न कर पायी और उन्होंने एक जोरदार झटके से अपनी चूत को मेरे मुंह के ऊपर पटका और खुद ही हिल हिलकर सेंसेशन फील करने लगी .
मैंने चूत के ऊपर अपनी जीभ फेरनी जारी राखी और फिर मैंने कुछ ऐसा किया की वो मेरा लंड चुसना छोड़कर जोरों से चिल्लाने लगी …
अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह …..उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ ,,म्मम्मम्मम …माआआआअ …….
दरअसल मैं अपनी जीभ फिराते हुए ऊपर उसकी गांड तक ले गया और उसकी गांड के छेद को चोड़ा करके मैंने अपनी जीभ वहां डाल दी ..मैंने पहले भी कहा था आप सबसे की उसकी गांड का छेद बिलकुल साफ़ था इसलिए वहां जीभ डालने में मुझे कोई घिन्न या दुर्गन्ध का एहसास भी नहीं हुआ ..
पर वो छेद इतना टाईट था की जैसे ही मैंने उसकी गांड के पाटों को छोड़ा, तो मेरी जीभ के चारों तरफ उसकी गांड के छेद का फंदा पूरा कस गया और बीच में मेरी जीभ फंसी रह गयी ……..मैंने एक जोरदार झटका दिया और उसे बाहर निकाला ….और फिर से वापिस उसकी चूत की तरफ चल दिया …
ऐसा मैंने 2-3 बार किया ..जो काफी था उसकी वासना को पूरी तरह से भड़काने के लिए ….
उसने एकदम से मेरा लंड चूसना बंद कर दिया …और पलट कर वापिस नार्मल पोसिशन में आ गयी …और उत्तेजना से कांपते हुए अनीता भाभी ने मेरे होंठो पर किस्सेस की झड़ी सी लगा दी …
मेरा लंड अभी भी मिसाईल की तरह से खड़ा था …मैंने सोच लिया की यही मौका है उसकी चूत मारने का ..मैंने उसकी गांड को पकड़ा और अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पर टिका दिया …
मेरे ऐसा करते ही जैसे उसके पुरे शरीर में करंट सा दौड़ गया और उसका पत्निव्रता रूप फिर से दिखाई देने लगा ..वो जैसे अपने अन्दर अंतर्द्वंद कर रही थी की मेरे लंड को ले या ना ले ..
पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी ..
उसने एकदम से मेरा लंड चूसना बंद कर दिया …और पलट कर वापिस नार्मल पोसिशन में आ गयी …और उत्तेजना से कांपते हुए अनीता भाभी ने मेरे होंठो पर किस्सेस की झड़ी सी लगा दी …
मेरा लंड अभी भी मिसाईल की तरह से खड़ा था …मैंने सोच लिया की यही मौका है उसकी चूत मारने का ..मैंने उसकी गांड को पकड़ा और अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पर टिका दिया …
मेरे ऐसा करते ही जैसे उसके पुरे शरीर में करंट सा दौड़ गया और उसका पत्निव्रता रूप फिर से दिखाई देने लगा ..वो जैसे अपने अन्दर अंतर्द्वंद कर रही थी की मेरे लंड को ले या ना ले ..
पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी ..
मैंने एक करार धक्का मारा और अपने लंड को अनीता भाभी की मक्खन जैसी चूत में पूरा उतार दिया ..
अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह …….अह्ह्हह्ह्ह्ह …..उफफउफफssssssssssss
वो मचल कर रह गयी …
और जोर से चीखी : अह्ह्हह्ह निकालो इसे …..अह्ह्ह्हह्ह मैं ऐसा नहीं कर सकती …..अह्ह्ह्ह …
अमित भी चीखा : अबेसाले ….लाला ….ये क्या कर रहा है ….तूने तो कहा था की ऐसा नहीं करेगा ….निकाल बाहर ….भेन चोद …..बाहर निकाल …
पर मुझे तो ऐसा मजा आ रहा था की उनकी बातों का मुझपर कोई असर ही नहीं हो रहा था …
अह्ह्हह्ह्ह्ह ………उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़।।।
मैंने उसकी कमर को थामा, उसके दांये मुम्मे को मुंह में भरा और नीचे से तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए ..
धक्के पे धक्के पाकर उसकी चूत ने बोलना शुरू कर दिया .
और उसका प्रतिरोध धीरे -2 वासना से भरी हुई सिस्कारियों वाली स्वीकृति में बदलता चला गया …जिसका मुझे कब से इन्तजार था …
और फिर उसके मुंह से बस ये ही निकला : अह्ह्हह्ह्ह्ह ….लाला ……चोद दे साले।।।।।भेन चोद ….इतनी देर से मुझे तरसा रहे हो सब मिलकर ….अह्ह्ह्हह्ह ….अब सकूँ मिला है …..अह्ह्हह्ह चोद साले …..जोर से चोद ….
जो अनीता इतनी देर से सिर्फ अपने पति की आज्ञा का पालन करके उसके दोस्तों के हाथो की कठपुतली बनी हुई थी ..अब उसके अन्दर की वासना ने अपना असली रूप दिखाकर उसे अपने वश में कर लिया था ..और एक बार कोई औरत वासना के वश में आ जाए तो उसे कोई भी रोक नहीं सकता …उसका पति भी नहीं .
अमित बेचारा अपनी पत्नी का ये रूप देखकर हेरान रह गया …उसके मुंह से कुछ न निकला ..
और जिस लहजे में उसने मुझे प्यार से लाला बोला था मन कर रहा था की साली के मुम्मे निम्बू की तरह से निचोड़ डालू …और मैंने किया भी ऐसा ही, मैंने उसकी ब्रेस्ट की घुन्डिया पकड़ी और उन्हें दोनों हाथों की उँगलियों से निम्बू की तरह से निचोड़ दिया ..
अय्य्य्यीईइ …………
उसने अंगारे बरसाती हुई आँखों से मुझे देखा ….
मेरे चेहरे को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और चूत में लंड लिए -2 ही झुकी और मेरे होंठो को अपने पैने दांतों के बीच दबा कर जोर से काट लिया …
अब चीखने की बारी मेरी थी …
पर उस कुतिया के मुंह में फंसे होने के कारण मैं चीख भी नहीं सका ..
उसने मुझे इतनी तेज काटा था की मेरे होंठो से खून निकलने लगा था … मैंने उसकी चूत में धक्को की झड़ी सी लगा दी .
ओह्ह्ह ……..ओह्ह्ह्ह ओ।।।।।।।ह्ह्हह्ह ……….ओफ्फ्फ्फ़ ………ऑफ
……ओफ्फ्फ्फ़ ………ओफ्फ्फ्फ़ ………………म्मम्म ………….म्मम्म म्मम्मssssssssssssssssss …..
उसके पसीने से भीगे हुए मुम्मे मेरे मुंह पर पत्थर की तरह से ठोकर मार रहे थे और उनपर लगे हुए निप्पल मुझे शूल की तरह से चुभ रहे थे .
मेरे लंड ने उसकी चूत की उन सरहदों को पार किया था आज …जहाँ शायद इससे पहले किसी भी लंड की नजर नहीं पड़ी थी ..और शायद इसी वजह से अपने अन्दर की नयी टेरिटरी का उद्घाटन करवाकर अनीता भाभी को ज्यादा ख़ुशी हो रही थी ..
पर इसने जो मुझे काटा था उसका बदला लेना तो बनता ही था …मैंने आँखों ही आँखों में मुल्ला को देखा, जो अपने लंड को मसल-2 कर दोबारा तैयार कर चूका था …और इस बार उसका रूप पहले से ज्यादा भयंकर था …वो मेरा इशारा समझा और नंगा चलता हुआ अनीता भाभी के पीछे आया और उनकी गांड की तरफ झुक गया ..
ऐसा करता देखकर अमित के तेवर फिर से चढ़ गए
वो बोला : अबे मुल्ला ..साले …ये क्या कर रहा है
मुल्ला ने भी अपना गुस्सा उसे दिखाया, वो बोला : साले भेन चोद … . लाला क्या तेरा सगा वाला लगता है जो इससे अपनी बीबी की चूत मरवा रहा है …चुपचाप बैठा रह …और तमाशा देख ..वर्ना उस दिन का गुस्सा अभी भी हमारे अन्दर है जब तूने हमें अपनी शादी के बाद घर जाने को कह दिया था ..साला ..हम क्या तेरी बीबी के साथ सुहागरात मनाने वाले थे जो तेरी सुलग रही थी ..सिर्फ मजाक ही तो किया था ..अब देख ..उस दिन की कही हुई बात कैसे सच हो गयी ..तेरी वजह से ही , आज तेरी बीबी तेरे ही सामने हम सभी से चुद रही है …और तू कुछ नहीं कर पा रहा है …साले भडुवे ..
अपनी इतनी बेइज्जत्ति होती देखकर वो कुछ न बोला …और चुपचाप …खून का घूँट पीकर नीचे बैठ गया ..
उसकी ये हालत देखकर मेरे दिल को बड़ा सुकून मिला .
अब मुल्ला ने अनीता भाभी की फेली हुई गांड को थपथपाया …उसका लुब्रिकेंट चेक किया और अपने हथियार को उसकी गांड के छेद पर टिका दिया .
अनीता जो इतनी देर से उनकी बहस सुन रही थी ..उसको मालुम तो चल ही गया था की उसके मुख्य द्वार के आलावा अब उसके बेक डोर की भी बेंड बजने वाली है ..इसलिए वो दम साधे पीछे से होने वाले हमले की प्रतीक्षा करने लगी …और जब हमला हुआ तो उसके चेहरे पर आते हुए भाव देखकर मुझे ये एहसास हो गया की उसकी क्या हालत हो रही है
मुल्ला : ये साला घुस क्यों नहीं रहा …
वो अपना पूरा जोर लगा रहा था अपना मोटा लंड अनीता की गांड के छोटे से छेद में घुसाने के लिए .. वो नीचे झुका और अनीता भाभी की गांड के छेद पर थूक दिया और एक ऊँगली डालकर उसे चिकना कर दिया, और फिर जब लंड लगाकर उसने धक्का दिया तो एक ही झटके में आधे से ज्यादा लंड उनकी गांड का नाप ले रहा था ..
अनीता धक्के की वजह से उछल कर मेरे ऊपर लेट सी गयी … उसके मुम्मे मेरे मुंह को ढक कर मेरी साँसों को रोकने की कोशिश करने लगे ..
मैंने नीचे से और मुल्ला ने पीछे से उसपर धक्के लगाने शुरू कर दिए .
अनीता भाभी ने देखा की जोकर एक कोने में खड़ा हुआ अपने लंड को मसल कर इतना उत्तेजना से भरा हुआ खेल देख रहा है .
उन्हें उसपर तरस आ गया .. और उसे देखकर बोली : अरे देवर जी …आप भी आ जाओ …आप क्यों अकेले खड़े हैं ..आज भाभी की जवानी बाँट -2 कर आप सभी मजे लूटो …आओ न ..
इतने प्यार से उसने जोकर को बुलाया की वो उछलता हुआ उनके पास आकर खड़ा हो गया …और फिर भाभी ने आगे बढकर उसके लम्बे लंड को प्यार से देखा और उसकी आँखों में देखकर अपने रसीले होंठो के बीच फंसा लिया और आइसक्रीम की तरह से चूसने लगी .
अह्ह्हह्ह्ह्ह …ओह्ह्हह्ह्ह्ह भाभी …….म्मम्मम ….क्या चुस्ती हो अआप ….अह्ह्हह्ह …
सच में …भाभी ….जब से आपको देखा है ….070 से ज्यादा बार मुठ मारी है आपके नाम की …अह्ह्ह्ह ..और आज आपकी चूत चूसकर और अब अपना लंड चुस्वाकर मुझे जो मजा आपने दिया है ….ये जिन्दगी भर नहीं भूलूंगा ….. ये दिवाली का जुआ हमें हमेशा याद रहेगा .
जोकर सच कह रहा था …मुठ तो उसने क्या, मैंने भी मारी थी उनके नाम की कई बार …और आज किस्मत ऐसी मेहरबान हुई की जुए में पैसे के साथ – अनीता भाभी की चूत , गांड और सब कुछ करने को मिल गया …आज का दिन हम सभी दोस्त कभी नहीं भूलेंगे ..
हम सभी ने उसकी चूत , गांड और मुंह की रेल बना दी …मुल्ला का लुल्ला उसकी गांड के छल्ले को ढीला करने में, मेरा लंड उसकी चूत में नयी सीमा तलाशने में और जोकर का लंड उनके मुंह को सुरंग जैसा चोड़ा करके चोदने में लगा हुआ था .
पुरे कमरे में सेक्स की खुशबू फेली हुई थी …और फच -2 की आवाजों से पूरा कमरा गूँज रहा था .
अह्ह्हह्ह …अह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह म्मम्मम्म …… ऊऊऊ म्म्मम्म्म्मम्म ……
भाभी की सिस्कारिया हमें और भी तेजी से मारने की प्रेरणा दे रही थी।
और फिर जब हम तीनो के लंड से रस निकलकर अनीता भाभी की चूत ,गांड और मुंह में गया तो उनके अन्दर तीनो लंडो से निकली नदियों का संगम हो गया .
और अनीता के चेहरे की त्रिप्तता देखकर अपने किये गए काम पर हम सभी को बड़ा गर्व हुआ .
सभी ने अपने-2 लंड बाहर निकाले, साफ़ सफाई की और कपडे पहन लिए …
अनीता भाभी ने अपने कपडे उठाये और नंगी ही मटकती हुई अपने कमरे में चली गयी …
और वो बेचारा अमित लुटा हुआ सा बैठ कर शायद यही सोच रहा था की कसम है मुझे अपने बाप की जो आज के बाद कभी जुआ खेला तो .
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