मेरी कमसिन जवानी की आग Chapter 1

मेरी कमसिन जवानी की आग Chapter 1

तभी अंकल मेरी पैंटी की इलास्टिक पकड़ कर नीचे उतारने लगे. जैसे ही मेरी पैंटी उतरी, मैं अंकल और सतीश जीजा के सामने पूरी नंगी खड़ी हो गई, अब मुझे बहुत शर्म आई तो मैंने अपनी दोनों हथेली अपनी चूत के सामने रख ली और चूत छुपाने की कोशिश करने लगी.अंकल बोले- अपने माल को मत छुपाओ संध्या!मैं शरमा गई और नीचे आंखें कर ली.
अंकल ने मेरे पीछे घूम कर जैसे ही देखा मेरे पिछवाड़े की तरफ और मेरे दोनों कूल्हों पर हाथ रखा, बोले- बाप रे, तुम क्या कयामत हो संध्या तुम्हारी गांड तो बहुत ही जबरदस्त है, इतनी निकली हुई गांड, मैंने आज तक नहीं देखी, बहुत गजब की गांड है तेरी संध्या!और वो मेरे दोनों कूल्हों को चूमने लगे, और फिर कूल्हों को फैलाकर जहां मेरी गांड का सुराख था, वहां जीभ चलाने लगे. मुझे अब जाने क्या होने लगा, वहां बहुत गुदगुदी होने लगी, मैं उछलने सी लगी. मैंने पीछे हाथ किया तो अंकल के बालों में पड़ा.

अंकल अपने कपड़े मेरे सामने उतारने लगे और मैं उनको देखने लगी. अंकल ने अपना टी-शर्ट उतार दिया और अंडरवियर के अन्दर ही उनका लन्ड लग रहा था कि वो फाड़ देगा अंडरवियर को!और जैसे ही अंडरवियर उतरा, उनका बहुत ही बड़ा लन्ड मेरे सामने था, मैं सोच भी नहीं सकती थी कि 50 साल के मर्द का इतना बड़ा सामान हो सकता है!मैंने अपनी आंखें झुका ली.

तभी अंकल मेरे पीछे गांड पर अपना लन्ड रगड़ने लगे और जैसे ही मेरे पीछे उनका लन्ड छुआ, जाने कैसे मैं मदहोश सी होने लगी.उधर सामने सतीश जीजा भी अब अपनी पैंट को नीचे उतारने लगे और अपना शर्ट भी खोल दिया, वह बनियान नहीं पहने थे पैंट और अंडरवियर एक साथ उतार कर अपना लन्ड हाथों से रगड़ने लगे. मेरे देखते देखते सतीश जीजा का लन्ड बहुत बड़ा हो गया और वह हांफने लगे.
तभी मकान मालिक बोले- सतीश, वहां दूर खड़े होकर अपने हाथ से क्यों अपना सामान रगड़ रहा है, जब इतनी मस्त आइटम संध्या तेरे सामने है.तो सतीश जीजा बोले- आज संध्या आपका माल है, आप कर लो अच्छे से!अंकल बोले- चल आज तुझे परमिशन दी, आ जा तू अपना भाई है. आ दोनों मिलकर संध्या की प्यास बुझाते हैं, तू भी शुरू हो जा जहां तुझे जगह मिले, मुझे कोई दिक्कत नहीं.और इतना कहकर अंकल पीछे मेरी गांड को फैलाकर उसमें थूक लगाने लगे तो मुझे बहुत गुदगुदी होने लगी.

और फिर अपने लन्ड को मेरी गांड में फिट करके थोड़ा थोड़ा घुसाने की तरह रगड़ने लगे, मैं बिल्कुल पता नहीं कैसे मदहोश होने लगी.तभी सतीश जीजा भी आने लगे जब वह चले तो उनका लन्ड बहुत हिल रहा था, जीजा मेरे सामने आकर बैठ गए सीधे मेरी हाथों को पकड़ कर जिससे अपनी चूत छुपा के रखी थी उसे हटाया और सीधे मेरी चूत में अपने होठों को रख दिया.
मुझे अब बहुत अजीब सा कुछ होने लगा और किस करने के बाद जीजा ने तुरंत मेरी चूत को फैलाकर उसमें अपनी जीभ डाल दी. जैसे ही सतीश जीजा की जीभ अंदर गई मैं एकदम मचल गई, मेरा बदन बिल्कुल अकड़ सा गया.जीजा अब मेरी चूत चाटने भी लगे, जिसकी वजह से अब मुझसे खड़े रह पाना मुश्किल हो गया, मैं बोली- अंकल. मुझसे खड़े नहीं रहा जा रहा, मुझे आप लोगों ने क्या कर दिया? क्या हो रहा है, मैं समझ नहीं पा रही.

तब अंकल बोले- संध्या, तुम बहुत प्यासी हो, तुम्हारे अंदर बहुत आग है, वह सब बाहर आ गई है, चलो सतीश उठो, संध्या को बिस्तर पर ले चलते हैं.मैं बोली- प्लीज, मुझे कुछ करना नहीं! और मुझे यह क्या हो रहा है?अंकल बोले- अभी 10 मिनट भी नहीं हुए 5 मिनट के अंदर तुम्हें हम छोड़ देंगे!मैं बोली- ठीक है.
अंकल ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया, मैं पूरी नंगी थी और अंकल भी फुल नंगे. उन्होंने मुझे बांहों में जब उठाया तो मुझे अलग सा महसूस हुआ, मेरे दूध को चूम कर अंकल बोले- बड़ी मस्त है लग रही है तू मेरी गोद में, मेरी बाहों में तू संध्या!और ले जाकर बगल से जो बिस्तर था, उसमें मुझे पटक दिया.

अंकल सतीश जीजा को बोले- यार तू अब संध्या के पीछे का मोर्चा संभालना, मैं इसके आगे चूत को और बूब्स को देखता हूं.
अंकल ने अब मेरी टांगों को इधर-उधर फैलाया और मेरे जांघ पर किस करते हुए बिल्कुल मेरी चूत में पहुंच गए और अपनी उंगली डाल दी. चूत में उंगली डालने के बाद बोले- कितनी गर्म है तेरी चूत संध्या… लग रहा है उंगली जल जाएगी, और बहुत गीली भी है!और फिर सीधे अपने जीभ निकाल कर बोले- इतनी सेक्सी चूत आज तक मैंने देखी नहीं!अब सीधे मेरे चूत में अपनी जीभ डाल दी और बहुत जोर-जोर से अंकल मेरी चूत चाट कर बिल्कुल चूस ले रहे थे.

इधर पीछे पीठ तरफ मेरे सतीश जीजा मेरी पूरी पीठ को अपनी जीभ से चाटने लगे, किस करने लगे, साथ में कूल्हों पर अपना हाथ भी चला रहे थे.

अब सतीश जीजा उल्टे हो गए, अपना मुंह मेरे कूल्हों पर, मेरी गांड की तरफ कर लिया और उनका लन्ड मेरी गर्दन और पीठ से रगड़ खा रहा था, मेरे कूल्हों को फैलाकर सतीश जीजा गांड को चाटने लगे, सेक्स के जोश में थे ऊपर से ड्रिंक किए हुए थे, उनको चढ़ भी गई थी तो वह मुझे गाली भी बकने लगे, बोले- साली चुदक्कड़ संध्या मादरचोदी तू बहुत बड़ी रंडी है, आज फंसी है तेरी गांड फाड़ दूंगा चोद चोद के!और बहुत जोर जोर से मेरी गान्ड को चाटने लगे.

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं पागल हो रही थी.
तभी सतीश जीजा अपनी उंगली मेरी गांड में डालने लगे, मुझे गांड में थोड़ा सा दर्द का अहसास हुआ, इधर सामने अंकल मेरी चूत को बिल्कुल चाटे जा रहे थे. उन्होंने अपने हाथ मेरे दोनों बूब्स रख दिए. मेरे मुंह सी उउह की आवाज निकल गई तो और जोर जोर से दबाने भी लगे.

मुझसे अब नहीं रहा जा रहा था, जाने क्या हो गया? मैं बोली- अंकल, ऐसा मुझे क्या हो गया? मुझे बचा लो, लग रहा है मर जाऊंगी, मैं बहुत तड़प रही हूं, मेरा बदन पूरा टूट रहा है, मेरे इस तड़प को यह जो भी नशा है इसका उतारो, जल्दी कुछ भी करो पर मेरे बदन के टूटन को शांत करो तुम दोनों प्लीज! प्लीज मुझे कुछ भी करो, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
तभी अंकल उठे और मेरे बूब्स एक एक करके दोनों अपने मुंह में भर लिया और जोर-जोर से चूसने लगे, मैं उनका सर दबाने लगी जिससे और जोर चूसें!तब अंकल मुझसे बोले- संध्या, बहुत चुदासी हो तुम, अब तुम्हें लन्ड चाहिए. वही लन्ड ही तुम्हारी यह प्यास बुझा पाएगा, यही लन्ड तुम्हारे बदन की टूटन को शांत कर पाएगा, और लन्ड ही तुम्हारी खुमारी तुम्हारा ये नशा उतारेगा.
सतीश जीजा बोले- अंकल, इस साली कुतिया संध्या की जल्दी चुदाई करो, नहीं तो ये पागल हो जाएगी.

मुझे सच में कुछ होश में नहीं था, मैं बोली- जो भी करना है जल्दी करो, मेरी हालत ठीक नहीं… और तेजी से मुझमें कुछ नशा सा चढ़ रहा है.अंकल बोले- सतीश, तू बता संध्या को चोदें या जाने दें, क्या ठीक रहेगा?मैं बोली- अंकल, उन जीजा से क्यों पूछ रहे हो? जो करना है कर दो, मुझे कोई प्राब्लम नहीं है.अंकल बोले- दोनों तरफ से लन्ड डालेंगे तो तुझे चलेगा?मैं बोली- हां सब चलेगा, मुझे कुछ पता नहीं, कुछ समझ नहीं… बस मुझे करो जो करना है.

अंकल बोले- संध्या तू सोच ले अभी… कहीं ऐसा ना हो कि तू फिर बोले कि मैंने अपना वादा तोड़ा, मैंने बोला था कि पंद्रह मिनट मुझे दे दे, फिर तुझे छोड़ दूंगा और लन्ड नहीं डालूंगा, तो अब तू चाहे तो जा सकती है मैं तुझे छोड़ रहा हूं.तब मैं बोली- नहीं बोलूंगी कि आपने अपना वादा तोड़ा, अब मैं बोल रही हूं आपको, जो करना है आप कर लो मुझे, पता नहीं अंकल आप दोनों ने ऐसा क्या कर दिया कि मैं बिल्कुल पागल हो गई हूं.

मैं बोली- अब मुझसे नहीं रहा है, मुझे कुछ हो गया है, आप ठीक कर दो, मुझे किस लिए बुलाया था आपने?अंकल बोले- संध्या, तुझे जम के चोदने के लिए बुलाया था!मैं बोली- तो जम कर चोद दो, मुझसे नहीं रहा जा है मैं पागल हो रही हूं, अंदर जाने पुसी में क्या हो गया?

तभी अंकल बोले- सतीश, तुझे भी चोदना है!सतीश जीजा बोले- हां अंकल, मैं तो इसके लिए पागल हूं, पर आज इसकी गांड देख कर सच में मेरी लाइफ बन गई, मैं तो संध्या की गांड में लन्ड डालूंगा!और जीजा ने कहा- पहले अंकल संध्या से अपना लन्ड चूसा लो!और सतीश जीजा मेरे मुंह के पास खुद अपना लन्ड कर दिया.
जीजा ने मेरे मुंह में अपनी उंगलियां डाल दी, मैं उन्हें चूसने लगी, तभी उन्होंने अपना लन्ड मेरे हाथ में पकड़ाया और बोला- अब तुम मेरे लन्ड को चूसो संध्या!मैं बोली- मुझे घिन आएगी!जीजा बोले- लड़कियां लन्ड को चूसने को पागल रहती हैं, संध्या चूसो!और मेरे मुंह में लन्ड डाल दिया.

मैं बिना ना नुकुर किये मुंह में लन्ड लेकर चूसने लगी. सतीश जीजा अपना लन्ड मेरे मुंह में अंदर बाहर करने लगे.
मुझे लन्ड चूसते हुए देख कर अंकल और जोश में आ गए और मेरी चूत में अपनी उंगली डाल दी, तो मैं बिल्कुल मचलने लगी और कमर अपनी उछालने लगी. सतीश जीजा का लौड़ा करीब चार पांच मिनट चूसती रही, जीजा अपना लन्ड मुंह में अंदर बाहर कर रहे थे.तभी अंकल बोले- संध्या, मेरा भी लन्ड चूस!और सतीश को बोले- अब तू हट!और उन्होंने अपना लन्ड मेरे मुंह में डाल दिया, मैं अब अंकल का लौड़ा चूसने लगी.

जैसे ही अंकल का लौड़ा चूसने लगी, मुझे बहुत अजीब सा लगा क्योंकि अंकल का लन्ड बहुत बड़ा था जिससे मुंह में जा नहीं रहा था, पर उन्होंने तब भी पूरा लन्ड मुंह में घुसा दिया था.और उनके लन्ड की खुशबू भी अलग थी, तब भी मुझमें इतना जोश आ गया कि मैं अंकल का लन्ड चूसने लगी, चाटने भी लगी.
और उसके बाद मैंने अंकल को पहली बार पकड़ लिया और कस कर अपनी बांहों में भर लिया.

जैसे ही अंकल का लौड़ा चूसने लगी, मुझे बहुत अजीब सा लगा क्योंकि अंकल का लन्ड बहुत बड़ा था जिससे मुंह में जा नहीं रहा था, पर उन्होंने तब भी पूरा लन्ड मुंह में घुसा दिया था.और उनके लन्ड की खुशबू भी अलग थी, तब भी मुझमें इतना जोश आ गया कि मैं अंकल का लन्ड चूसने लगी, चाटने भी लगी. और उसके बाद मैंने अंकल को पहली बार पकड़ लिया और कस कर अपनी बांहों में भर लिया.
अंकल बोले- तू रंडी है और एकदम से पागल हो गई है संध्या. तुझसे चुदासी लड़की मैंने देखी नहीं!करीब 5 से 7 मिनट मैं अंकल का लौड़ा चूसती रही.
तभी सतीश जीजा मेरे पीछे मेरे कूल्हों को फैला कर अपना बहुत सारा थूक मेरी गान्ड में लगा कर बोले- आज संध्या तेरी मस्त गांड मै चोदूंगा, और अंकल आप संध्या की चूत में अपना लन्ड घुसा दीजिए.अंकल बोले- सच सच बता संध्या, आज तक में तूने कितने मर्दों से चुदाई करवायी है? कितनी बार अपनी चूत में लन्ड खाया है?मैं बोली- अंकल, आपकी कसम, अपनी कसम… फर्स्ट टाइम है, पहली बार आज आप करोगे, अभी तक कभी नहीं करवाया.

फिर अंकल बोले- सतीश देखो, संध्या कितना झूठ बोल रही है.सतीश जीजा बोले- यह सच में रंडी है, बहुत बदनाम है अपने नगर में यह ना जाने कितनों के लन्ड ले चुकी है.मैं फिर बोली- जीजा आप गलत समझ रहे हैं, मैं जानती हूं, यह सच भी है कि मैं बहुत बदनाम हूं, और मेरे नगर में और आस पास के लोग यही समझते हैं कि मैं पैसे लेकर लोगों के साथ सेक्स करती हूं, उनके साथ सोती हूं, पर ऐसा सब मेरी मम्मी के कारण लोग मेरे बारे में ऐसा सोचते हैं और बातें करते हैं. मैं अब सच बता देती हूं.
एक कमलेश सर हैं जो ट्यूशन पढ़ाते हैं, वही बस मुझे टच किए हैं, उनका लन्ड मुंह में लेकर चूसा है मैंने और उन्होंने नीचे मेरी चूत चाटी है. पर अपना लन्ड मेरी चूत में नहीं घुसाया, मतलब डाला नहीं. मैं झूठ नहीं बोल रही… फर्स्ट टाइम आज आप दोनों चोदने वाले हो.

मेरे मुंह से सब कुछ अपने आप साफ साफ निकलने लगा.
तभी अंकल बोले- चल रंडी, झूठ मत बोल, तेरी चूत और दूध ऐसे बता रहे हैं कि तू बहुत बड़ी चुदक्कड़ है.और फिर बोले- बता लन्ड लेगी अपने चूत और गांड में? हम दोनों चोदें?मैं बोली- हां अंकल, मैं मर रही हूं! मुझे चोद दो जम के!अंकल बोले- तेरी चूत बहुत पतली है, छोटी है, दो लन्ड ले पाएगी?मैं बोली- हां अंकल, जैसा आप दोनों को ठीक लगे!
तभी सतीश जीजा बोले- मैं तो संध्या की आज गांड चोदूंगा… और अंकल आप चूत में डालो!तभी दोनों मेरे ऊपर आ गये, मुझे टेढ़ा करके लिटा दिया, अब मेरे पीछे तरफ सतीश जीजा ने मुझसे लिपटकर मेरे पीछे से दूध पकड़ कर मेरी गांड में अपना लन्ड फिट किया और सामने तरफ मकान मालिक अंकल ने मेरी कमर को पकड़ कर मेरी चूत के लिए मेरी टांगों को फैला कर जैसे ही अपना लन्ड मेरी चूत में टच कराया, मैंने अंकल को कसके पकड़ा और उन्हें अपनी ओर खींच लिया ताकि उनका लन्ड मेरी चूत में घुस जाये!

पर यह मेरी नादानी थी, पीछे से मुझे कसकर सतीश जीजा ने पकड़ लिया और बोले- संध्या, आज तू मेरी साली नहीं मेरी घर वाली है, और तेरे साथ मैं सुहागरात मना रहा हूं.उधर अंकल मेरी टांगों को फैला कर अपना लन्ड मेरी चूत में टच करा ही चुके थे, मैं उन्हें कस के अपनी बाहों में जकड़ कर बिल्कुल अंकल से लिपट गई और अपनी कमर उठा दी तो फिर अंकल ने मेरे होठों को चूसने के लिए मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए, उनका नंगा सीना अब मेरे सीने से चिपका हुआ था, मेरे बूब्स पर उसका सीना भी चिपक गया था.
अब अंकल अपना लन्ड जोर से मेरी चूत में घुसाने लगे, मुझे बहुत दर्द होने लगा, मैं बहुत तेजी से चिल्लाने लगी- छोड़ दो मुझे!और रोने भी लगी.ऐसा लगा कि जैसे मेरे प्राण निकल गये, पर अंकल नहीं रुके और जोर से एक धक्का मारा अपने लन्ड का… जिससे मैं और जोर से रोने लगी.

उधर सतीश जीजा ने भी मेरे कूल्हों को पकड़ कर मेरी गान्ड को फैलाया, फिर पीठ पर हाथ रखकर पीछे से कमर पकड़कर पीठ पर जोर लगाकर एक जोर से धक्का मारकर मेरी गान्ड में अपने लन्ड को घुसा दिया. मुझे बहुत ज्यादा दर्द गांड में होने लगा, लंड घुस नहीं रहा था तो उन्होंने बहुत सारा थूक लगाया और अंदर डाल दिया.

मुझे बहुत तेज दर्द हुआ जैसे कि मेरी गांड फट गई हो… और मैं चीखने लगी.
तभी अंकल ने मेरे होठों को अपने होठों से कस लिया और चूसने लगे, बोले- संध्या, बस थोड़ा रुक जा!और जोर से मेरी कमर पकड़कर अंकल ने बहुत जोर का धक्का मारा, अपना पूरा लन्ड मेरी चूत में घुसा दिया. मैं बिल्कुल चिल्लाने लगी और बोलने लगी- छोड़ दो… निकालो! मैं मर जाऊंगी, बहुत दर्द हो रहा है, निकालो, मुझे नहीं कराना, मुझे मत करो बहुत दर्द हो रहा है.
मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे, अंकल नहीं माने, इधर सतीश जीजा ने भी मेरी गान्ड फैला कर जोर से 2-3 धक्के मारे.
मैं बस रोए जा रही थी तो सतीश जीजा ने मेरा मुंह दबा लिया ताकि चिल्लाऊं या रोऊं तो आवाज बाहर ना जाये और बोले- संध्या, बस 2 मिनट और!उनका भी लन्ड पीछे पूरा गान्ड में घुस गया था.
तभी सतीश जीजा बोले- अंकल, आप संध्या की चूत में लन्ड अंदर बाहर करना शुरू कर दो और मैं इसकी गांड में करता हूं.और फिर दोनों अंदर बाहर एक साथ गांड में और चूत में अपना लन्ड करने लगे, मुझे बहुत तकलीफ हो रही थी.

इतने में अंकल ने मेरे नीचे चूत की तरफ देखा और बोले- अरे यार सतीश, मैं कितना लकी हूं, यह संध्या तो सच बोल रही थी, उसको आज तक किसी ने नहीं चोदा, मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो आज मैंने संध्या की सील तोड़ दी. संध्या तो सील पैक माल थी, इतनी बदनाम होकर भी आज तक इसकी सील बची रही, गजब की बात है, इसे आज अपनी रंडी बना दिया, अब आज से यह फुल रंडी बनने लायक हो गई, इसकी चूत का उदघाटन मैंने कर दिया है. अब यह किसी से भी चुदाई करवा सकती है, आज मैंने संध्या की सील तोड़ दी.
और जोश में आकर जम कर अपना लन्ड अंदर बाहर करने लगे. कुछ मिनट तक मुझे लगा कि मैं मर गई… मैं बेहोश तक होने लगी. पर करीब 10 मिनट बाद जब सतीश जीजा और अंकल दोनों मेरे अंदर बाहर अपना लन्ड गांड में और चूत में करते रहे, तब जाकर पता नहीं कैसे एकदम से पूरा का पूरा दर्द दोनों तरफ चूत और गांड से गायब सा हो गया.
यह जादू कैसे हो गया मुझे कुछ समझ नहीं आया, मुझमें एकदम से फुल जोश अंदर से आ गया और मैं आकाश में उड़ने से लगी और अंकल को पकड़कर उनके होठों को चूमने लगी और कमर अपने आप उछालने लगी, अपने आप ही पता नहीं यह कैसे हो गया.

तभी जीजा बोले- संध्या बता साली, और डालूं तेरी गांड में?मैं बोली- हां जीजा, और घुसा दो, पूरा का पूरा लन्ड मेरी गांड में अपना डालो और जोर जोर से अंदर बाहर करो!
तभी मैंने अंकल को बिल्कुल कस के पकड़ लिया और उनके होंठों को चूसने लगी और अंकल को बोली- अंकल, आज मुझे जमके करो पूरा का पूरा लन्ड डालो अंदर तक, आप की रंडी बन गयी हूं, मैं आज बहुत चुदासी हूं, और ज्यादा जोर जोर से चोदो!
और अपने आप मेरे मुंह से बहुत गंदी गंदी बातें निकलने लगी, वो सब बातें जो मैंने सेक्स की किताब में पढ़ी थी, वही सब बोलने लगी.
अंकल और सतीश जीजा जोश में पूरा लन्ड अंदर करते और फिर बाहर निकालते. मेरी चूत और गांड में से फच फच फच फच की आवाज निकलने लगी, पूरा रूम में फच फच गूंजने लगा.तभी अंकल दोनों हाथों से दूध पकड़ कर पूरी ताकत से दबाते हुए बोले- साली संध्या रंडी, तू पागल है, तेरी चूत तो कयामत है और जन्नत भी है. बोल साली कुतिया कितना बड़ा लन्ड चाहिए तेरी चूत को? लगता है हम दोनों के लौड़े छोटे पड़ गये.

मेरे मुंह से अपने आप निकल गया- अंकल, जितने बड़े लन्ड डलवा सकते हो डलवा दो, सब घुसवा लूंगी. सच में तुम दोनों के लन्ड मुझे छोटे लग रहे हैं. फिर भी जोर से चोदो तुम दोनों कुत्ते पूरा का पूरा अपना अपना लन्ड मेरी गान्ड और चूत में घुसा दो, फाड़ दो मेरी चूत और गांड दोनों, अगर दम है तो!
मैंने जो भी सेक्सी कहानियों में पढ़ा था वो सब अपने आप मेरे मुंह से निकलने लगा.
अब मैंने जीजा को बोला- साले जीजा गांडू और डाल अपना पूरा लन्ड मेरी गांड में… बहुत मर्द बनता था कि तेरी चीख निकाल दूंगा मैं… यही बोलता था तू? कहां गया वो तेरा चीख निकालने वाला लन्ड? फाड़ अब मेरी गान्ड! कमीना कुत्ता जीजा, बहुत तड़पता था मुझे चोदने के लिए… अब तेरे साथ बिस्तर में लेटी हूं निकाल ले अपने सब अरमान… देख तेरी संध्या हूं.

इतना सुनते ही सतीश जीजा एक हाथ से मेरी गर्दन पकड़ कर दूसरे हाथ से मेरे बाल पकड़ कर पूरे जोर से मेरी गांड में अपना लन्ड अन्दर घुसाने लगे, अपनी कमर को मेरी गान्ड में जोर से पूरी ताकत से जीजा जोर देकर धक्का देने लगे, जिससे अब हर झटके में मेरे मुंह से उंहहह ऊंहहह आहहहह वोहहहह निकल जाता था, अब सतीश जीजा गजब की चुदाई मेरे गांड की करने लगे.
सतीश जीजा और मकान मालिक अंकल दोनों के द्वारा करीब 20 मिनट लगातार दोनों तरफ गांड और चूत में एक साथ चोदने के बाद अचानक जीजा बहुत तेजी से अपना लन्ड मेरी गांड में अंदर बाहर करने जमकर रगड़ने लगे और बोले- संध्या मेरी सेक्सी रंडी, तूने तो जन्नत से भी ज्यादा मजा दिया… क्या सेक्सी हाट माल है रे, बहुत ही गर्म लड़की है तू, मेरी संध्या रंडी, मेरी सेक्सी जान, अब झड़ने वाला हूं मेरे लन्ड का रस कहां लोगी? मुंह में लोगी या गांड में?मैं बोली- मुझे कुछ नहीं पता जीजा, यह मेरी लाइफ की पहली चुदाई है, मुझे कुछ भी नहीं पता कि कहां लन्ड रस लेना चाहिए, इसलिए आप बोलो.
जीजा बोले- संध्या, तुम इसे अपनी गांड में ही लो, बहुत मजा आएगा.मैं बोली- ठीक है जीजा, तुम इस लन्ड रस को मेरी गांड में ही डाल दो भर दो!
तभी जीजा बहुत जोर से अकड़ गए और मुझे कस के पकड़ लिया, मेरे बालों को खींच कर बोले- ले साली कुतिया, मेरे लन्ड का रस!और बहुत तेजी से उनके लन्ड का गर्म गर्म रस मेरी गांड में उन्होंने भर दिया.
करीब 4-5 मिनट मुझसे लिपटे रहे, बेहोश की तरह मेरी गांड में चिपके पड़े रहे और फिर बोले- बहुत सेक्सी है तू संध्या, आज मेरा जीवन धन्य हो गया. तेरी गांड मस्त है, बहुत ही सेक्सी और मेरी पीठ चूमते हुए वह उठकर बिस्तर से अलग खड़े हो गए.

अब सिर्फ मकान मालिक अंकल बचे और अब उन्होंने मेरी दोनों टांगों को फैला कर, ऊपर करके कंधे में चढ़ा कर रख लिया और बहुत जोर जोर से मेरी चूत में अपने लन्ड का धक्का मारने लगे. मुझे बहुत जोश चढ़ा हुआ था, अपने आप मेरे मुंह से निकल गया- अंकल तू बोला था कि बहुत बड़ा लड़कियों का चोदू है, तेरे लंड के बाद मुझे किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी. तो चोद मुझे देख तेरी संध्या तेरे बिस्तर में नंगी तुझसे चुद रही है, पूरा लन्ड घुसा और फाड़ मेरी चूत और मुझे अब किसी लन्ड की जरूरत ना पड़े… ऐसा कर दे अंकल! कितना दम है अंकल तेरे लौड़े में, आज अपनी संध्या को दिखा, अगर सच में तेरी गांड में दम है तब?

#मर #कमसन #जवन #क #आग #Chapter

मेरी कमसिन जवानी की आग Chapter 1